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सुविचारों का दरिया😇

@suvichar_ka_dariya


☀️दरिया बनकर किसीको
🌤डुबाने से बेहतर है,
की जरिया बनकर किसीको🌤
बचाया जाए !☀️


बेस्ट सुविचार 💫💫🪐😊😊😊😜😊😍😍🤔🤗💪💪🤘

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2- @anshuman5555

सुविचारों का दरिया😇 (Hindi)

इस अद्भुत टेलीग्राम चैनल, 'सुविचारों का दरिया', आपको जीवन के मूल्यवान सुविचार और प्रेरणादायक कथाएं प्रदान करता है। यहां आपको नैतिकता, सफलता, और खुशहाल जीवन के लिए मार्गदर्शन मिलेगा। 'सुविचारों का दरिया' में आपको बेहतर जीवन की ओर एक कदम आगे बढ़ने के लिए प्रेरणादायक अनमोल विचार मिलेंगे। यह चैनल आपके जीवन को प्रेरित करने और सकारात्मकता से भर देने के लिए एक स्रोत के रूप में काम करता है। तो आइये, 'सुविचारों का दरिया' में शामिल होकर एक सकारात्मक और प्रेरणादायक जीवन की ओर कदम बढ़ाएं।

सुविचारों का दरिया😇

16 Jan, 23:55


मन की बात कह देने
से फैसले हो जाते हैं,
मन में रखने से
फासले हो जाते हैं। 🌿

सुविचारों का दरिया😇

16 Jan, 00:49


रिश्तों की सिलाई
अगर भावनाओं से हुई है
तो टूटना मुश्किल है
और अगर स्वार्थ से हुई है,
तो टिकना मुश्किल है।
💯❤️

सुविचारों का दरिया😇

15 Jan, 03:44


कष्ट आपके बुरे कर्मो की
वजह से नहीं आपके आने वाले
कल को बेहतर बनाने के लिए आते।

सुविचारों का दरिया😇

15 Jan, 02:27


बरबाद कर देती है मोहब्बत 
हर मोहब्बत करने वाले को, 
क्यूँकि इश्क़ हार नहीं मानता 
और दिल बात नहीं मानता।

सुविचारों का दरिया😇

14 Jan, 02:25


मीठे गुड़ में मिल गए तिल,
         उड़ी पतंग और खिल गए दिल,

हर दिन सुख और हर पल शांति,
मुबारक हो आपको ये मकर संक्रान्ति 🌿

सुविचारों का दरिया😇

11 Jan, 18:57


मुझे बहुत ज़रूरत थी तुम्हारी मगर तुम लौटे ही नहीं,

अब तुम्हारा आना देखो यूं ज़ाया हुआ मेरी लाश पर..!!

सुविचारों का दरिया😇

11 Jan, 15:40


क़ैदी जो बंद था वो भूल गया था,
उसे तो अब क़ैद में ही मज़ा आनें लगा था,

जब आज़ाद किया गया तो रोने लगा वो,
कहने लगा कि उसको ऐसी सज़ा न दो,

कोई तो जुर्म होगा जो कर दें अभी तुरंत,
बाहर नहीं जाना है हमको क्षमा करो,

ये देखते ही जेलर को गुस्सा बहुत आया,
दूर से ही गालियां बरसाते वहां आया,

बोला कि रोटी चुराने की इतनी ही सज़ा है,
बड़े आदमी थोड़ी हो की हमेशा का मज़ा है..!!

सुविचारों का दरिया😇

07 Jan, 14:15


इंसान तो शायद बुरा माने,
कागज़ को नहीं बुरा लगता,
यादों में आग लगा नहीं सकते,
इसमें तो आसान होगा,

रोना है तो रो सकते हैं
लिखते लिखते हर्ज़ ही क्या,
नहीं कुरेदता है वो दुःख को
नहीं पूछता मर्ज है क्या,

नाम किसी का लिखना चाहें
आपकी मर्ज़ी लिख सकते हैं
बदनाम किसी को करना चाहें
आपकी हस्ती कर सकते हैं,

नंगा करना है नंगे को ?
कीजिए कीजिए बढ़िया है,
भूल की माफ़ी मांगनी है ?
मांग लीजिए बढ़िया है,

अच्छा करना है तो ठीक है,
बुरा वुरा हो तो भी ठीक,
कौन यहां है आपसास में,
जो कर देंगे वही है ठीक,

शस्त्र गिरे हैं उठ जाएंगे,
लड़ना आप शुरू करिए,
मुर्दा हैं तो जी जाएंगे,
लिखना आप शुरू करिए..!!

सुविचारों का दरिया😇

07 Jan, 13:52


कितना ज़लील कितना गिरा
कितना बुरा उन्हें कह दूं,

हर एक बात से मुकर जाते हैं
कितना मरा उन्हें कह दूं.. (१)


रोज़ पहुंचते मंदिर-मस्जिद
रोज़ दुआ की लिस्ट बढ़ाते,

चाहिए उन्हें भी वैसा कोई
जैसा स्वयं नहीं बन जाते.. (२)


काबिलियत की सूई से वो
बांध रहे हैं खुली हवा को,

भ्रम है उनको ठीक होगा सब
एक दफा आ जाए धन तो..(३)

सुविचारों का दरिया😇

06 Jan, 09:45


ठेकेदार समाज के....

कम पढ़े लिखे कम समझदार,
मारपीट करनें वाले हुडदंग करानें वाले,
रैलियों में कुर्सी लगानें वाले भीड़ बुलानें वाले,
सभा का मंत्री सचिव उपसचिव वगैरह,
बने हैं ठेकेदार समाज के....(१)

सबको सही ग़लत बतानें वाले ख़ुद ही न मानने वाले,
धरम जाति में कट्टरता जतानें वाले,
बदलाव को नकार देने वाले,
अपनें को ऊंच औरों को नीच जताने वाले,
बने हैं ठेकेदार समाज के....(२)

जो पुराना सब अच्छा नया बुरा बुरा है सब,
सही को सही ग़लत को ग़लत ना मानने वाले,
जो उनका नेता कह रहा वही आख़िरी सच कहने वाले,
रिश्तों को खिलवाड़ समझने वाले,
बनें हैं ठेकेदार समाज के....(३)

घर में महिला के बोलने की मनाही,
बाहर उत्थान चिल्लाने वाले,
अपना बच्चा पढ़े विदेश और देश शिक्षा महान कहने वाले,
लाशों पर बनी गद्दी पर बैठ हुक़ूमत करने वाले,
बनें हैं ठेकेदार समाज के....(४)

इश्क़ पता चलनें पर दोनों को क़त्ल करने वाले,
बेटी बेटे की नापसंदगी पर भी ब्याह करवाने वाले,
गैरों से शारीरिक संबंध रखने वाले,
प्रेम विवाह अपराध मानने वाले,
बनें हैं ठेकेदार समाज के....(५)

सुविचारों का दरिया😇

05 Jan, 12:01


ज़मीन पर चुनाव

सफ़ेद कुर्ते में जा रहे थे डकैत दिन में
किया लपककर प्रणाम सब ने,

वहीं बगल में एक साधु को चोर कहकर
मारा बहुत लोगों जी भर के..(१)


निकल पड़े हैं आवारे गुंडे
गिरेंगे पैरों में आकर के सबके,

कहेंगे बदलाव होगा तभी जब
गिरोह को सत्ता में लाएंगे अबके..(२)


ग़रीबों को दारू मिलेगी विदेशी
मिलेगी निठल्लों को मुर्गी की दावत,

जो पढ़ के हैं बैठे मिलेगा भरोसा
की नौकर बनाएंगे रोटी की बाबत..(३)


दाढ़ी और धोती में कौन बड़ा है
बहस का यही होगा मुद्दा अकेला,

जो हम कह रहे हैं वही सत्य शाश्वत,
जो कुछ कहा तो होगा झमेला..(४)


सड़कों को नाला स्कूलों को अड्डा,
हर एक मोड़ पर नया ठेका खुलाएंगे,
चोरी छिनौती का पुण्य कहेंगे,
औरत को बाजार बेचा करेंगे,
पत्रकारों को बढ़िया पदवी दिलवाएंगे,
फोकट में सारी दुनियां घुमाएंगे,
सरकारी परीक्षा को महंगे में बेचेंगे,
छात्र कहेगा तो डंडा बरसाएंगे,
थाने कचहरी में व्यापार होगा,
अमीरी की क़िस्मत का व्यवहार होगा,
धड़ल्ले बिकेगा तमंचा और गांजा,
लेकिन फसल का ना बाज़ार होगा,
दूध दही फल पर टैक्स लगाएंगे,
फिल्मों को हां टैक्स फ्री कर दिखाएंगे,
शहीदों की शहादत पर सियासत करवाएंगे,
लेकिन व्यवस्था ना एक बढ़ाएंगे,
बड़े कर्ज़ों को माफ़ी का हक़ होगा,
चवन्नी अठन्नी में कुड़की कराएंगे,
दुश्मन को अपनें खेमें में घुसाएंगे,
बाक़ी जो होगा ख़रीद ले आएंगे,

कहना तो चाहते थे यही लेकिन साहेब,
इसके उलट बाण बौछार होगा

गांव को अपनें अमरीका बनाएंगे,
भाषण यूं ऐसा धुंआधार होगा..(५)

सुविचारों का दरिया😇

03 Jan, 14:57


बता रहा था कोई की खयाल कैसे होता है,
जैसे तुम सोचते हो वैसे तो नहीं होता है,

एक तरीका है एक मिजाज़ है और वो अनायास है,
कुछ भी कैसे भी कहना करना ठीक है लेकिन
ऐसे नहीं होता कि हुआ ना हुआ एक ही होता है,

कुछ नज़ाकत हो कुछ शर्म की बूंद हो,
कुछ हया में गुफ्तगू रहे, कुछ हक़ीक़त के साथ कल्पना की धुंध हो,

प्रेम की बातचीत में आलिंगन का मिश्रण हो,
छुवन हो, संधि हो, एक दूसरे के बंदी हो,

अधरों पर आए बात मगर चुपचाप रहना,
आंखों में अश्क़ आनें से पहले ही अंदर रखना,
हाथ की हथेलियों में हाथ की हथेलियां हों,
या फिर ऐसा हो किसी की गोद और किसी का सर रखना,

बिजली तन में रहे मन में रहे और रहे सासों में,
सुकून तन में रहें मन में रहे और रहे सासों में,
मिलने का सुख तन में रहे मन में रहे और रहे सासों में,
वक़्त हो चला है इसका दुःख तन में रहे मन में रहे और रहे सासों में,

यही बता रहा था कोई की खयाल कैसे होता है,
जैसे तुम सोचते हो वैसे तो नहीं होता है..!!

सुविचारों का दरिया😇

01 Jan, 14:01


🎉 वर्ष 2025 का यह नया साल अपने साथ एक नई आशा की किरण लेकर आया है अपना एक निश्चित लक्ष्य निर्धारित करें और उसे प्राप्त करने के लिए जान लगा दे 🔥🔥🔥

🎉 Happy New Year ❤️ 🎊

सुविचारों का दरिया😇

31 Dec, 17:46


कहीं एक रात की बात है,
वही मुलाक़ात की बात है,
मैं और मेरी तन्हाई बैठ के रोते हैं,
दिन में तड़प तड़प के सोते हैं,
रात तो सर्द है नींद कहां आएगी,
दिन में आसूं छुपाना है बिस्तर में छिप जाएगी,
बाहर निकले तो लोग सवाल पूछेंगे,
ना चाहते हुए ज़ख्म नोचेंगे,
भला यही है कि यहां से बेहतर हो जाएं,
ग़ैरों के लिए न सही अपनों की खातिर लड़ जाएं,
जिए ज़िंदगी ज़िंदगी की तरह,
मां बाप भाई बहन की लिए ही सही लेकिन,
कुछ कायदे का कर जाएं..!!

सुविचारों का दरिया😇

15 Dec, 15:53


हमें गुमनामी मंज़ूर है,पहचान आप रख लिजिये।
आने दो श्राप हिस्से में,वरदान आप रख लिजिये।।

फ़ीता फेंकोगे,कचहरी जाओगे,तारीख़ें पड़ेंगी-
हमसे नही होगा सब,ये मकान आप रख लिजिये।

वाह-वाही के निवाले तुम्हारी आदत हो गये हैं-
भूख लग सकती है,कद्रदान आप रख लीजिये।

देनी ही है तो ये धूल चढ़ी पुरानी किताबें दे दो-
ये दुर्लभ तलवार,तीर-कमान आप रख लीजिए।

यूँ दिखावे की ख़ातिर ओढ़ ये लेना इंसानियत-
गर यही ईमान है तो ये ईमान आप रख लीजिये।
        ══════❥❥══════

सुविचारों का दरिया😇

12 Dec, 16:23


जैसे उबलते पानी में कभी परछाई

  नही दिखती, ठीक उसी प्रकार

   परेशान मन से समाधान भी

नही दिखते,शांत होकर देखिए

  सभी समस्याओं का हल मिल

             जाएगा...💯
😊

सुविचारों का दरिया😇

04 Dec, 05:57


किरण चाहे सूर्य की
हो या फिर आशा की
जीवन के सभी अंधकार
मिटा देती है…💯
🔥

सुविचारों का दरिया😇

21 Nov, 18:43


किसी के तरस की ज़रूरत नहीं उन्हें,
बस

जो ज़रूरतमंद हों उनकी मदद ज़रूरी है..!!

सुविचारों का दरिया😇

08 Nov, 13:47


अगर किसी चीज़ को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने में लग जाती है।

ये बात एक दम सच हैं अगर आप मेहनत करो तो।

सुविचारों का दरिया😇

08 Nov, 13:47


संगत का विशेष ध्यान रखें,
क्योंकि सफलता हमेशा अच्छे
विचारों से आती है और अच्छे विचार
अच्छे लोगों के संपर्क से आते हैं।

सुविचारों का दरिया😇

06 Nov, 02:44


आप किसी से कुछ चाहते है तो सीधे कह दो। 🙂
किसी के साथ नहीं रहना चाहते तो उसे पहले से बता दो। कोई पसंद ना हो उसे सीधे ही रिजेक्ट कर दो। पर किसी के साथ धोखेबाज़ी मत करो। क्योंकि हो सकता है कोई इंसान आपके धोखे से जीवन भर ना उभर पाए व आपकी वजह से उसकी पूरी ज़िंदगी खराब हो जाए.! 💔

सुविचारों का दरिया😇

02 Nov, 17:52


जब आंखों में अरमान लिया,
मंजिल को अपना मान लिया।

है मुश्किल क्या आसान क्या,
जब ठान लिया तो ठान लिया॥

सुविचारों का दरिया😇

02 Nov, 17:52


इंसान सफल तब होता है,
जब वो जरूरत और
चाहत के बीच का फर्क
समझ लेता है।

सुविचारों का दरिया😇

02 Nov, 17:52


वक्त से लड़कर जो नसीब बदल दे,
इंसान वही जो अपनी तकदीर बदल दे,
कल क्या होगा कभी मत सोचो,
क्या पता कल वक्त खुद अपनी
तकदीर बदल ले !

सुविचारों का दरिया😇

20 Oct, 11:27


#Episode 82

सुविचारों का दरिया😇

16 Oct, 17:06


समय जिसका साथ देता है,
वो बड़ों बड़ों को मात देता है।

अमीर के घर पर बैठा हुआ
कौआ भी सबको मोर लगता है,
और गरीब का भूखा बच्चा भी
सबको चोर लगता है।

इंसान कि अच्छाई पर
सब खामोश रहते हैं,
चर्चा अगर आपकी बुराई पर हो
तो गूंगे भी बोल पड़ते हैं।

सुविचारों का दरिया😇

13 Oct, 15:10


#Episode 81

सुविचारों का दरिया😇

11 Oct, 11:28


#Episode 80

सुविचारों का दरिया😇

05 Oct, 16:06


जब प्रेम करने वाला कोई ना बचा तो
एक दिन हताश होकर लेट गया और आखें लग गई।
उठ कर देखा तो सर भगवान की गोद में था और
वो दुलार कर रहे थे। जो अकेला हो जाता है
उसे गले लगाने भगवान आते है.!

सुविचारों का दरिया😇

03 Oct, 07:02


नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं दोस्तों !!!!!!
इस नवरात्रि मां दुर्गा आप सभी को सुख समृद्धि वैभव और ख्याति प्रदान करें।
जय माता दी... ❤️🙏🏻🙏🏻

सुविचारों का दरिया😇

03 Oct, 06:59


नवरात्रि स्थापना की हार्दिक शुभकामनाएं
माँ दूर्गा आपकों और आपके परिवार को सुख शांति, यश, सम्पदा और कीर्ति प्रदान करे l
शक्ति की आराधना के पावन पर्व 'नवरात्रि' की समस्त भक्तों को शुभकामनाएं।

माँ भगवती के आशीष से विश्व में सकारात्मक ऊर्जा और नवीन शक्ति का संचार हो। समता, बंधुत्व और समरसता की भावना का विकास हो, लोक कल्याण का पथ प्रशस्त हो।

माँ की कृपा समस्त जगत को प्राप्त हो।

जय माता दी।

🙏🙏

सुविचारों का दरिया😇

01 Oct, 09:55


#Episode 79

सुविचारों का दरिया😇

27 Sep, 02:26


नहीं खाई ठोकरें सफर में
तो मंजिल की अहमियत कैसे जानोगे
अगर नहीं टकराए गलत से
तो सही को कैसे पहचानोगे
💯🌿

सुविचारों का दरिया😇

24 Sep, 21:45


कभी अकेला चलना पड़े तो डरिये
मत क्योंकि श्मशान, शिखर
और सिंहासन पर इंसान
अकेला ही होता है...!

सुविचारों का दरिया😇

24 Sep, 04:26


जिन्होंने देखा है अपनी मां को
पिता की पुरानी कमीज़ों से
ब्लाऊज़ सिल कर पहनते,
वे जानती हैं तनख्वाह की
एक एक पाई जोड़कर रखना,
क्या अहमियत रखता है !

जिन्होंने देखा है अपनी मां को
सब्जी-भाजी का मोल भाव करते,
मुट्ठी में बंधे पैसों को मन ही मन गिनते,
वे जानती हैं,
डायरी में हिसाब जोड़ते वक्त आए
दस रुपए का फर्क ढूंढ पाना
क्या अहमियत रखता है !

जिन्होंने देखा है अपनी मां को
सबसे आखिर में थाली लगाते,
बच्चों की छोड़ी तरकारी चाव से खाते,
वे जानती हैं, चादर के आकार
और पैरों को पसारने के बीच
सामंजस्य बैठाना
क्या अहमियत रखता है !

अक्सर स्त्रियों का बार्गेनिंग को लेकर उपहास उड़ाया जाता है, लेकिन शायद इस मोलभाव को उनका स्वभाव बनने में सदियाँ लगी हैं........
🌹🙏

सुविचारों का दरिया😇

23 Sep, 13:46


कभी कभी इतनी बैचैनी होती है
कि लगता है ।

काश ये शाम होती ही ना।
शाम से ये बैर हमेशा से नहीं रहा
बल्कि तुम्हारे जाने के बाद
ये तब्दीली आई है

शाम काटने को दौड़ती है
ऐसा लगता है कि बस ठहर गया है वक्त

तुम लौट आओ कि मुझे फिर से
एक खुशनुमा शाम गुजारनी हैं तुम्हारे साथ।

सुविचारों का दरिया😇

21 Sep, 23:08


परिवर्तन प्रकृति का नियम है
इसलिए जो पीछे छूट गया
उसका शोक मानाने से बेहतर है
जो आपके पास अभी है
उसका आनंद उठाओ...!!

सुविचारों का दरिया😇

21 Sep, 06:48


#Episode 78

सुविचारों का दरिया😇

20 Sep, 23:05


जब पत्थर तोड़कर
भगवान बन सकते हैं,
तो फिर लोग घमंड तोड़कर
इंसान क्यों नहीं बनते..!
💯🌿


🌺🌸 प्रातः वंदन 🌸🌺

सुविचारों का दरिया😇

20 Sep, 00:05


कुछ यार मतलबी थे ,
कुछ मै भी मतलबी था
मतलब कि दुनिया में ,
बस एक तुझको(माँ) छोड़ कर
बाकी सब मतलबी थे

कुछ यार फरेबी थे ,
कुछ मै भी फरेबी था
फरेब इस जहान में था,
या ये जहान  ही फरेबी था

कुछ यार दिल में है,
कुछ के दिल में हम है
उन्होंने  दिल में समाया है ,
या हम ही ने  उनको दिल में समा लिया

कुछ यार अजनबी है,
कुछ हम भी अजनबी है
यूं तो बात नहीं होती कुछ से ,
मगर कुछ वो कल भी हमारे  थे ,
और आज भी हमारे है 

सुविचारों का दरिया😇

19 Sep, 00:01


जब मन कमजोर होता है...
परिस्थितियां समस्या बन जाती हैं।

जब मन स्थिर होता है...
परिस्थितियां चुनौती बन जाती हैं।

जब मन मजबूत होता है...
परिस्थितियां अवसर बन जाती हैं...

🥀🥀

सुविचारों का दरिया😇

17 Sep, 23:39


कोई चाहे कितना भी महान क्यों ना हो जाए, पर कुदरत कभी भी किसी को महान बनने का मौका नहीं देती।

कंठ दिया कोयल को, तो रूप छीन लिया।
रूप दिया मोर को, तो ईच्छा छीन ली।
दि ईच्छा इन्सान को, तो संतोष छीन लिया।
दिया संतोष संत को, तो संसार छीन लिया।
दिया संसार चलाने देवी-देवताओं को, तो उनसे भी मोक्ष छीन लिया।
दिया मोक्ष उस निराकार को, तो उसका भी आकार छीन लिया।

मत करना कभी भी ग़ुरूर अपने आप पर
'ऐ इंसान', मेरे रबने तेरे और मेरे जैसे कितने मिट्टी से बनाके मिट्टी में मिला दिए।

सुविचारों का दरिया😇

16 Sep, 22:35


  माँ की कहानी थी
  परीयों का फसाना था,
  बारिश में कागज की नाव थी,
  बचपन का वो हर मौसम सुहाना था,

                          रोने की वजह ना थी,
                          ना हँसने का बहाना था,
                          क्यों हो गए हम इतने बड़े,
                          इससे अच्छा तो हाँ
                          वो बचपन का ही जमाना था
                  
                 

सुविचारों का दरिया😇

16 Sep, 00:23


मुर्ख बनाना सीखो
लोगों को ऐसे दिखाओ की तुम्हारा कोई उदेश
नहीं है क्योंकि लोग आपकी प्रगति देखते
ही आपको पीछे खींचने में देर नहीं लगाते
इसलिए किसी को भी अपने लक्ष्य न बताएं
उन्हें सीधा अपना रिजल्ट दिखाए।

सुविचारों का दरिया😇

14 Sep, 10:25


मैं तमाम दिन ये सोचता रहा कि कोई आएगा कुछ कहेगा तो बेहतर हो जाएगा मेरा मन,

मैं सोचने लगूंगा कि आज का दिन अच्छा होगा और बना लूंगा कुछ काम की चीज़े जिसे देखकर रात को लगे कि आज कुछ किया,

मगर नहीं हुआ ऐसा,

खुद ही को ख़ुद से समझाना पड़ा और समझना पड़ा ख़ुद को कि एकांत है दुनियां,

हां ये अच्छा रहा कि कुछ लोग फिक्रमंद दिखे कुछ ने हौसला देने का सोचा,

ये दिन गुज़र गया काम तो नहीं हुआ कुछ मगर सोच बेहतर हुई,

काश ये एक दिन एक दिन का हो होता,

इस एक दिन के इंतज़ार में हफ़्ते महीने और सालों लग गए सिर्फ़ ये समझने में की कोई नहीं आएगा अपनें से ही करना है जो भी करना है,

ऐसा नहीं की लोग अपनें नहीं हैं, हैं,

पर वो भी तो लड रहे हैं अपनी लड़ाईयां,

आप भी लड़ रहे हैं मैं भी हम सब कर रहे हैं अदा अपना अपना किरदार,

शायद हम बच्चे हैं मन से मगर ये मानना होगा की बचपन अब नहीं रहा कि ज़रा से परेशान होते ही कोई आ जाएगा और दूर कर देगा वो परेशानी का कारण,

शायद अब बड़े होने की सज़ा मिल रही है मगर ये सज़ा नहीं समझ है जिसे समझकर आगे बढ़ना है और बढ़ते जाना है,

आप मैं और हम जैसे तमाम लोग जूझ रहे हैं अपनी अपनी समस्याओं से,

हमें ज़रूरत है एक दूसरे के साथ की बात की , अगर समय हो तो कहें अपनी बात, दोनों को अच्छा लगेगा।

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