Ramdhari Singh Dinkar (राष्ट्रकवि दिनकर)

@mahakavidinkar


Dedicated to Ramdhari Singh `Dinkar’ Ji Folded hands (23 September 1908 – 24 April 1974)

Ramdhari Singh Dinkar (राष्ट्रकवि दिनकर)

01 Sep, 08:12


BHU गैंगरेप के आरोपी जमानत पर बाहर आये हैं.

केक काटकर स्वागत किया गया.

उनके यहाँ कल्चर है.

और आप..! आप अपनी बेटी बचाइए!

Ramdhari Singh Dinkar (राष्ट्रकवि दिनकर)

15 Aug, 12:31


देश में असली आज़ादी का मजा तो सिर्फ बलात्कारी , भ्रष्टाचारी , पेपर लीक माफिया , भूमाफिया , खनन माफिया , अधिकारी और नेता मार रहें हैं, जनता तो भेड़ की तरह है , उसको केवल एहसास दिलाया गया है कि तुम आजाद हो , हर साल टैक्स के रूप में उसकी ऊन निकाल ली जाती है । फिर भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जाता है , भारत देश की जनता 1947 से पहले भी भगवान और भाग्य के भरोसे थी और 1947 के बाद भी । 1947 के बाद बस इतना हुआ कि गोरे अंग्रेज चले गए और भूरे अंग्रेजों ने उनकी जगह ले ली। #IndependenceDay2024

Ramdhari Singh Dinkar (राष्ट्रकवि दिनकर)

14 Jan, 14:30


'रोता हुआ पुरुष'
इस सृष्टि का सबसे 'दुर्लभ' दृश्य है।

हे स्त्री !
तुम चूमना उसकी आँखें...
और कहना...
"तुम रो सकते हो...!"

~ चंद्रा फुलार

Ramdhari Singh Dinkar (राष्ट्रकवि दिनकर)

01 Jan, 06:01


जब डंकों के बदले न डंक हम दे सकते,
इनके अपने विश्वास मूक हो जाते हैं,
काटता, असल में, प्रेत इन्हें अपने मन का,
मेरी निर्विषता से नाहक घबराते हैं।

- रामधारी सिंह दिनकर

Ramdhari Singh Dinkar (राष्ट्रकवि दिनकर)

31 Dec, 05:31


चीखें जब बनतीं टेक, अंतराएँ आहें,
मन की कचोट जब पिघल गीत में घुलती है;
दुनिया सुनती चुपचाप आप अपने भीतर,
आँखें भीगें, लेकिन, जबान कब खुलती है ?

- रामधारी सिंह दिनकर

Ramdhari Singh Dinkar (राष्ट्रकवि दिनकर)

31 Dec, 05:25


नए साल की शुभकामनाएं!
खेतों की मेड़ों पर धूल भरे पाँव को
कुहरे में लिपटे उस छोटे से गाँव को
नए साल की शुभकामनाएं!

जाँते के गीतों को बैलों की चाल को
करघे को कोल्हू को मछुओं के जाल को
नए साल की शुभकामनाएं!

इस पकती रोटी को बच्चों के शोर को
चौंके की गुनगुन को चूल्हे की भोर को
नए साल की शुभकामनाएं!

वीराने जंगल को तारों को रात को
ठंडी दो बंदूकों में घर की बात को
नए साल की शुभकामनाएं!

इस चलती आंधी में हर बिखरे बाल को
सिगरेट की लाशों पर फूलों से ख़याल को
नए साल की शुभकामनाएं!

कोट के गुलाब और जूड़े के फूल को
हर नन्ही याद को हर छोटी भूल को
नए साल की शुभकामनाएं!

उनको जिनने चुन-चुनकर ग्रीटिंग कार्ड लिखे
उनको जो अपने गमले में चुपचाप दिखे
नए साल की शुभकामनाएं! 

- सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

Ramdhari Singh Dinkar (राष्ट्रकवि दिनकर)

16 Nov, 01:19


लोग भूल जाएंगे, तुमने क्या कहा
लोग भूल जाएंगे, तुमने क्या किया
लेकिन लोग ये कभी नहीं भूलेंगे कि
तुमने उन्हें कैसा महसूस करवाया।

~ माया एंजेलो

Ramdhari Singh Dinkar (राष्ट्रकवि दिनकर)

27 Oct, 16:52


कौन जाने कि तेरी नर्गिसी आँखों में कल
स्वप्न सोये कि किसी स्वप्न का मरण सोये

~ गोपालदास नीरज

Ramdhari Singh Dinkar (राष्ट्रकवि दिनकर)

18 Oct, 14:22


"सूरमा नहीं विचलित होते,
क्षण एक नहीं धीरज खोते,
विघ्नों को गले लगाते हैं,
काँटों में राह बनाते हैं।"

~ रामधारी सिंह दिनकर

Ramdhari Singh Dinkar (राष्ट्रकवि दिनकर)

16 Oct, 18:04


सिसकियों और चीत्कारों से,
जितना भी हो आकाश भरा,
कंकालों क हो ढेर,
खप्परों से चाहे हो पटी धरा ।

- रामधारी सिंह दिनकर

Ramdhari Singh Dinkar (राष्ट्रकवि दिनकर)

04 Oct, 09:45


हाय ! विभव के उस पद में
नियति-भीषिका की मुसकान
जान न सकी भोग में भूली-
सी तेरी प्यारी सन्तान।
सुन न सका कोई भी उसका
छिपा हुआ वह ध्वंसक राग-
‘‘हरे-भरे, डहडहे विपिन में
शीघ्र लगाऊँगी मैं आग।’’

- रामधारी सिंह दिनकर

Ramdhari Singh Dinkar (राष्ट्रकवि दिनकर)

30 Sep, 05:14


रात भर गहरी नींद आना इतना आसान नहीं,
उसके लिए दिन भर ईमानदारी से जीना पड़ता है।

Ramdhari Singh Dinkar (राष्ट्रकवि दिनकर)

17 Sep, 05:41


कोशिश करने वालो की कभी हार नही होती🔥  This is a very beautiful poetry recited by Amitabh bachchan

Ramdhari Singh Dinkar (राष्ट्रकवि दिनकर)

15 Sep, 03:43


कुंती ने केवल जन्म दिया
राधा ने माँ का कर्म किया
पर कहते जिसे असल जीवन
देने आया वह दुर्योधन ।

Ramdhari Singh Dinkar (राष्ट्रकवि दिनकर)

11 Sep, 06:25


बरसों बाद मिले तुम हमको आओ जरा बिचारें,
आज क्या है कि देख कौम को गम है।
कौम-कौम का शोर मचा है, किन्तु कहो असल में
कौन मर्द है जिसे कौम की सच्ची लगी लगन है?

- रामधारी सिंह दिनकर

Ramdhari Singh Dinkar (राष्ट्रकवि दिनकर)

03 Sep, 03:47


सच है, विपत्ति जब आती है,
कायर को ही दहलाती है,
सूरमा नहीं विचलित होते,
क्षण एक नहीं धीरज खोते।