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आर्ष पुस्तकालय
दुर्लभ ग्रंथों का एकमात्र स्थान
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最終更新日 01.03.2025 07:49

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प्रश्न :- कौन कितना नीचे गिर सकता है?
उत्तर :- स्टॉक मार्केट. आसमान से जमीन तक.

😂😂

😂 मौज करा दी ai ने.

प्रिंट ऑन डिमांड. जल्दी ही ऋषि मिशन की वेबसाइट rishimission.in पर

हिन्दू समाज अन्धेरे मे हैं और उनको इस अन्धेरे से निकालने का काम किसका था ? इस कार्य में कौन विफ़ल हुआ है ? और क्यों ? तनिक विचार करें. व्यक्ति को पूजते पूजते शरीर त्याग देंगे पर निराकार तक नहीं आएंगे. तनिक अपने कर्मों पर ध्यान देवें.

शिव का कोई स्वरूप नहीं है, ये ही उसका स्वरूप है.
चलो साकार भगवान शिव से निराकार शिव की ओर.

प्रार्थना करो भगवान से,
अपेक्षा रखो ईश्वर से,
गाली दो ईश्वर को.
पर हां एक बात याद रखना.

ईश्वर को तो शिव कह सकते हैं,
पर शिव को ईश्वर कदापि नहीं.

भांग बनाओ,
भांग पिलाओ,
चिलम बनाओ,
धुंआ उड़ाओ,
त्रिपुंड लगाओ,
तिलक सजाओ.
मौज उड़ाओ.
शिवरात्रि मनाओ.

इस देश में वेद पर चर्चा नहीं होती,
लेकिन पुराण पर चर्चा होती है।
इस देश में गुरुकुल पर चर्चा नहीं होती,
लेकिन मंदिर पर चर्चा होती है।
इस देश में वैदिक आचार्यों पर चर्चा नहीं होती,
लेकिन साधुओं पर चर्चा होती है।
इस देश में आप्त पुरुषों पर चर्चा नहीं होती,
लेकिन अवतारों पर चर्चा होती है।
इस देश में आर्ष ग्रंथो पर चर्चा नहीं होती,
लेकिन अनार्ष ग्रंथो पर चर्चा होती है।
इस देश में रामायण पर चर्चा नहीं होती,
लेकिन रामचरित्र मानस पर चर्चा होती है।
इस देश में महाभारत पर चर्चा नहीं होती,
लेकिन भागवत कथा पर चर्चा होती है।
इस देश में आर्यों पर चर्चा नहीं होती,
लेकिन हिन्दुओ पर चर्चा होती है।
इस देश में परमात्मा पर चर्चा नहीं होती,
लेकिन देवताओं पर चर्चा होती है।
इस देश में धर्म पर चर्चा नहीं होती,
लेकिन आस्था पर चर्चा होती है।
इस देश में जिज्ञासा पर चर्चा नहीं होती,
लेकिन भक्ति पर चर्चा होती है।
इस देश में स्वामी दयानन्द पर चर्चा नहीं होती,
लेकिन स्वामी विवेकानंद पर चर्चा होती है।
इस देश में स्वामी श्रद्धानंद पर चर्चा नहीं होती,
लेकिन महात्मा गांधी पर चर्चा होती है।
इस देश में कुमारिल भट्ट पर चर्चा नहीं होती,
लेकिन आदि शंकराचार्य पर चर्चा होती है।
इस देश में रामप्रसाद बिस्मिल पर चर्चा नहीं होती,
लेकिन भगत सिंह पर चर्चा होती है।
इस देश में आर्य समाज पर चर्चा नहीं होती,
लेकिन आर. एस. एस. पर चर्चा होती है।
इस देश में मांसाहार पर चर्चा नहीं होती,
लेकिन शाकाहार पर चर्चा होती है।

इससे स्पष्ट होता है कि भारत को बर्बाद करने के पीछे मीडिया, शिक्षाविभाग, कानून व्यवस्था और राजनीति पार्टियां शक्ति से कार्य कर रही है।

साभार फेसबुक आलोक आर्य जी

सभी को नमस्ते जी,
मैं आर्य मुनि जी का न्याय दर्शन की पुस्तक छपवाना चाहता हूं.
नया टाइप तो पिछले वर्ष से हो रखा है.
यदि ५० लोग तैयार हो जाएं तो सबको एक एक प्रति उनके घर पर पहुंचाई जा सकती है.
और १०० लोग तैयार हो जाएं तो इससे ज्यादा अच्छा क्या सकता हो?
यदि आपको एक प्रति चाहिए तो मुझे संपर्क करें और अपना पूरा पता पूरा नाम मोबाइल नंबर के साथ लिखकर भेज देवे.
जितने लोग ज्यादा होंगे उतना कम मूल्य में छाप पाएंगे पुस्तक को.

पुस्तक का मूल्य + डाक खर्च जितना भी होगा आपको बता दिया जाएगा.

जय आर्यावर्त🙏

हर बार परिश्रम ही सब कुछ दे जाएं यह आवश्यक नहीं. दातून बेचकर भी पैसा बनाया जा सकता है.

हम लोग में से हर कोई खास है हर कोई सब कुछ कर सकता है पर बस उसको एक सुझाव या प्रेरणा की जरूरत है.

जैसे आकाश यादव को प्रेमिका ने विचार / सुझाव दिया वैसे.

अन्यथा आपको चायफोन मांगने वाली और बड़ा बंगला , सरकारी नौकरी मांगने वाली की कमी नहीं है.

ज्यादा नहीं बोलता हूं पर आप ज्यादा समझें.

समाज की रूढ़ी वादी मानसिकता के बारे में लिखने में मैं कोई पाप नहीं समझता.

कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता.

जय आर्यावर्त 🙏