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Sanatani Balika🚩
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最后更新于 01.03.2025 02:08

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मेरी सुन्दरी माई और मेरे महाकाल ❤️❤️
जय अवंतिकानाथ ❤️

संध्याकालीन आरती श्रृंगार दर्शन उज्जैन🔱

जय मां हरसिद्धि🔱🚩🙏
जय श्री महाकाल 🔱🚩🙏

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शीघ्र विवाह के लिए...
      पार्वती पंचक स्त्रोत..

जय माता की 🙏

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🙏 श्री शिवाय नमस्तुभ्यं 🚩

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🙏🏻🙏🏻🚩 आज दिनांक - 21 फरवरी 2025 प्रातःकाल भस्म श्रृंगार आरती दर्शन श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन मध्यप्रदेश से   🚩🙏🏻🙏🏻

जय श्री महाकालेश्वराय नमः🙏

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं
जय श्री महाकाल 🙏🔱🚩

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🔹अंतःकरण के दोष व उनकी निवृत्ति🔹

🔸(१) चंचलता : सत्य अथवा स्थिर तत्त्व से योग न होने के कारण मन में चंचलतारूपी दोष है, इसीसे अंदर दुर्बलता रहा करती हैं।

🔸जगत के देहादिक असत् पदार्थों एवं विषय-सुखों से वैराग्य दृढ होने पर जब अभ्यास के द्वारा एक सत्य आधार में मन स्थिर होता है, तभी इस दोष की निवृत्ति होती हैं।

🔸(२) मलिनता : चित्त में असत् संबंध के कारण असत् चिंतन होते रहने से मलिनतारूपी दोष है, इसीसे खिन्नता रहा करती हैं।

🔸मन के स्थिर होने पर एक ‘सत् पदार्थ के चिंतन में जब चित्त तल्लीन होता है तभी यह दोष दूर होता हैं।

🔸(३) अज्ञान : बुद्धि में आत्मज्ञानी संतपुरुष का संग (सत्संग) न मिलने के कारण अज्ञानरूपी दोष है, इसीसे मनुष्य में मूढता रहा करती हैं।

🔸मन तथा चित्त के स्थिर और शुद्ध होने पर ही मानव-बुद्धि स्वस्थ एवं शांत होकर संत, सद्गुरुदेव से, सुसंग से सद्ज्ञान-प्रकाशपूर्ण होती है। इसीसे अज्ञानरूपी दोष का नाश होता हैं।

🔸(४) ममता : अहं में देहादिक पदार्थों के प्रति ममतारूपी दोष हैं। इसीके कारण आसक्ति एवं जड़ता रहा करती हैं।

🔸सद्ज्ञान-प्रकाश में ही अहं का मिथ्या पदार्थों के प्रति अहमन्यता (अहंता-इदंता) रूपी दोष सत्स्वरूपाभिमान में परिणत हो जाता है, इसीसे जड़तारूपी दोष की निवृत्ति होती हैं।

            जय श्री राम
    🚩  हिन्दू राष्ट्र भारत
🚩

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🚩 जय सत्य सनातन 🚩

🚩 आज का पञ्चाङ्ग 🚩


🌥️ 🚩युगाब्द-५१२६
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८१
🚩तिथि - अष्टमी दोपहर 11:57 तक तत्पश्चात नवमी

https://t.me/sanatanibalika

दिनांक - 21 फरवरी 2025
दिन - शुक्रवार
अयन - उत्तरायण
ऋतु - बसन्त
मास - फाल्गुन
पक्ष - कृष्ण
नक्षत्र - अनुराधा दोपहर 03:54 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
योग - व्याघात दोपहर 11:59 तक, तत्पश्चात हर्षण
राहु काल - सुबह 11:27 से दोपहर 12:53 तक
सूर्योदय - 07:11
सूर्यास्त - 06:35
दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:28 से 06:18 तक
अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:30 से दोपहर 01:16 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 22 से रात्रि 01:18 फरवरी 22 तक
व्रत पर्व विवरण - जानकी जयंती, सर्वार्थसिद्धि योग (प्रातः 07:08 से दोपहर 03:54 तक)
विशेष - नवमी को लौकी खाना गौमाँस के समान त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

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🌺🙏जय श्री कृष्णा 🙏🌺
🌺🙏 जय जय श्री राधे 🙏🌺
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श्री राधे मेरी स्वामनी स्वामी है
घनश्याम इन दोनों के चरणों में
मेरा कोटि कोटि प्रणाम..!!🙏!!
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श्री राधे.....!!🙏!!
श्री कृष्ण कहते है हानि हुई है तो
भविष्य में लाभ भी होगा और यदि
छल हुआ है तो आगे चलकर हिसाब
भी होगा...हरेकृष्णा हरिबोल.!!🙏 !!
🙏श्रीकुंज बिहारी श्रीहरिदास 🙏
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🌺🙏जय जय श्री राधे🙏🌺
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
🌺🙏राधे राधे जी🙏🌺
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मेरी सुन्दरी माई और मेरे महाकाल ❤️❤️
जय अवंतिकानाथ ❤️

संध्याकालीन आरती श्रृंगार दर्शन उज्जैन🔱

जय मां हरसिद्धि🔱🚩🙏
जय श्री महाकाल 🔱🚩🙏

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Avoid Packaged Food

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🚩 प्रेरणादायक कहानी :  मेरे पिता

किसी शहर में दो भाई रहते थे . उनमे से एक शहर का सबसे बड़ा बिजनेसमैन था तो दूसरा एक ड्रग -एडिक्ट था जो अक्सर नशे की हालत में लोगों से मार -पीट किया करता था . जब लोग इनके बारे में जानते तो बहुत आश्चर्य करते कि आखिर दोनों में इतना अंतर क्यों है जबकि दोनों एक ही माता-पिता की संताने हैं , एक जैसी शिक्षा प्राप्त हैं और बिलकुल एक जैसे माहौल में पले -बढे हैं . कुछ लोगों ने इस बात का पता लगाने का निश्चय किया और शाम को भाइयों के घर पहुंचे .


अन्दर घुसते ही उन्हें नशे में धुत एक व्यक्ति दिखा , वे उसके पास गए और पूछा , “ भाई तुम ऐसे क्यों हो ??..तुम बेवजह लोगों से लड़ाई -झगडा करते हो , नशे में धुत अपने बीवी -बच्चों को पीटते हो …आखिर ये सब करने की वजह क्या है ?”

“मेरे पिता ” , भाई ने उत्तर दिया .

 “पिता !! ….वो कैसे ?” , लोगों ने पूछा
भाई बोल , “ मेरे पिता शराबी थे , वे अक्सर मेरी माँ और हम दोनों भाइयों को पीटा करते थे …भला तुम लोग मुझसे और क्या उम्मीद कर सकते हो …मैं भी वैसा ही हूँ ..”

फिर वे लोग दूसरे भाई के पास गए , वो अपने काम में व्यस्त था और थोड़ी देर बाद उनसे मिलने आया ,

“माफ़ कीजियेगा , मुझे आने में थोड़ी देर हो गयी .” भाई बोला , “ बताइए मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूँ ? ”

लोगों ने इस भाई से भी वही प्रश्न किया , “ आप इतने सम्मानित बिजनेसमैन हैं , आपकी हर जगह पहुंच है , सभी आपकी प्रशंसा करते हैं , आखिर आपकी इन उपलब्धियों की वजह क्या है ?”

“ मेरे पिता “, उत्तर आया .

लोगों ने आश्चर्य से पूछा , “ भला वो कैसे ?”

“मेरे पिता शराबी थे , नशे में वो हमें मारा- पीटा करते थे मैं ये सब चुप -चाप देखा करता था , और तभी मैंने निश्चय कर लिया था की मैं ऐसा बिलकुल नहीं बनना चाहता मुझे तो एक सभ्य , सम्मानित और बड़ा आदमी बनना है , और मैं वही बना .” भाई ने अपनी बात पूरी की .

Friends, हमारे साथ जो कुछ भी घटता है उसके positive और negative aspects हो सकते हैं . ज़रुरत इस बात की है की हम positive aspect पर concentrate करें और वहीँ से अपनी inspiration draw करें .

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