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Hindi/Urdu Poems

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Hindi/Urdu Poetry Collection.
Adding some stories too :D

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Hindi/Urdu Poems (English)

Are you a fan of Hindi and Urdu poetry? Look no further! The Telegram channel "Hindi/Urdu Poems" is here to satisfy your poetic cravings. With a vast collection of beautiful poems and even some stories to enjoy, this channel is a paradise for poetry lovers.

In addition to the amazing content, this channel also provides a platform for aspiring writers and poets to showcase their talent. If you're looking to join a community of like-minded individuals, you can also check out their affiliated groups such as @HindiPoetry and @WritersClub.

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So, what are you waiting for? Join "Hindi/Urdu Poems" today and immerse yourself in the world of beautiful poetry and storytelling!

Hindi/Urdu Poems

11 Jan, 19:43


जब भी देखूं तेरे इस हसीन चेहरे को,
मेरे दिल की धड़कन में भी सुर आ जाते हैं।

#review
#Rajeshwar(Aryan)

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

11 Jan, 17:29


जब भी देखूं तेरे इस हसीन चेहरे को,
मेरे दिल की धड़कन में भी सुर आ जाते हैं।

#review
#Rajeshwar(Aryan)

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

11 Jan, 15:29


अगर वक़्त रुके तो रोक लूँ मैं,
जी भर के तुम्हें देख लूँ मैं।
तेरी पलकों से ज़ुल्फ़ें करके किनारे,
तेरी आँखों की अदाएँ देख लूँ मैं।
#review
#Rajeshwar(Aryan)

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

10 Jan, 17:02


इक  अरसा बीत गया उस कोई ने  खबर नहीं ली
क्या हसरत तुम सुकून से अज़ीयत तक आ पहुंचे !


हसरत💌


अज़ीयत -  Sufferings ( Generally Mental sufferings )

#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

10 Jan, 16:53


अगर वक़्त रुके तो रोक लूँ मैं,
जी भर के तुम्हें देख लूँ मैं।
तेरी पलकों से ज़ुल्फ़ें करके किनारे,
तेरी आँखों की अदाएँ देख लूँ मैं।
#review
#Rajeshwar(Aryan)

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

10 Jan, 16:42


भूल जाता हूं

मैं लिखता हुं तुम्हारे बारे में तो बहोत..
लेकिन जब तुम सामने हो..
मैं सब भूल जाता हूं।

तुझे देखने का मन तो करता है बहोत‍..
लेकिन जब तुम सामने हो..
नजरे मिला नहीं पाता हूं।

खुबसूरती तो मैने देखी है बहोत..
लेकिन सब तुम सामने हो..
मैं खुबसूरती भूल जाता हूं।

सपने आते है तो बहोत..
लेकिन जब तुम सपने में आती हो..
मैं जागना भूल जाता हूं।

लिखता हुं तुम्हारे बारे में तो बहोत..
लेकिन जब तुम सामने हो..
मैं सब भूल जाता हूं।।
to be continues..
#review
#Rajeshwar(Aryan)

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

08 Jan, 08:41


वशीकरण तो कर लिया तुमने
होश आने पर क्या होगा
जो अज़ियत हुई है दिल को मेरे
इसका हिसाब क्या होगा ?
बस इतना ही यकीन था तुम्हें अपनी मोहब्बत पर
जो तुम दिल ना जीत सके तो काले जादू से क्या होगा ?

#review
#sizuka

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

05 Jan, 17:39


एक शख्स से
मुझे मुकम्मल इश्क़ करना है
फिर किसी से इश्क नहीं करना है

-रोशनी
#roshni
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

05 Jan, 17:37


जिस पक्षी को खुद से कैद होना ना आता हो
उसे कैद करना गुनाह है

-रोशनी
#roshni
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

05 Jan, 01:08


जिस से चाहा मरहम वो ज़ख्म दे गया हसरत

जो आया था मरहम बन के उसे ज़ख्म दे दिए ।।


हसरत💌

#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

05 Jan, 01:01


एक सफल व्यक्ति हमेशा कुछ अच्छा हासिल करने के लिए प्रेरित होता है ना कि किसी को पराजित करने के लिए।
#review #lafzshaalabygaurisharma #GauriSharma

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

04 Jan, 18:57


एक सफल व्यक्ति हमेशा कुछ अच्छा हासिल करने के लिए प्रेरित होता है ना कि किसी को पराजित करने के लिए।
#review #lafzshaalabygaurisharma #GauriSharma

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

04 Jan, 17:10


जिस से चाहा मरहम वो ज़ख्म दे गया हसरत

जो आया था मरहम बन के उसे ज़ख्म दे दिए ।।


हसरत💌

#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

03 Jan, 11:26


मैं फरेबी, फरेब रास्तों से आगे,
एक और कांटे जिंदगी के,
मन चुभा कर भागे आगे
नए मिलेंगे रिश्ते कहीं,
कहीं करूंगा मैं फरेबी बाते
झूठ कहूं या सच
पर अब बस, अब बस

#review
#shivam

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

02 Jan, 07:03


तुम करना बेशक हर नये साल की शुरुआत उसके साथ
मगर दिसंबर का आखिरी दिन मेरे साथ बिताने आ जाना
तुम रहना बेशक सारी उम्र उसके संग
बस दुनिया को अलविदा कहते वक्त मुझे साथ ले जाना
#पंछी 🕊️
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

02 Jan, 05:33


Mere Alfaaz ab uske Ishq mein kuchh nahin kahate

Kuch ghaw hai jo mafi ki ijaajat nahin dete..

#Suhani
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

02 Jan, 05:33


Mere Alfaaz ab uske Ishq mein kuchh nahin kahate

Kuch gaw hai jo mafi ki ijaajat nahin dete..

#Suhani
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

02 Jan, 05:21


Mere Alfaaz ab uske Ishq mein kuchh nahin kahate

Kuch Khao hai jo mafi ki ijaajat nahin dete..

#Suhani
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

01 Jan, 12:08


इक लहर चली हैं बादल में
नित नयनों के अधि आँचल में
इक भंवर जाल हैं बातों का
विषय, समय अधिरातों का
मैं परदेशी हूं नगर-नगर का
चलत मुसाफ़िर हर डगर डगर का
बहली फुसली बाते करता
दृग रेखा के घाटो में
अब छोड रहा हूँ देश को
मेरे क्षण भर के निवेश को
बस याद रही हैं कुछ बाते
कुछ फीकी कुछ गमछे में बांधे
ताक रहा हूं चौखट को
गुजरी स्मृति के औघट को
छनकार रही हैं ओस
मीठे मीठे काफल में
इक लहर चली हैं बादल में
नित नयनों के अधिआंचल में

~भूमिका
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

01 Jan, 07:08


इक लहर चली हैं बादल में
नित नयनों के अधि आँचल में
इक भंवर जाल हैं बातों का
विषय, समय अधिरातों का
मैं परदेशी हूं नगर-नगर का
चलत मुसाफ़िर हर डगर डगर का
बहली फुसली बाते करता
दृग रेखा के घाटो में
अब छोड रहा हूँ देश को
मेरे क्षण भर के निवेश को
बस याद रही हैं कुछ बाते
कुछ फीकी कुछ गमछे में बांधे
ताक रहा हूं चौखट को
गुजरी स्मृति के औघट को
छनकार रही हैं ओस
मीठे मीठे काफल में
इक लहर चली हैं बादल में
नित नयनों के अधिआंचल में

~भूमिका
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

31 Dec, 17:08


ये उदासी एक दिन या एक महीने की नहीं,
ये तो बरसों की मेहरबानी है।
उसने कभी अपना माना ही नहीं,
ये तो बस हमारे ज़िद्दी दिल की नादानी है।।

#mot #review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

31 Dec, 14:50


मरना तुम्हें हर हाल में है
मर-मर कर जीना है
या जीकर मरना है
फैसला तुम्हारे हाथ में है
#पंछी🕊️
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

31 Dec, 12:44


फिर वह आख़िरी रात आई है,
इस साल का पूरा लेखा-जोखा याद दिलाई है।

शायद कुछ लोगों के लिए यह साल बहुत अच्छा या बहुत बुरा ज़रूर रहा होगा।
लेकिन तुम अब आगे नई शुरुआत, नए सपने, और नए जोश से जीवन जी सको,
इसलिए यह साल अपना अंत लाई है।

#review
#Rajeshwar(Aryan)

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

31 Dec, 12:44


फिर वह आख़िरी रात आई है,
इस साल का पूरा लेखा-जोखा याद दिलाई है।

शायद कुछ लोगों के लिए यह साल बहुत अच्छा या बहुत बुरा ज़रूर रहा होगा।
लेकिन तुम अब आगे नई शुरुआत, नए सपने, और नए जोश से जीवन जी सको,
इसलिए यह साल अपना अंत लाई है।
#review
#Rajeshwar(Aryan)

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

31 Dec, 09:50


ख़ौफ़नाक चीख़ती सड़कों पर
झुके हुए थे
बुझे हुए
ठिठुरते लैंप पोस्ट…

– अदनान कफ़ील दरवेश

मुझे नहीं पता कि कितने लोग किसी लैंप पोस्ट को देखकर ठहरते हैं, कितने उसे समझने की कोशिश करते हैं।
खैर, लैंप पोस्ट को समझना शायद इतना भी मुश्किल नहीं। वह तो बस एक खंभा है, जिसके ऊपर एक बल्ब टंगा होता है। किसी के लिए यह सिर्फ़ सड़क पर रौशनी का साधन है, तो किसी के लिए महज शोकेस का सामान।

आज आपको एक ऐसे ही लैंप पोस्ट से मिलवाता हूंँ। मैं कुछ दिन पहले लाल किला गया था, शायद पचासवीं बार। पर पहली बार, मेरी नजर एक लैंप पोस्ट पर ठहरी। मुझे वह लैंप पोस्ट बेहद सुंँदर और एस्थेटिक लगा, शायद इसीलिए मैंने झपाक से उसकी एक तस्वीर खींच ली। लेकिन कुछ पल उसे निहारने के बाद, मेरे भेजे ने खुद-ब-खुद कहानियांँ बुनना शुरू कर दिया।

जैसे...

एक बूढ़ा आदमी, हाथ में छोटा कीपैड वाला फोन लिए लैंप पोस्ट के नीचे खड़ा है। उसकी आंँखें धुंँधली हो चुकी हैं, इसलिए वह इस बल्ब की रौशनी में फोन के बटन टटोल रहा है। शायद वह अपने बेटे से बात करना चाहता है। पत्नी तो बिल्कुल भी नहीं, क्योंकि वह वहीं पास में हाथों में पुराना गमछा लिए खड़ी, अपनी उलाहती आंँखों से लाल किले को निहार रही है। उसकी मांँग में सिंदूर लबालब भरा हुआ है, उसके पति को इससे ब्रह्मा की उम्र लग जाएगी।

एक और कहानी – कुछ बच्चे इस लैंप पोस्ट के इर्द-गिर्द भाग रहे हैं। अपनी कोमल और थोड़ी फटी हथेलियों से पोल पर थपकियांँ मारते हुए खिलखिला रहे हैं। एक बच्चा बाजू वाले लैंप पोस्ट से लिपटा हुआ है और दूसरा उसे पकड़ने की कोशिश में मगन है। शायद ये बच्चे पकड़म-पकड़ाई खेल रहे हैं। हो सकता है कि ये खेल 'नदी-पहाड़' हो, क्योंकि कुछ बच्चे लैंप पोस्ट के चबूतरे से नीचे उतरने का नाम ही नहीं ले रहे। कभी-कभी सोचता हूंँ, इतनी बेफिक्री भला कैसे आती है? वैसे, कभी मैं भी ऐसा ही था।

या फिर... एक नई शादीशुदा जोड़े की कहानी। न जाने क्यों, मेरे चेहरे पर इस खयाल से ही एक अलग गुलाबी आ गई। वह जोड़ा लैंप पोस्ट के दोनों तरफ़ खड़ा होकर एक-दूसरे को झांँक रहा है। शायद कोई दूर से उनकी तस्वीर भी खींच रहा हो। दोनों बेहद खुश हैं, एक-दूसरे का हाथ थामे हुए। लड़के ने नए जूते पहने हैं, शायद शादी में मिले होंगे। भगवान करे, इस जोड़े की समीपी सुहावन रहे।

यह लैंप पोस्ट शायद उतना आम भी नहीं जितना लगता है। बॉब यानेगा ने अपनी किताब 'द लिटिलेस्ट लैंपपोस्ट' में ऐसे किसी लैंप पोस्ट का ज़िक्र तो बिल्कुल भी नहीं किया था। न जाने मेरी दिलचस्पी अचानक से लैंप पोस्ट जैसे निर्जीव चीज़ों पर क्यों बढ़ने लगी। वैसे, मैं ऐसा बिल्कुल भी नहीं हूंँ, लेकिन अब तो सड़क के सारे लैंप पोस्ट मुझे कहानियांँ सुनाने लगे हैं।

यह थोड़ी बहकी हुई बातें लग सकती हैं, इन पर ध्यान न दें। अगली बार जब आप किसी लैंप पोस्ट के पास से गुजरें, तो बस निकल जाइएगा। वहांँ ठहरने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है।

अगर आपने इसे अंत तक पढ़ा है, तो आपका वक्त जाया करने के लिए माफ़ी चाहूंँगा।

शुक्रिया♥️

#govind #review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

31 Dec, 06:58


मैं होती रही पल पल तेरी.
पर तू मेरा हमदम कब हुआ..

मैं सहती रही हर दर्द अकेले
सच बता मेरा हर गम तेरा कब हुआ...

#review
#Suhani

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

31 Dec, 02:20


मैं होती रही पल पल तेरी.
पर तू मेरा हमदम कब हुआ..

मैं सहती रही हर दर्द अकेले
सच बता मेरा हर गम तेरा कब हुआ...

#review
#Suhani

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

31 Dec, 01:13


दूसरों को क्या दोष दूं, मैंने तो अपने आपको ही बेवकूफ बनाया है।
कल मेरा दिन होगा, के लालच में मैंने अपना आज गंवाया है।

#review
#Rajeshwar(Aryan)

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

30 Dec, 20:26


दूसरों को क्या दोष दूं, मैंने तो अपने आपको ही बेवकूफ बनाया है।
कल मेरा दिन होगा, के लालच में मैंने अपना आज गंवाया है।

#review
#Rajeshwar(Aryan)

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

30 Dec, 20:19


दूसरों को क्या दोष दूं, मैंने तो अपने आपको ही बेवकूफ बनाया है।
कल मेरा दिन होगा, के लालच में मैंने अपना आज गंवाया है।

#review
#Rajeshwar

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

30 Dec, 16:32


ख़ौफ़नाक चीख़ती सड़कों पर
झुके हुए थे
बुझे हुए
ठिठुरते लैंप पोस्ट…

– अदनान कफ़ील दरवेश

मुझे नहीं पता कि कितने लोग किसी लैंप पोस्ट को देखकर ठहरते हैं, कितने उसे समझने की कोशिश करते हैं।
खैर, लैंप पोस्ट को समझना शायद इतना भी मुश्किल नहीं। वह तो बस एक खंभा है, जिसके ऊपर एक बल्ब टंगा होता है। किसी के लिए यह सिर्फ़ सड़क पर रौशनी का साधन है, तो किसी के लिए महज शोकेस का सामान।

आज आपको एक ऐसे ही लैंप पोस्ट से मिलवाता हूंँ। मैं कुछ दिन पहले लाल किला गया था, शायद पचासवीं बार। पर पहली बार, मेरी नजर एक लैंप पोस्ट पर ठहरी। मुझे वह लैंप पोस्ट बेहद सुंँदर और एस्थेटिक लगा, शायद इसीलिए मैंने झपाक से उसकी एक तस्वीर खींच ली। लेकिन कुछ पल उसे निहारने के बाद, मेरे भेजे ने खुद-ब-खुद कहानियांँ बुनना शुरू कर दिया।

जैसे...

एक बूढ़ा आदमी, हाथ में छोटा कीपैड वाला फोन लिए लैंप पोस्ट के नीचे खड़ा है। उसकी आंँखें धुंँधली हो चुकी हैं, इसलिए वह इस बल्ब की रौशनी में फोन के बटन टटोल रहा है। शायद वह अपने बेटे से बात करना चाहता है। पत्नी तो बिल्कुल भी नहीं, क्योंकि वह वहीं पास में हाथों में पुराना गमछा लिए खड़ी, अपनी उलाहती आंँखों से लाल किले को निहार रही है। उसकी मांँग में सिंदूर लबालब भरा हुआ है, उसके पति को इससे ब्रह्मा की उम्र लग जाएगी।

एक और कहानी – कुछ बच्चे इस लैंप पोस्ट के इर्द-गिर्द भाग रहे हैं। अपनी कोमल और थोड़ी फटी हथेलियों से पोल पर थपकियांँ मारते हुए खिलखिला रहे हैं। एक बच्चा बाजू वाले लैंप पोस्ट से लिपटा हुआ है और दूसरा उसे पकड़ने की कोशिश में मगन है। शायद ये बच्चे पकड़म-पकड़ाई खेल रहे हैं। हो सकता है कि ये खेल 'नदी-पहाड़' हो, क्योंकि कुछ बच्चे लैंप पोस्ट के चबूतरे से नीचे उतरने का नाम ही नहीं ले रहे। कभी-कभी सोचता हूंँ, इतनी बेफिक्री भला कैसे आती है? वैसे, कभी मैं भी ऐसा ही था।

या फिर... एक नई शादीशुदा जोड़े की कहानी। न जाने क्यों, मेरे चेहरे पर इस खयाल से ही एक अलग गुलाबी आ गई। वह जोड़ा लैंप पोस्ट के दोनों तरफ़ खड़ा होकर एक-दूसरे को झांँक रहा है। शायद कोई दूर से उनकी तस्वीर भी खींच रहा हो। दोनों बेहद खुश हैं, एक-दूसरे का हाथ थामे हुए। लड़के ने नए जूते पहने हैं, शायद शादी में मिले होंगे। भगवान करे, इस जोड़े की समीपी सुहावन रहे।

यह लैंप पोस्ट शायद उतना आम भी नहीं जितना लगता है। बॉब यानेगा ने अपनी किताब 'द लिटिलेस्ट लैंपपोस्ट' में ऐसे किसी लैंप पोस्ट का ज़िक्र तो बिल्कुल भी नहीं किया था। न जाने मेरी दिलचस्पी अचानक से लैंप पोस्ट जैसे निर्जीव चीज़ों पर क्यों बढ़ने लगी। वैसे, मैं ऐसा बिल्कुल भी नहीं हूंँ, लेकिन अब तो सड़क के सारे लैंप पोस्ट मुझे कहानियांँ सुनाने लगे हैं।

यह थोड़ी बहकी हुई बातें लग सकती हैं, इन पर ध्यान न दें। अगली बार जब आप किसी लैंप पोस्ट के पास से गुजरें, तो बस निकल जाइएगा। वहांँ ठहरने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है।

अगर आपने इसे अंत तक पढ़ा है, तो आपका वक्त जाया करने के लिए माफ़ी चाहूंँगा।

शुक्रिया♥️

#govind #review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

30 Dec, 05:50


Khuda sbka sath deta hai
Jo thkkar har jate hain unka bhi
Or jo ldna svikar krte hain unka bhi
Jo thke har jate hain unki jindgi ko asan kr dete hain
Jo ldna chahte hai unhe hosla dete hain
Asan jindgai chahne vale aam insano ki bhaati chle jate hain
Ldne vale apni ek alg pehchan bna jate hain
#पंछी🕊️
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

29 Dec, 16:39


डर लगता है कि वह मैं नहीं,
जानता हूँ जिसको वह मैं नहीं,
चिख रहा हूँ मैं मुझमें कहीं,
ख़ामोश वह शख्स मैं नहीं।
जानता नहीं हूँ शायद खुदको मैं,
जी रहा हूँ वह जो मैं नहीं,
आईना भी है झूठा यहाँ,
मुस्कुरा रहा शख्स वह मैं नहीं।
एक तलाश में हूँ अपने सच के,
झूठा वह शख्स वह मैं नहीं।
अजनबी है सारी दुनिया मुझसे
हाल-ए-दिल बताता वह शख्स मैं नहीं।


~दिग्विजय

#review
#Digvijay

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

29 Dec, 16:19


आधी अधूरी ज़िंदगी गुजरी …
गुजरी उम्र तमाम भी नहीं …
महोब्बत महोब्बत करता फिरता …
जानता उसका नाम भी नहीं …

~KAILASH

#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

27 Dec, 16:22


हर इक पल मौत को मनाया उस ने
हयात का मातम भी मनाया उस ने

ज़र्फ़ ने तो पहले ही ठुकरा दिया था
नाकामियों को फिर भी सताया उस ने

हर महफ़िल में रहा था शमा की तरह
पूछने पर तीरगी को घर बताया उस ने

थोड़ा सहम गए थे अब हादसे भी उस से
एहसान सांसों पर हर दफा जताया उस ने

क्या ही जलाएंगे वो खाक को हसरत
हर सांस को इस तरह खाक बताया उस ने ।।



हसरत💌


हयात - जीवन ( Life )
ज़र्फ़ - योग्यता( Competent)
शमा - दिया ( Lamp)
तीरगी - अंधेरा ( Darkness )
खाक - धूल ( Dust )

#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

27 Dec, 12:15


हर इक पल मौत को मनाया उस ने
हयात का मातम भी मनाया उस ने

ज़र्फ़ ने तो पहले ही ठुकरा दिया था
नाकामियों को फिर भी सताया उस ने

हर महफ़िल में रहा था शमा की तरह
पूछने पर तीरगी को घर बताया उस ने

थोड़ा सहम गए थे अब हादसे भी उस से
एहसान सांसों पर हर दफा जताया उस ने

क्या ही जलाएंगे वो खाक को हसरत
हर सांस को इस तरह खाक बताया उस ने ।।



हसरत💌


हयात - जीवन ( Life )
ज़र्फ़ - योग्यता( Competent)
शमा - दिया ( Lamp)
तीरगी - अंधेरा ( Darkness )
खाक - धूल ( Dust )

#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

27 Dec, 12:07


सुनो ए नींद आना तुम कभी तनहा भी रातों को
न लाना साथ मे अपने तुम अश्कों को यादों को
मगर तुम ध्यान से आने से पहले ही बता देना
मैं दे आऊँगा न्यौता उन सारे बिसरे ख्वाबों को

फिर दोनों साथ में बैठेंगे उस दीवान पर फिर से
जिसकी ठीक न कर पाया हूँ चादर एक अरसे से
फिर तुम बातें सभी करना सुनूँगा शांत मैं तुमको
बातें खूब सारी आजकल करता हूँ मैं खुद से

सुनो एक काम है तुमसे बताओ तुम करोगी क्या
मेरे दिन रात खाली है बताओ तुम भरोगी क्या
बड़ा मायूस रहता है मेरा मन भी ये आंगन भी
बस दो चार दिन को ही मेरे घर में रहोगी क्या

#Hriday
#review

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Hindi/Urdu Poems

26 Dec, 18:09


रोज देकर धमकियां मारने की मुझे,चैन से सो जाते हैं
मुझसे उन्हें जरा सा भी खौफ नहीं!
#पंछी🕊️
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

26 Dec, 18:09


रोज देकर धमकियां मारने की चैन से सो जाते हैं
मुझसे उन्हें जरा सा भी खौफ नहीं!
#पंछी🕊️
#review

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Hindi/Urdu Poems

26 Dec, 17:08


Agr vo khe muje shadi krni hai
To khete hain haye shrm nhi aati
Apni he shadi ki bat krte hue
Ruka nhi jata isse
Vo khe mai shadi nhi Krna chahti to
Ldkiyon ko shadi to krni he pdti h sari umar thoda na bitha k rkhenge
Vo shadi k bad khe k mai to sanyasi jivan jina chahti hu to
Sanyasi ki treh jina tha to shadi nhi krti
Agr khe phle ,nhi uski Ruchi kam mai to
Y sb nhi chlta h rit h y to
Khe vo y rit nhi mera blatkar hoga
To khe y to sbka hota aaya h tum kya alg ho
Khud bistar dekar apni bete k blatkar ko
Yhi log kisi or ki beti k liye phr candle march ko nikl padte hain
Juthi ijjat k nam pr apna jamir mar dete hain

Mna kre vo shadi se to marte hain pittte hain
Dete hain mrne or marne ki dmkiyan
Na Dre vo in dmkiyo se to
Jbrdasti kisi ki ghadi mai dal vidha kr dete hain
Muk bnke dekhta rehta hai y samaj
Nach gane k sath krta hai tyari uski mot ki
Or agr jina chae vo jindgai apni to krta hai thu thu
Nhi aati muje samj ijjat ki paribhasa
Khud ki jindgai ka faisla lene ka b adhikar nhi
Phir kyu puja jata hai deviyon ko muje samj aata nhi
Thk gyi hun mai ye dohre chere dekh dekh
Magr mai Hari nhi hun
Har roj kosis ki Jaa rhi hai muje todne ki
Magr ab mujme tutne ko kuch bacha nhi
Mn krta hai bhag jau khi dur
Mgr meri wjeh se lge pabandiya meri choti pr ye bardasht nhi
Ldungi mai apni akhiri sans tk kyunki Mai janti hu Mai glt nhi
Na krungi kuch glt khud k sath
Na kisi or ko y adhikar dungi
Katr sakte hain panchi k pankho ko ye
Panchi k hosle ko katrne ki kisi mai okat nhi
#पंछी 🕊️
#review

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Hindi/Urdu Poems

26 Dec, 15:42


एक अरसा हो चुका हैं अब
गुजरा वो वक़्त पुराना हैं
ना मजा वो अब तरकारी में हैं
ना चपाती में छुपा खजाना हैं
~भूमिका
#review

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Hindi/Urdu Poems

26 Dec, 03:33


फिर उन्हें तसल्ली थी के थके - हारे घर जाएंगे
आप बताइए हसरत अब आप किधर जाएंगे ।



हसरत💌
#review

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Hindi/Urdu Poems

26 Dec, 03:24


मेरे तसव्वुर के अफसाने में तेरा किरदार कुछ ऐसा है
दुनियां में जो कुछ भी हसीन है हसरत सब तेरे जैसा है ।

हसरत💌

तसव्वुर - Imagination
अफसाने - Stories
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

25 Dec, 15:31


हम बाजारू हो गए !



सड़क के एक तरफ खड़ी वो
सड़क के दूसरी ओर मैं
बेढंग होना था उसका ढंग
चंद किताबें और कुछ पन्ने मेरे संग
तमाशा दोनो का था बना हुआ
दोनो ने देखा था समाज का रंग
वो बेच रही थी खरीदने वाले की नियत
मैं आस में था के कोई खरीद सके मेरे जज़्बात
वो खेल रही थी उनकी आन से
मैं बेच रहा था खुद को शान से
सितारे सजे थे, थी सस्ती पर
वो हस्ती थी उनकी हस्ती पर
जो जो ठहरा उनकी बस्ती पर
मैं खड़ा था अब इक कोने में
नहीं दिया कोई मोल किसी ने
सुनी शायरी सिर्फ शायद उस ने
हस कर बोली कुछ ढंग का कर
हसरत खुद को नंगा कर
बिना बात के दंगा कर
अपने जज्बातों को नंगा कर ।



उस की आबरू जो थी, थी समाज का आइना
मेरी पोटली में थी हसरत नुमाइश मेरी ।।



हसरत💌

#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

25 Dec, 14:51


हम बाजारू हो गए !



सड़क के एक तरफ खड़ी वो
सड़क के दूसरी ओर मैं
बेढंग होना था उसका ढंग
चंद किताबें और कुछ पन्ने मेरे संग
तमाशा दोनो का था बना हुआ
दोनो ने देखा था समाज का रंग
वो बेच रही थी खरीदने वाले की नियत
मैं आस में था के कोई खरीद सके मेरे जज़्बात
वो खेल रही थी उनकी आन से
मैं बेच रहा था खुद को शान से
सितारे सजे थे, थी सस्ती पर
वो हस्ती थी उनकी हस्ती पर
जो जो ठहरा उनकी बस्ती पर
मैं खड़ा था अब इक कोने में
नहीं दिया कोई मोल किसी ने
सुनी शायरी सिर्फ शायद उस ने
हस कर बोली कुछ ढंग का कर
हसरत खुद को नंगा कर
बिना बात के दंगा कर
अपने जज्बातों को नंगा कर ।



उस की आबरू जो थी, थी समाज का आइना
मेरी पोटली में थी हसरत नुमाइश मेरी ।।



हसरत💌

#review

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Hindi/Urdu Poems

25 Dec, 14:50


फिर उन्हें तसल्ली थी के थके - हारे घर जाएंगे
आप बताइए हसरत अब आप किधर जाएंगे ।



हसरत💌
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

25 Dec, 14:49


मेरे तसव्वुर के अफसाने में तेरा किरदार कुछ ऐसा है
दुनियां में जो कुछ भी हसीन है हसरत सब तेरे जैसा है ।

हसरत💌

तसव्वुर - Imagination
अफसाने - Stories
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

20 Dec, 14:35


सच में मेरे बाद तुम किसको इतना चाहोगे..
एक लम्हा भी याद आया तो जीते जी मर जाओगे।..

#Suhani
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

20 Dec, 05:30


अगहन की धुंध में
सब कुछ धुंधला था—
सड़क, पेड़,
और मेरी प्रतिक्षा

सामने चाय की केतली से
उठती भाप,
उस ठंडी हवा को
चुनौती दे रही थी

चाय के साथ रखा
समोसा और वड़ा,
मानो मुझसे पूछ रहे हों,
"कब तक रुकोगे?"

- गोविंद

#govind #review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

19 Dec, 18:06


अकेलापन अच्छा लगता है
ऐसी भी कोई बात नहीं है
जिस दौर से गुज़र रहा हूं मैं
अच्छा है कोई साथ नहीं है
मेरी जलती दुनिया की
जलन क्यूं कोई और सहे
मेरी राहों के कांटों की
चुभन क्यूं कोई और सहे
क्यूं मेरे हिस्से की पीड़ा
पर अधिकार किसी का हो
क्यूं उजड़ा,सूना, बंजर सा
ये संसार किसी का हो
सब कह-सुन के हूं हार चुका
कहने वाली कोई बात नहीं है
जिस दौर से गुज़र रहा हूं मैं
अच्छा है कोई साथ नहीं है

#Hriday
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

19 Dec, 16:06


एक अरसा हो चुका हैं अब
गुजरा वो वक़्त पुराना हैं
ना मजा वो अब तरकारी में हैं
ना चपाती में छुपा खजाना हैं
~भूमिका
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

18 Dec, 06:12


Todi fursat mere liye bhi rakhna.........
Kitna saara interzar rha mere 
hisse mein......
Kabhi kabhi kahi ruk jana bhi
acha hai na......
Apna time ko humra time hone dena hai...........
Na umeed se hi lekin koi toh
umeed hai.......
Uljhe se sawal hai suljhe se jawabo mein.............

~साक्षी
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

17 Dec, 03:15


जिंदगी जीने के लिए सांसे कम होनी चाहिए, सुबह हस्ती हुई आंखों रात में रोनी चाहिए

तुझे इतना प्यार किया था तो लाजमी है, तुझे मुझसे नफरत है और जरूर होनी चाहिए

आज का हिसाब तो आज ही हो तो अच्छा पिछले जन्म की सजा इस जन्म नहीं होनी चाहिए
#review
#arpit

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

16 Dec, 17:15


गलती है तुम्हारी है तुम्हे दुखी होना चाहिए
तुम उनको दिल दे आए जिन्हें खिलौना चाहिए।

कोई नहीं मारता यहां किसी के बिना
जिंदा रहने के लिए हवा,पानी और खाना चाहिए

तुझे हमसे नफरत हो हमे भी तुमसे घिन आए
प्यार में इतना आगे भी नहीं जाया जाना चाहिए

#review
#arpit

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Hindi/Urdu Poems

16 Dec, 17:13


Todi fursat mere liye bhi rakhna.........
Kitna saara interzar rha mere 
hisse mein......
Kabhi kabhi kahi ruk jana bhi
acha hai na......
Apna time ko humra time hone dena hai...........
Na umeed se hi lekin koi toh
umeed hai.......
Uljhe se sawal hai suljhe se jawabo mein.............

~साक्षी
#review

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Hindi/Urdu Poems

16 Dec, 16:32


उसकी रुसवाई ने दिल को जला रखा है, मुझको बिल्कुल ही ख़ाक बना रखा है,

मैं उससे नाराज कैसे हो सकता भला
उसके लिए मैंने सारा प्यार बचा रखा है,

उसको कोई देख ना ले मेरे दिल में
मैंने अपना हर दीया बुझा रखा है,

वो हाथ मेरा थामें तब ना जनाब
मैंने खुद को पागल बना रखा है,

तूझे नहीं आना तो मत आ मैंने
वापस जाने का रास्ता न बचा रखा है,

#Ranga
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

16 Dec, 16:28


जिंदगी जीने के लिए सांसे कम होनी चाहिए, सुबह हस्ती हुई आंखों रात में रोनी चाहिए

तुझे इतना प्यार किया था तो लाजमी है, तुझे मुझसे नफरत है और जरूर होनी चाहिए

आज का हिसाब तो आज ही हो तो अच्छा पिछले जन्म की सजा इस जन्म नहीं होनी चाहिए
#review
#arpit

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

16 Dec, 16:27


गलती है तुम्हारी है तुम्हे दुखी होना चाहिए
तुम उनको दिल दे आए जिन्हें खिलौना चाहिए।

कोई नहीं मारता यहां किसी के बिना
जिंदा रहने के लिए हवा,पानी और खाना चाहिए

तुझे हमसे नफरत हो हमे भी तुमसे घिन आए
प्यार में इतना आगे भी नहीं जाया जाना चाहिए

#review
#arpit

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

16 Dec, 16:05


कभी चेहरे के नूर पे लिखता हूं
कभी आंखों के गुरुर पे लिखता हूं
देखता हूं जब भी तुझको मैं
तेरे जुल्फों के सुरूर पे लिखता हूं ,

तू कह दे तो कुछ भगवान पे लिखूं
तेरे होठों से निकलते अपने नाम पे लिखूं
तू कह तो मैं तुझे सोचता बैठू
या तेरे संग बिताए उस शाम पे लिखूं ?

डर है मुझे कही तेरा यार ना बन जाऊं
प्रयोग हो तेरे खिलाफ वो हथियार न बन जाऊं
तू कह तो सिर्फ मैं एक कायर बन जाऊ
लिखते लिखते तुझे कहीं मैं शायर ना बन जाऊ ।।

#aadarshkumar
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

16 Dec, 13:38


कभी चेहरे के नूर पे लिखता हूं
कभी आंखों के गुरुर पे लिखता हूं
देखता हूं जब भी तुझको मैं
तेरे जुल्फों के सुरूर पे लिखता हूं ,

तू कह दे तो कुछ भगवान पे लिखूं
तेरे होठों से निकलते अपने नाम पे लिखूं
तू कह तो मैं तुझे सोचता बैठू
या तेरे संग बिताए उस शाम पे लिखूं ?

डर है मुझे कही तेरा यार ना बन जाऊं
प्रयोग हो तेरे खिलाफ वो हथियार न बन जाऊं
तू कह तो सिर्फ मैं एक कायर बन जाऊ
लिखते लिखते तुझे कहीं मैं शायर ना बन जाऊ ।।

#aadarshkumar
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

16 Dec, 07:35


किया है प्यार जिसे हम ने ज़िंदगी की तरह
वो आश्ना भी मिला हम से अजनबी की तरह

किसे ख़बर थी बढ़ेगी कुछ और तारीकी
छुपेगा वो किसी बदली में चाँदनी की तरह

बढ़ा के प्यास मिरी उस ने हाथ छोड़ दिया
वो कर रहा था मुरव्वत भी दिल-लगी की तरह

सितम तो ये है कि वो भी न बन सका अपना
क़ुबूल हम ने किए जिस के ग़म ख़ुशी की तरह

कभी न सोचा था हम ने 'क़तील' उस के लिए
करेगा हम पे सितम वो भी हर किसी की तरह


#QateelShifai #review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

16 Dec, 06:44


मुझे फुर्सत कहां की मौसम सुहाना देखूं ,
तेरी यादों से निकलूं तब तो जमाना देखूं।।

#review #anjaan lekhika

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

16 Dec, 06:39


और कितने तूफ़ान बाक़ी हैं
ज़िंदगी तेरे इम्तिहान बाक़ी हैं
आज़मा ले जितना आज़माना है
अभी मेरे हौसलों में जान बाक़ी है

#Rwrites #review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

16 Dec, 06:29


कहीं फ़िराक़ का ये भी असर हो गया
जो दरिया था लफ़्ज़ों का, समुंदर हो गया

#Rwrites
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

15 Dec, 19:02


जिस बाज़ार में बिकता है हर एक रिश्ता
मैं पागल उस बाज़ार में खाली जेब आया हूँ

#AkashArn✍️ #review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

15 Dec, 14:10


ना हमें इश्क मोहब्बत करनी है,ना ही हम किसी के दीवाने हैं...
बस पढ़ रहे हैं जिंदगी को अभी, हमें सपने जो आजमाने हैं...

#Gungun
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

15 Dec, 12:03


कि मुख से निकले शब्द भी अब रूठ जाना चाहते हैं...
हम कहना कुछ और चाहते हैं कह कुछ और जाते हैं...

#Gungun
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

06 Dec, 13:33


देखा और उसे चाहा भी है मैंने,
चाहा और उसे पाया भी है मैंने,
कर हासिल उसे बहकाया भी है मैंने,
उसके हसीन पालो को चुराया भी हैं मैंने,
नजाने किस कमबख्त की नज़र पडी उसपे,
दूजे पल सब कुछ गंवाया भी है मैंने....

#Krushnakant
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

05 Dec, 13:04


मेरी मुहोब्बत,मेरी खुदा मेरी इबादत हो चुकी है

ना सोचूं उनको , तो मेरी दुनिया बेरुखी है

हर चांदनी रात को अमावस्या कर रहा हूं

उनको पाने की अब तो तपस्या कर रहा हूं।

#review
#aadarshkumar

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

04 Dec, 15:54


कैसे दू मैं वक्त खुदको
ये दिल अभी भी उनका दीवाना है ,

मैं ठहरा एक तरफा आशिक़
यादों में उनकी बस मर जाना है ।

#review
#aadarshkumar

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

04 Dec, 14:44


वादे पे उनके हमने , खुद को रोक रखा है ,
बहती आंखों की दरिया में , खुदको झोंक रखा है ,

वो तो छोड़ चले गए तन्हाई के इस मकान पर,

मिलेंगे फिर कभी , बस ये सोच रखा है ।
#aadarshkumar
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

04 Dec, 13:49


अरे! दिल का जुदा होना वो क्या जाने
जो सवरती जुल्फों से परवाना कर गए ,


जुदा तो केवल हम हुए थे
जो दिल को उनका दीवाना कर गए ।
#aadarshkumar
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

04 Dec, 13:31


पेट और रोटी की लड़ाई में
इस कदर टूट गया,
रहकर भीड़ में भी
मैं तनहा रह गया....

#Krushnakant
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

04 Dec, 13:03


जीतने भी साथ थे सब छूट गए हसरत
अपनी तबाही का मंजर मैने अकेले देखा है ।


हसरत💌

#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

03 Dec, 14:19


जीतने भी साथ थे सब छूट गए हसरत
अपनी तबाही का मंजर मैने अकेले देखा है ।


हसरत💌

#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

03 Dec, 06:43


सपने आँखों में रख लो तुम
उनको पलकों से ढक लो तुम
ये स्वप्न बड़े कोमल होते
हल्की सी ठोकर से खोते
एक बार को जी भर रो लो तुम
एक बार ही सपने खो लो तुम
फिर धीर जरा मन में धरना
खुद से खुद में जीवन भरना
तुम नारी हो जग जनती हो
तुम देवी हो माँ बनती हो
तुम कितने सूरज पालती हो
कितने जीवन सम्भालती हो
तुम शक्ति स्वरूपा सबला हो
नही शक्ति हीन न अबला हो
गंगा बन सबको तरती हो
वर्षा बन ताप हरती हो
जग में तुम जीवन भरती हो
तुम प्राणदायिनी धरती हो
ममता क्या है दिखलाती हो
जग को तुम प्रेम सिखाती हो
धीरज की परिभाषा हो तुम
फिर क्यूँ इतना घबराती हो


#Hriday
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

02 Dec, 18:44


सब अच्छा होगा

प्रतीक्षारत है भविष्य तुम्हारा, ऐसे न समय गवाना होगा।
शक्ति है तो दिखना होगा, पथ बाधाओं से टकराना होगा।
मंजिल तनिक दूर भली, आत्मसंयमित रहना होगा।
हां - हां क्यों भरते हो सबमें, न भी तुमको कहना होगा।
सोच - समझ के कहना भी, सोच - समझ के करना होगा।
चिंतित क्यों होते हो अंकित, यूं सोच समझ के क्या ही होगा।
जो भी होगा अच्छा होगा , जो भी होगा अच्छा होगा।

ऊर्जा जब तुम खो बैठोगे, घोर अंधेरा फिर से होगा।
जीत नहीं तो हार भी सही, सब हमको स्वीकारित होगा।।
दुर्गम क्षेत्र प्रपंचयुक्त पथ, तूफानों का आना होगा।
कठिन काल - दुर्भिक्ष काल में, धैर्यवान तो बनना होगा।।
लोग कहेंगे कायर हो तुम, खामोश तुम्हें तब रहना होगा।
सहनशील - बलवान तुम अंकित, उनके कहने से क्या ही होगा।।
जो भी होगा अच्छा होगा, जो भी होगा अच्छा होगा।।

प्रसिद्धि जब तुम पा जाओगे, अहंकार से बचना होगा।
पुनः लक्ष्य केंद्रित होकर, सूर्य की भांति बढ़ना होगा।।
भौतिक आकर्षण जब देखोगे, मन अशांत - चंचल होगा।
इंद्रिय सुख में डूब गए तो, कैसे तू अंकित सफल होगा।।
लक्ष्य बड़ा है अटल तुम्हारा, वर्तमान में जीना होगा।
कल की चिंता क्यों करते हो, चिन्ता करने से क्या ही होगा।।
जो भी होगा अच्छा होगा , जो भी होगा अच्छा होगा।।

#ankitpastor
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

02 Dec, 11:12


दुश्मनी के लिए लड़ाई जरूरी नहीं है।
बस आप थोड़ी सी तरक्की कर करलो।
दुश्मन अपने आप बन जाएंगे।
#Urmila
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

02 Dec, 09:27


प्रसिद्धि जब तुम पाओगे, अहंकार से बचना होगा।
पुनः लक्ष्य केंद्रित होकर, सूर्य की भांति बढ़ना होगा।।
भौतिक आकर्षण जब देखोगे, अशांत मन चंचल होगा।
इंद्रिय सुख में डूब गए तो, कैसे तू अंकित सफल होगा।।
लक्ष्य बड़ा है अटल तुम्हारा, वर्तमान में जीना होगा।
कल की चिंता क्यों करते हो, चिन्ता करने से क्या ही होगा।।
जो भी होगा अच्छा होगा।
जो भी होगा अच्छा होगा।।

#ankitpastor
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

02 Dec, 09:27


प्रसिद्धि जब तुम पाओगे, अहंकार से बचना होगा।
पुनः लक्ष्य केंद्रित होकर, सूर्य की भांति बढ़ना होगा।।
भौतिक आकर्षण जब देखोगे, अशांत मन चंचल होगा।
इंद्रिय सुख में डूब गए तो, कैसे तो अंकित सफल होगा।।
लक्ष्य बड़ा है अटल तुम्हारा, वर्तमान में जीना होगा।
कल की चिंता क्यों करते हो, चिन्ता करने से क्या ही होगा।।
जो भी होगा अच्छा होगा।
जो भी होगा अच्छा होगा।।

#ankitpastor
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

02 Dec, 07:48


प्रसिद्धि जब तुम पाओगे, अहंकार से बचना होगा।
पुनः लक्ष्य केंद्रित होकर, सूर्य की भांति बढ़ना होगा।।
भौतिक आकर्षण जब देखोगे, अशांत मन चंचल होगा।
इंद्रिय सुख में डूब गए तो, कैसे तो अंकित सफल होगा।।
लक्ष्य बड़ा है अटल तुम्हारा, वर्तमान में जीना होगा।
कल की चिंता क्यों करते हो, चिन्ता करने से क्या ही होगा।।
जो भी होगा अच्छा होगा।
जो भी होगा अच्छा होगा।।

#ankitpastor
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

30 Nov, 22:51


वो पसंदीदा किताब थी महफ़ूज़ मेरी अलमारी में,
मैं बिक जाने वाला पुराना अखबार था उसकी रद्दी में...

कोई किसीकी जरूरत था,
तो कोई बना बिसरत था...

#Krushnakant
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

30 Nov, 16:36


वो पसंदीदा किताब थी महफ़ूज़ मेरी अलमारी में,
मैं बिक जाने वाला पुराना अखबार था उसकी रद्दी में...

कोई किसीकी जरूरत था,
तो कोई बना बिसरत था...

#Krushnakant
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

30 Nov, 13:11


किया था कल मैसेज उसे,
अभी तक कोई ख़बर नहीं आई है |

अभी भी होती है बातें उससे,
रही बातों में वो बात नहीं है |

खैर आखिरी तारीख है महीने की,
अभी अभी मेरी तनख्वाह आ गई है....

#Krushnakant
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

29 Nov, 19:16


यहां आए हैं आशिक़ हजारों सनम..
एक तेरा ही चेहरा बेवफ़ा हो गया।।

#ᴀʟᴏɴᴇ ᴡᴀʟᴋᴇʀ
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

26 Nov, 16:41


uske chehre ki chamak ke saamne saada laga..

aasmaan pe chaand pura tha magar aadha laga..

-Iftikhar Naseem
#review
#iftikharnaseem

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

26 Nov, 15:55


बड़ा बनाने के लिए सूर्य जैसा जलाना होगा।
बड़ा कोई भी हो खुद को बड़ा कहना होगा।

Motivate Yourself 🌟

...😊👍
#review review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

26 Nov, 14:02


अश्कों के साथ ख़ुद को दिन रात बहाया हैं
मोहब्बत करने का कर्ज़ मैंने भीं चुकाया हैं..

उठाया हैं मैंने बदनामी का बोझ अकेले ही
पर तेरा नाम किसी को न बताया हैं..

ग़ज़ल बनकर गम निकला मेरे लबों से
आंसू बनकर दर्द आंखो में उतर आया हैं..

अकेला तू ही नहीं चला कांच के रास्तों पर
इन रास्तों पे मैंने भीं अपना लहू बहाया हैं..

तेरे बाद महफिलों से रहने लगा हूं दूर मैं
और तन्हाइयों से एक नया रिश्ता बनाया हैं..

गुजरता हूं जब भी अपनी गांव की गलियों से
तो कसम से दोस्त तू याद बहोत आया हैं..

#ᴀʟᴏɴᴇ ᴡᴀʟᴋᴇʀ
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

25 Nov, 15:23


यह सत्य है कि एकता को कोई हरा नहीं सकता।
पर सौ भेड़ का झुंड एक शेर को खा नहीं सकता।

.....😊🤓☠️
अभय #review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

25 Nov, 15:20


इन नशीली आंखों में सैलाब बहुत है
तुम में खोया रहूं ये ख्वाब बहुत है
और जब भी तुम्हारी आंखों में देखा हमने
और जब भी तुम्हारी आंखों में देखा हमने
अपने मुहोब्बत को देखा लाज़वाब बहुत है

#review
#aadarshkumar

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

25 Nov, 12:26


यह सत्य है कि एकता को कोई हरा नहीं सकता।
पर सौ भेड़ का झुंड एक शेर को खा नहीं सकता।

.....😊🤓☠️
अभय #review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

23 Nov, 14:26


रुके हो तो ब्रह्मज्ञान है सहारा,
मुसीबतों में जो पाता है नकारा।
हर कदम पर जो सत्य का मार्ग चुने,
उसके अलावा कौन हरा सकता है यारा।

....😊☺️
"अभय वर्मा"
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

23 Nov, 12:59


यहां आए हैं आशिक़ हजारों सनम..
एक तेरा ही चेहरा बेवफ़ा हो गया।।

#ᴀʟᴏɴᴇ ᴡᴀʟᴋᴇʀ
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

22 Nov, 22:44


आँसू जब बयां करने पर आए तो बहुत कुछ उजागर कर जाएंगे,
पुतलों से भरे हुए इस शहर में मन का खालीपन दिखा जाएंगे।
बाहर से तो हो टिपटॉप, पर अंदर है जो पीड़ा वो बयां कर जाएंगे,
संभाले न संभलेंगे फिर ये हालत जब आँसू नयनों में आ जाएंगे।

#mor #review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

22 Nov, 22:22


तू कल था मेरा और हो सकता है कल भी हो मेरा, पर आज तो नहीं है ना।
देखकर सुकून मिलता था मुझे, कहीं अब तू बेचैनी की वजह तो नहीं है ना।
रातों को नींद नहीं है अब मेरी, कहीं इसकी वजह तू ही तो नहीं है ना।
लगा था कि तू ही दुनिया है मेरी, कहीं तू भी दुनिया जैसा तो नहीं है ना।


#mor #review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

22 Nov, 02:08


हास्यमय कविता :

रोशनी चांद से होती है सितारों से नहीं, 
पर बातों में ये कहे, “मैं तो सीधे चाँद पर नहीं!” 
चाँद बोले, “मेरे पास आता है हर कोई, 
सिर्फ मेरी दाल में ही सब्जी फ़िज़ा सी नहीं!” 

अलार्म सिर्फ नींद से उठाता है बिस्तर से नहीं, 
पर कभी-कभी तो खुद भी यार, साथ सोता है जी! 
"सॉरी बॉस, मैं काम पर नहीं आ सकता अब, 
तुम्हीं तो हमेशा कहते हो, थोड़ी रेस्ट ही लो, भाई!” 

केवल बाहरी चमक से नहीं, भीतर भी झाँक लो, 
जब खुद की शायरी सुनोगे, हंस कर तो दिखा लो। 
“मेरी राइमिंग तो ऐसी है, जैसे चूहा चॉकलेट खा रहे, 
सुर से सुर मिलाएंगे, ताले शाहिद से भरे है जी!” 

हर दर्द एक सबक है, पर बड़ा मजेदार भी, 
कभी किलकारियाँ मारकर, खुद को कर लो फ्री! 
संघर्ष में थोड़ी मस्ती हो, तो जीवन में आए ख़ुशी, 
"कभी गिरे तो क्या, मैं तो बॉलिवुड का एक्टर हूँ, मेरी पर्सनैलिटी देखो जी!" 

चाँद की रोशनी में हंसी की बरसात हो रही है, 
वो बिल्लियाँ जो चांद के नीचे, टॉम जैरी नज़र आ रही हैं,
बोलो चाँद भैया, कुछ मजेदार बातें कर लें, 
क्या ख्याल है? अगली बार, पकोड़े लाना ना भूलें!

"अभय"
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

22 Nov, 02:08


आज-कल रहता हूँ खुशी में
की कोई तो हाल पूछता है मुझे,
खाली समय में ही सही
मेरी याद आती है तुम्हें,
माना कि मेरी तरह मेरी
यादें सताती नहीं है तुम्हें,
या फिर, क्या तू भी बातें
दिल में लिए याद करती हो मुझे?...

#Krushnakant
#review

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Hindi/Urdu Poems

21 Nov, 13:53


ओ चाँद, तेरा उजाला,
तेरी यादों का साया,
बिन तेरे ये पल हैं,
बस एक खाली साया।

संग तेरे हर लम्हा हो खुशी,
तू जो पास हो, सब है पूरी।
तेरे बिना तो ये चाँद,
भी लुप्त सा है, बिन ठिकाना।

ओ चाँद, तेरा उजाला,
तेरी यादों का साया,
बस एक पल चाहिए,
जो तू बस आए और सब कुछ महकाए।

ओ चाँद, तेरा उजाला,
तेरी यादों का साया,
तेरी रोशनियों ने खुशियां लाया
अपनी पार्टी में तू नहीं आया।

ओ चाँद, ओ मांग
तू हर दिलो पर छाया।
तुझको हर किसी ने मनाया।
अपनी पार्टी में तू नहीं आया।

ओ चाँद, तेरा उजाला,
तेरी यादों का साया,
बिन तेरे ये पल हैं,
बस एक खाली साया।

ओ चाँद, तेरी मीठी रोशनी,
तेरे संग बहे जीवन की कश्ती।
बिन तेरे ये लम्हे, बस हैं एक साया,
ओ चाँद, तू आ, सब कुछ है बसाया।

--- अभय कुमार "वर्मा"
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

21 Nov, 12:23


आज-कल रहता हूँ खुशी में
की कोई तो हाल पूछता है मुझे,
खाली समय में ही सही
मेरी याद आती है तुम्हें,
माना कि मेरी तरह मेरी
यादें सताती नहीं है तुम्हें,
या फिर, क्या तू भी बातें
दिल में लिए याद करती हो मुझे?...

#Krushnakant
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

21 Nov, 12:06


हां सुने हैं हमने भी
आपकी मासूमियत के किस्से
क्योंकि सारे इल्जामात जो
आ गए थे हमारे हिस्से
#review
#sizuka

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

21 Nov, 06:15


प्रेरणादायक कविता :

रोशनी चांद से होती है सितारों से नहीं,
सपने आँखों में बसते हैं अधूरा गीत गाते हुए।
हर पल की कीमत समझो, वक्त की राह पर,
ख्वाबों की परछाई में, हौसला जगाते हुए।

अलार्म सिर्फ नींद से उठाता है बिस्तर से नहीं,
चाहत की लहरों में मन का साहस जगाते हुए।
हर सुबह नई उम्मीद, हर रात नया सबेरा,
जिंदगी की दौड़ में, खुद को पहचानते हुए।

केवल बाहरी चमक से नहीं, भीतर की रोशनी देखो,
अपने अंदर की आग को, तुम भी तो जलाते हुए।
हर दर्द एक सबक है, हर हार एक जीत बनती,
संघर्ष की इस दुनिया में, मुस्कुराते हुए।

न बिखरने दो खुद को, हर मोड़ पर संभलना है,
मुसीबतों की छाया में, अपनी राह बनाते हुए।
चाँद की रोशनी से महकती है यह फिजा,
हर दिन नए रंगों में, खुद को सजाते हुए।

--- #review

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Hindi/Urdu Poems

21 Nov, 00:11


अंधेरे की दामन में छिपा है एक सपना,
जिसे खोजते-खोजते मैं थक गया, पर रुका नहीं।
हर आंसू में छिपा है एक नया उजाला,
बस इसे पहचानना है, अभी ज़िंदगी से झुका नहीं।

हर कदम पर मिले हैं कांटे और शूल,
लेकिन दिल के साहस का, है हर मोड़ पर फूल।
कभी मुश्किलों की गोली से डरता नहीं,
सपनों की रौशनी से, खुद को कभी छिपा नहीं।

.....😊🙂 "अभय"
#review

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Hindi/Urdu Poems

21 Nov, 00:11


अंधेरी आई, पलकों पर बसी तन्हाई

अंधेरी रात, चाँद भी डरता है,
सन्नाटे में दिल, कभी ना झरता है।
सपनों की परछाई, अब सूनापन है,
पलकों पर बसी, एक तन्हाई है।

सूरज की किरणें, दूर कहीं खो गईं,
ज़िंदगी की राहें, अब सख्त हो गईं।
आँखों में बसी, एक ख्वाब की तन्हाई,
कागज पर बिखरी, अदाओं की नदियाँ हैं।

दर्द के काले बादल, मुझ पर छा गए,
खुशियों के सारे रंग, बस धुंधला गए।
लेकिन फिर भी, दिल में एक उम्मीद है,
हर रात के बाद, एक नया सवेरा है।

......🙂😊
#review

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Hindi/Urdu Poems

20 Nov, 15:01


---

हर ठोकर में छिपा है नया सबक, हर मोड़ पर नया सवेरा,
संघर्ष की राह पर चलकर बनो तुम खुद अपने सपनों का राज़दारा।

.....😊☺️ "अभय वर्मा"
#review

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Hindi/Urdu Poems

20 Nov, 14:52


अंधेरे की दामन में छिपा है एक सपना,
जिसे खोजते-खोजते मैं थक गया, पर रुका नहीं।
हर आंसू में छिपा है एक नया उजाला,
बस इसे पहचानना है, अभी ज़िंदगी से झुका नहीं।

हर कदम पर मिले हैं कांटे और शूल,
लेकिन दिल के साहस का, है हर मोड़ पर फूल।
कभी मुश्किलों की गोली से डरता नहीं,
सपनों की रौशनी से, खुद को कभी छिपा नहीं।

.....😊🙂 "अभय"
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Hindi/Urdu Poems

20 Nov, 14:45


अंधेरी आई, पलकों पर बसी तन्हाई

अंधेरी रात, चाँद भी डरता है,
सन्नाटे में दिल, कभी ना झरता है।
सपनों की परछाई, अब सूनापन है,
पलकों पर बसी, एक तन्हाई है।

सूरज की किरणें, दूर कहीं खो गईं,
ज़िंदगी की राहें, अब सख्त हो गईं।
आँखों में बसी, एक ख्वाब की तन्हाई,
कागज पर बिखरी, अदाओं की नदियाँ हैं।

दर्द के काले बादल, मुझ पर छा गए,
खुशियों के सारे रंग, बस धुंधला गए।
लेकिन फिर भी, दिल में एक उम्मीद है,
हर रात के बाद, एक नया सवेरा है।

......🙂😊
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Hindi/Urdu Poems

20 Nov, 14:44


कौन करे वफ़ा की बातें,
कौन करे दवा की बातें।

है उसका सारा कुछ तो,
क्यों करें अना की बातें।

काम करें जायज़ पहले,
तभी करें जज़ा की बातें।

गुनहगार हैं सारे तो फिर,
कौन करे सज़ा की बातें।

न है सलीखा बातों का,
तो न करें हया की बातें।

इक ही बात न दौहराएँ,
करें सबर, दुआ की बातें।

अंधेरा करने वाले हैं आप,
तो यूँ न करें शमा की बातें।

ग़र ईमान वजूद में आ जाए,
तो करें कज़ा-रज़ा की बातें।

करना पहले ख़ाख गुरूर,
फिर करना ख़ुदा की बातें।

- दिव्या ओंकारी 'गरिमा'
#divyaarth
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

19 Nov, 23:00


अगर जिंदगी में मौका मिले फूल बनने का,
तो मत बन, मेरे दोस्त, यह खतरनाक खेल है।
खूबसूरत फूल हुए तो तोड़ लिए जाओगे,
अपना सुगंध बिखरना चाहो तो
कृत्रिम इत्रों के आगे फीका पड़ जाओगे।

तुम्हारी खुशबू हवा में खो जाएगी,
तुम्हारी सुंदरता किसी और की हो जाएगी।
अंत में कहीं पर फेंक दिए जाओगे,
कीमत हुईं भी तो पन्नों में सूख जाओगे।

--- अभय कुमार "वर्मा"
#review

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Hindi/Urdu Poems

19 Nov, 19:19


अगर जिंदगी में मौका मिले फूल बनने का,
तो मत बन, मेरे दोस्त, यह खतरनाक खेल है।
खूबसूरत फूल हुए तो तोड़ लिए जाओगे,
अपना सुगंध बिखरना चाहो तो
कृत्रिम इत्रों के आगे फीका पड़ जाओगे।

तुम्हारी खुशबू हवा में खो जाएगी,
तुम्हारी सुंदरता किसी और की हो जाएगी।
अंत में कहीं पर फेंक दिए जाओगे,
कीमत हुईं भी तो पन्नों में सूख जाओगे।

--- अभय कुमार "वर्मा"
#review

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Hindi/Urdu Poems

19 Nov, 10:26


ना जाने कहा है वो शख्स दिखता ही नही है
जो बिना मेरे इक पल भी कहीं टिकता नही है

मेरे बगैर ना जाने कैसे रहता होगा वो
जो मेरे बिना कहीं भटकता नही है

मुझे नाराजगी की खुश्बू आ रही है
वैसे वो मुझसे नाराज़ होता नही है

खैर खैरियत से हो जहा भी ही वो
इतने दिन बिना खैरियत दिए रहता नही है

#review
#Mohd Husain ✍🏻

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Hindi/Urdu Poems

18 Nov, 19:46


व्यावसायिक प्रेम: सोना या सोने की कीमत?

कभी पढ़ो आधुनिक समय के विदेशों की प्रेम कहनियां,
वहाँ भारत के जैसा दुःख-दर्द और तड़पन होता ही नहीं है।
ऐसा भी नहीं कि विकसित देशों में प्यार और धोखा नहीं है।
सदा अच्छे लगे तो ठीक, वरना तलाक के साथ जिंदगी सही है।

विज्ञान अनुयायियों द्वारा विश्वास करना उनके समझ में नहीं है।
लेकिन  उनके नज़र में काल्पनिक एंजेल को मानना सही है।
वहां सिर्फ  तन और उत्सुकता को जोड़ने की सिद्धांत रही हैं।
इस अनुसार लव का परिभाषा  एकदम सूर्य की तरह सही है।

यह बात सच्चे आशिक को समझा लो, पर समझता ही नहीं है।
प्रेम का अवधारणा को क्यों बदलने की आवश्यकता पड़ी है?
मैं पूछना चाहता हूँ, प्रेम के नाम पर किसकी बाजार लगी है?
लगता है कि यह प्रेम संसार में सिर्फ पैसों की कीमत बची है।

सब संभव है,  बिन इंसानियत के पशु को इंसान कहा जाता है।
अमीरों का मानना है गरीबों के तालाब में सुंदर जीव मर जाता है।
प्रेम की कीमत  शक्ल और औकात के अनुसार तोली जाती है।
पैसों के दम पर बनी इमारत को प्रेम की निशानी बोली जाती है।

--- अभय कुमार "वर्मा"
#review

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Hindi/Urdu Poems

18 Nov, 15:35


व्यावसायिक प्रेम: सोना या सोने की कीमत?

कभी पढ़ो आधुनिक समय के विदेशों की प्रेम कहनियां,
वहाँ भारत के जैसा दुःख-दर्द और तड़पन होता ही नहीं है।
ऐसा भी नहीं कि विकसित देशों में प्यार और धोखा नहीं है।
सदा अच्छे लगे तो ठीक, वरना तलाक के साथ जिंदगी सही है।

विज्ञान अनुयायियों द्वारा विश्वास करना उनके समझ में नहीं है।
लेकिन  उनके नज़र में काल्पनिक एंजेल को मानना सही है।
वहां सिर्फ  तन और उत्सुकता को जोड़ने की सिद्धांत रही हैं।
इस अनुसार लव का परिभाषा  एकदम सूर्य की तरह सही है।

यह बात सच्चे आशिक को समझा लो, पर समझता ही नहीं है।
प्रेम का अवधारणा को क्यों बदलने की आवश्यकता पड़ी है?
मैं पूछना चाहता हूँ, प्रेम के नाम पर किसकी बाजार लगी है?
लगता है कि यह प्रेम संसार में सिर्फ पैसों की कीमत बची है।

सब संभव है,  बिन इंसानियत के पशु को इंसान कहा जाता है।
अमीरों का मानना है गरीबों के तालाब में सुंदर जीव मर जाता है।
प्रेम की कीमत  शक्ल और औकात के अनुसार तोली जाती है।
पैसों के दम पर बनी इमारत को प्रेम की निशानी बोली जाती है।

--- अभय कुमार "वर्मा"
#review

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Hindi/Urdu Poems

18 Nov, 14:42


हैरत नहीं कि उसे मेरे रूठने की भी परवाह नहीं
हैरत है के मैं उस से रूठ कर भी उस की परवाह करता हूं ।

हसरत 💌

#review

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Hindi/Urdu Poems

18 Nov, 14:33


हरे कृष्णा।।

#review

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Hindi/Urdu Poems

17 Nov, 14:25


हैरत नहीं कि उसे मेरे रूठने की भी परवाह नहीं
हैरत है के मैं उस से रूठ कर भी उस की परवाह करता हूं ।

हसरत 💌

#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

17 Nov, 10:34


किसीने खाई वो कमाके
किसीने खाई वो छिनके
तो किसीको मिली भीखमें ..
जो रोटी हमें मिली बड़ी आसानी से....

#Krushnakant
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

17 Nov, 08:57


बाल्यकाल में एक सपना देखा
देश को मैने अपना देखा
कह रही थी हाथों की रेखा
नहीं किसी ने तुम को रोका

बीच में फिर सामाज आया
मेरे पुत्र ने करके दिखाया
आ कर सबको मिठाई खिलाया
सब में उसने नाम कमाया

फेंक दिए मेरे सपने सारे
तुम चलो अब हमारे इशारे
कह दिए ये घर के सारे
किताबें थी बस बीच हमारे

पढ़ते पढ़ते पड़ गया छाला
आंखो से न एक बूंद निकाला
हुए मुझसे फिर ढेर सवाल
इसने तो न एक परीक्षा निकाला

अंदर अंदर जल रहा था
मन में मेरे कुछ चल रहा था
सोचा सब कुछ त्याग दू
समेटू बिखरे सपने अपने
और दीवार फांद दूं

फिर सोचा क्या मैं इतना बुजदिल हूं
हसता गाता खुशदिल हूं
खुद पर मैं तो काम करूंगा
अपना सपना साकार करूंगा

सब कुछ छोड़ कर चल रहा हूं
खुद पर काम मैं कर रहा हूं
सबसे ऊंचा ओहदा लाऊंगा
नाम मैं भी कमाऊंगा
:- आदर्श कुमार


#review
@Eloquentman01

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

04 Nov, 05:10


.
कुछ जिंदगी जीने के तरीके होते हैं,
कुछ पहाड़ और कुछ सरीके होते हैं,
फिर भी उच्च और नीच लोग कहते,
जिंदगी जीने के कुछ तरीके होते हैं।


---अभय कुमार वर्मा ✍️"
#review

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Hindi/Urdu Poems

04 Nov, 02:06


सोचा नहीं अच्छा बुरा देखा सुना कुछ भी नहीं
माँगा ख़ुदा से रात दिन तेरे सिवा कुछ भी नहीं

सोचा तुझे देखा तुझे चाहा तुझे पूजा तुझे
मेरी ख़ता मेरी वफ़ा तेरी ख़ता कुछ भी नहीं

जिस पर हमारी आँख ने मोती बिछाए रात भर
भेजा वही काग़ज़ उसे हम ने लिखा कुछ भी नहीं

इक शाम के साए तले बैठे रहे वो देर तक
आँखों से की बातें बहुत मुँह से कहा कुछ भी नहीं

एहसास की ख़ुशबू कहाँ आवाज़ के जुगनू कहाँ
ख़ामोश यादों के सिवा घर में रहा कुछ भी नहीं

दो-चार दिन की बात है दिल ख़ाक में मिल जाएगा
जब आग पर काग़ज़ रखा बाक़ी बचा कुछ भी नहीं
~Bashir Badr
#review

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

03 Nov, 16:49


घर - वनवास


भाग १

कुछ आठ महीने बाद घर पहुँचा था रविन्द्र !
तड़के आया था तो आकर सीधा सो गया था, जब उठा तो घर में त्योहार के काम-काज में लगी हुई मां,इधर उधर हुए जा रही थी, पापा अखबार में व्यस्त थे और छोटा भाई अब भी सो रहा था।

जब वो सीढ़ियों से नीचे आ रहा था पड़ोस के घर में नजर डाली, मानों आँखें मुआयना कर रही हो की क्या क्या बदला है इतने दिनों में और यकीनन 15 सीढ़ियों का सफर काफी नहीं था उस बदलाव को पढ़ पाने के लिए उसे।
पर फिर भी उस की नजर जितना देख पाई वो एक खाली जगह उस की आंखों में भर गई, उस के जहन में वो स्थान आखिरी बार कब रिक्त था उसे याद नहीं, वो लगातार अपनी यादाश्त में कुछ खोज रहा था, पुरजोर कोशिश के बाद भी उसे वह स्थान आखिरी बार कब खाली मिला था इन 15 सीढ़ियों के सफर में दिन के इस पहर में उसे याद नहीं आया।

"मम्मी, यह पड़ोस वाली अम्मा कहां है? दिखी नहीं!"
इंसान परिवर्तन को अपनी आंखों से देखता है तो वह उसे जी रहा होता है लेकिन अगर उसे किसी परिवर्तन को आत्मसात करने के लिए कहा जाए तो वह उस में अपने पुराने निशान ढूंढता है।

"अम्मा तो अभी राखी पर चल बसी, उम्र हो गई थी उन की, देखने वाला भी कोई नहीं था।"
मां बड़े सहज ही बोल गई और रविन्द्र को भी शायद कोई खासा फर्क नहीं पड़ा, उस के एहसास अम्मा से बस राम -राम तक ही तो जुड़े थे, हाँ जो कुछ उसे थोड़ा बहुत तंग कर रहा था, वह खाली स्थान, जो उस की आंखों में चुभ रहा था।

'सुनिए जी'! मां ने आवाज लगाई,
'यह ऊपर से ओवन उतर देंगे, आज बाटि बना लेते हैं।'
पापा बड़ी सहजता से उठे और जाने लगे! रविन्द्र को एक धक्का सा लगा, उसे याद नहीं कि कब आखिरी बार दोनों भाइयों के होते हुए पापा को उठ कर जाना पड़ा हो, उन्होंने ओवन की बाटियों का कोई विरोध भी नहीं किया, कंडे की बाटी का कोई जिक्र नहीं किया।
रविन्द्र समझ नहीं पा रहा था कि यह उन की अनुपस्थिति ने उस के माता पिता को आत्मनिर्भर बना दिया है या लाचार :
अगले पल जब उसने पापा को किचन प्लेटफॉर्म पर चढ़ कर हाथ ऊपर कर के ओवन उतारते हुए देखा तो उस की सोच थम गई, वह भी थम गया :
उस की पूरी जवानी हताहत हो गई उस एक लम्हे में!

जब पापा ने हाथ ऊपर बढ़ाया तो उन की बाजूएं झूल चुकी है, चमड़ी हड्डियों पर तैर रही थी: निसंदेह यह एक दिन में नहीं हुआ होगा लेकिन अपने पिता के बूढ़े होने का एहसास उस की जवानी छीन रहा था उससे।
वह समझने की कोशिश कर रहा था कि जितने वक्त वह घर से दूर था तब क्या जिंदगी दोगुनी तेजी से चल रही थी ?

अपने बच्चों का साथ नहीं होने का एहसास उन्हें ज्यादा जल्दी वृद्ध बना रहा था?
बैसाखी से चलने वाले से अगर बैसाखी छीन ली जाए तो वह गिर पड़ता है और व्हीलचेयर पर आ जाता है या फिर कोई चमत्कार हो जाए तो अपने पैरों पर:
रविन्द्र के लिए शायद इतना मुश्किल नहीं था समझना कि पापा की उम्र पैरों पर खड़े होने वाली तो नहीं है !

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

03 Nov, 14:37


शीर्षक : मैं ही हूं, मैं ही कहानी

मैं अपनी कहानी का वह किरदार हूं,
देखकर नहीं पहचान पाओगे,
क्योंकि छुपाने में बेशुमार हूं।
धारयुक्त, खुद मूढा हुआ तलवार हूं,
जीवन की लड़ाई में खड़ा हूं।

कहानी में तो हथियार लिया था,
पर मैं खुद ही हथियार हूं,
रंगमंच का कलाकार हूं,
अपने जीवन का संग्राम हूं।

सब कहानी का सिर्फ नाम है,
जिसको पहचानने की बस में नहीं,
खून से लटपट, घायल प्यार हूं।
सामने देखो, तेरा वही यार हूं।

मैं खुद कहानियों का भरमार हूं,
और कहानी का भी किरदार हूं।
दरबारी भी हूं, खुद दरबार भी हूं,
बिन जनता का सरकार हूं।

जिसका पसंद नहीं मालूम तुम्हें,
तुम्हारा वह एक मामूली सा यार हूं।
मेरी गहराई को नहीं समझ पाओगे,
अनेक में एक, एक में हजार हूं।

--- अभय कुमार वर्मा ✍️ "
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Hindi/Urdu Poems

03 Nov, 13:40


मैं, तुम और धृतराष्ट्र  !


प्रिय तुम !

कैसी हो

वक्त ने सहज ही बहुत कुछ बदला होगा :
शायद बदलाव की प्रवृत्ति ही है, कि वह हर किसी को छू कर गुजरता है पर फिर भी कुछ भाव जो निष्क्रिय होते हैं, पर अडिग होते है या नहीं यह एक चर्चा है; या तो वहां विचार पूज्नीय हो जाते हैं या पड़े पड़े सड़ने लगते हैं और उन से आती दुर्गंध पूरे जीवन को मैला कर देती है।
                               वक्त इतना निर्दयी होता है की उन भावों की हत्या भी नही करता : बस वह रह जाते हैं वहां :
जैसे रह गया है हमारे मध्य वो एक भाव जो कभी कहीं नही जायेगा, पनपेगा भी नही, उसका पल्लवन शायद प्रकृति के विरुद्ध है और निःसंदेह उसे वक्त नोच नोच कर खा रहा है।

मैं पीड़ा से भयभीत या पराजित नहीं हूँ, पर अगर कल को इन भावों की कुंठा की बू को मेरा बाहरी आवरण नही ढक पाया तो!
मेरे चरित्र से उठने वाली दुर्गंध ने अगर मेरे इर्दगिर्द सभी की स्वसों को दूभर कर दिया तो?

      जब भाव और कुंठा का संसर्ग होता तब उत्पन्न होती धृतराष्ट्र सी विवशता : क्योंकि व्यक्ति धूर्त नही होता भाव होते हैं, पर धूर्तता व्यक्ति का लक्षण बन जाती हैं।
तुम और मैं या अंधा धृतराष्ट्र : तीनों  विवशता के नाम पर उस विनाश के भागी बने जो हमारे हिस्से था ही नही। तुम्हारी और मेरी विवशता के मध्य एक समय पर जो मौन था, आज वह चीखता है और उस की चीखें आज भी मेरी रातों की नीद उड़ा देती हैं।

तुम और मैं अगर दोनो को एक दुसरे के सामने कटघरे में खड़ा कर दिया जाए तो दोनो ही भावों की विवशता को दोषी ठहरा कर आंखें चुरा लेंगे : क्योंकि हमारे भीतर कुंठित होते भावों को वक्त ने भी ना छुआ और दोनो ही निहारते रहेंगे इस विभत्स, शर्मनाक दृश्य को : जैसे धृतराष्ट्र ने देखा था द्रौपदी चीर हरण, जैसे 
व्यक्ति जब देख कर आंखें बंद करता है तब वह अंधा नही होता, वह उस सर्वनाश का भागी होता है।


अंधा धृतराष्ट्र उस दिव्यदृष्टि को अस्वीकार अपने पुत्रों की मृत्यु को देखने के भय से नही बल्कि अपने अंदर सड़ती अपनी चेतना को देखने के भय से करता है। धृतराष्ट्र के समक्ष ला कर रख दिया जाता भीम और दुर्योधन का शव, तो क्या वह पहचान पाता?

अपने भावों की कुंठा में अंधा व्यक्ति उस व्याधि को आमंत्रित करता है जो काल चक्र में उस के नाम का पर्याय बन जाती है :

जैसे धृतराष्ट्र, तुम या मैं !


हसरत💌
#review

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Hindi/Urdu Poems

03 Nov, 13:40


...☺️

"कुछ बातें होती हैं जो दिल से गुजरते हुए मन में बस जाती हैं। कितना भी प्रयास करो, भूलने की कोशिश करो, फिर भी वही यादें सामने आती हैं।"

....😐
#review

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Hindi/Urdu Poems

03 Nov, 13:22


हसरत इक तेरा ख़्याल है के जाता नहीं है
जमाना कहता है मुझे जीना आता नहीं है ।


हसरत💌
#review

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Hindi/Urdu Poems

03 Nov, 10:54


शीर्षक : मेरी जिंदगी, मेरी महफिल

इतना भ्रम में मत रहो,
मैं अपने को बहुत छुपाता हूं।
कभी मेरे महफिल में आकर देखो,
प्रेम करना हूं, फिर भी दूर से पुकारता हूं।

मैं शांत हवाओं के साथ शांति से रहता हूं,
मेरी शांति को देखकर हवा न बहाओ।
तेज तूफान में भी शांत रह जाता हूं,
जैसा भी परिवेश हो, अपने अनुसार अपनाता हूं।

मेरे कदम छोटे-छोटे हैं,
पर ऊंची छलांग भी लगता हूं।
लोगों के साथ नाव पार करने में घबराता हूं,
पर तूफानों में भी मझधार को पार कर जाता हूं।

मानो तो घमंड नहीं, शांति से रहता हूं,
अगर अत हुआ तो अत की सीमा से टकराता हूं।
मैं खुद को संतुष्ट कर दिखाता हूं,
छोटी छोटी बातों पर बहुत मुस्कुराता हूं।

नदी सा बन नीचे की तरफ बहते जाता हूं,
दूसरों के मझधार साथ आसानी से आ जाता हूं।
पर समुद्र में भी एक छोटी इलाका चाहिए,
जहां कोई दस्तक देने नहीं आना चाहिए।

मैं झूठ बोलना नहीं, झूठे मजाक कर जाता हूं,
बेवफाओं के महफिल में भी बहुत मुस्कुराता हूं।
तुम कभी आओ मेरे महफिल में,
तुमको अपने गम के पुर्जे को दिखाता हूं।

मैं नाम के तुमसे खुद को मिलवाता हूं,
मेरी महफिल बड़ी नहीं, सिर्फ एक लोग आ पाते हैं।
थोड़ा संभलकर आना, यहां आने में सब डर जाते हैं,
महफिल है दूर, थोड़े रास्ते तक भी नहीं आ पाते हैं।

आओ महफिल में, खुद के लिए जीना सिखलाते हैं,
मैं तुमको अपने दिल की गहराई में दिखाता हूं।

--- अभय कुमार वर्मा ✍️ "
#review

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Hindi/Urdu Poems

02 Nov, 04:35


दो जहाँ के बिच
फर्क सिर्फ सांस का है

चल रही है तो यहाँ
रुक गयी तो वहाँ

#review
#Banarasiya 🥀

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Hindi/Urdu Poems

01 Nov, 16:42


लोग कहते है तुम संघर्ष करो
हम तुम्हारे साथ खड़े है
अगर वाकई में हर व्यक्ति साथ खड़ा होता तो संघर्ष की जरूरत ही नहीं पड़ती!
#review
#lafzshaalabygaurisharma
#GauriSharma

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Hindi/Urdu Poems

01 Nov, 14:52


बहुत कुछ लिखना चाहता हूंँ
किसी को दिखाने के लिए नहीं
बस ख़ुद के लिए
पर समय का चक्र
जैसे कुछ और ही मुझसे चाह रहा
मन को इतना उलझा बैठा है ये समय
की मेरा ही मन मुझ को अब खा रहा
अंतर्मन का भीतरी युद्ध कुछ यूंँ है चल रहा
मन के अंदर मेरा ही मन कांँप रहा
हल्का फुल्का ही सही
मुझे लिखना तो आता है
टूटा बिखरा ही सही
मुझे शब्दो को पिरोना तो आता है
फिर भी मैं ओजपूर्ण शब्द
क्यों नही ढूंँढ पा रहा
कैसा शब्दो का खेल है ये
कविताएंँ मैं ख़ुद लिखता
और कविताओं को पढ़ने से
अब क्यों मैं डर रहा
जिन शब्दों को पढ़ के मैं
कभी मग्न हो जाता था
आज उन्हीं शब्दों को देख के
मैं क्यों आंँसू बहा रहा
सर्द मौसम है
फिर क्यों पसीना बह रहा
ये गर्माहट है मौसमी
या अंतर्मन तेरा जल रहा
इतना भयभीत क्यों है तेरा मन
बता तो जरा आखिर
तेरे मन में क्या है चल रहा
लिखने को आतुर है क़लम तेरी
फिर क्यों स्याही तू फेंक रहा
भीड़ में भी खड़ा है तू तन्हा
बता ऐसा क्यों कर रहा
बारिशों का तो ये मौसम नहीं
न छत में तेरी कोई छेद है
सुबह उठता है तू जागा हुआ
बता तू बिन बारिश के
ये तकिया कैसे गीला कर रहा
उम्मीदों की दीवार थी
कल्पनाओं का था महल
रेत सा फिसल के टूट गया
तो तू क्यों इतना शोक मना रहा
दुनिया में एक ही तो महल नहीं
तू क्यों उस महल के लिए
बार बार टूट रहा
रेत से क्या उम्मीद रखना
तू क्यों पत्थरों का महल
अब बना नही रहा
जो रेत फिसल गई है
उसे फिसल जाने दे
जो बह गया है अश्कों की बाढ़ में
उसे बह जाने दे
बिखरा बिखरा सा है सब
इसे और बिखर जाने दे
रेत का महल दुबारा न बना
इसे अब ढह जाने दे...

Old
#अB
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01 Nov, 14:40


हाइकु शीर्षक : वो मुस्कुराई .....

साफ रात में
चांद की रोशनी में
वो मुस्कुराई ।

प्रकृति जगी
शांत वायु बनके
कहने आई ।


अनोखा रत्न
तुमने ऐसा पाया
मोती शर्माई।

इसकी चांद
दे रहा है गवाही
दिया सुनाई।

अपनी बाल
खोलके रेशम का
जीव बुलाई।

पूछते सभी
वो देवी को तुमने
कहां से पाई ।

---अभय कुमार वर्मा  ✍️  "
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01 Nov, 13:27


हाइकु शीर्षक : वो मुस्कुराई .....

साफ रात में
चांद की रोशनी में
वो मुस्कुराई ।

प्रकृति जगी
शांत वायु बनके
कहने आई ।


अनोखा रत्न
तुमने ऐसा पाया
मोती शर्माई।

इसकी चांद
दे रहा है गवाही
दिया सुनाई।

अपनी बाल
खोलके रेशम का
जीव बुलाई।

पूछते सभी
वो देवी को तुमने
कहां से पाई ।

---अभय कुमार वर्मा  ✍️  "
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01 Nov, 12:51


शीर्षक : तुम्हारे साथ हर पल

तुम्हारे मैयत तक इंतेज़ार नहीं,
हम तुम्हारे साथ चलेंगे,
दुनिया से दूर चलेंगे,
जहां भी रहेंगे, साथ रहेंगे।

तुमसा नहीं,
तुम्हारा इंतेजार करेंगे,
हर पल, हर दम,
तुम्हारी यादों में ख्याल करेंगे।

तुम्हें पाने के लिए,
तुम्हारी मुस्कराहट के लिए,
तुम्हारी आवाज़ के लिए,
हम तुम्हारे साथ चलेंगे।

तुम्हारी आँखों में बसेंगे,
तुम्हारे दिल में रहेंगे,
तुम्हारी साँसों में जिएंगे,
तुम्हारे साथ ही मरेंगे।

तुमसा नहीं,
तुम्हारा इंतेजार करेंगे,
इस दुनिया में जहां भी रहोगे,
तुम्हारे साथ रहेंगे।


--- अभय कुमार वर्मा ✍️ "
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01 Nov, 12:43


शीर्षक:तुम्हारे साथ हर पल

तुम्हारे मैयत तक इंतेज़ार नहीं,
हम तुम्हारे साथ चलेंगे,
दुनिया से दूर चलेंगे,
जहां भी रहेंगे, साथ रहेंगे।

तुमसा नहीं,
तुम्हारा इंतेजार करेंगे,
हर पल, हर दम,
तुम्हारी यादों में ख्याल करेंगे।

तुम्हें पाने के लिए,
तुम्हारी मुस्कराहट के लिए,
तुम्हारी आवाज़ के लिए,
हम तुम्हारे साथ चलेंगे।

तुम्हारी आँखों में बसेंगे,
तुम्हारे दिल में रहेंगे,
तुम्हारी साँसों में जिएंगे,
तुम्हारे साथ ही मरेंगे।

तुमसा नहीं,
तुम्हारा इंतेजार करेंगे,
इस दुनिया में जहां भी रहोगे,
तुम्हारे साथ रहेंगे।


--- अभय कुमार वर्मा ✍️ "
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Hindi/Urdu Poems

01 Nov, 11:08


.....

नाराजगी और उदासी में अंतर की बात,
दुःख-दर्द का कारण स्वीकार है मूल मंत्र।
नाराजगी में कारण है, प्रतिक्रिया है तीव्र,
उदासी में निराशा है, असहायता की गहराई।

नाराजगी = दुःख + कारण + प्रतिक्रिया
उदासी = दुःख + निराशा + असहायता


---अभय कुमार " वर्मा "
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Hindi/Urdu Poems

01 Nov, 05:19


शीर्षक: इश्क, शराब और जिंदगी का जाल

इश्क, शराब और जिंदगी का जाल,
लफ्जों से चढ़ी नशा नहीं मिल पाती,
तब शराब ही अंतिम सहारा बन जाती है,
इश्क की नशा उतार, रूह में समाती है.

मेरे दुःख, दर्द, बेचैनी सभी को अपनाती है,
गहरे यादों से दिल को राहत दिलाती है,
कितना कहूं, क्या कहूं, कैसे आहे भरू?
शराब की बूंदे मेरे दिल को भिगोती हैं,
इश्क की यादें मेरे दिल में समाती हैं ।

कुछ मस्ती के लिए पीते, कुछ गम के लिए,
हम जो इश्क के नशा को उतरने लिए पीते,
अपने दर्दों को बहुत से कोरे कागज पर लिखे,
राहत नहीं मिली इसीलिए जीने के लिए पीते।

क्या यही है जिंदगी और जीवन की सच्चाई?
क्या यही है इश्क या फ़साना का हकीकत?
सभी चिंता छोड़ शराब की दुनिया में खो जाना,
इश्क की दुनिया में नम आंखों साथ डूब जाना।

जो हमारे हक में है वो हो जाए हमारा,
या खुशियां छोड़ परवाने में खो जाए,
नशा है इश्क का, शराब है सहारा,
इतनी शौक है तो जंग हो जाए दुबारा।

---अभय कुमार वर्मा ✍️"
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Hindi/Urdu Poems

01 Nov, 05:16


कॉपी के पीछे पेज पर कुछ खास लिखा है इस कदर हमारा इश्क का इतिहास लिखा है
दुनिया में तुम कितने भी दूर हो पर मैंने तुझे अपनी डायरी में पास लिखा है

#Urmila
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01 Nov, 04:31


..

जो हमारे हक में है वो हो जाए हमारा,
या खुशियां छोड़ परवाने में खो जाए,
नशा है इश्क का, शराब है सहारा,
इतनी शौक है तो जंग हो जाए दुबारा।"

---अभय कुमार वर्मा ✍️ "
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01 Nov, 04:13


कॉपी के पीछे पेज पर कुछ खास लिखा है इस कदर हमारा इश्क का इतिहास लिखा है
दुनिया में तुम कितने भी दूर हो पर मैंने तुझे अपनी डायरी में पास लिखा है

#Urmila
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31 Oct, 15:19


शीर्षक: मेरी लक्ष्मी की दिवाली

सज धज के वो आज दिवाली मनाएगी,
नादान है वह पटाखों से दुप्पटा जलाएगी।
घर और रंगोली को दीयों से सजाएगी,
चमकते दिए, रंग-बिरंगे फूल चढ़ाएगी।

अपनी सखियों संग फूलझड़ी जलाएगी,
एक-एक पल के हजार फोटो खिंचवाएगी।
मानो तो रानियों जैसी स्टेटस में दिखाएगी,
ऐसे दिवाली की रात को यादगार बनाएंगी।

मेरे पास इस लक्ष्मी का आने का पता नहीं,
पर श्रीलक्ष्मी की लक्ष्मी रूप में आएगी।
अंधेकार मिटाते हुए,उजाले में समाए,
मेरे तरफ से दीपावली की शुभकामनाएं।


---अभय कुमार वर्मा ✍️ "
#review

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31 Oct, 14:32


शीर्षक: मेरी लक्ष्मी की दिवाली

सज धज के वो आज दिवाली मनाएगी,
नादान है वह पटाखों से दुप्पटा जलाएगी।
घर और रंगोली को दीयों से सजाएगी,
चमकते दिए, रंग-बिरंगे फूल चढ़ाएगी।

अपनी सखियों संग फूलझड़ी जलाएगी,
एक-एक पल के हजार फोटो खिंचवाएगी।
मानो तो रानियों जैसी स्टेटस में दिखाएगी,
ऐसे दिवाली की रात को यादगार बनाएंगी।

मेरे पास इस लक्ष्मी का आने का पता नहीं,
पर श्रीलक्ष्मी की लक्ष्मी रूप में आएगी।
अंधेकार मिटाते हुए,उजाले में समाए,
मेरे तरफ से दीपावली की शुभकामनाएं।


---अभय कुमार वर्मा ✍️ "
#review

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Hindi/Urdu Poems

31 Oct, 13:10


अमीर ही तो था मैं जब-जब बाप के साथ बाज़ार में गया,
हाथ रखूँ जिस चीज पर वो मेरा हो गया,

आज समझा मुझे पापा ने कभी खुद के लिए दिवाली में एक क़मीज़ क्यूँ नहीं लिया,

मिल गया जवाब सवाल का जो मैंने बचपन में था किया,
दिवाली के दिन भी बाप मेरा काम पर क्यूँ था गया?

#Krushnakant
#review

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Hindi/Urdu Poems

31 Oct, 08:13


A reminder 😊

कुछ लोग निराले होते हैं
वो भूख के पाले होते हैं
दिन भर भागा करते हैं
रातों को जागा करते हैं
वो चाँद निहारा करते हैं
पानी पी गुज़ारा करते हैं
फिर भी मेहनत करते हैं
खुद की इज्जत करते हैं
उनकी भी दीवाली है देखो
कुटिया न उजाली है देखो
फिर भी मुख पर मुस्कान लिए
तुम्हें देख रहे अरमान लिए
तुम उनको दान नहीं करना
उनका अपमान नहीं करना
ऊँची दुकानों से ही सब
मत ले आना दीवाली मे
उनके घर को न भूलना तुम
अपने घर की खुशहाली मे
वो दीपक सस्ते बेचते हैं
वो झालर अच्छे बेचते हैं
कुछ बूढ़ी औरतें बैठी हैं
कुछ छोटे बच्चे बेचते हैं
जो मन न भाये तब भी तुम
प्यार से आगे बढ़ जाना
उनको उनकी मेहनत की
कीमत तुम न बतलाना
फिर देखना सस्ती चीजों से
कैसी उजियाली होती है
वो जो सड़को पर बैठे हैं
उनकी भी दीवाली होती है

#Hriday
#review

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Hindi/Urdu Poems

31 Oct, 07:14


बिखरे फूलों को पलकों से उठाने को कहो
ये जो नाराज़ हो तो, खुशबू बिखर जाएंगे,

जाम इन होंठो से और पिलाने को कहो
होश आया तो, फिर नशा उतर जायेंगे ।

#Parveen
#review

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Hindi/Urdu Poems

31 Oct, 05:26


पतवार छेठे गंगा तो नौका पार लगे

उ जो छेठे डमरू तो दरिया पार लगे

#review
#Banarasiya 🥀

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Hindi/Urdu Poems

31 Oct, 05:20


पतवार छेठे गंगा तो नौका पार लगे

उ जो छेठे डमरू तो दरिया पार लगे

#review
#Banarasiya 🥀

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Hindi/Urdu Poems

31 Oct, 02:57


कैसे कैसे दिन देखे हैं हमने तेरी यारी में..
उम्र सारी बिता दी गम की चार दिवारी में।

रोना रातों को और मुस्कुराना दिन को..
ऐसे ऐसे ढोंग किए हैं हमने दुनिया दारी में।

न आखों में आसू न गई हसी होठों से..
न छुपा पाया कोई गम हमको तेरी सरदारी में।

फिर तुम ऐसे गए जिंदगी से मेरी जैसी कोई..
चला जाता है छोड़कर किसी को बेकारी में।

आज फिर उदास कर गई तेरी याद हमको..
पढ़े जब खत जो छुपा के रखे थे अलमारी में।

#ᴀʟᴏɴᴇ ᴡᴀʟᴋᴇʀ
#review

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Hindi/Urdu Poems

27 Oct, 13:06


वो मेरे घर नहीं आता मैं उस के घर नहीं जाता
मगर इन एहतियातों से तअ'ल्लुक़ मर नहीं जाता

बुरे अच्छे हों जैसे भी हों सब रिश्ते यहीं के हैं
किसी को साथ दुनिया से कोई ले कर नहीं जाता

घरों की तर्बियत क्या आ गई टी-वी के हाथों में
कोई बच्चा अब अपने बाप के ऊपर नहीं जाता

खुले थे शहर में सौ दर मगर इक हद के अंदर ही
कहाँ जाता अगर मैं लौट के फिर घर नहीं जाता

मोहब्बत के ये आँसू हैं उन्हें आँखों में रहने दो
शरीफ़ों के घरों का मसअला बाहर नहीं जाता

'वसीम' उस से कहो दुनिया बहुत महदूद है मेरी
किसी दर का जो हो जाए वो फिर दर दर नहीं जाता.

~Waseem Barelwi
#review

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Hindi/Urdu Poems

26 Oct, 16:13


मेरे प्रियतम, तुम निराकार हो, तथापि तत्पश्चात सहस्रों रूपों में तुम स्वयं को व्याप्त कर लेते हो। हे प्रेमपुंज, तर्कों के जाल में न उलझो, आगे बढ़कर उसे सर्वत्र देखो। वह प्रेम और तड़प की जटिल गाथा को बुनने वाला अदृश्य तंतु है, जो वायु की वाणी, पत्तों की सरसराहट, और आत्मा के तट पर तरंगों की मृदु लहरी है।

वह एक कुशल शिल्पकार है, जो सहस्रों रूपों में स्वयं को ढालता है - प्रकाशमय सूर्य, मृदु चंद्रमा, और रात के मखमली आकाश में चमकते हीरे जैसे तारे - वह सब है। वह गुलाब की सुगंध, मधु की मिठास, और ग्रीष्म की हवा का कोमल स्पर्श है। वन के केंद्र में, वह प्राचीन वृक्ष है, जिसकी जड़ें भूमि में गहराई तक जाती हैं, और शाखाएँ आकाश की ओर बढ़ती हैं।

उसकी वाणी मधुमक्षिका की गुंजार, पक्षी की मृदु चहचहाहट है। तुम उसे तर्क के दर्पण में न ढूंढो, क्योंकि वह प्रतिबिंब की सीमा से परे निवास करता है। उसका निवास हृदय में है, जहाँ प्रेम उसकी उपस्थिति को खोलने वाली कुंजी है।

हे प्रिय, रहस्य में समर्पित हो जाओ, और अपनी आत्मा की गहराइयों में उसे खोजो। उसके प्रेम के अनंत विस्तार में, तुम कमल हो, जो खिलता है, नदी हो, जो बहती है, और समुद्र हो, जो आनंद से उबल पड़ता है। मौन में, उसकी सुगंभीर वाणी सुनो, "मैं सर्वत्र हूँ, और तुम मेरे हो"।

जब जगत का शोर और ध्वनि शांत हो जाए, तुम उसके प्रेम की मधुर लहरी सुनोगे, जो तुम्हें अनंत के तट पर आदिकाल से बुला रही है, जहाँ विभाजन की तरंगें एकता के समुद्र में विलीन हो जाती हैं। तब, हे प्रिय, तुम जानोगे कि वह केवल प्रियतम नहीं, बल्कि तुम्हारे अस्तित्व का सार है - तुम्हारी साँस, तुम्हारी धड़कन, और है तुम्हारी आत्मा।

अध्यात्म सिंह
#adhyatm
#review

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Hindi/Urdu Poems

26 Oct, 05:31


भूल  ना  जाऊं  राबता  कहीं सांसों से
फिर मैंने उस की तस्वीर को चूम लिया  ।


हसरत💌

#review

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Hindi/Urdu Poems

26 Oct, 05:02


महिला की मजबूती व संवेदनशीलता की बात


महिलाएं हार नहीं मानतीं, वे मजबूती की प्रतीक हैं।
हर चुनौती का सामना वे सिर उठाकर करती हैं।

कड़वी सच्चाई यह है कि प्यार में भी दर्द होता है।
लेकिन वे हार नहीं मानतीं, अपना रास्ता खुद बनाती हैं।

औरत का दिल बचकाना है, लेकिन संवेदनशील भी है।
वे दुख को साझा नहीं करतीं, लेकिन प्यार को समझती हैं।

महिलाएं सशक्त हैं, वे अपनी पहचान बनाती हैं।
कुछ बातों को समझाती है , खुद भी समझती है।

अपने बच्चे को देती ज्ञान , सिर्फ एक होना है अभिमान।
उनकी मजबूती को सलाम, उनकी सुंदरता को प्रणाम।

--- अभय कुमार वर्मा
#review

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Hindi/Urdu Poems

25 Oct, 14:46


kya kaha nakam ho gaye ho
apne aap se Anjan ho gaye ho

kitni chijen Hain ek bhi kam ki nahin
tum koi Khali pada saman ho gaye ho

bahut naam hai tumhara Sheher mein
to kya usse pahle Badnaam Ho Gaye Ho

sab dekh liye ek bhi pura nahin kiya
tabhi to Apne khwabon se pareshan ho gaye ho

kyon tumhare liye ladta nahin koi adeeb
kisi per lagaya hua ilzaam ho gaye ho

#adeeb
#review

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Hindi/Urdu Poems

25 Oct, 14:19


तुम हमसे यू नजरे चुराके ,
इस तरह बेवफा न हो जाना ..

मेरी इन आँखों में डूब के ,
तुम मुझसे प्यार कर लेना ..

झूठ है कि तुम मुझसे दूर हो,
सच है कि तुम इस दिल में हो ..

तुम सबसे बढकर हो मेरे लिए ,
ये किसी को बताके मत आना ..

ये दुनियाँ बडी जालीम है,
हम दोनो को एक दुजेसे दूर कर देगी ..

#Poetry girl
#review

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Hindi/Urdu Poems

25 Oct, 13:59


kya kaha nakam ho gaye ho
apne aap se Anjan ho gaye ho

kitni chijen Hain ek bhi kam ki nahin
tum koi Khali pada saman ho gaye ho

bahut naam hai tumhara Sheher mein
to kya usse pahle Badnaam Ho Gaye Ho

sab dekh liye ek bhi pura nahin kiya
tabhi to Apne khwabon se pareshan ho gaye ho

kyon tumhare liye ladta nahin koi adeeb
kisi per lagaya hua ilzaam ho gaye ho

#adeeb
#review

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25 Oct, 13:44


.......🌼🍂🍁🌿

♥️ शीर्षक : सकारात्मकता की राह 🌼

लोगों को त्यागना है, झूठे आशा के दाताओं को,
अपमानजनक लोगों से दूर रहना है हर पल को।

हार मानना एक हथियार है, मानसिक स्वतंत्रता का,
यही एक सहारा है ,नकारात्मकता से मुक्ति का।

अकेलापन पसंद करो, समान स्वभाव वालों के साथ रहो,
जीवन मुक्त हो जाएगा, खुशियों से भर जाएगा।

झूठे लोगों को अलविदा कहो, सकारात्मकता को अपनाओ,
जीवन को स्वच्छ बनाओ, खुशियों को मनाओ।

अपने आप को महत्व दो, दूसरों की बातों से न घबराओ,
जीवन में स्वतंत्रता और खुशी के लिए सही लोगों को अपनाओ।

.........🌹🌺🌸💐
#review

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Hindi/Urdu Poems

25 Oct, 12:20


.......🌼🍂🍁🌿

♥️ शीर्षक : सकारात्मकता की राह 🌼

लोगों को त्यागना है, झूठे आशा के दाताओं को,
अपमानजनक लोगों से दूर रहना है हर पल को।

हार मानना एक हथियार है, मानसिक स्वतंत्रता का,
यही एक सहारा है ,नकारात्मकता से मुक्ति का।

अकेलापन पसंद करो, समान स्वभाव वालों के साथ रहो,
जीवन मुक्त हो जाएगा, खुशियों से भर जाएगा।

झूठे लोगों को अलविदा कहो, सकारात्मकता को अपनाओ,
जीवन को स्वच्छ बनाओ, खुशियों को मनाओ।

अपने आप को महत्व दो, दूसरों की बातों से न घबराओ,
जीवन में स्वतंत्रता और खुशी के लिए सही लोगों को अपनाओ।

.........🌹🌺🌸💐
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25 Oct, 11:49


मैं बहुत डरी हुई हूँ तुम प्लीज मेरा साथ कभी मत छोड़ना तुम नहीं जानते मैं बहुत डरती हूँ घर से निकलते ही मुझे ये लड़के ऐसी नज़रों से देखते है मुझे बहुत डर लगता है एक शाम मैं घर से बाहर कुछ सामान लाने गयी अंधेरा हो गया था किसी ने बहुत तेज से मेरा नाम बुलाया मैंने डरते हुए पीछे देखा कोई नहीं दिखा ऐसा कई बार हो चुका है ये सामने वाले लड़के ग्रुप में खड़े होकर मुझे घूरते है और गन्दी नज़रो से देखते है छोटे बच्चों को पेपर में नंबर लिख कर मुझे देने के लिए बोलते है मुझे उस छोटे से बच्चे ने बताया दीदी वो लड़के आपके बारे में गंदी गंदी बात करते है आखिर मैंने क्या बिगाड़ा है इनलोगो का क्या मैं लड़की के रूप में आयी हूँ उसका खामियाजा भुगत रही हूँ या मैंने कौन से गलत काम किये हैं जो रास्ते चलते ये लड़के मुझे देख के चिल्लाने लगते है शर्म से मेरी नज़रे झुक जाती है मुझे लड़को से बहुत डर लगने लगा है ग्रुप में रह कर ये सब कुत्तो की तरह भौकते है क्या इनकी बहन को कोई ऐसे परेशान करेगा तो ये हॅसगे या उनका विरोध करेगे ये सब कब सुधर पायेगा तुम जवाब दो मुझे, इनकी नज़र में परिवर्तन कब आएगा जब मैं सेफ फील करुँगी कभी कभी लगता है मैं इस दुनिया पर बोझ बन गयी हूँ घर के काम पढाई का भी ध्यान और बाहर की ये दिक़्क़त झेलना आखिर सब हम लड़कियो को ही झेलना पड़ता है और भी बहुत सारी दिक़्क़त है जिन्हे हम शेयर भी नहीं कर सकते ये दुनिया कब समझेगी ...
(ऐसे कई विचार एक लड़की के मन में उठते है जिन्हे वो किसी से बता नहीं सकती है कृपया इज़्ज़त करे व दूसरों की सहायता करे गरीबो की मदद करे)

#MISHRA
#review

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Hindi/Urdu Poems

25 Oct, 11:37


~अब निकल रही हूँ बाहर तो निकल जाने दो मुझे ,
ना आओ तुम याद ना आने दो मुझे,
मै ये नही कहती की मिलूंगी नही तुमसे,
बस कुछ वक़्त खुद को खुद से अपनाने दो मुझे,
और तुम न कहते थे-
और तुम न कहते थे- यूँ रोज रोज न मिला करो मुझसे ,
तो अब न आती तो जाने दो मुझे ,
की अब निकल रही हूँ बाहर तो निकल जाने दो मुझे ,
ना आओ तुम याद ना आने दो मुझे ।

#Rose
#review

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25 Oct, 03:08


~अब निकल रही हूँ बाहर तो निकल जाने दो मुझे ,
ना आओ तुम याद ना आने दो मुझे,
मै ये नही कहती की मिलूंगी नही तुमसे,
बस कुछ वक़्त खुद को खुद से अपनाने दो मुझे,
और तुम न कहते थे-
और तुम न कहते थे- यूँ रोज रोज न मिला करो मुझसे ,
तो अब न आती तो जाने दो मुझे ,
की अब निकल रही हूँ बाहर तो निकल जाने दो मुझे ,
ना आओ तुम याद ना आने दो मुझे ।

#Rose
#review

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25 Oct, 03:05


~अब निकल रही हूँ बाहर तो निकल जाने दो मुझे
ना आओ तुम याद ना आने दो मुझे
मै ये नही कहती की मिलूंगी नही तुमसे
बस कुछ वक़्त खुद को खुद से अपनाने दो मुझे
और तुम न कहते थे
और तुम न कहते थे यूँ रोज रोज न मिला करो मुझसे
तो अब न आती तो जाने दो मुझे
की अब निकल रही हूँ बाहर तो निकल जाने दो मुझे
ना आओ तुम याद ना आने दो मुझे ।

#Rose
#review

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Hindi/Urdu Poems

24 Oct, 14:13


लफ्ज तो कुछ भी कह देंगे,
आँखे बंद कर तुम सुनते रहे ,
उसकी हर एक बात मानते गये ,
तो क्या वो सच में तुम्हारा हो जायेगा ?

समझो वो सच में तुम्हारा होगा तो गलत कहेगा नही,
तुम्हें हर्ट हो ऐसी बाते वो कभी भी करेगा नही ,
तुम्हारा भरोसा तुटे ऐसा कुछ भी वो चाहेगा नहीं,
तुम सही ही तो तुम्हें वो कभी रोकेगा नही ..

गलत राह पे तुम गये तो तुम्हें वो बतायेगा ,
उस राह से तुम्हारा मुह वो मोड देगा ,
तुम्हारा हर मोड पे वो साथ रहेगा ,
तुम रहो या ना रहो वो सदा तुम्हारा बनेगा ...

#Poetry girl
#review

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Hindi/Urdu Poems

24 Oct, 08:32


अच्छी नौकरी लग जाए
और साथ रहें सब अपने
हाय रे ये बेरोजगारी
और महंगे महंगे सपने

#Hriday
#review

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Hindi/Urdu Poems

23 Oct, 18:37


गर हो शब-ए-वस्ल की रात, तो नही किया करते शब-ए-हिज्र की बाते

जो लेकर आए एक-आद बात का बहाना, कर लिजिए उनसे दुनिया-जहान की बाते

तारे उन आशिकों को देखकर हसते होंगे, जो करते थे तारे तोड़ लाने की बाते

आस्मां से कोई आवाज़ नही आता, चांद तारे नही करते कभी एक-दूजे से बाते

अफ़ीम के तरह होती है मोहब्बत, इसे खाने वाले युही नही करते मुस्कराकर बाते

हमारा हाल जानना हो तो आइए हमारे घर और करिए उन चार दीवारो से बाते

आपसे अच्छी आपकी यादे है, रोज वक्त पर आती है करने आप ही की बाते

धड़कने युही नही धड़कती मेरी जां, इक दिल इसी जरिए करता है दूसरे दिल से बाते

जिसे भी शिकायत हो खुद से, वो खड़े हो आईने के सामने और सुने आईने की बाते

उनसे कहिये जब तक 'बनारसिया' जिंदा है कर लिया करे बात, मुर्दे नही किया करते बाते

#review
#Banarasiya 🥀

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Hindi/Urdu Poems

23 Oct, 17:28


गर हो शब-ए-वस्ल की रात, तो नही किया करते शब-ए-हिज्र की बाते

जो लेकर आए एक-आद बात का बहाना, कर लिजिए उनसे दुनिया-जहान की बाते

तारे उन आशिकों को देखकर हसते होंगे, जो करते थे तारे तोड़ लाने की बाते

आस्मां से कोई आवाज़ नही आता, चांद तारे नही करते कभी एक-दूजे से बाते

अफ़ीम के तरह होती है मोहब्बत, इसे खाने वाले युही नही करते मुस्कराकर बाते

हमारा हाल जानना हो तो आइए हमारे घर और करिए उन चार दीवारो से बाते

आपसे अच्छी आपकी यादे है, रोज वक्त पर आती है करने आप ही की बाते

धड़कने युही नही धड़कती मेरी जां, इक दिल इसी जरिए करता है दूसरे दिल से बाते

जिसे भी शिकायत हो खुद से, वो खड़े हो आईने के सामने और सुने आईने की बाते

उनसे कहिये जब तक 'बनारसिया' जिंदा है कर लिया करे बात, मुर्दे नही किया करते बाते

#review
#Banarasiya 🥀

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

23 Oct, 12:08


वो पूछते हैं जाति
क्योंकि उनका अधिकार है
नहीं ऐसा उनका भाग्य नहीं है
वो पुछते है जाति
हमें सम्मान देने के लिए ?
हमारा अपमान करने के लिए?
नहीं जनाब !
उनका ऐसा कोई इरादा नहीं है
वो पूछते हैं जाति
हमें हमारी जाति याद दिलाने के लिए
हमें अस्पृश्यता सिखाने के लिए
#Bhagyashree
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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

23 Oct, 01:44


शीर्षक : विलेन की अनसुनी दर्दनाक कहानी

विलेन की कहानी, काव्य से इसलिए कह",
ताकि जो सिर्फ पढ़ते हैं, आगे बढ़ जाते;
जो गहराई समझते हैं, वही ठहर जाते हैं.
भावनाएं सहेज ली जाती, सब आनंद उठाते,
लिखने से पूरे दर्द, रूह से बाहर निकल जाते।

आप सिर्फ अपनी बातों का तवज्जो दे रहे हैं,
मेरा पक्ष न सुनते, न ही सुनना चाह रहे हो.
हीरो की तरह अपनी बात मनाने पर तुले हुए हो,
यहां मेरी गलती का कारण भी नहीं पूछा है?

सिर्फ अपनी कहानी कहते, दर्द बताते,
खामोश होने वाले का कारण तक पूछते?
ऐसे कर रहे बात जैसे मैं सब जानता हूं,
मैं स्वीकार करता हूं, मैं गलत था, विलेन हूं."

हीरो जो अपने न्याय के लिए खुद लड़ता है,
आप वही हैं मेरी पुकार के कारण न पूछे.
यह बताए आदर्श हीरो, आप कहां सही हैं?
आप अपनी महत्त्व के लिए लड़े, कर्म यही है?

हीरो के कहानी सुनिए,विलेन के वक्त मजा आता है।
कमजोर नहीं होता, पर आसानी से मारा जाता है।
सबकी कहानी और किरदार में विलेन होता है,
यह फर्क नहीं पड़ता , वो किसके साथ होता है.

विलेन इस कारण न होता कि विलेन ही है,
न ही उसको विलेन बनने की चाहत रही है।
उस बेरहम का आंखों के पर्दा पीछे आंसु बही है,
पत्थर बन जाता, यहां भावना की कीमत नहीं है।

न्याय यह हैं, पहले गलती को सुनी जाती है,
फिर गलत को गलत साबित की जाती है.
उसके बाद अपनी बात और पक्ष रखी जाए,
तब किसी को समझ आई तो फैसला पाए.

अपनी बात कह दिया, इतना कौन इंतेजार करे?
अब दर्द सहने वाला खुद ही बेमर्द क्यों कहे?
विलेन की कहानी, सबको समझ नहीं आती,
शांत दिखाने वाला, सह रहा ज्वाला और आंधी।

---अभय कुमार वर्मा ✍️ "

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Hindi/Urdu Poems

23 Oct, 00:35


शीर्षक : विलेन की अनसुनी दर्दनाक कहानी

विलेन की कहानी, काव्य से इसलिए कह",
ताकि जो सिर्फ पढ़ते हैं, आगे बढ़ जाते;
जो गहराई समझते हैं, वही ठहर जाते हैं.
भावनाएं सहेज ली जाती, सब आनंद उठाते,
लिखने से पूरे दर्द, रूह से बाहर निकल जाते।

आप सिर्फ अपनी बातों का तवज्जो दे रहे हैं,
मेरा पक्ष न सुनते, न ही सुनना चाह रहे हो.
हीरो की तरह अपनी बात मनाने पर तुले हुए हो,
यहां मेरी गलती का कारण भी नहीं पूछा है?

सिर्फ अपनी कहानी कहते, दर्द बताते,
खामोश होने वाले का कारण तक पूछते?
ऐसे कर रहे बात जैसे मैं सब जानता हूं,
मैं स्वीकार करता हूं, मैं गलत था, विलेन हूं."

हीरो जो अपने न्याय के लिए खुद लड़ता है,
आप वही हैं मेरी पुकार के कारण न पूछे.
यह बताए आदर्श हीरो, आप कहां सही हैं?
आप अपनी महत्त्व के लिए लड़े, कर्म यही है?

हीरो के कहानी सुनिए,विलेन के वक्त मजा आता है।
कमजोर नहीं होता, पर आसानी से मारा जाता है।
सबकी कहानी और किरदार में विलेन होता है,
यह फर्क नहीं पड़ता , वो किसके साथ होता है.

विलेन इस कारण न होता कि विलेन ही है,
न ही उसको विलेन बनने की चाहत रही है।
उस बेरहम का आंखों के पर्दा पीछे आंसु बही है,
पत्थर बन जाता, यहां भावना की कीमत नहीं है।

न्याय यह हैं, पहले गलती को सुनी जाती है,
फिर गलत को गलत साबित की जाती है.
उसके बाद अपनी बात और पक्ष रखी जाए,
तब किसी को समझ आई तो फैसला पाए.

अपनी बात कह दिया, इतना कौन इंतेजार करे?
अब दर्द सहने वाला खुद ही बेमर्द क्यों कहे?
विलेन की कहानी, सबको समझ नहीं आती,
शांत दिखाने वाला, सह रहा ज्वाला और आंधी।

---अभय कुमार वर्मा ✍️ "

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𝗕𝗢𝗢𝗦𝗧

Hindi/Urdu Poems

22 Oct, 15:31


लिखना तो कितना आसान काम है ना
हर कोई अपनी शिकायतों, आंसूओं, गमों आदि
से पन्नों को भर देता होगा ना लेकिन उसको भी
पढ़ना उतना जरुरी है जो धन्यवाद, प्रार्थनाओं से
प्रत्येक पृष्ठों को खुशियों से भर देता है !
कहना तो कितना आसान काम है ना
सब अपने प्रियतम से दिल खोल बातें करते और
घंटों संवाद करते होगे ना लेकिन वो सब का क्या
जो मूक मौन हो कहे जा रहे है सब कुछ लेकिन
वैसा समझता क्या कोई भी उनको होगा क्या ?

~साक्षी
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