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अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

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अमित आर्यावर्त (भारत योगी) (Hindi)

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अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

19 Feb, 04:40


भगवान बुद्ध और भीमावदी

भीमवादियों के लिए भगवान बुद्ध ने पहले ही बता दिया था आप गुण मिलाकर देख लो

भगवान बुद्ध के समय जो लोग भिक्षुक बनते थे इनमें 2 प्रकार के व्येक्ति थे एक तो वो जो वैराग्य की भावना से मोक्ष निर्वाण की खोज में भिक्षु बनते ओर दूसरे वो जो घर से फालतू थे इन्हे वैराग्य मोक्ष से कोई लेना देना नही था इन्हे तो सम्मान चाहिए था


ये जो दूसरे किस्म के लोग थे इन्हे भगवान बुद्ध अच्छे से जानते थे और इनकी पहचान करने और इन्हे संघ से बाहर निकालने के लिए भगवान बुद्ध ने कुछ नियम बनाए थे इन नियमो को पढ़ कर कोई भी इन धूर्तों को आसानी से पहचान सकता था


देखिये भगवान बुद्ध सुत्निपात के धम्मचरित सूत में क्या बता रहे हैं 


 इस सूत्र में भिक्षुओं के लिए उपदेश हैं। इसमें यह आदेश है कि बुरे भिक्षुओं को संघ से निकाल कर अच्छे भिक्षुओं को निर्वाण के लिए प्रयत्न करना चाहिए । 


धार्मिक तथा श्रेष्ठ आचरण ही उत्तम है। जो घर से बेघर हो प्रव्रजित हो कर भी मुँहफट (भीमवादी नवबोधो में ये गुण खूब भरा हुआ है)  ओर, पशु की तरह, दूसरों को सतानेवाला है उसका जीवन पापी है। वह अपने मल को बढाता है ॥ १-२॥ है



जो भिक्षु झगडालु हे और मोह से भरा है, वह बुद्ध के बताये धर्म को समझाने पर भी नहीं समझता  ३ 


जो अविद्या के वशीभूत हो सन्तो को सताता है, वह नहीं जानता कि यह पाप नरक को ले जानेवाला मार्ग है ॥ ४ ॥ (भीमवादी आज यही कार्य तो खूब करते हैं)


ऐसा भिक्षु मृत्यु के बाद नरक में पड़ता है और वह एक जन्म से दूसरे जन्म को और अन्धकार से अन्धकार को प्राप्त हो परलोक में दुःख भोगता है ॥ ५ ॥ ऐसे पापी मनुष्य को शुद्ध करना वैसा ही कठिन है जैसा कि भरे हुए कई वर्ष पुराने गूथ कूप ( = संडास ) को ॥ ६ ॥


भिक्षुओ ! पापी इच्छा, पापी विचार, पापी आचार और पापी सगतिवाले किसी को जानो तो सब मिल कर उसे निकाल दो, कचरे की तरह उसे दो, कूडे की तरह उसे हटा दो ॥ ७-८ ॥ दूर कर


पापी इच्छा, पापी आचार और पापी सगतिवाले को निकालने के बाद उन तुच्छो को बाहर कर दो जो अभ्रमण हो श्रमण वेष धारण करते हैं ॥ ९ ॥ जागरूक हो शुद्ध पुरुष शुद्ध पुरुषों की संगति करें। इस प्रकार बुद्धिमान् -मेल से हट कर दु ख का अन्त कर सकेंगे ॥ १० ॥ (आज भीमवादी भिक्षु का वेश बनाते हैं ओर हिंदुओ को कोसने में ही लगे रहते हैं)


नोट: जब कोई भीमवादी भिक्षु बनता है तो वो नफरत को मन में रखकरके भिक्षु बनता है उसे निर्वाण वैराग्य से कोई लेना देना नही आप इन नवबोध भिक्षुओं के भाषणों में ये दूसरे दर्जे के भिक्षुक के रूप देख सकते हैं परंतु दुख है की आज दुनिया का कोई भी बुद्ध को मानने वाला इस गंदगी को साफ करने के लिए इस विषय में नही बोलता जानते हो क्यों क्युकी उन्हे भारत में बुद्ध के श्रेष्ठ विचार नही बल्कि भीम वादियों की घृणित मानसिकता के सहारे भारत में बौद्ध संप्रदाय को फैलाने की असीम संभावना दिखती है 


क्या होगा इन संप्रदायों से एक और नया विवाद द्वेष ही उत्पन होगा 


जानते हो भगवान बुद्ध ने कोई संप्रदाय नहीं चलाया बुद्ध ने तो शुद्ध धर्म की बात कही यानी की अहिंसा ,करुणा, राग द्वेष से दूर, चोरी ना करना, इंद्रियों का स्वामी बनना, जब भगवान बुद्ध जीवित थे तो उनके साथ लाखो व्यक्ति जुड़े थे बुद्ध ने उस समय के जन्मजात पंडो के पाखंड का विरोध किया जीव हत्या का विरोध कीया ओर आप आज देखलो बुद्ध को मानने वाले कई देशों के लोग खूब मासाहारी हैं  इसिको तो अधर्म पाप संप्रदाय बोलते हैं

भगवान बुद्ध वेद का सम्मान करते थे हवन यज्ञ गायत्री की प्रशंसा करते थे, ओर आजके भीमवादी केवल द्वेष इसीलिए बुद्ध के कहे अनुसार भीमवादी घोर नरक में जाएंगे


नमस्ते जी 🙏 ईश्वर हम सबको सद्बुद्धि दे और दुनिया के सभी संप्रदाय समाप्त हो जाए और केवल शुद्ध धर्म ही बचे तो यह धरती सच में स्वर्ग हो जाएगी

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

16 Feb, 06:31


ऋषि दयानंद के विचारों की हत्या हमने ही की है वेदों की आज्ञा का पालन हमने नहीं किया आज यही श्रेष्ठ आर्यों की संतानों के दुख का कारण है

भगदड में कितने ही लोग मर जाएं किंतु लोगों की फिर भी बुद्धि नहीं जागेगी, कुंभ में भगदड़ में मरे अब दिल्ली रेलवेस्टेशन पर मरे कीड़े मकोड़ों की तरह मर रहे श्रेष्ठ आर्यों के वंशज, केवल किसलिए जल में डुबकी लगाने के लिए

ये लोग खुद तो मरते ही हैं साथ में अपने मासूम बच्चों को भी मरवा देते हैं,

भीड़ में ओर अंजान पानी में नहीं उतरना चाहिए भीड़ जहां दिखे इसका ये अर्थ नहीं कि धर्म भी वही हैं

जो समाज के शिक्षक बने बैठे हैं यानी खुद को ब्राह्मण और आचार्य बोलते हैं जो ये बोलते हैं कि उन्होंने धर्म ग्रंथ पढ़े हैं जैसे ये शंकराचार्य कथावाचक आदि ये सभी इन भोले लोगों की मृत्यु के दोषी हैं, इन्हें दंड ईश्वर ही देगा आप ओर हम या वर्तमान की न्यायव्यवस्था इन्हें दंड नहीं सकती, क्योंकि ये लोग सत्य बोलेंगे तो इनकी धन आमदनी के साधन बंद हो जाएंगे इसीलिए सत्य जानते हुए भी नहीं बोलते भोले भले लोगों को पागल बनाए रहते हैं

आज भारत को फिर से ऋषि दयानंद जैसे अखंड ब्रह्मचारी वेदों के विद्वान महापुरुष की जरूरत है

मैं कई बार सोचता हूं की बाबा रामदेव यदि 100% ऋषि दयानंद जी के बताए मार्ग पर ही चलते तो ये बहुत बड़ा कार्य कर सकते थे, वास्तव में ऋषि दयानंद के विचारों की हत्या प्रसिद्ध आर्यसमाजी ही कर रहे हैं, जिसे ज्ञान है और वो कुछ करता नहीं वही सबसे बड़ा दोषी है,

ईश्वर के द्वारा हिसाब हम सभी का होना है बचेगा कोई नहीं

अमित आर्य

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

15 Feb, 06:26


यूट्यूबर प्रशांत ने युटुब पर एड चला चला कर अपना काफी बड़ा गिरोह त्यार कर लिया है , लोग कुछ बोल दें इस यूट्यूबर के बारे में तो गैंग के सदस्यों की कमेंट में बाढ आजाती है,

सुना है कुंभ में इसकी गैंग को वहां के साधुओं ने खूब कूटा है,

धंधा है पद प्रतिष्ठा का सब चलवाता है

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

13 Feb, 05:33


नमस्ते मित्रो जय श्री राम जय आर्यावर्त , आर्यावर्त की भूमि पर अनेकों देवियां हुई है जैसे माता सीता, माता द्रोपदी, माता रुक्मणि आदि आदि आइए आज आपको एक ओर देवी के बारे में बताता हूं जो सिद्धार्थ गौतम की पत्नी यशोधरा थी।

सिद्धार्थ गौतम की पत्नी यशोधरा के गुण एसे गुण एक भारतीय नारी में ही देखने को मिलते हैं पुरे संसार में और कहीं नहीं

यशोधरा के गुण भगवान से अज्ञात नहीं थे। अतः वे स्वयं उसके निवास स्थान पर गये। महाराज सुद्धोदन भी उनका भिक्षापात्र लिए साथ गये। सारिपुत्त और मोग्गल्लान भी साथ गये। भगवान ने अपने दोनों प्रमुख शिष्यों से कहा कि यशोधरा चाहे जिस प्रकार उनका वंदन करे, उसे मत रोकना ।

कोई नारी एक गृहत्यागी श्रमण के शरीर का स्पर्श नहीं कर सकती। पांव का भी नहीं। यह तो साधारण श्रमण ही नहीं, अरहंत हैं, सम्यक-संबुद्ध हैं। कोई नारी, भले उनकी पूर्वपत्नी ही क्यों न हो, उनके शरीर का स्पर्श कैसे कर सकती है? परंतु महाकारुणिक भगवान के मानस में असीम मैत्री का उत्स (स्रोत) फूट पड़ा। देवी यशोधरा आयी और उन्होंने भगवान के सम्मुख बैठ कर उनके पांव पकड़ कर मनचाही वंदना की किसी ने कोई रुकावट उत्पन्न नहीं की।

इस पर महाराज सुद्धोदन ने देवी यशोधरा के गुणों का संक्षेप में वर्णन

जब आपने घर-गृहस्थी त्याग और लौटने की कोई संभावना नहीं रही, तब राजवंश के अनेक राजकुमारों ने इस परित्यक्ता युवती के साथ संबंध जोड़ना चाहा। परंतु मेरी बेटी ने उनकी ओर नजर उठा कर भी नहीं देखा।

मेरी बेटी ने जब सुना कि आपने श्रमण वेश धारण करते हुये मुंडन कर लिया, तब से इसने भी अपने सिर का मुंडन करवा लिया।
जब से सुना कि आपने सभी गेरुए वस्त्र धारण कर लिए हैं, तब से इसने भी मुलायम राजसी वस्त्रालंकार त्याग कर, रूखे गेरुए वस्त्र धारण कर लिए।

जब से सुना कि आप एक वक्त ही भोजन ग्रहण करते हैं, तब से यह भी एकाहारी हो गयी।

जब से सुना कि आपने ऊंचे आरामदेह पलंग पर लेटना त्याग दिया है, तब से यह भी नीचे मंच पर सोने लगी।

जब से सुना कि आपने माला, गंध, विलेपन धारण करना त्याग दिया है, तब से इसने भी उन्हें छुआ तक नहीं।

जब से सुना कि आपने नृत्य, गीत, वादन आदि आमोद-प्रमोद त्याग दिये हैं, तब से इसने भी इनसे मुख मोड़ लिया।

पुस्तक :- राहुल की माता यशोधरा


आज की महिला को विशेष रूप से प्राचीन भारतवर्ष की श्रेष्ठ महिलाओं से कुछ सीखना चाहिए, आज भारत में स्त्री जाती ने अपनी मर्यादाएं भंग की हुई हैं , ना जाने कितने ही कमजोर आत्मबल के पुरुष इन महिलाओं के अत्याचार से दुखी होकर आत्महत्या कर चुके हैं , ना जाने कितने ही परिवार कानूनी रूप से प्रताड़ित हो चुके हैं,

हमारे इतिहास में महिलाओं को सबसे ऊंचा स्थान प्राप्त था सभी महापुरुष माता के नाम से ही जाने जाते हैं किंतु आज सारी मर्यादाएं भंग हो चुकी है जिसका परिणाम भारतीय परिवारों का विनाश विनाश हो रहा है

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

12 Feb, 08:38


राहुल गांधी हिंदुओ के पीछे क्यों पड़ा है, हिंदुओ की जाती जनगणना करवाने के पीछे इसका असली लक्ष्य केवल हिंदुओ का विनाश है, बिहार ओर तेलंगाना जैसे राज्यों में जाती जनगणना हो चुकी है

जातियां तो मुस्लिमों में भी है फ़िरकों के रूप में ओर ये तो एक दूसरे फिरके के खून के प्यासे भी हैं, पाकिस्तान में देख लो एक मुस्लिम फिरका दूसरे फिरके की हत्याएं करता है

देखिए मुस्लिमों में कितनी सारी जातियां (फिरके) हैं,
सुन्नी, शिया, सूफ़ी, अहमदिया, इस्ना अशरी, ज़ैदिया, इस्माइली, दाऊदी बोहरा, खोजा, नुसैरी.कादियानी, खारजी, कुर्द, बहाई, द्रुज, जाफ़री, इशना, अशरी, अहले हदीस, सलफ़ी. आदि आदि अनेकों अनेक, ओर सभी एक दूसरे से अत्यधिक नफरत करते हैं

राहुल गांधी मुस्लिमों की जनगणना पर कभी विचार नहीं करेगा क्योंकि लक्ष्य तो हिंदुओ के पतन का है

क्योंकि कांग्रेस की स्थापना ही अंग्रेजो ने ए ओ ह्यूम
से इसलिए करवाई ताकि भारतीयों को स्वतंत्रता के नाम पर भ्रमित किया जा सके, ये तो शुरू में कांग्रेस में आर्यसमाजी नेता जुड़ गए इसी कारण शुरू में अंग्रेज भारतीयों को मूर्ख ना बना सके फिर आर्यसमाजियों ने धीरे धीरे कांग्रेस छोड़ दी क्योंकि यहां गांधी जैसे अपनी मनमानी करवाते थे,

योगी जी का वो नारा हमेशा याद रखने योग्य है बटोगे तो कटोगे

एक रहो मजबूत रहो सनातनियों वरना भारत को ये लोग इस्लामिक देश बना डालेंगे,

ओर सभी सनातनियों को रोज प्राणायाम ध्यान बल बढ़ाने वाले धीमे राममूर्ति व्यायाम जरूर करने चाहिए यही शरीर बल बुद्धि अंत में काम आएंगे

🚩हर हर महादेव🚩

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

11 Feb, 04:03


सुख दुख का कारण क्या?

मनुष्य के सुख-दुःख का कारण उसका प्रारब्ध कर्म है, ईश्वर नहीं; वेद स्वतः प्रमाण हैं-स्वामी जी कहते थे कि किसी के अच्छा बुरा होने पर लोग ईश्वर को दोष देते हैं, यह लोगों की भूल है, उनका ऐसा कहना ठीक नहीं । सुख दुख तो सब मनुष्यों के प्रारब्ध कर्म का फल है।' बातचीत के समय किसी व्यक्ति ने प्रश्न किया स्वामी जी ने श्रुति का प्रमाण दिया। उसने फिर प्रश्न किया श्रुति (के सत्यत्व) का क्या प्रमाण है? तो स्वामी जी ने कहा कि वह स्वतः प्रमाण है, जैसे सूर्य के प्रकाश के लिए दीपक की आवश्यकता नहीं, ऐसे ही स्वतः प्रमाण वेद के लिए और प्रमाण नहीं हो सकता।

यहां का कोई पण्डित उनका सामना करने का साहस न कर सका और न किसी का मुख उनके विरोध में खुला। बनारसी लोग बहुत सी झूठी बातें उड़ाते रहे कि यह कोई जर्मन ईसाई है परन्तु ये सब आरोप व्यर्थ थे। हम प्रायः जाया करते थे, परंतु जब जाते उनको अकेला न पाते थे, लोगों का जमघट लगा रहता था। करते थे।

स्त्रोत– पंडित लेखराम कृत महर्षि दयानन्द सरस्वती का जीवन चरित्र पेज नंबर 226

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

10 Feb, 05:45


ये भगवा रंग तो अत्यंत प्रिय है हम सभी सनातन धर्मियों को, आने वाले ओर 50 सालों तक सनातनी बीजेपी को जिताता रहे तो भारत अत्यंत शक्तिशाली बन जाएगा, ओर सभी सनातनियों को रोज सुबह प्राणायाम ध्यान व्यायाम जरूर करना चाहिए समय पर ये शरीर और बुद्धि ही काम आएगी

🚩जय श्री राम🚩

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

08 Feb, 06:11


ईसाई बन चुके पंडित को हुआ पश्चाताप

पंडित लोग १० बजे के लगभग आये। वह स्वामी जी के भोजन करने का समय था। पंडितों को आसन देकर बिठाया गया। स्वामी जी ने भोजन करके कुछ समय विश्राम किया, फिर दिन के एक बजे से बातचीत आरम्भ हुई।

वे पंडित न्यायशास्त्र में बोलते थे और स्वामी जी उनका उत्तर देते थे। पांच बजे तक उनसे बातचीत होती रही। फिर पंडित लोग चले गये और कह गये कि हम प्रातः राजा साहब को भी आपके दर्शनार्थ लावेंगे।

पंडितों ने यहां से राजा साहब के पास लौटकर स्वामी जी की बहुत स्तुति की और उन्होंने दृढ़ निश्चय किया कि ४ बजे सायंकाल को हम अवश्य चलेंगे। उस दिन प्रातःकाल ही से ३०-४० यूरोपियन तथा स्वदेशी पादरी लोग आ गये और कुछ मुसलमान मौलवी भी।

स्वामी जी उनसे भी संस्कृत में बोलते रहे। वह भी यथाशक्ति समझते रहे। स्वामी जी का उपदेश सुनकर एक बंगाली ब्राह्मण जो ईसाई हो गया था, बहुत रोने लगा और दुःख प्रकट किया कि यदि आप जैसे पंडित लोग हमको पहले मिलते तो हम ईसाई न होते; क्योंकि जब हम स्कूल से पढ़कर और वहां के पादरियों के आक्षेप सुनकर घर जाकर पंडितों से पूछते तो कोई भी इन प्रश्नों के सन्तोषजनक उत्तर न देता था। यदि हमको उत्तर मिलता तो हम ईसाई न होते ।

ये घटना भागलपुर की है, स्त्रोत– पंडित लेखराम कृत महर्षि दयानन्द सरस्वती का जीवन चरित्र

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

05 Feb, 10:43


रक्षणाय बल का प्रयोग - 'हमने देखा कि स्वामी जी (ऋषि दयानंद) लंगोट मारे (पहने हुए) सड़क दाऊदनगर, पर जा रहे है। वहां सड़क के ऊपर कीचड़ था। एक गाड़ीवान की गाड़ी और बैल कीचड़ में फंस गये थे। स्वामी जी ने देखा कि बैल वाला बेलों को जोर-जोर से मार रहा है परन्तु वे फिर भी नहीं चलते। स्वामी जी ने जाकर बैल खोल दिये और गाड़ी को खींचकर पश्चिम की ओर शुष्कभूमि पर पहुंचा दिया। हम लोग देखकर बहुत चकित हुए कि ये इतने बलवान् हैं ! तत्पश्चात् हम आगे को चले गये । ऐसा प्रतीत होता है कि स्वामी जी (ऋषि दयानंद) कदाचित् काशी या दाऊदपुर को जा रहे थे।

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

04 Feb, 06:25


आप कितने नीच हो जो अपने माता पिता की सेवा नही करते जिस लड़की से आपकी शादी हुई उसके बहकावे में आकर अपने माता पिता को गलत समझते हो और उनकी सेवा नही करते

आप कितने बड़े नीच हो जो अपने माता पिता को वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर कर दिया

तुम्हारी अपने माता पिता से शिकायत कोई मायने नहीं रखती तुम्हारी मां ने तुम्हे 9 महीने कोख में रख कर अपने जीवन को दाव पर लगाकर तुम्हे पैदा किया और तुमने कल की आई हुई किसी स्त्री के लिए अपने माता पिता को त्याग दिया वाह रे नीच

भारत जैसी ऋषियों की भूमि पर वृद्धाश्रम होना एक बहुत बड़ा कलंक है कानून को इतना सख्त होना चाहिए की नीच सनतानो को भयंकर से भयंकर दंड मिले

तुम्हे नही भूलना चाहिए की बूढ़ा तुम्हे भी होना है

ये बाते उन नीच पुरुष और स्त्री के लिए हैं जो अपने माता पिता सास ससुर की सेवा नही करते उन्हे कूड़ा समझते हैं,

जब तक इस भारत भूमि पर एक भी वृद्धाश्रम है या गौचर भूमि दुष्टों के कब्जे में है तब तक ये भारत विश्वगुरू नही बन सकता

भगवान श्री राम की तरह अपने माता पिता की सेवा करो उनकी आज्ञा का पालन करो वो तुम्हारा सर मांगे देदो उन्हे

आज एक अच्छा खासा खुश परिवार शादी के बाद बिखर जाता है क्योंकि जिसे लक्ष्मी समझ कर घरमे लाय थे वो तो ताड़का निकली और नचा दिया पूरा परिवार जिसने घर जोड़ना था उसने सबको अलग अलग कर दिया

आज भारत में वृद्धाश्रम तेजी से बढ़ रहे हैं, ये खतम होते भारत की एक और निशानी है


अमित आर्यवर्त

नमस्ते जी 🚩🙏ओ३म्🚩🙏

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

01 Feb, 05:39


प्रतिदिन समाधि लगाते थे

प्रातःकालीन दिनचर्या तथा समाधि-स्वामी जी रात्रि को प्रतिदिन दो बजे उठते और सी० बोल्ड नामक एक अंग्रेज के कार्यालय के आगे से होकर नीचे गंगा के कच्चे घाट पर सोइया तालाब के सामने जाया करते और वहां से शौच और स्नान कर मिट्टी लगाकर चले आते।

तीन बजे के लगभग आकर समाधि लगा, ईश्वर के ध्यान में बैठ जाते। फिर, उस समय, किसी के (वहां) आने-जाने का ध्यान तक नहीं था। एक दिन हम बहुत सवेरे गये परन्तु वह उस समय भी समाधि में थे। हम मौन हो कर बैठ गये। जब सूर्य निकला तब उठकर टहलने लगे और हमको देखकर पूछा कि तुम कब आये थे। हमने सब वृत्तांत कहा।

इस प्रकार एक दिन की बात है कि स्वामी जी रात के दो बजे के लगभग गंगा की ओर जा रहे थे। सी० बोल्ड साहब के सिपाही ने देखा और चकित हो गया कि ऐसे लम्बे शरीर वाले कौन हैं; भयभीत हो गया। साहब को जाकर सूचना दी, साहब लालटेन लेकर आये और देखा कि स्वामी जी हैं। तब सन्तरी से कह दिया कि यह जिस समय आवें आने दिया करो ताकि गंगा को चले जाया करें, कोई रोक-टोक न करे ।'

स्त्रोत– पंडित लेखराम कृत महर्षि दयानन्द सरस्वती का जीवन चरित्र

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

30 Jan, 04:10


दिल्ली में इंग्लैंड के अंग्रेजो ने किया था नरसंहार हिंदू और मुसलमानों को चुन चुन कर क्रूरता से मारा था साल 1857

सिक्खों और गोरों ने अपनी संगीनों से मनुष्यों के चेहरों को बार-बार बिंधा और अधमरे करके अग्नि में जला कर सता-सता कर मारा। कुछ मुसलमानों को तांबे की शलाकों से नंगे शरीर को सिर से पांव तक जलाकर तड़फा-तड़फा कर समाप्त किया।

रसल लिखता है, "मुसलमानों को मारने से पहले उन्हें सूअर की खाल में सी दिया जाता था. उन पर सूअर की चर्बी मल दी जाती थी और फिर उनके शरीर जला दिए जाते थे। हिन्दुओं को गोमांस खिलाकर धर्मभ्रष्ट किया जाता था। इस प्रकार सारी दिल्ली मनुष्यों का बूचड़खाना बन गई। सारा नगर उजड़ गया। जो कोई फांसी और कत्ल से बचा उसे बल पूर्वक नगर से निकाल दिया गया।

होम्स लिखता है- "दिल्लो के निवासियों को विप्लव के बदले वड़ा भारी प्रायश्चित करना पड़ा। दस सहस्र स्त्री पुरुष और बालक विना घर के इधर उधर के प्रान्त में घूम रहे थे, जिन्होंने कोई अपराध नहीं किया था अपना जो धन वैभव था उसे वे नगर में अपने घरों में छोड़ गये थे। उससे वे सदा के लिए हाथ धो चुके थे, क्योंकि सैनिकों ने गली-गली और घर-घर जाकर प्रत्येक मूल्यवान् वस्तु को खोजकर निकाल लिया था और जो सामान वे उठाकर नहीं ले जा सके उसे उन्होंने नष्ट कर डाला।"

अंग्रेजों ने दिल्ली पर जो अत्याचार किये उनके विषय में लार्ड एल्फिन्सटन ने सर जॉन लारेन्स को लिखा- "मोहासरों के समाप्त होने के पश्चात् हमारी सेना ने जो अत्याचार किए हैं उन्हें सुनकर हृदय फटने लगता है।

बिना मित्र व शत्रु में भेद किए ये लोग सबसे एक समान बदला ले रहे हैं। लुट में तो वास्तव में हम नादिरशाह से भी बढ़ गए।" मोहासरे के दिनों में किले के छत्ते में रोगी और घायल सैनिकों का एक हस्पताल था। जिस समय कम्पनी की सेना किले में घुसी तब हस्पताल में जितने घायल रोगी थे सब गोली से मारकर समाप्त कर दिये गये।

अन्यत्र भी जो रोगी और घायल मिले कत्ल कर दिए गए। मटगुमरी माटिन लिखता है- "जिस समय हमारी सेना ने दिल्ली प्रवेश किया तो जितने नगर निवासी नगर की दीवारों के अन्दर पाये गये उन्हें उसी स्थान पर संगीनों से मार डाला गया। आप समझ सकते हैं उनकी संख्या कितनी अधिक रही होगी। जब में आपको यह बताऊँ कि एक मकान में चालीस और पचास-पचास तक आदमी छिपे हुए थे। ये लोग विद्रोही न थे किन्तु नगर के निवासी थे, जिन्हें हमारी दयालुता और क्षमाशीलता पर विश्वास था। मुझे हर्ष है कि उनका भ्रम दूर हो गया।"

स्रोत– पुस्तक बलिदान (लेखक स्वतंत्रता-संग्राम-सेनानी स्वामी ओमानंद सरस्वती जी)

मित्रो हमारा दुर्भाग्य देखिए आज भी हमारे देश को उन नीच इंग्लैंड वासियों के दिए नाम इंडिया से ही जाना जाता है, हमारा अपना नाम भारत और आर्यावर्त विलुप्त हो चुका है,

हमारे पूर्वजों ने बहुत कष्ट सहे कम से कम उनके सम्मान में हम इतना तो कर ही सकते हैं ये इंडिया नाम की गाली अपनी जन्मभूमि का ना दें 🙏⚔️

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

23 Jan, 07:14


*नेताजी सुभाष चन्द्र बोस और आर्यसमाज लाहौर*

आज विश्व में भारतीयों के द्वारा अंग्रेजी कलैंडर के अनुसार सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती मनाई जा रही है, चलिए आज आपको एक इतिहास की अमर घटना सुनाता हूं

''सुना है आप देश से बाहर जाकर सेना बना रहे हैं?''

लाहौर आर्य समाज के एक सम्मेलन में महाशय कृष्ण जी ने सुभाष बाबू से पूछा, जो प्रताप अखबार के संस्थापक थे।

''जी।'' नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने उत्तर दिया।

''आर्य समाज इसके लिए आपको दस हजार रुपए की थैली तत्काल भेंट करता है।''

''धन्यवाद।''

''धन्यवाद किस बात का नेताजी,'' महाशय कृष्ण जी जो उस समय गुरुकुल कांगड़ी के कुलपति के पद पर भी आसीन थे उन्होंने आगे कहा, ''जब भी आप आह्वान करेंगे, गुरुकुल कांगडी के सभी ब्रह्मचारी आपकी सेना में भर्ती होने के लिए पहुंचे जाएंगे।''

''आर्य समाज तो मेरी मां है, जिसने मुझे पैदा किया,'' सुभाष आगे बोले, ''और आजादी की जंग में जो भी भाग ले रहा है उसका किसी न किसी रूप में आर्य समाज से संबंध अवश्य है, भले ही वह किसी भी मत पंथ से संबंध रखता हो, परंतु दयानंद जी के स्वदेशी के आह्वान का उस पर प्रभाव है ही। क्योंकि स्वामी जी ने ही सबसे पहले कहा था कि स्वेदशी राज्य ही सर्वोपरि उत्तर होता है।''
..........
घटना एवं चित्र के लिए देखें
पुस्तक : जीवन संघर्ष, प्रकाशक राजपाल एंड संस, लाहौर
*चित्र : आर्य समाज के सम्मेलन के दौरान नेताजी सुभाष, महाशय कृश्न एवं अन्य आर्य नेता।*

🚩जय हो सभी क्रांतिकारियों की🚩

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

17 Jan, 05:29


आर्य पुत्र महाराज हेमू जिन्हें हेमचंद्र विक्रमादित्य के नाम से भी जाना जाता है, इन्हें आखिरी हिंदू सम्राट भी कहा जाता है,

ये जन्म से क्षत्रिय नहीं थे , किंतु जब भारत भूमि पर इस्लामिक अत्याचार देखे तो इन्होंने क्षत्रिय वर्ण धारण किया और एक समय ऐसा आया जब अत्याचारी इस्लामिक आक्रांत इनके नाम से भी कांपने लगे और महाराज हेमू ने आर्य पुत्र सम्राट महाराज विक्रमादित्य की उपाधि धारण की, इसी से हम समझ सकते हैं कि ये कितने गजब के इंसान रहे होंगे

समय समय पर मां भारती की भूमि पर विशेष आत्माएं जन्म लेती रहती हैं

यदि आखिरी युद्ध में वो तीर आंख पर ना लगता तो भारत का इतिहास ओर आज का वर्तमान कुछ ओर ही होता

आपको इनके बारे में जरूर पढ़ना चाहिए बाकी मैं अपने नए चेनल पर इनके विषय में विस्तार से वीडियो डालूंगा ही

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

16 Jan, 16:27


ये बात 😄 😄

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

15 Jan, 06:00


चर्चा अपने क़त्ल का अब दुश्मनों के दिल में है देखना है ये तमाशा कौन सी मंजिल में है

ब्रह्मचारी रामप्रसाद बिस्मिल जी

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

11 Jan, 10:30


जैसा कि मैने आप सभी को बताया थी मैं एक एनीमेटिड चैनल बना रहा हूं, आज वो चैनल बना दिया है और पहली वीडियो आज डाली है , आप सभी इस वीडियो को देखें और सभी के साथ साझा करें और इस चेनल को सब्सक्राइब करें और करवाएं

यह कहानी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल जी से जुड़ी है। इसमें बिस्मिल जी के बलिदान, और उनके परिवार की पीड़ा को उजागर किया गया है। विशेष रूप से बिस्मिल की मां के संघर्ष और कष्टों का विवरण दिया गया है, जिन्होंने अपने बेटे के बलिदान और परिवार की दुरावस्था के बावजूद साहस और धैर्य दिखाया।

मां के पास किसी प्रकार की सहायता नहीं थी, और उनके ऊपर समाज ने तमाम आरोप लगाए। बिस्मिल की मां, जो अपने बेटे के बलिदान के बाद अकेली और गरीब हो गईं, मां ने अपनी ज़िंदगी की दुखभरी यादों और संघर्षों को साझा किया। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि स्वतंत्रता संग्राम के नायक केवल अपने लिए नहीं, बल्कि अपने परिवार और समाज के लिए भी बलिदान देते हैं।

https://www.youtube.com/watch?v=LfvN2-ECkNM

🙏नमस्ते जी🙏

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

11 Jan, 05:37


कौन-सा अन्न भ्रष्ट होता है? -

एकबार सुखवासीलाल साध कढ़ी और भात स्वामी जी के लिए ले आया।

स्वामी जी ने उसे खाया। यहां के ब्राह्मणों ने कहा कि तुम भ्रष्ट हो गये, साध की खा ली। स्वामी जी ने कहा कि रोटी दो प्रकार से भ्रष्ट होती है, एक तो दुःख देकर प्राप्त किया हुआ धन उससे जो अन्न लावे वह भ्रष्ट है दूसरे कोई मलिन वस्तु उस पर या उसमें पड़ी हो तब भी भ्रष्ट है। जिस पर सब मौन हो गये ।

इस घटना से ओर एसी ही ओर भी घटनाएं हैं जिनसे हमें ज्ञात होता है कि स्वामी जी ने कभी भी मनुष्य मनुष्य में भेद नहीं किया वे जात पात को नहीं मानते थे, ओर सभी को मिल जुलकर प्रेम से रहने का संदेश देते थे

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

10 Jan, 04:25


स्वामी जी के लिए धर्म प्रचार का कार्य करना कितना कठिन था, किंतु एक समाधिस्थ योगी ईश्वर से बल साहस प्राप्त करता है और अपने कार्यों को पूरा करता ही है

शाहबाजपुर में स्वामी जी की हत्या करने की विफल चेष्टा-

वहां हमने यह भी सुना था कि गंगा नदी के पार से दो वैरागी स्वामी जी को मारने के लिए आये थे और शाहबाजपुर के एक ठाकुर को एक वैरागी ने अपना मित्र समझ कर कहा कि तुम अपनी तलवार हमें दो,
हम इस गप्पाष्टक को मार देंगे।

उस ठाकुर ने कहा कि उनकी तो मैंने कई दिन वार्ता यहीं सुनी है, वह बड़े महात्मा हैं। दुष्टो ! यदि फिर यह बात मुख से निकाली तो तुमको मार डालूंगा, जाओ मेरे सामने से दूर हो जाओ !

फिर वह ठाकुर दो-चार सशस्त्र मनुष्यों के साथ स्वामी जी के पास आया और कहा कि महाराज ! आपके मारने की यह दुष्ट लोग सम्मति कर रहे थे, मैं उनको धमका कर यहां आया हूं। स्वामी जी ने कहा कि उनकी क्या सामर्थ्य है कि हमको मारें ! परन्तु वह ठाकुर न माना और रात भर पहरा देता रहा जिस पर वह दुष्ट किसी प्रकार का कोई आक्रमण न कर सके ।

🚩🧘‍♀️🚩

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

08 Jan, 03:23


😆 हसी रोक कर दिखाओ

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

06 Jan, 03:22


कितनी ही बार सुनो मन नहीं भरता , https://www.youtube.com/watch?v=0qFpVaI5JtU&t=479s

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

05 Jan, 09:34


समाज सुधार का कार्य बड़ा ही कठिन कार्य है

ऋषि दयानंद जी की जीवनी पढ़ रहा हूं तो मालूम चल रहा है कि कितना कठिन जीवन था ऋषि का कितनी करुणा थी ऋषि में,

ऋषि दयानंद हमेशा धर्म के मार्ग पर ही चले समाज की सभी कुरीतियों का विरोध किया कन्याओं को भी समान अधिकार दिलवाए जातपात को खत्म करने का प्रयास किया

ऋषि पर कोई पत्थर फेंकता कोई विष देता कोई तलवार लेकर मारने आता कोई अपशब्द बोलता , किंतु इन अखंड ब्रह्मचारी के सामने आते ही सभी परास्त हो जाते

यदि पौराणिक समाज ने ऋषि दयानंद जी की मानी होती तो आज जातिवाद भारत से समाप्त हुए 100 वर्ष से भी ज्यादा का समय हो जाता , ना तो भारत के टुकड़े होते ओर ना ही नेहरू प्रधानमंत्री होता , ओर ना ही आंबेडकर अपना मत बदल कर राष्ट्र को कमजोर करते ओर ना ही गांधी किसी को ब्लैकमेल कर पाता

क्योंकि जब देश का बहुसंख्यक समाज कमजोर होगा पाखंड में डूबा होगा अनेकता में एकता जैसे झूठी बातों को मानेगा, अपने बच्चों को गर्भ काल से ही धर्म की शिक्षा नहीं देगा, तब तक देश विरोधी ताकते हावी होंगी ही

मुझे तो केवल एक ही मार्ग दिखता है सभी आर्यसमाजी विद्वान एक मत होकर अपनी एक राजनीतिक पार्टी बनाएं तो हम भारत को बचा सकते हैं

किंतु ऐसा होगा ये केवल कल्पना मात्र ही है, पता नहीं मैं सही हूं या गलत किंतु मुझे लगता है कि आजका आर्यसमाज ऋषि वाला आर्यसमाज नहीं रहा

🙏ओ३म्🙏

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

04 Jan, 13:41


https://youtu.be/a-PyBpX_5co?si=Iomy3DTxgrCbhN1I

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

03 Jan, 07:50


*सनसनीखेज खुलासा!!*

*टी वी पर चर्चारत इन दोनों का न तो कांग्रेस* से ना ही *BJP* से कुछ लेना देना है। *इस वीडियो में आप को बेहद डरावनी जानकारी मिलेगी। बोले गए एक-एक शब्द को सुन कर सभी भारतीयों को यह एहसास होगा कि हमारा देश कितने बड़े संकट से बाहर आ गया है।*
कृपया इसे एक बार सुनें और समझने का प्रयास करें...!! 15 मिनट का वीडियो है, जरूर देखें जिस सच्चाई से अभी तक आप और हम अनभिज्ञ थे, निवेदन है एक बार जरूर देखे

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

01 Jan, 04:47


बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना? नहीं बेगानी शादी में हिंदू दीवाना ? वास्तव में कहावत तो अधिकतर हिंदुओ पर सही बैठती है

1 जनवरी खतना दिवस पर पागल होने वालो
ईसा के जन्म की हमे क्यों खुशी मनानी चाहिए? ईसाईकरण कितनी बड़ी समस्या है क्या तुम नहीं जानते?

अंग्रेजो ने अप्रैल में नया साल मनाने वालो को मूर्ख घोषित करने के लिए 1 अप्रैल को मूर्खता दिवस घोषित किया, जबकि मार्च अप्रैल में प्रकृति में सब नया होने लगता है पतझड़ से हरियाली छाने लगती है

जबकि 1 जनवरी पर पतझड़ का मौसम बना रहता है ठंड बनी रहती है प्रकृति में कोई बदलाव यानी नयापन देखने को नहीं मिलता, वास्तव में 1 जनवरी ही मूर्खता दिवस है

क्या ईसाई बहुल देश भगवान राम कृष्ण के जनम की खुशियां मनाते हैं? जो भारत के अधिकतर हिंदू 25 दिसम्बर हो या 1 जनवरी खुशी के मारे बावला हुआ जाता है?

सोशल मीडिया पर देश भक्ति की बाते करने वाले भी 1 जनवरी खतना दिवस को पागल हुए जाते हैं
बाते करते हैं ये सनातन धर्म की किंतु अपने बालकों के जन्मदिवस पर सनातन का मुख्य कर्तव्य हवन नहीं करते, अपने त्योहारों पर हवन नहीं करते , अपनी प्राचीन परम्पराओं का त्यागने वाला अधिकतर हिंदू समाज क्या हिंदू राष्ट्र बना पाएगा ?

भारत का ईसाईकरण सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है, ईसाई मिशनरियां हिंदुओ को ईसाई बनाकर भारत के नए गद्दारों को जनम दे रही हैं,

हिंदुओ ने अपने विनाश से भी कुछ नहीं सिखा देखो मणिपुर में दो मुख्य विचार धाराएं हैं एक जो सनातन धर्म को मानते हैं दूसरे जो पहले हिंदू थे अब ईसाई मत को मानते हैं , जब सनातन धर्म से विपरीत दूसरी विचारधाराएं ज्यादा होगी तो आपको लूटपाट हत्याएं देश के टुकड़े मारकाट विनाश होते नजर आएंगे

वास्तविकता यही है कि ये बाते ज्यादातर हिंदू सोचता नहीं है , कथनी और करनी में अंतर है , घमंड तो पूरा है किंतु स्वाभिमान जरा सा भी नहीं बचा
अमित आर्य

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

31 Dec, 05:24


महत्वपूर्ण जानकारी एक नई आईडी बनाई जा रही है apaar id , ध्यान दें ये स्वैच्छिक है यदि आप नहीं बनवाना चाहते तो कोई स्कूल आप पर दबाव नहीं डाल सकता

ये नम्बर सरकार की वेबसाइट से यहां दे रहा हूं आप खुद बात कर सकते हो, कोई स्कूल आप पर दबाव बनाए तो यहां फोन करके स्कूल वालो की बात करवा सकते हो,

apaar हेल्पलाइन फोन नंबर ये है
👉 18008893511

ओर नीचे rti का चित्र भी है तो डरने का नहीं किसी से

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

30 Dec, 05:35


आधुनिक काल के माहान क्रन्तिकारी श्री राजीव दीक्षित भाई के व्याख्यान में से
राजीव दीक्षित जी ने नेहरु चिंदम्बरम मनमोहन आदि सबको अच्छे से एक्सपोज किया था

मनमोहन सिंह जब पहली बार प्रधानमन्त्री बने तो ऑक्सफ़ोर्ड गए वहां पर एक सम्मान समारोह हुआ मनमोहन सिंह का
समारोह में मनमोहन ने 40 मिनट का भाषण दिया

उसमे उन्होंने बोला की भारत हजारों साल से गरीब देश है ये तो अंग्रेज थे जो भारत आए और भारत को सभ्य बनाया हम अंग्रेजो के बहुत आभारी हैं
जिन्होंने आकर भारत को तकनिकी सिखाई हम अंग्रेजो के बहोत आभारी हैं जिन्होंने भारत मे विज्ञानं लाया , हम अंग्रेजो के बहुत आभारी हैं जिन्होंने भारत में उद्योग लाए , 40 मिनट तक वो यही सब बोलते रहे

अगले दिन ये भाषण इंग्लेंड के अखबारों में छपा तो कई अखबारों ने हेडिंग लगाया

"लगता है भारत अभी भी अंग्रेजो की गुलामी में ही है क्योकि भारत का प्रधानमन्त्री जो गान गा रहा है यहाँ आकर वो एक सवतंत्र देश के स्वाभिमानी प्रधानमन्त्री का गान नहीं हो सकता ये तो गुलाम देश के
गुलाम प्रधानमन्त्री का गाना है "

ये व्याख्यान राजिव भाई की वीडयो में मिल जाएगा , और मनमोहन के उस भाषण की वीडयो सालो पहले मेने देखि थी शायद इंटरनेट पर खोजने से अब भी मिल जाए

अब एक जानकारी और

जब मनमोहन प्रधानमन्त्री बने तो इन्होने भारतीयों के टैक्स के पैसे से पकिस्तान के अपने गाँव में सड़क बनवाई लाईट लगवाई और भी बहुत कुछ किया एक पकिसतनी चेनल पर ये सब बताया जारहा था मेने इसकी वीडयो देखि है

🚩जय हो निर्भीक क्रांतिकारी श्री राजीव दीक्षित जी की🚩

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

28 Dec, 06:52


वेद हो या उपनिषद या योगदर्शन सभी स्थानों पर ओ३म् महिमा ही बताई गई है, फिर इस ईश्वर के मुख्य नाम को क्यों त्यागा हुआ है

ईश्वर, आत्मा, प्रकृति
ईश्वर चेतन आत्मा चेतन किंतु प्रकृति जड़

तभी उपनिषदों में या योगियों के वचनों में यही बताया गया है कि यम नियम का पालन करते हुए धारणा ह्रदय प्रदेश (दोनों फेफड़ों के नीचे की तरफ बीच में जो गड्ढा है) में लगाकर ओ३म् का जाप करना चाहिए

जब धारणा सही बन जाती है तो सांस भिन प्रकार से चलती है , यानी खुद ही प्राणायाम होने लगता है, तभी तो 1 घंटा ध्यान करने के बाद शरीर ऊर्जावान लगता है,

अनिद्रा, तनाव, अतिक्रोध, आदि आदि समस्याएं दूर होती जाती हैं

ओर ध्यान करने वाला अपने पूर्वजों को अपमानित करने से भी बचता है जानते हो कैसे?

मैंने सड़क किनारे कई भगवानों के चित्र पड़े देखें है, उनके साथ क्या क्या होता है मैं क्या ही लिखूं

आप कभी अपने दादा अपने बाप के चित्र को कूडे में नहीं फेंकते किंतु जिन्हें आप ईश्वर मानकर पूजते हो बादमें उन्हें कूड़े में फेंक देते ही या नदियों में डाल कर नदियों को प्रदूषित करते हो

केवल ईश्वर का ध्यान ही उन्नति का मार्ग है बाकी सब पतन का मार्ग है

जो भाई भूत प्रेत को मानते हैं , जब आप ध्यान करेंगे तो भूत प्रेत की समस्या आपको नहीं होगी क्योंकि दिमाग आपका ठीक रहेगा और साथ ही सांसों का महत्व भी समझ आने लगेगा (सांसों का महत्व यानी स्वर विज्ञान)

आप कभी भी देखलेना जो लोग वास्तव में ध्यान करने वाले होते हैं वो कभी डिप्रेशन तनाव जो भी आप बोलते हो इन सब का शिकार नहीं होता ध्यानी व्यक्ति जबकि इसकी तुलना में जड़ को पूजने वाला डिप्रेशन की दवाएं खाता है

इस लेख का मकसद घृणा नहीं है केवल थोड़ा सा जगाना मात्र है, बाकी तो जिसका जैसा विवेक होगा करेगा ही

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

24 Dec, 15:30


ये जानकारी तो पता होनी चाहिए सबको

https://www.livehindustan.com/uttar-pradesh/vegetable-insects-reached-the-brain-of-40-children-group-of-eggs-seen-in-ct-scan-201734915148559.html

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

22 Dec, 06:49


बस अब क्या ही कहें 😄

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

16 Dec, 06:46


🚩दयानंद सा इस दुनिया में वेदों का विद्वान नहीं🚩

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

09 Dec, 05:58


☯️ *Samvaayi Foundation / Samvaayi Acupressure Noida द्वारा ऑनलाइन Basic to Semester-1 Course* 📚 :

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👩🏻‍🎓 *प्रमाण पत्र -* डिजिटल प्रमाण पत्र के साथ पूरे क्लास की वीडियो रिकॉर्डिंग 🎥 भी प्रदान की जाएगी ।

👨🏻‍🏫 *फैकल्टी -:*
🪶 श्रीमती सुषमा ओझा
प्रोफेसर ASPEUS , प्रयागराज,
संरक्षक समवायी फाउन्डेशन, नोएडा ।
एक्यूप्रेशर का 22 वर्ष का अनुभव ।

🪶 श्री अरविन्द श्रीवास्तव
अध्यक्ष समवायी फाउन्डेशन, नोएडा ।
एक्यूप्रेशर का 5.5 वर्ष का अनुभव ।

🪶 श्री निरंजन कुमार गुप्ता
प्रमोटर समवायी फाउन्डेशन, नोएडा ।
एक्यूप्रेशर का 5.5 वर्ष का अनुभव ।

🪶 डॉ दिव्या
प्रमोटर समवायी फाउन्डेशन, नोएडा ।
एक्यूपंक्चर का 2 वर्ष का अनुभव ।

🪶 डॉ कोमल बालवानी
प्रमोटर समवायी फाउन्डेशन, नोएडा ।
नैचुरोपैथी का 20 वर्ष का अनुभव ।

🪶 अन्य थेरेपिस्ट /प्रमोटर समवायी फाउंडेशन नोएडा जिन्हें 2 वर्ष से अधिक का एक्यूप्रेशर का अनुभव प्राप्त है ।

ℹ️ *प्रशिक्षण की मुख्य विशेषताएं*
🔅अपने घर पर रहकर एक्यूप्रेशर सीखें । 🖥️
🔅किसी भी उम्र का व्यक्ति इसे सीख सकता है। 👴🏼🧓🏼👨🏻👩🏻‍🦱
🔅स्वयं का और परिवार का उपचार कर सकते हैं। 🩺
🔅एक्यूप्रेशर के मूलभूत सिद्धांत और चिकित्सा की अवधारणा के विषय में बताया जाएगा। 👨🏻‍🏫🔠
🔅दबाव, बीज, रंग और मैग्नेट के माध्यम से प्रैक्टिकल सिखाया जाएगा। 🫛🫘
🔅एक्यू उपकरणों का उपयोग, NATURO मेडीसिन का उपयोग बताया जाएगा। 🧘🏻
🔅एक्यूप्रेशर, एक्यूपंक्चर चिकित्सा में कोई साइड इफेक्ट नहीं, कोई दर्द नहीं, कोई दवा नहीं। 💊
🔅थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों के विषय में जानकारी दी जाएगी। 📒

📩 Send following details to join the course:
*Candidate Name*-
*Father's Name* -
*Mother's Name*-
*Age* -
*WhatsApp Mobile No* -
*City Name* -
*Full Address with pin code-* -
*Education qualification*

Contact:
👤 श्री अरविंद श्रीवास्तव
📞 +91 9910229503

👤 श्री निरंजन कुमार गुप्ता
📞 +91 8084909448

👤 श्रीमती सुषमा ओझा
📞 +91 9140885902

*For any enquiry, please Text or WhatsApp on the phone numbers given above🙏

🎗️ *द्वारा आयोजित*-
समवायी फाउन्डेशन, नोएडा

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

25 Nov, 04:54


अनुभव की जानकारी बहुत काम की होती है चौथी स्टेज का कैंसर भी हार गया

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

24 Nov, 03:52


बडा गहरा सदमा लगा है, हिंदुओ की जाती खोजने वाले को😄🚩

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

11 Nov, 03:28


दोस्तों इस विषय पर आप सभी का साथ मिलना चाहिए मुझे, क्योंकि मैं अपने क्रांतिकारियों पर एनीमेटिड वीडियो बना रहा हूं ओर एनीमेटिड वीडियो खुद से बनाने में बहुत मेहनत लगती है,

अभी मैं करेक्टर त्यार कर रहा हूं

अपने क्रांतिकारियों के परिवारों ने जो कष्ट सहे लोगों ने उन्हें जो ताने दिए आजादी के बाद जो क्रांतिकारी जीवित रहे उनकी क्या दुर्गति की इस भारतीय समाज ओर उस समय की नेहरू की सरकार ने, इन सब जानकारियों को अच्छे से एनीमेटिड रूप में आप सबके सामने रखना चाहता हूं

बस आप लोगों का सहयोग चाहिएगा इसमें की आप अधिक लोगो तक ये जानकारिया पहुंचा सके, खास कर जो युवा बालक बालिकाएं लड़के लड़कियां हैं उन तक जरूर पहुंचनी चाहिए 🙏 कि किसी ने उन्हें आजाद करवाने के लिए कैसे अपना सब कुछ बर्बाद कर दिया पीछे से माता पिता के साथ घटिया समाज ने कैसा व्यवहार किया, किसी क्रांतिकारी को आजादी के बाद सड़क पर सिगरेट बेच कर गुजारा करना पड़ा, किसी महिला क्रांतिकारी को दूसरों के घरों में बर्तन साफ करके गुजारा करना पड़ा, कृप्या इस कार्य में मेरा साथ देना मित्रो ताकि कुछ युवाओं का जीवन बदल सके और यही हमारे क्रांतिकारियों के बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि होगी🙏

महान क्रांतिकारी ब्रह्मचारी रामप्रसाद बिस्मिल जी की मां ने जो कष्ट सहे उस विषय पर वीडियो बना रहा हूं , प्रयास करूंगा इस महीने ये वीडियो आजाए

सच बात कहूं तो स्क्रिप्ट तैयार करने में ही पता नहीं कितनी बार आंखों में आसू आते हैं , समझ नहीं आता भारत के लोग इतने दुष्ट कैसे हो गए सचमे बड़ा कठोर हृदय है लोगों का, एक बात और समझ में आई कि यदि आप अपनी जन्मभूमि के लिए बलिदान दें तो पीछे ये आशा मत रखना कि कोई आपके माता पिता का सहायता करेगा सब उस परमपिता परमात्मा के भरोसे छोड़ देना चाहिए वैसे सब उसके ही भरोसे पर है, क्योंकि कष्ट चाहे कितना ही बड़ा क्यों ना हो वो अनंत काल तक नहीं रहता,

पता नहीं कितने पुण्य किए होंगे तब जाकर इस भारत भूमि पर जनम मिला और वेदों का ज्ञान मिला सचमें अच्छे ही कर्मों का फल है ये , बाकी दुख सुख तो जीवन में चलेंगे ही , चाहे कोई भी हो

🚩🙏ओ३म्🚩🙏

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

09 Nov, 13:48


ये छोटी सी वीडियो देख कर मुझे विश्वास है कि इस मुस्लिम लड़की के माता पिता के विचार एक समान है, तभी इन्हें अपना मकसद पता है,

एक तरफ हिंदू माता पिता है जो दोनों ही एक समान मिलकर बच्चों को संस्कार दें दुर्लभ है और धर्म के संस्कार दें ये तो ओर भी दुर्लभ असंभव सा लगता है

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

06 Nov, 03:17


अरे बुढ़िया तू यहाँ न आया कर, तेरा बेटा तो चोर-डाकू था, इसलिए गोरों ने उसे मार दिया“
जंगल में लकड़ी बीन रही एक मैली सी धोती में लिपटी बुजुर्ग महिला से वहां खड़े व्यक्ति ने हंसते हुए कहा,

“नही चंदू ने आजादी के लिए बलिदान दिया है“ बुजुर्ग महिला ने गर्व से कहा।

उस बुजुर्ग महिला का नाम था जगरानी देवी और इन्होने पांच बेटों को जन्म दिया था, जिसमें आखिरी बेटा कुछ दिन पहले ही आजादी के लिए बलिदान हुआ था। उस बेटे को ये माँ प्यार से चंदू कहती थी और दुनिया उसे आजाद ... जी हाँ ! चंद्रशेखर आजाद के नाम से जानती है।

हिंदुस्तान आजाद हो चुका था, आजाद के मित्र सदाशिव राव एक दिन आजाद के माँ-पिता जी की खोज करते हुए उनके गाँव पहुंचे। आजादी तो मिल गयी थी लेकिन बहुत कुछ खत्म हो चुका था।

चंद्रशेखर आज़ाद के बलिदान के कुछ वर्षों बाद उनके पिता जी की भी मृत्यु हो गयी थी। आज़ाद के भाई की मृत्यु भी इससे पहले ही हो चुकी थी।

अत्यंत निर्धनावस्था में हुई उनके पिता की मृत्यु के पश्चात आज़ाद की निर्धन निराश्रित वृद्ध माता उस वृद्धावस्था में भी किसी के आगे हाथ फ़ैलाने के बजाय जंगलों में जाकर लकड़ी और गोबर बीनकर लाती थी तथा कंडे और लकड़ी बेचकर अपना पेट पालती रहीं। लेकिन वृद्ध होने के कारण इतना काम नहीं कर पाती थीं कि भरपेट भोजन का प्रबंध कर सकें। कभी ज्वार कभी बाज़रा खरीद कर उसका घोल बनाकर पीती थीं क्योंकि दाल चावल गेंहू और उसे पकाने का ईंधन खरीदने लायक धन कमाने की शारीरिक सामर्थ्य उनमे शेष ही नहीं थी।

शर्मनाक बात तो यह कि उनकी यह स्थिति देश को आज़ादी मिलने के 2 वर्ष बाद (1949 ) तक जारी रही।

चंद्रशेखर आज़ाद जी को दिए गए अपने एक वचन का वास्ता देकर सदाशिव जी उन्हें अपने साथ अपने घर झाँसी लेकर आये थे, क्योंकि उनकी स्वयं की स्थिति अत्यंत जर्जर होने के कारण उनका घर बहुत छोटा था। अतः उन्होंने आज़ाद के ही एक अन्य मित्र भगवान दासमाहौर के घर पर आज़ाद की माताश्री के रहने का प्रबंध किया और उनके अंतिम क्षणों तक उनकी सेवा की।

मार्च 1951 में जब आजाद की माँ जगरानी देवी का झांसी में निधन हुआ तब सदाशिव जी ने उनका सम्मान अपनी माँ के समान करते हुए उनका अंतिम संस्कार स्वयं अपने हाथों से ही किया था।
देश के लिए बलिदान देने वाले क्रांतिकारियों के परिवारों की ऐसी ही गाथा है🥺🙏

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

04 Nov, 13:57


बेटा एक बार हल्ला करके तो दिखाओ, मैं भी देखता हूँ..

असम में कुछ लोगों ने कहा कि हम मदरसा नहीं बंद कर पाएंगे।

फिर... मैंने बोला भारत को मुल्ला की जरूरत नहीं है डॉक्टर, इंजीनियर की जरुरत है।

उन्होंने कहा हल्ला हो जाएगा, मैंने बोला ठीक है बेटा एक बार हल्ला करके दिखाओ मैं भी देखता हूँ हल्ला कैसे करते हो।

मदरसा बंद हो गया कुछ हल्ला गुल्ला नहीं हुआ।

ऐसे ही हुआ था जब राम मंदिर बना था, कहते थे हल्ला हो जाएगा, हुआ क्या?

जब हिंदू एक रहता है तो ना कोई हल्ला नहीं होता है।

: हिमंता बिस्वा सरमा, मुख्यमंत्री, असम

सोर्स पांचजन्य

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

27 Oct, 09:28


सोचिए भारत के कितने बुरे दिन थे वो

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

22 Oct, 09:32


अमित आर्यावर्त (भारत योगी) pinned «https://youtube.com/shorts/T08jLuHRn10?si=BZGQdy3xUG_ORVPR»

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

22 Oct, 09:31


कमेंट बताना ये वीडियो कैसी लगी

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

22 Oct, 09:30


https://youtube.com/shorts/T08jLuHRn10?si=BZGQdy3xUG_ORVPR

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

19 Oct, 08:59


विदेश में भारत के दुश्मनों का सफाया कर रहे एक 'अज्ञात बंदूकधारी' का नाम पहली बार सामने आया तो कांग्रेस की बौखलाहट देखिए। RAW के अधिकारी विकास यादव को अमेरिकी खुफिया एजेंसी FBI ने मोस्टवांटेड घोषित किया है। इस पर मुंबई कांग्रेस ने जो पोस्ट किया उसकी मानसिकता पता चलती है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी शर्मिंदा होंगे, लेकिन हर भारतीय को Vikas Yadav पर गर्व है। जानें कैसे कांग्रेस का इतिहास ही देश से गद्दारी का है: https://youtu.be/IdjgubI3HXU?si=ROtySCg5j1xmBOWv

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

19 Oct, 08:54


विदेश में भारत के दुश्मनों का सफाया कर रहे एक 'अज्ञात बंदूकधारी' का नाम पहली बार सामने आया तो कांग्रेस की बौखलाहट देखिए। RAW के अधिकारी विकास यादव को अमेरिकी खुफिया एजेंसी FBI ने मोस्टवांटेड घोषित किया है। इस पर मुंबई कांग्रेस ने जो पोस्ट किया उसकी मानसिकता पता चलती है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी शर्मिंदा होंगे, लेकिन हर भारतीय को Vikas Yadav पर गर्व है। जानें कैसे कांग्रेस का इतिहास ही देश से गद्दारी का है: https://youtu.be/IdjgubI3HXU?si=ROtySCg5j1xmBOWv

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

10 Oct, 04:21


इस्लामिक देश लेबनान हिंदू प्रधानमंत्री मोदी जी के आगे नाक रगड़ कर बोल रहा है की मोदी जी हमे बचालो बेंजामिन नेतन्याहू को समझा दो की लेबनान को ना ठोके कहीं वो लेबनान का गाजा जैसा हाल ना करदे

आज लेबनान के मुस्लमान को अपने खात्मे की चिंता सता रही है

देखिए ये लेबनान वाले कितने बड़े धूर्त मक्कार हैं कभी लेबनान ईसाई बहुल देश था जब मुसलमानों की संख्या अच्छी खासी हो गई तो वहां के मुसलमानों ने ईसाई के विरुद्ध गृहयुद्ध छेड दिया और लाखो ईसाई मारे गए आज लेबनान मुस्लिम बहुल हैं मुस्लिम मुल्क है , किंतु अधिक समय तक नहीं रहेगा

अभी इजराइल की फौज ने लेबनान के आतंकी संगठन से यजीदी लड़की को स्वतंत्र करवाया है

आप जानते ही होंगे की यजीदियों की बहुत सी परंपराएं हिंदू से मेल खाती हैं, इराक के मुस्लमान यजीदी लड़कियों को दूसरे मुस्लिम देशों में बेचते हैं ये दुष्ट यजीदियो को जिंदा जला देते हैं उनके गांव के गांव उजाड़ दिए इन दुष्टों ने

ये सभी इस्लामिक देश दूसरे मत के लोगो की लाशों पर बनाए गए हैं, आज इनके कर्म वापस लोट कर आराहे हैं तो ये भारत से मदद मांग रहे हैं

ओर वैसे भी इजराल बहुत ही अधिक शक्तिशाली देश है अमरीका को खुद यहूदी व्यापारी चलाते हैं , हर प्रकार की तकनीक अधिकतर यहूदी ही बनाते हैं ओर हर एक यहूदी अखंड इजराइल बनाना चाहता है, अमरीका के हलक में हाथ घुसाकर अपनी मदद करवा रहे हैं वास्तव में अमरीका को यहूदी ही तो चलाते हैं

ओर एक तरफ भारत के लोग हैं जो भारत के आगे बढ़ते व्यापारियों को वामपंथियों के बहकावे में आकर गालियां देते हैं

लेबनान तो गया

भारत के हिंदुओ को इन सब घटनाओं को देखते हुए सीखने की जरूरत है की हिंदू हिंदू भाई भाई कोई जात नही कोई पात नही केवल सनातनी होना ही प्रयाप्त है , एकता में जो शक्ति है वो और किसी में नहीं

एक पुस्तक है विषैला वामपंथ एक बार इसे जरूर पढ़ना हिंदुओ

अमित आर्यवर्त

🚩जय श्री राम🚩

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

09 Oct, 10:49


😂 पाकिस्तान के अच्छे मजे ले रहा है ये भगोड़ा जोकर नाइक, पाकिस्तानी ओरतो को सुझाव दिया है यदि उनका निकाह ना हो तो वे बाजारू ओरत public property बन जाए

अब पाकिस्तानी इसे गालियां बक रहे हैं 😂 ये तो इस्लाम का अच्छा जानकर है तो इसके सुझाव से गुस्सा क्यों होगए पाकिस्तानीयों, कितनी बेशर्म कोम है ये पाकिस्तानी इतना सुनने के बाद भी इस जोकर को जूते नही मार रहे

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

08 Oct, 13:17


आखिर हरियाणा के हिंदुओ ने हरियाणा को बचा लिया, जय भारत जय हरियाणा जय हरियाणवी , 🚩हर हर महादेव🚩

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

04 Oct, 02:42


कांग्रेस के पाप , हिंदुओ पापियों को दुबारा अय्याशी का मोका मत देना

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

03 Oct, 13:47


कांग्रेस गई और पाकिस्तान भिखारी हुआ, मोदी आए और सेना मजबूत हुई

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

02 Oct, 04:50


2014 के बाद भारत के अधिकतर हिंदुओ ने ये अनुभव किया की भारत में एक शक्तिशाली सरकार का होना कितना जरूरी है

2014 से पहले भारत को घेरने के लिए कश्मीर मुद्दा हुआ करता था किंतु 2014 के बाद सब बदल गया पाकिस्तान भिखारी हो गया और आज मुद्दा pok है

आशा है की आप S. Jaishankar साहब को सुनते होंगे

मोदी जी के साथी नवरत्नों से कम नहीं हैं

🚩जय श्रीराम🚩

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

01 Oct, 03:49


हिंदू 1300 सालो से इस्लामिक आक्रमण झेल रहे हैं और आज भी बचे हुए हैं , आज लड़ाई के तरीके बदल गए हैं किंतु सोच वही है, भारत को इस्लामिक मुल्क बनाना जिसको इनके बर्बर पूर्वज हिंदुओ पर अनेकों अत्याचार करने के बाद भी सफल नहीं कर सके

जबकि इस्लाम वालो ने जिस देश पर भी आक्रमण किया उसे बडी जल्दी इस्लामिक मुल्क बना लिया ईरान को देखलो पूरा फारसियों का देश खतम

अफगानिस्तान को देखलो हिंदू और बौद्ध संख्या ही सबसे अधिक हुआ करती थी आज सब खत्म , ओर भी दुनिया के इस्लामिक देशों का इतिहास देखलो यही पाओगे इन्होंने दूसरे लोगो की जमीनों पर कब्जे किए और उनका समूल नाश कर दिया

आज अकेले यहूदी ही ऐसे है जो अपने पुरखों की प्राचीन भूमि को इस्लामिक आक्रमणकारियों से मुक्त करवाने में लगा है कुछ सालो में ही हमे अखंड इजराईल देखने को मिलेगा

भारत का बडा हिस्सा खतम हो चुका है, फिर भी कुछ हिंदू राजाओं के तप और बलिदान के कारण आज भी मुख्य और विशाल भारत बचा हुआ है

ये इसीलिए बचा हुआ है क्योंकि हर क्षेत्र में कुछ कुछ सालो में कोई 1 कट्टर सनातनी क्षत्रिय पैदा होता रहा जिसने सनातन धर्म को जीवित रखा और इस्लाम को पूरे भारत में फैलने से रोका

किंतु अधिकतर हिंदू राजा गद्दार हुआ करते थे यारी सभी सच्चे सनातनी होते तो हमारी ये समस्या कबकी समाप्त हो जाती

हम बचे तो केवल कुछ वीर राजाओं और खाप पंचायतों के कारण

आज वर्तमान में ही देखलो अधिकतर हिंदू नेताओं ने अपने ही धर्म से गद्दारी की हुई है याद रखना ये भारत अभी भी बचेगा तो कुछ ऐसे क्षत्रिय स्वभाव के नेताओ के कारण जिनकी रग रग में केवल सनातन है

जैसे यूपी में योगी जी और असम में हिमंत बिस्वा सरमा जी, बस दुख इस बात का है की आज मुख्य कड़ी खाप पंचायत सनातन धर्मी नही रही जो खाप पंचायतों के वो नेता नही रहे जो सनातन धर्म को बचाने के लिए सभी जाति के हिंदुओ को एक झंडे के नीचे इकट्ठा करके इस्लामिक खतरे से लड़कर अपनी भूमि बचाते थे

हमारे पास आज भी खाप पंचायतों का लगभग 1500 साल से ज्यादा का इतिहास लिखित रूप में है इसमें से कुछ इतिहास तो मेरे पास में भी है बलिदान पुस्तक के रूप में इसके लिए स्वामी ओमानंद की का बार बार धन्यवाद करता रहता हूं

हमेशा ध्यान रखना चाहिए जो पार्टी सनातन धर्म के लिए अधिक समर्पित है हमे उसे ही वोट देना चाहिए , हमेशा पहले धर्म ही ऊपर होता है जाती नही ,

यदि आपको ये पहचान नही कोन आपका है तो आप अपने दुश्मनों को देखो वो किस पार्टी से अधिक नफरत करते हैं बस वही पार्टी सनातन धर्म के लिए अधिक समर्पित मिलेगा

🚩जय श्रीराम🚩

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

28 Sep, 12:29


हंसना मत 😂

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

28 Sep, 03:12


मासाहार धरती को नष्ट कर रहा है मास के लिए शुरू से आखिर तक भयंकर परदुष्ण होता है वास्तव में आस्तिक नास्तिक सभी मासाहारी है और मिलकर धरती का नाश कर रहे हैं, बस सभी आज की सोचते हैं भविष्य की नही, जितनी तेजी से 100 सालो में इस धरती का विनाश हुआ है ऐसा करोड़ो साल में कभी नही हुआ

भारत कभी जमाने में कृषि प्रधान देश हुआ करता था तब लोग दयालु थे भारत के लगभग सभी व्यक्ति शाकाहारी होते थे किंतु आज भारत में केवल 38% शाकाहारी ही बचे हैं

वास्तव में बोला जाए तो 38% मनुष्य ही भारत में बचे हैं बाकी तो सब मुर्दाखोर 2 पैरों पर चलने वाले जोंबी है

सबसे अच्छा प्रोटीन दालों में होता है सबसे ज्यादा ताकत गाय के घी में होती है मास पेशियों को सबसे ज्यादा लचीला और ताकतवर तिल या सरसो के तेल की मालिश बनाती है, फल सब्जियां दाल दूध दही घी बादाम ये सब असली ताकत से भरे पड़े हैं,
ओर कुछ ओषधियां भी नियमित सेवन से बल शुक्र आयु बढ़ाती हैं, जैसे त्रिफला, रसायन चूर्ण आदि

कमसे कम भारत में तो 70% हिंदू संख्या के हिसाब से 70% शाकाहारी लोग तो होने ही चाहिए थे

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

27 Sep, 07:00


कांग्रेस को वोट देने वाले हिंदुओ देखलो क्या हो रहा है

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

22 Sep, 02:46


वक्फ बोर्ड ने दिल्ली के छह मंदिरों पर ठोका अपना दावा, कई मंदिर Waqf Board के निर्माण से भी पुराने



मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वक्फ संपत्तियों में तेजी से वृद्धि हो रही है। जहां 2006 में देशभर में वक्फ संपत्तियों का कुल क्षेत्रफल 1.2 लाख एकड़ था, वहीं 2009 में यह बढ़कर 4 लाख एकड़ हो गया। हाल ही में, 2024 तक यह आंकड़ा बढ़कर 9.4 लाख एकड़ तक पहुंच गया है। यह बढ़ती संपत्ति वक्फ बोर्ड की जमीन हड़पने वाली राजनीति की ओर इशारा करती है, जिससे देशभर में विवाद की स्थिति पैदा हो रही है।

सोर्स: पांचजन्य

क्या सच में भारत एक सेकुलर देश है? या लोकतांत्रिक देश? या फिर यहां अप्रत्यक्ष रूप से इस्लामिक शासन चल रहा है

बीजेपी ने वक्फ बोर्ड को खतम करने में इतना समय क्यों लगाया है? ये देश विरोधी वक्फ को तो पहले ही खतम कर देना चाहिए था

अब भी क्या हिंदुओ को झुनझुना पकड़ा दिया जाएगा, बेशर्मी की बात है की लोगो से वोट करवाया जा रहा है वक्फ के संबंध में , क्या मोदी जी की सरकार गूंगी बहरी है क्या ऐसे विषय पर वोटिंग की जरूरत है

हमे ये भी मालूम है की ढीली ढाली मंशा वकफ को खतम करने की अकेले बीजेपी रखती है

क्या आपको नहीं लगता बीजेपी के अलावा भी और एक सनातन धर्म समर्थक पार्टी होनी चाहिए जिसका एक मात्र लक्ष्य बहुसंख्यक प्रजा की भावना अनुसार हिंदू राष्ट्र बनाने पर होना चाहिए , ऐसी कोई पार्टी आए तो वो जरूर सफलता प्राप्त करेगी

भारत की विदेश नीति: बहुत ही बढ़िया है भारत का मान सम्मान खूब बढ़ रहा है दुनिया में

किंतु भारत की आंतरिक नीति: बिलकुल बेकार है भारत सरकार भारत के आंतरिक मामलों में फैल हुई है

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

16 Sep, 01:44


सेक्युलरो के भाई 😄 किंतु सेकुलर कभी ये वाला भाईचारा क्यों नहीं निभाते साले दोगले हैं

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

11 Sep, 04:46


राहुल गांधी को सुक्खी चहल का खुला चैलेंज!

'जहां बुलाओगे अकेला आऊंगा, सिखों की पगड़ी पर हाथ मत डालो, नरसंहार किसने किया'

सुक्खी चहल ने कहा कि मैं इस समय दिल्ली के रकाबगंज गुरुद्वारा साहिब में हूं, वॉल ऑफ ट्रुथ है यहां।

इस वॉल ऑफ ट्रुथ में 84 के दंगा पीड़ितों का दर्द उकेरा गया है।

सिखों की पगड़ी को उस समय (कांग्रेस के समय) खतरा था।

सोर्स Panchjanya

राहुलगंधी बाहर जाकर केवल देश को बदनाम करने का ही काम करता है झूठ खूब बोलता है

सीखों की हत्याओ पर
राजीव गांधी ने कुरूर बयान देते हुए बोला था की बडा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है

अमित आर्यावर्त (भारत योगी)

05 Sep, 16:36


कंगना रनौत की फिल्म 'इमर्जेंसी' का विरोध इसलिए भी हो रहा है क्योंकि इसमें सिखों द्वारा पंजाब में हिंदुओं के नरसंहार की चर्चा है। 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेसियों द्वारा किए गए सिख नरसंहार का ठीकरा हिंदुओं पर फोड़ने वाले खालिस्तानी इसीलिए बौखलाए हुए हैं। जानें वो सच, जिसे वे छिपा रहे हैं

https://youtu.be/MkQAbN7Zeck?si=Wmn7JV9LnW5HTfFN

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