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Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩 (Hindi)

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Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

16 Feb, 13:28


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 17 फरवरी 2025*
*दिन - सोमवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - फाल्गुन*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - पञ्चमी प्रातः 04:53 फ़रवरी 18 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*नक्षत्र - चित्रा पूर्ण रात्रि तक*
*योग - शूल प्रातः 08:55 तक, तत्पश्चात गण्ड*
*राहु काल - सुबह 08:36 से सुबह 10:02 तक*
*सूर्योदय - 07:14*
*सूर्यास्त - 06:32*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:30 से 06:20 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:17 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 18 से रात्रि 01:19 फरवरी 18 तक*
*विशेष - पञ्चमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹बीमारी क्या खबर देती हैं ?🔹*

*🔹जो भी बिमारी आती है वह खबर देती है कि तुम खान-पान में संयम करो । पेट बाहर है तो हफ्ते में एकाध उपवास करो अथवा १५ दिन में एकादशी का व्रत रखो । कुछ नही खाओ, केवल नीबूं पानी अथवा गुनगुना पानी पियो । लड़्घनं परमौषधम ।.....अर्धरोगहरि निद्रा सर्वरोगहरि क्षुधा । उपवास और आराम बीमारियों को खा जायेगा । व्यक्ति दवाई से इतना जल्दी ठीक नहीं होता जितना उपवास से ठीक होता है ।*

*🔹उपवास में कमजोरी लगे तो १५ से २५ ग्राम किशमिश धो के खा लो, बस हो गया । सारी बीमारी निकल जाती है | द्राक्ष, किशमिश लोग ऐसे ही खा लेते है । इन पर जंतुनाशक दवा डालते हैं, जो कि जहरी, हानिकारक होती है । इन्हें ३-४ बार अच्छी तरह धोकर ही खाना चाहिए । कभी गोमूत्र (या गोमूत्र अर्क) की कुछ बूँदे पानी में डाल के उससे भी धो सकते हैं ।*

*🔹प्राणायाम करो, सूर्यनारायण को अर्ध्य दो और नाभि पर सूर्यनारायण का ध्यान करो । इससे आरोग्य प्राप्त होता है ।*
*ऋषि प्रसाद – जून २०२० से*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

16 Feb, 13:27


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 16 फरवरी 2025*
*दिन - रविवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - फाल्गुन*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - चतुर्थी रात्रि 02:15 फ़रवरी 17 तक तत्पश्चात पञ्चमी*
*नक्षत्र - हस्त प्रातः 04:31 फरवरी 17 तक, तत्पश्चात चित्रा*
*योग - धृति प्रातः 08:06 तक, तत्पश्चात शूल*
*राहु काल - शाम 05:11 से शाम 06:36 तक*
*सूर्योदय - 07:14*
*सूर्यास्त - 06:32*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:31 से 06:21 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:17 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 17 से रात्रि 01:19 फरवरी 17 तक*
*व्रत पर्व विवरण - द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग (प्रातः 07:11 से प्रातः 04:31 फरवरी 17 तक)*
*विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹 रविवार विशेष🔹*

*🔸 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*🔸 रविवार के दिन आँवला, मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*

*🔸 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*

*🔸 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*

*🔸 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*

*🔸 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना एवं पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

14 Feb, 12:46


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 15 फरवरी 2025*
*दिन - शनिवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - फाल्गुन*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - तृतीया रात्रि 11:52 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
*नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी रात्रि 01:39 फरवरी 16 तक, तत्पश्चात हस्त*
*योग - सुकर्मा प्रातः 07:33 तक, तत्पश्चात धृति*
*राहु काल - सुबह 10:03 से सुबह 11:28 तक*
*सूर्योदय - 07:15*
*सूर्यास्त - 06:31*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:31 से 06:21 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:17 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 16 से रात्रि 01:19 फरवरी 16 तक*
*विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹थकान मिटाने हेतु🔹*

*🔸ध्यान-भजन करने बैठे और थकान लगे तो क्या करे ? पलथी मार के बैठो और शरीर को चक्की कि नाई गोल घुमाओ । अनाज पीसने कि हाथवाली चक्की घूमती है न गोल, ऐसे थोड़ी देर घुमाओ, फिर उसकी विपरीत दिशा में भी घुमाओ । फिर अपने-आप घूमेगा थोड़ी देर । इससे थकान मिटेगी, ताजगी आयेगी ।*

*ऋषि प्रसाद – जनवरी २०२२ से*

*🔹कलह, धन-हानि व रोग-बाधा से परेशान हों तो...🔹*

*🔸घर में कलहपूर्ण वातावरण, धन-हानि एवं रोग-बाधा से परेशानी होती हो तो आप अपने घर में मोरपंख कि झाड़ू या मोरपंख पूजा-स्थल में रखें । नित्य नियम के बाद मन-ही-मन भगवन्नाम या गुरुमंत्र का जप करते हुए इस पंख या झाड़ू को प्रत्येक कमरे में एवं रोग-पीड़ित के चारों तरफ गोल-गोल घुमाये ।*

*कुछ देर ‘ॐकार ‘ का कीर्तन करें-करायें । ऐसा करने से समस्त प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है तथा ऊपरी एवं बुरी शक्तियों का प्रभाव भी दूर हो जाता है ।*

*ऋषिप्रसाद – जनवरी २०२२ से*

*🔹विद्यार्थी विशेष🔹*

*🔸सर्वांगीण विकास के पाँच दिव्य सोपान🔸*

*🔸एकाग्रता, अनासक्ति, श्रद्धा, सच्चरित्रता और ब्रह्मचर्य पाँच साधन इतने प्रभावशाली हैं कि छोटे-से-छोटे व्यक्ति को भी महान बनाने में देर नहीं करते । ये सद्गुण विकसित करें तो ईश्वरप्रापि हो जाय । और ईश्वरप्राप्ति हो गयी तो क्या बाकी रहा ! जगत की कोई भी चीज उसके लिए अप्राप्त नहीं है, आसान है । फिर तो पढ़ाई में भी छक्का स्वास्थ्य में भी छक्का, आनंद में भी छक्का !*

*🔹 शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 🔹*

*🔸 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)*

*🔸 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*

*🔸आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔸*

*🔸एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*
*📖 ऋषि प्रसाद - मई 2018 से*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

14 Feb, 12:42


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कुंडली में आपको नीचे बताए गए सभी जानकारी मिलेगी

1. अगले 25 सालों के लिये उपाय
बाधाओं में मदद के लिये मांत्रिक, यांत्रिक और उपवास कि सलाह दि जाती हैं

2.भाव चार्ट
अपने जीवन के १२ महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे शिक्षा, करियर, परिवार, रिश्तें और
स्वास्थ्य इत्यादी के बारें में बताता हैं

3.पूरी तरह से व्यक्तित्व मूल्यांकन
अपनी प्रसिद्धी और प्रतिष्ठा के साथ अपने जीवन में उतार - चढावों का सामना
कैसे करना हैं, इसके बारे में जानिए

4.करियर के लिये अनुकूल अवधी
करियर की शुरुवात के लिये उचित समय और लाभ लेने का अनुकूल स्थिती के
लिये सबसे अच्छा समय पता करें

5. विवाह के लिये उचित समय
अपने वैवाहिक जीवन के विभिन्न पहलुओं कि गांठ बाधने के उचित उम्र पता करें

6.अपने सपनों के घर के बारे में
अपने सपनों के घर के लिये अनुकूल समय का पता लगाए

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कुंडली बनवाने के लिए आवश्यकताएँ
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जन्म की तारीख :
जन्म स्थान :
जन्म का समय :
भाषा : (हिंदी / English / Marathi / Telugu / Tamil / Malayalam / Bengali / Kannada )

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पेमेंट करने के बाद स्क्रीनशॉट यहा भेजे
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धन्यवाद 🙏

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

13 Feb, 13:03


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 14 फरवरी 2025*
*दिन - शुक्रवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - फाल्गुन*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - द्वितीया रात्रि 09:52 तक तत्पश्चात तृतीया*
*नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी रात्रि 11:09 तक, तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी*
*योग - अतिगण्ड प्रातः 07:20 तक, तत्पश्चात सुकर्मा*
*राहु काल - सुबह 11:29 से दोपहर 12:54 तक*
*सूर्योदय - 07:16*
*सूर्यास्त - 06:31*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:32 से 06:22 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:17 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 15 से रात्रि 01:19 फरवरी 15 तक*
*व्रत पर्व विवरण - मातृ-पितृ पूजन दिवस*
*विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹मातृ-पितृ पूजन दिवस की आवश्यकता व उद्देश्य🔹*

*🔹१४ फरवरी को 'मातृ-पितृ पूजन दिवस' महापर्व है । इस लोक-मांगल्यकारी, विश्वव्यापी, सभी धर्मों के लोगों द्वारा मनाये जानेवाले पर्व के प्रणेता व मार्गदर्शक हैं ब्रह्मवेत्ता संत पूज्य बापूजी । इस पर्व को सर्जित करने की आवश्यकता क्यों पड़ी तथा इसको मनाने से क्या लाभ होते हैं यह जानते हैं पूज्यश्री के ही श्रीमुख से :*

*🔸प्रेमी-प्रेमिका 'आई लव यू, आई लव यू...' करके काम-विकार में गिरते हैं, थोड़ी देर के बाद अभागे ठुस्स हो जाते हैं । मैंने इससे लाखों- लाखों बच्चों की जिंदगी तबाह होते हुए सुनी है ।*

*🔸२८ विकसित देशों में 'आई लव यू व वेलेंटाइन डे' के चक्कर में हर वर्ष १३ से १९ साल की १२ लाख ५० हजार कन्याएँ स्कूल जाते-जाते गर्भवती हो जाती हैं । जिनमें से ५ लाख कन्याएँ तो चुपचाप गर्भपात करा लेती हैं और जो नहीं करा पाती हैं ऐसी ७ लाख ५० हजार कन्याएँ कुँवारी माँ बनकर नर्सिंग होम, सरकार व माँ बाप के लिए बोझा बन जाती हैं अथवा वेश्यावृत्ति धारण कर लेती हैं ।*

*🔸अमेरिका और अन्य विकसित देशों के करोड़ों रुपये वेलेंटाइन डे में तबाह हुए ऐसे छोरे-छोरियों की जिंदगी बचाने में खर्च होते हैं । ऐसा काहे को करना !*

*🔹लेकिन विदेशियों ने फैशन चला दिया: 'आई लव यू, आई लव यू...' बड़ी बेशर्माई है । बच्चे माँ-बाप को पूछें ही नहीं, लोफर-लोफरियाँ बन जायें । वे खुद बरबाद हो जायें तो माँ-बाप की क्या सेवा करेंगे ?*

*🔸इसमें सबका भला है🔸*

*🔸कुछ मनुष्य तो अक्लवाले होते हैं और कुछ अक्ल खो के प्रेमिकाओं के पीछे, प्रेमियों के दिवस : १४ फरवरी पीछे तबाह होते हैं, उनकी बुद्धि नष्ट हो जाती है ।*

*सुंदरी सुंदरे जितने कामी होते हैं उतनी ही उनकी बुद्धि नष्ट हो जाती है । ऐसे कामी सँभल जायें तो अच्छा है, नहीं तो फिर ऐसे लोग मरने के बाद पतंगे होते हैं । पतंगे दीये में जलते हैं। एक जल रहा है यह दूसरों को दिख रहा है फिर भी दे धड़ाधड़... और जल मरते हैं ।*

*🔸वेलेंटाइन डे' वाले तो अपनी ईसाइयत का प्रचार करते हैं परंतु लोगों की जिंदगी तबाह होती है । फिर मैं भगवान का ध्यान करके भगवान में डूब गया, एकाकार हो गया और उपाय खोजा । उपाय मिल गया - गणपति और कार्तिकेय स्वामी की चर्चा का प्रसंग । उसे मैंने अच्छी तरह समझ लिया । मैंने सत्संग में बोला कि 'माँ की प्रदक्षिणा करने से सारे तीर्थों का फल होता है और पिता का आदर व प्रदक्षिणा करने से सब देवों की पूजा का फल मिलता है ।*

*सर्वतीर्थमयी माता, सर्वदेवमयः पिता ।*

*🔸इसका प्रचार करेंगे तो बच्चे-बच्चियों का, माँ-बाप का सबका भला हो जायेगा ।' मैं भी आशाओं का राम हूँ, आशाओं का गुलाम नहीं हूँ । मैं जब चाहूँ मेरा प्यारा मेरे लिए ज्ञान के दरवाजे खोल देता है ।*

*🔸मैंने इस विषय पर सत्संग चालू किये फिर घोषणा कर दी: 'वेलेंटाइन डे के बदले मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाओ ।'*

*🔸फिर मैंने यह भी बता दिया कि 'हम ईसाई, मुसलमान, हिन्दू, सिख तथा और भी जो जाति-धर्म-पंथ हैं सभीका भला चाहते हैं । हम किसीका बुरा नहीं चाहते हैं । बच्चे-बच्चियाँ तबाह न हों इसलिए १४ फरवरी को वेलेंटाइन डे के बदले मातृ-पितृ पूजन दिवस चालू किया है।' अब तो यह विश्वव्यापी हो गया है ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

13 Feb, 01:38


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 13 फरवरी 2025*
*दिन - गुरुवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - फाल्गुन*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - प्रतिपदा रात्रि 08:21 तक तत्पश्चात द्वितीया*
*नक्षत्र - मघा रात्रि 09:07 तक, तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी*
*योग - शोभन प्रातः 07:31 तक, तत्पश्चात अतिगण्ड*
*राहु काल - दोपहर 02:19 से दोपहर 03:44 तक*
*सूर्योदय - 07:16*
*सूर्यास्त - 06:30*
*दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:32 से 06:23 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:17 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 14 से रात्रि 01:19 फरवरी 14 तक*
*विशेष - प्रतिपदा को कुष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाएं क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹हवन-यज्ञ क्यों ?🔹*

*🔹प्रतिदिन यज्ञ का लाभ पाने की युक्ति🔹*

*🔸आज भी आपको देशी गाय के गोबर के कंडे व कोयले मिल सकते हैं। कभी-कभार उन्हें जलाकर जौ, तिल, घी, नारियल के टुकड़े एवं गूगल मिला के तैयार किया गया धूप कर दो तो बहुत सारे हानिकारक जीवाणु नष्ट हो जायेंगे ।*

*🔸जब आपको ध्यान, जप आदि करना हो तो थोड़ी देर पहले यह धूप करके फिर उस धूप से शुद्ध बने हुए वातावरण में प्राणायाम, ध्यान, जप करने बैठें तो बहुत ही लाभ होगा । किंतु धूप में भी अति न करें, नहीं तो गले में कुछ तकलीफ हो सकती है, अतः माप से करें ।*

*🔸गौ-गोबर के कंडे के धुएँ से हानिकारक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं । इसी कारण जब कोई मर जाता है तो श्मशान-यात्रा में एक व्यक्ति मटकी में कंडों का धूआँ करते हुए चलता है ताकि मृतक के जीवाणु समाज में, वातावरण में न फैलें ।*

*🔸आजकल परफ्यूम आदि से अगरबत्तियाँ बनती हैं । वे खुशबू तो देती हैं लेकिन उनमें प्रयुक्त रसायनों का हमारे स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है ।*

*🔸एक तो मोटर-गाड़ियों के धुएँ का कुप्रभाव, दूसरा अगरबत्तियों के रसायनों का भी कुप्रभाव शरीर पर पड़ता है । ऐसी अगरबत्तियों की अपेक्षा सात्त्विक अगरबत्ती या धूपबत्ती मिल जाय तो ठीक है, नहीं तो कम-से-कम घी का थोड़ा धूप कर लिया करो ।*

*🔹सर्वोपरि यज्ञ कौन-सा ?🔹*

*🔸कीटाणुओं को मारना और शरीररूपी कीटाणुओं को अच्छा रखना उसीके पीछे वैज्ञानिकों की सारी भागदौड़ और उनका विज्ञान काम करता है ।*

*🔸हमारे ऋषियों ने कीटाणु मारने के लिए यज्ञ की खोज नहीं की है अपितु वातावरण, भाव तथा जन्म-मरण के चक्कर में डालनेवाले मलिन अंतःकरण को ठीक करके परमात्मप्राप्ति में यज्ञ को निमित्त बनाया है।*

*🔸उन यज्ञों में भी श्रीकृष्ण कहते हैं कि जपयज्ञ सर्वोपरि है । अग्नि में जौ, तिल होमना अच्छा है परंतु इससे भी श्रेष्ठ है गुरुमंत्र लेकर माला पर जप करना । उसको भगवान श्रीकृष्ण ने 'जपयज्ञ' कहा है ।*

*🔸भगवन्नाम जप में योग्य-अयोग्य का खयाल भी नहीं किया जाता । भगवन्नाम सारी अयोग्यताओं को हरकर प्राणियों के चित्त में छिपी हुई योग्यता जगा देता है। इसलिए जपयज्ञ सर्वोपरि यज्ञ माना गया ।*

*🌹भगवान कहते हैं: यज्ञानां जपयज्ञोऽस्मि...*
*'सब प्रकार के यज्ञों में जपयज्ञ मैं हूँ।'  (गीता : १०.२५)*

*🔸यज्ञ करने में तो यजमान धूआँ सहे, विधि- विधान का पालन करे तब लाभ होता है । और उस समय तो अग्नि के सामने तपना पड़ता है, कालांतर में उसे सुख मिलता है लेकिन भगवन्नाम लेने से तो वर्तमान में ही सुख मिलता है और कालांतर में परमात्मा मिलता है।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

11 Feb, 16:20


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 12 फरवरी 2025*
*दिन - बुधवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - पूर्णिमा शाम 07:22 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*नक्षत्र - अश्लेशा शाम 07:35 तक, तत्पश्चात मघा*
*योग - सौभाग्य प्रातः 08:07 तक, तत्पश्चात शोभन*
*राहु काल - दोपहर 12:54 से दोपहर 02:19 तक*
*सूर्योदय - 07:17*
*सूर्यास्त - 06:29*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:32 से 06:23 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 13 से रात्रि 01:19 फरवरी 13 तक*
*व्रत पर्व विवरण - संत रविदास जयंती, ललिता जयंती, माघ पूर्णिमा, विष्णुपदी संक्रांति (पुण्यकाल दोपहर 12:41 से सूर्यास्त तक)*
*विशेष - पूर्णिमा को तिल का तेल खाना व लगाना एवं स्त्री सहवास निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹मातृ-पितृ पूजन दिवस के सुपरिणाम🔹*

*👉 अनैतिकता में न गिरकर शारीरिक, मानसिक रोगों व दुःखमय भविष्य से बच जाते हैं बच्चे व युवा ।*

*👉 आज के कामोत्तेजक माहौल में दिव्य निर्दोष प्रेम के सुख का अनुभव ।*

*👉 माता-पिता, सद्गुरु का आदर-पूजन करनेवाले होते हैं सफल, सुखी और यशस्वी ।*

*🔹वेलेंटाइन डे आदि के दुष्परिणाम🔹*

*👉 बाल व युवा पीढ़ी का नैतिक, चारित्रिक पतन एवं अंधकारमय भविष्य ।*

*👉 माता-पिताओं को वृद्धाश्रमों में छोड़ने की कुरीति को बढ़ावा ।*

*👉 एड्स जैसे यौन रोगों व मानसिक अवसाद, आत्महत्या आदि में वृद्धि ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

10 Feb, 15:42


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 11 फरवरी 2025*
*दिन - मंगलवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - चतुर्दशी शाम 06:55 तक तत्पश्चात पूर्णिमा*
*नक्षत्र - पुष्य शाम 06:34 तक, तत्पश्चात अश्लेशा*
*योग - आयुष्मान प्रातः 09:06 तक, तत्पश्चात सौभाग्य*
*राहु काल - दोपहर 03:44 से शाम 05:09 तक*
*सूर्योदय - 07:18*
*सूर्यास्त - 06:29*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:33 से 06:24 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:17 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 12 से रात्रि 01:19 फरवरी 12 तक*
*व्रत पर्व विवरण - सर्वार्थसिद्धि योग (शाम 06:34 से प्रातः 07:14 फरवरी 12 तक)*
*विशेष - चतुर्दशी को तिल का तेल खाना व लगाना एवं स्त्री सहवास निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹कीर्तन में ताली क्यों ?🔹*

*🔸आप जब भगवन्नाम-कीर्तन करते हैं तो ताली बजाते हैं । ताली बजाने से क्या लाभ होता है आपको पता है ?*

*आँख का मोतिया तक दूर हो सकता है ।*

*🔸ताली बजाकर भगवन्नाम जपने से स्मरणशक्ति में तो थोड़ा बहुत लाभ होता है परंतु अनजाने में एक्यूप्रेशर का भी फायदा हो जाता है ।*

*🔸आपके सिर, हाथ, पैर में शरीर की नाड़ियों के स्विचबोर्ड हैं । जैसे घर में कई जगह बिजली से चलनेवाले उपकरण होते हैं और स्विचबोर्ड १-२ जगह पर होते हैं, ऐसे ही तुम्हारी नाभि से लेकर कंधे तक ७२,००० नाड़ियाँ हैं; तुम्हारे पैरों के तलवों और हाथों में इन नाड़ियों के स्विचबोर्ड हैं ।*

*🔸मानो किसीको सिरदर्द है तो एक्यूप्रेशर केन्द्र (Acupressure point) फलाना-फलाना दबाओ तो थोड़ी देर में सिरदर्द ठीक हो जाना चाहिए । ऐसे ही अलग-अलग तकलीफों के लिए अलग-अलग बिंदु हैं किंतु उनका पता नहीं है तो थोक में ताली बजाओ तो फायदा होगा ।*

*🔸है हमारे भारत की विद्या लेकिन अब चीन से वह नाम बदलकर प्रचारित हो के आयी है तो अब यहाँ के डॉक्टर उसको बोलते हैं: "वंडरफुल! एक्यूप्रेशर इज वेरी गुड सिस्टम ।" परंतु है भारत की । 'आयोलाल, झूलेलाल, झूले-झूले-झूले झूलेलाल.... गाते और ताली बजाते हैं तो एक्यूप्रेशर हो रहा है, और क्या हो रहा है! अम्बाजी के आगे गरबा नृत्य कर रहे हैं यह क्या हो रहा है ? शरीर की तंदुरुस्ती, मन की प्रसन्नता और बुद्धि में भगवती के प्रति भाव प्रतिष्ठित हो रहे है । पाश्चात्य कल्चरवाले क्लबों में जाते हैं, डिस्को करते हैं, शराब पीते हैं और फिर ठुस्स हो जाते हैं । इससे तो भगवन्नाम जप के महान आत्मा बनना अच्छा है ।*

*🔸एक साथ मिलकर प्रभु-वंदन और संकीर्तन करने से एक स्वर से उठी हुई तुमुल ध्वनियों वातावरण में पवित्र लहरें ऊत्पन्न करने में समर्थ होती है तथा उस समय मन ध्वनि पर एकाग्र होता है, जिससे स्मरणशक्ति तथा श्रवणशक्ति विकसित होती है ।*

*🔹प्रेमपूर्वक ताली बजाना है विशेष लाभकारी🔹*

*🔸जिनको कम अक्ल होती है वे ताली तेजी से (जोर से) बजाते हैं । जितनी तेजी से ताली बजाते हो उतनी ही ज्यादा ऊर्जा खर्च होती है । मूर्ख होते हैं वे, जो ज्यादा शक्ति खर्च करते हैं । प्रेम से ताली बजाते हुए 'हरि ॐ, हरि ॐ होंठों में बोलो । हरिनाम लेकर ताली बजाने से हाथ के सभी रक्तकण पवित्र होते हैं । हरिनाम सुनने से कान पवित्र होते हैं । हरि को प्रेम करने से मनुष्य परमात्मा को प्राप्त होता है ।*

*🌹श्री रामकृष्ण परमहंस ने कहा है: "ताली बजाकर प्रातःकाल और सायंकाल हरिनाम भजा करो । ऐसा करने से सब पाप दूर हो जायेंगे । जैसे पेड़ के नीचे खड़े होकर ताली बजाने से पेड़ पर की सब चिड़ियाँ उड़ जाती हैं, वैसे ही ताली बजा के हरिनाम लेने से देहरूपी वृक्ष से सब अविद्यारूपी चिड़ियाँ उड़ जाती हैं । कलियुग में भगवन्नाम के समान दूसरा सरल साधन नहीं है । भगवन्नाम लेने से मनुष्य के मन और शरीर दोनों शुद्ध हो जाते हैं ।"*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

09 Feb, 12:57


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 10 फरवरी 2025*
*दिन - सोमवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - त्रयोदशी शाम 06:57 तक तत्पश्चात चतुर्दशी*
*नक्षत्र - पुनर्वसु शाम 06:01 तक, तत्पश्चात पुष्य*
*योग - प्रीति प्रातः 10:27 तक, तत्पश्चात आयुष्मान*
*राहु काल - प्रातः 08:40 से प्रातः 10:05 तक*
*सूर्योदय - 07:18*
*सूर्यास्त - 06:28*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:33 से 06:24 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:17 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 11 से रात्रि 01:19 फरवरी 11 तक*
*व्रत पर्व विवरण - सर्वार्थसिद्धि योग (शाम 06:01 से प्रातः 07:14 फरवरी 11 तक)*
*विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹पढ़ाई में आगे बढ़े विद्यार्थी, ऐसे...🔹*

*🔸सभी विद्यार्थी पढ़ाई में आगे बढ़ना चाहते हैं किंतु अनेक विद्यार्थी ऐसे होते हैं जो मेहनत तो बहुत करते हैं परंतु उनको सफलता नहीं मिलती । यहाँ पर कुछ युक्तियाँ दी जा रही हैं जिनके द्वारा विद्यार्थी सफलता के शिखरों को छू सकते हैं :*

*👉 (१) आगे रहो । यानी कक्षा में आगे बैठने, शिक्षक की नजरों में रहने से शिक्षक द्वारा बतायी जा रहीं बातों पर ध्यान रहता है और आपसी बातचीत व चंचलता से भी बचे रहते हैं । सभी आगे नहीं बैठ सकते किंतु आगे बढ़ने का दृढ संकल्प तो सभी कर सकते हैं ।*

*👉 (२) पहले पढ़ के जाना । जो पाठ पढ़ाया जाना है उस विषय को विद्यार्थी पहले ही थोड़ा पढ़ के जायें तो कक्षा में वह जल्दी समझ आ जाता है ।*

*👉 (३) सूत्रात्मक ढंग से याद करें । महत्त्वपूर्ण अथवा जटिल विषय को बिंदुओं के रूप में (पॉईंट वाइज) याद करने से वह जल्दी याद होता है और लम्बे समय तक स्मृति में रहता है । इस प्रकार लिखने से शिक्षक भी अच्छे अंक देते हैं ।*

*👉 (४) समझने व ज्ञान के लिए पढ़ें। किसी बात को समझकर उसके बारे में अपनी जानकारी बढ़ाने के लिए पढ़ें, रट्टा लगाकर नहीं । समझकर याद किया हुआ लम्बे समय तक याद रहता है ।*

*👉 (५) कठिन विषयों को रिकॉर्ड करके सुनें । जो प्रसंग, विषय कठिन लगे उनको अपनी आवाज में रिकॉर्ड करके ध्यान से सुनने से भी जल्दी याद हो जाता है ।*

*👉 (६) अनजानी बातों को जानी बातों से जोड़कर याद करना । यह भी याद रखने का सुंदर तरीका है ।*

*👉 (७) सार ग्रहण । विषय के मूल सिद्धांत को या सार बात को ध्यान में रखें ।*

*👉 (८) ) प्रश्न करें । जो पाठ याद किया है उसके बारे में स्वयं अलग-अलग ढंग से कई प्रश्न बनायें, इससे पाठ सहज में याद रह जाता है ।*

*👉 (९) लेखन की गति तेज व अक्षरों की बनावट अच्छी हो । इसके लिए लिखने का अभ्यास न छोड़ें । साथ ही पढ़ने की गलि भी बढ़ायें ।*

*👉 (१०) कठिन लगनेवाले विषय की पुस्तक स्वच्छ कपड़े में लपेटकर तकिये के नीचे रखकर सोयें । इससे भी लाभ होता है ।*

*👉 (११) पूज्य बापूजी द्वारा बतायी गयीं निम्नलिखित युक्तियाँ विद्यार्थियों के लिए वरदानस्वरूप है :*

*(क) रात को ७ से ९ के बीच पढ़ाई पूरी करके जल्दी सो जाना और सुबह सूर्योदय से पहले उठना ।*

*(ख) पढ़ाई के लिए बैठने से पहले अपने सद्‌गुरुदेव तथा विद्या की देवी माँ सरस्वतीजी को प्रणाम करना, प्रार्थना करना ।*

*(ग) प्रतिदिन कुछ समय आज्ञाचक्र पर ध्यान करना ।*

*(घ) नियमित रूप से भ्रामरी प्राणायाम, सारस्वत्य मंत्र का जप करना व सूर्य को अर्घ्य देना ।*

*(ङ) रोज ॐ, दीपक या गुरुदेव के श्रीचित्र पर १०-१५ मिनट त्राटक करना ।*

*(च) पढ़ते समय जीभ तालू में लगाकर रखना । जिह्वा तालू में लगा के पढ़ें, फिर किताब हटाकर याद करें । यह अति प्रभावशाली तरीका है ।*

*🔸उपरोक्त बातों को जीवन में लाने से एकाग्रता बढ़ती है, चंचलता दूर होती है और विद्यार्थी पढ़ाई में तो सफल होता ही है, साथ ही ओजस्वी-तेजस्वी होकर परमात्मा को भी पा सकता है । परमात्मा को पाकर २१ पीढ़ियों को तार सकता है व नाम रोशन कर सकता है ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

09 Feb, 12:57


.....*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 09 फरवरी 2025*
*दिन - रविवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - द्वादशी शाम 07:25 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
*नक्षत्र - आर्द्रा शाम 05:53 तक, तत्पश्चात पुनर्वसु*
*योग - विषकम्भ दोपहर 12:07 तक, तत्पश्चात प्रीति*
*राहु काल - शाम 05:08 से शाम 06:32 तक*
*सूर्योदय - 07:19*
*सूर्यास्त - 06:28*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:34 से 06:25 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:17 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 10 से रात्रि 01:19 फरवरी 10 तक*
*व्रत पर्व विवरण - भीष्म द्वादशी, प्रदोष व्रत, त्रिपुष्कर योग (शाम 05:53 से शाम 07:25 तक)*
*विशेष - द्वादशी को पूतिका (पोइ) खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹आत्महत्या का पाप🔹*

*🔸(१) नाशौचं नोदकं नाग्निं नाश्रुपातं च कारयेत् ।वोढारोऽग्निप्रदातारः पाशच्छेद- करास्तथा ॥ तप्तकृच्छ्रेण शुद्धयन्तीत्येवमाह प्रजापतिः ।*
*(पाराशर स्मृति: ४.३,४)*

*🔸आत्महत्या करनेवाले प्राणी की अशुद्धि (अशौच) न मानें, पाश का छेदन न करें, आँसू भी न गिरायें, अग्नि संस्कार, अस्थि-संचय और जलदान (श्राद्ध-तर्पण) भी न करें । ऐसे प्राणी के शरीर को ले जानेवाले तथा दाह संस्कार करनेवाले तप्तकृच्छ्र व्रत करने से शुद्ध होते हैं ।*

*🔸(२) अतिमानादतिक्रोधात् स्नेहाद्वा यदि वा भयात् । उद्वघ्नीयात् स्त्री पुमान् वा गतिरेषा विधीयते ॥ पूयशोणितसम्पूर्णे त्वन्धे तमसि मज्जति । षष्टिवर्षसहस्राणि नरकं प्रतिपद्यते ॥*
*(पाराशर स्मृति: ४.१,२)*

*आत्महत्या करनेवाला मनुष्य ६० हजार वर्षों तक अंधतामिस्र नरक में निवास करता है ।*

*🔸(३) हत्याऽऽत्मानमात्मना प्राप्नुयास्त्वं वधाद् भ्रातुर्नरकं चातिघोरम् ॥*
*(महाभारत, कर्ण पर्व : ७०.२८)*

*🔸भाई का वध करने से जिस अत्यंत धोर नरक की प्राप्ति होती है, उससे भी भयानक नरक स्वयं ही अपनी हत्या करने से प्राप्त होता है ।*

*🔸(४) अन्धन्तमोविशेयुस्ते ये चैवात्महनो जनाः । भुक्त्वा निरयसाहरत्रं ते च स्युर्गामसूकराः ।। आत्मघातो न कर्तव्यस्तस्मात् क्वापि विपश्चिता। इहापि च परत्रापि न शुभान्यात्मघातिनाम् ।।*
*(स्कन्द पुराण, काशी. पू. १२.१२,१३)*

*🔸आत्महत्यारे घोर नरकों में जाते हैं और हजारों नरक-यातनाएँ भोगकर फिर देहाती सूअरों की योनि में जन्म लेते हैं । इसलिए समझदार मनुष्य को कभी भूलकर भी आत्महत्या नहीं करनी चाहिए । आत्महत्यारों का न तो इस लोक में और न परलोक में ही कल्याण होता है ।*

*🔸(५) जलाग्न्युद्वन्धनभ्रष्टा प्रवज्यानशनच्युताः । विषप्रपतनप्रायशस्त्रघातच्युताञ्च ये ॥ सर्वे ते प्रत्यवसिताः सर्वलोकवहिष्कृताः । चान्द्रायणेन शुध्यन्ति तप्तकृच्छूद्वयेन वा ।। (यम स्मृतिः २,३)*

*🔸यदि आत्महत्या का प्रयत्न करनेवाला मनुष्य किसी प्रकार बच जाता है अथवा जो संन्यास लेकर उसे त्याग देता है तो वे दोनों 'प्रत्यवसित' कहलाते हैं । ऐसे मनुष्य सभी के द्वारा बहिष्कृत होते हैं । उनकी शुद्धि चान्द्रायण व्रत अथवा दो तप्तकृच्छ्र व्रत करने से होती है ।*

*🔸(६) रज्जुशस्त्रविषैर्वापि कामक्रोधवशेन यः। घातयेत्स्वयमात्मानं स्त्री वा पापेन मोहिता ।। रज्जुना राजमार्गे तां चण्डालेनापकर्षयेत्। न श्मशानविधिस्तेषां न सम्बन्धिक्रियास्तथा ॥ बन्धुस्तेषां तु यः कुर्यात्प्रेतकार्यक्रियाविधिम् ।*

*तद्गतिं स चरेत्पश्चात्स्वजनाद्वा प्रमुच्यते ॥ (कौटिल्य अर्थशास्त्र : ४.७)*

*🔸जो पुरुष या स्त्री काम या क्रोध के वशीभूत होकर, फाँसी लगाकर, शस्त्र के द्वारा या विष लेकर आत्महत्या करे उसका शव चाण्डाल रस्सी से बाँधकर राजमार्ग से घसीटता हुआ ले जाय । ऐसे व्यक्तियों के लिए दाह संस्कार और तिलांजलि आदि संस्कार वर्जित हैं । ऐसे व्यक्त्ति का कोई बंधु दाहादि संस्कार (प्रेतकार्य) करता है तो मरने के बाद उसको भी वही गति प्राप्त होती है और इस लोक में उसे जातिच्युत कर दिया जाता है ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

08 Feb, 03:24


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 08 फरवरी 2025*
*दिन - शनिवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - एकादशी रात्रि 08:15 तक तत्पश्चात द्वादशी*
*नक्षत्र - मृगशिरा शाम 06:07 तक, तत्पश्चात आर्द्रा*
*योग - वैधृति दोपहर 02:04 तक, तत्पश्चात विषकम्भ*
*राहु काल - सुबह 10:05 से सुबह 11:30 तक*
*सूर्योदय - 07:19*
*सूर्यास्त - 06:27*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:34 से 06:25 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:16 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 09 से रात्रि 01:19 फरवरी 09 तक*
*व्रत पर्व विवरण - जया एकादशी*
*विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?🔹*

*🌹1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।*

*🌹2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें ।*

*🌹हर एकादशी को श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
*राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।*
*सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ।।*

*एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*

*🌹3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।*

*🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।*

*🌹5. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*

*🌹6. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - इनका सेवन न करें ।*

*🌹7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।*

*🌹8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।*

*🌹9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।*

*🌹10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*

*🌹11. इस दिन बाल नहीं कटायें ।*

*🌹12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।*

*🌹13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।*

*🌹14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

06 Feb, 17:14


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 07 फरवरी 2025*
*दिन - शुक्रवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - दशमी रात्रि 09:26 तक तत्पश्चात एकादशी*
*नक्षत्र - रोहिणी शाम 06:40 तक, तत्पश्चात मृगशिरा*
*योग - इंद्र शाम 04:17 तक, तत्पश्चात वैधृति*
*राहु काल - सुबह 11:30 से दोपहर 12:54 तक*
*सूर्योदय - 07:20*
*सूर्यास्त - 06:26*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:35 से 06:26 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:16 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 08 से रात्रि 01:19 फरवरी 08 तक*
*व्रत पर्व विवरण - रोहिणी व्रत*
*विशेष - दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹मानसिक रोग एवं चिकित्सा🔹*

*🔸आज के अशांति एवं कोलाहल भरे वातावरण में दिन-प्रतिदिन मनुष्य का जीवन तनाव, चिंता एवं परेशानियों से ग्रस्त होता जा रहा है । इसी वजह से वह थोड़ी-थोड़ी बात पर चिढ़ने-कुढ़ने लगता है एवं क्रोधित हो जाता है । यहाँ क्रोध, अनिद्रा एवं अतिनिद्रा पर नियंत्रण पाने के लिए कुछ उपचार दिये जा रहे हैं :-*

*🔸क्रोध की अधिकता में 🔸*

*एक नग आँवले का मुरब्बा प्रतिदिन प्रातःकाल खायें और शाम को एक चम्मच गुलकंद खाकर ऊपर से दूध पी लें । इससे क्रोध पर नियंत्रण पाने में सहायता मिलेगी ।*

*🔸सहायक उपचार🔸*

*(१) भोजन २० से २५ मिनट तक चबा- चबाकर शांति से खायें ।*

*(२) क्रोध आए उस वक्त अपना विकृत चेहरा आइने में देखने से भी लज्जावश क्रोध भाग जाएगा ।*

*(३) 'ॐ शांति... शांति... शांति... ॐ.... एक कटोरी में जल लेकर उस जल में देखकर इस मंत्र का २१ बार जप करके और बाद में वही जल पी लेने से क्रोधी स्वभाव में बदलाहट आएगी ।*

*🔹14 फरवरी : मातृ-पितृ पूजन दिवस क्यों ?🔹*

*🔸माता-पिता ने हमसे अधिक वर्ष दुनिया में गुजारे हैं, उनका अनुभव हमसे अधिक है और सदगुरु ने जो महान अनुभव किया है उसकी तो हमारे छोटे अनुभव से तुलना ही नहीं हो सकती । इन तीनों के आदर से उनका अनुभव हमें सहज में ही मिलता है। अतः जो भी व्यक्ति अपनी उन्नति चाहता है, उस सज्जन को माता-पिता और सदगुरु का आदर पूजन आज्ञापालन तो करना चाहिए, चाहिए और चाहिए ही !*

*🔸१४ फरवरी को 'वेलेंटाइन डे' मनाकर युवक-युवतियाँ प्रेमी-प्रेमिका के संबंध में फँसते है। वासना के कारण उनका ओज-तेज दिन दहाड़े नीचे के केन्द्रों में आकर नष्ट होता है । उस दिन 'मातृ-पितृ पूजन' काम-विकार की बुराई व दुश्चरित्रता की दलदल से ऊपर उठाकर उज्जवल भविष्य, सच्चरित्रा, सदाचारी जीवन की ओर ले जायेगा ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

05 Feb, 12:44


🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞
⛅️दिनांक - 06 फरवरी 2025
⛅️दिन - गुरुवार
⛅️विक्रम संवत् - 2081
⛅️अयन - उत्तरायण
⛅️ऋतु - शिशिर
⛅️मास - माघ
⛅️पक्ष - शुक्ल
⛅️तिथि - नवमी रात्रि 10:53 तक तत्पश्चात दशमी
⛅️नक्षत्र - कृत्तिका शाम 07:29 तक, तत्पश्चात रोहिणी
⛅️योग - ब्रह्म शाम 06:42 तक, तत्पश्चात इंद्र
⛅️राहु काल - दोपहर 02:18 से दोपहर 03:42 तक
⛅️सूर्योदय - 07:20
⛅️सूर्यास्त - 06:26
⛅️दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅️ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:35 से 06:26 तक
⛅️अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:16 तक
⛅️निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 07 से रात्रि 01:19 फरवरी 07 तक
⛅️विशेष - नवमी को लौकी खाना गौमाँस के समान त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

🔹गुरुवार विशेष 🔹

🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।

🔸गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :

🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।
 
ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।

🌹 फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।

( लोक कल्याण सेतु , अंक - ११६ )

🔸गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।

🔸गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

04 Feb, 17:02


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 05 फरवरी 2025*
*दिन - बुधवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - अष्टमी रात्रि 12:35 फरवरी 06 तक तत्पश्चात नवमी*
*नक्षत्र - भरणी रात्रि 08:33 तक, तत्पश्चात कृत्तिका*
*योग - शुक्ल रात्रि 09:19 तक, तत्पश्चात ब्रह्म*
*राहु काल - दोपहर 12:54 से दोपहर 02:18 तक*
*सूर्योदय - 07:21*
*सूर्यास्त - 06:25*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:35 से 06:26 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - कोई नही*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 06 से रात्रि 01:19 फरवरी 06 तक*
*व्रत पर्व विवरण - भीम अष्टमी, मासिक दुर्गाष्टमी, बुधवारी अष्टमी (सूर्योदय से रात्रि 12:35 फरवरी 06 तक)*
*विशेष - अष्टमी को नारियल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹कठोर या चंचल स्वभाव बदलने की कुंजी🔹*

*🔸स्वभाव कठोर है तो कमल का ध्यान करें, स्वभाव कोमल हो जायेगा । चंचल स्वभाव है तो ऐसा चिंतन करें कि “मैं शांत आत्मा हूँ, चिद्घन आत्मा हूँ, चैतन्य आत्मा हूँ... चंचलता मन में है, उसको जाननेवाला, चल मन को जाननेवाला अचल मेरा आत्मा-परमात्मा है । ॐ ॐ ॐ....”  थोड़े दिन में स्वभाव ठीक हो जायेगा ।*

*📖 ऋषि प्रसाद – जनवरी २०१९ से*

*🔹मनुष्य कितना भी पतित हो वह महान बन सकता है🔹*

*🔸‘ॐऽऽऽ...’ उच्चारण किया और जितनी देर उच्चारण किया उतनी देर शांत हो जाय, ध्यान में डूबता जाय । अगर ऐसा १०-१५ मिनट सुबह-शाम करे, गुरुगीता का पाठ करे, युवाधन-सुरक्षा के नियमों पर अमल करे और भगवान् को, सदगुरु को एकटक देखे, उनसे बातें करे, प्रेरणा ले फिर अंतर में डुबकी मारे तो कितना भी पतित, कैसा भी गिरा हुआ व्यक्ति हो, उसका पतन बंद होने लगेगा, मन पवित्र होने लगेगा । वह मंगल के रास्ते चल पड़ेगा ।*        
*🌹- पूज्य बापूजी*

*📖 ऋषि प्रसाद – जनवरी २०१९ से*

*🔹लक्ष्मीप्राप्ति व घर में सुख-शांति हेतु🔹*

*🔸तुलसी-गमले की प्रतिदिन एक प्रदक्षिणा करने से लक्ष्मीप्राप्ति में सहायता मिलती है ।*

*🔸तुलसी के थोड़े पत्ते पानी में डाल के उसे सामने रखकर भगवद्गीता का पाठ करे । फिर घर के सभी लोग मिल के भगवन्नाम - कीर्तन करके हास्य - प्रयोग करे और वह पवित्र जल सब लोग ग्रहण करे । यह प्रयोग करने से घर के झगड़े मिटते है, शराबी की शराब छुटती है और घर में सुख शांति का वास होता है ।*

*- 📖 ऋषि प्रसाद : जनवरी २०१८*

*🔹ह्रदय के लिए हितकर पेय🔹*

*रात को भिगोये हुए ४ बादाम सुबह छिलका उतारकर १० तुलसी पत्तों और ४ काली मिर्च के साथ अच्छी तरह पीस लें । फिर आधा कप पानी में इनका घोल बना के पीने से विभिन्न प्रकार के ह्रदयरोगों में लाभ होता है । इससे मस्तिष्क को पोषण मिलता है एवं रक्त की वृद्धि भी होती हैं ।*
*- 📖 ऋषि प्रसाद – फरवरी २०१५ से*
        

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

03 Feb, 14:20


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 04 फरवरी 2025*
*दिन - मंगलवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - सप्तमी रात्रि 02:30 फरवरी 05 तक तत्पश्चात अष्टमी*
*नक्षत्र - अश्विनी रात्रि 09:49 तक, तत्पश्चात भरणी*
*योग - शुभ रात्रि 12:06 फरवरी 05 तक, तत्पश्चात शुक्ल*
*राहु काल - दोपहर 03:42 से शाम 05:05 तक*
*सूर्योदय - 07:21*
*सूर्यास्त - 06:25*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:36 से 06:27 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:16 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 05 से रात्रि 01:19 फरवरी 05 तक*
*व्रत पर्व विवरण - रथ सप्तमी, नर्मदा जयंती, विश्व कैंसर दिवस, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग (प्रातः 07:18 से रात्रि 09:49 तक)*
*विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है व शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹शात्रों में वर्णित गौ-महिमा🔹*

*🔸जो प्रतिदिन स्नान करके गौ का स्पर्श करता है, वह मनुष्य सब प्रकार के स्थूल पापों से भी मुक्त हो जाता है । जो गौओं के खुर से उडी हुई धूल को सिर पर धारण करता है, वह मानो तीर्थ के जल में स्नान कर लेता है और सभी पापों से छुटकारा पा जाता है । (पद्म पुराण, सृष्टि खंड, अध्याय:५७)*

*🔸गौ का स्पर्श करने, सात्त्विक-सदाचारी ब्राह्मण को नमस्कार करने और सद्गुरु, देवता का भलीभाँति पूजन करने से गृहस्थ सारे पापों से छुट जाते हैं । (स्कंद पुराण, प्रभास खंड)*

*🔸गंडस्पर्श कर लेने मात्र से ही गौएँ मनुष्य के समस्त पापों को नष्ट कर देती हैं और आदरपूर्वक सेवन किये जाने पर अपार सम्पत्ति प्रदान करती हैं । वे ही गायें दान दिये जाने पर सीधे स्वर्ग ले जाती हैं । ऐसी गौओं के समान और कोई भी धन नहीं हैं । (बृहत्पराशर स्मृति)*

*🔸जो प्यास से व्याकुल हुई गौओं को पानी पीने से विघ्न डालता है, उसे ब्रह्मघाती समझना चाहिए । (महाभारत, अनुशासन पर्व : २४.७ )*

*🔸जो एक वर्ष तक प्रतिदिन स्वयं भोजन के पहले दुसरे की गाय को एक मुट्ठी घास खिलाता है, उसका वह व्रत समस्त कामनाओं को पूर्ण करनेवाला होता है । (महाभारत, अनुशासन पर्व : ६९.१२)*

*🔸प्रतिपदा का चन्द्र-दर्शन केवल गाय ही कर पाती है । यमदूतों व प्रेतत्माओं को देख लेने में गाय सक्षम है । उनके दिखने पर वह विशिष्ट प्रकार की आवाज निकालने लगती है । गाय रँभाने की तरंगे जहाँ तक पहुँचती हैं वहाँ तक आसुरी शक्तियों का प्रभाव नष्ट हो जाता है ।*

*लोक कल्याण सेतु -  अक्टूबर २०१९ से*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

02 Feb, 16:03


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 03 फरवरी 2025*
*दिन - सोमवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - पञ्चमी प्रातः 06:52 तक तत्पश्चात षष्ठी प्रातः 04:37 फरवरी 04 तक, तत्पश्चात सप्तमी*
*नक्षत्र - रेवती रात्रि 11:16 तक, तत्पश्चात अश्विनी*
*योग - साध्य रात्रि 03:03 फरवरी 04 तक, तत्पश्चात शुभ*
*राहु काल - प्रातः 08:42 से प्रातः 10:06 तक*
*सूर्योदय - 07:22*
*सूर्यास्त - 06:24*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:36 से 06:27 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:16 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 04 से रात्रि 01:19 फरवरी 04 तक*
*व्रत पर्व विवरण - स्कन्द षष्ठी*
*विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह मे डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹यज्ञ के समय ध्यान रखने योग्य बातें🔹*

*🔸यज्ञ करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है :*

*१] याजक को यज्ञ करते समय सिले हुए चुस्त कपड़े नहीं पहनने चाहिए, खुले कपड़े पहनने चाहिए ताकि यज्ञ का जो वातावरण या सात्त्विक धुआँ है वह रोमकूपों पर सीधा असर करे ।*

*२] अग्नि की ज्वाला सीधी आकाश की तरफ जाती है अत: यज्ञमंडप के ऊपर छप्पर होना चाहिए ताकि यज्ञ की सामग्री का जो प्रभाव है वह सीधा ऊपर न जाय, आसपास में फैले ।*

*३] यज्ञ में जो वस्तुएँ डाली जाती हैं उनके लाभकारी रासायनिक प्रभाव को उत्पन्न करने में जो लकड़ी मदद करती है वैसी ही लकड़ी होनी चाहिए । इसलिए कहा गया है : ‘अमुक यज्ञ में पीपल की लकड़ी हो.... अमुक यज्ञ में आम की लकड़ी हो....’ ताकि लकड़ियों का एवं यज्ञ की वस्तुओं का रासायनिक प्रभाव वातावरण पर पड़े ।*

*लोक कल्याण सेतु – दिसम्बर २०१९ से*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

01 Feb, 14:36


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 02 फरवरी 2025*
*दिन - रविवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - चतुर्थी प्रातः 09:14 तक तत्पश्चात पञ्चमी*
*नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद रात्रि 12:52 फरवरी 03 तक, तत्पश्चात रेवती*
*योग - शिव प्रातः 09:14 तक, तत्पश्चात सिद्ध*
*राहु काल - शाम 05:04 से शाम 06:28 तक*
*सूर्योदय - 07:22*
*सूर्यास्त - 06:23*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:36 से 06:28 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:16 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 03 से रात्रि 01:19 फरवरी 03 तक*
*व्रत पर्व विवरण - वसन्त पञ्चमी, रवि योग, सर्वार्थसिद्धि योग (प्रातः 07:19 से प्रातः 07:19 फरवरी 03 तक)*
*विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है व पञ्चमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹स्वप्न में देशी गौवंश व गौ-उत्पादों के दर्शन से शुभ फल🔹*

*🔸स्वप्न में गौओं, उनसे प्राप्त दूध, दही आदि गव्यों तथा प्रसंगों, क्रियाओं के दर्शन से नीचे दिये अनुसार विभिन्न फल प्राप्त होते हैं ।*

*🔸१] साँड अथवा गौ-दर्शन से कल्याण-लाभ, व्याधि-नाश, कुटुम्ब-वृद्धि होती है । सभी काली वस्तुओं का दर्शन निंद्ध माना जाता है जबकि काली गाय का दर्शन शुभ होता है । गौ के थन को चूसना भी श्रेष्ठ माना गया है ।*

*🔸२] गौ का घर में ब्याना, बैल या साँड की सवारी करना, तालाब के बीच में घी-मिश्रित खीर का भोजन उत्तम माना गया है । घी सहित खर का भोजन तो राज्यप्राप्ति का सूचक माना गया है ।*

*🔸३] स्वप्न में ताजे दुहे हुए फेनसहित दुग्ध का पान करनेवाले को अनेक भोगों की तथा दही के दर्शन से प्रसन्नता की प्राप्ति होती है ।*

*🔸४] जो बैल अथवा साँड से युक्त रथ पर अकेला सवार होता है और उसी अवस्था में जाग जाता है उसे शीघ्र धन मिलता है ।*

*🔸५] घी मिलने या दही खाने से यश की तथा दही मिलने से धन की प्राप्ति निश्चित है | इसी प्रकार यात्रा आरम्भ करते समय दही और दूध का दिखना शुभ शकुन माना गया है ।*

*🔸६] दही-भात खाने से कार्यसिद्धि होती है तथा बैल पर चढ़ने से धन-लाभ होता है एवं व्याधि से छुटकारा मिलता है ।*

*🔸स्वप्न में उपरोक्त अनुसार देशी गोवंश व गाय के दूध-दही आदि के दर्शनमात्र से यदि इतना फल मिल सकता है तो प्रत्यक्ष देशी गाय के दर्शन व सेवा से कितना महान फल मिलता होगा, आप सोच सकते हैं लेकिन जो भी सोचेंगे फल उससे कई-कई गुना अधिक ही होगा ।*

*लोक कल्याण सेतु – मार्च  २०१८से*

*🔹 रविवार विशेष🔹*

*🔸 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*🔸 रविवार के दिन आँवला, मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*

*🔸 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*

*🔸 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*

*🔸 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*

*🔸 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना एवं पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

31 Jan, 14:43


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 01 फरवरी 2025*
*दिन - शनिवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - तृतीया सुबह 11:38 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
*नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद रात्रि 02:33 फरवरी 02 तक, तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद*
*योग - परिघ दोपहर 12:25 तक, तत्पश्चात शिव*
*राहु काल - प्रातः 10:06 से प्रातः 11:30 तक*
*सूर्योदय - 07:24*
*सूर्यास्त - 06:21*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:36 से 06:28 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:16 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:27 फरवरी 02 से रात्रि 01:10 फरवरी 02 तक*
*व्रत पर्व विवरण - गणेश जयंती, विनायक चतुर्थी*
*विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है व चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹तिल के औषधीय प्रयोग🔹*

*🔸काले तिल चबाकर खाने व शीतल जल पीने से शरीर की पर्याप्त पुष्टि हो जाती है। दाँत मृत्युपर्यन्त दृढ़ बने रहते हैं।*

*🔸एक भाग सोंठ चूर्ण में दस भाग तिल का चूर्ण मिलाकर 5 से 10 ग्राम मिश्रण सुबह शाम लेने से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है।*

*🔸तिल का तेल पीने से अति स्थूल (मोटे) व्यक्तियों का वजन घटने लगता है व कृश (पतले) व्यक्तियों का वजन बढ़ने लगता है। यह कार्य तेल के द्वारा सप्तधातुओं के प्राकृत निर्माण से होता है।*

*🔹तैलपान विधिः सुबह 20 से 50 मि.ली. गुनगुना तेल पीकर,गुनगुना पानी पियें। बाद में जब तक खुलकर भूख न लगे तब तक कुछ न खायें।*

*🔸अत्यन्त प्यास लगती हो तो तिल की खली को सिरके में पीसकर समग्र शरीर पर लेप करें।*

*🔸वार्धक्यजन्य हड्डियों की कमजोरी  उससे होने वाले दर्द में दर्दवाले स्थान पर 15 मिनट तक तिल के तेल की धारा करें।*

*🔸पैर में फटने या सूई चुभने जैसी पीड़ा हो तो तिल के तेल से मालिश कर रात को गर्म पानी से सेंक करें।*

*🔸पेट मे वायु के कारण दर्द हो रहा हो तो तिल को पीसकर, गोला बनाकर पेट पर घुमायें।*

*🔹वातजनित रोगों में तिल में पुराना गुड़ मिलाकर खायें।**

*🔸एक भाग गोखरू चूर्ण में दस भाग तिल का चूर्ण मिलाके 5 से 10 ग्राम मिश्रण बकरी के दूध में उबाल कर, मिश्री मिला के पीने से षढंता∕नपुंसकता (Impotency) नष्ट होती है।*

*🔸काले तिल के चूर्ण में मक्खन मिलाकर खाने से रक्तार्श (खूनी बवासीर) नष्ट हो जाती है।*

*🔹तिल की मात्राः 10 से 25 ग्राम ।*

*🔹विशेषः देश, काल, ऋतु, प्रकृति, आयु आदि के अनुसार मात्रा बदलती है। उष्ण प्रकृति के व्यक्ति, गर्भिणी स्त्रियाँ तिल का सेवन अल्प मात्रा में करें। अधिक मासिक-स्राव में तिल न खायें।*

*स्रोतः ऋषि प्रसाद, जनवरी 2011*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

30 Jan, 14:17


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 31 जनवरी 2025*
*दिन - शुक्रवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - द्वितीया दोपहर 01:59 तक तत्पश्चात तृतीया*
*नक्षत्र - शतभिषा प्रातः 04:14 फरवरी 01 तक, तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद*
*योग - वरियान दोपहर 03:33 तक, तत्पश्चात परिघ*
*राहु काल - प्रातः 11:30 से दोपहर 12:53 तक*
*सूर्योदय - 07:24*
*सूर्यास्त - 06:21*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:28 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:15 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:27 फरवरी 01 से रात्रि 01:19 फरवरी 01 तक*
*विशेष - द्वितीया को बृहती (कटहरी, छोटा बैंगन) खाना निषिद्ध है व तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
    
*🔹घर में बरकत व समृद्धि के अचूक उपाय🔹*

*🔸घर की साफ-सफाई सुबह करनी चाहिए । रात को घर में झाडू लगाने से लक्ष्मी की बरकत क्षीण हो जाती है । इसलिए गृहस्थियों को रात्रि को झाड़ू नहीं लगानी चाहिए ।*

*🔸भोजन में से गाय, पक्षियों, जीव-जंतुओं का थोड़ा हिस्सा रखनेवाले के धन-धान्य में बरकत रहती है ।*

*🔸घर से निकलें खा के बाहर मिले पका के कभी यात्रा में जायें या किसीसे मिलने जायें तो भूखे या निराहार होकर नहीं मिलें । कुछ खा-पीकर जायें, तृप्त हो के जायें तो मिलने पर भाव में तृप्ति आयेगी ।*

*🔸कहीं यात्रा में जाने में घर से विदाई के समय थोड़ा-सा दही या मट्ठा लेना गृहस्थियों के लिए शुभ माना जाता है ।*
*📖 ऋषि प्रसाद - जनवरी 2017*

🔹 *अंत्येष्टि संस्कार क्यों ?*🔹
*🔸देहत्याग के समय क्या करें और क्यों ?🔸*

*🔸व्यक्ति अंतिम श्वास ले रहा होता है तो उस आतुर काल में भूमि को गाय के गोबर से लेपन करके शुद्ध करें और जल-रेखा से मंडल (घेरा) बनायें । फिर उस भूमि पर दक्षिणाग्र कुश (नुकीला अग्रभाग दक्षिण की ओर किये हुए कुश) तथा तिल को बिछा दें ।*

*🔸मरणासन्न व्यक्ति को उस पर उत्तर या पूर्व दिशा की ओर सिर करके सीधा लिटा दें ।*

*🔸सिर पर तुलसी का पत्ता रखें । उस व्यक्ति के मुँह में बीच-बीच में तुलसी दल डला हुआ गंगाजल डालते रहें । ऐसा करने से वह पापमुक्त हो जाता है ।*

*🔸घी का दीपक जला दें । मरणासन्न व्यक्ति के दोनों हाथों में कुशा रखें । 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जप करें ।*

*🔸मरणासन्न व्यक्ति से उसकी सद्गति के लिए तिल, नमक, गाय आदि का दान करा दें । आतुर काल में लवण (नमक) दान करने से जीव की दुर्गति नहीं होती ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

29 Jan, 14:16


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 30 जनवरी 2025*
*दिन - गुरुवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - प्रतिपदा शाम 04:10 तक तत्पश्चात द्वितीया*
*नक्षत्र - श्रवण प्रातः 07:15 तक तत्पश्चात धनिष्ठा प्रातः 05:50 जनवरी 31 तक, तत्पश्चात शतभिषा*
*योग - व्यतीपात शाम 06:33 तक, तत्पश्चात वरियान*
*राहु काल - दोपहर 02:16 से दोपहर 03:40 तक*
*सूर्योदय - 07:24*
*सूर्यास्त - 06:21*
*दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:28 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:15 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:27 जनवरी 31 से रात्रि 01:19 जनवरी 31 तक*
*व्रत पर्व विवरण - गाँधीजी पुण्यतिथि, माघी गुप्त नवरात्रि आरम्भ, व्यतीपात योग (सूर्योदय से शाम 06:33 तक)*
*विशेष - प्रतिपदा को कुष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाएं क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹सबके लिए क्यों जरूरी है सूर्यस्नान ?🔹*

*🔸सूर्य की किरणों में जो रोगप्रतिकारक शक्ति है, रोगनाशिनी शक्ति है वह दुनिया की सब औषधियों को मिलाकर भी नहीं मिलती है ।*

*🔸डॉक्टर सोले कहते हैं : "सूर्य में जितनी रोगनाशक शक्ति है उतनी संसार के अन्य किसी पदार्थ में नहीं है ।*

*🔸 कैंसर, नासूर, भगंदर आदि दुःसाध्य रोग, जो बिजली या रेडियम के प्रयोग से भी ठीक नहीं किये जा सकते, वे सूर्य-रश्मियों के प्रयोग से ठीक होते हुए मैंने देखे हैं ।"*

*🔸जो माइयाँ सूर्यकिरणों से अपने को बचाये रखती हैं उनके जीवन में ज्यादा बीमारियाँ देखी जा सकती हैं । इसलिए रोज सुबह सिर को कपड़े से ढककर ८ मिनट सूर्य की ओर मुख व १० मिनट पीठ करके बैठना चाहिए । ऐसा सूर्यस्नान लेटकर करें तो और अच्छा ।*

*🔸डॉक्टर होनर्ग ने लिखा है: 'रक्त का पीलापन, पतलापन, लोह (हीमोग्लोबिन) की कमी, नसों की दुर्बलता, कमजोरी, थकान, पेशियों की शिथिलता आदि बीमारियों का सूर्य किरण की मदद से इलाज करना लाजवाब है ।'*
*लोक कल्याण सेतु दिसम्बर 2023*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

28 Jan, 18:06


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 29 जनवरी 2025*
*दिन - बुधवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - अमावस्या शाम 06:05 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा प्रातः 08:20 तक तत्पश्चात श्रवण*
*योग - सिद्धि रात्रि 09:22 तक, तत्पश्चात व्यतीपात*
*राहु काल - दोपहर 12:53 से दोपहर 02:16 तक*
*सूर्योदय - 07:20*
*सूर्यास्त - 06:25*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:29 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:27 जनवरी 30 से रात्रि 01:19 जनवरी 30 तक*
*व्रत पर्व विवरण - दर्श अमावस्या*
*विशेष - अमावस्या को स्त्री सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए🔹*

*🔸घर में हर अमावस्या अथवा हर १५ दिन में पानी में खड़ा नमक (१ लीटर पानी में ५० ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं ।*
*पूज्य बापूजी - रजोकरी, ३० नवम्बर २०१०*

*🔹अमावस्या विशेष🔹*

*🔸1. जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महीने भर का किया हुआ पुण्य दूसरे को (अन्नदाता को) मिल जाता है ।*
*(स्कंद पुराण, प्रभास खं. 207.11.13)*

*🔸2. अमावस्या के दिन पेड़-पौधों से फूल-पत्ते, तिनके आदि नहीं तोड़ने चाहिए, इससे ब्रह्महत्या का पाप लगता है ! (विष्णु पुराण)*

*🔸4. अमावस्या के दिन खेती का काम न करें, न मजदूर से करवाएं ।*

*🔸5. अमावस्या के दिन श्रीमद्भगवद्गीता का सातवाँ अध्याय पढ़ें और उस पाठ का पुण्य अपने पितरों को अर्पण करें । सूर्य को अर्घ्य दें और प्रार्थना करें । आज जो मैंने पाठ किया मेरे घर में जो गुजर गए हैं, उनको उसका पुण्य मिल जाए । इससे उनका आर्शीवाद हमें मिलेगा और घर में सुख-सम्पत्ति बढ़ेगी ।*

*🔹गरीबी भगाने का शास्त्रीय उपाय🔹*

*🔸गरीबी है, बरकत नहीं है, बेरोजगारी ने गला घोंटा है तो फिक्र न करो । हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें ।*

*🔸सामग्री : १. काले तिल २. जौ ३. चावल ४. गाय का घी ५. चंदन पाउडर ६. गूगल ७. गुड़ ८. देशी कपूर एवं गौ चंदन या कण्डा ।*

*🔹विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवन कुण्ड बना लें, फिर उपरोक्त ८ वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये मंत्रों से ५ आहुति दें ।*
*आहुति मंत्र*
*🔸 १. ॐ कुल देवताभ्यो नमः*
*🔸 २. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः*
*🔸 ३. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः*
*🔸 ४. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः*
*🔸 ५. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः*

*🔸इस प्रयोग से थोड़े ही दिनों में स्वास्थ्य, समृद्धि और मन की प्रसन्नता दिखायी देगी ।*  

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

27 Jan, 13:12


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 28 जनवरी 2025*
*दिन - मंगलवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - चतुर्दशी शाम 07:35 तक तत्पश्चात अमावस्या*
*नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा प्रातः 08:58 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा*
*योग - वज्र रात्रि 11:52 तक, तत्पश्चात सिद्धि*
*राहु काल - दोपहर 03:39 से शाम 05:02 तक*
*सूर्योदय - 07:24*
*सूर्यास्त - 06:20*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:29 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:15 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:27 जनवरी 29 से रात्रि 01:18 जनवरी 29 तक*
*विशेष - चतुर्दशी को स्त्री सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹दंडवत प्रणाम का महत्व🔹*

*🔸ईश्वर की भक्ति के लिए अपने भीतर के सभी नकारात्मक तत्वों को हमें त्यागना पड़ता है और खुद को ईश्वर के चरणों में समर्पित करना होता है । ऐसा हम तभी कर सकते हैं जब हमारे भीतर मौजूद अभिमान हमारे अंतर्मन से निकल जाए । इसलिए शष्टांग प्रणाम के बढ़ावा दिया गया है ।*

*🔹दंडवत प्रणाम कैसे करते हैं ?🔹*

*🔸अपने शरीर को दंडवत मुद्रा में लाते हुए सिर, हाथ, पैर, जाँघे, मन, ह्रदय, नेत्र और वचन को मिलकर लेट कर प्रणाम करें। अष्ट अंगों में दोनों पाँव, दोनों घुटने, छाती, ठुण्डी और दोनों हथेलियाँ शामिल हैं । इस प्रकार के प्रणाम को हम ‘दण्डवत प्रणाम’ इसलिए भी कहते हैं ।*

*🔹अष्टांग दंडवत नमस्कार करने से लाभ🔹*

*👉 1. दंडवत प्रणाम करने से व्यक्ति जीवन के असली अर्थ को समझ पाता है और आगे की दिशा में बढ़ पाता है ।*

*👉 2. व्यक्ति के भीतर समान भाव की प्रवृत्ति जागृत होती है और अभिमान खत्म हो जाता है ।*

*👉 3. दंडवत प्रणाम करने से अहम नष्ट होता है, ईश्वर के निकट पहुंचने का रास्ता है दंडवत प्रणाम ।*

*👉 4. मन में दया और विनम्रता जैसे भाव पनपने लगते हैं ।*

*👉 5. आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायक है अष्टाङ्ग नमस्कार ।*

*👉 6. मसल्स के स्टिम्युलेशन और एक्टिव प्रयोग से पीठ मजबूत होने लगती है ।*

*👉 7. व्यक्ति अपने शरीर में ऊर्जा महसूस करने लगता है ।*

*👉 8. पाचन क्रिया में संतुलन बनाये रखने में लाभकारी है ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

26 Jan, 17:41


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 27 जनवरी 2025*
*दिन - सोमवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - त्रयोदशी रात्रि 08:34 तक तत्पश्चात चतुर्दशी*
*नक्षत्र - मूल प्रातः 09:02 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा*
*योग - हर्षण रात्रि 01:57 जनवरी 28 तक, तत्पश्चात वज्र*
*राहु काल - प्रातः 08:44 से प्रातः 10:07 तक*
*सूर्योदय - 07:25*
*सूर्यास्त - 06:19*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:29 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:30 से दोपहर 01:15 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:27 जनवरी 28 से रात्रि 01:18 जनवरी 28 तक*
*व्रत पर्व विवरण - मेरु त्रयोदशी, मासिक शिवरात्रि*
*विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*


*🔹सर्दियों में पुष्टिदायी बलप्रद मेथी🔹*

*🔸मेथी को ताजा, सुखकर या इसके बीजों को अकुंरित करके उपयोग में लाया जाता हैं । इसका पाक सर्दियों में बल तथा पुष्टि वर्धक होता है ।*

*🔸मेथी की भाजी कडवी, गर्म, पित्तवर्धक, हल्की, रक्तशुद्धिकर, मल-मूत्र साफ़ लानेवाली, ह्रदय के लिए बलप्रद, अफरा, उदर-विकार, संधिवात, शारीरिक दर्द तथा वायुदोष में अत्यंत हितकर हैं । यह माता के दूध को बढ़ाती है ।*

*🔸प्रमेह में रोज १-२ चम्मच मेथी-दाने पानी में भिगोकर सब्जी बनाकर या मेथी-दाने का चूर्ण पानी के साथ लेने से लाभ होता है । मेथी के पत्तों की सब्जी भी लाभदायी है ।*

*🔸पाचन-तंत्र की कमजोरी तथा शौचसबंधी तकलीफों में चौथाई कप मेथी के पत्तों के रस में १ चम्मच शहद मिलाकर लेने से अत्यधिक लाभ होता है ।*

*🔸मेथी के पत्तों का रस बालों में लगाने से रुसी व बालों का झड़ना कम होता है, बाल काले व मुलायम बनते हैं । साबुन का उपयोग न करें । उसके नियमित सेवन से महिलाओं में खून की कमी नहीं होती ।*

*🔹सावधानी : पित्त-प्रकोप, अम्लपित्त, दाह में मेथी न खायें ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

25 Jan, 13:37


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 26 जनवरी 2025*
*दिन - रविवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - द्वादशी रात्रि 08:54 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
*नक्षत्र - ज्येष्ठा प्रातः 08:26 तक तत्पश्चात मूल*
*योग - व्याघात प्रातः 03:34 जनवरी 27 तक, तत्पश्चात हर्षण*
*राहु काल - शाम 05:01 से शाम 06:23 तक*
*सूर्योदय - 07:25*
*सूर्यास्त - 06:19*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:29 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:30 से दोपहर 01:14 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:26 जनवरी 27 से रात्रि 01:18 जनवरी 27 तक*
*व्रत पर्व विवरण - गणतंत्र दिवस, सर्वार्थसिद्धि योग (प्रातः 08:26 से प्रातः 07:21 जनवरी 27 तक)*
*विशेष - द्वादशी को पूतिका (पाई) खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹 सर्दियों में गोमूत्र-सेवन 🔹*

*🔸 शरीर की पुष्टि के साथ शुद्धि भी आवश्यक है । गोमूत्र शरीर के सूक्ष्म-अतिसूक्ष्म स्रोतों में स्थित विकृत दोष व मल को मल-मूत्रादि के द्वारा बाहर निकाल देता है । इसमें स्थित कार्बोलिक एसिड कीटाणुओं व हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करता है । इससे रोगों का समूल उच्चाटन करने में सहायता मिलती है । गोमूत्र में निहित स्वर्णक्षार रसायन का कार्य करते हैं । अतः गोमूत्र के द्वारा शरीर की शुद्धि व पुष्टि दोनों कार्य पूर्ण होते हैं ।*

*🔸 कफ के रोग (जैसे सर्दी खांसी आदि)वायु के रोग, पेट के रोग, गैस, अग्निमान्ध, गठिया, घुटने का दर्द, पीलिया लीवर के  रोग, प्लीहा के रोग, बहुमूत्रता, शोथ, जोड़ों का दर्द, बच्चों के रोग, कान के रोग, सर में रुसी, सिरदर्द आदि में उपयोगी ।*

*🔹सेवन विधिः🔹*

*🔸 प्रातः 25 से 40 मि.ली. (बच्चों को 10-15 मि.ली.) गोमूत्र कपड़े से सात बार छानकर पियें । इसके बाद 2-3 घंटे तक कुछ न लें । ताम्रवर्णी गाय अथवा बछड़ी के मूत्र सर्वोत्तम माना गया है ।*

*🔹विशेष : सुबह गोमूत्र में 10-15 मि.ली. गिलोय का रस (अथवा 2-3 ग्राम चूर्ण) मिलाकर पीना उत्कृष्ट रसायन है ।*

*🔸ताजा गोमूत्र न मिलने पर गोझरण अर्क का प्रयोग करें । 10-20 मि.ली. (बच्चों को 5-10 मि.ली.) गोझरण अर्क पानी में मिलाकर लें ।*

*(गोझरण अर्क सभी संत श्री आशारामजी बापू आश्रमों व समितियों के सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध है ।)  - 📖 ऋषि प्रसाद दिसम्बर 2012*

*🔹 रविवार विशेष🔹*

*🔸 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*🔸 रविवार के दिन आँवला, मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*

*🔸 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*

*🔸 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*

*🔸 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*

*🔸 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना एवं पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

24 Jan, 15:55


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 25 जनवरी 2025*
*दिन - शनिवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - एकादशी रात्रि 08:31 तक तत्पश्चात द्वादशी*
*नक्षत्र - ज्येष्ठा पूर्ण रात्रि तक*
*योग - ध्रुव प्रातः 04:38 जनवरी 26 तक, तत्पश्चात व्याघात*
*राहु काल - सुबह 10:07 से सुबह 11:30 तक*
*सूर्योदय - 07:25*
*सूर्यास्त - 06:18*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:30 से दोपहर 01:14 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:26 जनवरी 26 से रात्रि 01:18 जनवरी 26 तक*
*व्रत पर्व विवरण - षट्तिला एकादशी*
*विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔸एकादशी व्रत के लाभ🔸*

*👉 एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*

*👉 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*

*👉 जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*

*👉 एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*

*👉 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*

*👉 कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

23 Jan, 13:16


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 24 जनवरी 2025*
*दिन - शुक्रवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - दशमी शाम 07:25 तक तत्पश्चात एकादशी*
*नक्षत्र - अनुराधा प्रातः 07:07 जनवरी 25 तक, तत्पश्चात ज्येष्ठा*
*योग - वृद्धि प्रातः 05:09 जनवरी 25 तक, तत्पश्चात ध्रुव*
*राहु काल - सुबह 11:29 से दोपहर 12:52 तक*
*सूर्योदय - 07:25*
*सूर्यास्त - 06:17*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:30 से दोपहर 01:14 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:26 जनवरी 25 से रात्रि 01:18 जनवरी 25 तक*
*व्रत पर्व विवरण - सर्वार्थसिद्धि योग (प्रातः 07:22 से प्रातः 07:07 जनवरी 25 तक)*
*विशेष - दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹धन-लाभ के साथ पायें पुण्यलाभ व आरोग्य🔹*

*🔸व्यवसाय में लाभ नहीं हो रहा हो तो शुक्रवार के दिन शाम की संध्या के समय तुलसी के पौधे के पास देशी गाय के घी या तिल के तेल का दीपक जलायें । परब्रह्म-प्रकाशस्वरूपा दीपज्योति को नमस्कार करें और निम्न मंत्रों का उच्चारण करें :*

*दीपज्योतिः परब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः ।*
*दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तु ते ॥*
*शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखसम्पदाम् ।* *शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योतिर्नमोऽस्तु ते ॥*

*🔸इससे धन-लाभ होता है, साथ ही पापों का नाश होता है । शत्रु का विनाश होकर शत्रुओं की वृद्धि रुकती है तथा आयु-आरोग्य की प्राप्ति होती है ।*
*ऋषिप्रसाद - जून 2023*

*🔹शास्त्रों में वृक्षारोपण की महत्ता🔹*

*👉 पद्म पुराण में पुलस्त्यजी भीष्मजी से कहते हैं कि "वृक्ष पुत्रहीन पुरुष को पुत्रवान होने का फल देते हैं । इतना ही नहीं, वे अधिदेवतारूप से तीर्थों में जाकर वृक्ष लगानेवालों को पिंड भी देते हैं ।*

*👉 अतः भीष्म ! तुम यत्नपूर्वक पीपल के वृक्ष लगाओ । वह अकेला ही तुम्हें एक हजार पुत्रों का फल देगा।*

*👉 पीपल का पेड़ लगाने से मनुष्य निरोग व धनी होता है ।*

*👉 पलाश से ब्रहातेज, खैर से आरोग्य व नीम से आयु की प्राप्ति होती है ।*

*👉 नीम लगानेवालों पर भगवान सूर्य प्रसन्न होते हैं ।*

*👉 चंदन और कटहल के वृक्ष क्रमशः पुण्य और लक्ष्मी देनेवाले हैं ।*

*👉 चम्पा सौभाग्य-प्रदायक है । इसी प्रकार अन्यान्य वृक्ष भी यथायोग्य फल प्रदान करते हैं ।*

*👉 जो लोग वृक्ष लगाते हैं उन्हें (परलोक में) प्रतिष्ठा प्राप्त होती है और जो वृक्ष व गोचर भूमि का उच्छेद करते हैं उनकी २१ पीढ़ियाँ रौरव नरक में पकायी जाती हैं ।"*

*👉 'भविष्य पुराण में आता है कि 'जो व्यक्ति छाया, फूल और फल देनेवाले वृक्षों का रोपण करता है या मार्ग में तथा देवालय में वृक्षों को लगाता हैं वह अपने पितरों को बड़े-बड़े पापों से तारता है और रोपणकर्ता इस मनुष्यलोक में महती कीर्ति तथा शुभ परिणाम को प्राप्त करता है तथा पूर्वकालीन और भावी पितरों को स्वर्ग में जाकर भी तारता ही रहता है ।*

*👉 विधिपूर्वक वृक्षों का रोपण करने से स्वर्ग-सुख प्राप्त होता है और रोपणकर्ता के तीन जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं ।*

*👉 वृक्ष के आरोपण में वैशाख मास श्रेष्ठ एवं ज्येष्ठ अशुभ है। आषाढ, श्रावण तथा भाद्रपद ये भी श्रेष्ठ हैं ।'*

*👉 अग्नि पुराण में आता है कि 'दक्षिण में गूलर और पश्चिम में पीपल का वृक्ष उत्तम माना जाता है । लगाये हुए वृक्षों को ग्रीष्मकाल में प्रातः-सायं, शीत ऋतु में मध्याह्न के समय तथा वर्षाकाल में भूमि के सूख जाने पर सींचना चाहिए ।'*

*🔸अतः ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या का हल करना हो, पर्यावरण की सुरक्षा करनी हो, अपना इहलोक व परलोक सँवारना हो, आर्थिक लाभ पाना हो... किसी भी दृष्टि से देखा जाय तो वृक्षों का रोपण, संरक्षण-संवर्धन जरूरी है और हर व्यक्ति का कर्तव्य है ।*

*🔸अपने जन्मदिवस या अन्य किसी शुभ अवसर पर कम-से-कम १ वृक्ष लगाने का अवश्य संकल्प करें और दूसरों को वृक्ष लगाने के लिए प्रेरित भी करें ।*
*-ऋषि प्रसाद दिसम्बर 2023*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

22 Jan, 16:22


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 23 जनवरी 2025*
*दिन - गुरुवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - नवमी शाम 05:37 तक तत्पश्चात दशमी*
*नक्षत्र - विशाखा प्रातः 05:08 जनवरी 24 तक, तत्पश्चात अनुराधा*
*योग - गण्ड प्रातः 05:07 जनवरी 24 तक, तत्पश्चात वृद्धि*
*राहु काल - दोपहर 02:14 से दोपहर 03:36 तक*
*सूर्योदय - 07:26*
*सूर्यास्त - 06:16*
*दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:30 से दोपहर 01:14 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:26 जनवरी 24 से रात्रि 01:18 जनवरी 24 तक*
*व्रत पर्व विवरण - सुभाषचन्द्र बोस जयंती*
*विशेष - नवमी को लौकी खाना गौमाँस के समान त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹गुरुवार विशेष 🔹*

*🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।*

*🔸गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :*

*🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।*
 
*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*

*🌹 फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।*

*( लोक कल्याण सेतु , अंक - ११६ )*

*🔸गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।*

*🔸गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चल जायेगा ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

21 Jan, 14:51


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 22 जनवरी 2025*
*दिन - बुधवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - अष्टमी दोपहर 03:18 तक तत्पश्चात नवमी*
*नक्षत्र - स्वाति रात्रि 02:24 जनवरी 23 तक, तत्पश्चात विशाखा*
*योग - शूल प्रातः 04:38 जनवरी 23 तक, तत्पश्चात गण्ड*
*राहु काल - दोपहर 12:51 से दोपहर 02:14 तक*
*सूर्योदय - 07:26*
*सूर्यास्त - 06:16*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 जनवरी 23 से रात्रि 01:17 जनवरी 23 तक*
*व्रत पर्व विवरण - बुधवारी अष्टमी (सूर्योदय से दोपहर 03:18 तक)*
*विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है व नवमी को लौकी खाना गौमाँस के समान त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹घर में सुख-सम्पदा व बरकत का अचूक उपाय🔹*

*🔸सुबह जब घर में भोजन बने तो सबसे पहलेवाली रोटी अन्य रोटियों से थोड़ी बड़ी बनायें और इसे अलग निकाल लें । इस रोटी के चार बराबर टुकड़े कर लें और इन चारों पर कुछ मीठा जैसे – खीर, गुड़ या शक्कर रख दें ।*

*👉 सबसे पहले एक टुकड़ा गाय को खिला दें और भगवान से प्रार्थना करें । धर्मग्रंथों के अनुसार गाय में सभी देवताओं का निवास होता है इसलिए सबसे पहले रोटी गाय को ही दी जाती हैं ।*

*👉 फिर दूसरा टुकड़ा कुत्ते को खिला दें । ’शिवपुराण’ के अनुसार ‘कुत्ते को रोटी खिलाते समय बोलना चाहिए कि ‘यमराज के मार्ग का अनुसरण करनेवाले जो श्याम और शबल नाम के दो कुत्ते हैं, मैं उनके लिए यह अन्न का भाग देता हूँ । वे इस भोजन को ग्रहण करें ।’ इस श्वानबलि कहते हैं |’*

*👉 रोटी के तीसरे भाग को कौओं को खिला दें और बोलें : ‘पश्चिम, वायव्य, दक्षिण और नैऋत्य दिशा में रहनेवाले जो पुण्यकर्मा कौए हैं, वे मेरे इस दिये हुए भोजन को ग्रहण करें ।’ इसे काकबलि कहते हैं ।*

*👉 अब रोटी का अंतिम टुकड़ा एवं कुछ अन्न घर पर आये किसी भिक्षु को दे दें ।*

*🔸यह छोटा-सा उपाय रोज करने से आपको औदार्य सुख (उदारता का सुख) मिलेगा और आपकी किस्मत कुछ ही दिनों में बदल जायेगी ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

20 Jan, 18:04


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 21 जनवरी 2025*
*दिन - मंगलवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - सप्तमी दोपहर 12:39 तक तत्पश्चात अष्टमी*
*नक्षत्र - चित्रा रात्रि 11:36 तक तत्पश्चात स्वाति*
*योग - धृति प्रातः 03:50 जनवरी 22 तक, तत्पश्चात शूल*
*राहु काल - दोपहर 03:45 से शाम 04:58 तक*
*सूर्योदय - 07:26*
*सूर्यास्त - 06:15*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:29 से दोपहर 01:13 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 जनवरी 22 से रात्रि 01:17 जनवरी 22 तक*
*व्रत पर्व विवरण - द्विपुष्कर योग (प्रातः 07:22 से दोपहर 12:39तक), कालाष्टमी*
*विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹आलूप्रेमी सावधान ! आलू-सेवन खतरे से खाली नहीं*

*🔸चरक संहिता में आलू को कंदों में सबसे अधिक अहितकर बताया गया है । आधुनिक शोधकर्ता भी आलू की कई हानियाँ बता रहे हैं । हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार 'तले हुए आलू खाने से चिंता व अवसाद (depres sion) के साथ मोटापा, हृदयरोग, मधुमेह (dia- betes) व तंत्रिका तंत्र (nervous system) संबंधी रोगों का खतरा बढ़ता है ।'*

*🔸यू.के. की फूड स्टैंडर्ड्स एजेंसी (FSA) ने भी चेताया है कि अधिक पकाये हुए आलू के सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है । अमेरिकी मीडिया का कहना है कि 'जो लोग हफ्ते में दो या दो से अधिक बार तले हुए आलू खाते हैं उनकी अकाल मृत्यु का खतरा न खानेवालों की अपेक्षा दुगना हो जाता है ।'*

*🔹ऐसे बनाया जा रहा है तेजाबी आलू🔹*

*🔸उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड आदि कई राज्यों से पुराने आलू को नया बनाने की आ रहीं खबरों ने सबको चौंका दिया है । मुनाफाखोर जमीन में गड्ढा बनाकर उसमें पानी भर देते हैं और तेजाब, मिट्टी व गेरुआ रंग मिला देते हैं फिर कोल्ड स्टोर से निकाले पुराने आलू इस मिश्रण में रखते हैं। तेजाब के प्रभाव से पुराने आलू की ऊपरी परत झुलस जाती है और गेरुआ रंग व मिट्टी उन पर चिपक जाती है ।*

*🔸एक तो आलू प्राकृतिक रूप से ही हानिकारक है, ऊपर से इस प्रकार की मिलावट लोगों के स्वास्थ्य की कब्र खोदने का काम कर रही है । स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सावधान करते हुए कहा है कि 'तेजाबी आलू न सिर्फ लीवर को बल्कि शरीर के सभी तंत्रों को नुकसान पहुँचाते हैं ।'*

*🔹सड़े आलुओं का हो रहा है व्यंजनों में उपयोग🔹*

*🔸आलू से बने व्यंजन, जिन्हें लोग बड़े चाव से खाते हैं, उनकी असलियत बड़ी भयानक देखने को मिल रही है । आलुओं थोक विक्रेताओं के यहाँ से २८५ किलो से अधिक सड़े आलू बरामद किये गये, जिन्हें विशेषरूप से शहर के पानीपूरी विक्रेताओं को कम दाम में बेचा जा रहा था । इसके अलावा देश के विभिन्न भागों से चाट पकौड़े के विक्रेताओं, होटलों आदि द्वारा सड़े आलू खरीदने की घटनाएँ भी आये दिन सामने आती रहती हैं । ऐसे में जरा सोचिये कि बर्गर, चिप्स, आलू टिक्की आदि आलू से बने जिन पदार्थों को इन सबसे अनजान लोग बड़े चाव से खाते हैं वे स्वास्थ्य की दृष्टि से कितने घातक !*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

19 Jan, 16:43


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 20 जनवरी 2025*
*दिन - सोमवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - षष्ठी प्रातः 09:58 तक तत्पश्चात सप्तमी*
*नक्षत्र - हस्त रात्रि 08:30 तक तत्पश्चात चित्रा*
*योग - सुकर्मा रात्रि 02:53 जनवरी 21 तक, तत्पश्चात धृति*
*राहु काल - प्रातः 08:45 से प्रातः 10:07 तक*
*सूर्योदय - 07:26*
*सूर्यास्त - 06:14*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:29 से दोपहर 01:13 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 जनवरी 21 से रात्रि 01:17 जनवरी 21 तक*
*विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है व शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

🔹 *गोमांस-सेवन का पर्यावरण व स्वास्थ्य पर घातक प्रभाव🔹*

*🔸गोहत्या के कारण प्राकृतिक आपदाएँ (भूकम्प, बाढ़, अकाल, चक्रवात, सुनामी, महामारी) तो आती हैं, साथ ही गोमांस-भक्षण से पर्यावरण व शरीर- स्वास्थ्य पर भी घातक प्रभाव पड़ता है ।*

*🔸'यूनाइटेड नेशन्स एनवायरनमेंट प्रोग्राम' (UNEP) ने कहा कि 'ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के मामले में एक किलो गोमांस-सेवन १६० कि.मी. तक किसी मोटरवाहन का इस्तेमाल करने के बराबर है ।' अनुसंधानों से पता चला है कि गोमांस खाने से 'मैड काऊ डिसीज' जैसी महाव्याधियाँ होती हैं । इतना ही नहीं, मस्तिष्क एवं चेतातंत्र में कम्पन पैदा होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप अनेक मानसिक रोग शोध एवं विकृतियाँ पैदा होती हैं ।*

*🔹 सोमवार विशेष 🔹*

*🔸कार्यों में सफलता-प्राप्ति हेतु*

*🔸जो व्यक्ति बार-बार प्रयत्नों के बावजूद सफलता प्राप्त न कर पा रहा हो अथवा सफलता-प्राप्ति के प्रति पूर्णतया निराश हो चुका हो, उसे प्रत्येक सोमवार को पीपल वृक्ष के नीचे सायंकाल के समय एक दीपक जला के उस वृक्ष की ५ परिक्रमा करनी चाहिए । इस प्रयोग को कुछ ही दिनों तक सम्पन्न करनेवाले को उसके कार्यों में धीरे-धीरे सफलता प्राप्त होने लगती है ।*
*ऋषिप्रसाद – जनवरी २०२१ से*

*🔸सोमवार को बाल कटवाने से शिवभक्ति की हानि होती है ।*

*🔸सोमवार को तथा दोपहर के बाद बिल्वपत्र न तोड़ें ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

18 Jan, 14:39


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 19 जनवरी 2025*
*दिन - रविवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - पञ्चमी प्रातः 07:30 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी शाम 05:30 तक तत्पश्चात हस्त*
*योग - अतिगण्ड रात्रि 01:58 जनवरी 20 तक, तत्पश्चात सुकर्मा*
*राहु काल - शाम 04:56 से शाम 06:18 तक*
*सूर्योदय - 07:26*
*सूर्यास्त - 06:12*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:29 से दोपहर 01:12 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 जनवरी 20 से रात्रि 01:17 जनवरी 20 तक*
*व्रत पर्व विवरण - रवि योग, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग ( शाम 05:30 से प्रातः 07:23 जनवरी 20 तक)*
*विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुंह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹 रविवार विशेष🔹*

*🔹 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*🔹 रविवार के दिन आँवला, मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*

*🔹 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*

*🔹 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*

*🔹 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*

*🔹 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना एवं पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*

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Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

17 Jan, 17:55


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 18 जनवरी 2025*
*दिन - शनिवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - पञ्चमी पूर्ण रात्रि तक*
*नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी दोपहर 02:51 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी*
*योग - शोभन रात्रि 01:16 जनवरी 19 तक, तत्पश्चात अतिगण्ड*
*राहु काल - सुबह 10:06 से सुबह 11:28 तक*
*सूर्योदय - 07:23*
*सूर्यास्त - 06:18*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:28 से दोपहर 01:12 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 जनवरी 19 से रात्रि 01:16 जनवरी 19 तक*
*विशेष - पञ्चमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🌹 शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 🌹*

*🌹 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)*

*🌹 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*

*🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹*

*🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*
*📖 ऋषि प्रसाद - मई 2018 से*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

17 Jan, 03:08


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 17 जनवरी 2025*
*दिन - शुक्रवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - चतुर्थी प्रातः 05:30 जनवरी 18 तक, तत्पश्चात पञ्चमी*
*नक्षत्र - मघा दोपहर 12:45 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी*
*योग - सौभाग्य रात्रि 12:57 जनवरी 18 तक तत्पश्चात शोभन*
*राहु काल - सुबह 11:28 से दोपहर 12:50 तक*
*सूर्योदय - 07:26*
*सूर्यास्त - 06:11*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:28 से दोपहर 01:12 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 जनवरी 18 से रात्रि 01:16 जनवरी 18 तक*
*व्रत पर्व विवरण - सकट चौथ, लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी*
*विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹आरोग्यप्रदायक मंत्र 🔹*

*☀️सूर्य मंत्र☀️*

*गर्मी से उत्पन्न शारीरिक रोग, बुद्धि की विकलता ( उन्माद, पागलपन) अथवा दुर्वलता, दृष्टी-रोग, अग्नि-तत्त्व की विषमता, शरीर में जलन आदि हो तो इनके निवारण के लिए सूर्य मंत्र है । किसी भी अमावस्या को ४० बार जप करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है :*

*ॐ नमोऽस्तु दिवाकराय अग्नितत्त्वप्रवर्धकाय शमय शमय शोषय शोषय अग्नितत्त्वं समतां कुरु कुरु ॐ ।।*

*🔸चन्द्र मंत्र🔸*

*शीत से उत्पन्न वायु-प्रधान रोगों में चन्द्र मंत्र से लाभ होता है   मंत्र है :*

*ॐ चन्द्रो में चान्द्रमसान् रोगानपहरतु । औषधिनाथाय वै नम: ।*
*ॐ स्वात्मसम्बन्धिन: सर्वत: सर्वरोगान् शमय शमय तत्रैव पातय पातय । शक्तिं चोद्भावयोद्भावय ।।*

*किसी पर्व अथवा पुण्य दिवस पर चन्द्र मंत्र का २०० बार ( दो माला ) जप करने से मंत्र सदा के लिए सिद्ध हो जाता है । और अगर चन्द्रग्रहण के समय जप कर लिया जाय तो केवल २०-२५ बार जप करनेमात्र से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है ।*

*मंत्रसिद्धि के बाद इनमें से जिस मंत्र की आवश्यकता हो उसका पानी में देखते हुए ५, ७ या ११ बार जप करें । यह अभिमंत्रित जल रोगी को स्पर्श कराने , लगाने,  पिलाने और उससे स्नान कराने से भी बहुत लाभ होगा ।*

*इन मंत्रों का उपयोग अपने परिचितों, हितैषियों के लिए भी कर सकते हैं, अपने लिए भी कर सकते हैं ।*

*ऋषि प्रसाद – सितम्बर २०१९ से*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

15 Jan, 01:32


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 15 जनवरी 2025*
*दिन - बुधवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - द्वितीया प्रातः 03:23 जनवरी 16 तक, तत्पश्चात तृतीया*
*नक्षत्र - पुष्य प्रातः 10:28 तक तत्पश्चात अश्लेषा*
*योग - प्रीति रात्रि 01:47 जनवरी 16 तक तत्पश्चात आयुष्मान*
*राहु काल - दोपहर 12:49 से दोपहर 02:11 तक*
*सूर्योदय - 07:26*
*सूर्यास्त - 06:11*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 जनवरी 16 से रात्रि 01:15 जनवरी 16 तक*
*विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन, कटहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹वास्तुशास्त्र के अनुसार ईशान-स्थल की महत्ता🔹*

*🔸कमरे में पूर्व व उत्तर दिशा के बीचवाले कोने से कमरे की पूर्वी दीवाल की लम्बाई का एक तिहाई भाग व उत्तरी दीवाल की लम्बाई का एक तिहाई भाग लेकर जो आयताकार स्थल बनता है, वह ‘ईशान-स्थल’ कहलाता है । १२ X १८ के कमरे का ईशान-स्थल ४ X ६ का होगा । खुले भूमिखंड के विषय में भी ऐसे ही समझना चाहिए ।*

*🔹सुख-शांतिप्रदायक ईशान-स्थल🔹*

*🔸सुख-शांति और कल्याण चाहनेवाले बुद्धिमानों को अपने घर, दुकान या कार्यालय में ईशान-स्थल पर अपने इष्टदेव, सदगुरु का श्रीचित्र लगा के वहाँ धूप-दीप, मंत्रोच्चार तथा साधना-ध्यान पूर्व अथवा उत्तर की ओर मुख करके करना चाहिए । यह विशेष सुख-शांतिदायक है ।*

*🔹सुख-समृद्धि में वृद्धि हेतु🔹*

*🔸भूमिखंड के ईशान कोण तथा पूर्व एवं उत्तर दिशा में खाली भाग अधिक होना चाहिए और इन भागों में अपेक्षाकृत वजन में हलके व कम ऊँचाईवाले पेड़-पौधे लगाने चाहिए । भूमिखंड के ईशान-स्थल में तुलसी, बिल्व व आँवला लगाना सुख-समृद्धिकारक है ।*

*🔹ज्ञानार्जन में सहायता व सत्प्रेरणा हेतु🔹*

*🔸विद्यार्थियों के लिए भी ईशान कोण बड़े महत्त्व का है । पूर्व एवं उत्तर दिशाएँ ज्ञानवर्धक दिशाएँ तथा ईशान-स्थल ज्ञानवर्धक स्थल है । जो विद्यार्थी ईशान-स्थल पर बैठ के पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पढ़ता है, उसे ज्ञानार्जन में विशेष सहायता मिलती है । पूर्व की ओर मुख करने से विशेष लाभ होता है । अध्ययन-कक्ष में सदगुरु या ब्रह्मज्ञानी महापुरुषों के श्रीचित्र लगाने चाहिए, इससे सत्प्रेरणा मिलती है ।*

*- ऋषि प्रसाद – सितम्बर २०१८ से*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

13 Jan, 18:24


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 14 जनवरी 2025*
*दिन - मंगलवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - प्रतिपदा प्रातः 03:21 जनवरी 15 तक, तत्पश्चात द्वितीया*
*नक्षत्र - पुनर्वसु प्रातः 10:17 तक तत्पश्चात पुष्य*
*योग - विषकम्भ रात्रि 02:59 जनवरी 15 तक तत्पश्चात प्रीति*
*राहु काल - दोपहर 03:32 से शाम 04:53 तक*
*सूर्योदय - 07:26*
*सूर्यास्त - 06:09*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:27 से दोपहर 01:11 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 जनवरी 15 से रात्रि 01:15 जनवरी 15 तक*
* व्रत पर्व विवरण - मकर संक्रांति (पुण्यकाल प्रातः 09:03 से सूर्यास्त तक), उत्तरायण, ऋषि दर्शन जयंती, पोंगल*
*विशेष - प्रतिपदा को कुष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खायें क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

12 Jan, 15:21


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 13 जनवरी 2025*
*दिन - सोमवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - पौष*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - चतुर्दशी प्रातः 05:03 तक तत्पश्चात पूर्णिमा प्रातः 03:56 जनवरी 14 तक, तत्पश्चात प्रतिपदा*
*नक्षत्र - आर्द्रा प्रातः 10:38 तक तत्पश्चात पुनर्वसु*
*योग - वैधृति प्रातः 04:39 जनवरी 14 तक, तत्पश्चात विषकम्भ*
*राहु काल - प्रातः 08:44 से प्रातः 10:06 तक*
*सूर्योदय - 07:26*
*सूर्यास्त - 06:09*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:27 से दोपहर 01:10 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:22 जनवरी 14 से रात्रि 01:15 जनवरी 14 तक*
* व्रत पर्व विवरण - पौषी पूर्णिमा, लोहड़ी*
*विशेष - पूर्णिमा को स्त्री सहवास तथा तिल का तेल खाना व लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹दरिद्रा देवी कहाँ निवास करती है ?🔹*

*🔸समुद्र-मंथन करने पर लक्ष्मीजी की बड़ी बहन दरिद्रा देवी प्रकट हुई । वे लाल वस्त्र पहने हुए थी । उन्होंने देवताओं से पूछा : “मेरे लिए क्या आज्ञा हैं ?”*

*🔸तब देवताओं ने कहा : “जिनके घर में प्रतिदिन कलह होता हो उन्हीं के यहाँ हम तुम्हें रहने के लिए स्थान देते हैं । तुम अमंगल को साथ लेकर उन्हीं घरों में जा बसों । जहाँ कठोर भाषण किया जाता हो, जहाँ के रहनेवाले सदा झूठ बोलते हों तथा जो मलिन अंत:करणवाले पापी संध्या के समय सोते हों, उन्हींके घर में दुःख और दरिद्रता प्रदान करती हुई तुम नित्य निवास करो । महादेवी ! जो खोटी बुद्धिवाला मनुष्य पैर धोये बिना ही आचमन करता है, उस पापपरायण मानव की ही तुम सेवा करो अर्थात उसे दुःख-दरिद्रता प्रदान करो ।” ( पुद्मपुराण, उत्तर खंड, अध्याय २३२)*

*ऋषिप्रसाद – दिसम्बर २०२०*

*(हमारा आचार-व्यवहार व रहन-सहन कैसा हो यह जानने हेतु पढ़ें आश्रम से प्रकाशित सत्साहित्य ‘मधुर व्यवहार’ व ‘क्या करें , क्या न करे ?”)*

*🔹शांति के साथ आर्थिक सम्पन्नता लाने हेतु🔹*

*🔸सोते समय सिरहाने के पास किसी सफेद कागज में थोड़ा-सा कपूर रखें और प्रात: उसे घर से बाहर जला दें । इससे घर में शांति के साथ आर्थिक सम्पन्नता आती है ।*

*ऋषिप्रसाद – जून २०१९ से*

*🔹याद न रहने के मूल कारण क्या ?*🔹

*१] मनोयोग का अभाव*
*२] रूचि का अभाव*
*३] एकाग्रता का अभाव*
*४] संयम का अभाव*

*नहीं तो बहुत कुछ याद रह सकता है । इसमें कोई जादूगरी नहीं है, कोई चमत्कार नहीं हैं । स्मृतिकेंद्र को विकसित करनेवाला मंत्र ले लिया, ज्ञानतंतुओं को शुद्ध करनेवाला ‘ॐ गं गणपतये नम: .... ॐ गं गणपतये नम: ....’ जप करके थोडा ध्यान किया तो यह स्मृतिशक्ति बढ़ाना आदि या परीक्षा में अच्छे अंक लाना – यह कोई बड़ी बात नही हैं ।*

*📖 ऋषि प्रसाद – मार्च 2019 से*

https://t.me/HinduPanchang/5496

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

11 Jan, 18:27


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 12 जनवरी 2025*
*दिन - रविवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - पौष*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - त्रयोदशी प्रातः 06:33 तक, तत्पश्चात चतुर्दशी प्रातः 05:03 जनवरी 13 तक*
*नक्षत्र - मृगशिरा प्रातः 11:24 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
*योग - ब्रह्म सुबह 09:09 तक, तत्पश्चात इन्द्र*
*राहु काल - शाम 04:52 से शाम 06:13 तक*
*सूर्योदय - 07:26*
*सूर्यास्त - 06:09*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:30 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:26 से दोपहर 01:10 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:22 जनवरी 13 से रात्रि 01:14 जनवरी 13 तक*
* व्रत पर्व विवरण - स्वामी विवेकानंद जयंती, राष्ट्रीय युवा दिवस, रवि योग, चतुर्दशी आर्द्रा नक्षत्र योग (दोपहर 11:24 से प्रातः 05:03 जनवरी 14 तक)*
*विशेष - चतुर्दशी को स्त्री सहवास तथा तिल का तेल खाना व लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹तुलसी सेवन में सावधानी🔹*

*🔸तुलसी पत्र तोड़ें तो ॐ सुप्रभायै नमः, ॐ सुभद्रायै नमः मंत्र बोलते हुए तोड़ें, इससे तुलसी पत्र दैवी औषधि का काम करेंगे ।*

*🔸रविवार को तुलसी पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए ।*

*🔸तुलसी के पत्ते सूर्योदय के पश्चात ही तोड़ें ।*

*🔸दूध सेवन के आगे पीछे 2 घंटे तक तुलसी नहीं खानी चाहिए ।*

*🔸पूर्णिमा, अमावस्या, द्वादशी और सूर्य-संक्रान्ति के दिन, मध्याह्नकाल, रात्रि, दोनों संध्याओं के समय और अशौच के समय, तेल लगा के, नहाये धोये बिना जो मनुष्य तुलसी का पत्ता तोड़ता है, वह मानो भगवान का मस्तक छेदन करता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, प्रकृति खण्ड 21.50-51)*

*🔹 रविवार विशेष🔹*

*🔸 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*🔸 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*

*🔸 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*

*🔸 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*

*🔸 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*

*🔸 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*

*🔸 रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*

*🔸 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।*

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Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

10 Jan, 17:56


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 11 जनवरी 2025*
*दिन - शनिवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - पौष*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - द्वादशी प्रातः 08:21 तक, तत्पश्चात त्रयोदशी*
*नक्षत्र - रोहिणी दोपहर 12:29 तक तत्पश्चात मृगशिरा*
*योग - शुक्ल सुबह 11:49 तक, तत्पश्चात ब्रह्म*
*राहु काल - सुबह 10:05 से सुबह 11:26 तक*
*सूर्योदय - 07:26*
*सूर्यास्त - 06:08*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:30 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:26 से दोपहर 01:09 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 जनवरी 12 से रात्रि 01:14 जनवरी 12 तक*
* व्रत पर्व विवरण - शनि त्रयोदशी, रोहिणी व्रत, प्रदोष व्रत, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग (प्रातः 07:23 से दोपहर 12:29 तक)*
*विशेष - त्रयोदशी को बैंगन को खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹शिशिर ऋतु विशेष🔹*

*👉 1. इस ऋतु में शरीर को बलवान बनाने के लिए तेल की मालिश करनी चाहिए ।*

*👉 2. चने के आटे, आँवले के उबटन का प्रयोग लाभकारी है। कसरत करना अर्थात् दंड-बैठक लगाना, कुश्ती करना, दौड़ना, तैरना आदि एवं प्राणायाम और योगासनों का अभ्यास करना चाहिए ।*

*👉 3. सूर्य नमस्कार, सूर्यस्नान एवं धूप का सेवन इस ऋतु में लाभदायक है ।*

*👉 4. सामान्य गर्म पानी से स्नान करें किन्तु सिर पर गर्म पानी न डालें ।*

*👉 5. कितनी भी ठंडी क्यों न हो सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लेना चाहिए । रात्रि में सोने से हमारे शरीर में जो अत्यधिक गर्मी उत्पन्न होती है वह स्नान करने से बाहर निकल जाती है जिससे शरीर में स्फूर्ति का संचार होता है ।*

*👉 6. सुबह देर तक सोने से यही हानि होती है कि शरीर की बढ़ी हुई गर्मी सिर, आँखों, पेट, पित्ताशय, मूत्राशय, मलाशय, शुक्राशय आदि अंगों पर अपना खराब असर करती है जिससे अलग-अलग प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं । इस प्रकार सुबह जल्दी उठकर स्नान करने से इन अवयवों को रोगों से बचाकर स्वस्थ रखा जा सकता है ।*

*👉 7. गर्म-ऊनी वस्त्र पर्याप्त मात्रा में पहनना,अत्यधिक ठंड से बचने हेतु रात्रि को गर्म कंबल ओढ़ना, रजाई आदि का उपयोग करना, गर्म कमरे में सोना लाभदायक है ।*

*🔷 अपथ्य : इस ऋतु में अत्यधिक ठंड सहना, ठंडा पानी, ठंडी हवा, भूख सहना, उपवास करना, रूक्ष, कड़वे, कसैले, ठंडे एवं बासी पदार्थों का सेवन, दिवस की निद्रा, चित्त को काम, क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष से व्याकुल रखना हानिकारक है ।*

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Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

09 Jan, 14:10


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 10 जनवरी 2025*
*दिन - शुक्रवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - पौष*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - एकादशी प्रातः 10:19 तक, तत्पश्चात द्वादशी*
*नक्षत्र - कृत्तिका दोपहर 01:45 तक तत्पश्चात रोहिणी*
*योग - शुभ दोपहर 02:37 तक, तत्पश्चात शुक्ल*
*राहु काल - सुबह 11:26 से दोपहर 12:47 तक*
*सूर्योदय - 07:26*
*सूर्यास्त - 06:07*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:30 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:26 से दोपहर 01:09 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 जनवरी 11 से रात्रि 01:14 जनवरी 11 तक*
* व्रत पर्व विवरण - पुत्रदा एकादशी, तैलंग स्वामी जयंती, कूर्म द्वादशी*
*विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) व द्वादशी को पूतिका (पोइ) खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🌹पुत्रदा एकादशी : 10 जनवरी 2025🌹*

*🔹एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?🔹*

*🌹1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।*

*🌹2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें ।*

*🌹हर एकादशी को श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
*राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।*
*सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ।।*

*एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*

*🌹3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।*

*🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।*

*🌹5. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*

*🌹6. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - इनका सेवन न करें ।*

*🌹7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।*

*🌹8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।*

*🌹9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।*

*🌹10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*

*🌹11. इस दिन बाल नहीं कटायें ।*

*🌹12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।*

*🌹13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।*

*🌹14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।*


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Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

09 Jan, 03:23


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Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

09 Jan, 02:54


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Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

08 Jan, 14:34


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 09 जनवरी 2025*
*दिन - गुरुवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - पौष*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - दशमी दोपहर 12:22 तक, तत्पश्चात एकादशी*
*नक्षत्र - भरणी दोपहर 03:07 तक तत्पश्चात कृत्तिका*
*योग - साध्य शाम 05:29 तक, तत्पश्चात शुभ*
*राहु काल - दोपहर 02:08 से दोपहर 03:29 तक*
*सूर्योदय - 07:26*
*सूर्यास्त - 06:06*
*दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:30 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:25 से दोपहर 01:09 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 जनवरी 10 से रात्रि 01:13 जनवरी 10 तक*
*विशेष - दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹गुरुवार विशेष 🔹*

*🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।*

*🔸गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :*

*🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।*
 
*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*

*🌹 फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।*

*( लोक कल्याण सेतु , अंक - ११६ )*

*🔸गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।*

*🔸गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

08 Jan, 06:16


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 08 जनवरी 2025*
*दिन - बुधवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - पौष*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - नवमी दोपहर 02:25 तक, तत्पश्चात दशमी*
*नक्षत्र - अश्विनी शाम 04:29 तक तत्पश्चात भरणी *
*योग - सिद्ध रात्रि 08:23 तक, तत्पश्चात साध्य*
*राहु काल - दोपहर 12:47 से दोपहर 02:08 तक*
*सूर्योदय - 07:26*
*सूर्यास्त - 06:06*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:30 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:20 जनवरी 09 से रात्रि 01:13 जनवरी 09 तक*
*विशेष - नवमी को लौकी खाना गौमाँस के समान त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹प्राकृतिक नियमों का करें पालन, बना रहेगा स्वस्थ जीवन ( भाग - 3)*

*👉 ६] आवेगों को न रोकें : कक्षा में पढ़ते समय कई विद्यार्थी मल-मूत्र के आवेगों को रोके रखते हैं । अधिक समय तक मल को रोकने से वह सड़ने लगता है तथा आगे चलकर उसका निष्कासन करनेवाले अंग दुर्बल हो जाते हैं और निष्कासन-समय होने पर भी हमें संकेत नहीं दे पाते, जिससे कब्ज, पेट के रोग, कृमि, जोड़ों का दर्द, सिरदर्द, यकृत व गुर्दों के रोग जैसी अनेक बीमारियाँ हो सकती हैं । शौच आदि से निवृत्त होकर ही विद्यालय या कार्यालय जायें तथा मल-मूत्र को न रोकें ।*

*👉 ७] ब्रह्मचर्य पालन : जिन्हें बल, बुद्धि, स्वास्थ्य, एकाग्रता व प्रसन्नता चाहिए हो, उन्नत जीवन जीना हो तथा जीवन के महानतम लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति करना हो, उन्हें वीर्यक्षय न हो इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए । जो फ़िल्में, सीरियल, अश्लील वेबसाइट्स देखते हैं, कामोत्तेजक साहित्य पढ़ते हैं, लड़कियों लड़कों से व मजाक या स्पर्श करते हैं वे उपरोक्त बातों में सफल नहीं हो पाते और पतन, तबाही के शिकार हो जाते हैं । उनका जीवन ओज-तेजहीन, उत्साह व शक्ति हीन होने लगता है तथा नपुंसकता की तरफ घसीटा जाता है । अत: ‘दिव्य प्रेरणा-प्रकाश’ पुस्तक का नित्य पठन कर ब्रह्मचर्य का दृढ़ता से पालन करें ।*

*👉 ८] जैविक घड़ी पर आधारित दिनचर्या : अच्छे स्वास्थ्य की उत्तम कुंजी है जैविक घड़ी पर आधारित दिनचर्या । इसके अंतर्गत प्रात: ३ से ५ बजे के बीच प्राणायम, ५ से ७ के बीच मलत्याग, ७ से ९ के बीच सम्भव हो तो दूध ( भोजन से २ घंटे पूर्व) या फलों के रस का सेवन, ९ से ११ के बीच भोजन, शाम ५ से ७ के बीच भोजन, रात्रि ७ से ९ के बीच अध्ययन तथा ९ से ३ बजे तक नींद लेना विशेष लाभकारी है । पूज्य बापूजी द्वारा बतायी गयी यह दिनचर्या सर्वांगीण विकास में बहुत सहायक है ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

06 Jan, 17:19


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 07 जनवरी 2025*
*दिन - मंगलवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - पौष*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - अष्टमी शाम 04:26 तक, तत्पश्चात नवमी*
*नक्षत्र - रेवती शाम 05:50 तक तत्पश्चात अश्विनी*
*योग - शिव रात्रि 11:16 तक, तत्पश्चात सिद्ध*
*राहु काल - दोपहर 03:28 से शाम 04:49 तक*
*सूर्योदय - 07:25*
*सूर्यास्त - 06:04*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:36 से 06:29 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:24 से दोपहर 01:08 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:20 जनवरी 08 से रात्रि 01:13 जनवरी 08 तक*
*व्रत पर्व विवरण - मासिक दुर्गाष्टमी, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग (शाम 05:50 से प्रातः 07:22 जनवरी 08 तक)*
*विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹प्राकृतिक नियमों का करें पालन, बना रहेगा स्वस्थ जीवन ( भाग २)*

*🔸५] बैठने – चलने का सही ढंग : गलत ढंग से बैठने, खड़े होने या चलने से हमारी कार्यक्षमता व जीवनीशक्ति की हानि होती है । अत: इस संदर्भ में कुछ बातों का ध्यान रखें :*

*👉 दोनों नितम्ब बैठनेवाले स्थान पर समानरूप से रखने चाहिए ।*

*👉 रीढ़ की हड्डी अपने प्राकृतिक झुकावोंसहित सीधी रहनी चाहिए । इससे शरीर की सभी नस-नाड़ियाँ, जो शरीर के सभी भागों को शक्ति देती हैं, वे अच्छी तरह से कार्य करती है । मेरुदंड सीधा नहीं रखने से इन नाड़ियों पर अनावश्यक दबाव पड़ता है । इसका बुरा प्रभाव शरीर के अन्य अंगो पर पड़ता है और वे सामान्यरूप से कार्य नहीं करते हैं । जब शरीर सीधा रखा जाता है तो छाती उभरी रहती है । इसके गोलाकार और फैले रहने से ह्रदय और फेफड़ों के के लिए पर्याप्त स्थान मिलता है, जिससे वे अपनी पूरी कार्यक्षमता से कार्य कर पाते हैं ।*

*👉 सिर को ऐसी सीधी स्थिति में रखना चाहिए कि गर्दन के आगे और पीछे के भाग की मांसपेशियाँ दबाव या तनाव रहित रहें ।*
*ऋषि प्रसाद – अप्रैल २०१९ से*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

05 Jan, 15:40


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 06 जनवरी 2025*
*दिन - सोमवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - पौष*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - सप्तमी शाम 06:23 तक, तत्पश्चात अष्टमी*
*नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद शाम 07:00 तक तत्पश्चात रेवती*
*योग - परिघ रात्रि 02:05 जनवरी 07 तक, तत्पश्चात शिव*
*राहु काल - प्रातः 08:43 से प्रातः 10:04 तक*
*सूर्योदय - 07:25*
*सूर्यास्त - 06:04*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:36 से 06:29 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:24 से दोपहर 01:07 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:19 जनवरी 07 से रात्रि 01:12 जनवरी 07 तक*
*व्रत पर्व विवरण - श्री गुरु गोविंदसिंहजी जयंती*
*विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है व शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹प्राकृतिक नियमों का करें पालन, बना रहेगा स्वस्थ जीवन (भाग-१)*

*🔸प्राकृतिक नियमों का पालन करने से शरीर, मन, बुद्धि का विकास तथा स्वास्थ्य की रक्षा सहज में होती है और उनकी उपेक्षा करने से अनेक समस्याओं में उलझते-जूझते जीवन का ह्रास हो जाता है । ध्यान रखने योग्य कुछ उपयोगी बातें :*

*🔸१] संतुलित भोजन : कई विद्यार्थी भोजन में केवल पसंदीदा खाद्य पदार्थ लेते रहते हैं लेकिन तन-मन-बुद्धि  के विकास के लिए भोजन संतुलित व पोषक तत्त्वों से युक्त होना चाहिए । इसलिए विद्यार्थियों को यथासम्भव फल, सब्जियों तथा षडरस युक्त आहार लेना चाहिए । प्रोटीन शरीर-वृद्धिकारक व शक्तिप्रद हैं । अत: बच्चों के लिए दूध, छिलकेवाली दालें, शकरकंद आदि प्रोटीनयुक्त आहार विशेष सेवनिय है । सर्दियों में पर्याप्त मात्रा में एवं अन्य दिनों में अल्प मात्रा में सूखे मेवे ले सकते हैं । स्मृतिशक्ति-वृद्धि हेतु फॉस्फोरस की अधिकतावाले फल जैसे – अंजीर, बादाम, अखरोट, अंगूर, संतरा, सेब आदि का सेवन उत्तम है ।*

*🔸२] शारीरिक कसरत : व्यायाम व योगासन से शरीरवृद्धि तेजी से होती है तथा मानसिक व बौद्धिक विकास में भी मदद होती है । सूर्यनमस्कार, दौड़, कबड्डी, कुश्ती आदि खेलों से बच्चों को शारीरिक लाभ के साथ आपसी सहयोग, सफलता-असफलता को स्वीकार करने की वृत्ति, एकाग्रता, तन्मयता आदि के विकास का भी सुअवसर मिलता है ।*

*🔸३] पढ़ाई के बीच में विश्रांति : निरंतर अधिक समय तक पढ़ने से थकान व उबान का अनुभव होता है । अत: बीच-बीच में खड़े होकर पंजों के बल कूदना, पानी पीना, थोड़ी देर खुले में (जैसे छत पर) घूम के आना, देव-मानव हास्य प्रयोग करना तथा थोड़ी देर श्वासोच्छ्वास में भगवन्नाम जप अर्थात श्वास अंदर जाय तो ‘ॐ’ बाहर आये तो ‘१’ .... श्वास अंदर जाय तो ‘आनंद’ बाहर आये तो ‘२’... श्वास अंदर जाय तो ‘शांति’ व सर्तकतापूर्वक एवं हिले बिना श्वासोच्छ्वास की गिनती करनी चाहिए । इससे एकाग्रता एवं सोचने-समझने, ग्रहण करने व याद रखने की क्षमता बढ़ेगी तथा शांति, सुख व प्रसन्नता के साथ स्वास्थ-लाभ भी मिलेगा ।*

*🔸४] उचित समय पर निद्रा : देर रात तक जागकर टी.वी. देखते रहना, मोबाइल, इंटरनेट आदि का उपयोग  - ये घातक आदतें विद्यार्थियों के समय, स्वास्थ्य व सूझबूझ को उलझा देती हैं । देर रात तक जाग के पढना भी हितकर नहीं है, इससे ज्ञानतंतु दुर्बल होते हैं व बुद्धि कमजोर होती है ।*

*🔸रात को जल्दी (९ बजे ) सोकर प्रात: जल्दी उठ के अध्ययन करनेवाले विद्यार्थी सूझबूझ सम्पन्न होने लगते हैं, उन्हें पढ़ा हुआ लम्बे समय तक याद रहता है । ऋषिप्रसाद – मार्च २०१९ से*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

04 Jan, 18:27


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 05 जनवरी 2025*
*दिन - रविवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - पौष*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - षष्ठी रात्रि 08:15 तक, तत्पश्चात सप्तमी*
*नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद रात्रि 08:18 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद*
*योग - व्यतिपात सुबह 07:32 तक, तत्पश्चात वरियान प्रातः 04:51 जनवरी 06 तक*
*राहु काल - शाम 04:48 से शाम 06:09 तक*
*सूर्योदय - 07:25*
*सूर्यास्त - 06:04*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:36 से 06:29 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:24 से दोपहर 01:07 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:19 जनवरी 06 से रात्रि 01:12 जनवरी 06 तक*
*व्रत पर्व विवरण - स्कंद षष्ठी, त्रिपुष्कर योग, रवि योग, सर्वार्थसिद्धि योग (प्रातः 07:22 से प्रातः 07:22 जनवरी 06 तक)*
*विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹नौकरी मिलने में समस्या🔹*

*🔸जिनको नौकरी नहीं मिलती या मिलती है पर छूट जाती है वे लोग आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें और पूजा की जगह पर शांत बैठो, अधीर मत बनो, डोरे धागे या तावीज बांधने के चक्कर में न पड़ो । शांत बैठ कर आज्ञा चक्र पर तिलक कर के बंद आँखों से उधर देखते हुए " ॐ श्रीं नमः" "ॐ ह्रीं नमः" जपें और बैठ कर १५ मिनट पूज्य बापूजी की तस्वीर को एकटक देखें... ध्यान करें । फिर आँखों की पलकें बंद करके आज्ञा चक्र पर ध्यान केन्द्रित करो और शुभ संकल्प करो । और ओमकार का ध्यान करते हुए शांत बैठें मनोरथ सिद्ध होंगे बाहर का कोई सहारा लेने की कोई जरुरत नहीं ।*

*🔹श्रीमद् भगवदगीता माहात्म्य🔹*

*🔸जो मनुष्य भक्तियुक्त होकर नित्य एक अध्याय का भी पाठ करता है, वह रुद्रलोक को प्राप्त होता है और वहाँ शिवजी का गण बनकर चिरकाल तक निवास करता है ।*

*🔸हे पृथ्वी ! जो मनुष्य नित्य एक अध्याय एक श्लोक अथवा श्लोक के एक चरण का पाठ करता है वह मन्वंतर तक मनुष्यता को प्राप्त करता है ।*

*🔸जो मनुष्य गीता के दस, सात, पाँच, चार, तीन, दो, एक या आधे श्लोक का पाठ करता है वह अवश्य दस हजार वर्ष तक चन्द्रलोक को प्राप्त होता है । गीता के पाठ में लगे हुए मनुष्य की अगर मृत्यु होती है तो वह (पशु आदि की अधम योनियों में न जाकर) पुनः मनुष्य जन्म पाता है ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

03 Jan, 18:48


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 04 जनवरी 2025*
*दिन - शनिवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - पौष*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - पञ्चमी रात्रि 10:00 तक, तत्पश्चात षष्ठी*
*नक्षत्र - शतभिषा रात्रि 09:23 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद*
*योग - सिद्धि सुबह 10:08 तक, तत्पश्चात व्यतिपात*
*राहु काल - सुबह 10:03 से सुबह 11:24 तक*
*सूर्योदय - 07:25*
*सूर्यास्त - 06:03*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:36 से 06:29 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:23 से दोपहर 01:06 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:18 जनवरी 05 से रात्रि 01:11 जनवरी 05 तक*
*व्रत पर्व विवरण - व्यतीपात योग (प्रातः 10:09 से प्रातः 07:32 जनवरी 05 तक)*
*विशेष - पञ्चमी को बेल फल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 🔹*

*🔸शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)*

*🔸 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*

*🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹*

*🔸एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*
*📖 ऋषि प्रसाद - मई 2018 से*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

02 Jan, 18:34


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 03 जनवरी 2025*
*दिन - शुक्रवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - पौष*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - चतुर्थी रात्रि 11:39 तक, तत्पश्चात पञ्चमी*
*नक्षत्र - धनिष्ठा रात्रि 10:22 तक तत्पश्चात शतभिषा*
*योग - वज्र दोपहर 12:38 तक, तत्पश्चात सिद्धि*
*राहु काल - सुबह 11:24 से दोपहर 12:44 तक*
*सूर्योदय - 07:25*
*सूर्यास्त - 06:02*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:35 से 06:28 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:23 से दोपहर 01:06 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:18 जनवरी 04 से रात्रि 01:11 जनवरी 04 तक*
*व्रत पर्व विवरण - विनायक चतुर्थी*
*विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹हवन-यज्ञ क्यों ?🔹*

*🔹वैश्विक समस्याओं में जाति, मत, पंथ, देश के दायरों से परे होकर देखें तो जो विकराल समस्याएँ हैं उनमें से एक है वातावरण और वैचारिक प्रदूषण की समस्या । विभिन्न देशों द्वारा करोड़ों-अरबों डॉलर खर्च करके उपाय खोजे व किये जा रहे हैं परंतु यह समस्या वैसी ही बनी हुई है । इसके निवारण हेतु विश्व अब भारत की प्राचीन धरोहर यज्ञ-हवन की ओर एक आशाभरी नजर से देख रहा है। यह हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा चलायी गयी परम्परा है और समय-समय पर महापुरुषों द्वारा इसे सुविकसित व लोकसुगम्य बनाया गया है ।*

*🔹कारखानों व गाड़ियों आदि के धुएँ से वातावरण दूषित होता है, जिससे फेफड़ों व श्वास के विभिन्न रोग होते हैं । यज्ञ-हवन दूषित वायुमंडल को तो शुद्ध करता ही है, साथ ही इससे मानसिक कुविचारों पर भी नियंत्रण पाया जा सकता है ।*

*🔹प्रज्वलित खाँड (अपरिष्कृत शक्कर) में वायु को शुद्ध करने की अत्यधिक शक्ति होती है । घी की आहुति से वातावरण शुद्धि तथा विभिन्न रोगों के कीटाणुओं का नाश होता है । अतः जिन स्थानों पर हवन होता है वहाँ फसल अच्छी होती है ।*

*🔹श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ पूज्य बापूजी यज्ञ की उपयोगिता समझाते हुए कहते हैं : "तुम्हारे जीवन में यज्ञ के लिए भी स्थान होना चाहिए । श्रीकृष्ण बताते हैं : यज्ञानां जपयज्ञोऽस्मि... 'सब प्रकार के यज्ञों में जपयज्ञ मैं हूँ।' (गीता : १०.२५)*

*परंतु आहुति देकर जो यज्ञ होते हैं, वे भी अच्छे हैं, उनका भी अपना महत्त्व है ।*

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Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

01 Jan, 14:28


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 02 जनवरी 2025*
*दिन - गुरुवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - पौष*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - तृतीय रात्रि 01:08 जनवरी 03 तक, तत्पश्चात चतुर्थी*
*नक्षत्र - श्रवण रात्रि 11:10 तक तत्पश्चात धनिष्ठा*
*योग - हर्षण दोपहर 02:58 तक, तत्पश्चात वज्र*
*राहु काल - दोपहर 02:05 से दोपहर 03:25 तक*
*सूर्योदय - 07:25*
*सूर्यास्त - 06:02*
*दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:35 से 06:28 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:22 से दोपहर 01:05 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:17 जनवरी 03 से रात्रि 01:10 जनवरी 03 तक*
*विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹जकड़ाहट, आमवात, जोड़ों का दर्द आदि हो तो....*

*🔸शरीर जकड़ा हुआ है, आमवात, जोड़ो का दर्द, घुटनों का दर्द आदि कि शिकायत ज्यादा है तो भोजन के समय १ गिलास गुनगुना पानी रखो । उसमें अदरक के रस की १०-१२ बुँदे डाल दो अथवा चौथाई ग्राम ( १ चनाभर) सौंठ-चूर्ण मिला दो । भोजन के बीच-बीच में २ -२ घूँट वह पानी पियो ।*

*🔸८० ग्राम लहसुन कि कलियाँ कूट के १०० ग्राम अरंडी के तेल में डाल दें और गर्म करें । कलियाँ जल जायें तो वह तेल उतार के रख लें । इससे घुटनों को, जोड़ों को मालिश करने से फायदा होता है ।*

*ऋषि प्रसाद – दिसम्बर २०२१ से*

*🔹बरकत लाने व सुखमय वातावरण बनाने हेतु🔹*

*🔸जिस घर में भगवान का, ब्रह्मवेत्ता संत का चित्र नहीं है वह घर स्मशान है । जिस घर में माँ-बाप, बुजुर्ग व बीमार का खयाल नहीं रखा जाता उस घर से लक्ष्मी रूठ जाती है । बिल्ली, बकरी व झाड़ू कि धूलि घर में आने से बरकत चली जाती है । गाय के खुर कि धूलि से, सुहृदता से , ब्रह्मज्ञानी सत्पुरुष के सत्संग से घर का वातावरण स्वर्गमय, सुखमय, मुक्तिमय हो जाता है ।*

*लोक कल्याण सेतु – नवम्बर २०२१ से*

*🔹पति-पत्नी के झगड़े या अनबन🔹*

*🔸पति-पत्नी में झगड़े होते हों, तलाक को नौबत आ जाए अथवा पति-पत्नी में मन नहीं बनता है तो पति अपने सिर के नीचे सिन्दूर रख के सो जाए और पत्नी अपने सिर के नीचे कपूर रख के सो जाए । सुबह उठे तो कपूर की आरती कर डालें और पति सिन्दूर घर में फ़ेंक दें, तो पति-पत्नी का स्वभाव अच्छा हो जायेगा ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

29 Dec, 17:13


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 30 दिसम्बर 2024*
*दिन - सोमवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - पौष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - अमावस्या प्रातः 03:56 दिसम्बर 31 तक, तत्पश्चात प्रतिपदा*
*नक्षत्र - मूल रात्रि 11:57 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा*
*योग - वृद्धि रात्रि 08:32 तक, तत्पश्चात ध्रुव*
*राहु काल - प्रातः 08:41 से प्रातः 10:01 तक*
*सूर्योदय - 07:24*
*सूर्यास्त - 05:00*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:34 से 06:27 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:21 से दोपहर 01:04 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:16 दिसम्बर 31 से रात्रि 01:09 दिसम्बर 31 तक*
* व्रत पर्व विवरण - सोमवती अमावस्या (सूर्योदय से प्रातः 03:56 दिसम्बर 31 तक), पौष अमावस्या*
*विशेष -  अमावस्या को स्त्री सहवास और तिल का तेल खाना व लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹लक्ष्मी कहाँ से चली जाती है ?🔹*

*🔸भगवान श्रीहरि कहते हैं : “जपो अल्पज्ञ भीगे पैर अथवा नग्न होकर सोता है तथा वाचाल की भाँति निरंतर बोलता रहता है, उसके घर से साध्वी लक्ष्मी चली जाती है ।*

*🔸जो व्यक्ति अपने सिर पर तेल लगाकर उसी हाथ से दूसरे के अंग का स्पर्श करता हैं * और अपने किसी अंग को बाजे की तरह बजाता है, उससे रुष्ट होकर लक्ष्मी उसके घर से चली जाती है ।*

*🔸जो व्रत-उपवास नहीं करता, संध्या – वंदन नहीं करता, सदा अपवित्र रहता है तथा भगवदभक्ति से रहित है उसके यहाँ से मेरी प्रिया लक्ष्मी चली जाती है ।’ ( श्रीमद देवी भागवत : ९.४१.४२-४४ )*

*🔸पद्म पुराण के अनुसार मस्तक पर लगाने से बचे हुए तेल को अपने शरीर पर भी लगाना वर्जित है ।*
*ऋषि प्रसाद- जनवरी २०२०*

*🔹नॉर्मल डिलीवरी हेतु रामबाण प्रयोग*

*🔸ब्रह्मज्ञानी संत श्री आशारामजी बापू अपने सत्संगो में सामान्य प्रसूति के लिए रामबाण प्रयोग बताते हैं : “सामान्य प्रसूति में यदि कहीं बाधा जैसी लगे तो देशी गाय के गोबर का १०-१२ ग्राम ताजा रस निकालें,  गुरुमंत्र का जप करके अथवा ‘नारायण.... नारायण.....’ जप करके गर्भवती महिला को पिला दें ।*

*🔸एक घंटे में प्रसूति नहीं हो तो फिर से पिला दें । सहजता से प्रसूति होगी । अगर प्रसव-पीड़ा समय पर शुरू नहीं हो रही हो तो गर्भिणी ‘जम्भला... जम्भला....’ मंत्र का जप करे और पीड़ा शुरू होने पर उसे गोबर का रस पिलायें तो सुखपूर्वक प्रसव होगा ।’*
*लोक कल्याण सेतु – अक्टूबर २०१९ से*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

28 Dec, 16:55


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 29 दिसम्बर 2024*
*दिन - रविवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - शिशिर**
*मास - पौष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - चतुर्दशी प्रातः 04:01 दिसम्बर 30 तक, तत्पश्चात अमावस्या*
*नक्षत्र - ज्येष्ठा रात्रि 11:22 तक तत्पश्चात मूल*
*योग - गण्ड रात्रि 09:14 तक, तत्पश्चात वृद्धि*
*राहु काल - शाम 04:44 से शाम 06:04 तक*
*सूर्योदय - 07:23*
*सूर्यास्त - 05:59*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:34 से 06:27 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:20 से दोपहर 01:03 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:16 दिसम्बर 30 से रात्रि 01:09 दिसम्बर 30 तक*
* व्रत पर्व विवरण - मासिक शिवरात्रि, सर्वार्थसिद्धि योग (रात्रि 11:22 से प्रातः 07:20 दिसम्बर 30 तक)*
*विशेष -  चतुर्दशी को स्त्री सहवास और तिल का तेल खाना व लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹सर्दियों में उपयोगी पुष्टि व शक्तिवर्धक प्रयोग🔹*

*🔸१] २५ ग्राम देशी काले चने धोकर रात को १२५ मि.ली. पानी में भिगो दें । सुबह इन चनों को खूब चबा – चबाकर खायें, साथ में किशमिश भी खा सकते हैं । ऊपर से चने के पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर पी जायें । शरीर बलवान व शक्तिशाली होता है तथा वीर्य पुष्ट होता है ।*

*🔸२] ५० ग्राम गोंद को घी में तल लें । ५० – ५० ग्राम अजवायन, काले तिल व मूँगफली के दानों को अलग – अलग भूनकर सभीको कूट लें । फिर इस मिश्रण को तथा किसे हुए ५० ग्राम सूखे नारियल (खोपरा) को ७५० ग्राम गुड़ में मिला के रख लें । सुबह खाली पेट ५० ग्राम मिश्रण खूब चबा – चबाकर खायें ।इसके १ – २ घंटे बाद हलका सुपाच्य भोजन करें । इससे शरीर पुष्ट होता है, बल-वीर्य की वृद्धि होती है । वायुरोग, बहुमुत्रता व बच्चों की बिस्तर में पेशाब करने की समस्या में भी लाभ होता है ।  – लोक कल्याण सेतु – दिसम्बर २०१६ से*

*🔹तुलसी की जीवन में महत्ता व उपयोगिता🔹*

*🔸‘स्कंद पुराण’ (का.खं. :२१.६६) में आता है : ‘जिस घर में तुलसी – पौधा विराजित हो, लगाया गया हो, पूजित हो, उस घर में यमदूत कभी भी नहीं आ सकते ।’*

*🔸जहाँ तुलसी – पौधा रोपा गया है, वहाँ बीमारियाँ नहीं हो सकतीं क्योंकि तुलसी – पौधा अपने आसपास के समस्त रोगाणुओं, विषाणुओं को नष्ट कर देता है एवं २४ घंटे शुद्ध हवा देता है । वहाँ निरोगता रहती है, साथ ही वहाँ सर्प, बिच्छू, कीड़े-मकोड़े आदि नहीं फटकते । इस प्रकार तीर्थ जैसा पावन वह स्थान सब प्रकार से सुरक्षित रहकर निवास-योग्य माना जाता है । वहाँ दीर्घायु प्राप्त होती है ।*

*🌹पूज्य बापूजी कहते हैं : ‘तुलसी निर्दोष है । सुबह तुलसी के दर्शन करो । उसके आगे बैठ कर लम्बे श्वास लो और छोड़ो, स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, दमा दूर रहेगा अथवा दमे की बीमारी की सम्भावना कम हो जायेगी । तुलसी को स्पर्श करके आती हुई हवा रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाती है और तमाम रोग व हानिकारक जीवाणुओं को दूर रखती है ।’*

*🔸तुलसी रोपने तथा उसे दूध से सींचने पर स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है । तुलसी की मिट्टी का तिलक लगाने से तेजस्विता बढ़ती है ।*

*🔸दूध के साथ तुलसी वर्जित है, बाकी पानी, दही, भोजन आदि हर चीज के साथ तुलसी ले सकतें हैं । रविवार को तुलसी ताप उत्पन्न करती है, इसलिए रविवार को तुलसी न तोड़ें, न खायें । ७ दिन तक तुलसी – पत्ते बासी नहीं माने जाते ।*

*🔸विज्ञान का आविष्कार इस बात को स्पष्ट करने में सफल हुआ है कि तुलसी में विद्युत् – तत्त्व उपजाने और शरीर में विद्युत् – तत्त्व को सजग रखने का अद्भुत सामर्थ्य है । थोडा तुलसी – रस लेकर तेल की तरह थोड़ी मालिश करें तो विद्युत् – प्रवाह अच्छा चलेगा ।*
*स्त्रोत – ऋषि प्रसाद, दिसम्बर २०१६ से*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

27 Dec, 15:41


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 28 दिसम्बर 2024*
*दिन - शनिवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - शिशिर**
*मास - पौष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - त्रयोदशी प्रातः 03:32 दिसम्बर 29 तक, तत्पश्चात चतुर्दशी*
*नक्षत्र - अनुराधा रात्रि 10:13 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा*
*योग - शूल रात्रि 10:24 तक, तत्पश्चात गण्ड*
*राहु काल - प्रातः 10:00 से प्रातः 11:21 तक*
*सूर्योदय - 07:23*
*सूर्यास्त - 05:59*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:33 से 06:26 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:20 से दोपहर 01:03 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 दिसम्बर 29 से रात्रि 01:08 दिसम्बर 29 तक*
* व्रत पर्व विवरण - शनि त्रयोदशी, प्रदोष व्रत*
*विशेष -  त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹 घर को बनाइये मंगलमय🔹*

*🔸सुविचार के द्वारा आप अपने घर को भी मंगलमय बना सकते हैं । कुछ सात्त्विक प्रयोग भी है, जैसे – पर्व के दिन घर के मुख्य द्वार पर हल्दी और चावल के आटे का घोल बनाकर या केवल हल्दी से ‘ॐ’ या स्वस्तिक बना दो । यह घर को बाधाओं से सुरक्षित रखने में मदद करता है । पर्व के दिन द्वार पर अशोक और नीम के पत्तों का तोरण बाँध दें । उसके नीचे से आने-जानेवाले कि रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ेगी, जाते-आते उसमें ऊँचे विचारों का संचरण होगा, घर में सुख-शान्ति रहेगी ।*

*🔸घर में कभी गोमूत्र से पोंछा लगा लो तो हानिकारक जीवाणु तो चले जायेंगे, साथ ही गोमूत्र में जो गाय के सात्त्विक अंश का और सूर्य की दिव्य किरणों का प्रभाव होता है वह तुम्हारे घर को, तुम्हारे वातावरण को सुंदर और पवित्र रखेगा । थोड़ा खड़ा नमक लाकर घर में रख दो । ऐसा नहीं कि ‘आयोडीन-आयोडीन’ करके लुटनेवालों का नमक खरीदकर खुद को लुटवाते रहो ।अमावस्या को खड़े नमकवाले खारे पानी से घर में पोंछा लगा दो और घर में आश्रम से नि:शुल्क मिलनेवाला ग्रहदोष निवारक स्वस्तिक रखो । इससे ऋणायन बनेंगे, धनात्मक ऊर्जा बढ़ेगी और नकारात्मक ऊर्जा चली जायेगी ।*
*ऋषि प्रसाद – दिसम्बर २०२१ से*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

26 Dec, 15:02


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 27 दिसम्बर 2024*
*दिन - शुक्रवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - पौष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि -  द्वादशी रात्रि 02:26 दिसम्बर 28 तक, तत्पश्चात त्रयोदशी*
*नक्षत्र - विशाखा रात्रि 08:28 तक तत्पश्चात अनुराधा*
*योग - धृति रात्रि 10:37 तक, तत्पश्चात शूल*
*राहु काल - प्रातः 11:20 से दोपहर 12:41 तक*
*सूर्योदय - 07:23*
*सूर्यास्त - 05:58*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:33 से 06:26 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:19 से दोपहर 01:02 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 दिसम्बर 28 से रात्रि 01:08 दिसम्बर 28 तक*
* व्रत पर्व विवरण - सर्वार्थ सिद्धि योग (रात्रि 08:28 से प्रातः 07:19 दिसम्बर 28 तक)*
*विशेष - द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹तुलसी सेवन से मिले दीर्घायुष्य व स्वास्थ्य🔹*

*🔸तुलसी शारीरिक व्याधियों को तो दूर करती ही है, साथ ही मनुष्य के आंतरिक भावों और विचारों पर भी कल्याणकारी प्रभाव डालती है । ‘अथर्ववेद’ में आता है यदि त्वचा, मांस तथा अस्थि में महारोग प्रविष्ट हो गया तो उसे श्यामा तुलसी नष्ट कर देती है ।*

*🔸दोपहर भोजन के पश्चात तुलसी – पत्ते चबाने से पाचनशक्ति मजबूत होती है । दूषित पानी में तुलसी के कुछ ताजे पत्ते डालने से पानी का शुद्धिकरण किया जा सकता है ।*

*🔸बर्रे, भौंरा, बिच्छू ने काटा हो तो उस स्थान पर तुलसी के पत्ते का रस लगाने या तुलसी-पत्ता पीसकर पुलटिस बाँधने से जलन व सूजन नहीं होती है ।*

*🔸तुलसी के बीज बच्चों को भोजन के बाद देने से मुखशुद्धि होने के साथ–साथ पेट के कृमि भी मर जाते हैं । तुलसी बीज नपुंसकता को नष्ट करते हैं और पुरुषत्व के हार्मोन्स की वृद्धि भी करते हैं ।*

*🔸शास्त्रों में आता है कि जिनके घर में लहलहाता तुलसी का पौधा रहता है, उनके यहाँ वज्रपात नहीं हो सकता अर्थात जब तुलसी अचानक प्राकृतिक रूप से नष्ट हो जाय तब समझना चाहिए कि घर पर कोई भारी संकट आनेवाला है ।*
*🔸बच्चों को तुलसी – पत्र देने के साथ सूर्यनमस्कार करवाने और सूर्य को अर्घ्य दिलवाने के प्रयोग से बुद्धि में विलक्षणता आती है । तुलसी की क्यारी के पास प्राणायाम करने से सौन्दर्य, स्वास्थ्य और तेज की अत्युत्तम वृद्धि होती है ।*

*🔸प्रात: काल खाली पेट दो–तीन चम्मच तुलसी रस सेवन करने से शारीरिक बल एवं स्मरणशक्ति में वृद्धि के साथ–साथ व्यक्तित्व भी प्रभावशाली होता है ।*
*🔸अत: जीवन को उन्नत बनाने के इच्छुक प्रत्येक व्यक्ति को २५ दिसम्बर को तुलसी – पूजन अवश्य करना चाहिए ।*

*स्त्रोत – लोक कल्याण सेतु – नवम्बर २०१६ से*

*🔹विषैले जीवाणुनाशक तथा शुभत्ववर्धक उपाय🔹*

*🔸अपने घर के ईशान कोण में तुलसी-पौधा अवश्य होना चाहिए । प्रात: स्नानादि के बाद उसमें शुद्ध जल चढ़ाने तथा शाम के समय घी या तेल का दीपक जलाने से वातावरण में विचरण करनेवाले विषैले जीवाणु समाप्त होते हैं तथा शुभत्व बढ़ता है ।*
*ऋषि प्रसाद – दिसम्बर २०२१*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

25 Dec, 16:29


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 26 दिसम्बर 2024*
*दिन - गुरुवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - पौष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - एकादशी रात्रि 12:43 दिसम्बर 27 तक, तत्पश्चात द्वादशी*
*नक्षत्र - स्वाती शाम 06:09 तक तत्पश्चात विशाखा*
*योग - सुकर्मा रात्रि 10:24 तक, तत्पश्चात धृति*
*राहु काल - दोपहर 02:01 से दोपहर 03:21 तक*
*सूर्योदय - 07:22*
*सूर्यास्त - 05:57*
*दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:32 से 06:25 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:19 से दोपहर 01:02 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:14 दिसम्बर 27 से रात्रि 01:07 दिसम्बर 27 तक*
* व्रत पर्व विवरण - मण्डला पूजा, सफला एकादशी*
*विशेष - एकादशी को सिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?🔹*

*🌹1.एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*

*🌹2. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।*

*🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।*

*🌹4. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*

*🌹5. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - इनका सेवन न करें ।*

*🌹6. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।*

*🌹7. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।*

*🌹8. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।*

*🌹09. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*

*🌹10. इस दिन बाल नहीं कटायें ।*

*🌹11. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।*

*🌹12. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।*

*🌹13. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

24 Dec, 17:47


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 25 दिसम्बर 2024*
*दिन - बुधवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - पौष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - दशमी रात्रि 10:29 तक, तत्पश्चात एकादशी*
*नक्षत्र - चित्रा दोपहर 03:22 तक तत्पश्चात स्वाती*
*योग - अतिगण्ड रात्रि 09:47 दिसम्बर 25 तक, तत्पश्चात सुकर्मा*
*राहु काल - दोपहर 12:40 से दोपहर 02:00 तक*
*सूर्योदय - 07:22*
*सूर्यास्त - 05:57*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:32 से प्रातः 06:25 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:14 दिसम्बर 26 से रात्रि 01:07 दिसम्बर 26 तक*
* व्रत पर्व विवरण - तुलसी पूजन दिवस, विश्वगुरु भारत कार्यक्रम (1 जनवरी तक), पंडित मदन मोहन मालवीय जयंती*
*विशेष - दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹औषधीय गुणों से परिपूर्ण : पारिजात🔹*

*🔸पारिजात या हरसिंगार को देवलोक का वृक्ष कहा जाता है । कहते हैं कि समुद्र – मंथन के समय विभिन्न रत्नों के साथ – साथ यह वृक्ष भी प्रकट हुआ था । इसकी छाया में विश्राम करनेवाले का बुद्धिबल बढ़ता है । यह वृक्ष नकारात्मक ऊर्जा को भी हटाता है । इसके फूल अत्यंत सुकुमार व सुगंधित होते हैं जो दिमाग को शीतलता व शक्ति प्रदान करते हैं । हो सकते तो अपने घर के आसपास इस उपयोगी वृक्ष को लगाना चाहिए ।*
*🔸पारिजात ज्वर व कृमि नाशक, खाँसी – कफ को दूर करनेवाला, यकृत की कार्यशीलता को बढ़ानेवाला, पेट साफ़ करनेवाला तथा संधिवात, गठिया व चर्मरोगों में लाभदायक है ।*

*🔹औषधीय प्रयोग🔹*

*🔸पुराना बुखार : इसके ७ - ८ कोमल पत्तों के रस में ५ – १० मि. ली. अदरक का रस व शहद मिलाकर सुबह – शाम लेने से पुराने बुखार में फायदा होता है ।*

*🔸बच्चों के पेट में कृमि : इसके ७ – ८ पत्तों के रस में थोडा – सा गुड़ मिला के पिलाने से कृमि मल के साथ बाहर आ जाते हैं या मर जाते हैं ।*

*🔸जलन व सुखी खाँसी : इसके पत्तों के रस में मिश्री मिला के पिलाने से पित्त के कारण होनेवाली जलन आदि विकार तथा शहद मिला के पिलाने से सुखी खाँसी मिटती हैं ।*

*🔸बुखार का अनुभूत प्रयोग : ३० – ३५ पत्तों के रस में शहद मिलाकर ३ दिन तक लेने से बुखार में लाभ होता है ।*

*🔸सायटिका व स्लिप्ड डिस्क : पारिजात के ६० – ७० ग्राम पत्ते साफ़ करके ३०० मि. ली. पानी में उबालें । २०० मि.ली. पानी शेष रहने पर छान के रख लें । २५ – ५० मि.ग्रा. केसर घोंटकर इस पानी में घोल दें । १०० मि.ली. सुबह – शाम पियें । १५ दिन तक पीने से सायटिका जड़ से चला जाता है | स्लिप्ड डिस्क में भी यह प्रयोग रामबाण उपाय है । वसंत ऋतू में ये पत्ते गुणहीन होते हैं अत: यह प्रयोग वसंत ऋतू में लाभ नहीं करता ।*

*🔸संधिवात, जोड़ों का दर्द, गठिया : पारिजात की ५ से ११ पत्तियाँ पीस के एक गिलास पानी में उबालें, आधा पानी शेष रहने पर सुबह खाली पेट ३ महीने तक लगातार लें । पुराने संधिवात, जोड़ों के दर्द, गठिया में यह प्रयोग अमृत की तरह लाभकारी है । अगर पूरी तरह ठीक नहीं हुआ तो १० – १५ दिन छोडकर पुन: ३ महीने तक करें   इस प्रयोग से अन्य कारणों से शरीर में होनेवाली पीड़ा में भी राहत मिलती है । पत्थकर आहार लें ।*

*🔸चिकनगुनिया का बुखार होने पर बुखार ठीक होने के बाद भी दर्द नहीं जाता । ऐसे में १० – १५ दिन तक पारिजात के पत्तों का यह काढ़ा बहुत उपयोगी है ।*

*स्त्रोत – ऋषि प्रसाद, दिसम्बर २०१६ से*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

23 Dec, 16:13


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 24 दिसम्बर 2024*
*दिन - मंगलवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - पौष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - नवमी शाम 07:52 तक, तत्पश्चात दशमी*
*नक्षत्र - हस्त दोपहर 12:17 तक तत्पश्चात चित्रा*
*योग - शोभन शाम 08:54 तक, तत्पश्चात अतिगण्ड*
*राहु काल - दोपहर 03:20 से शाम 04:41 तक*
*सूर्योदय - 07:21*
*सूर्यास्त - 05:56*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:31 से 06:25 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:18 से दोपहर 01:01 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:13 दिसम्बर 25 से रात्रि 01:06 दिसम्बर 25 तक*
*विशेष - नवमी को लौकी खाना गौमाँस के सामान त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹आरती में कपूर का उपयोग क्यों ?🔹*

*🔸सनातन संस्कृति में पुरातन काल से आरती में कपूर जलाने की परम्परा है । आरती के बाद आरती के ऊपर हाथ घुमाकर अपनी आँखों पर लगाते हैं, जिससे दृष्टी -इन्द्रिय सक्रिय हो जाती है । पूज्य बापूजी के सत्संग -वचनामृत में आता है : “आरती करते हैं तो कपूर जलाते हैं । कपूर वातावरण को शुद्ध करता है, पवित्र वातावरण की आभा पैदा करता है । घर में देव-दोष है, पितृ -दोष हैं, वास्तु -दोष हैं, भूत -पिशाच का दोष है या किसीको बुरे सपने आते हैं तो कपूर की ऊर्जा उन दोषों को नष्ट कर देती है ।*

*🔸बोलते हैं कि संध्या होती है तो दैत्य-राक्षस हमला करते हैं इसलिए शंख , घंट बजाना चाहिए, कपूर जलाना चाहिए, आरती-पूजा करनी चाहिए अर्थात संध्या के समय और सुबह के समय वातावरण में विशिष्ट एवं विभिन्न प्रकार के जीवाणु होते हैं जो श्वासोच्छवास के द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करके हमारी जीवनरक्षक जीवनरक्षक कोशिकाओं से लड़ते हैं । तो देव-असुर संग्राम होता है, देव माने सात्त्विक कण और असुर  माने तामसी कण । कपूर की सुगंधि से हानिकारक जीवाणु एवं विषाण रूपी राक्षस भाग जाते हैं ।*

*🔸वातावरण में जो अशुद्ध आभा है इससे तामसी अथवा निगुरे लोग जरा-जरा बात में खिन्न होते हैं, पीड़ित होते हैं लेकिन कपूर और आरती का उपयोग करनेवालों के घरों में ऐसे कीटाणुओं का, ऐसो हलकी आभा का प्रभाव नहीं टिक सकता है ।*

*🔸अत: घर में कभी-कभी कपूर जलाना चाहिए, गूगल का धूप करना चाहिए । कभी-कभी कपूर की १ – २ छोटी-छोटी गोली मसल के घर में छिटक देनी चाहिए ।  उसकी हवा से ऋणायान बनते हैं, जो हितकारी हैं । वर्तमान के माहौल में घर में दीया जलाना अथवा कपूर की कभी-कभी आरती कर लेना अच्छा है ।*
*ऋषि प्रसाद – जुलाई २०२१ से*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

22 Dec, 23:51


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 23 दिसम्बर 2024*
*दिन - सोमवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - पौष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - अष्टमी शाम 05:07 तक, तत्पश्चात नवमी*
*नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी प्रातः 09:09 तक तत्पश्चात हस्त*
*योग -  सौभाग्य शाम 07:55 तक, तत्पश्चात शोभन*
*राहु काल - प्रातः 08:38 से प्रातः 09:58 तक*
*सूर्योदय - 07:21*
*सूर्यास्त - 05:56*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:31 से 06:24 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:18 से दोपहर 01:00 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:13 दिसम्बर 24 से रात्रि 01:06 दिसम्बर 24 तक*
*विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹ग्रह, वास्तु, अरिष्ट शांति का सरल उपाय – विष्णुसहस्रनाम🔹*

*🔸'विष्णुसहस्रनाम स्तोत्र' विधिवत अनुष्ठान करने से सभी ग्रह, नक्षत्र, वास्तु दोषों की शांति होती है । विद्याप्राप्ति, स्वास्थ्य एवं नौकरी-व्यवसाय में खूब लाभ होता है । कोर्ट-कचहरी तथा अन्य शत्रुपीड़ा की समस्याओं में भी खूब लाभ होता है । इस अनुष्ठान को करके गर्भाधान करने पर घर में पुण्यात्माएँ आती हैं । सगर्भावस्था के दौरान पति-पत्नी तथा कुटुम्बीजनों को इसका पाठ करना चाहिए ।*

*🔸अनुष्ठान-विधिः सर्वप्रथम एक चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाएँ । उस पर थोड़े चावल रख दें । उसके ऊपर ताँबे का छोटा कलश पानी भर के रखें । उसमें कमल का फूल रखें । कमल का फूल बिल्कुल ही अनुपलब्ध हो तो उसमें अडूसे का फूल रखें । कलश के समीप एक फल रखें । तत्पश्चात ताँबे के कलश पर मानसिक रूप से चारों वेदों की स्थापना कर 'विष्णुसहस्रनाम' स्तोत्र का सात बार पाठ सम्भव हो तो प्रातः काल एक ही बैठक में करें तथा एक बार उसकी फलप्राप्ति पढ़ें । इस प्रकार सात या इक्कीस दिन तक करें । रोज फूल एवं फल बदलें और पिछले दिन वाला फूल चौबीस घंटे तक अपनी पुस्तकों, दफ्तर, तिजोरी अथवा अन्य महत्त्वपूर्ण जगहों पर रखें व बाद में जमीन में गाड़ दें । चावल के दाने रोज एक पात्र में एकत्र करें तथा अनुष्ठान के अंत में उन्हें पकाकर गाय को खिला दें या प्रसाद रूप में बाँट दें । अनुष्ठान के अंतिम दिन भगवान को हलवे का भोग लगायें ।*

*🔸यह अनुष्ठान हो सके तो शुक्ल पक्ष में शुरू करें । संकटकाल में कभी भी शुरू कर सकते हैं । स्त्रियों को यदि अनुष्ठान के बीच में मासिक धर्म के दिन आते हों तो उन दिनों में अनुष्ठान बंद करके बाद में फिर से शुरू करना चाहिए । जितने दिन अनुष्ठान हुआ था, उससे आगे के दिन गिनें ।*

*🔹टिप्पणीः शास्त्र कहते हैं कि प्रदोषकाल (निषिद्धकाल) में मैथुन नहीं करना चाहिए । जिन लोगों का गर्भाधान जानकारी के अभाव में अनुचित काल में हुआ है, उन्हें अपनी संतान की ग्रहशांति के लिए यह अनुष्ठान करना चाहिए ।*

*🔸गर्भाधान के लिए अनुचित कालः संध्या का समय, जन्मदिन, पूर्णिमा, अमावस्या, प्रतिपदा, अष्टमी, एकादशी, प्रदोष (त्रयोदशी के दिन सूर्यास्त के निकट का काल), चतुर्दशी, सूर्यग्रहण, चन्द्रग्रहण, उत्तरायण, जन्माष्टमी, रामनवमी, होली, शिवरात्रि, नवरात्रि आदि पर्वों (दो तिथियों का समन्वय काल) एवं मासिक धर्म के प्रथम पाँच दिनों में तो मैथुन सर्वथा वर्जित है ।*

*🔸शास्त्रवर्णित मर्यादाओं का उल्लंघन नहीं करना चाहिए, नहीं तो आसुरी, कुसंस्कारी अथवा विकलांग संतान उत्पन्न होती है । यदि संतान नहीं हुई तो दम्पत्ति को कोई खतरनाक बीमारी हो जाती है ।*
*📖 लोक कल्याण सेतु, सितम्बर 2010*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

21 Dec, 16:19


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 22 दिसम्बर 2024*
*दिन - रविवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - पौष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि -  सप्तमी दोपहर 02:31 तक, तत्पश्चात अष्टमी*
*नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी पूर्ण रात्रि तक*
*योग - आयुष्मान् शाम 07:00 तक, तत्पश्चात सौभाग्य*
*राहु काल - शाम 04:40 से शाम 06:00 तक*
*सूर्योदय - 07:21*
*सूर्यास्त - 05:55*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:31 से 06:24 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:17 से दोपहर 01:00 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:12 दिसम्बर 23 से रात्रि 01:05 दिसम्बर 23 तक*
* व्रत पर्व विवरण - रविवारी सप्तमी (सूर्योदय से दोपहर 02:31 तक), कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी, त्रिपुष्कर योग (प्रातः 07:17 से दोपहर 02:31 तक), सर्वार्थ सिद्धि योग (अहोरात्रि)*
*विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ते हैं और शरीर का नाश होता है व अष्टमी को नारियल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹अमृत – औषधि दालचीनी🔹*

*🔸दालचीनी उष्ण, पाचक, स्फूर्तिदायक, रक्तशोधक, वीर्यवर्धक व मूत्रल है । यह वायु व कफ का शमन कर उनसे उत्पन्न होनेवाले अनेक रोगों को दूर करती है ।*

*🔸यह श्वेत रक्तकणों की वृद्धि कर रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाती है । बवासीर, कृमि, खुजली, राजयक्ष्मा ( टी,बी,), इन्फ्लूएंजा ( एक प्रकार का शीतप्रधान संक्रामक ज्वर), मूत्राशय के रोग, टायफायड, ह्रदयरोग, कैन्सर, पेट के रोग आदि में यह लाभकारी है  । संक्रामक बीमारियों की यह विशेष औषधि है ।*

*🔹दालचीनी के कुछ प्रयोग🔹*

*🔸१] पेट के रोग व सर्दी – खाँसी : १ ग्राम ( एक चने जितनी मात्रा ) दालचीनी चूर्ण में १ चम्मच शहद मिलाकर दिन में १ – २ बार चाटने से मंदाग्नि, अजीर्ण, पेट की वायु, संग्रहणी रोग, अफरा और सर्दी – खाँसी में लाभ होता है ।*

*🔸२] ह्रदयरोग : एक ग्राम दालचीनी चूर्ण २०० मि.ली. पानी में धीमी आँच पर उबालें । १०० मि.ली. पानी शेष रहने पर उसे छानकर पी लें । इसे रोज सुबह लेने से कोलेस्ट्राँल की अतिरिक्त मात्रा घटती हैं । गर्म प्रकृतिवाले लोग एवं ग्रीष्म ऋतू में इसके पानी में दूध मिलाकर उपयोग कर सकते हैं । इस प्रयोग से रक्त की शुद्धि होती है एवं ह्रदय को बल मिलता है ।*

*🔸३] स्वरभंग, खाँसी व मुँह की बदबू : दालचीनी का छोटा-सा टुकड़ा चूसने से स्वरभंग ( गला बैठना ) की विकृति नष्ट होती है व आवास खुलती है । इससे खाँसी का प्रकोप शांत होता है, मुँह की बदबू दूर होती है, मसूड़े मजबूत बनते हैं और तोतलेपन में भी लाभ होता है ।*

*🔹सावधानियाँ : गर्भवती महिलाओं के लिए दालचीनी लेना निषिद्ध है । इसकी अधिक मात्रा लेने से पित्त ( उष्ण ) प्रकृतिवालों को सिरदर्द होता है । अत्यधिक मात्रा में, रात को या दीर्घकाल तक इसका सेवन करना हानिकारक है ।*
*स्त्रोत – ऋषिप्रसाद – नवम्बर २०१६*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

20 Dec, 14:26


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 21 दिसम्बर 2024*
*दिन - शनिवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - पौष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - षष्ठी दोपहर 12:21 तक, तत्पश्चात सप्तमी*
*नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी प्रातः 06:14 दिसम्बर 22 तक, तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी*
*योग - प्रीति शाम 06:23 तक, तत्पश्चात आयुष्मान्*
*राहु काल - प्रातः 09:57 से प्रातः 11:18 तक*
*सूर्योदय - 07:20*
*सूर्यास्त - 05:55*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:30 से 06:23 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:17 से दोपहर 12:59 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:12 दिसम्बर 22 से रात्रि 01:05 दिसम्बर 22 तक*
*विशेष - षष्ठी को नीम-भक्षण (पत्ती फल खाने या दातुन मुंह में डालने) से नीच योनियों की प्राप्ति होती है व सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ते हैं और शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹मंत्रजप – संबंधी सावधानियाँ🔹*

*🔸१] माला हेतु स्वच्छता: जूठे मुँह, जूठे हाथ या मल-मूत्र या किसी विवशता में साधना से उठना पड़े तो माला लेकर बैठ गये, नहीं । हाथ-पैर धोकर या स्नान करके मंत्रजप करें । माला पहनकर शौचालय में नहीं जाना चाहिए, अगर चले गये तो मालासहित स्नान कर लें और माला धो के पहन लें । स्त्रियों को रात्रि में मासिक धर्म हो गया हो तो स्नान जरुर कर लेना चाहिए ।*

*🔸२] मासिक धर्म में : महिलाओं को मासिक धर्म में न तो माला पहननी चाहिए न माला घुमानी चाहिए और न ॐकार मंत्र जपना चाहिए । जैसे ‘हरि ॐ’ मंत्र है तो ‘हरि, हरि’ जपें, ‘ॐ नम:शिवाय’ मंत्र है तो ‘नम:शिवाय’ जपें ।’ॐ ऐं नम:’ है तो ‘ऐं नम:’ जपें ।*

*🔸३] जननाशौच व मरणाशौच में : जननाशौच (संतान – जन्म के समय लगनेवाला अशौच अर्थात सूतक ) के समय प्रसूतिका स्त्री (संतान की माता ) ४० दिन तक व संतान का पिता १० दिन तक माला लेकर जप न करें । इसी प्रकार मरणाशौच (मृत्यु के समय लगनेवाला अशौच अर्थात पातक) में १३ दिन तक माला लेकर जप नहीं किया जा सकता किंतु मानसिक जप तो प्रत्येक अवस्था में किया जा सकता है ।*
*ऋषि प्रसाद – मार्च २०१८ से*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

19 Dec, 14:45


Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩 pinned «*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞* *दिनांक - 20 दिसम्बर 2024* *दिन - शुक्रवार* *विक्रम संवत् - 2081* *अयन - दक्षिणायन* *ऋतु - हेमन्त* *मास - पौष* *पक्ष - कृष्ण* *तिथि - पञ्चमी प्रातः 10:48 तक, तत्पश्चात षष्ठी* *नक्षत्र - मघा रात्रि 03:47 दिसम्बर 21 तक, तत्पश्चात…»

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

19 Dec, 14:45


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 20 दिसम्बर 2024*
*दिन - शुक्रवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - पौष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - पञ्चमी प्रातः 10:48 तक, तत्पश्चात षष्ठी*
*नक्षत्र - मघा रात्रि 03:47 दिसम्बर 21 तक, तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी*
*योग - विष्कम्भ शाम 06:12 तक, तत्पश्चात प्रीति*
*राहु काल - प्रातः 11:17 से दोपहर 12:37 तक*
*सूर्योदय - 07:20*
*सूर्यास्त - 05:59*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:30 से 06:23 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:16 से दोपहर 12:59 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:11 दिसम्बर 21 से रात्रि 01:04 दिसम्बर 21 तक*
*विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है व षष्ठी को नीम-भक्षण (पत्ती फल खाने या दातुन मुंह में डालने) से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹शीतकाल में बलसंवर्धनार्थ : मालिश🔹*

*🔸शीतकाल बलसंवर्धन का काल है । इस काल में सम्पूर्ण वर्ष के लिए शरीर में शक्ति का संचय किया जाता है । शक्ति के लिए केवल पौष्टिक, बलवर्धक पदार्थों का सेवन ही पर्याप्त नहीं है अपितु मालिश (अभ्यंग), आसन, व्यायाम भी आवश्यक हैं )*

*🔹उपयुक्त तेल : मालिश के लिए तिल का तेल सर्वश्रेष्ठ माना गया है । यह उष्ण व हलका होने से शरीर में शीघ्रता से फैलकर स्त्रोतसों की शुद्धि करता है । यह उत्तम वायुनाशक व बलवर्धक भी है । स्थान, ऋतू, प्रकृति के अनुसार सरसों, नारियल अथवा औषधसिद्ध तेलों (आश्रम में उपलब्ध आँवला तेल) का भी किया जा सकता है । सर के लिए ठंडे व अन्य अवयवों के लिए गुनगुने तेल का उपयोग करें ।*

*🔸मालिश काल : मालिश प्रात:काल में करनी चाहिए । धुप की तीव्रता बढ़ने पर व भोजन के पश्चात न करें । प्रतिदिन पुरे शरीर की मालिश सम्भव न हो तो नियमित सिर व पैर की मालिश तथा कान, नाभि में तेल डालना चाहिए ।*

*🔹सावधानी : मालिश के बाद ठंडी हवा में न घूमें । १५ – २० मिनट बाद सप्तधान्य उबटन या बेसन अथवा मुलतानी मिट्टी लगाकर गुनगुने पानी से स्नान करें । नवज्वर, अजीर्ण व कफप्रधान व्याधियों में मालिश न करें । स्थूल व्यक्तियों में अनुलोम गति से अर्थात ऊपर से नीचे की ओर मालिश करें ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

19 Dec, 14:45


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 19 दिसम्बर 2024*
*दिन - गुरुवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - पौष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि -  चतुर्थी प्रातः 10:02 दिसम्बर 19 तक, तत्पश्चात पञ्चमी*
*नक्षत्र - अश्लेशा रात्रि 02:00 दिसम्बर 20 तक, तत्पश्चात मघा*
*योग - वैधृति शाम 06:34 तक, तत्पश्चात विष्कम्भ*
*राहु काल - दोपहर 01:57 से दोपहर 03:18 तक*
*सूर्योदय - 07:19*
*सूर्यास्त - 05:54*
*दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:29 से 06:22 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:16 से दोपहर 12:58 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:11 दिसम्बर 20 से रात्रि 01:04 दिसम्बर 20 तक*
*विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन-नाश होता है व पञ्चमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹औषधीय गुणों से भरपूर गाजर🔹*

*🔸'भावप्रकाश निघंटु' के अनुसार यह मधुर तथा तिक्त रस युक्त, तीक्ष्ण, उष्ण व भूख बढ़ानेवाली है । यह रक्त व कांति वर्धक, कृमिनाशक, कफ को निकालनेवाली व वात को दूर करनेवाली है। । इसमें विटामिन 'ए', 'बी', 'सी', 'डी', प्रोटीन्स, कार्बोहाइड्रेट्स, फॉस्फोरस, लौह तत्त्व, रेशे (fibres) आदि पाये जाते हैं । यह रोगप्रतिकारक शक्ति (immunity) बढ़ाती है व विटामिन 'ए' की प्रचुरता होने से नेत्रज्योति की वृद्धि करती है ।*

*🔸गाजर में मूँग या चने की दाल डालकर घी में जीरा, हींग, अदरक, हल्दी, कढीपत्ता आदि की छौंक लगा के बनायी गयी सब्जी खाने से चिड़चिड़ापन, मानसिक तनाव आदि विकार दूर होते हैं तथा शरीर को पुष्टि मिलती है ।*

*🔸गाजर के टुकड़ों में सेंधा नमक, कटा पुदीना, टमाटर, अदरक तथा नींबू का रस मिलाकर सलाद के रूप में सेवन करने से पाचनशक्ति की वृद्धि होती है, भोजन में अरुचि, अफरा (gas) आदि का निवारण होता है । आटे में कद्दूकश की हुई गाजर, कटा हरा धनिया, हल्दी, अजवायन, नमक और मिर्च मिला के रोटी बना सकते हैं ।*

*🔸स्वास्थ्यप्रद गाजर रस🔸*
*🔸गाजर का रस रक्तशुद्धिकर होने से कील- मुँहासे, फोड़े-फुंसी आदि में लाभकारी है । यह रक्ताल्पता (anaemia) को दूर करता है, वर्ण में निखार लाता है व यकृत (liver) की कार्यक्षमता को बढ़ाने में मददरूप हैं ।*

*🔹औषधीय प्रयोग🔹*

*🔸गाजर का रस दिन में १-२ बार पीने से हृदय-दौर्बल्य में लाभ होता है ।*

*🔸इसके रस में १-२ चम्मच शहद मिलाकर सेवन करना छाती के दर्द में हितकारी है । इस प्रयोग में गाजर को पहले उबाल लें फिर रस निकालें ।*

*🔸 इसके रस में चुकंदर का २५ मि.ली. रस मिलाकर दिन में १-२ बार पीने से मासिक धर्म की अनियमितता तथा अवरोध में लाभ होता है ।*
*🔸गाजर-रस की मात्रा : ४०-५० मि.ली.*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

17 Dec, 17:50


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 18 दिसम्बर 2024*
*दिन - बुधवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - पौष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - तृतीया प्रातः 10:06 तक, तत्पश्चात चतुर्थी*
*नक्षत्र - पुष्य रात्रि 12:58 दिसम्बर 19 तक, तत्पश्चात अश्लेशा*
*योग - इन्द्र शाम 07:34 तक, तत्पश्चात वैधृति*
*राहु काल - दोपहर 12:36 से दोपहर 01:57 तक*
*सूर्योदय - 07:18*
*सूर्यास्त - 05:53*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:28 से प्रातः 06:22 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:10 दिसम्बर 19 से रात्रि 01:03 दिसम्बर 19 तक*
* व्रत पर्व विवरण - अखुरथ संकष्टी चतुर्थी*
*विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रु वृद्धि करता है व चतुर्थी को मूली खाने से धन-नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹पौष्टिक एवं बलवर्धक मूँगफली🔹*

*🔸मूँगफली मधुर, स्निग्ध, पौष्टिक व बलवर्धक है ।इसका तेल वात-कफनाशक, घाव को भरनेवाला, कांतिवर्धक, पौष्टिक, मधुमेह में लाभकारी, आँतों के लिए बलकारक तथा खाने में तिल के तेल के समान गुणकारी होता है ।*

*🔸मूँगफली में मौजूद पोषक तत्त्व शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं । इसमें कार्बोहाइड्रेटस रेशे, प्रोटीन, कैल्शियम, लौह,  मॅग्नेशियम फॉस्फोरस, पोटैशियम, सोडियम, जिंक, ताँबा, मैगनीज एवं विटामिन बी-१, बी-२, बी-६, ई आदि तत्त्व पायें जाते हैं ।*

*🔸मूँगफली के नियमित सेवन से स्मृतिशक्ति की वृद्धि होती है । इसका सेवन समझना, याद रखना, सोचना, वैचारिक शक्ति आदि बौद्धिक क्षमताएँ विकसित करने में मूँगफली और बादाम बराबरी से सहायक होते हैं ।*

*🔸कच्ची मूँगफली दुग्धवर्धक होती है । जिन माताओं को अपने बच्चों के लिए पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं उतरता हो वे यदि कच्ची मूँगफली को पानी में भिगोकर सेवन करती है तो दूध खुल के उतरने लगता है ।*

*🔹मूँगफली है शक्तिवर्धक आहार🔹*

*🔸मूँगफली का सेवन शरीर को शक्ति प्रदान करता है । बच्चों को यदि प्रतिदिन २०-२५ ग्राम मूँगफली खिला दी जाय तो उन्हें पोषक आहार की कमी का अनुभव नहीं होगा । बच्चों के विकास के लिए मूँगफली, चने, मूँग आदि प्रोटीनयुक्त आहार उचित मात्रा में खिलाने चाहिए । इन्हें रात में भिगोकर सुबह बच्चों कि पाचनशक्ति के अनुसार देना चाहिए । पाचनशक्ति कमजोर होने पर इन्हें उबालकर भी खाया जा सकता है । इनके सेवन से कमजोरी दूर होती है एवं शरीर में शक्ति-संचय होता है । ये अधिक श्रम एवं व्यायाम करनेवालों के लिए विशेष लाभदायी हैं ।*

*🔹मूँगफली के लड्डू🔹*

*🔹४०० ग्राम मूँगफली को धीमी आँच पर अच्छे-से-अच्छे सेंक लें । छिलके उतारकर दरदरा कूट लें । इसमें १०० ग्राम पुराना गुड़ व थोड़ी-सी इलायची मिलाकर इसके लड्डू बना लें । सर्दियों में इन लड्डुओं का सेवन रक्तवर्धक, हड्डियों को मजबूत करनेवाला व शरीर में गर्मी उत्पन्न करनेवाला हैं । मूँगफली का गजक या चिक्की भी सर्दियों में सेवनिय है ।*

*🔹ध्यान दें : मूँगफली का सेवन अधिक मात्रा में न करें तथा मूँगफली खाने के तुरंत बाद पानी न पियें ।इसे चबा-चबाकर, सेंक के अथवा पानी में भिगो के खाने से यह सुपाच्य हो जाती है । मूँगफली पानी भिगोकर खाने से उसकी गर्म तासीर भी कम हो जाती है । मूँगफली के तेल के जो गुण इस लेख में दिए गये है वे कच्ची घानी के तेल के हैं, न कि रिफाइंड तेल के । रिफाइंड तेल यहाँ दिए गये गुणों से विपरीत गुणोवाला होता है ।*

*लोक कल्याण सेतु – नवम्बर २०२१ से*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

16 Dec, 14:40


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 17 दिसम्बर 2024*
*दिन - मंगलवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - पौष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - द्वितीया प्रातः 10:56 तक, तत्पश्चात तृतीया*
*नक्षत्र - पुनर्वसु रात्रि 12:44 दिसम्बर 18 तक, तत्पश्चात पुष्य*
*योग - ब्रह्म रात्रि 09:11 तक, तत्पश्चात इन्द्र*
*राहु काल - दोपहर 03:17 से शाम 04:37 तक*
*सूर्योदय - 07:18*
*सूर्यास्त - 05:53*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:28 से 06:21 तक*
*अभिजीत मुहूर्त -  दोपहर 12:15 से दोपहर 12:57 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:10 दिसम्बर 18 से रात्रि 01:03 दिसम्बर 18 तक*
*व्रत पर्व विवरण - त्रिपुष्कर योग (प्रातः 07:14 से प्रातः 10:56 तक)*
*विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा  बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है व तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹 शीत ऋतु में विशेष तौर पर होनेवाला कफ रोग 🔹*

*🔸 कफ प्रकृति वाले लोगों को मंदाग्नि होने से कफ होता है । आहार में मधुर, नमकीन, चिकनाई युक्त,  गुरु व अधिक मात्रा में लिया गया आहार कफ उतपन्न करता है ।*

*🔸 कफ का रोगी तीखा, कड़वा व कसैले रस अधिक लें । मिर्च, काली मिर्च, हींग, लहसुन, तुलसी, पीपरामूल, अदरक, लौंग आदि का सेवन विशेष रूप से कर सकते हैं ।*

*🔸 आहार रुक्ष, लघु, अल्प व उष्ण गुणयुक्त लें । जिस में बाजरा, बैगन, सहजन, सुआ की भाजी, मेथी, हल्दी, राई, अजवायन, कुलथी, चने, तिल का तेल, मूँग, विना छिलके के भुने हुए चने का सेवन करें । उबालने पर आधा शेष रहे पानी और अनुकूल पड़े तो सौंठ के टुकड़े डाल कर उबला हुआ पानी पियें । हो सके तो पानी गर्म-गर्म ही पियें । छाती, गले व सिर पर सेंक करें । नींद अधिक न लें ।*

*🔹 औषधि : भोजन के बाद हिंगादी हरड़ चूर्ण या संत कृपा चूर्ण का सेवन करें अथवा संत कृपा चूर्ण दिन में 2 बार शहद के साथ लें । गजकरणी करें । सूर्यभेदी प्राणायाम करें ।*

*प्रातः गौमूत्र अथवा गौझरण अर्क का सेवन करें ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

16 Dec, 02:29


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 16 दिसम्बर 2024*
*दिन - सोमवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - पौष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - प्रतिपदा दोपहर 12:27 तक, तत्पश्चात द्वितीया*
*नक्षत्र - आर्द्रा रात्रि 01:13 दिसम्बर 17 तक, तत्पश्चात पुनर्वसु*
*योग - शुक्ल रात्रि 11:23 तक, तत्पश्चात ब्रह्म*
*राहु काल - प्रातः 08:34 से प्रातः 09:55 तक*
*सूर्योदय - 07:17*
*सूर्यास्त - 05:52*
दिशा शूल - पूर्व दिशा में
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:27 से प्रातः 06:21 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 12:57 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:09 दिसम्बर 17 से रात्रि 01:02 दिसम्बर 17 तक*
*विशेष - प्रतिपदा को कुष्मांड (कुम्हड़ा, पेठा) न खायें क्योंकि यह धन का नाश करनेवाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

14 Dec, 15:06


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 15 दिसम्बर 2024*
*दिन - रविवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - मार्गशीर्ष*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - पूर्णिमा दोपहर 02:31 तक, तत्पश्चात प्रतिपदा*
*नक्षत्र - मृगशिरा रात्रि 02:20 दिसम्बर 16 तक, तत्पश्चात आर्द्रा*
*योग - शुभ रात्रि 02:04 दिसम्बर 16 तक, तत्पश्चात शुक्ल*
*राहु काल - शाम 04:36 से शाम 05:57 तक*
*सूर्योदय - 07:17*
*सूर्यास्त - 05:52*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:27 से प्रातः 06:20 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 12:56 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:09 दिसम्बर 16 से रात्रि 01:02 दिसम्बर 16 तक*
*व्रत पर्व विवरण - अन्नपूर्णा जयन्ती, त्रिपुर भैरवी जयन्ती, धनु संक्रान्ति, षडशीति संक्रांति (दोपहर 12:22 से सूर्यास्त तक), मार्गशीर्ष पूर्णिमा*
*विशेष - पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना व लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹नवयौवन देनेवाली पुनर्नवा🔹*

*🔸यह शरीर को, विशेषकर दृष्टि को नया करती की है इसलिए इसको 'पुनर्नवा' कहते हैं । इसे हिन्दी में गदहपूरना या पुनर्नवा, मराठी में घेटुली, गुजराती में लाल साटोड़ी कहते हैं ।*

*🔸यह कोशिकाओं में संचित सूक्ष्म मल तथा दोषों को मूत्र के द्वारा बाहर निकालकर सम्पूर्ण शरीर की शुद्धि करती है, जिससे गुर्दे (kidneys), यकृत, हृदय आदि सभी अंग-प्रत्यंगों की कार्यशीलता व मजबूती बढ़ती है तथा युवावस्था दीर्घकाल तक बनी रहती है । यह बड़ी उम्र में कष्टदायी अनेक रोगों, जैसे मधुमेह (diabetes), हृदयरोग, श्वासरोग (दमा), खाँसी आदि से रक्षा करती है ।*

*🔸आचार्य वाग्भटजी ने भी कहा है: 'जीर्णोऽपि भूयः सः पुनर्नवः स्यात् ।' अर्थात् चाहे कैसा भी वृद्ध मनुष्य हो, इसके विधिवत् सेवन से वह पुनः नवयुवक सदृश बनता है ।*

*🔸आधुनिक शोधों के अनुसार पुनर्नवा पोषक तत्त्वों का एक अच्छा स्रोत है। इसमें अमीनो एसिड, कैल्शियम, विटामिन 'सी', 'बी २', 'बी ३' पाये जाते हैं । यह कैंसर, मधुमेह, तनाव आदि में लाभदायक है ।*

*🔸पुनर्नवा उत्तम विषनाशक भी है । यह विरुद्ध आहार व अंग्रेजी दवाओं के अतिशय सेवन से शरीर में संचित हुए विषैले द्रव्यों का निष्कासन रोगों से रक्षा करती है । पाचकाग्नि को बढ़ाती है । इसके पेशाब खुलकर लानेवाले एवं सूजन पुणे कम करनेवाले गुणों के कारण यह सूजन, पेट में फेफड़ों में पानी भरना, पेशाब कम आना, गुर्दों पथरी आदि में बहुत ही लाभदायी औषधि है । रक्ताल्पता, संधिवात, आमवात और अजीर्ण में यह लाभकारी है ।*

*🔸पत्तों की सब्जी : मूँग की दाल मिला के इसकी रसदार सब्जी बनती है, जो शरीर की सूजन, मूत्ररोगों (विशेषकर मूत्राल्पता), हृदयरोगों, दमा, शरीरदर्द, मंदाग्नि, खून की कमी, यकृत के रोग तथा इन रोगों से रक्षा करने में फायदेमंद है ।*

*🔸नेत्रज्योति बढ़ाने हेतु विशेष प्रयोग पुनर्नवा की जड़ व पत्तों के ५-१० मि.ली. छने हुए रस में १ चम्मच मिश्री मिलाकर सुबह खाली पेट १ मास तक सेवन करें । इससे नेत्रज्योति खूब बढ़ती है एवं शरीर में स्फूर्ति आती है ।*

*🔸रसायन-प्रयोग: आयुर्वेद के आचार्यों ने पुनर्नवा को रसायन (tonic) कहा है । इसके सेवन से दीर्घायुष्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है । इससे जठराग्नि की वृद्धि होती है और शरीर का पोषण होता है । यह बल व शक्ति प्रदान करनेवाला है ।*

*🔸(१) पुनर्नवा के ताजे पत्तों के ५-१० मि.ली. रस में एक चुटकी काली मिर्च व थोड़ा-सा शहद मिलाकर लें ।*

*🔸(२) २-२ ग्राम पुनर्नवा चूर्ण या २-२ पुनर्नवा मूल (टेबलेट) सुबह-शाम दूध के साथ एक वर्ष तक लेने से शरीर में नयी कोशिकाओं का निर्माण होता है ।*
*-ऋषि प्रसाद नवम्बर 2023*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

13 Dec, 14:33


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 14 दिसम्बर 2024*
*दिन - शनिवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - मार्गशीर्ष*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - चतुर्दशी शाम 04:58 तक, तत्पश्चात पूर्णिमा*
*नक्षत्र - रोहिणी प्रातः 03:54 दिसम्बर 15 तक, तत्पश्चात मृगशिरा*
*योग - सिद्ध प्रातः 08:27 तक, तत्पश्चात साध्य प्रातः 05:07 दिसम्बर 15 तक, तत्पश्चात शुभ*
*राहु काल - प्रातः 09:53 से प्रातः 11:14 तक*
*सूर्योदय - 07:16*
*सूर्यास्त - 05:52*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:26 से 06:19 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:13 से दोपहर 12:56 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:08 दिसम्बर 15 से रात्रि 01:01 दिसम्बर 15 तक*
* व्रत पर्व विवरण - श्री दत्तात्रेय जयन्ती, रोहिणी व्रत, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग (प्रातः 07:12 से प्रातः 03:54 दिसम्बर 15 तक)*
*विशेष - चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹खजूर खाओ, सेहत बनाओ !🔹*

*🔸 खजूर मधुर, शीतल, पौष्टिक व सेवन करने के बाद तुरंत शक्ति-स्फूर्ति देनेवाला है । यह रक्त, मांस व वीर्य की वृद्धि करता है । हृदय व मस्तिष्क को शक्ति देता है । वात, पित्त व कफ इन तीनों दोषों का शामक है । यह मल व मूत्र को साफ लाता है । खजूर में कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन्स, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नेशियम, फॉस्फोरस, लौह आदि प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं । ‘अमेरिकन कैंसर सोसायटी’ के अनुसार शरीर को एक दिन में 20-35 ग्राम डाएटरी फाइबर (खाद्य पदार्थों में स्थित रेशा) की जरूरत होती है, जो खजूर खाने से पूरी हो जाती है ।*

*🔸 खजूर रातभर पानी में भिगोकर सुबह लेना लाभदायक है । कमजोर हृदयवालों के लिए यह विशेष उपयोगी है । खजूर यकृत (लीवर) के रोगों में लाभकारी है । रक्ताल्पता में इसका नियमित सेवन लाभकारी है । नींबू के रस में खजूर की चटनी बनाकर खाने से भोजन की अरुचि मिटती है । खजूर का सेवन बालों को लम्बे, घने और मुलायम बनाता है ।*

*🔸 सावधानी : आजकल खजूर को वृक्ष से अलग करने के बाद रासायनिक पदार्थों के द्वारा सुखाया जाता है । ये रसायन शरीर के लिए हानिकारक होते हैं । अतः उपयोग करने से पहले खजूर को अच्छी तरह से धो लें । धोकर सुखाने के बाद इन्हें विभिन्न प्रकार से उपयोग किया जा सकता है ।*

*🔶 मात्रा : 5 से 7 खजूर अच्छी तरह धोकर रात को भिगो के सुबह खायें । बच्चों के लिए 2-4 खजूर पर्याप्त है । दूध या घी में मिलाकर खाना विशेष लाभदायी है ।*

*🔹बुद्धि बढ़ाने के ढेर सारे उपाय🔹*


*🔸 १] दिव्य प्रेरणा-प्रकाश पुस्तक में (पृष्ठ २ पर ) एक मंत्र लिखा है , उसको पढ़कर दूध में देखोगे और वह दूध पियोगे तो बुद्धि बढ़ेगी, बल बढ़ेगा ।*

*🔸 २] मंत्रजप और अनुष्ठान से बुद्धि विकसित होती है ।*

*🔸 ३] भगवच्चिंतन करके ॐकार का गुंजन करके शांत होओगे तो बुद्धि बढ़ेगी ।*

*🔸 ४] श्वासोच्छवास में भगवान् सूर्यनारायण का ध्यान करने से भी फायदा होगा ।*

*🔸 ५] श्रद्धा, भक्ति और गुरुजनों के सत्संग से भी बुद्धि उन्नत होती है ।*

*🔸 ७] भगवद-ध्यान से तो बुद्धि को बढना ही है ।*

*🔸 ८] स्मृतिशक्ति बढ़ानी है तो कानों में अँगूठे के पासवाली पहली उँगलियाँ डालकर लम्बा श्वास लो फिर होंठ बंद रख के कंठ से ‘ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ....’ ऐसा उच्चारण करो । इस प्रकार १० बार करो । इस भ्रामरी प्राणायाम से स्मृति बढ़ेगी, बुद्धू विद्यार्थी भी अच्छे अंक लायेंगे ।*

*ऋषिप्रसाद – अक्टूबर २०२० से*

14.12.2024

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

12 Dec, 09:10


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 13 दिसम्बर 2024*
*दिन - शुक्रवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - मार्गशीर्ष*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - त्रयोदशी शाम 07:40 तक, तत्पश्चात चतुर्दशी*
*नक्षत्र - भरणी प्रातः 07:50 तक, तत्पश्चात कृत्तिका प्रातः 05:48 दिसम्बर 14 तक, तत्पश्चात रोहिणी*
*योग - शिव प्रातः 11:54 तक तत्पश्चात सिद्ध*
*राहु काल - प्रातः 11:14 से दोपहर 12:34 तक*
*सूर्योदय - 07:16*
*सूर्यास्त - 05:51*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:26 से 06:19 तक*
*अभिजीत मुहूर्त -  दोपहर 12:13 से दोपहर 12:56 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:08 दिसम्बर 14 से रात्रि 01:01 दिसम्बर 14 तक*
* व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत*
*विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹सर्दियों के लिए बल व पुष्टि का खजाना🔹*

*🔸रात को भिगोयी हुई १ चम्मच उड़द की डाल सुबह महीन पीसकर उसमें २ चम्मच शुद्ध शहद मिला के चाटें । १ - १.३० घंटे बाद मिश्रीयुक्त दूध पियें । पूरी सर्दी यह प्रयोग करने से शरीर बलिष्ठ और सुडौल बनता है तथा वीर्य की वृद्धि होती है ।*

*🔸दूध के साथ शतावरी का २ – ३ ग्राम चूर्ण लेने से दुबले-पतले व्यक्ति, विशेषत: महिलाएँ कुछ ही दिनों में पुष्ट जो जाती हैं । यह चूर्ण स्नायु संस्थान को भी शक्ति देता हैं ।*

*🔸रात को भिगोयी हुई ५ – ७ खजूर सुबह खाकर दूध पीना या सिंघाड़े का देशी घी में बना हलवा खाना शरीर के लिए पुष्टिकारक है ।*

*🔸रोज रात को सोते समय भुनी हुई सौंफ खाकर पानी पीने से दिमाग तथा आँखों की कमजोरी में लाभ होता है ।*

*🔸आँवला चूर्ण, घी तथा शहद समान मात्रा में मिलाकर रख लें । रोज सुबह एक चम्मच खाने से शरीर के बल, नेत्रज्योति, वीर्य तथा कांति में वृद्धि होती है ।हड्डियाँ मजबूत बनती हैं ।*

*🔸१०० ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को २० ग्राम घी में मिलाकर मिट्टी के पात्र में रख दें । सुबह ३ ग्राम चूर्ण दूध के साथ नियमित लेने से कुछ ही दिनों में बल-वीर्य की वृद्धि होकर शरीर हृष्ट-पुष्ट बनता है ।*

*🔸शक्तिवर्धक खीर : ३ चम्मच गेहूँ का दलिया व २ चम्मच खसखस रात को पानी में भिगो दें । प्रात: इसमें दूध और मिश्री डालकर पकायें । आवश्यकता अनुसार मात्रा घटा-बढ़ा सकते हैं । यह खीर शक्तिवर्धक है ।*

*🔸हड्डी जोडनेवाला हलवा : गेहूँ के आटे में गुड व ५ ग्राम बला चूर्ण डाल के बनाया गया हलवा (शीरा) खाने से टूटी हुई हड्डी शीघ्र जुड़ जाति है । दर्द में भी आराम होता है ।*

*🔸सर्दियों में हरी अथवा सुखी मेथी का सेवन करने से शरीर के ८० प्रकार के वायु-रोगों में लाभ होता है ।*

*🔸सब प्रकार के उदर-रोगों में मठ्ठे और देशी गाय के मूत्र का सेवन अति लाभदायक है । (गोमूत्र न मिल पाये तो गोझरण अर्क का उपयोग कर सकते हैं ।)*

*- ऋषि प्रसाद – नवम्बर २०१४ से*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

11 Dec, 18:33


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 12 दिसम्बर 2024*
*दिन - गुरुवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - मार्गशीर्ष*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - द्वादशी रात्रि 10:26 तक, तत्पश्चात त्रयोदशी*
*नक्षत्र - अश्विनी प्रातः 09:52 तक तत्पश्चात भरणी*
*योग - परिघ दोपहर 03:23 तक तत्पश्चात शिव*
*राहु काल - दोपहर 01:54 से दोपहर 03:15 तक*
*सूर्योदय - 07:14*
*सूर्यास्त - 05:51*
*दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:25 से 06:18 तक*
*अभिजीत मुहूर्त -  दोपहर 12:12 से दोपहर 12:55 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:07 दिसम्बर 13 से रात्रि 01:00 दिसम्बर 13 तक*
* व्रत पर्व विवरण - मत्स्य द्वादशी, सर्वार्थ सिद्धि योग (प्रातः 07:11 से प्रातः 09:52 तक)*
*विशेष - द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔷सिर व बालों की समस्याओं से बचने हेतु🔷*

*🔸सर्वांगासन ठीक ढंग से करते रहने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं, बाल झड़ने बंद हो जाते हैं और जल्दी सफेद नहीं होते अपितु काले, चमकीले और सुंदर बन जाते हैं । आँवले का रस कभी – कभी बालों की जड़ों में लगाने से उनका झड़ना बंद हो जाता है । ( सर्वांगासन की विधि आदि पढ़े आश्रम से प्रकाशित पुस्तक ‘योगासन’ के पृष्ठ १५ पर । )*

*🔸युवावस्था से ही दोनों समय भोजन करने के बाद वज्रासन में बैठकर दो – तीन मिनट तक लकड़ी की कंघी सिर में घुमाने से बाल जल्दी सफेद नहीं होते तथा बाल और मस्तिष्क की पीड़ा संबंधी रोग नहीं होते । सिरदर्द दूर होकर मस्तिष्क बलवान बनता है । बालों का जल्दी गिरना, सिर की खुजली व गर्मी आदि रोग दूर होने में सहायता मिलती है । गोझरण अर्क में पानी मिलाकर बालों को मलने से वे मुलायम, पवित्र, रेशम जैसे हो जाते हैं । घरेलू उपाय बाजारू चीजों से सात्त्विक, सचोट और सस्ते हैं ।*
*स्त्रोत – ऋषिप्रसाद –जून २०१६ से*

*🔹प्यास व भूख लगने पर..*

*प्यास लगे तो जल पियें, भूख तो भोजन खायें ।*
*भ्रमण करे नित भोर में, ता घर वैद्य न जायें ।।*

*जो सदा प्यास लगने पर ही पानी पीता है, भूख लगने पर ही भोजन करता है और नियमितरुप से प्रात:काल में भ्रमण करता है, उसके घर वैद्य नहीं जाते, अर्थात वह स्वस्थ्य रहता है ।*

*ऋषिप्रसाद – दिसम्बर २०२० से*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

10 Dec, 18:01


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 11 दिसम्बर 2024*
*दिन - बुधवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - मार्गशीर्ष*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - एकादशी रात्रि 01:09 दिसम्बर 12 तक, तत्पश्चात द्वादशी*
*नक्षत्र - रेवती प्रातः 11:48 तक तत्पश्चात अश्विनी*
*योग - वरीयान् शाम 06:48 तक तत्पश्चात परिघ*
*राहु काल - दोपहर 12:33 से दोपहर 01:54 तक*
*सूर्योदय - 07:14*
*सूर्यास्त - 05:51*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:25 से 06:18 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:07 दिसम्बर 12 से रात्रि 01:00 दिसम्बर 12 तक*
* व्रत पर्व विवरण - श्रीमद्भगवद गीता जयंती, मोक्षदा एकादशी*
*विशेष - एकादशी को सिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹एकदाशी में क्या करें, क्या ना करें ?*

*🌹1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें, नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करे ।*

*🌹2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, विष्णु सहस्रनाम पाठ करें ।*

*🌹हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l*

*🌹राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
*एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*

*🌹3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जाप करना चाहिए ।*

*🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।*

*🌹5. एकदशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाएं । इस दिन फल आहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*

*🌹6. व्रत के ( दशमी, एकादशी और द्वादशी ) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - इनका सेवन न करें ।*

*🌹7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।*

*🌹8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।*

*🌹9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।*

*🌹10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें, इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*

*🌹11. इस दिन बाल नहीं कटायें ।*

*🌹12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।*

*🌹13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1बजे तक) ।*

*🌹14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।*

*🔹 इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

09 Dec, 16:52


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 10 दिसम्बर 2024*
*दिन - मंगलवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - मार्गशीर्ष*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - दशमी प्रातः 03:42 दिसम्बर 11 तक, तत्पश्चात एकादशी*
*नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद दोपहर 01:30 तक तत्पश्चात रेवती*
*योग - व्यतीपात रात्रि 10:03 तक तत्पश्चात वरीयान्*
*राहु काल - दोपहर 03:14 से शाम 04:35 तक*
*सूर्योदय - 07:14*
*सूर्यास्त - 05:50*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:24 से प्रातः 06:17 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:11 से दोपहर 12:54 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:06 दिसम्बर 11 से रात्रि 12:59 दिसम्बर 11 तक*
* व्रत पर्व विवरण - व्यतिपात योग (सूर्योदय से रात्रि 10:03 तक), सर्वार्थ सिद्धि योग (प्रातः 07:10 से दोपहर 01:30 तक)*
*विशेष - दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹उपयोगी बातें🔹*

*🔹आरती के समय कपूर जलाने का विधान है । घर में नित्य कपूर जलाने से घर का वातावरण शुद्ध रहता है, शरीर पर बीमारियों का आक्रमण आसानी से नहीं होता, दुःस्वप्न नहीं आते और देवदोष तथा पितृदोषों का शमन होता है ।*

*🔹कपूर मसलकर घर में (खासकर कर ध्यान-भजन की जगह पर) थोड़ा छिड़काल कर देना भी हितावह है ।*

*🔹दीपज्योति अपने से पूर्व या उत्तर की ओर प्रगटानी चाहिए । ज्योति की संख्या 1,3,5 या 7 होनी चाहिए ।*

*दिन में नौ बार की हुई किसी भी वक्तवाली प्रार्थना अंतर्यामी तक पहुँच ही जाती है ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

24 Nov, 17:31


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 25 नवम्बर 2024*
*दिन - सोमवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - मार्गशीर्ष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - दशमी रात्रि 01:01 नवम्बर 26 तक तत्पश्चात एकादशी*
*नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी रात्रि 01:24 नवम्बर 26 तक तत्पश्चात हस्त*
*योग - विषकम्भ दोपहर 01:12 तक तत्पश्चात प्रीति*
*राहु काल - प्रातः 08:22 से प्रातः 09:43 तक*
*सूर्योदय - 07:04*
*सूर्यास्त - 05:49*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:15 से 06:08 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:05 से दोपहर 12:48 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:01 नवम्बर 26 से रात्रि 12:53 नवम्बर 26 तक*
*विशेष - दशमी को कलंबी शाक खाना त्याज्य है | (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹सावधानी से स्वास्थ्य 🔹*

*🔹किसी को वायु और गैस की तकलीफ ज्यादा हो तो उसे आलु, चावल और चने की दाल आदि का परहेज रखना चाहिए । ये वायु करते हैं । वायु का रोगी दूध पिये तो एक-दो काली मिर्च डालकर पियें ।*

*🔹सामान्य रूप से भी चावल, आलू आदि ज्यादा न खाएं नहीं तो आगे जाकर बुढ़ापे में जोड़ों का दर्द पकड़ लेगा । जो बीमारी होने वाली है, उससे बचने के लिए पहले से ही सावधान रहें ।*

*🔹चाय-कॉफी, कोल्डड्रिंक्स आदि नशीली वस्तुओं से बचना चाहिए । आहार ऐसा हो कि आपका शरीर तंदुरुस्त रहे । विचार ऐसे करो कि मन  पवित्र रहे ।*

*🔹एक गिलास गुनगुने पानी में थोड़ा संतकृपा चूर्ण एवं शहद डाल दें । मुँह में अदरक का टुकड़ा चबाएं, ऊपर से यह शहदवाला पानी पी जायें और थोड़ा घूमें । इससे शरीर का वजन नियंत्रित हो जायेगा ।*

*🔹जिनकी उम्र 40 साल से ज्यादा है उनकी रोग प्रतिकारक शक्ति बनी रहे इसके लिए ‘रसायन चूर्ण’ का सेवन करना चाहिए । आँवला, गोखरू एवं दूसरी तीन-चार चीजें मिलाकर रसायन चूर्ण बनता है ।*
*ऋषि प्रसाद, जनवरी 2002*

*(‘रसायन चूर्ण’ संत श्री आशारामजी आश्रमों, समितियों के सत्साहित्य सेवा केन्द्रों तथा आश्रम E-store :
https://www.ashramestore.com/ से प्राप्त कर सकते हैं ।)*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

24 Nov, 02:22


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 24 नवम्बर 2024*
*दिन - रविवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - मार्गशीर्ष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - नवमी रात्रि 10:19 तक तत्पश्चात दशमी*
*नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी रात्रि 10:16 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी*
*योग - वैधृति दोपहर 12:18 तक तत्पश्चात विषकम्भ*
*राहु काल - शाम 04:32 से शाम 05:53 तक*
*सूर्योदय - 07:03*
*सूर्यास्त - 05:49*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:15 से 06:07 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:05 से दोपहर 12:48 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:01 नवम्बर 25 से रात्रि 12:53 नवम्बर 25 तक*
*व्रत पर्व विवरण - गुरु तेग बहादुरजी शहीदी दिवस, सर्वार्थसिद्धि योग (रात्रि 10:16 नवम्बर 24 से प्रातः 07:00 नवम्बर 25 तक)*
*विशेष - नवमी को लौकी खाना गौमाँस के समान त्याज्य है | (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹शास्त्रीय, वैज्ञानिक भारतीय व्यवस्था का एक प्रमाण : गोबर-लेपन*

*🔹देशी गाय का गोबर शुद्धिकारक, पवित्र व मंगलकारी है । यह दुर्गंधनाशक एवं सात्त्विकता व कांति वर्धक है । भारत में अनादि काल से गौ-गोबर का लेपन यज्ञ-मंडप, मंदिर आदि धार्मिक स्थलों पर तथा घरों में भी किया जाता रहा है ।*

*भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं :*
*सभा प्रपा गृहाश्चापि देवतायतनानि च ।*
*शुध्यन्ति शकृता यासां किं भूतमधिकं तत: ।।*

*🔹‘जिनके गोबर से लीपने पर सभा-भवन, पौसले (प्याउएँ), घर और देव-मंदिर भी शुद्ध हो जाते हैं, उन गौओं से बढ़कर पवित्र और कौन प्राणी हो सकता है ?’ (महाभारत, आश्वमेधिक पर्व)*

*🔹मरणासन्न व्यक्ति को गोबर-लेपित भूमि पर लिटाने का रहस्य !*
                                  
*🔹मरणासन्न व्यक्ति को गोबर-लेपित भूमि पर लिटाये जाने की परम्परा हमारे भारतीय समाज में आपने-हमने देखी ही होगी । क्या आप जानते हैं कि इसका क्या कारण हैं ?*

*🔹गरुड़ पुराण के अनुसार ‘गोबर से बिना लिपी हुई भूमि पर सुलाये गये मरणासन्न व्यक्ति में यक्ष, पिशाच एवं राक्षस कोटि के क्रूरकर्मी दुष्ट प्रविष्ट हो जाते हैं ।’*

*🔹वैज्ञानिकों द्वारा किये गये अनुसंधानों का निष्कर्ष भी इस भारतीय परम्परा को स्वीकार करता है । अनुसंधानों के अनुसार गोबर में फॉस्फोरस पाया जाता है, जो अनेक संक्रामक रोगों के कीटाणुओं को नष्ट कर देता है । मृत शरीर में कई प्रकार के संक्रामक रोगों के कीटाणु होते हैं । अत: उसके पास उपस्थित लोगों के स्वास्थ्य-संरक्षण हेतु भूमि पर गोबर-लेपन करना अनिवार्य माना गया है ।*

*🔹हानिकारक विकिरणों से रक्षा का उपाय :*
*वर्तमान समय में वातावरण में हानिकारक विकिरण (radiations) फेंकनेवाले उपकरणों का इस्तेमाल तेजी से बढ़ता जा रहा है । इन विकिरणों तथा आणविक प्रकल्पों व कारखानों एवं परमाणु हथियारों के प्रयोग से निकलनेवाले विकिरणों से सुरक्षित रहने का सहज व सरल उपाय भारतीय ऋषि-परम्परा के अंतर्गत चलनेवाली सामाजिक व्यवस्था में हर किसीको देखने को मिल सकता है ।*

*🔹इस बात को स्पष्ट करते हुए डॉ. उत्तम माहेश्वरी कहते हैं : “घर की बाहरी दीवार पर गोबर की मोटी पर्त का लेपन किया जाय तो वह पर्त हानिकारक विकिरणों को सोख लेती है, जिससे लोगों का शरीरिक-मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षित रखने में मदद मिल सकती है  ”*

*🔹भारतीय सामजिक व्यवस्था संतो-महापुरुषों के सिद्धांतों के अनुसार स्थापित व प्रचलित होने से इसके हर एक क्रियाकलाप के पीछे सूक्ष्मातिसूक्ष्म रहस्य व उन महापुरुषों की व्यापक हित की भावना छुपी रहती है । विज्ञान तो उनकी सत्यता और महत्ता बाद में व धीमे-धीमे सिद्ध करता जायेगा और पूरी तो कभी जान ही नहीं पायेगा । इसलिए हमारे सूक्ष्मद्रष्टा, दिव्यद्रष्टा महापुरुषों के वचनों पर, उनके रचित शास्त्रों-संहिताओं पर श्रद्धा करके स्वयं उनका अनुभव करना, लाभ उठाना ही हितकारी है ।*

*📖 लोक कल्याण सेतु – जनवरी २०१९ से*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

21 Nov, 14:57


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 22 नवम्बर 2024*
*दिन - शुक्रवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - मार्गशीर्ष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - सप्तमी शाम 06:07 तक तत्पश्चात अष्टमी*
*नक्षत्र - अश्लेषा शाम 05:10 तक तत्पश्चात मघा*
*योग - ब्रह्म सुबह 11:34 तक तत्पश्चात इन्द्र*
*राहु काल - सुबह 11:04 से दोपहर 12:26 तक*
*सूर्योदय - 06:58*
*सूर्यास्त - 05:50*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:13 से 06:06 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:04 से दोपहर 12:48 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:00 नवम्बर 22 से रात्रि 12:52 नवम्बर 23 तक*
*व्रत पर्व विवरण - काल भैरव जयंती, कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी*
*विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है व शरीर का नाश होता है | (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹पथरी व पेशाब की समस्याओं के लिए🔹*

*🔹चाहे मूत्राशय में पथरी हो, चाहे गुद्दे (kidney) में हो, चाहे पित्ताशय में हो–कहीं भी पथरी हो, भूलकर भी ऑपरेशन नहीं करना । पत्थरचट्टा पोधे के २-२ पत्ते रोज खाओ, इससे कुछ ही दिनों में पथरी चट हो जाती है । यह पथरी के लिए अक्सीर इलाज है । जिनको मैंने यह प्रयोग बताया और उन्होंने किया तो उनकी पथरी निकल गयी । उन्होंने मेरे पास आ के धन्यवाद दिया, खुशी व्यक्त की । - पूज्य बापूजी*

*🔹सुबह खाली पेट खायें तो आच्छा है । कहीं सुजन हो, छोटा–मोटा घुटने का दर्द हो, मोच आ रही हो तो इसके पत्ते को रगड़ के रस निकालकर लगाने से लाभ होता है, और भी छोटे-मोटे बहुत सारे फायदे होते हैं ।*

*🔹पत्थरचट्टा का १ पत्ता बीच में से चीर के २ टुकड़े करो । चिरा हुआ भाग जमीन में गाड़ दो तो उसमे से दुसरे पौधे हो जायेंगे ।*

*🔹(गुर्दे – संबंधी रोगों की यह श्रेष्ठ गुणकारी औषधि है । रुक-रूककर पेशाब होने की समस्या में प्रतिदिन इसके २-३ पत्तों का सेवन करने से पेशाब खुल के होने लगता है ।)*
*📖 ऋषि प्रसाद – सितम्बर २०२० से*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

20 Nov, 17:07


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 21 नवम्बर 2024*
*दिन - गुरुवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - मार्गशीर्ष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - षष्ठी शाम 05:03 तक तत्पश्चात सप्तमी*
*नक्षत्र - पुष्य दोपहर 03:35 तक तत्पश्चात अश्लेषा*
*योग - शुक्ल दोपहर 12:01 तक तत्पश्चात ब्रह्म*
*राहु काल - दोपहर 01:48 से दोपहर 03:10 तक*
*सूर्योदय - 06:58*
*सूर्यास्त - 05:50*
*दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:13 से 06:05 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:04 से दोपहर 12:47 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:00 नवम्बर 21 से रात्रि 12:52 नवम्बर 22 तक*
*व्रत पर्व विवरण - गुरुपुष्यामृत योग, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग (सूर्योदय से दोपहर 03:35 तक)*
*विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है | (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*


*🔹 21 नवम्बर 2024 : गुरुपुष्यामृत योग 🔹*

*🔸पुष्य नक्षत्र का गुरुवार से योग होने पर वह अति दुर्लभ ‘गुरुपुष्यामृत योग' कहलाता है ।*

*🔸गुरुपुष्यामृत योग व्यापारिक कार्यों के लिए तो विशेष लाभदायी माना गया है ।*

*🔸 गुरुपुष्यामृत योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है ।*

*🔸गुरुपुष्यामृत योग में विद्या एवं धार्मिक अनुष्ठान प्रारम्भ करना, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना सुलभ होता है ।*

*🔸गुरुपुष्यामृत योग में विवाह व उससे संबंधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित है ।*

*🔹घर मे सुख शांति के लिए🔹*

*🔸झाड़ू और पोंछा ऐसी जगह पर नहीं रखने चाहिए कि बार-बार नजरों में आयें । भोजन के समय भी यथासंभव न दिखें, ऐसी सावधानी रखें ।*

*🔸घर में टूटी-फूटी अथवा अग्नि से जली हुई प्रतिमा की पूजा नहीं करनी चाहिए । ऐसी मूर्ति की पूजा करने से गृहस्वामी के मन में उद्वेग या घर-परिवार में अनिष्ट होता है । (वराह पुराण : १८६.४३)*

*🔸५० ग्राम फिटकरी का टुकड़ा घर के प्रत्येक कमरे में तथा कार्यालय के किसी कोने में अवश्य रखना चाहिए । इससे वास्तुदोषों से रक्षा होती है।*

*🔹गुरुवार विशेष 🔹*

*🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।*

*🔸गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :*

*🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।*
 
*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*

*फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।*

*( लोक कल्याण सेतु , अंक - ११६ )*

*🔸गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।*

*🔸गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

19 Nov, 19:18


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 20 नवम्बर 2024*
*दिन - बुधवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - मार्गशीर्ष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - पञ्चमी शाम 04:49 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*नक्षत्र - पुनर्वसु दोपहर 02:50 तक तत्पश्चात पुष्य*
*योग - शुभ दोपहर 01:08 तक तत्पश्चात शुक्ल*
*राहु काल - दोपहर 12:25 से दोपहर 01:47 तक*
*सूर्योदय - 06:58*
*सूर्यास्त - 05:50*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:12 से 06:04 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - कोई नही*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:00 नवम्बर 20 से रात्रि 12:54 नवम्बर 21 तक*
*विशेष - पञ्चमी को बेल फल खाने से कलंक लगता है | (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹गीर गायों का स्वर्णक्षारयुक्त बिलोना शुद्ध देशी घी*🔹

*🔹वर्तमान में देशी गाय का विश्वसनीय शुद्ध घी प्राप्त करना कठिन है । उसमें भी शुद्ध जल-वायु एवं जैविक खेती द्वारा उगाये गये उत्तम आहार द्रव्यों का सेवन करनेवाली तथा प्रदूषणरहित प्राकृतिक वातावरण में रहनेवाली देशी गीर गायों का घी प्राप्त होना तो दुर्लभ ही है । परंतु पूज्य संत श्री आशारामजी बापू की लोकहितकारी विभिन्न सेवाओं में से एक गौ पालन एवं संवर्धन के कारण यह धरती का दुर्लभ अमृत समाज को उपलब्ध हो रहा है ।*

*🌹पूज्य बापूजी की चरणरज से पावन हुई श्योपुर आश्रम की भूमि पर रहनेवाली उत्तम गीर नस्ल की ये गायें आश्रम की जैविक खेती के माध्यम से भक्तों द्वारा गौ-खाद से उगाये गये चारे से पुष्ट होती हैं । आश्रम के पावन वातावरण में रहनेवाली इन पवित्र गौ-माताओं से प्राप्त दूध से पारम्परिक पद्धति से बनाया गया बिलोना घी केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं अपितु मानसिक बौद्धिक व आध्यात्मिक उन्नतिकारक भी है । इस घी की सात्त्विकता, गुणवत्ता व लाभों का पूरा वर्णन नहीं किया जा सकता ।*

*🔹देशी गोघृत-सेवन के लाभ :*🔹

🔹 *(१) हृदय स्वस्थ व बलवान होता है । रक्तदाब नियंत्रित रहता है । हृदय की रक्तवाहिनियों की धमनी प्रतिचय (atherosclerosis) से रक्षा करता है । अतः हृदयरोग से रक्षा हेतु तथा हृदय रोगियों के लिए यह घी अत्यंत लाभदायी है ।*

🔹 *(२) इससे ओज की वृद्धि व दीर्घायुष्य की प्राप्ति होती है ।*

🔹 *(३) मस्तिष्क की कोशिकाएँ (neurons) पुष्ट हो जाती हैं, जिससे बुद्धि व इन्द्रियों की कार्यक्षमता विकसित होती है । बुद्धि, धारणाशक्ति एवं स्मृति की वृद्धि होती है ।*

🔹 *(४) मन का सत्व गुण विकसित होकर चिंता, तनाव, चिड़चिड़ापन, क्रोध आदि दूर होने में मदद मिलती है । मन की एकाग्रता बढ़ती है । साधना में उन्नति होती है ।*

🔹 *(५) नेत्रज्योति बढ़ती है । चश्मा, मोतियाबिंद (cataract), काँचबिंदु (glaucoma) व आँखों की अन्य समस्याओं से रक्षा होती है ।*

🔹 *(६) हड्डियाँ व स्नायु सशक्त होते हैं । संधिस्थान (joints) लचीले व मजबूत बनते हैं ।*

🔹 *(७) कैंसर से लड़ने व उसकी रोकथाम की आश्चर्यजनक क्षमता प्राप्त होती है ।*

🔹 *(८) रोगप्रतिरोधक शक्ति (immunity power) बढ़कर घातक विषाणुजन्य संक्रमणों (viral infections) से प्रतिकार करने की शक्ति मिलती है ।*

🔹 *(९) जठराग्नि तीव्र व पाचन-संस्थान सशक्त होता है । मोटापा नहीं आता, वजन नियंत्रित रहता है । वीर्य पुष्ट होता है । यौवन दीर्घकाल तक बना रहता है ।*

🔹 *(१०) चेहरे की सौम्यता, तेज एवं सुंदरता बढ़ती है । स्वर उत्तम होता है एवं रंग निखरता है । बाल घने, मुलायम व लम्बे होते हैं ।*

🔹 *(११) गर्भवती माँ द्वारा सेवन करने पर गर्भस्थ शिशु बलवान, पुष्ट और बुद्धिमान बनता है ।*

🔹 *इनके अतिरिक्त असंख्य लाभ प्राप्त होते हैं ।*

*🔹यह घी संत श्री आशारामजी आश्रमों में सत्साहित्य सेवा केन्द्रों से व समितियों से प्राप्त हो सकता है ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

18 Nov, 18:18


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 19 नवम्बर 2024*
*दिन - मंगलवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - मार्गशीर्ष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - चतुर्थी शाम 05:28 तक तत्पश्चात पञ्चमी*
*नक्षत्र - आर्द्रा दोपहर 02:56 तक तत्पश्चात पुनर्वसु*
*योग - साध्य दोपहर 02:56 तक तत्पश्चात शुभ*
*राहु काल - दोपहर 03:10 से शाम 04:32 तक*
*सूर्योदय - 06:58*
*सूर्यास्त - 05:50*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:12 से 06:04 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:03 से दोपहर 12:47 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:59 नवम्बर 19 से रात्रि 12:51 नवम्बर 20 तक*
*व्रत पर्व विवरण - मंगलवारी चतुर्थी (सूर्योदय से शाम 05.28 तक)*
*विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन-नाश होता है | (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹आरती को कैसे व कितनी बार घुमायें ?*🔹

*🌹पूज्य बापूजी के सत्संग–वचनामृत में आता है : जो भी देव हैं उनका एक बीजमन्त्र होता है । आरती करते हैं तो उनके बीजमन्त्र के अनुसार आकृति बनाते हैं ताकि उन देव कि ऊर्जा, स्वभाव हममें आयें और उनकी आभा में हमारी आभा का तालमेल हो और हमारी आभा देवत्व को उपलब्ध हो । इसलिए देवता, सद्गुरु, भगवान् कि आरती की जाती है ।*

*🔹जिस देवता का जो बीजमन्त्र होता है, आरती की थाली से उस प्रकार कि आकृति बना के आरती करते हैं तो ज्यादा लाभ होता है, जैसे आप रामजी कि आरती करते हैं तो उनका ‘रां’ बीजमन्त्र है तो ‘रां’ शब्द आरती में बनाना ज्यादा लाभ करेगा । देवी की आरती करते हैं तो सरस्वतीजी का ‘ऐं’ अथवा लक्ष्मीजी का ‘श्रीं’ बना दें । गणपतिजी का बीजमंत्र है ‘गं’ तो थाली से उस प्रकार कि आकृति बना दें । अब कौन-से देव का कौन-सा बीजमन्त्र है यह पता नहीं है तो सब बीजमन्त्रो का एक मुख्य बीजमन्त्र है ‘ॐ’कार । आरती घुमाते–घुमाते आप ॐकार बना दें । सभी देवी-देवताओं के अंदर जो परब्रह्म-परमात्मा है उसकी स्वाभाविक ध्वनि ॐ है ।*

*🔹तो ‘ॐ’ बनायें अथवा देव के चरणों से घुटनों तक ( ४ बार) फिर नाभि के सामने (२ बार) फिर मुखारविंद के सामने (१ बार) फिर एक साथ सभी अंगो में (७ बार) आरती घुमाये । इससे देव के गुण व स्वभाव आरती घुमानेवाले के स्वभाव में थोड़े थोड़े आने लगते हैं ।*

*🔹आरती का वैज्ञानिक आधार*🔹

*🔹अभी तो बिज्ञानी भी दंग रह गये कि भारत की इस पूजा-पद्धति से कितना सारा लाभ होता है ! उनको भी आश्चर्यकारक परिणाम प्राप्त हुए । अब विज्ञानी बोलते हैं कि आरती करने से अगर विशेष व्यक्ति है तो उसकी विशेष ओरा और सामान्य व्यक्ति कि ओरा एकाकार होने लगती है । वैज्ञानिकों की दृष्टि में केवल आभा है तो भी धन्यवाद ! किन्तु आभा के साथ-साथ विचार भी समान होते हैं, साथ ही हमारे और सामनेवाले के शरीर से निकलनेवाली तरंगो का विपरीत स्वभाव मिटकर हमारे जीवन में प्रकाश का भाव पैदा होता है ।*

*🔹जैसे घी, पेट्रोल और फूलों आदि की अपनी अलग-अलग गंध होती है, ऐसे ही हर मनुष्य की अपनी आभा होती है । अभी तो किर्लियन फोटोग्राफी द्वारा उस आभा का फोटो भी लिया जा सकता है । जब देवता या सद्गुरु के आगे आरती करते हैं तो उनकी आभा को अपनी आभा के साथ एकाकार करने की प्रक्रिया में दीपक उत्प्रेरक (catalytic agent) का काम करता है ।*

*🔹आयु-आरोग्य प्राप्ति व शत्रुवृद्धि शमन हेतु🔹*

*🔹आरती करने से इतने सारे लाभ होते हैं और आरती देखने से भी लाभ होता है : गुरुद्वार पर कि हुई आरती के दर्शन करने से आपके ऊपर शत्रुओं की डाल नही गलती । दीपज्योती आयु-आरोग्य प्रदायक और शत्रुओ कि वृद्धि का शमन करनेवाली है । पड़ोसी या प्रतिस्पर्धी एक-दूसरे के इतने शत्रु नहीं होते जितने मनुष्य जीवन में काम, क्रोध, लोभ आदि शत्रु हैं । तो आरती के दर्शन करने से शत्रुओ कि वृद्धि का शमन होता ।*

*🔹शास्त्रों के अनुसार जो धूप व आरती को देखता है और दोनों हाथों से आरती को लेता है वह अपनी अनेक पीढ़ियों का उद्धार करता है तथा भगवान विष्णु के परम पद को प्राप्त होता है ।*

*📖 ऋषि प्रसाद – दिसम्बर २०२१ से*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

17 Nov, 16:48


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 18 नवम्बर 2024*
*दिन - सोमवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - मार्गशीर्ष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - तृतीया शाम 06:55 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
*नक्षत्र - मॄगशिरा दोपहर 03:49 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
*योग - सिद्ध शाम 05:22  तक तत्पश्चात साध्य*
*राहु काल - प्रातः 08:18 से प्रातः 09:40 तक*
*सूर्योदय - 06:58*
*सूर्यास्त - 05:50*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:11 से 06:03 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:03 से दोपहर 12:47 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:59 नवम्बर 18 से रात्रि 12:51 नवम्बर 19 तक*
* व्रत पर्व विवरण - गणाधिप संकष्टी चतुर्थी, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग (प्रातः 06:55 से दोपहर 03:49 तक)*
*विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रु वृद्धि करता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

🔹 *बरकत लाने की सरल कुंजियाँ* 🔹
🔸  *बाजार भाव अचानक बढ़ने-घटने से, मंदी की वजह से या अन्य कारणों से कईयों का धंधा बढ़ नहीं पाता । ऐसे में आपके काम-धंधे में बरकत का खयाल रखते हुए कुछ सरल उपाय प्रस्तुत कर रहे हैं ।*
🔸 *१] ईशान कोण में तुलसी का पौधा लगाने व पूजा- स्थान पर गंगाजल रखने से बरकत होती है ।*
🔸 *२] दुकान में बिक्री कम होती हो तो कनेर का फूल घिस के उसका ललाट पर तिलक करके दुकान पर जायें तो ग्राहकी बढ़ेगी ।*
🔸 *३] रोज भोजन से पूर्व गोग्रास निकालकर गाय को खिलाने से सुख-समृद्धि व मान-सम्मान की वृद्धि होती है ।*
🔸 *४] ईमानदारी से व्यवहार करें । ईमानदारी से उपार्जित किया हुआ धन स्थायी रहता है ।*
*📖 ऋषि प्रसाद – मार्च २०१८ से*

*🔹मास - अनुसार त्रिफला का अनुपान🔹*

*🔸मासों के अनुसार त्रिफला के साथ उसमें उसकी मात्रा के छठे भाग बराबर निम्नलिखित द्रव्यों को मिला के सेवन करने से उसकी उपयोगिता और भी बढ़ जाती है ।*

*(१) श्रावण और भाद्रपद - सेंधा नमक*
*(२) आश्विन और कार्तिक - शर्करा (मिश्री या खाँड़ अर्थात् अपरिष्कृत शक्कर)*
*(३) मार्गशीर्ष और पौष - सोंठ चूर्ण*
*(४) माघ तथा फाल्गुन - पीपर का चूर्ण*
*(५) चैत्र और वैशाख - शहद*
*(६) ज्येष्ठ तथा आषाढ़ - पुराना गुड़*

*🔹इस प्रकार त्रिफला शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास के साथ-साथ आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने में सहायक व प्रसादरूप है ।*
*📖 ऋषि प्रसाद - सितम्बर 2021*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

16 Nov, 18:12


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 17 नवम्बर 2024*
*दिन - रविवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - मार्गशीर्ष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - द्वितीया रात्रि 09:06 तक तत्पश्चात तृतीया*
*नक्षत्र - रोहिणी शाम 05:22 तक तत्पश्चात मॄगशिरा*
*योग - शिव रात्रि 08:21 तक तत्पश्चात सिद्ध*
*राहु काल - शाम 04:32 से शाम 05:55 तक*
*सूर्योदय - 06:58*
*सूर्यास्त - 05:50*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:11 से 06:03 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:03 से दोपहर 12:47 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:59 नवम्बर 17 से रात्रि 12:51 नवम्बर 18 तक*
* व्रत पर्व विवरण -  रोहिणी व्रत, द्विपुष्कर योग (शाम 05:22 से रात्रि 09:06 तक)*
*विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा  बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹'बुफे सिस्टम’ नहीं, भारतीय भोजन पद्धति है लाभप्रद*🔹

*आजकल सभी जगह शादी-पार्टियों में खड़े होकर भोजन करने का रिवाज चल पडा है लेकिन हमारे शास्त्र कहते हैं कि हमें नीचे बैठकर ही भोजन करना चाहिए । खड़े होकर भोजन करने से हानियाँ तथा पंगत में बैठकर भोजन करने से जो लाभ होते हैं वे निम्नानुसार हैं : *

🔹 *खड़े होकर भोजन करने से हानियाँ*  🔹

*🔸(१) यह आदत असुरों की है । इसलिए इसे ‘राक्षसी भोजन पद्धति’ कहा जाता है ।*

🔸 *(२) इसमें पेट, पैर व आँतों पर तनाव पड़ता है, जिससे गैस, कब्ज, मंदाग्नि, अपचन जैसे अनेक उदर-विकार व घुटनों का दर्द, कमरदर्द आदि उत्पन्न होते हैं । कब्ज अधिकतर बीमारियों का मूल है ।*

🔸 *(३) इससे जठराग्नि मंद हो जाती है, जिससे अन्न का सम्यक् पाचन न होकर अजीर्णजन्य कई रोग उत्पन्न होते हैं ।*

🔸 *(४) इससे हृदय पर अतिरिक्त भार पड़ता है, जिससे हृदयरोगों की सम्भावनाएँ बढ़ती हैं ।*

🔸 *(५) पैरों में जूते-चप्पल होने से पैर गरम रहते हैं । इससे शरीर की पूरी गर्मी जठराग्नि को प्रदीप्त करने में नहीं लग पाती ।*

🔸 *(६) बार-बार कतार में लगने से बचने के लिए थाली में अधिक भोजन भर लिया जाता है, फिर या तो उसे जबरदस्ती ठूँस-ठूँसकर खाया जाता है जो अनेक रोगों का कारण बन जाता है अथवा अन्न का अपमान करते हुए फेंक दिया जाता है ।*

🔸 *(७) जिस पात्र में भोजन रखा जाता है, वह सदैव पवित्र होना चाहिए लेकिन इस परम्परा में जूठे हाथों के लगने से अन्न के पात्र अपवित्र हो जाते हैं । इससे खिलानेवाले के पुण्य नाश होते हैं और खानेवालों का मन भी खिन्न-उद्विग्न रहता है ।*

🔸 *(८) हो-हल्ले के वातावरण में खड़े होकर भोजन करने से बाद में थकान और उबान महसूस होती है । मन में भी वैसे ही शोर-शराबे के संस्कार भर जाते हैं ।*

 🔹 *बैठकर (या पंगत में) भोजन करने से लाभ* 🔹

🔸 *(१) इसे ‘दैवी भोजन पद्धति’ कहा जाता है ।*

🔸 *(२) इसमें पैर, पेट व आँतों की उचित स्थिति होने से उन पर तनाव नहीं पड़ता ।*

🔸 *(३) इससे जठराग्नि प्रदीप्त होती है, अन्न का पाचन सुलभता से होता है ।*

🔸 *(४) हृदय पर भार नहीं पड़ता ।*

🔸 *(५) आयुर्वेद के अनुसार भोजन करते समय पैर ठंडे रहने चाहिए । इससे जठराग्नि प्रदीप्त होने में मदद मिलती है । इसीलिए हमारे देश में भोजन करने से पहले हाथ-पैर धोने की परम्परा है ।*

🔸 *(६) पंगत में एक परोसनेवाला होता है, जिससे व्यक्ति अपनी जरूरत के अनुसार भोजन लेता है । उचित मात्रा में भोजन लेने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है व भोजन का भी अपमान नहीं होता ।*

🔸 *(७) भोजन परोसनेवाले अलग होते हैं, जिससे भोजनपात्रों को जूठे हाथ नहीं लगते । भोजन तो पवित्र रहता ही है, साथ ही खाने-खिलानेवाले दोनों का मन आनंदित रहता है ।*

🔸 *(८) शांतिपूर्वक पंगत में बैठकर भोजन करने से मन में शांति बनी रहती है, थकान-उबान भी महसूस नहीं होती ।*
*- 📖 ऋषि प्रसाद, अप्रैल 2014*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

15 Nov, 18:29


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 16 नवम्बर 2024*
*दिन - शनिवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - मार्गशीर्ष*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि -  प्रतिपदा रात्रि 11:50 तक तत्पश्चात द्वितीया*
*नक्षत्र - कृत्तिका शाम 07:28 तक तत्पश्चात रोहिणी*
*योग - परिघ रात्रि 11:48 तक तत्पश्चात शिव*
*राहु काल -प्रातः 09:39 से प्रातः 11:02 से तक*
*सूर्योदय - 06:56*
*सूर्यास्त - 05:51*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:10 से 06:02 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:02 से दोपहर 12:46 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:59 नवम्बर 16 से रात्रि 12:51 नवम्बर 17 तक*
* व्रत पर्व विवरण - वृश्चिक संक्रान्ति, विष्णुपदी संक्रांति (पुण्यकाल सूर्योदय से  प्रातः 07:41), सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग (शाम 07:28 नवम्बर 16 से प्रातः 06:55 नवम्बर 17 तक)*
*विशेष - प्रतिपदा को कुष्मांड (कुम्हड़ा, पेठा) न खायें क्योंकि यह धन का नाश करनेवाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹 उत्तम स्वास्थ्य के लिए महत्त्वपूर्ण बातें 🔹*

*🔹 प्रतिदिन बच्चों को प्यार से जगायें व उन्हें बासी मुँह पानी पीने की आदत डालें ।*

*🔹 चाय की जगह ताजा दूध उबालें व गुनगुना होने पर बच्चों को दें । दूध से प्राप्त प्रोटीन्स व कैल्शियम शारीरिक विकास के लिए अति महत्त्वपूर्ण होते हैं ।*

*🔹 सुबह नाश्ते में तले हुए पदार्थों की जगह उबले चने, अंकुरित मूँग, मोठ व चने की चाट बनायें । इसमें हरा धनिया, खोपरा, टमाटर, हलका - सा नमक व जीरा डालें । ऊपर से नीबूं निचोड़कर बच्चों को दें । यह ‘विटामिन ई’ से भरपूर है, जो चेहरे की चमक बढाकर ऊर्जावान बनायेगा ।*

*🔹 सब्जियों का उपयोग करने से पहले उन्हें २–३ बार पानी से धो लें । छीलते समय पतला छिलका ही उतारें क्योंकि छिलके व गुदे के बीच की पतली परत ‘विटामिन बी’ से भरपूर होती है ।*

*🔹 सब्जियों को जरूरत से अधिक देर तक न पकायें, नहीं तो उनके पोषक तत्त्व नष्ट हो जायेंगे । पत्तेदार हरि सब्जियों से मिलनेवाले लौह (आयरन) तथा खनिज लवणों (मिनरल साँल्ट्स) की कमी को कैप्सूल व दवाईयों के रूप से पूर्ति करने से बेहतर है कि इनको अपने भोजन में शामिल करें ।*

*🔹 सप्ताह में १–२ दिन पत्तेदार हरि सब्जियाँ जैसे पालक, मेथी, मूली के पत्ते, चौलाई आदि की सब्जी जरुर खायें । इस सब्जियों को छिलकेवाली दलों के साथ भी बना सकते हैं क्योंकि दालें प्रोटीन का एक बड़ा स्त्रोत हैं ।*

*🔹 चावल बनाते समय माँड न निकालें ।*

*🔹 चोकरयुक्त रोटी साधारण रोटी की तुलना में अधिक ऊर्जावान होती है । आटा हमेशा बड़े छेदवाली छन्नी से ही छानें ।*

*🔹 दाल व सब्जी में मिठास लानी हो तो शक्कर की जगह गुड डालें क्योंकि गुड़ में ग्लुकोज, लौह-तत्त्व, कैल्सियम व केरोटिन होता है । यह खून की मात्रा बढ़ाने के साथ–साथ हड्डियों को भी मजबूत बनाता है ।*

*🔹 जहाँ तक सम्भव हो सभी खट्टे फल कच्चे ही खायें व खिलायें क्योंकि आँवले को छोडकर सभी खट्टे फलों व सब्जियों का ‘विटामिन सी’ गर्म करने पर नष्ट हो जाता है ।*

*🔹 भोजन के साथ सलाद के रूप में ककड़ी, टमाटर, गाजर, मूली, पालक, चुकंदर, पत्ता गोभी आदि खाने की आदत डालें । ये आँतों की गति को नियमित रखकर रोगों की जड़ कब्जियत से बचायेंगे ।*

*🔹 दिनभर में डेढ़ से दो लीटर पानी पियें ।*

*🔹 बच्चों को चाँकलेट, बिस्कुट की जगह गुड़, मूँगफली तथा तिल की चिक्की बनाकर दें । गुड़ की मीठी व नमकीन पूरी बनाकर भी दे सकते है ।*

*🔹 जहाँ तक हो सके परिवार के सदस्य एक साथ बैठकर भोजन करें । कम-से-कम शाम को तो सभी एक साथ बैठकर भोजन कर ही सकते हैं । साथ में भोजन करने से पुरे परिवार में आपसी प्रेम व सौहार्द की वृद्धि तथा समय की बचत होती है ।*

*👉🏻 उपरोक्त बातें भले ही सामान्य और छोटी-छोटी है लेकिन इन्हें अपनायें, ये बड़े काम की हैं ।*

*📖 लोक कल्याण सेतु – मार्च २०१४ से*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

14 Nov, 16:58


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 15 नवम्बर 2024*
*दिन - शुक्रवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - कार्तिक*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - पूर्णिमा रात्रि 02:58 नवम्बर 16 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*नक्षत्र - भरणी रात्रि 09:55 तक तत्पश्चात कृत्तिका*
*योग - व्यतीपात प्रातः 07:30 तक तत्पश्चात वरीयान् प्रातः 03:33 नवम्बर 16 तक तत्पश्चात परिघ*
*राहु काल - प्रातः 11:01 से दोपहर 12:24 तक*
*सूर्योदय - 06:57*
*सूर्यास्त - 05:51*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:10 से 06:01 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:02 से दोपहर 12:46 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:59 नवम्बर 15 से रात्रि 12:50 नवम्बर 16 तक*
* व्रत पर्व विवरण - कार्तिक पूर्णिमा, मणिकर्णिका स्नान, देव दीवाली, भीष्म पञ्चक समाप्त, गुरु नानक जयन्ती, पुष्कर स्नान, कार्तिक रथ यात्रा*
*विशेष - पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹व्रत एवं उपवास का महत्त्व🔹*

*🔹भारतीय जीवनचर्या में व्रत एवं उपवास का विशेष महत्त्व है । इनका अनुपालन धार्मिक दृष्टि से किया जाता है परन्तु व्रतोपवास करने से शरीर भी स्वस्थ रहता है ।*

*‘उप’ यानी समीप और ‘वास’ यानी रहना । उपवास का सही अर्थ होता है – ब्रह्म, परमात्मा के निकट रहना । उपवास का व्यावहारिक अर्थ है – निराहार रहना । निराहार रहने से भगवद भजन और आत्मचिंतन में मदद मिलती है । वृत्ति अंतर्मुख होने लगती है । उपवास पुण्यदायी, आमदोषहर, अग्निप्रदीपक, स्फूर्तिदायक तथा इंद्रियों को प्रसन्नता देने वाला माना गया है । अतः यथाकाल, यथाविधि उपवास करके धर्म तथा स्वास्थ्य लाभ करना चाहिए ।*
*आहारं पचति शिखी दोषान् आहारवर्जितः।*

*🔹अर्थात् पेट की अग्नि आहार को पचाती है और उपवास दोषों को पचाता है । उपवास से पाचन शक्ति बढ़ती है । उपवास काल में रोगी शरीर में नया मल उत्पन्न नहीं होता है और जीवनशक्ति को पुराना मल निकालने का अवसर मिलता है । मल-मूत्र विसर्जन सम्यक होने लगता है, शरीर से हलकापन आता है तथा अतिनिद्रा-तंद्रा का नाश होता है ।*

*🔹उपवास की महत्ता के कारण भारतवर्ष के सनातन धर्मावलम्बी प्रायः एकादशी, अमावस्या, पूर्णिमा या पर्वों पर व्रत किया करते हैं क्योंकि उन दिनों सहज ही प्राणों का ऊर्ध्वगमन होता है और जठराग्नि मंद होती है । शरीर-शोधन के लिए चैत्र, श्रावण एवं भाद्रपद महीने अधिक महत्त्वपूर्ण होते हैं । नवरात्रियों के नव दिनों में भी व्रत करने का बहुत प्रचलन है । यह अनुभव से जाना गया है कि एकादशी से पूर्णिमा तथा एकादशी से अमावस्या तक का काल रोग की उग्रता में भी सहायक होता है, क्योंकि जैसे सूर्य एवं चन्द्रमा के परिभ्रमण के परिणामस्वरूप समुद्र में उक्त तिथियों के दिनों में विशेष उतार-चढ़ाव होता है उसी प्रकार उक्त क्रिया के परिणामस्वरूप हमारे शरीर में रोगों की वृद्धि होती है । इसीलिए इन चार तिथियों में उपवास का विशेष महत्त्व है ।*

*🔹रोगों में लाभकारी : आयुर्वेद की दृष्टि से शारीरिक एवं मानसिक रोगों में उपवास का विधान हितकारी माना गया है ।*

*🔹शारीरिक विकारः अजीर्ण, उल्टी, मंदाग्नि, शरीर में भारीपन, सिरदर्द, बुखार, यकृत-विकार, श्वासरोग, मोटापा, संधिवात, सम्पूर्ण शरीर में सूजन, खाँसी, दस्त  लगना, कब्जियत, पेटदर्द, मुँह में छाले, चमड़ी के रोग, किडनी के विकार, पक्षाघात आदि व्याधियों में छोटे या बड़े रूप में रोग के अनुसार उपवास करना लाभकारी होता है ।*

*🔹मानसिक विकार : मन पर भी उपवास का बहुमुखी प्रभाव पड़ता है । उपवास से चित्त की वृत्तियाँ रुकती हैं और मनुष्य जब अपनी चित्त की वृत्तियों को रोकने लग जाता है, तब देह के रहते हुए भी सुख-दुःख, हर्ष-विषाद पैदा नहीं होते । उपवास से सात्त्विक भाव बढ़ता है, राजस और तामस भाव का नाश होने लगता है, मनोबल तथा आत्मबल में वृद्धि होने लगती है । अतः अतिनिद्रा, तन्द्रा, उन्माद (पागलपन), बेचैनी, घबराहट, भयभीत या शोकातुर रहना, मन की दीनता, अप्रसन्नता, दुःख, क्रोध, शोक, ईर्ष्या आदि मानसिक रोगों में औषधोपचार सफल न होने पर उपवास विशेष लाभ देता है । इतना ही नहीं अपितु नियमित उपवास के द्वारा मानसिक विकारों की उत्पत्ति भी रोकी जा सकती है ।*

*🔹उपवास पद्धतिः पहले जो शक्ति खाना हजम करने में लगती थी उपवास के दिनों में वह विजातीय द्रव्यों के निष्कासन में लग जाती है । इस शारीरिक ऊर्जा का उपयोग केवल शरीर की सफाई के लिए ही हो इसलिए इन दिनों में पूर्ण विश्राम लेना चाहिए । मौन रह सके तो उत्तम । उपवास में हमेशा पहले एक-दो दिन ही कठिन लगते हैं । कड़क उपवास एक दो बार ही कठिन लगता है फिर तो मन और शरीर दोनों की औपचारिक स्थिति का अभ्यास हो जाता है और उसमें आनन्द आने लगता है ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

14 Nov, 16:58


*🔹सामान्यतः तीन प्रकार के उपवास प्रचलित हैं- निराहार, फलाहार, दुग्धाहार ।*

*🔹निराहारः निराहार व्रत श्रेष्ठ है । यह दो प्रकार का होता है-निर्जल एवं सजल । निर्जल व्रत में पानी का भी सेवन नहीं किया जाता । सजल व्रत में गुनगुना पानी अथवा गुनगुने पानी में नींबू का रस मिलाकर ले सकते हैं । इससे पेट में गैस नहीं बन पाती । ऐसा उपवास दो या तीन दिन रख सकते हैं । अधिक करना हो तो चिकित्सक की देख-रेख में ही करना चाहिए । शरीर में कहीं भी दर्द हो तो नींबू का सेवन न करें ।*

*🔹फलाहार : इसमें केवल फल और फलों के रस पर ही निर्वाह किया जाता है । उपवास के लिए अनार, अंगूर, सेवफल और पपीता ठीक हैं । इसके साथ गुनगुने पानी में नींबू का रस मिलाकर ले सकते हैं । नींबू से पाचन तंत्र की सफाई में सहायता मिलती है । ऐसा उपवास 6-7 दिन से ज्यादा नहीं करना चाहिए ।*

*🔹दुग्धाहारः ऐसे उपवास में दिन में 3 से 8 बार मलाई विहीन दूध 250 से 500 मि.ली. मात्रा में लिया जाता है । गाय का दूध उत्तम आहार है । मनुष्य को स्वस्थ व दीर्घजीवी बनाने वाला गाय के दूध जैसा दूसरा कोई श्रेष्ठ पदार्थ नहीं है ।*

*🔹गाय का दूध जीर्णज्वर, ग्रहणी, पांडुरोग, यकृत के रोग, प्लीहा के रोग, दाह, हृदयरोग, रक्तपित्त आदि में श्रेष्ठ है । श्वास, टी.बी. तथा पुरानी सर्दी के लिए बकरी का दूध उत्तम है ।*

*🔹रूढ़िगत उपवासः 24 घण्टों में एक बार सादा, हल्का, नमक, चीनी व चिकनाई रहति भोजन करें । इस एक बार के भोजन के अतिरिक्त किसी भी पदार्थ के सेवन न करें । केवल सादा पानी अथवा गुनगुने पानी में नींबू ले सकते हैं ।*

*🔹सावधानीः जिन लोगों को हमेशा कफ, जुकाम, दमा, सूजन, जोड़ों में दर्द, निम्न रक्तचाप रहता हो वो नींबू के रस का उपयोग न करें ।*

*🔹उपरोक्त उपवासों में केवल एक बात का ही ध्यान रखना आवश्यक है कि मल-मूत्र व पसीने का निष्कासन ठीक तरह होता रहे अन्यथा शरीर के अंगों से निकली हुई गन्दगी फिर से रक्तप्रवाह में मिल सकती है । आवश्यक हो तो एनिमा का प्रयोग करें ।*

*🔹लोग उपवास तो कर लेते हैं, लेकिन उपवास छोड़ने पर क्या खाना चाहिए ? इस पर ध्यान नहीं देते, इसीलिए अधिक लाभ नहीं होता । जितने दिन उपवास करें, उपवास छोड़ने पर उतने ही दिन मूँग का पानी लेना चाहिए तथा उसके दोगुने दिन तक मूँग उबालकर लेना चाहिए । तत्पश्चात खिचड़ी, चावल आदि तथा अंत में सामान्य भोजन करना चाहिए ।*

*🔹उपवास के नाम पर व्रत के दिन आलू, अरबी, सांग, केला, सिंघाड़े आदि का हलवा, खीर, पेड़े, बर्फी आदि गरिष्ठ भोजन भरपेट करने से रोग की वृद्धि ही होती है । अतः इनका सेवन न करें ।*

*🔶 सावधानीः गर्भवती स्त्री, क्षय रोगी, अल्सर व मिर्गी(हिस्टीरिया) के रोगियों को व अति कमजोर व्यक्तियों को उपवास नहीं करना चाहिए । मधुमेह (डायबिटीज़) के मरीजों को वैद्यकीय सलाह से ही उपवास करने चाहिए ।*

*📖 ऋषि प्रसाद, जून 2001, पृष्ठ संख्या 27,28 अंक 102*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

13 Nov, 17:13


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 14 नवम्बर 2024*
*दिन - गुरुवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - कार्तिक*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - त्रयोदशी प्रातः 09:43 तक तत्पश्चात चतुर्दशी प्रातः 06:19 नवम्बर 15 तक, तत्पश्चात पूर्णिमा*
*नक्षत्र - अश्विनी रात्रि 12:33 नवम्बर 15 तक तत्पश्चात भरणी*
*योग - सिद्धि प्रातः 11:30 तक तत्पश्चात व्यतीपात*
*राहु काल - दोपहर 01:47 से दोपहर 03:10 तक*
*सूर्योदय - 06:56*
*सूर्यास्त - 05:51*
*दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:09 से 06:01 तक*
*अभिजीत मुहूर्त -  दोपहर 12:02 से दोपहर 12:46 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:58 नवम्बर 14 से रात्रि 12:50 नवम्बर 15 तक*
* व्रत पर्व विवरण - वैकुण्ठ चतुर्दशी, विश्वेश्वर व्रत, व्यतीपात योग, सर्वार्थ सिद्धि योग (प्रातः 06:53 से रात्रि 12:33 नवम्बर 15 तक)*
*विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है व चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹सुखमय जीवन की अनमोल कुंजियाँ*🔹

*🔹यदि दुकान अथवा व्यवसाय-स्थल पर आपका मन नहीं लगता है तो इसके लिए आप जिस स्थान पर बैठते हैं वहाँ थोड़ा-सा कपूर जलायें, अपनी पसंद के पुष्प रखें और स्वस्तिक या ॐकार को अपलक नेत्रों से देखते हुए कम-से-कम ५-७ बार ॐकार का दीर्घ उच्चारण करें । अपने पीछे दीवाल पर ऊपर ऐसा चित्र लगायें जिसमें प्राकृतिक सौंदर्य हो, ऊँचे-ऊँचे पहाड़ हों परंतु वे नुकीले न हों और न ही उस चित्र में जल हो अथवा यथायोग्य किसी स्थान पर आत्मज्ञानी महापुरुषों, देवी-देवताओं के चित्र लगायें । इससे आपका मन लगने लगेगा ।*
*📖 ऋषि प्रसाद, जुलाई 2020*

*🔹 आचमन तीन बार क्यों ?*🔹

🔹 *प्राय: प्रत्येक धर्मानुष्ठान के आरम्भ में और विशेषरूप से संध्योपासना में ३ बार आचमन करने का शास्त्रीय विधान है । धर्मग्रंथों में कहा गया है कि ३ बार जल का आचमन करने से तीनों वेद अर्थात ऋग्वेद, यजुर्वेद व सामवेद प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएँ पूर्ण करते हैं । मनु महाराज ने भी कहा है : त्रिराचमेद्प: पूर्वम । (मनुस्मृति :२.६०)*

*🔹अर्थात सबसे पहले ३ बार जल से आचमन करना चाहिए । इससे जहाँ कायिक, मानसिक एवं वाचिक–त्रिविध पापों की निवृत्ति होती है वहीँ कंठशोष ( कंठ की शुष्कता) दूर होने और कफ-निवृत्ति  होने से श्वास-प्रश्वास क्रिया में मंत्रादि के शुद्ध उच्चारण में भी मदद मिलती है । प्राणायाम करते समय प्राणनिरोध से स्वभावतः शरीर में ऊष्मा बढ़ जाती है, कभी-कभी तो ऋतू के तारतम्य से तालू सूख जाने से हिचकी तक आने लग जाती है । आचमन करते ही यह सब ठीक हो जाता है ।*

*🔹बोधायन सूत्र के अनुसार आचमन-विधि :🔹*

*🔹(दायें) हाथ की हथेली को गाय के कान की तरह आकृति प्रदान कर उससे ३ बार जल पीना चाहिए ।*

*🔹शास्त्र-रीति के अनुसार आचमन में चुल्लू जितना जल नहीं पिया जाता बल्कि उतने ही प्रमाण में जल ग्रहण करने की विधि है जितना कि कंठ व तालू को स्पर्श करता हुआ हृदयचक्र की सीमा तक ही समाप्त हो जाय ।*

*🔹पूज्य बापूजी के सत्संग-अमृत में आता है : संध्या में आचमन किया जाता है । इस आचमन से कफ-संबंधी दोषों का शमन होता है, नाड़ियों के शोधन में व ध्यान-भजन में कुछ मदद मिलती है ।*

🔹 *ध्यान-भजन में बैठे तो पहले तीन आचमन कर लेने चाहिए, नहीं तो सिर में वायु चढ़ जाती है, ध्यान नहीं लगता, आलस्य आता है, मनोराज चलता है, कल्पना चलती है । आचमन से प्राणवायु का संतुलन हो जाता है ।*

*🔹आचमन से मिले शान्ति व पुण्याई🔹*

🔹 *'ॐ केशवाय नम: । ॐ नारायणाय नम: । ॐ माधवाय नम: ।'  कहकर जल के ३ आचमन लेते हैं तो जल में जो यह भगवदभाव, आदरभाव है इससे शांति, पुण्याई होती है ।*

*🔹इससे भी हो जाती है शुद्धि*🔹

*🔹जप करने के लिए आसन पर बैठकर सबसे पहले शुद्धि की भावना के साथ हाथ धो के पानी के ३ आचमन ले लो । जप करते हुए छींक, जम्हाई या खाँसी आ जाय, अपानवायु छूटे तो यह अशुद्धि है । वह माला नियत संख्या में नहीं गिननी चाहिए । आचमन करके शुद्ध होने के बाद वह माला फिर से करनी चाहिए । आचमन के बदले ‘ॐ’ सम्पुट के साथ गुरुमंत्र ७ बार दुहरा दिया जाय तो भी शुद्धि हो जायेगी । जैसे, मन्त्र है ‘नम: शिवाय’ तो ७ बार ‘ॐ नम:शिवाय ॐ’ दुहरा देने से पड़ा हुआ विघ्न निवृत्त हो जायेगा ।*

*📖 ऋषि प्रसाद – दिसम्बर २०२० से*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

13 Nov, 17:13


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 13 नवम्बर 2024*
*दिन - बुधवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - कार्तिक*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - द्वादशी दोपहर 01:01 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
*नक्षत्र - रेवती रात्रि 03:11 नवम्बर 14 तक तत्पश्चात अश्विनी*
*योग - वज्र दोपहर 03:26 तक तत्पश्चात सिद्धि*
*राहु काल - दोपहर 12:24 से दोपहर  01:47 तक*
*सूर्योदय - 06:56*
*सूर्यास्त - 05:51*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:08 से 06:00 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:58 नवम्बर 13 से रात्रि 12:50 नवम्बर 14 तक*
* व्रत पर्व विवरण - तुलसी विवाह, प्रदोष व्रत*
*विशेष - द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹 विद्यार्थियों की बुद्धिशक्ति बढ़ाने की युक्ति 🔹*

*🔹 भूमध्य को अनामिका से हलका रगड़ते हुए ॐ गं गणपतये नमः । ॐ श्री गुरुभ्यो नमः । करके तिलक करें ।*

*🔹 फिर २-३ मिनट प्रणाम की मुद्रा में (शशकासन करते हुए दोनों हाथ आगे जोड़कर) सिर जमीन पर लगा के रखें । इससे निर्णयशक्ति, बौद्धिकशक्ति में जादुई लाभ होता है । क्रोध, आवेश, वैर पर नियंत्रण पाने वाले रसों का भीतर विकास होता है ।*

*🔹 सूर्योदय के समय ताँबे के पात्र में जल ले के उसमें लाल फूल, कुमकुम डालकर सूर्यनारायण को अर्घ्य दें । जहाँ अर्घ्य का जल गिरे वहाँ की गीली मिट्टी का तिलक करें तो विद्यार्थी की बुद्धि बढ़ने में मदद मिलती है ।*
      *🌹- पूज्य बापूजी🌹*

*🔹 विटामिन बी-१२ का सस्ता, सर्वसुलभ एवं उत्तम स्रोत*

*🔹 'आम के आम गुठलियों के दाम' यह कहावत यथार्थ ही है गुठली में जो गिरी रहती है वह विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर है, जो कि शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है ।*

*🔹 आधुनिक वैज्ञानिकों ने भी अनेक अनुसंधानों से आम की गुठली की मींगी में पाये जानेवाले पोषक तत्त्वों का अध्ययन करके पाया है कि 'आम की गुठली की 100 ग्राम मींगी में आम के 2 किलो गूदे से ज्यादा पोषक तत्व पाये जाते हैं और आम के गूदे से २० गुना ज्यादा प्रोटीन, ५० गुना ज्यादा स्नेहांश यानी फैट और ४ गुना ज्यादा कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है ।*

*🔹विटामिन बी-१२ शरीर में रक्तकणों के उत्पादन में एवं तंत्रिका तंत्र (Nervous System) को स्वस्थ रखने में अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है । शाकाहारी लोगों में विटामिन बी-१२ की कमी होने का खतरा अधिक रहता है। एक शोध के अनुसार कम-से-कम ४७% भारत के लोगों में अर्थात् लगभग हर २ व्यक्तियों में से १ व्यक्ति में विटामिन बी-१२ की कमी है ।*

*🔹विटामिन बी-१२ की कमी के लक्षण🔹*

*🔹विटामिन बी-१२ की कमी होने पर खून की कमी होकर थकान, कमजोरी एवं आलस्य बना रहता है, साथ ही मुँह के छाले, हाथ-पैरों में सुन्नपन आना, आँखों की रोशनी कम होना आदि लक्षण दिखते हैं । यदि ध्यान न दिया जाय तो चलते समय शरीर का संतुलन बनाने में समस्या आना, सोचने-समझने की शक्ति में कमी होना, चिड़चिड़ापन आना आदि के साथ मस्तिष्क एवं स्नायु-तंत्र को गम्भीर क्षति पहुँचती है । यहाँ तक कि हृदय की निष्क्रियता जैसे गम्भीर उपद्रव भी हो सकते हैं ।*

*🔹बी-१२ की दैनिक जरूरत व मींगी में मात्रा🔹*

*🔹एक वयस्क व्यक्ति के लिए लगभग १ माइक्रोग्राम विटामिन बी-१२ की दैनिक जरूरत होती है । सगर्भावस्था में एवं स्तनपान करानेवाली महिलाओं में यह मात्रा १.२ से १.५ माइक्रोग्राम तक होती है । १०० ग्राम मींगी में लगभग १२० माइक्रोग्राम विटामिन बी-१२ पाया जाता है अर्थात् दैनिक जरूरत से १२० गुना ज्यादा !*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

11 Nov, 17:44


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 12 नवम्बर 2024*
*दिन - मंगलवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - कार्तिक*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - एकादशी शाम 04:04 तक तत्पश्चात द्वादशी*
*नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद प्रातः 07:52 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद प्रातः 05:40 नवम्बर 13 तक तत्पश्चात रेवती*
*योग - हर्षण शाम 07:10 तक तत्पश्चात वज्र*
*राहु काल - दोपहर 03:10 से शाम 04:33 तक*
*सूर्योदय - 06:54*
*सूर्यास्त - 05:52*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:08 से 06:00 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:02 से दोपहर 12:46 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:58 नवम्बर 12 से रात्रि 12:50 नवम्बर 13 तक*
*व्रत पर्व विवरण - देवउठी एकादशी, योगेश्वर द्वादशी, चातुर्मास समाप्त, सर्वार्थ सिद्धि योग (प्रातः 07:52 से प्रातः 05:40 नवम्बर 13 तक)*
*विशेष - एकादशी को सिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?🔹*

*🌹1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।*

*🌹2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें ।*

*🌹हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l*

*🌹राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*

*एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*

*🌹3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।*

*🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।*

*🌹5. एकदशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*

*🌹6. व्रत के ( दशमी, एकादशी और द्वादशी ) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - का सेवन न करें ।*

*🌹7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए ।आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।*

*🌹8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।*

*🌹9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।*

*🌹10. एकादशी के दिन घर में झाड़ू नहीं लगाएं । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*

*🌹11. इस दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए ।*

*🌹12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।*

*🌹13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।*

*🌹14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।*

*🔹 इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

10 Nov, 17:59


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 11 नवम्बर 2024*
*दिन - सोमवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - कार्तिक*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - दशमी शाम 06:46 तक तत्पश्चात एकादशी*
*नक्षत्र - शतभिषा प्रातः 09:40 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद*
*योग - व्याघात रात्रि 10:36 तक तत्पश्चात हर्षण*
*राहु काल - प्रातः 08:14 से प्रातः 09:37 तक*
*सूर्योदय - 06:51*
*सूर्यास्त - 05:56*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:07 से 05:59 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:01 से दोपहर 12:46 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:58 नवम्बर 11 से रात्रि 12:50 नवम्बर 12 तक*
* व्रत पर्व विवरण - भीष्म पञ्चक प्रारम्भ*
*विशेष - दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹लोकोपयोगी प्रयोग🔹*

*🔸 घर के मध्य में तुलसी का पौधा होने से घर में प्रेम के साथ-साथ सुख-समृद्धि की भी सदैव वृद्धि होती रहती है ।*

*🔸 किसी भी नयी मूल्यवान वस्तु का उपयोग शुरू करने से पहले हल्दी को गंगाजल में मिलाकर उस पर छींटें देने से वह वस्तु अधिक समय तक चलती है ।*
*📖 ऋषि प्रसाद - जुलाई 2012*

*🔹मोटापा से राहत पाने के लिए🔹*

*🔹क्या करें ? ()*

*🔸1.भोजन नियमित समय पर (सुबह 09:00 से 11:00 बजे तथा शाम को 05:00 से 07:00 के बीच) सीमित मात्रा में पचने में हल्का रुक्ष करें । सलाद व सब्जियों का उपोयोग अधिक करें । गेहूँ का उपयोग कम करें । जौ, ज्वार या बाजरे की रोटी लें ।*

*🔸2. प्राणायाम, आसन, तेजी से चलना, दौड़ना, तैरना आदि शारीरिक श्रम नियमित करें । सप्ताह में 1 दिन उपवास जरूर करें ।*

*🔸3. तखत पर पतला बिस्तर बिछाकर सोना, तिल या सरसों के तेल से मालिश करना सामान्यतया लम्बे-गहरे श्वास लेना लाभकारी है ।*

*🔸4. प्रात:काल गुनगुने पानी में शहद तथा नींबू का रस मिलाकर लें । गर्म-गर्म अन्न, गर्म पानी, चावल के माँड का सेवन करें ।*

*🔸5. शहद, आँवला चूर्ण, गोमूत्र अर्क, त्रिफला चूर्ण शुद्ध शिलाजीत तथा सोंठ अदि का सेवन  हितकारी है ।*

*🔹क्या न करें *

*🔸1. पचने में भारी मधुर व शीतल आहार का सेवन, अधिक मात्रा में भोजन व निद्रा तथा व्यायाम व परिश्रम का अभाव आदि कारणों से शरीर स्थूल होता है । अतः इनसे बचें ।*

*🔸2. दिन में सोना, लगातार बैठे रहना, देर रात को भोजन करना, भोजन में नमक का अधिक प्रयोग, गद्दों तथा ए.सी. या कूलर की हवा में सोना, आराम प्रियता आदि का त्याग करें ।*

*🔸3. कार्बोहाइड्रेट की अधिक मात्रा वाले पदार्थ जैसे चावल, शक्कर, गुड़, आलू, शकरकंद व इनसे बने हूए व्यंजन, स्निग्ध पदार्थ जैसे घी, तेल व इन से बने पदार्थ एवं दही, दूध से बने खोया, मिठाई आदि व्यंजन और सूखे मेवे व फास्ट फूड के सेवन से बचें ।*

*🔸4. अधिक तनाव भी अति स्थूलता का कारण हो सकता है, अतः इससे बचें । इसके लिए सत्संग, ध्यान, हरि का आश्रय लें ।*

*🔸5. बार-बार खाने तथा भोजन के बाद तुरंत नींद लेने या स्नान करने से बचें ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

09 Nov, 17:35


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 10 नवम्बर 2024*
*दिन - रविवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - कार्तिक*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - नवमी रात्रि 09:01 तक तत्पश्चात दशमी*
*नक्षत्र - धनिष्ठा प्रातः 10:59 तक तत्पश्चात शतभिषा*
*योग - ध्रुव रात्रि 01:42 नवम्बर 11 तक तत्पश्चात व्याघात*
*राहु काल - शाम 04:34 से शाम 05:57 तक*
*सूर्योदय - 06:49*
*सूर्यास्त - 05:57*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:07 से 05:59 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:01 से दोपहर 12:46 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:58 नवम्बर 10 से रात्रि 12:50 नवम्बर 11 तक*
* व्रत पर्व विवरण - अक्षय नवमी, आँवला नवमी, जगद्धात्री पूजा, साईं श्री लीलाशाहजी महाराज का महानिर्वाण दिवस*
*विशेष - नवमी को लौकी खाना गौमाँस के सामान त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹आँवला नवमी विशेष🔹*


*🌱 हमारे पूजनीय वृक्ष - आँवला 🌱*

*🔸 आँवला खाने से आयु बढ़ती है । इसका रस पीने से धर्म का संचय होता है और रस को शरीर पर लगाकर स्नान करने से दरिद्रता दूर होकर ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है ।*

*🔸 जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं ।*

*🔸 मृत व्यक्ति की हड्डियाँ आँवले के रस से धोकर किसी भी नदी में प्रवाहित करने से उसकी सद्गति होती है ।*
*(स्कंद पुराण, वैष्णव खंड, का.मा. 12.75)*

*🔸प्रत्येक रविवार, विशेषतः सप्तमी को आँवले का फल त्याग देना चाहिए । शुक्रवार, प्रतिपदा, षष्ठी, नवमी, अमावस्या और सक्रान्ति को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*

*🔸आँवला सेवन के बाद 2 घंटे तक दूध नहीं पीना चाहिए ।*

*🔹आँवला के औषधीय प्रयोग 🔹*

*🔸१] जिन्हें भोजन में अरुचि हो या भूख कम लगती हो उन्हें भोजन से पहले २ चम्मच आँवला रस में १ चम्मच शहद मिलाकर लेना लाभकारी है ।*

*🔸२] नाक, मूत्रमार्ग, गुदामार्ग से रक्तस्राव, योनिमार्ग में जलन व अतिरिक्त रक्तस्राव, पेशाब में जलन, रक्तप्रदर, त्वचा-विकार आदि समस्याओं में आँवला रस अथवा आँवला चूर्ण दिन में दो बार लेना लाभदायी है ।*

*🔸३] आँवला रस में ४ चुटकी हल्दी मिलाकर दिन में दो बार लें । यह सभी प्रकार के प्रमेहों में श्रेष्ठ औषधि है ।*

*🔸४] अम्लपित्त, सिरदर्द, सिर चकराना, आँखों के सामने अँधेरा छाना, उलटी होना आदि में आँवला रस या चूर्ण मिश्री मिलाकर लेना फायदेमंद है ।*

*🔸५] रक्ताप्लता या पीलिया जैसे विकारों में आँवला चूर्ण का दिन में २ बार उपयोग करने से रस-रक्त का पोषण होकर इन विकारों में लाभ होता है ।*

*🔸६] आँवला एवं मिश्री का मिश्रण घी के साथ प्रतिदिन सुबह लेने से असमय बालों का सफेद होना व झड़ना बंद हो जाता है तथा सभी ज्ञानेन्द्रियों की कार्यक्षमता बढ़ती है ।*

*🔸सेवन- मात्रा : आँवला चूर्ण – २ से ५ ग्राम, आँवला रस – १५ से २० मि.ली.*

*🔹ध्यान दें : रविवार व शुक्रवार को आँवले का सेवन वर्जित है ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

08 Nov, 17:06


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 09 नवम्बर 2024*
*दिन - शनिवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - कार्तिक*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - अष्टमी रात्रि 10:45 तक तत्पश्चात नवमी*
*नक्षत्र - श्रवण प्रातः 11:47 तक तत्पश्चात धनिष्ठा*
*योग - वृद्धि प्रातः 04:23 नवम्बर 10 तक तत्पश्चात ध्रुव*
*राहु काल - प्रातः 09:36 से प्रातः 11:00 तक*
*सूर्योदय - 06:53*
*सूर्यास्त - 05:53*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:07 से 05:58 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:01 से दोपहर 12:46 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:58 नवम्बर 09 से रात्रि 12:49 नवम्बर 10 तक*
* व्रत पर्व विवरण - गोपाष्टमी, मासिक दुर्गाष्टमी, सर्वार्थ सिद्धि योग (प्रातः 06:49 से प्रातः 11:47 तक)*
*विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है | इस दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹अशुभ क्या है एवं शुभ क्या है ?🔹*

*🔸 बिल्ली की धूलि शुभ प्रारब्ध का हरण करती है । (नारद पुराण, पूर्व भाग : 26.32)*

*🔸 कुत्ता रखने वालों के लिए स्वर्गलोक में स्थान नहीं है । उनका पुण्य क्रोधवश नामक राक्षस हर लेते हैं । (महाभारत, महाप्रयाण पर्व : 3.10)*

*🔸 'महाभारत' में यह भी आया है कि 'घर में टूटा-फूटा बर्तन, सामान (फर्नीचर), मुर्गा, कुत्ता, बिल्ली होना अच्छा नहीं है । ये शुभ गुणों को हरते हैं ।'*

*🔸 दूसरे का अन्न, दूसरे का वस्त्र, दूसरे का धन, दूसरे की शय्या, दूसरे की गाड़ी, दूसरे की स्त्री का सेवन और दूसरे के घर में वास – ये इन्द्र के भी ऐश्वर्य को नष्ट कर देते हैं । (शंखलिखित स्मृति : 17)*

*🔸 जिस तरह शरीर में जीवन न हो तो वह मुर्दा शरीर अशुभ माना जाता है । इसी तरह खाली कलश भी अशुभ है । दूध, घी, पानी अथवा अनाज से भरा हुआ कलश कल्याणकारी माना जाता है । भरा हुआ घड़ा मांगलिकता का प्रतीक है ।*

*🔸 वास्तुशास्त्र के अनुसार घर की पश्चिम दिशा में पीपल का वृक्ष होना शुभ है । इसके विपरीत पूर्व दिशा में होना विशेष अशुभ है ।*

*🔸 आँवला, बिल्व, नारियल, तुलसी और चमेली सभी दिशाओं में शुभ हैं । कुछ अन्य वृक्षों के लिए शुभ दिशाओं की सूचिः*

*जामुन – दक्षिण, पूर्व, उत्तर*
*अनार – आग्नेय, नैर्ऋत्य कोण*
*केला – तुलसी के साथ सभी दिशाओं में*
*चंदन – पश्चिम, दक्षिण (पूर्व विशेष अशुभ)*
*बड़  -  पूर्व (पश्चिम विशेष अशुभ)*
*कनेर – पूर्व, उत्तर (पश्चिम विशेष अशुभ)*
*नीम – वायव्य कोण (आग्नेय विशेष अशुभ)*

*🔸 घर में बाँस, बेर, पपीता, पलाश और बबूल के वृक्ष सभी दिशाओं में अशुभ माने जाते हैं । आम पूर्व में, सीताफल व गुलाब ईशान कोण में विशेष अशुभ हैं ।*

*🔸 अशुभ वस्तुएँ जैसे कि मांस, दुर्घटना का दृश्य, मृतक जीव-जन्तु दिखायी देने पर उसी समय सूर्यनारायण के दर्शन कर लेने चाहिए ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

07 Nov, 17:44


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 08 नवम्बर 2024*
*दिन - शुक्रवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - कार्तिक*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - सप्तमी रात्रि 11:56 तक तत्पश्चात अष्टमी*
*नक्षत्र - उत्तराषाढा दोपहर 12:03 तक तत्पश्चात श्रवण*
*योग - शूल प्रातः 08:28 तक तत्पश्चात गण्ड प्रातः 06:39 नवम्बर 09 तक तत्पश्चात वृद्धि*
*राहु काल - प्रातः 11:00 से दोपहर 12:23 तक*
*सूर्योदय - 06:52*
*सूर्यास्त - 05:53*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:06 से 05:57 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:01 से दोपहर 12:46 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:58 नवम्बर 08 से रात्रि 12:49 नवम्बर 09 तक*
* व्रत पर्व विवरण - जलाराम बापा जयन्ती, कार्तिक अष्टाह्निका विधान प्रारम्भ, सर्वार्थ सिद्धि योग ( दोपहर 12:03 से प्रातः 06:49 नवम्बर 09 तक)*
*विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ते हैं और शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹सर्वांगीण विकास की कुंजियाँ🔹*

*🔹यादशक्ति बढ़ाने हेतु🔹*

*🔸 (१) प्रतिदिन १५ से २० मि.ली. तुलसी रस, एक चम्मच च्यवनप्राश व थोड़ी-सी किशमिश का घोल बना के सारस्वत्य मंत्र अथवा गुरुमंत्र जपकर पीयें । ४० दिन में चमत्कारिक फायदा होगा ।*

*🔸 (२) भोजन के बाद तिल का एक लड्डू चबा-चबाकर खायें ।*

*🔸 (३) १०० ग्राम सौंफ, १०० ग्राम बादाम व २०० ग्राम मिश्री तीनों को कूटकर मिला लें । सुबह ३ से ५ ग्राम यह मिश्रण चबा-चबाकर खायें, ऊपर से दूध पी लें । दूध के साथ भी ले सकते हैं । इससे भी यादशक्ति बढ़ेगी ।*

*🔹पढ़ा हुआ याद रहे, इस हेतु :🔹*

*🔸 (१) अध्ययन के समय पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके सीधे बैठें ।*

*🔸 (२) सारस्वत्य मंत्र का जप कर के जीभ की नोक को तालू में लगाकर पढ़ें ।*

*🔸 (३) अध्ययन के बीच-बीच में व अंत में शांत हों और पढ़े हुए का मनन करें । भगवद्सुमिरण कर के शांत हों ।*

*🔹कद बढ़ाने हेतु🔹*

*🔸 प्रातःकाल दौड़ लगायें, पुल-अप्स व ताड़ासन करें तथा २ काली मिर्च के टुकड़े करके मक्खन में मिलाकर निगल जायें । देशी गाय का दूध कदवृद्धि में विशेष सहायक है ।*

*🔹शरीरपुष्टि हेतु:🔹*

*🔸 (१) भोजन से पहले हरड़ चूसें व भोजन के साथ भी खायें  ।*
*🔸 (२) रात्रि में एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़कर उसमें दो किशमिश भिगो दें । सुबह पानी छानकर पी जायें व किशमिश चबाकर खा लें ।*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

06 Nov, 16:09


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 07 नवम्बर 2024*
*दिन - गुरुवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - कार्तिक*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - षष्ठी रात्रि 12:34 नवम्बर 08 तक तत्पश्चात सप्तमी*
*नक्षत्र - पूर्वाषाढा प्रातः 11:47 तक तत्पश्चात उत्तराषाढा*
*योग - धृति प्रातः 09:52 तक तत्पश्चात शूल*
*राहु काल - दोपहर 01:47 से दोपहर 03:11 तक*
*सूर्योदय - 06:52*
*सूर्यास्त - 05:54*
*दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:06 से 05:57 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:01 से दोपहर 12:46 तक*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:58 नवम्बर 07 से रात्रि 12:49 नवम्बर 08 तक*
* व्रत पर्व विवरण -  सूर सम्हारम, छठ पूजा, स्कन्द षष्ठी*
*विशेष - षष्ठी को नीम-भक्षण (पत्ती फल खाने या दातुन मुंह में डालने) से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹प्रकृति अनुसार विहार🔹*

*🔹वात प्रकृति🔹*

*🔹त्याज्य : अति परिश्रम, अति व्यायाम, सतत अध्ययन, अधिक बोलना, अधिक पैदल चलना अथवा वाहनों में घूमना, तैरना, अति उपवास, रात्रि जागरण, भय, शोक, चिंता, मल-मूत्र आदि वेगों को रोकना, पश्चिम दिशा से आनेवाली हवा का सेवन ।*

*🔹हितकर : सर्वांग मालिश (विशेषतः सिर व पैर की), कान-नाक में तेल डालना, आराम, सुखशीलता, निश्चिंतता व शांत निद्रा ।*

*🔹पित्त प्रकृति 🔹*

*🔹त्याज्यः तेज धूप में घूमना, अग्नि के निकट रहना, रात्रि जागरण, अति परिश्रम, अति उपवास, क्रोध, शोक, भय ।*
*🔹हितकर : शीत, सुगंधित द्रव्यों (जैसे चंदन, अगरु) का लेप, शीत तेलों से मालिश ।*

*🔹कफ प्रकृति🔹*

*🔹त्याज्य : दिन में शयन, आरामप्रियता, आलस्य ।*
*🔹हितकर : घूमना-फिरना, दौड़ना, तैरना, व्यायाम, आसन, प्राणायाम ।*
*( त्रिदोष सिद्धांत पृ.क्र. ४)*

*🔹सुख-शांतिप्रदायक ईशान-स्थल🔹*
*🔹सुख-शांति और कल्याण चाहनेवाले बुद्धिमानों को अपने घर, दुकान या कार्यालय में ईशान-स्थल पर अपने इष्टदेव, सदगुरु का श्रीचित्र लगा के वहाँ धूप-दीप, मंत्रोच्चार तथा साधना-ध्यान पूर्व अथवा उत्तर की ओर मुख करके करना चाहिए । यह विशेष सुख-शांतिदायक है ।*

*🔹ज्ञानार्जन में सहायता व सत्प्रेरणा हेतु🔹*
*🔹विद्यार्थियों के लिए भी ईशान कोण बड़े महत्त्व का है । पूर्व एवं उत्तर दिशाएँ ज्ञानवर्धक दिशाएँ तथा ईशान-स्थल ज्ञानवर्धक स्थल है । जो विद्यार्थी ईशान-स्थल पर बैठ के पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पढ़ता है, उसे ज्ञानार्जन में विशेष सहायता मिलती है । पूर्व की ओर मुख करने से विशेष लाभ होता है । अध्ययन-कक्ष में सदगुरु या ब्रह्मज्ञानी महापुरुषों के श्रीचित्र लगाने चाहिए, इससे सत्प्रेरणा मिलती है ।*

- *📖 ऋषि प्रसाद – सितम्बर २०१८*

Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩

06 Nov, 04:11


*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*दिनांक - 06 नवम्बर 2024*
*दिन - बुधवार*
*विक्रम संवत् - 2081*
*अयन - दक्षिणायन*
*ऋतु - हेमन्त*
*मास - कार्तिक*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - पञ्चमी रात्रि 12:41 नवम्बर 07 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*नक्षत्र - मूल प्रातः 11:00 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढा*
*योग -  सुकर्मा प्रातः 10:51 तक तत्पश्चात धृति*
*राहु काल - दोपहर 12:23 से दोपहर 01:47 तक*
*सूर्योदय - 06:48*
*सूर्यास्त - 05:59*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:05 से 05:56 तक*
*अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:58 नवम्बर 06 से रात्रि 12:49 नवम्बर 07 तक*
* व्रत पर्व विवरण - लाभ पञ्चमी*
*विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है | (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹जैविक घड़ी पर आधारित दिनचर्या🔹*
*(Biological Clock Based on Routine)*

*🔹प्रातः ३ से ५ - (जीवनी शक्ति विशेषरूप से फेफडों में होती है)🔹*
*🔹थोड़ा गुनगुना पानी पीकर खुली हवा में घूमना एवं प्राणायाम करना । शरीर स्वस्थ व स्फूर्तिमान होता है । ब्राह्ममुहूर्त में उठनेवाले लोग बुद्धिमान व उत्साही होते हैं और सोते रहनेवालों का जीवन निस्तेज हो जाता है ।*

*🔹प्रातः ५ से ७ - (बड़ी आँत में)🔹*
*प्रातः जागरण से लेकर सुबह ७ बजे के बीच मल-त्याग एवं स्नान कर लेना चाहिए । सुबह ७ बजे के बाद जो मल