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संस्कृत सुभाषित रत्नावली

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Sanskrit Subhashit (Collection from Vedas)
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संस्कृत सुभाषित रत्नावली (Sanskrit)

संस्कृत सुभाषित रत्नावली एक Telegram चैनल है जो वेदों से संग्रहित सुभाषितों का संग्रह प्रदान करता है। यहाँ आपको वेदों से प्रेरित कहावतें और उद्धरण मिलेंगे जो आपके जीवन को प्रेरित करने के लिए होंगे। सुभाषितों का अद्वितीय संग्रह आपके सोचने को प्रेरित करेगा और आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाएगा। इस चैनल में आपको बुद्धिमान और ज्ञानी कविताएं, श्लोक और विचार मिलेंगे।nnसंस्कृत सुभाषित रत्नावली की सम्पर्क करने के लिए आप सीधे @NilkanthRaval से संपर्क कर सकते हैं। इस चैनल के माध्यम से संस्कृत भाषा और भारतीय संस्कृति के विशेष पहलुओं का आनंद उठाएं और अपने दिन को एक शांतिपूर्ण और सुखद ढंग से शुरू करें।

संस्कृत सुभाषित रत्नावली

24 Sep, 11:13


एकैश्वर्ये स्थितोSपि प्रणतबहुफले यः स्वयं कृत्तिवासा:
कान्तासम्मिश्रदेहोSप्यविषयमनंसा यः पुरस्ताद्यतीनाम् ।
अष्टाभिर्यस्य कृत्सनं जगदपि तनुभिर्बिभ्रतो नाभिमानः
सन्मार्गालोकनाय व्यपनयतु स वस्तामसीं वृत्तिमीशः॥
*मालवीकाग्निमित्र में महाकवि क़ालिदास की शिवस्तुति*

जो अपने भक्तों को प्रभूत फल देने वाले , परम - ऐश्वर्य में स्थित होकर भी जो गज- चर्म को वस्त्र के रूप में धारण करते हैं , जो पत्नी से मिश्रित तन वाला होकर भी , विषयों से परे मन वाला है , यतियों का अग्रणी है , जो अपने आठ शरीरों से जगत को शारण करने के पश्चात् भी अहंकार- शून्य है वे शिव हमें सन्मार्ग की ओर प्रेरित करें और हमारी तामसी - वृत्ति को दूर करें ।
🙏जय श्री कृष्ण🙏

संस्कृत सुभाषित रत्नावली

07 Nov, 01:16


*अयुक्तस्वामिनो युक्तं युक्तं नीचस्य दूषणम्।*
*अमृतं राहवे मृत्युर्विषं शंकरभूषणम्।।*

*भावार्थ:*

*यदि योग्य व्यक्ति के पास अयोग्य वस्तु भी आ जाए तो वो भी काम की बन जाती है लेकिन अयोग्य व्यक्ति के पास योग्य वस्तु भी चली जाए तो वह काम की नहीं रहती| जैसे शिव ने विष पिया और वह उनके गले की शोभा बढ़ा रहा है, लेकिन राहू अमृत पी कर भी मारा गया*


🌹 *सुप्रभातम्* 🌹


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संस्कृत सुभाषित रत्नावली

24 Oct, 02:33


*श्रीवर्चस्वमायुष्यमारोग्यमाविधात् पवमानं महीयते।*
*धान्यं धनं पशुं बहुपुत्रलाभं शतसंवत्सरं दीर्घमायुः॥*

*भावार्थ:*

*(हे लक्ष्मी देवी) आपकी शुभता की शक्ति हमारे जीवन में प्रवाहित होकर​, हमारे जीवन को दीर्घ तथा स्वस्थ बनाये और आनंद से भर दे। और आपकी शुभता चारों ओर धन, अनाज, मवेशी और कई संतानों के रूप में प्रकट हो जो सौ साल तक खुशी से रहते हैं; जो अपने लंबे जीवन में खुशी से जीते हैं।*


*दीपावली पर्व की शुभकामनाये*

🌹 *सुप्रभातम्* 🌹


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संस्कृत सुभाषित रत्नावली

20 Oct, 03:21


संपूर्णकुंभो न करोति शब्दं
अर्धोघटो घोषमुपैति नूनम् ।
विद्वान्कुलीनो न करोति गर्वं
जल्पन्ति मूढास्तु गुणैर्विहीनाः ॥

कोई घडा पानी से पूरा भरा हुआ है तो वह छलकने कि आवाज नही करता , वहीं जो आधा जल से भरा हुआ है बहोत आवाज करता है, बस वैसे ही विद्वान और कुलवान मनुष्य कभी अधिक नही बोलता ओर गर्व नही करता जबकि जो मनुष्य मूर्ख(मूढ़) ओर गुणविहीन है वह बहोत बोलता है इसी लिए ज्ञानी को अधिक बोलना नही चाहिए ।।
🙏जय श्री कृष्ण 🙏


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संस्कृत सुभाषित रत्नावली

20 Oct, 01:08


*सत्यमेव परं मित्रं*
*स्वीकृते सति मानवे l*
*सत्यमेव परं शत्रुः*
*धिक्कृते सति मानवे।।*

*भावार्थ:*

*यदि हम सत्य को स्वीकार करते हैं तो वह हमारा सबसे श्रेष्ठ मित्र बन जाता है, परंतु यदि हम सत्य का स्वीकार न करके धिक्कारते हैं, तो जीवन में आगे चलकर वही सत्य हमारे लिए परम शत्रु बन जाता है ।*

🌹 *सुप्रभातम्* 🌹


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संस्कृत सुभाषित रत्नावली

17 Oct, 00:36


*यदीच्छसि वशीकर्तुं जगदेकेन कर्मणा।*
*परापवादशास्त्रेभ्यो गां चरन्तीं निवारय।।*

*भावार्थ:*

*यदि आप एक ही कार्य से सारे जगत को वश में करना चाहते हैं तो दूसरों की बुराई करना छोड़ दें और कभी ऐसा विचार आये तो अपनी जीभ पर विराम लगा दें बस यह एक काम कर ले इससे बढ़कर कोई उपाय नहीं है*


🌹 *सुप्रभातम्* 🌹


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संस्कृत सुभाषित रत्नावली

16 Oct, 01:54


*स जीवति गुणा यस्य यस्य धर्म स जीवति।*
*गुण धर्म विहीनस्य जीवितं निष्प्रयोजनम्।।*

*भावार्थ:*

*जिसमे गुण हैं, धर्म है, वही व्यक्ति जीवित है, जिसमें गुण और धर्म नहीं हैं ऐसे मनुष्य का जीवन व्यर्थ है*


🌹 *सुप्रभातम्* 🌹


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संस्कृत सुभाषित रत्नावली

15 Oct, 02:59


यदाचरित कल्याणि !
शुभं वा यदि वाऽशुभम् ।
तदेव लभते भद्रे !
कर्त्ता कर्मजमात्मनः ॥
(वाल्मीकि रामायण)

मनुष्य जैसा भी अच्छा या बुरा कर्म करता है, उसे वैसा ही फल मिलता है । कर्त्ता को अपने कर्म का फल अवश्य भोगना पड़ता है ।
🙏जय श्री कृष्ण 🙏

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संस्कृत सुभाषित रत्नावली

14 Oct, 01:20


*मूर्खा यत्र न पूज्यते धान्यं यत्र सुसंचितम्। दंपत्यो कलहं नास्ति तत्र श्रीः स्वयमागतः ॥*

*भावार्थ:*

*जहाँ मूर्ख को सम्मान नहीं मिलता हो, जहाँ अनाज अच्छे तरीके से रखा जाता हो और जहाँ पति-पत्नी के बीच में लड़ाई नहीं होती हो, वहाँ लक्ष्मी खुद आ जाती है।*

🌹 *सुप्रभातम्* 🌹


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संस्कृत सुभाषित रत्नावली

13 Oct, 02:54


🟡🟡🟡🟡🟡🟡🟡🟡
*राजा राष्ट्रकृतं पापं राज्ञः पापं पुरोहितः ।*
*भर्ता च स्त्रीकृतं पापं शिष्यपापं गुरुः तथा ॥*
🔶🔶🔶🔶🔶🔶🔶🔶
*A king is culpable for sins committed by the nation. The adviser to the king is culpable of sins committed by the king. Husband is responsible for his wife's sins. A teacher is responsible for the sins of the pupil.*
🪷🌷🌹🙏🙏🌹🌷🪷

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संस्कृत सुभाषित रत्नावली

13 Oct, 02:54


🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚

*उत्साहो बलवानार्य नास्त्युत्साहात्परं बलम् ।*
*सोत्साहस्य च लोकेषु न किञ्चिदपि दुर्लभम् ॥*
🦜🦜🦜🦜🦜🦜🦜🦜
*Person with enthusiasm is a powerful one. There is no power equal to will power. For a man with enthusiasm and will power there is nothing that is difficult.*
🌷🌹🪷🙏🙏🪷🌹🌷

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संस्कृत सुभाषित रत्नावली

13 Oct, 01:22


*दूरस्थोऽपि न दूरस्थो यो यस्य मनसि स्थितः।*
*यो यस्य हृदये नास्ति समीपस्थोऽपि दूरतः।।*

*भावार्थ:*

  *जो ह्रदय में विधमान है वह दूर रहते हुए भी समीप है लेकिन जो ह्रदय के समीप नहीं है वह पास रहते हुए भी दूर है*


🌹 *सुप्रभातम्* 🌹


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संस्कृत सुभाषित रत्नावली

12 Oct, 01:07


*दाने तपसि शौर्ये च विज्ञाने विनये नये।*
*विस्मयो न हि कर्तव्यो बहुरत्ना वसुन्धरा।।*

*भावार्थ:*

*कभी भी मनुष्य को दान, तप, शूरता (बहादुरी), विद्वता (ज्ञान), सुशीलता और नीतिनिपुणता का कभी अहंकार नहीं करना चाहिए, क्योंकि आपसे भी बड़े इस सभी गुणों में महान इस दुनिया में मिल जायेंगे|*

🌹 *सुप्रभातम्* 🌹

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संस्कृत सुभाषित रत्नावली

11 Oct, 03:14


एक चक्षुर्विवेको हि द्वितीयं सत्समागमः।
तौ नस्तौ यस्य स क्षिप्रं मोहकूपं पतेद्ध्रुवं ।।

मनुष्य में विवेक का होना उसकी
एक आंख के समान है और सज्जन व्यक्तियों की संगतिमें रहना उसकी दूसरी आंखके समान है , जिस व्यक्ति में ये दोनों प्रवृत्तियां नहीं होती है वह् व्यक्ति निश्चय ही एक अन्धे व्यक्ति के समान होता है और मोह रूप कुंवें में गिर जाता है ।।
🙏🏼जय श्री कृष्ण 🙏🏼

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संस्कृत सुभाषित रत्नावली

08 Oct, 04:08


*धर्म एव हतो हन्ति*
*धर्मो रक्षति रक्षितः ।*
*तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा*
*नो धर्मो हतोऽवधीत् ॥*

*भावार्थ:*

*जो धर्म का नाश करता है , उसका नाश धर्म स्वयं ही करता है और जो धर्म तथा धर्म पर चलने वालों की रक्षा करता है , धर्म भी उसकी रक्षा अपनी प्रकृति की शक्ति से करता है । अतः धर्म का त्याग कभी नहीं करना चाहिए ।*

🌹 *सुप्रभातम्* 🌹


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संस्कृत सुभाषित रत्नावली

08 Oct, 03:46


किमत्र बहुनोक्तेन
शास्त्रकोटि शतेन च ।
दुर्लभा चित्त विश्रान्तिः
विना गुरुकृपां परम् ॥

यहा पर बहोत बोलने से क्या लाभ ?, हजारो शास्त्रो के होने से भी क्या लाभ ? जब चित्त को शांति प्राप्त करना गुरु कृपा के बिना दुर्लभ है ।।अर्थात् गुरु कृपा के बिना सब निरर्थक है ।।
🙏🏻जय श्री कृष्ण 🙏🏻


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संस्कृत सुभाषित रत्नावली

07 Oct, 01:07


*विप्र प्रसादात् धरणीधरोsहम्*
*विप्र प्रसादात् कमलावरोsहम् l*
*विप्र प्रसादात् अजिताsजितोहम्*
*विप्र प्रसादात् मम नाम राम ll*

*भावार्थ:*

*ब्राह्मणों के आशीर्वाद से ही मैंने धरती को धारण कर रखा है, अन्यथा इतना भार कोई अन्य पुरुष कैसे उठा सकता है ? इन्हीं के आशीर्वाद से मैं लक्ष्मीपति नारायण हूं , इन्हीं के आशीर्वाद से मैं हर युद्ध भी जीत गया और ब्राह्मणों के आशीर्वाद से ही मेरा नाम "राम" है l अतः ब्राह्मण सर्व पूजनीय है l*

🌹 *सुप्रभातम्* 🌹

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संस्कृत सुभाषित रत्नावली

30 Sep, 01:01


*पापं कर्तुमृणं कर्तुं*
*मन्यन्ते मानवाः सुखम् l*
*परिणामोऽतिगहनो*
*महतामपि नाशकृत् ll*

*भावार्थ:*

*मनुष्य पाप करने में तथा ऋण करने में सुख का अनुभव करता है, परन्तु उसका परिणाम इतना भयंकर होता है कि इससे बड़ों-बड़ों का नाश हो जाता है l*

🌹 *सुप्रभातम्* 🌹


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संस्कृत सुभाषित रत्नावली

22 Sep, 03:01


एतदेव सुजातनाम्
लक्षणम् भुवि देहिनां ।
कृपार्द्र यन्मनो नित्यं तेषामप्यहितेषु हि।।

इस पृथ्वी पर उत्तम कुल में उत्पन्न हुए साधू पुरुषों का यही लक्षण है कि अहित करने वालों के प्रति भी उनके मन में सदा कारुण्य ही भरी रहती है ।
🙏🏻जय श्री कृष्ण🙏🏻


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संस्कृत सुभाषित रत्नावली

20 Sep, 02:22


*नारिकेलसमाकारा दृश्यन्तेऽपि हि सज्जनाः।*
*अन्ये बदरिकाकारा बहिरेव मनोहराः॥*

*भावार्थ -* सज्जन व्यक्ति का चरित्र नारियल के समान होता है, जो बाहर से भले ही कठोर प्रतीत होता हो परन्तु भीतर से अत्यन्त कोमल एवम् उज्ज्वल होता है । अन्य (दुर्जन) का चरित्र बदरी (बेर) फल के समान होता है, जो बाहर से भले ही अच्छा व नरम लगता है, परन्तु भीतर से अत्यन्त कठोर होता है।

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