रामस्य दासोऽस्म्यहम् @shriramdaas Channel on Telegram

रामस्य दासोऽस्म्यहम्

@shriramdaas


🌞श्री राम जय राम जय जय राम 🌞
श्री-सीता-लक्ष्मण-भरत-शतृघ्न-हनूमत्समेत
-श्रीरामचन्द्रपरब्रह्मार्पणमस्तु ॥

रामस्य दासोऽस्म्यहम् (Sanskrit)

नमस्कार! आपका स्वागत है श्रीरामचन्द्र भक्ति चैनल 'रामस्य दासोऽस्म्यहम्' में। यह चैनल एक सात्विक और आध्यात्मिक स्थान है जहाँ श्रीराम और उनके परिवार के भक्तों के लिए समर्पित है। चैनल 'रामस्य दासोऽस्म्यहम्' में आपको श्री रामचंद्रजी और माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, हनुमान जैसे उनके परिवार के चरित्र, कथाओं, और उनके भक्तों के प्रेरणादायक किस्से सुनने को मिलेंगे। यहाँ आप भगवान श्रीरामचंद्र और उनके भक्तों के लिए गाने, भजन, और पूजा-अर्चना जैसी विभिन्न आध्यात्मिक गतिविधियों से जुड़ सकते हैं। चैनल को सब्सक्राइब करें और भगवान श्रीरामचंद्र और उनके भक्तों के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति को मजबूत करें। आओ, इस आध्यात्मिक सफर में साथ चलें और अपने जीवन को आनंदमय और सफल बनाने के लिए भगवान श्रीराम के मार्गदर्शन में प्राप्ति करें। जय श्रीराम!

रामस्य दासोऽस्म्यहम्

03 Oct, 10:21


Yeh group me aajao sb hi! Iss channel ka owner abhi yahan absent hai. Gauvatsa group me join ho jaao

रामस्य दासोऽस्म्यहम्

03 Oct, 10:19


Jai Shree Krishna! Mitron. Shubh Navratri Sabko 🚩🙏❤️

रामस्य दासोऽस्म्यहम्

13 Jul, 15:57


https://youtu.be/r9oSYvYGfiU

रामस्य दासोऽस्म्यहम्

10 Jul, 07:51


अपने इष्टदेव के नाम का जप किया जा सकता है। स्त्री-पुरुष दोनों ही समान रूप से नाम जप कर सकते हैं।

इष्ट अनुसार नाम मंत्र-

शिव जी- 'शिव-शिव' या 'शिव शङ्कर प्रलयंकर' या 'श्रीरुद्र रुद्र रुद्र' का जप।

विष्णु जी- 'नारायण-नारायण' नाम जप या 'अच्युत अनन्त गोविंद' जप।

राम जी- 'श्रीरामजयरामजयजयराम' या 'सीताराम' जप या 'राम-राम'।

कृष्ण जी- 'अच्युत अनन्त गोविंद' जप या 'कृष्ण-कृष्ण' जप या 'गोविंद-गोविंद' जप या 'गोविंद दामोदर माधवेति' या 'भज गोविंदम्' आदि स्तोत्र।

दुर्गा जी- 'मृणानी रुद्राणी शिव शिव भवानी' जप या 'दुर्गा-दुर्गा' जप या 'भज ललिते ललिते...' कीर्तन ब्रह्मलीन द्वारकाशङ्कराचार्य जी विरचित या रामचरितमानस से-
'जय जय गिरिबरराज किसोरी।
जय महेस मुख चंद चकोरी।।
जय गज बदन षड़ानन माता।
जगत जननि दामिनि दुति गाता।।
नहिं तव आदि मध्य अवसाना।
अमित प्रभाउ बेदु नहिं जाना।।
भव भव बिभव पराभव कारिनि।
बिस्व बिमोहनि स्वबस बिहारिनि।।'

गणेश जी- 'गाइये गणपति जगवंदन।
शंकर सुवन भवानी नंदन॥
सिद्धि सदन गजवदन विनायक।
कृपा सिंधु सुंदर सब लायक॥
मोदक प्रिय मुद मंगल दाता।
विद्या बारिधि बुद्धि विधाता॥
मांगत तुलसीदास कर जोरे।
बसहिं रामसिय मानस मोरे॥'

अमुक-अमुक देवी-देवताओं के लिए शास्त्रों में जिन-जिन मालाओं का वर्णन किया गया है, उनका प्रयोग उनके नामजप हेतु भी किया जा सकता है। अन्यथा रुद्राक्ष अथवा स्फटिक की माला पर। किंतु रुद्राक्ष की माला पर शक्तिमंत्र का जप रात्रि में नहीं करना चाहिए।

रामस्य दासोऽस्म्यहम्

07 Jul, 05:05


भगवान् श्रीजगन्नाथ महाप्रभु की रथयात्रा के पावन शुभावसर पर सभी वैदिक हिन्दुओं को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।

आज 'हरिहर मिलन' की परम्परा के पश्चात् महाप्रभु की रथ यात्रा प्रारम्भ हो जाएगी।
हरिहर मिलन में हरि के रूप में स्वयं भगवान् जगन्नाथ और हर के रूप में साक्षात् शिव स्वरूप पुरी शङ्कराचार्य भगवान् होते हैं।
परम्परा अनुसार _*पुरी के शङ्कराचार्य भगवान् तीनों रथों का निरीक्षण, दर्शन एवं पूजन करते हैं, उसी के पश्चात् रथयात्रा का क्रम बढ़ता है।

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