धर्मसम्राट श्री करपात्री जी महाराज🚩 @kapatriji Channel on Telegram

धर्मसम्राट श्री करपात्री जी महाराज🚩

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धर्मसम्राट श्री करपात्री जी महाराज (Hindi)

धर्मसम्राट श्री करपात्री जी महाराज नामक टेलीग्राम चैनल पूज्य श्री करपात्री जी महाराज के उपदेशों, साधनाओं और धर्मिक ज्ञान को साझा करने के लिए समर्पित है। यह चैनल उनके अनमोल विचारों और उपदेशों को आपके सामने प्रस्तुत करता है जो आपके जीवन में प्रेरणा और शांति लाने की क्षमता रखते हैं। कपात्री जी महाराज एक स्प्रिचुअल गुरु हैं जिन्होंने अनेकों लोगों को अपने उपदेशों से मार्गदर्शन किया है। उनके ज्ञान और अनुभव से लाभान्वित होने के लिए आप भी इस टेलीग्राम चैनल को ज्वाइन कर सकते हैं। इस चैनल में आपको धार्मिक सुझाव, मनोरंजन, आत्मा समर्पण और साधना के बारे में अनूठी जानकारी मिलेगी। श्री करपात्री जी महाराज के उपदेश आपके जीवन को सजीव और मार्गदर्शित करने में मदद करेंगे। यदि आप अपने आत्मिक विकास और सपरिवार के सुख-शांति के लिए ढूंढ रहे हैं, तो यह चैनल आपके लिए सर्वोत्तम है। ज्वाइन करें 'कपात्रीजी' और श्री करपात्री जी महाराज के शांति और ध्यान की दुनिया में साझा हों।

धर्मसम्राट श्री करपात्री जी महाराज🚩

20 Sep, 17:03


हम यहां पर निष्क्रिय है, आप व्हाट्सएप चैनल के माध्यम से जुड़ें। धन्यवाद
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धर्मसम्राट श्री करपात्री जी महाराज🚩

12 May, 13:48


*भगवान श्री आदि शंकराचार्य जी को समर्पित श्री तोटकाचार्य रचित तोटकाष्टकम्।*

https://youtu.be/J8zzp7Vffwc

हर हर शंकर। 💐
जय जय शंकर। 💐
नमामि शंकर। 💐

धर्मसम्राट श्री करपात्री जी महाराज🚩

10 May, 07:17


जगत के प्रथम राम भृगुनंदन राम। श्रीपरशुराम जयंती एवं अक्षय तृतीया की हार्दिक शुभकामनाएं।

*भगवान श्रीपरशुराम स्तोत्र।*

https://youtu.be/Pw9eoHD3qEE

जय जय श्रीपरशुरामजी💐

धर्मसम्राट श्री करपात्री जी महाराज🚩

07 May, 13:40


*जय भगवान नरसिंह नारायण*

शरभशिवकृतः भगवान अष्टमुख गण्डभेरुण्ड नृसिंह स्तवः।

https://youtu.be/jjXSiyiaamA

श्रीमन्नारायण 💐

धर्मसम्राट श्री करपात्री जी महाराज🚩

05 May, 08:15


*जय जय परशुराम*🚩🙏🏽

भगवान श्रीपरशुरामजी का प्रातः स्मरण।

*जगत के प्रथम राम भृगुनन्दन राम जी की जय हो।*

https://youtu.be/yyuPXr0v9Fg

नारायण।💐

धर्मसम्राट श्री करपात्री जी महाराज🚩

03 May, 10:18


भगवान श्रीपरशुराम ध्यान।
👇
https://youtube.com/shorts/vkuWfaBBCag

धर्मसम्राट श्री करपात्री जी महाराज🚩

02 May, 17:52


*भगवान श्रीराम कृत शंभुस्तुतिः*

श्रीब्रह्मपुराण अध्याय १२३ (गौतमीय ५४) में भगवान श्रीराम द्वारा महादेव जी को प्रसन्न करने के लिए स्तुति करी वो यहाँ प्रस्तुत कर रहें है।

https://youtu.be/VXMZoPhIpYU

हमारी यूट्यूब चैनल को लाइक, सपोर्ट सब्सक्राइब करें। धन्यवाद।

जय श्रीराम 💐
हर हर महादेव 💐

धर्मसम्राट श्री करपात्री जी महाराज🚩

28 Apr, 19:18


श्रीदक्षिणामूर्ति स्तोत्रम्(ध्यान श्लोक सहित)॥
(हमारी चैनल को सपोर्ट और शेयर करें)
https://youtu.be/oiw4Ar4iRcM?feature=shared

तस्मै श्रीगुरुमूर्तये नम इदं श्रीदक्षिणामूर्तये॥

धर्मसम्राट श्री करपात्री जी महाराज🚩

17 Apr, 01:54


*श्रीरामरक्षास्तोत्रम्*

https://youtu.be/ig8SoFZZWgQ?feature=shared

श्रीरामनवमी की समस्त सनातन धर्मावलंबियों को हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐

धर्मसम्राट श्री करपात्री जी महाराज🚩

12 Dec, 07:32


समयाभाव के कारण हम टेलीग्राम के यह चैनल डिलीट करने वाले है, अतः नीचे दिए गए व्हाट्सऐप चैनल के माध्यम से जुड़ जाइए आपके लिए श्रीमदाद्य शंकराचार्य परम्परा के वर्तमान एवं पूर्वाचार्यो के दिव्य संदेश अब व्हाट्सएप चैनल पर से प्रेषित किए जाएंगे।

https://whatsapp.com/channel/0029VaFiTSzG3R3c8khxte2l

जय वेदनारायण💐
एडमिन :
पं. हिरेनभाई त्रिवेदी,क्षेत्रज्ञ
श्रीवैदिकब्राह्मणः🚩गुजरात
परमधर्मसंसद१००८

धर्मसम्राट श्री करपात्री जी महाराज🚩

10 Dec, 19:19


समयाभाव के कारण हम टेलीग्राम के यह चैनल डिलीट करने वाले है, अतः नीचे दिए गए व्हाट्सऐप चैनल के माध्यम से जुड़ जाइए आपके लिए श्रीमदाद्य शंकराचार्य परम्परा के वर्तमान एवं पूर्वाचार्यो के दिव्य संदेश अब व्हाट्सएप चैनल पर से प्रेषित किए जाएंगे।

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धर्मसम्राट श्री करपात्री जी महाराज🚩

22 Sep, 05:58


आए,कदाचित धर्म के शोधन, राजशोधन, व्यासपीठ शोधन, मठ शोधन, और मुलसिद्धान्त शोधन की प्रक्रिया आप से ही शुरू होगी। सत्य स्वयं ईश्वर स्वरूप है सत्य ही ईश्वर है, सत्य और धर्म के पक्ष में रहे न कि व्यक्तिगत या संस्थागत पक्ष में।

*भगवान सनातन धर्म के समष्टि शोधन का मार्ग प्रशस्त करें ऐसी प्रार्थना के साथ त्रिवेदी जी का सर्व को अभिवादन।*

सर्वेशां स्वस्तिर्भवतु ।
सर्वेशां शान्तिर्भवतु ।
सर्वेशां पुर्णंभवतु ।
सर्वेशां मङ्गलंभवतु ।
(यह मूल आर्टिकल है,इनकी विकृति या दुरुपयोग की मैं जिम्मेदारी नहीं लेता मूल आर्टिकल मेरे स्वयं के पृष्ठ पर है जो लिंक मैंने दी हुई है।)
https://www.facebook.com/HrtSpeaks

अभी और भी शोध जारी है, आगे और भी चीज प्रकाशित होगी तो निर्भयता से सत्य का पक्ष जरूर पड़ने पर इसी विषय पर एक और आर्टिकल बनाकर सत्य और धर्म का पक्ष रखा जाएगा।

श्रीमन्नारायण 💐
पं.हिरेनभाई त्रिवेदी, क्षेत्रज्ञ
श्रीवैदिकब्राह्मणः 🚩 गुजरात
परमधर्मसंसद१००८

धर्मसम्राट श्री करपात्री जी महाराज🚩

22 Sep, 05:58


#नकली_धर्मप्रचारकों_का_भंडाफोड़

आपको जिन शांकर मठो के प्रचारकों पर विश्वास है या अन्य जो संप्रदाय है उनके प्रचारकों पर विश्वास है ! वो प्रचारक स्वयं शांकर सिद्धांत भी या जो सो मत के सिद्धांत को जानते है?

अभी हम जैसे "उदाहरण के तौर" पर शंकराचार्य मठों के प्रचारको का ही करें तो,आपने कभी उनके साथ सैद्धांतिक बात की है?क्या वे लोग सामान्य शांकर सिद्धांत या सामान्य शास्त्रीय सिद्धांत को भी जानते है?

आप जनसामान्य उन लोगों का बड़ा ग्रुप दबदबा देखकर चकाचौंध देखकर जुड़ तो जाते बाद में आप भी उन लोगों जैसे *सिद्धांतविहीन* बन जाते है। आप किसी भी ५ प्रचारकों को यादृच्छिक रूप से पकड़िए और उन्हें सामान्य वैदिक धर्मसिद्धांत,शंकर परम्परा के सिद्धांत और शंकराचार्य मठों का संविधान पूछिए यह लोग वास्तव में कुछ नहीं जानते, इनको केवल जो सो सम्प्रदाय में जो अमुक लाभ पाने हेतु पहले सीनियर जुड़े होते है उनकी आज्ञा का पालन करना होता है,आप भावुक होकर हिन्दू धर्म को बचाने के लिए शीर्ष आचार्य का मुख देखकर जुड़ते है वो आपको मूर्ख समझते है एक और मुफ़्त का प्रचारक जुड़ गया। फ़िर आप जैसे सामान्य लोगों की भावनाओं का लाभ उठाकर यह मठ के गुट में भी रहते है और अपना विशेष गुट भी बनाते है ताकि स्वयं को मठ प्रशासन के सामने प्रतिभाशाली साबित किया जाए।

बड़े बड़े प्रकल्प चलाकर अन्य के प्रति अपनी मर्यादा का उल्लंघन एवं सम्प्रदाय के संविधान का अतिक्रमण ही इन लोगों का आशय है। पुनः इन लोगों को न कोई गुरु से लेना देना है न कोई सम्प्रदाय से न धर्म से न शास्त्र से न किसी भी प्रकार हिन्दुधर्म के सिद्धांत से, केवल आर्थिक उपार्जन के लिए मठ से लिंक बनाई हुई होती है, ताकि *मठ या संस्था के नेटवर्क* के दम पर उनके धंधे का भी प्रचार हो।यह लोग अपना धंधा चलाने के लिए मठ के नेटवर्क में सेंध करते है, और अपने निजीस्वार्थवश मठ के नेटवर्क का अपने लाभ के लिए उपयोग करते है, वास्तव में इन लोगों को शंकर सिद्धांत के साथ कोई लेनादेना नहीं होता केवल अपने स्वार्थवश अपने आप को मठ से जुड़ा या मठ का प्रचारक बताकर आपको उनके बिज़नेस की भी स्किम दे देतें है। यहीं आजकल न केवल शंकर सम्प्रदाय तमाम सम्प्रदाय तथा धार्मिक संस्थाओं में चलता है।

आगे सुनिए, इनके गुरुओं के आपके घर पदार्पण के भाव यह सुनिश्चित करते है(गुरु नहीं) जहां कम से कम एक लाख से लेकर पांच लाख तक कथित दक्षिणा के तौर पर मांगे जाते है।

मठ में रह रहे, शीर्ष आचार्य निःसंदेह ही विद्वान होते है किन्तु उनके अलावा कोई भी पांच - सात यादृच्छिक रूप से ब्रह्मचारी या भगवावस्त्र पहने व्यक्ति को पकड़िए उनको सामान्य हिन्दू शास्त्रीय सिद्धांत पूछिए,उनके मूल सम्प्रदाय के संविधान के सिद्धांत पूछिए उनकी ही गुरु परम्परा के १० पूर्व आचार्यो का नाम पूछिए। आपको स्वयं को पता चल जाएगा कि यह कितने योग्य है।

मठ या संस्थाओं के अंदर क्या चल रहा है, वहां शास्त्रीय नियमो का पालन हो रहा है कि नहीं? शीर्ष आचार्य के साथ घूमते तमाम लोग उनके साथ रहकर भी ज्ञान युक्त है कि नहीं? *वह लोग जातिय एवं आचार के परीक्षण से ब्रह्मचारीत्व या सन्यासी बनने के लायक भी है या नहीं।*

कुछ तो अपनी तमाम मर्यादाओं का उल्लंघन कर चुके है। जो पटल पर ला भी नहीं सकते।

इनसे सामान्य जुड़े लोगों या अनुयायियों के साथ कदाचित कोई जिम्मेदार व्यक्ति के द्वारा गलत भी होता है तो भी वो बेचारे बंध मुह सह लेते है। मठ के आंतरिक लोग में भावना हो न हो बाहर से जो जुड़े है वो लोकलज्जा और मठ की मर्यादा, मान बने रहे ऐसी भावना से मौन का सेवन करते है।

अन्य सम्प्रदाय मैं जैसे बोला यही एक जैसा ही पैटर्न है। विदेशों में धनलालसा से मंदिर बनाए जाते है, अपनी अमर्यादित भक्तो की संख्या के कारण राजनीति दलों के भी यह लोग अनुगमन करते है की आपके जो सो संस्था या सम्प्रदाय के इतने अनुयायी है आपको हमारी सरकार से यह वो लाभ मिलेंगे ऐसा कर वोट बटोरे जाते है।

ऐसे भी बहुत यानी बहुत सारे पहलू है जो सार्वजनिक तौर पर नहीं बोले जाते जिनके अनुभव में आया वे स्वयं ही जानते है। किंतु लोकलज्जा से भी वो मौन रहते है।

*हिन्दू धर्म को बचाना है तो आवाज़ उठाइए और जहां शास्त्र विरुद्ध का कृत्य या आप के साथ निजी तौर पर ऐसी घटना हुई तो सार्वजनिक करिए ताकि और भी जनसामान्य लोग यह जाल से बचे।*

अब आपको क्या करना है। आचार्य चाणक्य का वचन है,वर्णानां ब्राह्मणो गुरुः।
यह मत भूलिए परम्परा,सम्प्रदाय,धार्मिक संस्थाओं आदि के समकक्ष कुलीन ब्राह्मण की गृहस्थ परम्परा है, और सन्यासी आपके दूसरे क्रम के गुरु है,पहले क्रम के गुरु हम सब कुलीन गृहस्थ ब्राह्मण है यही शास्त्र सिद्धांत है। यही #निर्णय है। केवल योग्य गृहस्थ ब्राह्मण गुरु के अभाव में ही अन्य परम्परा का आलंबन ले सकते है तब तक आपके प्रथम गुरु गृहस्थ ब्राह्मण है। चुप न रहें बोले आपके साथ अगर कोई छल हुआ है तो सामने

धर्मसम्राट श्री करपात्री जी महाराज🚩

30 Aug, 07:03


*अनंत श्री विभूषित शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी का संक्षिप्त परिचय और अतुलनीय योगदान*

*महाराज श्री के ९९ वर्धापन दिवस की बधाई हो समस्त सनातनी धर्मानुरागी हिन्दू जनता जनार्दन को*

*लिंक पे जाए.....*

https://www.instagram.com/p/Ch38YDwrooj/?igshid=YmMyMTA2M2Y=

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हर हर महादेव

धर्मसम्राट श्री करपात्री जी महाराज🚩

10 Aug, 09:41


आपकी सनातन संस्कृति के साथ किस प्रकार का घृणित षडयंत्र रचा जा रहा है आप सब स्वयं विचार करें...

धर्मसम्राट श्री करपात्री जी महाराज🚩

10 Aug, 09:41


जानिए...आखिर क्यों नकली शंकराचार्य खड़े करने का प्रपंच रचा जाता है
🚩🚩🚩 धर्म vs. अधर्म 🚩🚩🚩

शंकरचार्य vs. आरएसएस - संघ - विहिप

1987-88 में एक बार चारों शंकराचार्यों को विश्व हिन्दू परिषद द्वारा निमन्त्रण दिया गया अपनी एक धर्म सभा हेतु जो कि विहिप द्वारा आयोजित एक धर्म मंच था ... वाराणसी या प्रयाग में ।

चारों शंकराचार्यों को दूरभाष द्वारा सूचित किया गया सबने सहमति दे दी ... परन्तु जब प्रिंटेड निमन्त्रण पत्र पहुंचा तो सभी शंकराचार्यों को अपमानित महसूस हुआ।

कारण था उस धर्म मंच का मुख्य वक्ता बनाया गया दलाई लामा को जिसके बारे में शंकरचार्यो को अवगत नही करवाया गया, कि वामपंथी बौद्ध मत के दलाई लामा के मंच की अध्यक्षता करने के बारे में ।

वह दलाई लामा जो बौद्धों के वामपंथी पन्थ का प्रमुख है दक्षिणपंथ का भी नही ।

और वह बौद्ध मत जिसको समाप्त करने में आदिगुरु शंकराचार्य जी ने अपना सर्वस्व न्योछावर किया, जिन्होंने सनातम धर्म को बड़ी बड़ी हानियाँ पहुंचाई थीं।

ततपश्चात सभी शंकराचार्यों ने आपस में वार्तालाप कर आपसी सहमति से विहिप के धर्म-मंच में न जाने का निर्णय लिया ।

कोई भी शंकराचार्य नही गए और सबने boycott कर दिया ।

RSS-VHP ने इज्जत बचाने हेतु चार नकली शंकराचार्यों को मंच पर बिठा लिया ।

और फिर आरएसएस ने आरम्भ किया नकली शंकरचार्यो की फौज बनाने का काम जिसके तहत अब तक कोई 450 से अधिक नकली शंकराचार्य खड़े किये जा चुके हैं।

आप स्वयं विचार करें...

इस्लामी आक्रांताओं ने कभी प्रत्यक्ष रूप से शंकराचार्य परम्परा के साथ टकराव नही किया जबकि नागा अखाड़े हिन्दू राजाओं की और से युद्धों में भाग लेते थे तब भी ।

अंग्रेजों ने स्वयम् कभी शंकराचार्य परम्परा से छेड़छाड़ नहीं की ।

परन्तु अपनी दूकान का एकछत्र राज स्थापित करने हेतु ...आज संघ द्वारा स्थापित देश में लगभग 450 से अधिक नकली स्वयंभू शंकराचार्य हैं ।

आश्चर्य तो तब होता है जब संघ का एक सठियाया बुजुर्ग साईं बाबा प्रकरण में शंकराचार्य को धर्म के विषयों में हस्तक्षेप न करने का बयान दे डालता है, अरे भाई धर्म प्रदत्त विषयों के सन्दर्भ में शंकरचार्यो द्वारा नही बोला जाएगा तो क्या पोप आकर बोलेगा?

स्वयं वाजपेयी जी एक नकली शंकराचार्य को अमेरिका लेकर जाते हैं और उसका पुरी पीठ के शंकराचार्य के रूप में परिचय करवाते हैं सबसे ...जबकि उसी यात्रा की एक प्रेस कॉन्फ़्रेन्स में एक पत्रकार ने पूछ लिया था कि पुरी पीठ के शंकराचार्य निश्चलानंद तो इस समय भारत में ही हैं ।

वहीं एक दण्डी स्वामी को विदेश यात्रा सदैव निषेध रहती हैं।
ऐसे कई नकली शंकरचार्य हैं जो विदेश यात्रा करते हैं, व्यापारिक प्रतिष्ठान आदि चला रहे हैं।

जुलाई 2014 में पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती जी दिल्ली पधारे, मोहन भागवत उनसे मिलने पहुंचे, स्थान था धर्मसंघ कार्यालय, शंकरचार्य मार्ग, सिविल लाइन्स, दिल्ली।

स्वामिश्री: निश्चलानंद सरस्वती जी ने स्पष्ट कहा कि आपने हमारे सामने 50 नकली शङ्कराचार्य खड़े किये हैं... यदि हमने 4 मोहन भागवत खड़े कर दिए तो संघ नही चला पाओगे ।

यह है हिंदुत्व ??

शासन तंत्र द्वारा जब कुंभ मेलों का आयोजन होता है तो सबसे अधिक दुर्व्यवहार और अपमानित करने वाले प्रपन्च शंकरचार्यो के विरुद्ध ही प्रायोजित होते हैं।

उज्जैन सिंहस्थ कुंभ में पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती जी को व्हीचेयर हेतु दो घन्टे रेलवे स्टेशन पर प्रतीक्षा करवाई गई, जबकि यह तब हुआ जब इस मांग के हेतु पूर्व सूचना लिखित में दे दी गई थी।

शंकरचार्य श्री स्वरूपानन्द सरस्वती जी के विरुद्ध वासुदेवानन्द सरस्वती जो संघ द्वारा ही समर्थन किया जाता है।

संघ, और विहिप ने अपनी विविध योजनाओं हेतु शंकराचार्य परम्परा के अधीन अखाड़ा परम्परा के पीठाधीश्वरों, अखाड़ा प्रमुखों, महामंडलेश्वरों को भी धीरे धीरे पद, धन और अन्य प्रपंचो से ब्लैकमेल करके अपने पाले में कर लिया है...

किसलिए... केवल शंकरचार्यो को शक्तिहीन करने हेतु ।

उनकी और से कोई बोलेगा ही नही।

अब चाहे काशी के मंदिर टूट रहे हों या कोई भी धर्म विरुद्ध कार्य हो रहा हो, राजनैतिक दलों ने जिन सन्तो, महामण्डलेश्वरों को अपने पाले में किया है उनके मुंह मे तो दही जमा दी गई है।

वह कुछ नही बोलेंगे।

इसके विपरीत राजनैतिक दलों के सन्त और महामण्डलेश्वरों द्वारा काशी के मंदिरों के विध्वंस को भी जायज ठहराया जाता है।

रावण दहन को प्रतिबन्ध करने की मांग अधोक्षजानन्द द्वारा होती है।

साईं बाबा का समर्थन वासुदेवानन्द, ओंकारानंद आदि द्वारा किया जाता है।

श्रीमदभगवद्गीता के श्लोकों को मनमाने ढंग से अड़गड़ानंद द्वारा प्रकाशित किया जाता है।

नकली शंकरचार्यो को अपने कार्यो में बुलाकर उन्हें शंकराचार्य कहलवाकर पुजवाया जाता है।

नकली शंकरचार्यों के कार्यक्रमो में संघ के प्रचारक, संघ प्रमुख आदि जाकर अपना समर्थन देते हैं।

धर्मसम्राट श्री करपात्री जी महाराज🚩

30 Jul, 11:22


नारायण,

आज के इस trend महोत्सव में सक्रियतापूर्वक सहभागिता हेतु आप सभी महानुभावों का कोटि कोटि धन्यवाद।

शिवस्वरूप पूज्य धर्मसम्राट् जी जहाँ भी दिव्य लोक में है पूर्ण अह्लादित हो हमे आशीर्वाद दे रहे होंगे ऐसी हृदय-स्फुरणा है ।

अंततः *हर हर महादेव* के जयघोष के साथ इस महोत्सव का विसर्जन करेंगे, पुनः सभी को धन्यवाद व आभार 💐

हर हर महादेव 🚩

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