Rekhta (शायरी संग्रह)

@rekhta_shayri_sangrah


शायरी खून की तरह है जनाब ,
चोट लगते ही निकल आती है ..

#tealovers
#poetry
#Shayri
#motivational
#ghazal
#Quotes

Rekhta (शायरी संग्रह)

21 Jan, 00:25


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धोखा है इक फ़रेब है मंज़िल का हर ख़याल

सच पूछिए तो सारा सफ़र वापसी का है

- राजेश रेड्डी


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Rekhta (शायरी संग्रह)

21 Jan, 00:23


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कुछ बिछड़ने के भी तरीक़े हैं

ख़ैर जाने दो जो गया जैसे

- जावेद अख्तर

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Rekhta (शायरी संग्रह)

21 Jan, 00:23


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ये दुख अलग है कि उससे मैं दूर हो रहा हूँ
ये ग़म जुदा है वो ख़ुद मुझे दूर कर रहा है

तेरे बिछड़ने पे लिख रहा हूँ मैं ताज़ा ग़ज़लें
ये तेरा ग़म है जो मुझको मशहूर कर रहा है

- तहज़ीब हाफ़ी



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Rekhta (शायरी संग्रह)

21 Jan, 00:21


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हमने देखा तो हमने ये देखा

जो नहीं है वो ख़ूबसूरत है !!

- जॉन एलिया



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Rekhta (शायरी संग्रह)

21 Jan, 00:20


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हल्के हल्के बढ़ रही है चेहरे की लकीरें

नादानी और तजुर्बे का बंटवारा हो रहा है!!


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Rekhta (शायरी संग्रह)

21 Jan, 00:20


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कुछ ही दरवाजों पे भरोसा लिखा होता है ,

फ़क़ीर हर दर पे दस्तक नहीं दिया करते ।।


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Rekhta (शायरी संग्रह)

21 Jan, 00:19


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हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती है,

बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदा-वर पैदा।

- अल्लामा इक़बाल


#SirSyedDay


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Rekhta (शायरी संग्रह)

21 Jan, 00:19


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“मैं समझता हूं इंसान की रूह बग़ैर तालीम के चितकबरे संग-ए-मरमर की तरह है। जब तक संग-तराश उसे नहीं तराशता उसके खूबसूरत बेल-बूटे छुपे रहते हैं। यही हाल इंसान कि रूह का है, तालीम ही इंसान कि रूह को खूबसूरत बनाती है।”

~ सर सैयद अहमद खान

#SirSyedDay


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Rekhta (शायरी संग्रह)

21 Jan, 00:18


अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें

ढूँढ उजड़े हुए लोगों में वफ़ा के मोती
ये ख़ज़ाने तुझे मुमकिन है ख़राबों में मिलें

तू ख़ुदा है न मिरा इश्क़ फ़रिश्तों जैसा
दोनों इंसाँ हैं तो क्यूँ इतने हिजाबों में मिलें



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Rekhta (शायरी संग्रह)

21 Jan, 00:17


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ये दुनिया ग़म तो देती है शरीक-ए-ग़म नहीं होती

किसी के दूर जाने से मोहब्बत कम नहीं होती


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Rekhta (शायरी संग्रह)

21 Jan, 00:16


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'अगर मगर और काश में हूं,

मैं ख़ुद अपनी तलाश में हूं...'


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Rekhta (शायरी संग्रह)

21 Jan, 00:16


खुल के रो लेने से दिल हलकान हो जाएगा क्या
मुस्कुरा दूँगा तो सब आसान हो जाएगा क्या

मैं अगर अपनी ख़ुशी से एक दिन भी काट लूँ
आप लोगों का बहुत नुक़सान हो जाएगा क्या

वो मेरी दुनिया का हिस्सा थी मेरी दुनिया नहीं
एक शजर कटने से बन वीरान हो जाएगा क्या


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Rekhta (शायरी संग्रह)

21 Jan, 00:13


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दिल की बस्ती पुरानी दिल्ली है

जो भी गुज़रा है उस ने लूटा है


-बशीर बद्र

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Rekhta (शायरी संग्रह)

21 Jan, 00:12


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राम, तुम्हारे युग का रावण अच्छा था

दस के दस चेहरे सब बाहर रखता था!

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Rekhta (शायरी संग्रह)

21 Jan, 00:11


प्यार तो बेरोजगारी में ही होता है साहब ,

नौकरी देखकर तो अक्सर शादियां होती है ।



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Rekhta (शायरी संग्रह)

21 Jan, 00:10


इस दर्जा पारसाई से घुटने लगा है दम
मैं हूँ बशर ख़ता-ए-बशर होनी चाहिए

वो जानता नहीं तो बताना फ़ुज़़ूल है
उस को मिरे ग़मों की ख़बर होनी चाहिए

- अताउल हक़ क़ासमी



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Rekhta (शायरी संग्रह)

21 Jan, 00:08


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बिछड़ा कुछ इस अदा से कि रुत ही बदल गई

इक शख़्स सारे शहर को वीरान कर गया

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Rekhta (शायरी संग्रह)

21 Jan, 00:07


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याद आई है तो फिर टूट के याद आई है

कोई गुज़री हुई मंज़िल कोई भूली हुई दोस्त



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Rekhta (शायरी संग्रह)

21 Jan, 00:06


नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हम

बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूँ करें हम

ख़मोशी से अदा हो रस्म-ए-दूरी

कोई हंगामा बरपा क्यूँ करें हम

ये काफ़ी है कि हम दुश्मन नहीं हैं

वफ़ा-दारी का दावा क्यूँ करें हम



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