अच्छा हुआ तुम मुझसे ज्यादा समझदार निकली तुमने समझा कि शायद समय रहते हम अलग हो जाए
तुमने निर्णय किया मैंने स्वीकार किया! शायद मेरा तुम्हारी चीजों को स्वीकार करना मेरी किताब का सबसे प्रमुख पन्ना रहा है हां लेकिन कुछ चीज थी जो हमेशा से तुम्हारी थी और हमेशा तुम्हारी ही रहेंगे वक्त कितना भी आगे निकल जाए रास्ते कितने भी जुदा हो जाए लेकिन जो दरार तुम छोड़ कर गई हो वह दरार कोई भर नहीं सकता!