कौन हैं सनातनी..
जिसने पत्थर मे भी ईश्वर को प्रकट कर लिया कौन है वो ?
जिसने कुत्ते मे भी ईश्वर का दर्शन कर लिया, कौन है वो ?, जो अपनी श्रद्धा और शक्ति मे इतना विश्वास रखता है की, पत्थर पर भी सिंदूर लागा दे तो हनुमंत लाल बनकर प्रकट हो जाते हैं, कौन हैं वो ?? कौन हैं वो जो चरचार सृष्टि के प्रति भावो से भरा हैं ? कौन हैं वो जो शत्रुता, ईर्ष्या द्वेष के भावो से भरे होने पर भी सौहार्द, मित्रता और प्रेम का हाथ बढ़ाता हैं।
वो हैं
सनातन धर्म मे रचे बसें सनातन धर्म को आत्मसात करने वाले सनातनी, जो चरचार मे ईश्वर का दर्शन करता हैं। जो वसुधैव कुटुंबकम की परिभाषा को भली भांती से जानता और जीता हैं।
सीताराम
Bhagavad Gita (श्रीमद्भगवद्गीता)

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Last Updated 03.03.2025 21:43
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The Bhagavad Gita: A Comprehensive Guide to Its Teachings and Significance
भगवद गीता, जिसे अक्सर गीता के रूप में जाना जाता है, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो महाभारत के भीष्म पर्व के भीतर स्थित है। यह ग्रंथ एक संवाद है जो भगवान कृष्ण और अर्जुन के बीच होता है, जब अर्जुन युद्ध के मैदान में अपने रिश्तेदारों के खिलाफ लड़ने से हिचकिचा रहे हैं। गीता का मुख्य संदेश है कि जीवन में सही और गलत का निर्धारण करने के लिए व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। यह ग्रंथ न केवल धार्मिक आस्थाओं का आधार है, बल्कि यह जीवन जीने की कला और ज्ञान को भी उजागर करता है। भगवद गीता में कई महत्वपूर्ण सिद्धांत शामिल हैं, जैसे कर्म (कार्य), ज्ञान (ज्ञान), और भक्ति (प्यार और समर्पण)। गीता की शिक्षाएं आज के समय में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, और इसे दुनिया भर में लाखों लोग अपने जीवन में मार्गदर्शन के लिए पढ़ते हैं।
भगवद गीता का मूल संदेश क्या है?
भगवद गीता का मूल संदेश यह है कि जीवन में कर्तव्य को प्राथमिकता देनी चाहिए। अर्जुन के मन में युद्ध को लेकर जो संदेह था, भगवान कृष्ण ने उसे समझाया कि जीवन में कभी-कभी कठिन निर्णय लेने पड़ते हैं और व्यक्तिगत स्वार्थ के बजाय समाज और धर्म का पालन करना अधिक महत्वपूर्ण है। इसमें 'कर्म' का सिद्धांत भी शामिल है, जो बताता है कि किसी भी कार्य का फल भगवान पर छोड़ देना चाहिए।
इसके अलावा, गीता में यह भी कहा गया है कि मनुष्य को अपने कर्मों का फल भोगने का अधिकार है, लेकिन फल पर उसका अधिकार नहीं है। यह एक प्रकार की प्रेरणा है कि व्यक्ति को अपने कार्यों में लिप्त रहना चाहिए, बिना फल की चिंता किए।
भगवद गीता में कर्म का क्या महत्व है?
कर्म का सिद्धांत भगवद गीता का एक केंद्रीय विषय है। गीता में भगवान कृष्ण बताते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों। कर्म का अर्थ केवल कार्रवाई करना नहीं है, बल्कि अपने कार्यों के प्रति सजग रहना और उनके परिणामों के प्रति अनासक्त होना भी है।
कर्म को सही तरीके से करने से व्यक्ति का विकास होता है और आत्मज्ञान की ओर अग्रसर होता है। गीता के अनुसार, सही कर्म करने से व्यक्ति को मानसिक शांति और संतोष प्राप्त होता है, जो अंततः आत्मा के विकास में सहायक होता है।
भगवद गीता की भक्ति पर क्या विचार है?
भगवद गीता में भक्ति का सिद्धांत भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। भक्ति का अर्थ है भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण और प्रेम। गीता में बताया गया है कि भक्ति के माध्यम से व्यक्ति भगवान के साथ एक सच्चा संबंध स्थापित कर सकता है, और यह संबंध जीवन के सभी कठिनाइयों का सामना करने में मदद करता है।
भगवान कृष्ण कहते हैं कि भक्ति के माध्यम से व्यक्ति भगवान की कृपा प्राप्त करता है, जो उसकी आंतरिक शांति और समर्पण को बढ़ाती है। भक्ति केवल पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक मानसिक अवस्था है, जहां व्यक्ति भगवान में लीन होकर अपने सभी कार्य करता है।
भगवद गीता का आधुनिक समाज में क्या स्थान है?
आधुनिक समाज में भगवद गीता की शिक्षाएँ विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। यह ग्रंथ व्यक्तिगत विकास, मानसिक स्वास्थ्य और जीवन के उतार-चढ़ाव का सामना करने में मदद करता है। लोग गीता को प्रेरणा का स्रोत मानते हैं और इसके सिखाए गए सिद्धांतों को अपने जीवन में लागू करने का प्रयास करते हैं।
गीता की शिक्षाएँ न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मनोविज्ञान, प्रबंधन और नेतृत्व की कला में लागू होती हैं। बहुत से संस्थान गीता की शिक्षाओं का उपयोग अपने पाठ्यक्रमों में करते हैं, जिससे छात्र अपने जीवन में संतुलन और कार्यकुशलता प्राप्त कर सकें।
भगवद गीता पढ़ने के लाभ क्या हैं?
भगवद गीता पढ़ने के कई लाभ हैं। सबसे पहले, यह मानसिक शांति और संतोष का अनुभव कराने में मदद करती है। इसके साथ ही, गीता की शिक्षाएँ जीवन के कठिन समय में मार्गदर्शन देती हैं, जिससे व्यक्ति सही निर्णय ले सकता है। गीता में दी गई ज्ञान की गहराई व्यक्ति की सोच में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है।
इसके अलावा, भगवद गीता आत्म-विकास, समर्पण और कर्तव्य की भावना को बढ़ावा देती है। जब लोग गीता के शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाते हैं, तो वे न केवल व्यक्तिगत समस्याओं का समाधान ढूंढते हैं, बल्कि समाज के प्रति भी जिम्मेदार महसूस करते हैं।
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Welcome to the Bhagavad Gita (श्रीमद्भगवद्गीता) Telegram channel, also known as "bhagwat_geetakrishn". This channel is dedicated to providing a platform for Hindu devotion and spiritual teachings. The Bhagavad Gita is a sacred scripture of the Hindu religion, containing a conversation between Prince Arjuna and Lord Krishna on the battlefield of Kurukshetra. It is considered one of the most important texts in Hindu philosophy and spirituality, offering timeless wisdom and guidance to those who seek enlightenment
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