स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi @swamiramsukhdasji Channel on Telegram

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

@swamiramsukhdasji


Ram. Teachings and Sermons of Swami RamsukhdasJi.
राम। स्वामी रामसुखदासजी के प्रवचन और सिद्धांत।

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi (Hindi)

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi एक शांतिप्रिय और और्ध्ववादी संत थे, जिन्होंने अपने जीवन काल में भगवान राम के प्रेम और भक्ति का संदेश लोगों तक पहुंचाने का काम किया। इनके प्रवचन और सिद्धांतों में अत्यंत सरलता और गहराई होती है। इस टेलीग्राम चैनल पर आप स्वामी रामसुखदासजी के शिक्षाओं और प्रवचनों का आनंद ले सकते हैं। यहाँ उनकी अमूल्य बातें सुनकर आपका मन और आत्मा प्रकाशित होगा, और आपके जीवन में नई प्रेरणा का स्रोत मिलेगा। तो आइये, इस चैनल में जुड़ें और स्वामी रामसुखदासजी के दिव्य संदेश का लाभ उठाएं।

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

21 Feb, 02:19


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

20 Feb, 07:47


https://youtu.be/F6G-kCbRLVw?si=e7JCP6GB7Kxw4QFc

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

20 Feb, 06:12


*ॐ श्री परमात्मने नमः*
 
*_प्रश्‍न‒किसीका स्वभाव बिगड़ा हो तो उसके सुधारका क्या उपाय है ?_*
 
*स्वामीजी‒* वह गहरी नींदमें सोया हो तो उसके श्‍वासोंके सामने अपना मुख ले जाकर कहे कि आपका स्वभाव सुधर रहा है, आपमें क्रोध नहीं है, आदि ।
 
अगर बेटा ठीक न हो तो उसको अपना बेटा न मानकर, उसमें सर्वथा अपनी ममता छोड़कर सच्‍चे हृदयसे उसको भगवान्‌के अर्पण कर दे तो उसका स्वभाव सुधर जायगा । भगवान्‌को कोई वस्तु अर्पित करनेसे वह प्रसाद हो जाता है !
 
जो हमारेसे द्वेष करता हो, उसको बिना कुछ कहे, मन-ही-मन सुबह-शाम दण्डवत् प्रणाम करे तो उसका द्वेष मिट जायगा । मैंने ऐसा करके देखा है ।
 
*_प्रश्‍न‒जैसे पदार्थ जड़ है, ऐसे ही क्या व्यक्‍ति भी जड़ है ? व्यक्‍तिमें तो चेतन (जीव) भी है !_*
 
*स्वामीजी‒* पदार्थकी तरह व्यक्‍ति भी जड़ है । उसमें जो चेतन है, वह हमारी आत्मा ही है; क्योंकि आत्मा सर्वव्यापी है‒‘सर्वगतः’ (गीता २ । २४), ‘येन सर्वमिदं ततः’ (गीता २ । १७) । आत्मा-आत्मा एक है । अतः न पदार्थमें मोह होना चाहिये, न व्यक्‍तिमें मोह होना चाहिये ।
 
*_प्रश्‍न‒शाप-वरदानसे जो जन्म होता है, वह क्या प्रारब्धके अनुसार ही होता है ?_*
 
*स्वामीजी‒* प्रारब्धके अनुसार ही होता है । शाप-वरदान उसमें केवल निमित्त होते हैं । हाँ, शाप-वरदानसे नया काम भी हो सकता है; क्योंकि उसमें तपोबल है ।
 
*_प्रश्‍न‒क्या बोध होनेपर भी शाप-वरदान लगते हैं ?_*
 
*स्वामीजी‒* बोध होनेपर शाप-वरदान लगते भी हैं और नहीं भी लगते । दोनों बातें हैं ।
 
*_प्रश्‍न‒ययातिने वृद्धावस्था देकर युवावस्था कैसे ग्रहण की ?_*
 
*स्वामीजी‒* संकल्पसे । यह सिद्धि तप, मन्त्र, योगशक्‍ति आदिसे भी हो सकती है ।
 
❈❈❈❈
 
*श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज*
_(‘रहस्यमयी वार्ता’ पुस्तकसे)_
 
*VISIT WEBSITE*
 
*www.swamiramsukhdasji.net*
 
*BLOG*
 
*http://satcharcha.blogspot.com*
 
❈❈❈❈

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

20 Feb, 06:09


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

20 Feb, 05:58


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Feb, 23:05


।॥राम॥
 
ऑनलाइन सत्संग सूचना

वि.सं. २०८१ फाल्गुन कृ० ०६ बुध 19 फरवरी 25

प्रात: 4:30 गीता-पाठ
प्रातः 5 प्रार्थना प्रवचन व सत्संग- संवाद
(गीता ०७/`२१-३०)

भगवान की शरण होकर भक्ति मांगो
(श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदास जी महाराज 25.02.2002 प्रातः5 गीताभवन ऋषिकेश)
प्रार्थना प्रवचन व सत्संग संवाद

प्रातः 8 प्रार्थना-प्रवचन पर बातें, गीता-पाठ, गीता-दर्पण, स्वामीजी की बातें

दोपहर 3 !!नित्य सत्संग!!
महापुरुषोंकी बातें व नाम-संकीर्तन
श्रीराम सेवा आश्रम वृंदावन
से लाइव युटुब लिंक पर जुड़े

सायं 5:30 गीता-अभ्यास
सायं 6:15 साधन-सुधा-सिन्धु
रात्रि 7 गीता-साधक-संजीवनी, स्वामीजी महाराज की वाणी व आपसी चर्चा

हार्दिक निवेदन है कि हम सभी मिलकर लाभ लेवें                                                           
सत्संग कार्यक्रम
टेलीग्राम लिंक (सत्संग संवाद समूह) पर होते हैं।
कृपया सभी ध्यान रखें।

टेलीग्राम लिंक
 
https://t.me/+gabe8WpN8GViYTg1

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Feb, 06:04


https://youtu.be/tq2a12EKLhE?si=TaWouL2k_PXulbRm

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Feb, 05:56


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Feb, 05:47


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

18 Feb, 21:12


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

18 Feb, 21:11


*ॐ श्री परमात्मने नमः*
 
*_प्रश्‍न‒अधिक नमक या अधिक मिर्च खाना राजसी बताया गया है (गीता १७ । ९ ), पर सात्त्विक मनुष्यमें भी अधिक नमक या मिर्चकी रुचि हो सकती है ?_*
 
*स्वामीजी‒* शरीर तीनों गुणोंसे रहित हो ही नहीं सकता । एक गुणकी प्रधानता रहेगी, अन्यकी गौणता । गुणातीत होनेपर भी शरीर तो गुणोंमें ही रहेगा !
 
*_प्रश्‍न‒जब कोई ऐसी आफत आ जाय कि कोई सहारा न दीखे, तब क्या करे ?_*
 
*स्वामीजी‒* भगवान्‌को पुकारे । ऐसे समय पुकार हृदयसे (सच्‍ची) निकलती है, अन्य समय वैसी पुकार नहीं निकलती । ऐसी आफत आनेसे मनुष्य भगवान्‌में लग जाता है ।
 
*_प्रश्‍न‒लोगोंमें कहावत है कि ‘भगवान्‌के घर देर है, अंधेर नहीं’ । इस विषयमें आपका विचार क्या है ?_*
 
*स्वामीजी‒* वास्तवमें देर भी नहीं है ! विधानके अनुसार जो होना चाहिये, वह (अपने निश्‍चित समयपर) हो रहा है । मनुष्यकी दृष्‍टि तुच्छ है, इसलिये ऐसा दीखता है कि देर है ।
 
*_प्रश्‍न‒अर्थ, धर्म, काम (भोग) और मोक्ष‒ये चार ही पुरुषार्थ क्यों बताये गये हैं ?_*
 
*स्वामीजी‒* क्योंकि मनुष्यमात्र ये चार ही चीजें चाहता है ।
 
*_प्रश्‍न‒आदि शंकराचार्यजीके ग्रन्थोंमें यह सिद्धान्त आता है कि ब्रह्मज्ञानके बिना मुक्‍ति नहीं, पर दूसरी तरफ उन्होंने देवी-देवताओंके स्तोत्र भी लिखे, ‘प्रबोधसुधाकर’ जैसा भक्‍तिपरक ग्रन्थ भी लिखा । इसका क्या तात्पर्य हुआ ?_*
 
*स्वामीजी‒* पूरी बातका ठीक पता नहीं लगता ! शंकराचार्यकी गद्दीपर जो बैठा, वह भी ‘शंकराचार्य’ कहलाया । अतः कौन-सी रचना किसकी है‒इसका क्या पता ? दूसरी बात, जैसे हम कर्मयोग, ज्ञानयोग और भक्‍तियोग‒तीनोंकी बात कहते हैं, ऐसे ही शंकराचार्यजीने भी सभी योगोंकी बातें कही ।
 
❈❈❈❈
 
*श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज*
_(‘रहस्यमयी वार्ता’ पुस्तकसे)_
 
*VISIT WEBSITE*
 
*www.swamiramsukhdasji.net*
 
*BLOG*
 
*http://satcharcha.blogspot.com*
 
❈❈❈❈

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

18 Feb, 21:08


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

18 Feb, 07:22


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

17 Feb, 12:46


https://youtu.be/fdj511cd7uw?si=DYpa0PVoN5n3V9-4

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

17 Feb, 12:43


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

17 Feb, 12:42


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

17 Feb, 12:41


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

05 Feb, 05:54


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

04 Feb, 05:51


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

04 Feb, 05:48


https://youtube.com/shorts/_6doSMStQv8?si=uN4JhahvzL4GPdtH

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

02 Feb, 18:11


।।राम-राम।।
नामजप में मन लगाने के उपाय - पहला मन से नामजप करो और उसकी गणना भी मन से ही करो,माला से नहीं। दूसरा, मुख से दूसरा नाम लो और मन से दूसरा नाम लो। तीसरा,मन से नाम का रागपूर्वक कीर्तन करो।

( २६/५/१९८२, प्रातः ५ बजे, गीताभवन ऋषिकेश)

परमश्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदास जी महाराज

- ' दिव्य संतवाणी संग्रह ' पुस्तक से,पृष्ठ संख्या -४६

राम!राम!राम!राम!राम!राम! राम! राम!राम! 🙏

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

02 Feb, 09:46


https://www.youtube.com/live/4tKoJnaCqfs?si=6KKpry408VNyYbQi

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

02 Feb, 07:06


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

02 Feb, 06:55


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

02 Feb, 05:11


https://youtu.be/vZquYbcLH0I?si=Rinh_awG1qaBPGAO

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

02 Feb, 05:04


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

02 Feb, 05:03


*ॐ श्री परमात्मने नमः*

*_प्रश्‍न‒आपके उपास्यदेव तो श्रीकृष्ण हैं, पर सन्ध्या करते समय आप अपने सामने गणेशजीका विग्रह रखते हैं, उनकी उपासना करते हैं ?_*

*स्वामीजी‒* पार्वतीजीने पुत्र-प्राप्‍तिकी इच्छासे श्रीकृष्णकी उपासना की थी (ब्रह्मवैवर्तपुराण, गणपतिखण्ड) । अतः वास्तवमें श्रीकृष्ण ही गणेश बने हैं ।

वास्तवमें तत्त्वसे सब एक हैं । सबमें एक ही तत्त्व है । सब रूपोंमें वही एक है ।

*_प्रश्‍न‒आप मुख्यरूपसे किसका मत मानते हैं ?_*

*स्वामीजी‒* वेदव्यासजीको मानता हूँ । सभी मत वेदव्यासजीसे ही सिद्ध होते हैं । वेदव्यासजी महाराजमें विशेष विलक्षणता यह है कि उनका किसी भी एक साधन, इष्‍टका आग्रह नहीं है, प्रत्युत एक ही भाव है कि सबका कल्याण, हित कैसे हो ? इसलिये उन्होंने पुराणोंमें शिव, विष्णु, कृष्ण आदि किसीका भी आग्रह नहीं रखा । वे समग्रको जाननेवाले थे ।

वास्तवमें मैं किसी व्यक्‍तिका अनुयायी नहीं हूँ, मैं तो गीताका अनुयायी हूँ । गीता ‘समग्र’ को मानती है, और समग्रमें भगवान् श्रीकृष्णकी ही मुख्यता है । तभी भगवान्‌ने कहा है‒‘असंशयं समग्रं माम्’ (गीता ७ । १) ।

*_प्रश्‍न‒आपने कहा कि ‘रसवर्जं रसोऽप्यस्य परं दृष्ट्वा निवर्तते’‒ऐसा हो जाय तो उसका आदर करना चाहिये, इसका क्या तात्पर्य है ?_*

*स्वामीजी‒* आदर करनेका तात्पर्य है कि ‘यह बहुत ठीक हुआ’‒ऐसे उसको महत्त्व देना । ऐसा मैंने इसलिये कहा कि मेरेको जब ऐसा हुआ तो मैंने आदर नहीं किया और उसकी उपेक्षा कर दी कि ऐसा हो गया तो क्या हो गया !

*_प्रश्‍न‒स्वामीजी, आपको तत्त्वज्ञान कब हुआ ?_*

*स्वामीजी‒* याद नहीं है ! भगवान्‌की कृपा मुक्‍तिको भी फीका कर देती है, फिर फीकेमें सन्तोष कौन करे !! मीठा चाहते हैं, फीका नहीं !! मैंने कभी सन्तोष किया ही नहीं ! अब भी सन्तोष नहीं है । भगवान् गीता जनाना चाहते हैं, इसलिये सन्तोष नहीं होने देते ! अगर सन्तोष हो जाता तो अभी गीताके जो नये-नये भाव आते हैं, वे कैसे आते ? सन्तोष करनेसे आगे उन्‍नति रुक जाती है । इसलिये तत्त्वज्ञान कब हुआ‒यह याद नहीं रहा !

सन्तोष न करनेसे हमें नयी-नयी बातें मिलती ही चली जा रही हैं, जबकि बोधमें कुछ फर्क नहीं पड़ता ! अगर सन्तोष कर लेता तो नयी-नयी बातें कैसे आतीं ? वहीं रुक जाता !

जीवन्मुक्‍ति तो साधारण चीज है ! मुक्‍ति, तत्त्वज्ञान, निर्विकारतामें कोई कमी नहीं । पूर्णता हो गयी ! कुछ बाकी नहीं रहा ! मेरे लिये कुछ भी प्राप्‍त-प्राप्‍तव्य शेष नहीं रहा ! अपनेमें कोई कमी नहीं दीखती । जो बातें मैं कहता हूँ, उनमें मुझे बिल्कुल सन्देह नहीं है ।

❈❈❈❈

*श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज*
_(‘रहस्यमयी वार्ता’ पुस्तकसे)_

*VISIT WEBSITE*

*www.swamiramsukhdasji.net*

*BLOG*

*http://satcharcha.blogspot.com*

❈❈❈❈

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

02 Feb, 04:48


https://youtu.be/FFztNG_L3HE?si=1GHep2tLSy51HUaI

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

02 Feb, 04:05


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

01 Feb, 07:24


https://youtu.be/X1gc4QYi6pg?si=YcvXseQRX8CZxgf9

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

01 Feb, 06:30


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Jan, 18:03


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Jan, 17:44


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Jan, 17:23


Audio from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Jan, 17:23


।॥राम॥
 
ऑनलाइन सत्संग सूचना

वि.सं. २०८१ माघ कृ० ०६ सोम 20 जनवरी 25

प्रात: 4:30 गीता-पाठ
प्रातः 5 प्रार्थना प्रवचन व सत्संग- संवाद
(गीता ०१/`०१-१०)

मूक सत्संग
(श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदास जी महाराज 21.01.2002 प्रातः5 गीताभवन ऋषिकेश)
प्रार्थना प्रवचन व सत्संग संवाद
गीता प्रबोधनी से अर्थ सहित पाठ
गीता दर्पण

दोपहर 3 गीता अभ्यास, साधन-सुधा-सिंधु

रात्रि 7 गीता-साधक-संजीवनी

हार्दिक निवेदन है कि हम सभी मिलकर लाभ लेवें                                                           
तीनों समय के सत्संग कार्यक्रम
टेलीग्राम लिंक (सत्संग संवाद समूह) पर होते हैं।
कृपया सभी ध्यान रखें।

टेलीग्राम लिंक
 https://t.me/+gabe8WpN8GViYTg1

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Jan, 08:33


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Jan, 07:04


https://youtu.be/dK_flGmNswI?si=WXycVlxJeoCO8BWI

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Jan, 06:59


*ॐ श्री परमात्मने नमः*

*_प्रश्‍न‒सेवा ज्ञान और प्रेमकी जननी कैसे ?_*

*स्वामीजी‒* सेवासे जड़तासे सम्बन्ध-विच्छेद होता है । जड़ताके सम्बन्ध-विच्छेदसे ही ज्ञान और प्रेम होता है ।

*_प्रश्‍न‒आप कहते हैं कि क्रिया और पदार्थके द्वारा हमें कुछ नहीं मिल सकता, पर सेवा तो क्रिया और पदार्थसे ही होगी ?_*

*स्वामीजी‒* सेवा क्रिया और पदार्थसे नहीं होती, प्रत्युत भावसे होती है । सेवा भाव है ।

*_प्रश्‍न‒आपने कहा कि शरीरको संसारकी सेवामें लगा दे और स्वयंको परमात्माकी सेवामें, तो स्वयंको परमात्माकी सेवामें लगाना क्या है ?_*

*स्वामीजी‒* सिवाय भगवान्‌के मेरा कुछ नहीं है‒यही अपने-आपको भगवान्‌की सेवामें लगाना है ।

*_प्रश्‍न‒स्वामीजी, आप कहते हैं कि मन-बुद्धि-इन्द्रियाँ आदि सबका निषेध करते-करते जो शेष बचे, वही अपना स्वरूप है, पर सबका निषेध करनेसे तो शून्य ही शेष बचेगा ?_*

*स्वामीजी‒* परन्तु उस शून्यको जाननेवाला (ज्ञाता) शून्य नहीं है ! अभावको जाननेवाला भावरूप होता है । ‘घरमें कोई नहीं है’‒ऐसा कहनेवाला तो घरमें है ही ! तात्पर्य है कि जो उस शून्यको जानता है, वह अपना स्वरूप है ।

*_प्रश्‍न‒स्वरूप और मैं-पन‒दोनोंको अलग-अलग कैसे देखें ?_*

*स्वामीजी‒* सुषुप्‍तिमें स्वरूप तो रहता है, पर मैं-पन नहीं रहता । स्वरूप प्रकाशक (ज्ञाता) है और मैं-पन प्रकाश्य (ज्ञानके अन्तर्गत दीखनेवाला) है ।

❈❈❈❈

*श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज*
_(‘रहस्यमयी वार्ता’ पुस्तकसे)_

*VISIT WEBSITE*

*www.swamiramsukhdasji.net*

*BLOG*

*http://satcharcha.blogspot.com*

❈❈❈❈

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Jan, 06:50


https://youtu.be/p1KhJHgQ6vA?si=9jAmnjIm1e43I1QK

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Jan, 06:36


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

18 Jan, 23:09


Audio from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

18 Jan, 23:08


।॥राम॥
 
ऑनलाइन सत्संग सूचना

वि.सं. २०८१ माघ कृ० ०५ रवि 19 जनवरी 25

प्रात: 4:30 गीता-पाठ
प्रातः 5 प्रार्थना प्रवचन व सत्संग- संवाद
(गीता १८/`७१-७८)

मेरा कुछ नहीं, मुझे कुछ नहीं चाहिए $ भगवान से अपनापन
(श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदास जी महाराज 20.01.2002 प्रातः5 गीताभवन ऋषिकेश)
प्रार्थना प्रवचन व सत्संग संवाद
गीता प्रबोधनी से अर्थ सहित पाठ
गीता दर्पण

दोपहर 3 गीता अभ्यास, साधन-सुधा-सिंधु,गीता-सुधातरङ्गिणी

रात्रि 7 गीता-साधक-संजीवनी

हार्दिक निवेदन है कि हम सभी मिलकर लाभ लेवें                                                           
तीनों समय के सत्संग कार्यक्रम
टेलीग्राम लिंक (सत्संग संवाद समूह) पर होते हैं।
कृपया सभी ध्यान रखें।

टेलीग्राम लिंक
 https://t.me/+gabe8WpN8GViYTg1

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

18 Jan, 12:33


https://youtube.com/shorts/-1pr5L_D2L8?si=T64lLLlAT-146vdQ

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

18 Jan, 07:47


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

17 Jan, 23:20


.https://t.me/+gabe8WpN8GViYTg1

।।राम।।
वि. सं.२०८१ माघ कृ० ०५ शुक्रवार 18 जनवरी 2025

*प्रातः* 5:00 बजे *स्तुतिप्रार्थना* , *प्रवचन* व सत्संग संवाद,
*गीता पाठ*- गीता प्रबोधिनी से
*गीता दर्पण*- शीर्षक - गीतामें स्वाभावका वर्णन पृष्ठ 128,  ज्ञातव्य

*दोपहर* 3:00 बजे - *गीता अभ्यास*-
*साधन-सुधा-सिंधु*- पृष्ठ संख्या-126  जिन खोजा तिन पाइया
4:00 *गीता* *सुधातरङ्गिणी*-  अध्याय 14 चौपाई 7

*रात्रि* 7:00 बजे
*साधक संजीवनी*- अध्याय 5 श्लोक 27,28 पृष्ठ संख्या 405

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

17 Jan, 03:36


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

04 Jan, 23:31


https://t.me/+gabe8WpN8GViYTg1

।।राम।।
वि. सं.२०८१ पौष शु० ०६ रविवार 5 जनवरी 25

प्रातः 5:00 बजे स्तुति प्रार्थना, प्रवचन व सत्संग संवाद
गीता पाठ, गीता दर्पण , पृष्ठ संख्या 107, शीर्षक- गीता में प्राणीमात्र के प्रति हित का भाव

दोपहर 3:00 बजे - गीता अभ्यास
3:30 साधन-सुधा-सिंधु पृष्ठ संख्या- 103
मान्यता के परिवर्तन से मुक्ति
साधक-संजीवनी अध्याय 4, श्लोक 36, पृष्ठ संख्या- 342

रात्रि 7:00 बजे
साधक संजीवनी , अध्याय 18 , श्लोक 71, पृष्ठ संख्या 1249

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

04 Jan, 04:46


https://youtu.be/f8q4dQy59IM?si=eZedZVQQnsFgFhs6

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

04 Jan, 04:44


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

04 Jan, 04:33


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

03 Jan, 23:47


https://t.me/+gabe8WpN8GViYTg1

।।राम।।
वि. सं.२०८१ पौष शु० ०५ शनिवार 4 जनवरी 25

प्रातः 5:00 बजे स्तुति प्रार्थना, प्रवचन व सत्संग संवाद
गीता पाठ, गीता दर्पण , पृष्ठ संख्या 106,  शीर्षक- गीता में देवताओंकी उपासना

दोपहर 3:00 बजे - गीता अभ्यास
3:30 साधन-सुधा-सिंधु पृष्ठ संख्या- 103
मान्यता के परिवर्तन से मुक्ति
साधक-संजीवनी अध्याय 4, श्लोक 35, पृष्ठ संख्या- 340

रात्रि 7:00 बजे
साधक संजीवनी , अध्याय  18 , श्लोक 66, पृष्ठ संख्या 1242 पारिशिष्ट भाव-

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

03 Jan, 05:09


https://youtube.com/shorts/zrCjqG1kPDc?si=RHC6I8N2To5E4wqj

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

03 Jan, 04:39


https://youtu.be/tRccVCz8AC0?si=KYKkPURjpw9WUFlG

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

03 Jan, 04:35


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

03 Jan, 04:33


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

02 Jan, 08:05


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

02 Jan, 08:03


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

02 Jan, 07:47


https://youtu.be/tz9vWnZ5ZB4?si=kQ5Y-OUJVgYPbfAg

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

02 Jan, 04:12


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

01 Jan, 22:11


https://youtu.be/K17JxpGhUP8?si=qfchQPdO3CVp7hHm

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

01 Jan, 18:11


https://t.me/+gabe8WpN8GViYTg1

।।राम।।
वि. सं.२०८१ पौष शु० ०३ बुधवार 2 जनवरी 25

प्रातः 5:00 बजे स्तुति प्रार्थना, प्रवचन व सत्संग संवाद
गीता पाठ, गीता-दर्पण-पृष्ठ संख्या 101, शीर्षक- गीता में मनुष्योंकी श्रेणियाँ , दूसरा पैराग्राफ

दोपहर 3:00 बजे - गीता अभ्यास
3:30 साधन-सुधा-सिंधु पृष्ठ संख्या- 102
दाहिनी तरफ दूसरा पैराग्राफ-- सबके सब साधन मिलकर भी....

साधक-संजीवनी अध्याय 4, श्लोक 33, पृष्ठ संख्या- 337

रात्रि 7:00 बजे
साधक संजीवनी , अध्याय 18 , श्लोक 66, पृष्ठ 1230 (5) परीक्षा न करना ।

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

01 Jan, 16:19


https://youtu.be/xdoA-Bc68-k?si=KIUqpKEOkgdtSGoS

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

27 Dec, 21:17


।॥राम॥
 
ऑनलाइन सत्संग सूचना

वि.सं. २०८१ पौष कृ० १३ शनि 28 दिसम्बर 24

प्रात: 4:30 गीता-पाठ
प्रातः 5 प्रार्थना प्रवचन व सत्संग- संवाद
(गीता १२/०१-१०)

संसार भगवान का स्वरूप ही है
(श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदास जी महाराज 08.01.2005 प्रातः5 गीताभवन ऋषिकेश)
प्रार्थना प्रवचन व सत्संग-संवाद
गीता-प्रबोधनी अर्थ सहित पाठ
गीता-दर्पण

दोपहर 3 गीता-अभ्यास,साधन-सुधा-सिंधु,
गीता-साधक-संजीवनी

रात्रि 7 गीता-साधक-संजीवनी

हार्दिक निवेदन है कि हम सभी मिलकर लाभ लेवें                                                           
25 दिसंबर 2024 से
तीनों समय के सत्संग कार्यक्रम
टेलीग्राम लिंक (सत्संग संवाद समूह) पर शुरू हो गए हैं।
कृपया सभी ध्यान रखें।
टेलीग्राम लिंक भेजा जा रहा है
 
https://t.me/+gabe8WpN8GViYTg1

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

27 Dec, 05:47


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

27 Dec, 05:44


*ॐ श्री परमात्मने नमः*

*_प्रश्‍न‒आप कहते हैं कि साधकको दुःख होना चाहिये कि इतना समय बीत गया, पर वैसा लाभ नहीं हुआ, पर ऐसी स्थितिमें दुःख न होकर निराशा भी तो हो सकती है ?_*

*स्वामीजी‒* निराशा हो तो उसको विचारके द्वारा दूर करना चाहिये । विचार करें‒

मनुष्यशरीर भगवान्‌की कृपासे और केवल अपना कल्याण करनेके लिये मिला है; अतः निराशाके लिये मनुष्यजीवनमें कोई स्थान नहीं है । निराशा होनेसे मनुष्यका पतन हो जाता है, वह नास्तिक हो जाता है !

लगन कम होनेसे अथवा भोग व संग्रहमें आसक्‍ति होनेसे ही साधक निराश होता है ।

भगवान् मनुष्यको विकारी पैदा नहीं करते । निर्विकार जीवन स्वतः है‒इसपर विश्‍वास न करनेसे ही निराशा होती है ।

भगवान्‌के प्रभावपर विश्‍वास करनेसे निराशा नहीं होती ।

भगवान्, सन्त, सच्छास्‍त्र और सद्विचार‒ये चारों कभी साधकको निराश नहीं करते । ये चारों साधककी उन्‍नति करनेवाले हैं ।

मनुष्यशरीर परमात्माकी प्राप्‍तिके लिये ही मिला है ‒ऐसा माननेसे साधक निराश नहीं होता । जब मनुष्यशरीर परमात्माकी प्राप्‍तिके लिये ही मिला है तो फिर निराशा कैसे हो सकती है ? परन्तु इसपर विश्‍वास कम होनेसे साधक निराश होता है ।

उद्देश्य कमजोर होनेसे ही साधक निराश होता है । उद्देश्य दृढ़ होनेसे साधक निराश नहीं होता । अपने पुरुषार्थका और अहंकारका आश्रय होनेसे ही साधक निराश होता है । भगवान्‌की कृपाका भरोसा हो तो साधक निराश नहीं हो सकता ।

संसारकी आशा बाँधनेवाली और परमात्माकी आशा उन्‍नति करनेवाली है । अतः परमात्मासे निराश नहीं होना चाहिये ।

तत्त्व स्वतःसिद्ध है । सिद्धान्तसे देखें तो नित्यनिवृत्तकी ही निवृत्ति करनी है और नित्यप्राप्‍तकी ही प्राप्‍ति करनी है, फिर निराशा कैसे ?

भगवान्‌के रहते हुए अपनेको अनाथ मानना भूल है । भगवान्‌की कृपा मुख्य है, चाहे कुछ भी हो । भगवान् अकारण कृपा करनेवाले हैं‒‘कारन बिनु रघुनाथ कृपाला’ (मानस, अरण्य॰ ३३ । १) । अतः भगवान्‌को पुकारते ही रहना चाहिये । भगवान् सहायता करनेवाले हैं । इतना ही नहीं, वे तो सहायता करनेके लिये तैयार हैं ! उनपर विश्‍वास न करनेसे ही मनुष्य निराश होता है ।

कृपापर विश्‍वास करनेसे भगवान् पिघल जाते हैं । परन्तु हमने उनको ‘कारणरहित कृपालु’ न मानकर यह मान रखा है कि हमारे उद्योग करनेपर ही वे कृपा करेंगे, तभी निराशा होती है । मैं कर लूँगा‒यह अभिमान ही बाधक होता है । जिसका अपना बल काम नहीं देता, पर उसका विश्‍वास भगवान्‌पर है, वह निराश नहीं होता ।

अपना बल माननेसे ही साधक निराश होता है । माँके रहते बच्‍चा कैसे निराश हो सकता है ? निराश होनेमें अपना अभिमान कारण होता है । अभिमान होनेसे कृपापर विश्‍वास नहीं होता । कृपाके भरोसे रहनेसे निराशा नहीं होती, उल्टे निश्‍चिन्तता, निर्भयता, निःशोकता तथा निःशंकता‒ये चारों आ जाती हैं । माँका भी कोई बदला नहीं चुका सकता, फिर भगवान् तो माँसे भी ज्यादा उपकार करनेवाले हैं !

❈❈❈❈

*श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज*
_(‘रहस्यमयी वार्ता’ पुस्तकसे)_

*VISIT WEBSITE*

*www.swamiramsukhdasji.net*

*BLOG*

*http://satcharcha.blogspot.com*

❈❈❈❈

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

26 Dec, 16:37


https://youtu.be/Y968ZuCKTBY?si=b_CzMTka5z_jhTOa

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

26 Dec, 15:59


https://youtu.be/J7OXhKebpHU?si=lk59paw-11eo9lZw

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

25 Dec, 23:16


॥राम॥
ऑनलाइन सत्संग सूचना:-
सफला एकादशी गीता- पाठ
वि० सं० २०८१ पौष कृ० ११ गुरुवार
26 दिसम्बर 2024

प्रातः 7 से 9 लगभग
श्रीगीताजी का सामूहिक मूल पाठ
हार्दिक निवेदन— पाठमें शामिल हों।

कृपया सभी ध्यान रखें,पाठ टेलीग्राम लिंक पर हो रहा है।
टेलीग्राम लिंक भेजा जा रहा है।

https://t.me/+gabe8WpN8GViYTg1

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

25 Dec, 23:13


।॥राम॥
 
ऑनलाइन सत्संग सूचना

वि.सं. २०८१ पौष कृ० ११ गुरु 26 दिसम्बर 24

प्रात: 4:30 गीता-पाठ
प्रातः 5 प्रार्थना प्रवचन व सत्संग- संवाद
(गीता ११/३४-४४)

गीता का सिद्धांत, वासुदेवः सर्वम्
(श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदास जी महाराज 06.01.2005 प्रातः5 गीताभवन ऋषिकेश)
प्रार्थना प्रवचन व सत्संग-संवाद
प्रातः 7 से श्रीगीता जी का सामूहिक मूल पाठ

दोपहर 3  गीता-अभ्यास,साधन-सुधा-सिंधु,
गीता-साधक-संजीवनी

रात्रि 7 गीता-साधक-संजीवनी

हार्दिक निवेदन है कि हम सभी मिलकर लाभ लेवें                                                           
25 दिसंबर 2024 से
तीनों समय के सत्संग कार्यक्रम
टेलीग्राम लिंक (सत्संग संवाद समूह) पर शुरू हो गए हैं।
कृपया सभी ध्यान रखें।
टेलीग्राम लिंक भेजा जा रहा है
 
https://t.me/+gabe8WpN8GViYTg1

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

25 Dec, 09:09


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

24 Dec, 07:08


https://youtu.be/Ab2mR60pJgI?si=kFdHHm7IqeCrFaGR

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

24 Dec, 05:20


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

23 Dec, 06:37


https://youtu.be/hSuAqRmDRto?si=guWtbml_W9NxyF15

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

23 Dec, 06:28


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

23 Dec, 06:10


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

22 Dec, 23:30


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

22 Dec, 20:30


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

21 Dec, 06:35


राम ! राम !! राम !!! राम !!!!

नाशवान् चीज अपने पास पड़ी है, यह वहम् है, और वह जा रही है - यह सच्ची बात है ।

*परम श्रद्धेय स्वामी जी श्री रामसुखदास जी महाराज जी द्वारा विरचित ग्रंथ गीता प्रकाशन गोरखपुर से प्रकाशित स्वाति की बूंदें पृष्ठ संख्या ५०*

*राम ! राम !! राम !!! राम !!!!*
👏👏

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

21 Dec, 04:04


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

21 Dec, 04:03


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

20 Dec, 09:06


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Dec, 22:37


https://youtu.be/6OThnh2SwE0?si=aQc1lzLqewopjx_v

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Dec, 15:33


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

18 Dec, 03:48


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

23 Nov, 04:32


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

22 Nov, 07:40


https://youtu.be/0WH-QGYn64s?si=aicz-lGDQH6bgrvc

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

22 Nov, 04:46


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

21 Nov, 06:46


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Nov, 07:13


https://youtu.be/V4pw1bNA0aw?si=RutMJRsE0TXbLhWr

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Nov, 04:30


https://youtu.be/VBxXDAEKgFk?si=gA0HJJtIZW7PqFuf

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Nov, 04:26


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Nov, 04:04


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

18 Nov, 06:36


https://youtube.com/shorts/02hp8CQVm0A?si=G5pFlt0HlLWJUIMS

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

18 Nov, 03:44


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

18 Nov, 03:33


*ॐ श्री परमात्मने नमः*
 
*_प्रश्‍न‒जब अहम् भी वासुदेव है, तो फिर भोगोंका आकर्षण क्यों होता है ? वह आकर्षण कैसे छूटे ?_*
 
*स्वामीजी‒* आकर्षण छोड़नेका सबसे बढ़िया उपाय है‒‘मद्रुप उभयं त्यजेत्’ (श्रीमद्भा॰ ११ । १३ । २६) ‘दोनों (मन और विषयों)-को अपने वास्तविक स्वरूपसे अभिन्‍न मुझ परमात्मामें स्थित होकर त्याग दे’ । अहम्‌, मन और विषय‒तीनोंको छोड़ दे । अहम् भी एक प्रकाशमें दीखता है । अहम् नहीं है, पर प्रकाश है । भोगोंके आकर्षणका विरोध न करे । विरोध करनेसे भोगोंकी सत्ता दृढ़ होगी । जिसको आकर्षणका ज्ञान होता है, उसमें आकर्षण नहीं है ।
 
सुषुप्‍तिमें अहम् अर्थात् ‘मैं’ नहीं रहता, पर अपनी सत्ता रहती है । जो कभी है और कभी नहीं है, वह कभी भी नहीं है ! अतः ‘मैं’ नहीं है, प्रत्युत ‘है’ है । ‘है’ में ‘मैं’ नहीं है ।
 
आकर्षणको मिटाना भी नहीं है । उसकी सत्ता हो तो मिटाये ! सत्ता ही नहीं तो मिटायें क्या ? मैं कहूँ कि ‘यहाँसे घड़ा उठाओ’ तो जब यहाँ घड़ा है ही नहीं तो उठायें क्या ? मिटानेकी चेष्‍टा करना तो उसको सत्ता देना है । आकर्षण तो है ही नहीं !
 
मन प्रकृतिका अंश है; अतः मनका प्रकृतिमें आकर्षण होगा ही ! नेत्रोंका रूपमें आकर्षण होगा । सभी इन्द्रियाँ अपने-अपने विषयको ग्रहण करती हैं । अतः ‘मद्रुप उभय त्यजेत्’ ।
 
*_प्रश्‍न‒आपके प्रवचनमें एक बात यह आयी कि  ‘वासुदेवः सर्वम्’ में सन्देह नहीं होना चाहिये, और दूसरी बात आयी कि सन्देह भी भगवान्‌का स्वरूप है, दोनों बातें कैसे ?_*
 
*स्वामीजी‒* सन्देहरहित होनेपर ही यह ज्ञान होगा कि सन्देह, शंका, समाधान आदि भी भगवान्‌के ही स्वरूप हैं !
 
*_प्रश्‍न‒जब सब कुछ वासुदेव ही है तो फिर देवता, भूत-प्रेत आदि योनियोंमें स्वभावभेद कहाँसे आया ?_*
 
*स्वामीजी‒* सभीका स्वभावभेद मनुष्यकृत ही है । स्वभावको मनुष्यने बिगाड़ा है । सब योनियाँ अनादिकालसे चली आ रही हैं । सब योनियोंका एक ही बीज (परमात्मा) है‒‘यच्‍चापि सर्वभूतानां बीजं तदहमर्जुन’ (गीता १० । ३९) ‘हे अर्जुन ! सम्पूर्ण प्राणियोंका जो बीज (मूल कारण) है, वह बीज भी मैं ही हूँ’ ।
 
❈❈❈❈
 
*श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज*
_(‘रहस्यमयी वार्ता’ पुस्तकसे)_
 
*VISIT WEBSITE*
 
*www.swamiramsukhdasji.net*
 
*BLOG*
 
*http://satcharcha.blogspot.com*
 
❈❈❈❈

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

18 Nov, 03:22


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

17 Nov, 16:10


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

17 Nov, 15:56


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

17 Nov, 15:56


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

14 Nov, 07:51


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

14 Nov, 04:44


https://youtu.be/yqigSb5Ue7U?si=YRyIceUnORPMKY01

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

14 Nov, 04:06


राम ! राम !! राम !!! राम !!!!

भगवान् ने सृष्टि की रचना जीवों के लिए की है, क्योंकि जीव भोग चाहते हैं, जैसे पिता बालक के लिए खिलौना खरीद कर देता है । सृष्टि की रचना मनुष्यों के लिए और मनुष्यों की रचना अपने लिए की है ।

*परम श्रद्धेय स्वामी जी श्री रामसुखदास जी महाराज जी द्वारा विरचित ग्रंथ गीता प्रकाशन गोरखपुर से प्रकाशित स्वाति की बूंदें पृष्ठ संख्या ४२*

*राम ! राम !! राम !!! राम !!!!*
👏👏

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

14 Nov, 03:46


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

14 Nov, 03:38


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

14 Nov, 03:37


*ॐ श्री परमात्मने नमः*
 
*_प्रश्‍न‒हमारे कर्मोंसे हमें वस्तु मिली है तो वह हमारी ही तो हुई, दूसरेकी कैसे हुई ?_*
 
*स्वामीजी‒* प्रारब्धसे वस्तु मिली है तो वह भी देने (सेवा)-के लिये है, अपने सुखभोगके लिये नहीं । आने-जानेवाली चीज हमारी कैसे हो सकती है ? वस्तु मिली है और बिछुड़नेवाली है‒यह निश्‍चित बात है ।
 
क्रियाशक्‍ति भी हमारी नहीं है । लकवा मार जाय, कमजोरी आ जाय तो हम क्या कर सकते हैं ? कर्मफलका भोग भी बेईमानी है‒‘फले सक्तो निबध्यते’ (गीता ५ । १२) । कर्म, कर्म-सामग्री, करनेकी योग्यता, बल आदि कुछ भी अपना नहीं है । कर्म करनेका विवेक भी अपना नहीं है, प्रत्युत मिला हुआ है ।
 
प्राप्‍त वस्तु कर्मोंका फल है‒यह तो बहुत स्थूल बात है । वास्तवमें सब कुछ भगवान्‌का है, भगवान् मेरे हैं । एक भगवान्‌के सिवाय कुछ भी अपना नहीं है । परन्तु भगवान्‌से भी कुछ नहीं लेना है, सुख नहीं लेना है, उनसे अपनी मनचाही नहीं करनी है ।
 
वस्तुओंको चाहे संसारकी मान लो (कर्मयोग), चाहे प्रकृतिकी मान लो (ज्ञानयोग) और चाहे भगवान्‌की मान लो (भक्‍तियोग) । अपनी मानोगे तो जन्ममरणयोग होगा ! जितनी ममता करोगे, उतना ही दुःख होगा‒यह थर्मामीटर है !
 
*_प्रश्‍न‒आप कहते हैं कि पदार्थ ‘मेरे’ भी नहीं हैं और ‘मेरे लिये’ भी नहीं हैं, तो वे ‘मेरे लिये’ क्यों नहीं ?_*
 
*स्वामीजी‒* क्योंकि जड़के द्वारा चेतनकी प्राप्‍ति कैसे होगी ? जड़ चेतनका उपकारक कैसे होगा ?
 
*_प्रश्‍न‒आपने कहा कि लोभके कारण आवश्यक वस्तुकी प्राप्‍ति नहीं होती, तो लोभ न होनेसे आवश्यक वस्तु मिलती है या प्रारब्ध होनेसे मिलती है ?_*
 
*स्वामीजी‒* लोभ न होनेसे नया प्रारब्ध बन जायगा !
 
*_प्रश्‍न‒वस्तु प्रारब्धसे मिलती है या भगवान्‌की कृपासे ? भगवान् प्रारब्धके अनुसार ही तो देंगे !_*
 
*स्वामीजी‒* अगर भगवान् प्रारब्धके अनुसार ही दें तो उनकी दया क्या काम आयी ? अतः वस्तु प्रारब्धके बिना भी भगवान्‌की दयासे मिल सकती है ।
 
❈❈❈❈
 
*श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज*
_(‘रहस्यमयी वार्ता’ पुस्तकसे)_
 
*VISIT WEBSITE*
 
*www.swamiramsukhdasji.net*
 
*BLOG*
 
*http://satcharcha.blogspot.com*
 
❈❈❈❈

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

13 Nov, 04:05


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

13 Nov, 03:57


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

12 Nov, 07:51


https://youtu.be/TMQvc8MdaZQ?si=nx0TB881wipT-AO6

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

12 Nov, 07:23


https://youtu.be/ftDaeN_rbXw?si=PvNrCQBhrNjnunnr

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

12 Nov, 05:18


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

11 Nov, 03:45


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

11 Nov, 03:33


*ॐ श्री परमात्मने नमः*
 
*_प्रश्‍न‒बीमारीकी अवस्थामें अशुद्ध दवा लेना और दूसरेका खून चढ़वाना‒दोनों एक ही हैं या दोनोंमें फर्क है ?_*
 
*स्वामीजी‒* दोनोंमें फर्क है । अशुद्ध दवा लेना दोष है, पर रक्त लेना दोष नहीं है । कारण कि रक्तको दूसरा व्यक्‍ति अपनी इच्छासे, प्रसन्‍नतासे अपनेमेंसे देता है, जबकि दवा अपनेसे अलग है । जैसे, भोजन वही बढ़िया होता है, जिसमें खानेवालेसे अधिक खिलानेवालेको प्रसन्‍नता होती है । दूसरी बात, अशुद्ध दवामें पशुके रक्त आदि पदार्थ उसकी इच्छाके बिना जबर्दस्ती लिये जाते हैं ।
 
*_प्रश्‍न‒जिसका रक्त लिया जाय, उस आदमीके संस्कार, उसका स्वभाव क्या अपनेमें नहीं आता ?_*
 
*स्वामीजी‒* नहीं आता ।
 
*_प्रश्‍न‒दवा लेनेसे रोगके कीटाणु मरते हैं तो क्या उनकी हिंसा नहीं लगती ?_*
 
*स्वामीजी‒* उद्देश्य मारनेका नहीं होना चाहिये । रोग कीटाणुसे होता है‒इसमें मतभेद भी है । आयुर्वेदकी दृष्‍टिसे वात-कफ-पित्त कुपित होनेसे रोग होते हैं ।
 
*_प्रश्‍न‒शरणानन्दजी महाराज कहते हैं कि रोगका कारण ‘राग’ है । परन्तु रागरहित महापुरुषोंके शरीरमें भी रोग होता है ?_*
 
*स्वामीजी‒* हाँ, रागरहित महापुरुषोंके शरीरमें भी रोग हो सकता है, पर वह रोग दुःखदायी नहीं होता ।
 
❈❈❈❈
 
*श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज*
_(‘रहस्यमयी वार्ता’ पुस्तकसे)_
 
*VISIT WEBSITE*
 
*www.swamiramsukhdasji.net*
 
*BLOG*
 
*http://satcharcha.blogspot.com*
 
❈❈❈❈

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

11 Nov, 03:30


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

10 Nov, 19:46


Www.swamiramsukhdasji.net

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

10 Nov, 19:35


https://youtube.com/shorts/pf4g7fENbNk?si=lQeORVPsTqj6r6do

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

10 Nov, 19:09


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

03 Nov, 15:46


https://youtu.be/Rq4n7584fho?si=NKga_5Flq4vV2OVN

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

03 Nov, 07:31


https://youtu.be/0ZYWXjqCT1M?si=pTGYz8lCeMMlquM9

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

03 Nov, 07:22


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

03 Nov, 07:17


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

02 Nov, 16:33


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

02 Nov, 16:26


राम ! राम !! राम !!! राम !!!!


प्रत्यक्ष प्रणाम करने में कठिनाई हो तो मन से प्रणाम करो । एक भी भाई - बहन बिना प्रणाम किए न जाए ।


*परम श्रद्धेय स्वामी जी श्री रामसुखदास जी महाराज जी द्वारा विरचित ग्रंथ गीता प्रकाशन गोरखपुर से प्रकाशित स्वाति की बूंदें पृष्ठ संख्या ३९*

*राम ! राम !! राम !!! राम !!!!*
👏👏

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

02 Nov, 14:30


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

01 Nov, 04:54


Video from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

01 Nov, 04:50


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

01 Nov, 03:40


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

31 Oct, 14:14


राम ! राम !! राम !!! राम !!!!

आप सच्चे हृदय से भगवान् के शरण हो जाएं । जिसमें मन लगे, उस मंत्र का जप करें । परंतु दूसरे मत का खंडन, निंदा, तिरस्कार मत करें ।

*परम श्रद्धेय स्वामी जी श्री रामसुखदास जी महाराज जी द्वारा विरचित ग्रंथ गीता प्रकाशन गोरखपुर से प्रकाशित स्वाति की बूंदें पृष्ठ संख्या ३८*

*राम ! राम !! राम !!! राम !!!!*
👏👏

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

31 Oct, 03:29


https://youtu.be/EYlFoNb9VAE?si=TdQBPdPiN5-4mCtd

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

31 Oct, 03:20


https://youtu.be/Brh8Col_bQo?si=ZcBxnMThoaTLcNqD

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

30 Oct, 12:35


राम ! राम !! राम !!! राम !!!!

सिद्ध भक्तों के लक्षणों में श्रद्धा, विश्वास आदि शब्द नहीं आते । ये शब्द साधकों के लक्षणों में आते हैं, जैसे -' *अश्रद्धाना मत्परमा भक्ता:'* (गीता १२/२०) ।

*परम श्रद्धेय स्वामी जी श्री रामसुखदास जी महाराज जी द्वारा विरचित ग्रंथ गीता प्रकाशन गोरखपुर से प्रकाशित स्वाति की बूंदें पृष्ठ संख्या ३८*

*राम ! राम !! राम !!! राम !!!!*
👏👏

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

30 Oct, 12:19


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

30 Oct, 03:46


https://youtu.be/gpdINzdJQBY?si=3CAPpjUaU_vr9ZU2

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

29 Oct, 06:32


https://youtu.be/tz9vWnZ5ZB4?si=VtgxoiLaqnKu2gSG

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

29 Oct, 04:04


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

28 Oct, 05:34


राम ! राम !! राम !!! राम !!!!

*जो सच्चे हृदय से साधु हो जाता है, उसकी जाति नहीं रहती ।* वह ब्राह्मण, क्षत्रिय आदि नहीं रहता । वह तो अच्युत गोत्र हो जाता है ।

*परम श्रद्धेय स्वामी जी श्री रामसुखदास जी महाराज जी द्वारा विरचित ग्रंथ गीता प्रकाशन गोरखपुर से प्रकाशित स्वाति की बूंदें पृष्ठ संख्या ३७*

*राम ! राम !! राम !!! राम !!!!*
👏👏

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

28 Oct, 05:32


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

28 Oct, 05:26


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

27 Oct, 16:12


https://youtu.be/XVDLMFxTPQs?si=y9JEJ_Sq9n70R7In

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

27 Oct, 04:13


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

27 Oct, 03:03


https://youtu.be/2hVK0Y24vF8?si=0p64E7J7MVthD7gb

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

27 Oct, 02:57


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

26 Oct, 09:50


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

26 Oct, 04:19


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

26 Oct, 04:14


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

25 Oct, 17:54


Audio from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

25 Oct, 17:53


।॥राम॥
 
ऑनलाइन सत्संग सूचना

वि.सं. २०८१ कार्तिक कृ० ०९ शनि 26 अक्टूबर 24

प्रात: 4:30 गीता-पाठ
प्रातः 5 प्रार्थना प्रवचन व सत्संग- संवाद
(गीता १४/११-२०)

भगवत्प्राप्ति अपने घर जाना है
(श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदास जी महाराज 06.11.2004 प्रातः5 गीताभवन ऋषिकेश)
प्रार्थना प्रवचन व सत्संग-संवाद
गीता-दर्पण
गीता प्रबोधनी अर्थ सहित पाठ
गीता- साधक- संजीवनी

दोपहर 3 गीता-अभ्यास, रामायण

रात्रि 7 गीता-साधक-संजीवनी

हार्दिक निवेदन है कि हम सभी मिलकर लाभ लेवें                                                           
Join Zoom Meeting
https://us06web.zoom.us/j/84470962486?pwd=MjRnRHViT01Dd3UwaFBlQUgzdTM5QT09
Meeting ID: 844 7096 2486
Passcode: ramram

हमारी रोज वाली जूम मीटिंग में 100 लोगों की लिमिट है अगर आप जूम मीटिंग नहीं जुड़ पाते हैं तो इस नई आईडी में जुड़ सकते हैं ।

Join Zoom Meeting
https://us06web.zoom.us/j/77196604075?pwd=SGZGekJhWERZSGg0alBaeUdkVDVxQT09
Meeting ID: 771 9660 4075
Passcode: narayan

 

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

25 Oct, 04:06


राम ! राम !! राम !!! राम !!!!

जिससे ज्ञान मिले वह गुरु हो जाता है, चाहे हम उसे गुरु मानें या न मानें । न मानें तो कोई दोष नहीं ।

*परम श्रद्धेय स्वामी जी श्री रामसुखदास जी महाराज जी द्वारा विरचित ग्रंथ गीता प्रकाशन गोरखपुर से प्रकाशित स्वाति की बूंदें पृष्ठ संख्या ३७*

*राम ! राम !! राम !!! राम !!!!*
👏👏

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

25 Oct, 03:06


https://youtu.be/koFg5FAyH-M?si=MQZ17RP2F4treulB

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

25 Oct, 02:56


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

24 Oct, 03:13


https://youtu.be/njCKvQKDEe4?si=zvYh7w4ydRzMt3oD

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

24 Oct, 03:08


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

24 Oct, 03:01


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

23 Oct, 17:31


Audio from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

23 Oct, 17:30


।॥राम॥
 
ऑनलाइन सत्संग सूचना

वि.सं. २०८१ कार्तिक कृ० ०८ गुरु 24 अक्टूबर 24

प्रात: 4:30 गीता-पाठ
प्रातः 5 प्रार्थना प्रवचन व सत्संग- संवाद
(गीता १३/२३-३४)

कामना का सर्वथा त्याग
(श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदास जी महाराज 04.11.2004 प्रातः5 गीताभवन ऋषिकेश)
प्रार्थना प्रवचन व सत्संग-संवाद
गीता प्रबोधनी अर्थ सहित पाठ
गीता- साधक- संजीवनी

दोपहर 3 गीता-अभ्यास, रामायण

रात्रि 7 गीता-साधक-संजीवनी

हार्दिक निवेदन है कि हम सभी मिलकर लाभ लेवें                                                           
Join Zoom Meeting
https://us06web.zoom.us/j/84470962486?pwd=MjRnRHViT01Dd3UwaFBlQUgzdTM5QT09
Meeting ID: 844 7096 2486
Passcode: ramram

हमारी रोज वाली जूम मीटिंग में 100 लोगों की लिमिट है अगर आप जूम मीटिंग नहीं जुड़ पाते हैं तो इस नई आईडी में जुड़ सकते हैं ।

Join Zoom Meeting
https://us06web.zoom.us/j/77196604075?pwd=SGZGekJhWERZSGg0alBaeUdkVDVxQT09
Meeting ID: 771 9660 4075
Passcode: narayan

 

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

22 Oct, 04:51


Video from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

22 Oct, 03:54


https://youtu.be/kNk1FP-EpKg?si=qwWG1gWgX3si0b82

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

22 Oct, 03:46


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

22 Oct, 03:44


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

22 Oct, 02:24


राम ! राम !! राम !!! राम !!!!

*गुरु के दिए मंत्र में शक्ति तभी आएगी, जब गुरु में शक्ति हो, वह जीवन्मुक्त हो ।*

*परम श्रद्धेय स्वामी जी श्री रामसुखदास जी महाराज जी द्वारा विरचित ग्रंथ गीता प्रकाशन गोरखपुर से प्रकाशित स्वाति की बूंदें पृष्ठ संख्या ३६*

*राम ! राम !! राम !!! राम !!!!*
👏👏

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

21 Oct, 04:11


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

21 Oct, 02:33


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

20 Oct, 13:17


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

20 Oct, 03:50


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

20 Oct, 03:47


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Oct, 21:40


।॥राम॥
 
ऑनलाइन सत्संग सूचना

वि.सं. २०८१ कार्तिक कृ० ०३/०४ रवि 20 अक्टूबर 24

प्रात: 4:30 गीता-पाठ
प्रातः 5 प्रार्थना प्रवचन व सत्संग- संवाद
(गीता १२/०१-१०)

भगवान और भक्त के पास कुछ नहीं
(श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदास जी महाराज 31.10.2004 प्रातः5 गीताभवन ऋषिकेश)
प्रार्थना प्रवचन व सत्संग-संवाद
गीता प्रबोधनी अर्थ सहित पाठ
गीता- साधक- संजीवनी

दोपहर 3 गीता-अभ्यास, रामायण

रात्रि 7 गीता-साधक-संजीवनी

हार्दिक निवेदन है कि हम सभी मिलकर लाभ लेवें                                                           
Join Zoom Meeting
https://us06web.zoom.us/j/84470962486?pwd=MjRnRHViT01Dd3UwaFBlQUgzdTM5QT09
Meeting ID: 844 7096 2486
Passcode: ramram

हमारी रोज वाली जूम मीटिंग में 100 लोगों की लिमिट है अगर आप जूम मीटिंग नहीं जुड़ पाते हैं तो इस नई आईडी में जुड़ सकते हैं ।

Join Zoom Meeting
https://us06web.zoom.us/j/77196604075?pwd=SGZGekJhWERZSGg0alBaeUdkVDVxQT09
Meeting ID: 771 9660 4075
Passcode: narayan

 

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Oct, 21:09


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Oct, 21:09


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Oct, 18:41


Photo from Sadhak Das

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Oct, 06:18


https://youtu.be/mXcn4azYwqU?si=eStwhIq6AN5oQdHx

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Oct, 06:14


राम ! राम !! राम !!! राम !!!!

संसार के साथ हमारा संबंध कृत्रिम है । परमात्मा के साथ हमारा संबंध सहज है । अतः सहजावस्था स्वाभाविक है । संसार की निवृत्ति और परमात्मा की प्राप्ति - दोनों ही सहज हैं ।

*परम श्रद्धेय स्वामी जी श्री रामसुखदास जी महाराज जी द्वारा विरचित ग्रंथ गीता प्रकाशन गोरखपुर से प्रकाशित स्वाति की बूंदें पृष्ठ संख्या ३५*

*राम ! राम !! राम !!! राम !!!!*
👏👏

स्वामी रामसुखदासजी Swami RamsukhdasJi

19 Oct, 04:30


https://youtu.be/NqGMy9e-CDo?si=hAW1iLA05pGHeXse

2,077

subscribers

5,969

photos

28

videos