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तलब करें तो ये आँखें भी इन को दे दूँ मैं

मगर ये लोग इन आँखों के ख़्वाब माँगते हैं
~ अब्बास रिज़वी

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शायराना🤗 (Hindi)

शायराना🤗 चैनल एक जगह है जहाँ आपको शायरी की मधुर बातें, गंभीर विचार और खुदा के इस कोने को छूने वाली कविताएँ मिलेंगी। इस चैनल में आप अपने दिल की भावनाओं को अभिव्यक्ति देने और अन्य शायरों के साथ जुड़ने का मौका पाएंगे। sayarilover चैनल के माध्यम से आप अब्बास रिज़वी जैसे लोकप्रिय शायरों की कविताओं का आनंद ले सकते हैं। तो जल्दी से इस चैनल को ज्वाइन करें और शायराना दुनिया का आनंद लें।

शायराना!🤗

08 Jun, 06:55


Looking for any active sayari lover... For handling this chenal

शायराना!🤗

27 Jun, 04:07


तेरा ज़िक्र...तेरी फ़िक्र.तेरा एहसास... तेरा ख्याल..!!

 तू खुदा नही... फिर हर जगह मौजूद क्यूँ है...?
-Unknown

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27 Jun, 03:55


शायराना!🤗 pinned «किरदार मत देखिए ये जरूरतों का दौर है; आदमी होता कुछ और है, और दिखाता कुछ और है! ~अज्ञात @sayarilover»

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27 Jun, 03:54


बदलेंगे रंग, तकदीरें भी बदलेंगी, धुंधली हो जाएगी चमक, पर जो नहीं बदलेगा.... वो हूँ मैं !😔

✍🏻~अज्ञात

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शायराना!🤗

27 Jun, 03:50


चाकू, खंजर, तीर और तलवार लड़ रहे थे;
की कौन ज्यादा गहरा घाव देता है?

शब्द पीछे बैठ के मुस्कुरा रहे थे..!💔

✍🏻~अज्ञात

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27 Jun, 03:37


किरदार मत देखिए ये जरूरतों का दौर है;
आदमी होता कुछ और है, और दिखाता कुछ और है!

~अज्ञात

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08 May, 02:35


I asked life, "Why are you so difficult?"Life smiled and said, "You people never appreciate Easy things.

🤗 Good morning 🌄

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14 Feb, 14:56


तुम क्या गए कि वक़्त का अहसास मर गया,

रातों को जागते रहे और दिन को सो गए।

-unknown

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08 Jan, 00:47


केवल पा लेना
ही
प्रेम नही
किसी को बिना पाएभी
उसी का होकर रहना
प्रेम है

जो समझाया ना जा सके
वो प्रेम है
जो महसूस हो बस
रुह की गहराईयों तक
वो प्रेम है

शब्दों से परे
बंद आँखों से जो
महसूस हो
वो सबसे सुन्दर अहसास
प्रेम है

हर आहट मे
जिसके आने का
विश्वास शामिल हो
वो हर पल का इंतजार
प्रेम है!
~अज्ञात

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10 May, 01:54


नींद पागल हुई, आँख बोझिल हुई,
स्वप्न को भी नज़र लग गई आपकी !!
मुस्कुराना ग़लत, है या रोना ग़लत?
कौन छंटनी करे, पुण्य की पाप की?

गीत होठों पे सज-धज के बैठे रहे,
भाव सारे तुम्हें टेर कर सो गए !!
मेरी आहों को जब भी ज़रूरत पड़ी,
शब्द ढोंगी से मुंह फेर कर सो गए !!
मैंने टोका तो शब्दों ने ये कह दिया
क्या ज़रूरत है अब वार्तालाप की?

~ गुनवीर "राना "

@sayarilover

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24 Mar, 08:36


पता नहीं लबों से लब कैसे लगा लेते हैं लोग
तुमसे नजरें भी मिल जाये तो होश नहीं रहता ।
@sayarilover...
Unknown

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24 Mar, 08:16


तुम मेरी सोच हो तो तुम्हें
कोई और सोचे ही तो क्यों सोचे!

जब तुम मेरी चाहत हो
तो तुम्हें कोई और चाहें ही तो क्यों चाहें!

तुम मेरा आईना हो तो तुम्हें
कोई और देखे ही तो क्यों देखे!

तुम मेरी दुआ हो तो तुम्हें
कोई और मांगे क्यों ही तो क्यों मांगे!

हद_है जब तुम पर मेरा हक है
तो और कोई हक जताये ही तो क्यों जताये!
~unknown
@sayarilover

शायराना!🤗

13 Mar, 17:12


जहाँ जरूरत नही मेरी
वहाँ जाना भी नही हैं
वो रूठा है तो रूठा रहे
मुझे मनाना भी नही है
मोहब्बत मेरी है मुझमें रहेगी
मुझे वैसे भी तुझे पाना नही है
तेरे तेवर सलामत रहे सदा यूँ ही
मेरी जान अभी गुजरा जमाना नही है
रूह तेरी है तेरी रहेगी सदा
दिल को मगर और तड़पाना नही हैं!!
~unknown
@sayarilover

शायराना!🤗

11 Mar, 10:53


एक सुरूर सा मुझ पर चढ़ा कर गया है.....
कोई बेवजह मुझको हसा कर गया है

हँसते हँसते आ गए आँखो में आँशू
कुछ ऐसे वो मुझको रुला कर गया है

जाने वो लौट कर फिर कब आयेगा....
शायद वो लोगो से ये बता कर गया है..,.

ना जाने वो मुझ पर क्या कर गया....
अपनी मोहब्बत का मुझ पर असर कर गया है ....

तोहफे मैं मुझे वो अपनी यादें दे गया
सितम वो मुझ पर बेशुमार कर गया है....


मोहब्बत की है जनाब मोहब्बत मैं हमे तबाह कर गया है ....
@sayarilover
~unknown

शायराना!🤗

08 Mar, 06:18


इस बार जब रावण उठा ले आये सीता को
मंदोदरी तुम तलवार उठाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना

देनी पडे़ इसबार अग्निपरीक्षा सीता को
धरति मां तू तब ही फट जाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना

लगे जो छिन्टे सीता के आंचल को
उर्मिला तुम बड़ी बहन बनकर ढाल बन जाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना

इस बार जब सीता निकाली जाये अयोध्या से
कोशल्या तुम उसकी मां बन जाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना

पाले इसबार सीता अकेले ही लव कुस को
सुनैना तुम भी हाथ बन्टाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना!!!

इस बार जब रावण उठा ले आये सीता को
मंदोदरी तुम तलवार उठाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना

देनी पडे़ इसबार अग्निपरीक्षा सीता को
धरति मां तू तब ही फट जाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना

लगे जो छिन्टे सीता के आंचल को
उर्मिला तुम बड़ी बहन बनकर ढाल बन जाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना

इस बार जब सीता निकाली जाये अयोध्या से
कोशल्या तुम उसकी मां बन जाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना

पाले इसबार सीता अकेले ही लव कुस को
सुनैना तुम भी हाथ बन्टाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना!!!
---------------------------
Happy women's day 🤗
~unknown
@sayarilover

शायराना!🤗

08 Mar, 05:54


वह कहता था, वह सुनती थी,
जारी था एक खेल कहने-सुनने का।

खेल में थी दो पर्चियाँ। एक में लिखा था ‘कहो’, एक में लिखा था ‘सुनो’।

अब यह नियति थी या महज़ संयोग? उसके हाथ लगती रही वही पर्ची जिस पर लिखा था ‘सुनो’।

वह सुनती रही। उसने सुने आदेश। उसने सुने उपदेश। बन्दिशें उसके लिए थीं। उसके लिए थीं वर्जनाएँ। वह जानती थी, ‘कहना-सुनना’ नहीं हैं केवल क्रियाएं।

राजा ने कहा, ‘ज़हर पियो’ वह मीरा हो गई।

ऋषि ने कहा, ‘पत्थर बनो’ वह अहल्या हो गई।

प्रभु ने कहा, ‘निकल जाओ’ वह सीता हो गई।

चिता से निकली चीख, किन्हीं कानों ने नहीं सुनी, वह सती हो गई।

घुटती रही उसकी फरियाद, अटके रहे शब्द, सिले रहे होंठ, रुन्धा रहा गला।

उसके हाथ कभी नहीं लगी वह पर्ची, जिस पर लिखा था, ‘कहो’।

Happy women's day♀🌹👩
~unknown

@sayarilover

शायराना!🤗

08 Mar, 05:53


खूबसूरत है तू जन्म लेती हुई..,
खूबसूरत है तू जन्म देती हुई...!!
~unknown
---------------------------
Happy Women's day
@sayarilover

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05 Mar, 10:26


किसी किसी को इस कदर खुशियाँ मिलती हैं
प्यासों को पानी नहीं मिलता
और समंदर किनारे नदियां बहती हैं।।

@sayarilover
बेनाम शायर

शायराना!🤗

02 Mar, 02:57


तीन पहर तो बीत गये,
बस एक पहर ही बाकी है।
जीवन हाथों से फिसल गया,
बस खाली मुट्ठी बाकी है।

सब कुछ पाया इस जीवन में,
फिर भी इच्छाएं बाकी हैं
दुनिया से हमने क्या पाया,
यह लेखा - जोखा बहुत हुआ,
इस जग ने हमसे क्या पाया,
बस ये गणनाएं बाकी हैं।

इस भाग-दौड़ की दुनिया में
हमको इक पल का होश नहीं,
वैसे तो जीवन सुखमय है,
पर फिर भी क्यों संतोष नहीं !
क्या यूं ही जीवन बीतेगा,
क्या यूं ही सांसें बंद होंगी ?
औरों की पीड़ा देख समझ
कब अपनी आंखें नम होंगी ?
मन के अंतर में कहीं छिपे
इस प्रश्न का उत्तर बाकी है।

मेरी खुशियां, मेरे सपने
मेरे बच्चे, मेरे अपने
यह करते - करते शाम हुई
इससे पहले तम छा जाए
इससे पहले कि शाम ढले
कुछ दूर परायी बस्ती में
इक दीप जलाना बाकी है।
तीन पहर तो बीत गये,
बस एक पहर ही बाकी है।
जीवन हाथों से फिसल गया,
बस खाली मुट्ठी बाकी है।

~ नामालूम

🙏मंगल कामनाएं 🙏


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शायराना!🤗

24 Feb, 05:07


Teach your heart to accept disappointments even from people who you love!💔

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