प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र ) @timelessteachings1 Channel on Telegram

प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

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प्रेम और काम क्या जरूरी हैं जीवन में ? एक जाल सबसे कठिन और शक्त जाल ना कोई बचा है ना कोई बचेगा। आइए जानते है...साथ में शेरों शायरी का भी आनंद लीजिए।

प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र ) (Hindi)

आपके लिए एक नया टेलीग्राम चैनल - 'प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )'! इस चैनल में आपको प्रेम, सेक्स और धोखे से जुड़े अद्भुत और मनोरंजक ज्ञान मिलेगा। यहाँ आप जान सकते हैं कि प्रेम और काम जीवन में कितना महत्वपूर्ण हैं और क्या है उनका सही मतलब। इस चैनल में साथ में शेरों और शायरी का भी आनंद लीजिए। 'प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )' चैनल आपके लिए नई जानकारी का स्रोत बन सकता है। आइए, इस चैनल को ज्वाइन करें और नए रोमांचक तथ्यों का आनंद उठाएं।

प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

18 Feb, 11:52


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व्हाट्सएप्प चैनल से भी जुड़ जाए।

प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

18 Feb, 11:49


सेक्स बनाम अर्ली डिस्चार्ज!
अर्ली डिस्चार्ज की समस्या,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,
प्राइवेट पार्ट को सुन्न करने वाली क्रीम का उपयोग,,,,,,
,,,,,,,,,
,,, पुरुष प्राइवेट पार्ट के अगले हिस्से पर लगाएं,
जिससे संवेदनशीलता कम हो जाए।

,,,इसे सहवास से दस मिनट पहले लाल वाले हिस्से पर लगाएं।

,,,, पांच मिनट बाद प्राइवेट पार्ट को पानी से धो लें।

,,, फिर पांच मिनट बाद सहवास करें।

नोट,,, जिनके प्राइवेट पार्ट का अगला हिस्सा संवेदनशील है
उनके लिए बहुत ही कारगर।

दो,, स्त्री पार्टनर के प्राइवेट पार्ट में इसका उपयोग नहीं करना
चाहिए।
,,,,,,,,,,,,,
सेक्सोलॉजिस्ट के सौजन्य से

प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

17 Feb, 05:01


जो स्त्री योनि चटवाते समय अपनी आवाज को रोक ले , उससे ज्यादा सहनशील कोई नहीं हो सकती है।

योनि के द्वार पर जब पुरुष की गर्माहट से भरी हुई जिह्वा स्पर्श करती है तो उस वक्त बेहद आनंदित स्वर स्त्री अपने मुख से निकलती है और वो स्वर पुरुष को उत्तेजित करने हेतु शिलाजीत से भी ज्यादा कामगार साबित होते है।

प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

13 Feb, 01:32


१४ फरवरी को अपने माता-पिता के चरण कमलों की पूजा करें, और इसे "मातृ-पितृ पूजा-दिवस" के रूप में मनायें ---
.
पश्चिमी देशों में मनाए जाने वाला "वेलेंटाइन डे" भारत के लिये सांस्कृतिक पतन की पराकाष्ठा है। ईसा की तीसरी शताब्दी तक यूरोप के लोग कुत्तों की तरह यौन सम्बन्ध रखते थे। कहीं कोई नैतिकता नहीं थी। ऐसे समय में रोम में वेलेंटाइन नाम के एक पादरी ने कहना आरम्भ किया कि यह अच्छी बात नहीं है। पादरी वेलेंटाइन ने लोगों को सिखाना शुरू किया कि एक प्रेमी या प्रेमिका चुन कर सिर्फ उसी से शारीरिक संबंध बनाओ, फिर उसी को प्यार करो, और उसी से विवाह करो। उसने प्रेमी-प्रेमिकाओं की शादी करानी शुरू कर दी, जिससे वहाँ के लोग नाराज़ हो गए। वहाँ के समाज में बिना विवाह के रखैलें रखना बहुत बड़ी शान समझी जाती थी, और स्त्री का स्थान मात्र एक भोग की वस्तु था।
.
रोम के राजा क्लोडियस ने उन सब जोड़ों को एकत्र किया जिनका विवाह वेलेंटाइन ने कराया था और १४ फरवरी ४९८ ई. को सबके सामने खुले मैदान में पादरी वेलेंटाइन को फाँसी पर चढ़ा दिया। उसका अपराध था कि उसने स्त्री-पुरुषों की शादी करवाना आरंभ कर दिया था। उस पादरी वैलेंटाइन की याद में १४ फ़रवरी को वहाँ के प्रेमी प्रेमिकाओं ने वैलेंटाइन डे मनाना शुरू किया जो उस दिन से यूरोप में मनाया जाता है।
.
भारत में लड़के-लड़िकयाँ बिना सोचे-समझे एक दुसरे को वैलेंटाइन डे का कार्ड दे रहे हैं। कार्ड में लिखा होता है " Would You Be My Valentine" जिसका मतलब होता है "क्या तुम मेरे से शादी करोगे?" मतलब तो किसी को मालूम होता नहीं है, वे समझते हैं कि जिससे हम प्यार करते हैं उन्हें ये कार्ड दे देना चाहिए। इसी कार्ड को वे अपने माँ-बाप और दादा-दादी को भी दे देते हैं। एक दो नहीं, दस-बीस लोगों को भी यह कार्ड वे दे देते हैं। इस धंधे में बड़ी-बड़ी कई कंपनियाँ लग गयी हैं जिनको कार्ड बेचना है, जिनको गिफ्ट बेचनी है, और जिनको चाकलेट बेचनी है। टेलीविजन चैनल वाले इसका जबरदस्त प्रचार करते हैं।
वेलेंटाइन सप्ताह का विवरण नीचे दिया हुआ है। भगवान सभी वेलेंटाइनों को सद्बुद्धि दे। प्रेम ही करना है तो भगवान से करो।

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प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

25 Jan, 04:45


हेल्थ टिप्स और फिटनेस,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,
,जिन महिलाओं को मां बनना है उन्हें गुड और चना खाने से फायदा
होता है।

,,,,, खाने के बाद तुरंत नींद और आलस आने लगता है अगर खाना
खाने के बाद सौंफ मिश्री का सेवन करते हैं तो मन फ्रेश हो जाता है।
और आलस्य दूर हो जाता है।

,,,नींम और बेर के पत्तों को पानी में उबालकर उस पानी से सिर धोने
से बाल गिरने कम हो जाते हैं।

,,, भोजन के साथ कच्चा प्याज खाने से पाचनशक्ति बढ़ती है और पेट
के कीड़े नष्ट होते हैं।

,,, पुरुष प्राइवेट पार्ट पर दाने निकलने की वजह एचआईवी या एड्स
नहीं होती।

,,, अनसेफ सेक्स करने पर तुरंत चेकअप में अगर रिपोर्ट नेगेटिव आती है
तो अच्छी बात है पर एचआईवी एड्स के लिए सटीक जांच सहवास के
नब्बे दिन बाद की जाती है इसलिए नब्बे दिन पूरे होने पर एक बार फिर से
जांच करवा लेनी चाहिए।

,,,, स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए मूंगफली का सेवन बेहतरीन असर दिखाता है।
क्यों कि मूंगफली में विटामिन ई और जिंक होते हैं जो स्पर्म काउंट बढ़ाते हैं।
,,,,,,,,,,,,,
आयुर्वेद ज्ञान

प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

24 Jan, 13:11


सेक्स बनाम सीमेन!
सीमेन कम आये तो उपाय,,,,,,
,,,,,,,,,
,,, सीमेन में नाइंटीनाइन फीसदी शुक्राशय
और प्रोस्टेट ग्रंथि का रस होता है।
,,,, शुक्राणु एक फीसदी से भी कम होते हैं।
,,, सीमेन में मौजूद रस पूरे सीमेन को चिपचिपा
बनाता है। इसमें स्पर्म तैरते रहते हैं और उन्हें
पोषण भी मिलता है।
,,,, पुरुष के शरीर में स्पर्म बनने की प्रक्रिया आखि
र तक जारी रहती है।
,,, सीमेन का उत्पादन टेस्टोस्टेरोन होर्रमोन पर निर्भर
करता है।
,,, ज्यादातर मामलों में बढ़ती उम्र में टेस्टोस्टेरोन होर्रमोन
बनने में कमी आ जाती है।
,,, सीमेन की मात्रा सहवास की फ्रीक्वेंसी पर भी
निर्भर करती है।
,,,,हर दिन सहवास करने में सीमेन में कुछ कमी
आ सकती है क्योंकि नया सीमेन बनने और
जमा होने में वक्त लगता है।
,,,,,
नोट,,,, हफ्ते में दो बार शारीरिक संम्बध बनाने की
सोच बनाएं।
,,, एक दिन में एक बार से ज्यादा सहवास न करें।
,,, सेक्स टानिक गाय का घी दूध में मिलाकर सेवन
करते रहें।
,,, हफ्ते में दो कटोरी साबुत काली उड़द दाल जिसमें
गाय के घी में लहसुन और हींग का तड़का लगा हो,
सेवन करें।
,,,,,,,,,,,,,,,,
सेक्सोलॉजिस्ट,

प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

22 Jan, 14:35


प्रेम सेक्स पे बहुत कुछ इस चैनल में आपको पढ़ने को मिलेगा। उसके लिए आपसभी हमें और हमारी टीम को आर्थिक रूप से सपोर्ट करें। सहयोग इसलिए मांगा जा रहा है क्योंकि मोबाइल ही हैंक कर रहा है। जिससे लेखन कार्य बाधित हो रहा हैं। आप आगे आए-

प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

22 Jan, 14:25


प्रेम और संभोग एक दूसरे के पूरक है। दोनो एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। दोनो जरूरी है।
जिंदगी में ऐसा कोई जोड़ा नही है जो जंदगी भर प्रेम करे संभोग न करे। न ही ऐसा कोई है जो जिंदगी भर संभोग करे प्रेम न करे। केवल एक से ही जिंदगी भर नही जिया जा सकता है।
जैसे प्रेम गलत नही है। वैसे संभोग भी गलत नही है। लोगो की सोचने का तरीका गलत है
प्रेम से ही संभोग है
संभोग से ही प्रेम है
इसलिए जमकर प्यार करें और जमकर संभोग |

प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

18 Jan, 15:05


हेल्थ टिप्स!
आयुर्वेद उपचार,,,,,,
,,, स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए मूंगफली
का सेवन बेहतरीन असर दिखाता है,
क्यों कि मूंगफली में विटामिन ई और
जिंक होते हैं जो स्पर्म काउंट बढ़ाते हैं।

,,, गर्म पानी में गुड़ का एक टुकड़ा और
चुटकी भर काली मिर्च पाउडर मिलाकर
पीने से सर्दी खांसी, गले की खराश और
जकड़न में आराम मिलता है।

,,, सर्दी के दिनों में शरीर को अंदर से गर्म
रखने के लिए बाजरे की रोटी का सेवन करें।
इसका नियमित सेवन आपको पूरे ठंड के
मौसम में स्वस्थ बनाए रखेगा।

,,, गैस के कारण पेट में दर्द है तो अनार के
दानों को काले नमक के साथ खाने से काफी
राहत मिलेगी।

,,, सुबह वासी मुंह पानी पीने से आंतों में जमा
गंदगी साफ होती है और पाचन तंत्र मजबूत
होता है।

,, मटर का सेवन खून को साफ रखने में मदद
करता है क्योंकि इसमें आयरन विटामिन सी और
फोलेट जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं।
,,,,,,,,
आयुर्वेद ज्ञान

प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

16 Jan, 13:58


सेक्स बनाम स्पर्म!
,,,,,,,,,,,,,
स्पर्म काउंट बढ़ाने

के लिए मूंगफली

का सेवन बेहतरीन

असर दिखाता है,

क्यों कि मूंगफली

में विटामिन ई और

जिंक होते हैं जो

स्पर्म काउंट बढ़ाते

हैं।
,,,,,,,,
आयुर्वेद ज्ञान

प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

14 Jan, 09:55


सेक्स के संदर्भ में,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,
,,, स्त्रियां कहती हैं जैसे मर्दों
को कच्ची कली पसंद है
वैसे ही हमें कच्चा केला पसंद है।

,,,,, कुंवारे लड़के बहुत भूखे
होते हैं,दवाकर, निचोड़कर,
काटकर चाट लेते हैं, पर मजा
खुदाई पर पूरा करते हैं।

,,,,,,, कितनी ही फिलोसॉफी
झाड़ लो,रूह तक जाने
के लिए जिस्म को टटोलना
ही होगा।

,,, यहां छेद के लिए जम के
मारामारी, पुरुष पाना चाहता है
कुछ भी करके, और स्त्री भी
देना चाहती है मनपसंद को।

,,,, लड़कियां अपनी 25...25 रूपए
वाली दूध की थैलियां
दिखाकर लड़कों के 1000 रुपए
किलो घी निकलवा लेती हैं।

,,,,,,,,,,,,,,,
आयुर्वेद ज्ञान

प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

26 May, 03:25


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प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

17 Oct, 12:19


स्त्रीभोग का सुख वही पुरुष लूट सकता है, जो निरोग है, बलवान है, वीर्यवान और पुष्ट है। जो रोगी है, बलहीन है, वीर्यक्षीण है, दुबला-पतला और कमजोर है, वह स्त्री-भोग का आनन्द नहीं उठा सकता।
( शृंगार शतक )

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प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

09 Oct, 08:24


प्रेम और काम क्या जरूरी हैं जीवन में ? एक जाल सबसे कठिन और शक्त जाल ना कोई बचा है ना कोई बचेगा।
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प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

07 Oct, 03:41


सेक्स बनाम अर्ली डिस्चार्ज,,,,,,,,,
,, अगर किसी को Dapoxetine गोली रिएक्शन कर रही है तो इसकी जगह,,
Clomipramine 25 mg की एक गोली लें।
इस गोली का असर गोली लेने के आठ घंटे बाद शुरू होता है।
इसका असर बारह घंटे तक बना रहता है।
इससे अर्ली डिस्चार्ज की समस्या अमूमन दूर हो जाती है।
यह गोली Dapoxetine के मुक़ाबले ज़्यादा कारगर रही है।
नोट,,, ये गोलियां चौबीस घंटे में सिर्फ एक बार ही ली जा सकती है
कोई भी दवाई अपने डाक्टर की सलाह से लें।
उपर बताई गई दवा में से एक दिन में कोई एक ही दवा लें।
यहां दवाओं के जेनेरिक नाम दिए हैं।बाजर में ये दूसरे ब्रैंड में उपलब्ध हैं।
सेक्सोलॉजिस्ट के सौजन्य से।यह सिर्फ जानकारी देने भर हेतु है।
अशोभनीय टिप्पणी और तर्क वितर्क से बचें।

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प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

07 Oct, 03:41


सेक्स बनाम अर्ली डिस्चार्ज,
ये भी उपाय हैं,,,,,,,,,,,,
अगर दवाईयां इस्तेमाल नहीं करनी है तो,,,
एनेस्थेटिक क्रीम और आंइंन्मेंटस,,,,,,,
मार्केट में ऐसी क्रीम भी मौजूद है जिन्हें पुरुष अपने प्राइवेट पार्ट के आगे के लाल भाग पर सहवास से पहले लगा सकता है। इसके लगाने से प्राइवेट पार्ट कुछ देर के लिए सुन्न हो जाता है यानी संवेदना कम हो जाती है और सहवास लंम्बे समय तक चलता है।
इस क्रीम को प्राइवेट पार्ट के लाल हिस्से पर सहवास से पांच मिनट पहले लगाया जाता है। पांच के बाद और प्रवेश से पहले उसे पानी से अच्छी तरह धो लें और धोने के बाद ही प्रवेश करें।
इसका असर तीस से चालीस मिनट तक रह सकता है।
यह क्रीम उन्ही के लिए कारगर है जिनके प्राइवेट पार्ट का अगला हिस्सा ज्यादा सेंसिटिव होता है
स्थायी इलाज,,,,, अश्विनी और वज्रोली मुद्राएं,,,,हर दिन सुबह शाम दस दस बार करनी , इनसे आठ से दस हफ्ते में फायदा की संभावना।
सेक्सोलॉजिस्ट के सौजन्य से
यह सिर्फ जानकारी देने भर हेतु है।
अशोभनीय टिप्पणी और तर्क वितर्क से बचें।

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प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

17 Jul, 08:19


सेक्सुअल ओरिएंटेशन/ यौन अभिविन्यास -

सेक्सुअलिटी यानी किसी के प्रति सेक्सुअल आकर्षण (Sexual orientation) के कई रूप होते हैं। समान्य तौर पर हम केवल होमो, लेस्बियन या स्ट्रेट सेक्सुअलिटी के बारे में जानते हैं लेकिन मेडिकल साइंस में इंसान के यौन व्यवहार को अलग वर्गों में बांटा गया है। इसे हम आम बोलचाल में सेक्सुअलिटी कहते हैं।अलग-अलग व्यक्तियों के यौन व्यवहार को अलग-अलग वर्गीकरण किया गया है जहाँ एंड्रोफिलिया पुरुषत्व के प्रति यौन आकर्षण का वर्णन करता है वहीं गाइनेफिलिया स्त्रीत्व के प्रति यौन आकर्षण का वर्णन करता है ।

सेक्सुअल ओरिएंटेशन प्राकृतिक तौर पर हमारी ही पर्सनैलिटी का हिस्सा होते हैं। सेक्सुअल ओरिएंटेशन एक इमोशनल, रोमांटिक या सेक्सुअल आकर्षण है जो एक इंसान दूसरे के लिए महसूस करता है। सेक्सुअल ओरिएंटेशन कई तरह के होते हैं। अलग-अलग इंसान अलग-अलग सेक्सुअल ओरिएंटेशन महसूसस कर सकते हैं।सेक्सुअल ओरिएंटेशन के कई प्रकार होते हैं। इनकी संख्या 10 से भी ज्यादा मानी जाती है। कुछ के बारे में आइये जानते हैं -

1. हेट्रोसेक्सुअल (Heterosexual)
हेट्रोसेक्सुअल वो सेक्सुअल ओरिएंटेशन है जिसमें कोई इंसान अपने विपरीत लिंग के लिए आकर्षण महसूस करता है। मतलब हेट्रोसेक्सुअल पुरुष, महिलाओं के लिए और हेट्रोसेक्सुअल महिलाएं पुरुषों के लिए आकर्षित होती हैं। ये सेक्सुअल ओरिएंटेशन सामाजिक तौर पर स्वीकार्य है और इसके लिए कभी किसी तरह के सवाल नहीं किए जाते हैं। कह सकते हैं इस सेक्सुअल ओरिएंटेशन को सामान्य माना जाता है। हेट्रोसेक्सुअल को स्ट्रेट भी कहा जाता है।

2. होमोसेक्सुअल (Homosexual)
होमोसेक्सुअल सेक्सुअल ओरिएंटेशन वाले लोग अपने ही लिंग के लिए आकर्षित होते हैं। पुरुष, पुरुष के लिए और महिलाएं, महिलाओं के लिए आकर्षित होती हैं। लेकिन होमोसेक्सुअल पुरुषों और महिलाओं को अलग-अलग नामों से जाना जाता है।
होमोसेक्सुअल महिलाओं को लेस्बियन कहते हैं तो पुरुषों को गे। कई बार होमोसेक्सुअल का मतलब गे ही समझा जाता है और इसमें दोनों ही लिंग शामिल किए जाते हैं।

3. बायसेक्सुअल (Bisexual)
बायसेक्सुअल ओरिएंटेशन होने पर लोग पुरुष और महिलाओं, दोनों से ही आकर्षित होते हैं। वो इनके साथ रोमांटिक और शारीरिक रिश्ते के लिए आकर्षित होते हैं।

4. एसेक्सुअल (Asexual)
एसेक्सुअल ओरिएंटेशन होने पर लोग सेक्स में रूचि ही नहीं रखते हैं। वो दूसरों से लगाव महसूस करते हैं लेकिन शारीरिक तौर पर आकर्षित नहीं होते हैं।

5. पैनसेक्सुअल (Pansexual)
इस सेक्सुअलिटी वाले बायसेक्सुअल जैसे होते हैं लेकिन उनसे कुछ अलग भी होते हैं। वो हर तरह के लोगो के साथ यौन संबंध बनाना चाहते हैं।

6. डेमीसेक्सुअल (Demisexual)
ये वो सेक्सुअलिटी है, जिसमें लोग रोमांस वाले रिश्ते में तब ही आते हैं, जब उनमें भावनात्मक तौर पर कनेक्शन हो।

7. सेपिओसेक्सुअल (Sapiosexual)
इसमें इंसान लिंग, सुंदरता या किसी और बात की बजाए दूसरे इंसान की बुद्धिमता से प्रभावित होता है।

8. पोलीसेक्सुअल(Polysexual)
ऐसे लोग ट्रांसजेंडर्स, थर्ड जेंडर्स या इंटरसेक्स से भी आकर्षित होते हैं।

9. ग्रेसेक्सुअल (Graysexual)
ये ऐसे लोग होते हैं जो सेक्स पसंद करते हैं लेकिन बहुत कम। ये एसेक्सुअल नहीं होते हैं क्योंकि ग्रेसेक्शुअल कभी न कभी सेक्स का आनंद लेते हैं।

10. एंड्रोजिनसेक्सुअल (Androgynsexual)
ऐसे लोगों में फेमिनाइन और मेस्क्युलाइन दोनों लक्ष्ण होते हैं।

11. एलोसेक्सुअल (Allosexual)
ये वो लोग होते हैं जो अपने पार्टनर से तो आकर्षित होते हैं लेकिन उनका आकर्षण और लोगों से भी होता है। वो फीजिकल नही प्यार और केअर की फिक्र करते।

12. एरोमांटिक (Aromantic)
ऐसे लोग दोस्ती से आगे का रिश्ता चाहते ही नहीं हैं। उन्हें रोमांटिक रिलेशनशिप में रहना पसंद नहीं होता है।

13. ऑटोरोमांटिक (Autoromantic)
ऐसे लोग खुद के लिए रोमांटिक आकर्षण महसूस करते हैं। हालांकि वो ऐसा दूसरों के लिए भी महसूस करते हैं लेकिन उसे स्वीकार नही कर पाते।

14. ऑटोसेक्सुअल (Autosexual)
ऐसे लोग अपने लिए सेक्सुअली आकर्षित होते हैं। वो ऐसा दूसरों के लिए भी महसूस करते हैं।

15. बायक्यूरियस (Bicurious)
ऐसे लोग अपने ही जेंडर के साथ रोमांटिक और सेक्सुअल आकर्षण महसूस करते हैं।

16. बीरोमांटिक (Biromantic)
ऐसे लोग रोमांस महसूस करते हैं लेकिन जरूरी नहीं है कि वो दूसरे लिंग के लिए सेक्सुअल भी आकर्षित हों।

17. डेमीरोमांटिक (Demiromantic)
ऐसे लोग भावनात्मक रिश्ता महसूस करने पर ही रोमांटिक आकर्षण फील कर पाते हैं।

18. मल्टीसेक्शुअल (Multisexual)
सेक्सुअलिटी से जुड़ा ये एक बड़ा टर्म है, जिसमें वो सभी लोग आते हैं जो एक से ज्यादा लिंग के लिए आकर्षण फील करते हैं।

प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

17 Jul, 08:19


19. सेक्सुअल फ्लूडिटी (Sexual Fluidity)
कुछ लोगों के लिए सेक्सुअलिटी निश्चित नहीं होती है। वो खुद को किसी खास सेक्सुअलिटी में लाते भी नहीं हैं।

कुछ रिसर्च के मुताबिक 8 से 9 साल की उम्र में ही बच्चों को पहली बार यौन आकर्षण का अनुभव होता है, वहीं कुछ अन्य रिसर्च के अनुसार ऐसा 11 साल की उम्र के आस पास होता है। इन सभी रिसर्च में सेक्शुअल ओरिएंटेशन की औसत आयु को लेकर अलग-अलग परिणाम मिले हैं। तो पैरेंट ध्यान दें इस ऐज पीरियड में । सेक्सुअल ओरिएंटेशन की बात आती है तो सवाल मन में ये भी उठता है कि क्या हम ये सेक्सुअलिटी चुन सकते हैं? क्या जो लोग गे, लेस्बियन या स्ट्रेट हैं, उन्होंने इसका चुनाव किया है? नहीं। American Psychological Association विश्वास करती हैं कि ये किसी इंसान की सोच नहीं बल्कि कई तथ्यों का मिश्रण है। इसमें बायोलॉजी, साइकोलॉजी और एनवायरमेंट, सब कुछ शामिल होता है। इसलिए कोई इंसान इसे खुद तो नहीं चुनता है।

प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

29 Jun, 23:52


══════════
“ प्रेम के भेद “ !
══════════
नारायण ! प्रेम के तीन भेद हैं। प्रथम - जिसे हम व्यापारी का प्रेम कह सकते हैं । मैं तुमसे प्रेम करता हूँ , इसके बदले में तुम भी मुझसे प्रेम करो । प्रायः मनुष्य इसी प्रेम का अभ्यासी है - जैसे मैं तुमको गेहुँ देता हूँ , तुम मुझको चना दो । क्यों कि मैं तुमसे प्रेम करता हूँ , इसलिये तुम भी मुझसे प्रेम करो । इसमें यदि दूसरा व्यक्ति प्रेम नहीं करता तो प्रथम व्यक्ति दुःखी हो जाता है । इतना ही नहीं, यदि मध्य में कोई दूसरी चीज़ आ जाती है तो उसके हृदय में ईर्ष्या और न जाने किन भावों का उदय होता है । प्रायः मनुष्य प्रेम शब्द से इसी को समझता है । लेकिन वह वास्तिक प्रेम है नहीं। इसको तो शास्त्रीय शब्द में भाव शब्द से कहा गया है । भाव और प्रेम में बड़ा अन्तर है।
प्रेम का दूसरा भेद इसमें भी निकृष्ट कोटी का होता है । इसमें मनुष्य केवल चाहता ही चाहता है । आजकल लोगों में यह भाव प्रधान होता चला जा रहा है कि तुम तो हम से प्रेम करो , हमको कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं है । इसको अंग्रेजी भाषाकारों ने नाम दिया है -

" Demanding Love" -

जिसमें हम केवल अपनी ही दृष्टि चाहते हैं दूसरे की नहीं । यह पहले से निकृष्ट है क्यों कि प्रेम के अन्दर देना होना चाहिये लेना नहीं ।

तृतीय भेद प्रेम की पूर्णता का है , जिसमें केवल देना ही देना होता है लेना सर्वथा नहीं । ये तीन भेद केवल लौकिक प्रेम के ही नहीं होते परमात्मा के प्रति प्रेम में भी दिखाई पड़ते हैं । कई लोग परमात्मा से लेते ही लेते हैं , सदा कुछ न कुछ मांगते ही रहते हैं , पर यदि कुछ देने का अवसर आ जाए तो उसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं होते , न उसकी जरूरत ही समझते हैं । आजकल इसी प्रकार की भावना का प्रभाव देखने को आता है । यदि किसी मनुष्य से कहें कि आज " शिवरात्रि " है तो वह पूछेगा रात्रि भर जागने से क्या होता है , हवन करने से क्या होता है , पूजा करने से क्या होता है ? फिर परमेश्वर के सामने जाकर प्रार्थना करेगा कि हे भगवान् ! हमको अमुक चीज़ दे दो , हमारा अमुक काम कर दो , हमारे ऊपर अमुक कठिनाई आ गई है उसे दूर कर दो । यदि उनसे कहा जाए कि भाई ! इस कठिनाई को दूर करने के लिए तुम्हें त्याग और तपस्या में प्रवृत्त होना पड़ेगा , तो तुरन्त उत्तर देगा कि क्या भगवान् हमसे प्रेम नहीं करते ? यदि भगवान् हमसे प्रेम करते हैं और हमारे सारे काम करते हैं तो हमें उसके बदले में कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं ! हमसे परमेश्वर कभी न कहे कि तुम्हारा यह कर्तव्य है , कर्तव्य तो केवल परमेश्वर का ही है । कुछ दिन पूर्व एक सज्जन सुना रहे थे कि लड़के आजकल कह दिया करते हैं कि माता - पिता हमको पाल - पोस कर बड़ा करें , यह उनका कर्तव्य है , हमारा कोई कर्तव्य नहीं । इस सब के अन्दर भाव क्या है ? प्रेम की एक निकृष्ट अवस्था , जिसमें मनुष्य केवल चाहता ही चाहता है , देने के लिए कभी भी तैयार नहीं होता । लोकिक दृष्टि में भी ऐसा प्रेम देखने में आता है और दूसरी तरफ परमेश्वर की तरफ जाने वाला व्यक्ति भी परमेश्वर से केवल चाहता ही चाहता है , परमेश्वर के लिये कुछ करने का समय आये पर वह सर्वथा कुच करने को तैयार नहीं होता ।

कुछ मध्यम कोटि के लोग भी हैं , जो परमेश्वर के लिये कुछ करने को भी तैयार हैं , पूजा पाठ इत्यादि करेंगे , पर साथ ही परमेश्वर के साथ व्यापार भी चलाते रहते हैं । मैंने शिवरात्रि का व्रत या अमुक पाठ किया है , इसलिये इसके बदले में मेरा यह काम कर दो । यद्यपि वे स्वयं नहीं जानते कि उनके लिए क्या इष्ट है , फिर भी यदि कभी उनके मन के अनुकूल व्यवहार न हो पाया , उनके विरुद्ध कोई काम हो गया तो झट कह देते हैं कि मैंने भगवान् का इतना भजन किया , इतना व्रत किया , पर भगवान् ने मेरे लिए क्या किया ? यह दूसरी कोटि का प्रेम है जिसमें भगवान् के साथ व्यापार किया जाता है।
ये दोनों ही पर - प्रेम , जिसका लक्षण " शाण्डिल्य भक्तिसूत्र " में - " सा परानुरक्तिरीश्वरे " किया गया है , नहीं है । जब हम परमेश्वर के प्रति प्रेम करते हैं तो परमेश्वर हमारे प्रति कुछ करता है या नहीं इस पर हमारी दृष्टि नहीं रखनी चाहिए । किसी भक्त ने कहा है : -

" आश्लिष्य वा पादरता पिनष्टु मामदर्शनार्न्महतां करोतु वा ।
यथा तथा वा विदधातु लम्पटी मत्प्राणनाथस्तु स एव केवलः ॥ "

भक्त क्या कह रहा है कि परमेश्वर चाहे मुझे स्वीकार करे या न करे दोनों ही हालतों में मैं तो उसको ही " प्राणनाथ " स्वीकार करता हूँ , मेरा प्रेमपात्र वही है । प्रेम की पूर्णता वहीं होती है जहां लेने का विचार मन में नहीं आता केवल देना ही देना रहता है । ऐसा नहीं होता कि बदले में ईश्वर का प्रेम न मिले । जो इस प्रकार ईश्वर से प्रेम करेंगे उनको न केवल ईश्वर का प्रेम मिलेगा बल्कि जो कुछ भी परमेश्वर के हाथ में है वह सारा का सारा अपने भक्त को दे देगा । भगवान् की तो यही प्रतिज्ञा है हमने संतों के श्रीमुख

प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

29 Jun, 23:52


से सुना है कि " अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जनाः पर्युपासते " { श्रीगीताजी } मैं उसे प्रेम से ही देता हूँ। लेकिन कब ? जब अन्य पदार्थों की चिन्ता छोड़कर मेरी चिन्ता करेगा तब । लेकिन होता क्या है ? हम इस प्रकार का प्रेम नहीं कर पाते । इसीलिये हमें व्यावहारिक और पारमार्थिक दोनों जगतोँ में दुःख उठाना पड़ता है ।

नारायण ! व्यवहार में भी यह सत्य है कि यदि किसी के साथ आप सच्चा प्रेम करेंगे और बदले में कुछ भी पाने की इच्छा नहीं होगी तो वह प्रेम उस मनुष्य को परिवर्तित कर देगा । ऐसे सैकड़ों दृष्टान्त इतिहास और शास्त्रों में पाये जाते हैं जहाँ मनुष्य दुःख देने के लिये गया लेकिन दूसरे के प्रेम को देखकर धीरे - धीरे सर्वथा परिवर्तित हो गया ।

"आपको और आपके प्रियतमा को प्रणाम करता हूँ।

प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

22 Jun, 14:22


आज मैनें पूछ ही लिया
खुद उसी से
वह प्रश्न जो निषेध था

मैनें कहा - प्यार ! तुम कौन हो ?

तुम पर इतना लिखा गया
तुम पर इतना कहा गया
कुछ बुरा कुछ भला
इतिहास सब रचा गया
रहा नहीं कुछ अनछुआ

बताओ तुम स्वयं क्यों मौन हो ?

क्या सिर्फ़ एक अहसास हो
क्या सिर्फ़ एक विश्वास हो
क्या सिर्फ़ रूह की प्यास हो
क्या सिर्फ़ अधूरी आश हो
क्या सिर्फ़ फ़ानी तलाश हो

अहम है वजूद या तुम मात्र गौण हो ?

और फिर उसने कहा : मैनें सुना
इदंम् न ममं का अर्थ यदि तुम जान लो
संभव है कि किसी दिन फिर तुम मुझे पहचान लो
मैं सबकुछ हूँ जो तुमने कहा
उससे ज्यादा वह भी हूँ जो रहा है अनकहा
बेकैद हूँ , हूँ हकीकत , और मैं ही रचयिता

प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

21 Jun, 13:56


प्रश्न : स्त्रियां पुरुष के लिए आकर्षक क्यों बनना चाहती हैं ? जबकि वे पुरुषों की कामुकता जरा भी पसंद नहीं करतीं ?

उत्तर : इसके पीछे राजनीति है। स्त्रियां आकर्षक दिखना चाहती हैं क्योंकि इसमें उन्हें ताकत मालूम होती है। वे जितनी आकर्षक होंगी उतनी पुरुष के आगे ताकतवर सिद्ध होंगी और ताकतवर कौन नहीं बनना चाहता ? सारी जिंदगी लोग ताकतवर बनने के लिए संघर्ष करते हैं।

तुम धन क्यों चाहते हो ? क्योंकि उससे ताकत आती है। तुम बड़े बड़े पद क्यों पाना चाहते हो ?उससे ताकत मिलेगी। तुम महात्मा क्यों बनना चाहते हो ? उससे ताकत मालूम होगी। लोग अलग अलग उपायों से ताकतवर बनना चाहते हैं। तुमने स्त्रियों के पास, ताकतवर बनने का और कोई उपाय ही नहीं छोडा। उनके पास एक ही रास्ता है --- उनके शरीर। इसलिए वे निरंतर अपना आकर्षण बढा़ने की फिक्र में होती हैं।

क्या तुमने एक बात देखी है कि आधुनिक स्त्री आकर्षक दिखने की इतनी फिक्र नहीं करती, क्यों ? क्योंकि वह और तरह की सत्ता, राजनीति में शामिल हो रही है। आधुनिक स्त्री पुराने बंधनों से बाहर आ रही है। वह विश्वविद्यालयों में पुरुष को टक्कर देकर डिग्री प्राप्त करती है। वह बाजार में, व्यवसाय में, राजनीति में पुरुष के साथ संघर्ष कर रही है। उसे आकर्षक दिखने की बहुत फिक्र नहीं है।

पुरुष ने कभी आकर्षक दिखने की इतनी फिक्र नहीं की। क्यों ? क्योंकि उनके पास ताकत जताने के इतने तरीके थे कि शरीर को सजाना थोडा़ स्त्रैण मालूम पड़ता था। साज-सिंगार स्त्रियों का ढंग है ।

यह स्थिति सदा से ऐसी नहीं थी। अतीत में एक समय था जब स्त्रियां उतनी ही स्वतंत्र थी जितने कि पुरुष। तब पुरुष भी स्त्रियों की भांति आकर्षक बनने की चेष्टा करते थे। कृष्ण को देखो, खूबसूरत रेशमी वस्त्र, सब तरह के आभूषण, मोर मुकुट, बांसुरी --- उनके चित्र देखो, वे इतने आकर्षक लगते हैं। ये वो दिन थे जब स्त्री और पुरुष दोनों ही जो मौज हो, वैसा करने के लिए स्वतंत्र थे।

उसके बाद एक लम्बा अंधकारमय युग आया जब स्त्रियां दमित हुई। इसके लिए पंडित, पुरोहित और तथाकथित साधु, संत जिम्मेवार हैं। तुम्हारे संत सदा स्त्रियों से डरते रहे हैं। उन्हें स्त्री इतनी ताकतवर मालूम पड़ती है कि वे संतों का संतत्व मिनटों में नष्ट कर सकती हैं। तुम्हारे संतों की वजह से स्त्रियां निंदित हुईं। वे स्त्रियों से भयभीत थे इसलिए स्त्रियों को दबा दो। जीवन में उतरने के, प्रवाहित होने के उनके सारे उपाय छिन गए फिर एक ही चीज शेष रह गई : उनके शरीर।

स्त्री की ताकत इसी में है कि वह तुम्हारे सामने गाजर की तरह झूलती रहे। कभी मिलती नहीं हमेशा उपलब्ध रहती है -- इतनी पास लेकिन कितनी दूर। यही उसकी ताकत है। यदि वह फौरन तुम्हारी गिरफ्त में आ जाती है तो उसकी ताकत समाप्त। और एक बार तुमने उसके शरीर को भोग लिया, उसका उपयोग कर लिया तो बात खत्म हो गई। फिर उसका तुम्हारे ऊपर कोई जोर नहीं रहता। इसलिए वह आकर्षित करती है और अलग खडी़ होती है, वह तुम्हें उकसाती है, उत्तेजित करती है और जब तुम पास आते हो तो इनकार कर देती है।

अब यह सीधा-सादा तर्क है। यदि वह हां करती है तो तुम उसे एक यंत्र बना देते हो, उसका उपयोग करते हो और यह कोई नहीं चाहता कि उसका उपयोग हो। यह उसी सत्ता, राजनीति का दूसरा हिस्सा है। सत्ता का मतलब है दूसरे का उपयोग करने की क्षमता और जब कोई तुम्हारा उपयोग करता है तब तुम्हारी ताकत खो जाती है।

तो कोई स्त्री भोग की वस्तु होना नहीं चाहती और तुम सदियों से उसके साथ यही करते आए हो प्रेम एक कुरूप बात हो गई है। प्रेम तो परम गरिमामय होना चाहिए लेकिन वह है नहीं। क्योंकि पुरुष स्त्री का उपयोग करता आया है और स्त्री इस बात को नापसंद करती है, इसका विरोध करती है स्वभावतः वह एक वस्तु बनना नहीं चाहती ।

इसलिए तुम देखोगे कि पति पत्नियों के आगे पूंछ हिला रहे हैं और पत्नियां इस मुद्रा में घूम रही हैं कि वे इस सबसे ऊपर हैं --होलियर दैन दाऊ, पाक, पवित्र। स्त्रियां दिखावा करती रहती हैं कि उन्हें सेक्स में, घृणित सेक्स में जरा भी रस नहीं है। वस्तुतः उन्हें उतना ही रस है जितना कि पुरुष को लेकिन मुश्किल यह है कि वे अपना रस प्रकट नहीं कर सकतीं अन्यथा तुम तत्क्षण उनकी सारी ताकत खींच लोगे और उनका उपयोग करोगे ।

तो स्त्रियां बाकी बातों में रस लेती हैं। वे आकर्षक बनेंगी और फिर तुम्हें इनकार कर देंगी। यही ताकत का आनंद है --- तुम्हें खींचना, और तुम इस तरह खिंचे चले आते हो जैसे कच्चे धागे से बंधे हो ; और फिर तुम्हें 'ना' कहना। तुम्हें एकदम शक्तिहीन बना देना। तुम कुत्ते की तरह दुम हिलाते हो और स्त्री अपनी ताकत का आनंद लेती है। यह पूरा मामला बडा़ कुरूप है। इसमें प्रेम सत्ता की राजनीति बनकर रह गया है। इसे बदलना होगा।

प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

21 Jun, 13:56


हमें नई मनुष्यता और नया संसार निर्मित करना है जिसमें प्रेम सत्ता का विषय बिल्कुल नहीं होगा। कम से कम प्रेम को तो इस राजनीति से बाहर रखो। वहां धन रहने दो, बल रहने दो, राजनीति रहने दो, सब कुछ रहने दो लेकिन प्रेम को वहां से बाहर निकाल लो। प्रेम अनमोल चीज है, उसे बाजार का हिस्सा मत बनाओ। लेकिन वही हुआ है।

स्त्री हर प्रकार से सुंदर बनने की चेष्टा करती है, कम से कम सुंदर दिखने की चेष्टा तो करती ही है। एक बार तुम उसके जाल में फंस गए तो वह तुमसे बचने लगेगी। सारा खेल यही है। अगर तुम उससे दूर भागने लगे तो वह तुम्हारे पास आएगी, वह तुम्हारा पीछा करेगी और जैसे ही तुम उसके पीछे जाओगे, वह दूर भागेगी। सारा खेल यही है। यह प्रेम नहीं है, यह अमानवीय कृत्य है। लेकिन यही होता है और युग-युग से यही होता रहा है। इस से सावधान रहना।

कम से कम मेरे कम्यून में तो ऐसा नहीं होना चाहिए। क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की असीम गरिमा है और कोई भी व्यक्ति वस्तु बन कर नहीं रहेगा। पुरुष का सम्मान करो, स्त्री का सम्मान करो। वे सभी दिव्य हैं।

सुंदर होना अच्छा है, सुंदर 'दिखना' कुरूप है। आकर्षक होना अच्छा है लेकिन आकर्षक होने का दिखावा करना भद्दा है। यह बनावटीपन चालाकी है। लोग स्वाभाविक रूप से सुंदर हैं, किसी मेकअप की जरूरत नहीं है। सब मेकअप कुरूप होते हैं। वे तुम्हें कुरूप बनाते हैं।

सादगी में, निश्छलता में, सरलता में सुंदरता है। स्वाभाविक होना, सहज होना सुंदर बनाता है और जब तुम सुंदर हो जाओ तो उसका सत्ता की राजनीति के लिए उपयोग मत करना। वह पाप है, अपवित्र है। सौंदर्य परमात्मा की देन है। उसे बांटो लेकिन किसी तरह अधिकार जताने के लिए, दूसरे को वश करने के लिए उसका उपयोग न करो। तब तुम्हारा प्रेम प्रार्थना बनेगा और तुम्हारा सौंदर्य परमात्मा के लिए भोग बनेगा।

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प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

02 Jun, 01:57


प्रेम बहुत रहस्यमय होता है
पता नहीं चलने देता
मिल रहा है
या बिछड़ रहा है।

मुझसे पूछा गया
दिल का मतलब
मैंने हँस कर कह दिया
ठिकाना तेरा

जब उसने पूछा कि
सुहानी शाम किसे कहते हैं
मैंने इतरा कर कह दिया
बस चाहना तेरा

उसने पूछा कि
यह क़यामत क्या है.
मैंने घबरा कर कह दिया
रूठ जाना तेरा

जब उसने पूछा कि
मौत किसे कहते हैं
मैंने सिर झुका कर कह दिया
छोड़ जाना तेरा
❤️

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प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

24 May, 03:19


शार्ट टर्म गोल्स मे कोई किताब पूरी पढ़ना, ड्राइविंग सीखना, पेंटिंग बनाना आदि हो सकता है, जबकि लॉन्ग टर्म गॉल वो है जो आपका कैरियर या ज़िंदगी डिसाइड करते है। जैसे किसी कम्पीटीटिव एग्जाम की तैयारी, बिज़नस, स्पोर्ट्स या अन्य फील्ड में करियर आदि।

लत चाहे हस्तमैथुन की हो या किसी ओर चीज की भी इसे अचानक से रोका नहीं जा सकता । यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके लिए प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है । कुछ समय कंट्रोल करने के बाद यह विचार दुबारा मन मे आएंगे और हो सकता है की आप अपने आप को रोक न पाये लेकिन इसका यह मतलब नहीं की आप अपने आप पर कंट्रोल नहीं पा सकते। ऐसे मे निराश न हो। शुरुआत मे अपने कदम छोटे छोटे ले। देखे की हस्तमैथुन किए बिना आप कितने दिन तक रह सकते है और किस स्थिति मे आप अपने आप को बहुत ज्यादा विवश पाते है। और फिर उस स्थिति के बारे मे सोचे और जाने की आप दुबारा उस स्थिति का जब सामना करेंगे तो कैसे अपने विचारों या इच्छाओ पर जीत पा सकते है। यह प्रक्रिया कई बार हो सकती है लेकिन कुछ समय बाद आप अपने आप मे सुधार देखना शुरू कर देंगे।

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प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

24 May, 03:19


■ अपने स्वयं के जननांगों को उत्तेजित करना, अक्सर तनाव को कम करता है, आनंद देता है और यौन संतुष्टि बढ़ा सकता है। किशोरावस्था में हस्तमैथुन एक सामान्य बात है क्योंकि जब हम बड़े होते हैं तो sexual urges का अनुभव करना शुरू करते हैं। ऐसे समय मे हमारा शरीर बहुत सारे बदलावों से गुजर रहा होता हैं। जब इसे सीमित मात्रा में किया जाता है, तो यह फायदेमंद हो सकता है क्योंकि यह sexual urges को शांत करने और यौन संचारित संक्रमणों और बीमारियों को रोकने का एक आदर्श तरीका हो सकता है। लेकिन जब अत्यधिक हस्तमैथुन किया जाता है तो इसके नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते है जो की आजकल तेजी से बढ़ रहे है। यहां तक ​​कि इंटरनेट के कारण छोटे बच्चे भी अब हस्तमैथुन करते है।

स्टडीज में पाया गया है कि लगभग 90 प्रतिशत लोग हस्तमैथुन करते हैं। 50% से अधिक पुरुष नियमित रूप से पोर्न देखते हैं और यह आदत हस्तमैथुन का रूप ले लेती है। पोर्न की लत और हस्तमैथुन साथ चलते हैं और ये एक गंभीर समस्या बन गई है। क्योकि इसकी आदत व्यक्ति के रोजमर्रा के कामो को प्रभावित करती है। ऐसे मे वे ये सोच कर परेशान रहते है की इस आदत को कैसे कम किया जाए या रोका जाए ? चलिए बात करते है ;
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■ ज्यादा हस्तमैथुन के बहुत सारे नकारात्मक प्रभाव हैं जैसे :-

लंबे समय तक डिप्रेशन
खुद से घृणा
थकान और कमजोरी
काम मे मन न लगना
यौन संवेदनशीलता में कमी
अनिद्रा
मेमोरी और एकाग्रता से सम्बंधित समस्याएं
आत्मविश्वास मे कमी
गुप्तांगों में जलन
शीघ्रपतन

■ क्यों लगती है लत :-

हस्तमैथुन की लत में, दो प्रमुख केमिकल भूमिका निभाते हैं और वो है - डोपामाइन और एंडोर्फिन। डोपामाइन एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो खुशी और संतुष्टि की भावनाएं पैदा करता है। साथ ही यह नशे की लत में भी भूमिका निभाता है। जबकि एंडोर्फिन एक रसायन हैं जो दर्द और तनाव से निपटने के लिए तंत्रिका तंत्र द्वारा प्राकृतिक रूप से उत्पादित होते हैं। इन्हे अक्सर “फील-गुड” रसायन भी कहा जाता है क्योंकि वे दर्द निवारक और खुशी बढ़ाने के रूप में कार्य करते हैं।

जब व्यक्ति हस्तमैथुन करता है, तो शरीर डोपामाइन स्रावित करता है और व्यक्ति सुखद अनुभव करता है। यौन संतुष्टि के बाद, शरीर एंडोर्फिन का स्त्राव करता हैं, जिससे व्यक्ति तृप्त हो जाता हैऔर कभी-कभी सोने का मन करता हैं।

जब कोई व्यक्ति इन भावनाओं पर निर्भर हो जाता है, तनावपूर्ण स्थितियों या मानसिक समस्याओं से बचने के लिए हस्तमैथुन करता है, तो यह स्थिति हस्तमैथुन की लत का रूप ले लेती है। हस्तमैथुन की यह लत चिंता का कारण बन सकती है क्योकि ऐसे मे व्यक्ति परिस्थितियों का सामना करने की बजाय उनसे निपटने के लिए हस्तमैथुन को एक साधन के रूप मे देखना शुरू कर देता है।
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■ कैसे पाना है छुटकारा :-

अपने आप को कोसना बंद करें। कई लोग हस्तमैथुन करने के बाद घृणा महसूस करते है। याद रखें कि हस्तमैथुन वास्तव में एक प्राकृतिक urge है और इंसान के रूप में, हम हमेशा इन sexual urges का सामना करते रहेंगे। इनमें से कोई भी चीज आपको किसी व्यक्ति की तुलना में कम या ज्यादा योग्य नहीं बनाती है। अपने आप को निराशा में प्रवेश करने की अनुमति न दे। हस्तमैथुन की लत से होने वाले तनाव से बचने के लिए यह पहला सकारात्मक कदम है।

उन चीजों को हटा दें जो आपको हस्तमैथुन करने का प्रलोभन देती है। हस्तमैथुन करने के लिए प्रलोभन देने वाली चीजों की सूची में शीर्ष पर पोर्नोग्राफी है इसलिए आपको सभी अश्लील सामग्री को अपने आस पास से हटाना होगा। साथ ही, आपको इस सामग्री तक अपनी पहुंच को नियंत्रित करना होगा ताकि आप दुबारा से इसकी ओर आकर्षित न हो । यदि आप लगता है की आपको किसी खास समय या परिस्थिति मे हस्तमैथुन करने की तीव्र इच्छा होती है तो उस समय मे किसी अन्य चीजों में व्यस्त होने का प्रयास करें।

कुछ एक्स्पर्ट्स ऐसे मे व्यायाम करने की सलाह देते हैं क्योंकि एक्सरसाइज करने से हार्मोन्स लेवेल बैलेन्स हो जाता है। यदि आप अपने अकेलेपन के परिणामस्वरूप अक्सर हस्तमैथुन करते हैं, तो अपने एकांत को सीमित करने के तरीके खोजें। इसके लिए अपने दोस्तो या परिवारवालों के साथ टाइम बिताए, अपनी hobbies पर ध्यान दे, किताबे या अखबार पढ़ सकते है, खेलने जा सकते है या वो काम करे जिससे आपको खुशी मिलती है।

अपने जीवन को आकर्षक गतिविधियों से भरें। जब हमारा दिमाग खाली होती है तो अक्सर हम नकारात्मक विचारो से घिर जाते है। ऐसे मे यह स्थिति अलग अलग लत को जन्म दे सकती है जिसमे ज्यादा sexual urges भी शामिल है । आप इन इच्छाओ को रचनात्मक उत्पादन में बदल सकते है लेकिन इसके लिए जरूरी है अपने लिए कुछ लक्ष्य तय करना। यह लक्ष्य शार्ट टर्म भी हो सकते है और लॉन्ग टर्म भी।

प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

23 May, 11:13


#पुरुषों_की_यौन_विविधता

मुर्गा बहुत कामोत्तेजित पक्षी है, जो लगातार मुर्गियों के साथ मैथुन कर सकता है,कई बार यह संख्या 60 तक पहुँच जाती है। हालांकि वह एक दिन में उसी मुर्गी से पाँच से ज्यादा बार संबंध नही बना सकता। छठी बार तक उसकी दिलचस्पी उस मुर्गी से खत्म हो जाती है और वह मैथुन के लिए तैयार नही हो पाता, लेकिन अगर उसके सामने कोई नयी मुर्गी आ जाए, तो वह फिर उसी पहले वाले जोश के साथ तैयार हो जाता है। इसे रूस्टर इफेक्ट के रूप में जाना जाता है।
यही स्थिति बैल और गाय के साथ भी होती है। नर भेड़ एक ही मादा के साथ पाँच बार से ज्यादा मैथुन नही कर सकता, लेकिन नयी भेड़ों के साथ फिर पुराना जोश लौट आता है। यह प्रकृति का सुनिश्चित करने का तरीका है कि जहाँ तक संभव हो, नर के अंश का तेजी से विस्तार हो सके, ताकि अधिक से अधिक गर्भाधान हो सके और उस प्रजाति का इस जगत में अस्तित्व बचा रहे।
💙❤️ सेहतमंद पुरुषों के मामले में भी यह संख्या लगभग पाँच होती है। किसी सही दिन वह एक ही महिला के साथ पाँच बार सहवास कर सकता है, लेकिन आम तौर पर छठी बार वह ऐसा नही कर पाता। लेकिन नयी महिला के आते ही मुर्गे और बैल की तरह उसकी कामोत्तेजना पुनः जाग्रत हो जाती है।
❤️ पुरुषों की सहवास की इच्छा इतनी मजबूत होती है कि लास एंजेल्स के सेक्शुअल रिकवरी इंस्टीट्यूट के डाॅ. पैट्रिक कार्न्स का अनुमान है कि तीन प्रतिशत महिलाओं की तुलना में आठ प्रतिशत तक पुरुष सेक्स के आदी होते हैं।
💙 पुरुष के मस्तिष्क को विविधता चाहिए। अधिकतर नर स्तन धारियों की तरह पुरुष की संरचना इस प्रकार की है कि वह अपने साथी की तलाश करता है और जहाँ तक संभव हो, अधिक से अधिक महिलाओं के साथ सहवास करता है। यही वजह है कि पुरुषों को एक पत्नी संबंध में कोई नया पन पसंद आता है, जैसे कि आकर्षक अंतर्वस्त्र। अन्य स्तनधारियों के विपरीत पुरुष अपनी साथियों को आकर्षक कपड़े व अंतर्वस्त्र पहनाकर अपनी जिंदगी में एक से ज्यादा महिलाओं के होने के भुलावे को अपना सकते हैं। यह उसके हिसाब से महिला को नए ढंग से पेश करने का तरीका है, जिससे अलग अलग आभास से विविधता उपलब्ध करायी जा सकती है। अधिकतर महिलाएं पुरुषों पर पड़ने वाले अंतर्वस्त्र के प्रभाव को जानती हैं लेकिन उनमें से बहुत कम को इसके मूल आदिम मनोवैज्ञानिक कारण का पता है।
❤️ हर क्रिसमस पर डिपार्टमेन्ट स्टोर के अंतर्वस्त्र बेचने वाले विभाग पुरुषों से भरे होते हैं, जो शर्माते हुए अपनी साथियों के लिए किसी सेक्सी उपहार की तलाश में होते हैं। क्योंकि आदिम समाज की तरह से आज अनेक साथियों के साथ संबंध बनाने की स्वतंत्रता नही है। लेकिन जीन्स आदत स्वभाव तो गहरे में वही है। वह एक ही में विविध तरह से एक नवीन आकर्षण अनुभव करने का प्रयास करता है। जनवरी के महीने में वही महिलाएं उन्ही स्टोर्स के पैसे की वापसी वाले काउंटरों पर खड़ी मिलती हैं। 'यह मेरे लिए नही है' वे कहती हैं, वह चाहता है कि मैं वेश्या जैसे कपड़े पहनूँ। वेश्या यौन संबंध बेचने वाली एक पेशेवर होती है, जो बाजार की माँगों पर शोध कर चुकी होती है, और बेचने के लिए तैयार होती है। एक अमेरिकी अध्ययन दिखाता है कि सफेद सूती अंदरुनी कपड़े पहनने वाली महिलाओं के मुकाबले जो महिलाएं विभिन्न प्रकार के सुंदर कामोत्तेजक अंतर्वस्त्र पहनती हैं, सामान्य तौर पर उनके साथी उनके प्रति वफादार रहते हैं। एक पत्नी संबंध में पुरुष की विविधता की आदिम इच्छा को पूरा करने का यह एक तरीका है। महिला साथी को अपना दाम्पत्य जीवन खुशहाल बनाने के लिए इस ओर पहल करनी चाहिए। उसे वेश्यावत आचरण का प्रयोग करना चाहिए।
'गृहणी जाती हार दाँव संपूर्ण समर्पण करके।
विजयी रहती बनी अप्सरा, पुरुष ललक में भरके।।
❤️💙एलन और बारबरा पीज़ की पुस्तक ❤️पुरूष क्यों नही सुनते और महिलाएं क्यों नही समझती ❤️ के आधार पर।

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प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

14 Mar, 15:01


मैं गीत सुन रहा, तोरे कारन घर से आई हूँ निकल के सुना दे जरा बाँसुरी, अपने प्रिय के लिए आते हुए स्त्री लाज को घर छोड़ कर आती है, उसे अपने प्रिय का साथ उसके मान से ज्यादा मूल्यवान लगता है।

एक स्त्री का स्नेह किसी भी व्यक्ति को अमूल्य बना देता है। स्त्री जब किसी से प्रेम करती है तो उस व्यक्ति से ज्यादा भागमाना कोई और हो ही नही सकता।

स्त्री के प्रेम से वंचित लोग इस दुनियाँ को उल्लास और उत्सव से रहित बना देना चाहते। वंचना का आधार प्रेम के प्रति कुपात्र होना अधिकतम होता है। जब प्रेम में स्त्री अभिमानी होकर घर से निकलती है तो वह इस भरोसे निकलती है कि उसका पात्र उसे अपने शीश पर वैसे ही धारण करेगा जैसे शिव ने गंगा को धारण किया।

जिस स्त्री के नयनों में किसी के लिए प्रतीक्षा के दिए जल रहे हों, जिस स्त्री श्वासों में किसी के लिए पुकार बसी हो, जिस स्त्री के हृदय में किसी के लिए मंगलकामना के गीत फूट रहे हों, उसका स्पर्श किसी भी नर को नारायण बना सकता है।

स्त्री के मान पर पूरी व्यवस्था टिकी है, कम से कम यह बात हर सनातनी को याद रखना चाहिए।

स्त्रियों का विश्वास इस विश्व पर बना रहे, धरती अपनी धुरी पर निःशंक घूमती रहे इसी कामना के साथ महिलाओं के प्रति मेरी कृतज्ञता ज्ञापित है।

प्रेम, सेक्स और धोखा ( कामसूत्र )

08 Mar, 04:04


होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आप सभी के जीवन में हमेशा आनंद और उमंग का रंग बरसे।

Wishing you all a happy and colourful Holi!

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