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एक कहानी सुंदर सी

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आज के संस्कार विहीन जमाने में इस प्रकार की प्रेरणादायक संस्कार प्रेरक कहानियों की अति आवश्यकता है. जिससे कि समाज में सुधार हो सके, नई पीढ़ियों में सुधार हो सके संस्कार आ सके लोगों में।
✍️शिक्षक नवनीत चौधरी



ज्ञान वर्धक कहानी

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एक कहानी सुंदर सी (Hindi)

आज के संस्कार विहीन जमाने में इस प्रकार की प्रेरणादायक संस्कार प्रेरक कहानियों की अति आवश्यकता है. जिससे कि समाज में सुधार हो सके, नई पीढ़ियों में सुधार हो सके संस्कार आ सके लोगों में। शिक्षक नवनीत चौधरी द्वारा लिखी गई और प्रस्तुत की गई 'ज्ञान वर्धक कहानी' चैनल @ekkahanisundar एक ऐसा स्थान है जहाँ आपको दिलचस्प कहानियाँ मिलेंगी जो आपको संस्कार और ज्ञान से भरपूर बनाएंगी। यहाँ आपको उत्कृष्ट कहानियों का संग्रह मिलेगा जो आपको नई सोच और शिक्षा प्रदान करेंगी। इस चैनल का उद्देश्य है दर्शकों को मनोरंजन के साथ-साथ जागरूक करना ताकि वे नये संस्कार और ज्ञान को प्राप्त कर सकें। तो जुड़िए @ekkahanisundar और खोजिए उस सुंदरी सी कहानी को जो आपके दिल को छू जाएगी।

एक कहानी सुंदर सी

31 Dec, 11:31


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एक कहानी सुंदर सी

26 Dec, 13:46


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साथियों आप सभी का सहयोग ऐसे ही बना रहे,,,

आप को जो भी शायरी,जोक्स,या वीडियो अच्छे लगते है आप उन्हें स्टेटस में जरूर फॉरवर्ड किया करो ताकि उस स्टेटस को देखकर अन्य सदस्य भी जुड़ सकें।।।

वैसे तो ये चैनल शायरियों को स्टोर करने के उद्देश्य से बनाया गया था जो 20 सितम्बर 2023 को क्रिएट किया।।

लेकिन सुचारू रूप से इसे जून 2024 से शुरू किया गया,,,

आज आप सभी के सहयोग से 4000+सदस्य पूरे हो गए है जो हम सबके लिए बहुत बड़ी बात है।।।

हमारा अगला लक्ष्य 10000 सदस्य पूरे करने पर है,,,जो दिसम्बर2025 तक आप सभी के सहयोग से पूरा हो जाएगा ऐसी हम उम्मीद करते है!!

हम वादा करते है कि ग्रुप में कोई अश्लीलता वाली पोस्ट ना ही कभी की है और  ना ही कभी करेंगे।।

आप सभी का बहुत बहुत आभार💐💐💐💐......हमारी एडमिन टीम की ओर से😊...

एक कहानी सुंदर सी

14 Dec, 02:25


💐💐बहू हमारी बेटी नही💐💐


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01 Nov, 15:29


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एक कहानी सुंदर सी

25 Oct, 02:12


🌳🦚आज की कहानी🦚🌳


💐💐 मन चंगा तो कठौती में गंगा 💐💐



माघी पूर्णिमा, 1398 ई. में धर्म की नगरी काशी में "संत रविदास जी" का जन्म हुआ था।
रविदास जी को रैदास जी के नाम से भी जाना जाता है। इनके माता-पिता चर्मकार थे। इन्होंने अपनी आजीविका के लिए पैतृक कार्य को अपनाया लेकिन इनके मन में भगवान की भक्ति पूर्व जन्म के पुण्य से ऐसी रची बसी थी कि, आजीविका को धन कमाने का साधन बनाने की बजाय संत सेवा का माध्यम बना लिया।

संत और फकीर जो भी इनके द्वार पर आते उन्हें बिना पैसे लिये अपने हाथों से बने जूते पहनाते। इनके इस स्वभाव के कारण घर का खर्च चलाना कठिन हो रहा था।

इसलिए इनके पिता ने इन्हें घर से बाहर अलग रहने के लिए जमीन दे दिया। जमीन के छोटे से टुकड़े में रविदास जी ने एक कुटिया बना लिया।
जूते बनाकर जो कमाई होती उससे संतों की सेवा करते, इसके बाद जो कुछ बच जाता उससे अपना गुजारा कर लेते थे।

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एक दिन एक ब्राह्मण इनके द्वार आये और कहा कि गंगा स्नान करने जा रहे हैं एक जूता चाहिए।
इन्होंने बिना पैसे लिया ब्राह्मण को एक जूता दे दिया।
इसके बाद एक सुपारी ब्राह्मण को देकर कहा कि, इसे मेरी ओर से गंगा मैया को दे देना।
ब्राह्मण रविदास जी द्वारा दिया गया सुपारी लेकर गंगा स्नान करने चल पड़ा। गंगा स्नान करने के बाद गंगा मैया की पूजा की और जब चलने लगा तो अनमने मन से रविदास जी द्वारा दिया सुपारी गंगा में उछाल दिया।

तभी एक चमत्कार हुआ गंगा मैया प्रकट हो गयीं और रविदास जी द्वारा दिया गया सुपारी अपने हाथ में ले लिया। गंगा मैया ने एक सोने का कंगन ब्राह्मण को दिया और कहा कि इसे ले जाकर रविदास को दे देना।
ब्राह्मण भाव विभोर होकर रविदास जी के पास आया और बोला कि आज तक गंगा मैया की पूजा मैने की लेकिन गंगा मैया के दर्शन कभी प्राप्त नहीं हुए।
लेकिन आपकी भक्ति का प्रताप ऐसा है कि गंगा मैया ने स्वयं प्रकट होकर आपकी दी हुई सुपारी को स्वीकार किया और आपको सोने का कंगन दिया है।
आपकी कृपा से मुझे भी गंगा मैया के दर्शन हुए। इस बात की ख़बर पूरे काशी में फैल गयी।
रविदास जी के विरोधियों ने इसे पाखंड बताया और कहा कि अगर रविदास जी सच्चे भक्त हैं तो दूसरा कंगन लाकर दिखाएं।
विरोधियों के कटु वचनों को सुनकर रविदास जी भक्ति में लीन होकर भजन गाने लगे। रविदास जी चमड़ा साफ करने के लिए एक बर्तन में जल भरकर रखते थे।
इस बर्तन में रखे जल से गंगा मैया प्रकट हुई और दूसरा कंगन रविदास जी को भेंट किया।
रविदास जी के विरोधियों का सिर नीचा हुआ और संत रविदास जी की जय-जयकार होने लगी।

इसी समय से यह दोहा प्रसिद्ध हो गया।

‼️मन चंगा तो कठौती में गंगा !‼️

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सदैव प्रसन्न रहिये।

जो प्राप्त है, पर्याप्त है।।
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एक कहानी सुंदर सी

03 Oct, 01:47


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एक कहानी सुंदर सी

03 Oct, 01:44


🌳🦚आज की कहानी🦚🌳


💐💐शेर और व्यक्ति💐💐

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एक गाँव था, उस गाँव के रास्ते में बहुत घना जंगल था. जंगल घना होने के कारण तरह तरह के पशु-पक्षी जंगल में रहते थे. एक शेर भी रहता था. शेर कभी-कभी गाँव में घुसकर काफी तहलका मचाता था. इसी वजह से गाँव वाले जंगल के रास्ते में एक पिंजड़ा रख दिए थे. रात हुई सभी अपने-अपने घरों के अन्दर हो गये. गाँव शांत हो गयी. तभी शेर उसी रास्ते से गाँव की ओर जा रहा था. रास्ते में लगा पिंजड़ा में उसका पैर फंसा और भारी शरीर होने के कारण शेर पिंजड़े में बंद हो गया. अब वह उस पिंजड़े में बुरी तरह से फंस चुका था. काफी कोशिश करने के बावजूद भी वह वहाँ से नहीं निकल पाया. पूरी रात शेर पिंजड़े में ही कैद रहा.

सुबह हुई कुछ समय बाद उसी रास्ते से गाँव में एक व्यक्ति जा रहा था. तभी शेर बोला - "ओ भाई! ओ भाई!" वह व्यक्ति शेर को पिंजड़े में देखकर डर गया. शेर को काफी तेज़ की भूख लगी थी.

शेर ने उस व्यक्ति से कहा - "मेरी सहायता करो. मुझे बहुत तेज़ प्यास लगी है. कृपया कुछ पानी पिला दो."

व्यक्ति बोला - "नहीं! नहीं! मैं तुम्हारी सहायता नहीं कर सकता. तुम एक मांसाहारी जीव हो, अगर मुझे ही अपना शिकार बना लिए तो!" शेर बोला - "नही भाई! मैं ऐसा नहीं करूंगा."

शेर की लाचारी देखकर उस व्यक्ति को शेर पर दया आ गयी और वह बगल के तालाब से पानी ले आया और शेर को पानी पिलाया. शेर पानी पी लिया उसके बाद फिर से उस व्यक्ति को बोला - "प्यास तो बुझ गयी अब पूरी रात से भूखा हूँ कुछ खाने को दे दो न." उस व्यक्ति ने शेर के भोजन की व्यवस्था में जुट गया और कहीं कहीं से उसका भोजन ले आया. शेर भोजन भी किया.

शेर ने फिर से आवाज लगायी - "ओ भले इन्सान! मैं इस पिंजड़े में बुरी तरह से फंस चुका हूँ. कृपा करके इस पिंजड़े से मुझे आजाद करा दो." वह व्यक्ति बोला - "नहीं! नहीं! मैं तुम्हारी और सहायता नहीं कर सकता. तुम एक मांसाहारी जीव हो. पिंजड़े के बाहर आते ही तु अपनी रूप में आ जाएगा.

शेर बोला - "मैं तुम्हें कुछ नहीं करूंगा. तुम्हारे परिवार को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाऊंगा."

वह व्यक्ति उसकी बात मान कर पिंजड़ा का दरवाजा खोल दिया और शेर बाहर आ गया. शेर बहार आते ही पहले चैन की साँस ली और बोला मेरी अभी तक भूख मिटी नहीं है और भोजन भी सामने है. सो भोजन तलाशने का भी जरुरत नही है. अब झट से तुझे अपना शिकार बना लेता हूँ.

इतना सुन वह व्यक्ति डर से काँपने लगा और बोला - "तुम बेईमानी नहीं कर सकते. तुमने पहले ही बोला था की मैं तुम्हें नहीं खाऊंगा और तुम्हारे परिवार को भी नुकसान नहीं पहुंचाऊंगा, तो अब ऐसा क्यों कर रहे हो."

शेर बोला - मैं प्राणी ही उसी तरह का हूँ. मुझे बहुत जोर से भूख लगी है तो अब कुछ नहीं. संयोग से ये सब घटना पास के एक पेड़ पर बैठे बन्दर देख रहा था. शेर और उस व्यक्ति में बहस चल ही रही थी तभी बीच में से बन्दर बोल पड़ा - "क्या बात है! क्या बहस हो रही है? उस व्यक्ति ने बन्दर को सारी बात बताई। बन्दर बोला - अच्छा! तो ये बात है. वैसे मुझे एक बात समझ नहीं आई इतना बड़ा शेर इस छोटे से पिंजड़े में कैसे आ सकता है? नहीं ! नहीं ! ये हो ही नहीं सकता!"

शेर को अपनी बेइज्जती होते देख रहा नहीं गया और शेर बोला - "ये पंडित ठीक कह रहा है, मैं इस पिंजड़े में पूरी रात कैद था." बन्दर बोला - "मैं कैसे यकीन करूं?"

शेर बोला - "मैं अभी दिखा देता हूँ, इस पिंजड़े में फिर से जा कर." और इतना कह शेर फिर से उस पिंजड़े में चला जाता है और पिंजड़ा का दरवाजा बंद हो जाता है और उसके बाद शेर बोला - "देखो मैं इसी तरह पिंजड़े में था।"

बन्दर उस व्यक्ति से बोला - "अब देख क्या रहे हो तुरंत अपनी जान बचा कर भाग लो!" और पंडित वहाँ से भाग जाता है. शेर फिर से पिंजड़े में कैद हो जाता है।

💐शिक्षा💐
दोस्तों! कभी भी किसी की मदद करें तो सोच समझ कर करें. विश्वास उसी पर करें जो सचमुच में विश्वास करने लायक हो. बहुत से लोग सच बोलने का दिखावा करते हैं और सामने वाला व्यक्ति उन पर पहली बार भरोसा कर लेते हैं. ऐसे दुष्ट लोगों से दूर रहने में ही भलाई है।

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एक कहानी सुंदर सी

03 Oct, 01:43


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एक कहानी सुंदर सी

05 Sep, 01:44


🌳🦚आज की कहानी🦚🌳


💐💐गुरु शिष्य💐💐


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शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं

एक कहानी सुंदर सी

03 Sep, 01:22


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एक कहानी सुंदर सी

30 Aug, 03:59


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निवेदनकर्ता:- एडमिन पैनल

एक कहानी सुंदर सी

28 Aug, 15:07


*🌳🦚आज की कहानी🦚🌳*


*💐💐कान कटा गधा💐💐*

#OPSForever

*जागो कर्मचारी जागो*

एक बार की बात है शेर को भूख लगी तो उसने लोमड़ी से कहा - मेरे लिए कोई शिकार ढूंढकर लाओ अन्यथा मैं तुम्हें ही खा जाऊँगा...
लोमड़ी एक गधे के पास गई और बोली - मेरे साथ शेर के समीप चलो क्योंकि वो तुम्हें जंगल का राजा बनाना चाहता है...
गधा लोमड़ी के साथ चला गया शेर ने गधे को देखते ही उस पर हमला कर दिया और उसके कान काट लिए लेकिन गधा किसी प्रकार बच कर भागने में सफल रहा।
तब गधे ने लोमड़ी से कहा - तुमने मुझे धोखा दिया शेर ने तो मुझे मारने का प्रयास किया और तुम कह रही थी कि वह मुझे जंगल का राजा बनायेगा...
लोमड़ी ने कहा - मूर्खता भरी बातें मत करो...
शेर ने तुम्हारे कान इसीलिए काट लिए ताकि तुम्हारे सिर पर ताज सुगमता पूर्वक पहनाया जा सके, समझे...
आओ चलो लौट चलें शेर के पास...
गधे को यह बात ठीक लगी, इसलिए वह पुनः लोमड़ी के साथ चला गया...
शेर ने फिर गधे पर हमला किया तथा इस बार उसकी पूँछ काट ली...
गधा फिर लोमड़ी से यह कहकर भाग चला - तुमने मुझसे फिर झूठ कहा, इस बार शेर ने तो मेरी पूँछ भी काट ली...
लोमड़ी ने कहा - शेर ने तो तुम्हारी पूँछ इसलिए काट ली ताकि तुम सिंहासन पर सहजता पूर्वक बैठ सको चलो पुनः उसके पास चलते हैं...
इस प्रकार लोमड़ी ने गधे को फिर से लौटने के लिए मना लिया...
इस बार सिंह गधे को पकड़ने में सफल रहा और उसे मार डाला...
शेर ने लोमड़ी से कहा - जाओ, इसकी चमड़ी उतार कर इसका दिमाग फेफड़ा और हृदय मेरे पास ले आओ और बचा हुआ अंश तुम खा लो...
लोमड़ी ने गधे की चमड़ी निकाली और गधे का दिमाग खा लिया और केवल फेफड़ा तथा हृदय सिंह के पास ले गई सिंह ने गुस्से में आकर पूछा - इसका दिमाग कहाँ गया
लोमड़ी ने जवाब दिया - महाराज इसके पास तो दिमाग था ही नहीं...
यदि इसके पास दिमाग होता तो क्या कान और पूँछ कटने के उपरान्त भी आपके पास यह पुनः वापस आता...
शेर बोला - हाँ, तुम पूर्णतया सत्य बोल रही हो...

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यह कहानी हर उस कर्मचारी का है जो गधे की कहानी है ।केंद्र सरकार कर्मचारियों को गधे की तरह एक बार NPS के नाम पर कान काट लिया गया था इस बार UPS के नाम पर पूंछ काटा जा रहा है और अगर अभी भी नहीं चेते तो आने वाले समय में सीधा ही निगल जाएगी और कुछ कर्मचारी संगठन है जो लोमड़ी का काम कर रहे हैं और वह जब कान काटा था तब भी कर्मचारियों को आंदोलन नहीं करने दिए और प्रलोभन दिखाएं की बहुत अच्छा प्रपोजल है और अभी पूछ कट रहा है तब भी यहां पर अभी कुछ चाटुकार संगठन जो है इसके पक्ष में खड़े हुए दिख रहे हैं और इसलिए बहुत ही सावधान रहने की जरूरत है ।।
जागो कर्मचारी जागो


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एक कहानी सुंदर सी

25 Aug, 11:49


Big Breaking ⚠️
टेलीग्राम के संस्थापक पावेल ड्यूरोव को फ्रांस पहुंचने पर गिरफ्तार कर लिया गया है। अपने प्लेटफ़ॉर्म को सेंसर करने से इनकार करने पर 20 साल की जेल का सामना करना पड़ा। यदि भविष्य में टेलीग्राम को कुछ होता है, तो हम आपको व्हाट्सएप चैनल पर परीक्षा अपडेट प्रदान करना शुरू कर देंगे। इसलिए आप सुरक्षित पक्ष के लिए इसमें शामिल हो सकते हैं। व्हाट्सएप चैनल पर चैनल मालिक सहित कोई भी आपका नाम या मोबाइल नंबर नहीं देख सकता है।

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एक कहानी सुंदर सी

21 Aug, 13:08


*🌳🦚आज की कहानी🦚🌳*


*💐💐समस्या रूपी बंदर💐💐*

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एक बार स्वामी विवेकानंद को बंदरों का सामना करना पड़ा था। वह इस आप बीती को कई अवसरों पर बड़े चाव के साथ सुनाया करते थे। इस अनुभव का लाभ उठाने की बात भी करते थे।

उन दिनों स्वामी जी काशी में थे वह एक तंग गली में गुजर रहे थे। सामने बंदरों का झुंड आ गया। उनसे बचने के लिए स्वामी जी पीछे को भागे। परंतु वे उनके आक्रमण को रोक नहीं पाए। बंदरों ने उनके कपडे तो फाड़े ही शरीर पर बहुत-सी खरोंचें भी आ गईं। दो-तीन जगह दांत भी लगे। शोर सुनकर पास के घर से एक व्यक्ति ने उन्हें खिड़की से देखा तुरंत कहा- “स्वामी जी! रुक जाओ, भागो मत। घूंसा तानकर उनकी तरफ बढ़ो। “स्वामी जी के पांव रुके। घूंसा तानते हुए उन्हें ललकारने लगे। बंदर भी डर गए और इधर-उधर भाग खड़े हुए। स्वामीजी गली को बड़े आराम से पार कर गए।

इस घटना को सुनाते हुए स्वामी जी अपने मित्रों तथा शिष्यों को कहा करते- “मित्रो! हमें चाहिए कि विपरीत हालात में डटे रहें, भागें नहीं। घूंसा तानें। सीधे हो जाएं। आगे बढ़ें। पीछे नहीं हटें। कामयाबी हमारे कदमों में होगी।“वास्तव में समस्या पलायन से नहीं सामना करने से खत्म होती है। भागने वालों का समस्या बंदर की भाँति पीछा करती है।

*💐शिक्षा💐*
यह प्रेरक प्रसंग हमें सिखाता है कि हमें असफलताओं से विचलित और निराश नहीं होना चाहिये। दृढ़ निश्चय और हिम्मत से सफलता अवश्य मिलती है।

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एक कहानी सुंदर सी

19 Aug, 05:30


🌳🦚आज की कहानी🦚🌳


💐💐कलयुग का दरोगा💐💐

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गरीब किसान के खेत में बिना बोये लौकी का पौधा उग आया। बड़ा हुआ तो उसमे तीन लौकियाँ लगीं। उसने सोचा, उन्हें बाजार में बेचकर घर के लिए कुछ सामान ले आएगा. अतः वो तीन लौकियाँ लेकर गाँव के बाजार में गया और बेचने के यत्न से एक किनारे बैठ गया।

गांव के प्रधान आये, पूछा , " लौकी कितने की है?"

" मालिक, दस रुपये की। " उसने दीनता से कहा। लौकी बड़ी थी। प्रधान ने एक लौकी उठायी और ये कहकर चलता बना," बाद में ले लेना। "

इसी प्रकार थाने का मुंशी आया और दूसरी लौकी लेकर चलता बना। किसान बेचारा पछता कर रह गया। अब एक लौकी बची थी। भगवन से प्रार्थना कर रहा था कि ये तो बिक जाये, ताकि कुछ और नहीं तो बच्चों के लिए पतासे और लइया ही लेता जायेगा।

तभी उधर से दरोगा साहब गुज़रे। नज़र इकलौती लौकी पर पड़ी देखकर कडककर पूछा , " कितने की दी ?"

किसान डर गया। अब यह लौकी भी गई। सहमकर बोला ," मालिक, दो तो चली गयीं , इसको आप ले जाओ। "

" क्या मतलब ?" दरोगा ने पूछा, " साफ़ - साफ़ बताओ ?"

किसान पहले घबराया, फिर डरते - डरते सारा वाक़्या बयान कर दिया। दरोगा जी हँसे। वो किसान को लेकर प्रधान के घर पहुंचे। प्रधान जी मूछों पर ताव देते हुए बैठे थे और पास में उनकी पत्नी बैठी लौकी छील रही थी। दरोगा ने पूछा,' लौकी कहाँ से लाये ?"

प्रधान जी चारपाई से उठकर खड़े हो गए , " बाजार से खरीदकर लाया हूँ। "

"कितने की ?"

प्रधान चुप। नज़र किसान की तरफ उठ गयी। दरोगा जी समझ गए। आदेश दिया," चुपचाप किसान को एक हज़ार रुपये दो , वार्ना चोरी के इलज़ाम में बंद कर दूंगा। " काफी हील-हुज्जत हुई पर दरोगा जी अपनी बात पर अड़े रहे और किसान को एक हज़ार रुपये दिलाकर ही माने।

फिर किसान को लेकर थाने पहुंचे। सभी सिपाहियों और हवलदारों को किसान के सामने खड़ा कर दिया। पूछा," इनमे से कौन है ?" किसान ने एक हवलदार की तरफ डरते-डरते ऊँगली उठा दी। दरोगा गरजा ," शर्म नहीं आती ? वर्दी की इज़्ज़त नीलाम करते हो। सरकार तुम्हे तनख्वाह देती है , बेचारा किसान कहाँ से लेकर आएगा। चलो, चुपचाप किसान को एक हज़ार रुपये निकलकर दो। " हवलदार को जेब ढीली करनी पड़ी।

अब तक किसान बहुत डर गया था। सोच रहा था, दरोगा जी अब ये सारा रुपया उससे छीन लेंगे। वह जाने के लिए खड़ा हुआ। तभी दरोगा ने हुड़का," जाता कहाँ है ? अभी तीसरी लौकी की कीमत कहाँ मिली ? " उन्होंने जेब से पर्स निकाला और एक हज़ार रुपये उसमे से पकड़ते हुए बोले , " अब जा , और आईन्दा से तेरे साथ कोई नाइंसाफी करे तो मेरे पास चले आना। "

किसान दरोगा को लाख दुआएं देता हुआ घर लौट आया, लेकिन सोचता रहा , ये किस ज़माने का दरोगा है।


शिक्षा:-
सच्चे मन से किये गये भलाई के काम में कभी अपना नुकसान नहीं होता है..!!

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एक कहानी सुंदर सी

11 Jan, 07:08


दोस्तों दिनांक 11 -01-2022 से मकरसंक्रांति तक मेरे द्वारा आप सभी शुभचिंतको ओर दान दाताओं के सहयोग से एक महत्वाकांक्षी परम्परा की शुरुआत की जा रही है जिसमें आप सबका मन वांछित सहयोग अपेक्षित है।

इस पपरम्परा का नाम है  मकरसंक्रांति पर सरकारी स्कूलों में दान


दोस्तों आज आप देख रहे हैं कि गरीबी के चलते माता पिता बच्चों को पढ़ाने के लिए आवश्यक वस्तुओं की भी पूर्ति नही कर पाते जिससे छोटी उम्र में ही उनके माता पिता उनकी स्कूल छुड़वाकर बाल मजदूरी कराने पर विवश हो जाते है।

क्यो ना हर बार की तरह इन गरीब बच्चों के भविष्य को देखते हुए मकरसंक्रांति पर  सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को दान किया जाए।

💐इस मकर संक्रांति कीजिये शिक्षा के लिए दान💐


आइए हम संकल्प ले कि इस मकर संक्रांति पर दान पुण्य के लिए हम राजकीय विद्यालयों के जरूरतमंद बालकों को शिक्षण सामग्री और मूलभूत सुविधा प्रदान करने के लिए  करें दान।

राजकीय विद्यालय में दान किये जाने योग्य वर्षभर की आवश्यक वस्तुएं👇

पट्टी पहाड़ा, स्कूल बैग,स्लेट व पेंसिल चार्ट,नोटबुक,रूल,शार्पनर,इरेजर पेंसिल पेन,मोम कलर ज्योमेट्री बॉक्स ,मैप, डिक्शनरी,गणित टूल,स्कैच पेन,वाइट शीट,वाटर कलर,पानी की बोटल, दरिया,स्वेटर इत्यादि।
हम सब इस देश के जिम्मेदार नागरिक हैं अतः हम सबका कर्त्तव्य बनता है कि आने वाली पीढ़ियों को एक स्वच्छ माहौल उपलब्ध करावे ।
इस परम्परा की शुरुआत राजकीय प्राथमिक विद्यालय उपरमालिया पंचायत समिति भीम जिला राजसमन्द (राजस्थान) से की जायेगी ।
जो साथी विद्यालय में आकर दान दे सके उसका विद्यालय परिवार स्वागत करता है,,और अगर विद्यालय आने में असमर्थ है तो आप ऑनलाइन डोनेट(ज्ञान संकल्प पोर्टल पर) कर सकते है,,

अगर पोर्टल पर भी आपसे दान नही होता तो आप हमारे नम्बर्स पर दान कर सकते है।।

जो भी साथी इस परम्परा को आगे बढ़ाने में अपना सहयोग देना चाहते हैं
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निवेदनकर्ता- अध्यापक नवनीत

एक कहानी सुंदर सी

04 Jan, 02:51


🌳🦚आज की कहानी🦚🌳


💐💐विश्वास💐💐

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तन्विक नाम के एक विद्वान साधु थे जो दुनियादारी से दूर रहते थे। वह अपनी ईमानदारी, सेवा तथा ज्ञान के लिए प्रसिद्ध थे। एक बार वह पानी के जहाज से लंबी यात्रा पर निकले।

        उन्होंने यात्रा में खर्च के लिए पर्याप्त धन तथा एक हीरा संभाल के रख लिया । ये हीरा किसी राजा ने उन्हें उनकी ईमानदारी से प्रसन्न होकर भेंट किया था सो वे उसे अपने पास न रखकर नयासर के राजा को देने जाने के लिए ही ये यात्रा कर रहे थे।

यात्रा के दौरान साधु की पहचान दूसरे यात्रियों से हुई। वे उन्हें ज्ञान की बातें बताते गए। एक फ़क़ीर यात्री ने उन्हें नीचा दिखाने की मंशा से नजदीकियां बढ़ ली।

     एक दिन बातों-बातों में साधु ने उसे विश्वासपात्र  समझकर हीरे की झलक भी दिखा दी। उस फ़क़ीर को और लालच आ गया।

            उसने उस हीरे को हथियाने की योजना बनाई। रात को जब साधु सो गया तो उसने उसके झोले तथा उसके वस्त्रों में हीरा ढूंढा पर उसे नही मिला।

अगले दिन उसने दोपहर की भोजन के समय साधु से कहा कि इतना कीमती हीरा है,आपने संभाल के रक्खा है न। साधु ने अपने झोले से निकलकर दिखाया कि देखो ये इसमे रखा है। हीरा देखकर फ़क़ीर को बड़ी हैरानी हुई कि ये उसे कल रात को क्यों नही मिला।

आज रात फिर प्रयास करूंगा ये सोचकर उसने दिन काटा और सांझ होते ही तुंरन्त अपने कपड़े टांगकर, समान रखकर, स्वास्थ्य ठीक नही है कहकर जल्दी सोने का नाटक किया।

निश्चित समय पर सन्ध्या पूजा अर्चना के पश्चात जब साधु कमरे में आये तो उन्होंने फ़क़ीर को सोता हुआ पाया । सोचा आज स्वास्थ ठीक नही है इसलिए फ़क़ीर बिना इबादत किये जल्दी सो गया होगा। उन्होंने भी अपने कपड़े तथा झोला उतारकर  टांग दिया और सो गए।

आधी रात को फ़क़ीर ने उठकर फिर साधु के कपड़े तथा झोला झाड़कर झाड़कर देखा। उसे हीरा फिर नही मिला।

अगले दिन उदास मन से फकीर ने साधु से पूछा -

"इतना कीमती हीरा संभाल कर तो रखा है ना साधुबाबा,यहां बहुत से चोर है"।

साधु ने फिर अपनी पोटली खोल कर उसे हीरा दिखा दिया।

अब हैरान परेशान फ़क़ीर के मन में जो प्रश्न था उसने साधु से खुलकर कह दिया उसने साधु से पूछा कि-

" मैं पिछली दो रातों से आपकी कपड़े तथा झोले में इस हीरे को ढूंढता हूं मगर मुझे नहीं मिलता, ऐसा क्यों , रात को यह हीरा कहां चला जाता है ।

साधु ने बताया-" मुझे पता है कि तुम कपटी हो, तुम्हारी नीयत इस हीरे पर खराब थी और तुम इसे हर रात अंधेरे में चोरी करने का प्रयास करते थे इसलिए पिछले दो रातों से मैं अपना यह हीरा तुम्हारे ही कपड़ों में छुपा कर सो जाता था और प्रातः उठते ही तुम्हारे उठने से पहले इसे वापस निकाल लेता था"

मेरा ज्ञान यह कहता है कि व्यक्ति अपने भीतर नई झांकता, नहीं ढूंढता। दूसरे में ही सब अवगुण तथा दोष देखता है। तुम भी अपने कपड़े नही टटोलते थे।"

फकीर के मन में यह बात सुनकर और ज्यादा ईर्ष्या और द्वेष उत्पन्न हो गया । वह मन ही मन साधु से बदला लेने की सोचने लगा। उसने सारी रात जागकर एक योजना बनाई।

सुबह उसने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया, 'हाय मैं मर गया। मेरा एक कीमती हीरा चोरी हो गया।' वह रोने लगा।

जहाज के कर्मचारियों ने कहा, 'तुम घबराते क्यों हो। जिसने चोरी की होगी, वह यहीं होगा। हम एक-एक की तलाशी लेते हैं। वह पकड़ा जाएगा।'

यात्रियों की तलाशी शुरू हुई। जब साधु बाबा की बारी आई तो जहाज के कर्मचारियों और यात्रियों ने उनसे कहा, 'आपकी क्या तलाशी ली जाए। आप पर तो अविश्वास करना ही अधर्म है।’

यह सुन कर साधु बोले, 'नहीं, जिसका हीरा चोरी हुआ है उसके मन में शंका बनी रहेगी इसलिए मेरी भी तलाशी ली जाए।’ बाबा की तलाशी ली गई। उनके पास से कुछ नहीं मिला।

दो दिनों के बाद जब यात्रा खत्म हुई तो उसी फ़क़ीर ने उदास मन से साधु से पूछा, ‘बाबा इस बार तो मैंने अपने कपड़े भी टटोले थे, हीरा तो आपके पास था, वो कहां गया?'

साधु ने मुस्करा कर कहा, 'उसे मैंने बाहर पानी में फेंक दिया।

साधु ने पूछा - तुम जानना चाहते हो क्यों? क्योंकि मैंने जीवन में दो ही पुण्य कमाए थे - एक ईमानदारी और दूसरा लोगों का विश्वास। अगर मेरे पास से हीरा मिलता और मैं लोगों से कहता कि ये मेरा ही हैं तो शायद सभी लोग साधु के पास हीरा होगा इस बात पर विश्वास नही करते यदि मेरे भूतकाल के सत्कर्मो के कारण विश्वास कर भी लेते तो भी मेरी ईमानदारी और सत्यता पर कुछ लोगों का संशय बना रहता।

"मैं धन तथा हीरा तो गंवा सकता हूं नवनीत लेकिन ईमानदारी और सत्यनिष्ठा को खोना नहीं चाहता, यही मेरे पुण्यकर्म है जो मेरे साथ जाएंगे।" उस फ़क़ीर ने साधु से माफी मांगी और उनके पैर पकड़ कर रोने लगा।अंत मे फकीर उनका शिष्य बनकर उनके अच्छे कर्मों को ग्रहण करने लगा।

एक कहानी सुंदर सी

04 Jan, 02:51


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💐💐निर्दयी बहू💐💐


https://youtu.be/4oQAUeBfiWU?si=pzgqkTPp11sA-3fW

बुढ़िया तेरी इतनी  हिम्मत कैसे हुई ,तू अपने बेटे को मेरी शिकायत करेगी.. इतना कहते ही बहू सास को मारने ही वाली थी तो सामने अपने पति को खड़े पाया उसके बाद जो हुआ आप पूरी कहानी में सुने👍👍👍

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एक कहानी सुंदर सी

10 Dec, 02:39


💐💐मां का तमाचा💐💐

https://youtu.be/zLFT9W14myc?si=x4PfbDPGLfe0be03

मां मैं और मेरी पत्नी गोवा घूमने जा रहे है,वहां से आते ही तुम्हें सीधा वृद्धा आश्रम छोड़ कर आ जाऊंगा,अपना बैग तैयार रखना।।वापस लौटने के बाद बेटे बहू ने ऐसा क्या देख लिया आंखे फटी की फटी रह गई....पूरी कहानी जरूर सुनें....

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एक कहानी सुंदर सी

01 Nov, 02:06


*🌳🦚आज की कहानी🦚🌳*


*💐💐"एक पिता का करवाचौथ पर बेटी को लिखा गया पत्र"*
💐💐

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*प्रिय पुत्री,*
तू ससुराल में ख़ुश होगी ।

सारा समाज करवाचौथ का त्यौहार मनाने जा रहा है और सभी सुहागन स्त्रियां अपने पति की लम्बी आयु के लिए व्रत रखेंगी।

तेरी शादी के बाद यह पहला करवाचौथ है और शायद तू भी अन्य औरतों की तरह व्रत रखेगी,
मेरे मन में इस विष्य पर कुछ विचार आये सो तुम्हें पत्र लिख रहा हूँ ।

बेटी अगर तू भी ऐसा समझती है कि सिर्फ व्रत रखने से पति की उम्र लम्बी होगी तो तेरी सोच भी अन्य स्त्रियों की तरह ग़लत है ।

अगर तुम सच में अपने पति की लम्बी उम्र की कामना करती हो तो ईश्वर से इसकी प्रार्थना करना तथा अपने लिए ईश्वर से माँगना कि ईश्वर तुम्हारी बुद्धि को हमेशा नेक,सत्य,धर्म व पवित्रता के मार्ग पर चलाए,तेरा मन कभी चंचलता में भटक न जाए ।

अपने पति से हृदय से प्रीति करना। अगर उसकी लम्बी उम्र चाहती हो तो उसके मन को शांत रखना ।

परिवार में सबसे मिलकर चलना अपने सास ससुर की अलोचनाओं से पति के मन में कटुता मत भरना ।

पति के मन अनुसार व जो उसे प्रिय हो ऐसा अपना आचरण और स्वभाव रखना ।
उससे छिपा कर कोई ग़लत काम न करना ,लोगों में पति की बुराई न करना तथा निरादर न करना ,अगर कही मन मुटाव हो तो उसे आपस में ही सुलझा लेना,

पति से छिप कर कोई भोग पदार्थ न लेना , परिवार में कोई समस्या आये तो मिल जुलकर हल करना ।

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वरना आपस में अविश्वास पैदा होगा और झगड़ा होगा तथा तुम दोनों का जीवन सुखमय नहीं रहेगा और तुम दोनों का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहेगा तब लम्बी उम्र पाने की सोच व्यर्थ होगी।

बेटी अपने स्वभाव को हमेशा शान्त रखना, तुम अपने शातँ भाव से बड़ी से बड़ी मुश्किल घड़ी को सरलता से सुलझा लेगी ।

कभी भी अपना धैर्य मत खोना । तेरी दृष्टि, तेरी वाणी ,तेरा आचरण पति के अनुकूल और उसे प्रिय होना चाहिए ।

पति को ही अपना स्वामी, पालन करने वाला मानना उसके अलावा किसी अन्य से प्रिति भाव न रखना ।

मेरी इन शिक्षाओं पर निश्चय से चलना ही असली व्रत है।

अगर तू मेरी इन बातों को मन में रख कर व्यवहार में लाएगी तो तेरा पति तेरे से हमेशा प्रसन्न चित रहेगा तथा उसके प्रसन्न रहने से उसका स्वास्थ्य अच्छा होगा व आयु भी लम्बी होगी ।

पति के प्रसन्न रहने से घर में धन लक्ष्मी व समृद्धि आयेगी और ऐश्वर्य,सौभाग्य ,सुसन्तान की वृद्धि होगी ।

इस तरह तुम अपने पति के साथ वृद्धा अवस्था तक प्रसन्न चित ,स्वस्थ जीवन को आनंद से व्यतीत करेगी ।

व्रत स्वास्थ्य के लिय अच्छा है लेकिन अगर कोई सोचे की सिर्फ व्रत से ही पति की उम्र लम्बी होगी यह बिलकुल ग़लत सोच है ।

पति की उम्र तो जैसे मैंने ऊपर लिखा है; उसी अनुसार आचरण करने से होगी । मुझे आशा है तू मेरी बातों पर अमल करेगी।

*सदैव ख़ुश रहो,*
*तुम्हारा पिता*


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*💐💐सात फेरे💐💐*

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एक कहानी सुंदर सी

18 Oct, 11:42


💐💐षड्यंत्र💐💐


https://youtu.be/wfDern_8pTA?si=WUefetk9zHhYIfin

सिपाही किशोरी भागते भागते जेलर साहब के पास आई और ऐसा क्या कहा कि जेलर साहब की नींद उड़ गई।।

आज की कहानी बहुत ही अच्छी है जरूर सुनें👍👍....

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एक कहानी सुंदर सी

17 Oct, 08:46


💐💐राजकुमार के पेट मे साँप💐💐

https://youtu.be/edm24lyBG70




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💐💐धन्यवाद💐💐

एक कहानी सुंदर सी

09 Oct, 14:12


💐💐संतान का सौदा💐💐


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एक कहानी सुंदर सी

06 Oct, 11:41


💐💐लालच का फल💐💐

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एक बेहतरीन कहानी ,सभी साथी जरूर सुनें,,कहानी अच्छी लगे तो चैनल को भी सब्सक्राइब जरूर करना😊😊😊😊👍👍