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आर्ष पुस्तकालय

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दुर्लभ ग्रंथों का एकमात्र स्थान

आर्ष पुस्तकालय (Hindi)

आपको स्वागत है आर्ष पुस्तकालय में! यह एक अद्वितीय और दुर्लभ ग्रंथों का संग्रहण स्थल है जो आपको प्राचीन भारतीय साहित्य और ज्ञान की अद्वितीय दुनिया में ले जाएगा। यहाँ आपको वेद, उपनिषद, पुराण, ग्रंथ साहित्य, आदि जैसे महत्वपूर्ण ग्रंथ मिलेंगे। आर्ष पुस्तकालय एक संग्रह है जो अपने पाठकों को भारतीय संस्कृति, धर्म, और दर्शन की गहरी जानकारी प्रदान करता है। यहाँ आप प्राचीन ज्ञान को अद्वितीय रूप से एकत्रित किया गया है ताकि आपको अपने ध्यान को एक उच्च स्तर पर ले जाने का अवसर मिले। जो लोग अपने जीवन में शांति, सजीवता, और प्रेरणा चाहते हैं, उनके लिए आर्ष पुस्तकालय एक आध्यात्मिक अभियान के रूप में काम कर रहा है। यहाँ आपको उच्च गुणवत्ता की पुस्तकें मिलेंगी जो आपके मानसिक और आध्यात्मिक विकास में मदद करेंगी। आर्ष पुस्तकालय में शामिल होकर आप न केवल विद्या का संग्रहण करेंगे, बल्कि एक नए और उच्च स्तर की सोच की दुनिया में दृश्यांतरित होंगे। यहाँ केवल पुस्तकें ही नहीं, बल्कि एक समुदाय का भाव भी है जो आपको नए और जीवंत विचारों से रूबरू कराता है। जो लोग पुराने समय की साहित्यिक धरोहर को समझने और उसे अपनाने की इच्छुक हैं, उनके लिए आर्ष पुस्तकालय एक सोने की खान है। यहाँ आप अपने आत्मा के संग्रहण के लिए सही स्थान पा सकते हैं और एक नए रोशनी की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं। आर्ष पुस्तकालय एक स्थान है जहाँ पुस्तकें न केवल शब्दों के संग्रह हैं, बल्कि एक आध्यात्मिक सफर की शुरुआत है। इसके माध्यम से हम सब प्राचीन ज्ञान का समृद्ध भंडार साझा कर सकते हैं और आत्मिक संवेदना का उत्थान कर सकते हैं। आइए, दुर्लभ ग्रंथों का एकमात्र स्थान आर्ष पुस्तकालय में जुड़ें और आत्मा के सफर में नई ऊँचाइयों को छूने का मौका पाएं।

आर्ष पुस्तकालय

23 Jan, 11:47


https://www.youtube.com/live/R1CXRhge3-w?si=SEoX275QLGCz9CY3

आर्ष पुस्तकालय

23 Jan, 11:47


आर्ष पुस्तकालय pinned «suicide is not an option. today my neighbour tried to commit suicide. luckily i was going out my home and his daughter shouted. and i got into his home immediately and within just few minutes i called my dad out of my home and also called an ambulance. the…»

आर्ष पुस्तकालय

21 Jan, 13:21


suicide is not an option.

today my neighbour tried to commit suicide. luckily i was going out my home and his daughter shouted. and i got into his home immediately and within just few minutes i called my dad out of my home and also called an ambulance. the person was heavy and it took 4 people to weigh him and put him in rickshaw. my dad becoming the first responder pressed against his chest and pumped him and he spit some chemical. and we took him to a hospital. and he is in treatment now. i also read his note. but why I'm telling you this?

suicide is not an option at all.

i went through it all. even if you die or live no one really cares. you have to live , for your family atleast. we are given birth as humans to do something. and we should not give up too easily. we should never give up.

so i had to break my silence and write this.

whoever is going through tough times , remember you are not alone.

i know life has not been easy on you. but you got this. live your life to the fullest.

why give someone the pleasure of your death? when they don't care if you die or live. so you should obviously live and prove them wrong.

the urge to die or suicide can be cured if you just not hide your situation to your family and tell them everything.

i hope this message reaches to those who are fed up with life. don't give up.

you are almost winning. you are just there. it's just one more bad day out of hundreds. and the good life full of good days is ahead. so live this day and live the life.

peace out.

AUM 🙏

आर्ष पुस्तकालय

15 Nov, 14:52


आज जब हम यज्ञ कर रहे थे तो मूल गुजरात के ही एक व्यक्ति उनकी श्रीमतीदेवी उनकी पत्नी जो रशिया से है, के साथ आए और उनको यज्ञ करवाया और उसके बाद आर्य समाज, वेद, महर्षि दयानन्द आदि पर अनेक बातें उन्हें मैंने बताई. और उनकी श्रीमतीदेवी जी को अंग्रेजी में सत्यार्थ प्रकाश और उनको गुजराती में सत्यार्थ प्रकाश एवं अन्य ग्रंथ गुजराती में भेट किए. इसके बाद हमारा लगभग १ घंटे तक चर्चा चला. बस आप लोगों को जानकारी मिले और याद बनी रहे इसके लिए.

ज्यादा नहीं लिख रहा हूं. पर हां मेरे जीवन में दो व्यक्तियों ने मेरा जीवन ही बदल दिया. एक महर्षि दयानन्द सरस्वती जी महाराज और दूसरे व्यक्ति का नाम नहीं ले सकता.

~धार्मिक आर्य.

आर्ष पुस्तकालय

14 Nov, 10:53


dayal muni ji has left us.
😞🙏

om shanti. heart broken.
cause i have known & met dayal muni ji.

https://www.gstv.in/news/gujarat/amreli/sanskrit-scholar-padmashri-dayal-muni-arya-passed-away-at-the-age-of-89

आर्ष पुस्तकालय

05 Nov, 05:11


सभी छठ पूजा करने वालों को छठ पूजा की शुभकामनाएं.

मैं जानता हूं के यह पर्व अवैदिक है. पर जो लोग उसको मना रहे हैं हमें उन्हें धीरे धीरे और प्रेम से समझाना चाहिए. जिससे कि वो समझ सके के यह पर्व हमारा प्राचीन आर्ष पर्व नहीं है.

पर हां मेरे लिए अपने लोग महत्वपूर्ण है. उनको कोई अपने तथाकथित धर्म में बहलाकर मिला ले इससे अच्छा मैं उससे प्रतिपूर्वक व्यवहार करूं और हम उन लोगों से हुई दूरी को कम कर सकें. आज से ही छठ पर्व शुरू हो रहा है. बहुत माताएं भी छठ पर्व मनाएंगी. तो क्या हम उनको भी गलत बोलेंगे? नहीं. क्योंकि मां तो मां ही होती है वो चाहे किसी की भी हो. हमें कोई अधिकार नहीं किसी की भावनाओं को आहत करने का और हां उनके पास पूरा अधिकार है उनको जो करना है उसका.

सभी माताओं को सप्रेम छठ पर्व की शुभकामनाएं 🙏

'मेरे प्रभु' का अनंत कोटि कोटि धन्यवाद था, है और रहेगा. 🙏

आर्ष पुस्तकालय

04 Nov, 15:00


if anyone is in intense pain right now at this very moment,please let me know. cause I'm having stomach ache and i can feel that someone is in pain. please msg me.

god is with you. 🙏

आर्ष पुस्तकालय

02 Nov, 22:35


i'm on a fast today for a whole day without water, taking time to reflect and focus on what truly matters.

for anyone out there who might be facing challenges, please remember that you are valued and deserve a lot of care. i genuinely hope you’re taking care of your health and well-being. you matter more than you know, and it’s important to take the time you need to heal and find peace within yourself. (i have learned it hardway that we have to be a good person regardless of situations we face, and when we remain calm, the chaos will leave our life slowly but gradually) (so i don't want chaos for anyone, i just want peace for everyone.)

hoping good and dedicating my meditation for the one who really needs it. so they can recover and heal from their injury.

wishing you all strength and healing today. 🙏

आर्ष पुस्तकालय

02 Nov, 22:25


last night, around 8:50, i was doing one thing and experienced something that shocked me deeply. (i wish i could tell you what i saw and what i was going through.) i cried a lot, but then i had to stop because it would hurt my vocal cords. i know i've done so much wrong to someone (even though i didn't want to).

even if i told you what i was going through, you wouldn’t believe it. why? because it’s not something i can easily explain, but science can. one day, maybe i'll be able to explain it.

i spent last night without sleep because i need to accept my mistakes. i have to accept it. i did wrong with someone, but my intentions were never bad. i just wanted to make things clear. and i know this guilt will stay with me for lifetime because some things are beyond my control, no matter how hard i try.

let’s not talk about that process for now.

also, i want to share that i'm going to pray nonstop for 24 hours for speedy healing and recovery—for anyone who absolutely and actually needs it.

just wait for my next post.

आर्ष पुस्तकालय

16 Oct, 09:26


courage beats time. i can prove it. i am so motivated and inspired. and it's not going to stop anytime soon. i mean i have tapped into the unlimited source of energy. which the world now calls a meditation. and as aryans we know it as "dhyaan".

i feel more close to the supreme being. which we aryans know as 'ishwar'.

'मेरे प्रभु' का अनंत कोटि धन्यवाद. 🙏

आर्ष पुस्तकालय

15 Oct, 21:26


सुप्रभातम, good morning.

i was right damn it. i was right. i was right i was right i was right i was right i was right i was right.

yes. cracked it. with proof i will come. every word i said i can prove it.

'मेरे प्रभु' का अनंत कोटि धन्यवाद. 🙏

आर्ष पुस्तकालय

15 Oct, 13:31


जीवन में सबसे बड़ी सफलता.

हाँ सही पढ़ रहे हैं आप और सही समझ रहे हैं.

पर सब अभी नहीं बताऊंगा. पर याद रखें इससे बहुत कुछ बदल सकता हैं. जब भी होगा इस चेनल पर सबसे पहले होगा यह. मुझे थोडा समय लगेगा इसको पूर्ण रूपसे आप लोगों के और दुनिया के सामने लाने के लिए, पर मैं प्रयास अवश्य करूँगा. अवश्य अवश्य अवश्य.

'मेरे प्रभु' का अनंत कोटि धन्यवाद. 🙏

आर्ष पुस्तकालय

15 Oct, 11:27


अब‎ दर्शन योग‎ धाम में *स्वभाव‎ परिवर्तन‌‎ शिविर*
सादर‎ नमस्ते‌‎ जी‎
‎महानुभाव‌‌‎ ! 
आप‌‌‌‎ के‌‎ प्रिय‎ दर्शन‎ योग‎ परिवार‌‌‎ के‎ निदेशक‌‌‎ पूज्य‌‎ स्वामी‌‎ विवेकानन्द‌‎ जी‎ परिव्राजक‎ की‌‎ अध्यक्षता‎ में‌‌‎ एवं‌‌‎ अनेक विद्वानों‌‎ के‎ सान्निध्य‎ में‌‎ एकांत-‌‎सात्विक‌‌‌‎ स्थल‌‎ में,‌‌‎ सुव्यवस्था‌‌‎ से‎ युक्त,‎ प्राकृतिक‌‎ परिवेश‎ से‌‌‎ युक्त‌‌‎ नव‌‎ निर्मित‌‎ दर्शन‌‌‎ योग‌‌‎ धाम‌‎ में‌‌‎ आपने‎ दुष्ट‎ स्वभावों‎ का‎ परिज्ञान‌‎ तथा‎ परिवर्तन हेतु‎ वेदिक‎ प्रशिक्षण‎ हेतु‎ *स्वभाव‎ परिवर्तन‌‎ शिविर*‎ का‎ आयोजित *दिनांक 21-10-2024‎ से‎ 25-10-2024‌‌‎ तक* ‌‎होने‌‌‌‎ जा‌‌‎ रहा‌‎ है‎। आप‌‎ सभी‌‎ शिविर‎ में‌‎ सपरिवार‌‎ अनुसाशन‎ पूर्वक अवश्य‌‎ भाग‌‌‎ लेवें‌‌‌‎ तथा‌‌‌‎ अन्य‌‎ को‎ भी‌‌‌‎ प्रेरित‌‌‌‎ करें। 
इस‎ स्वभाव‎ परिवर्तन‎ शिविर‎ में‌‎ शिविरार्थी‌‌‎ रूप‎ में‌‎ भाग‌‌‎ लेने‎ के‌‌‎ लिए‌‌‎ *पंजीकरण‌‎ हेतु‌‌‎ लिंक*‌‌‎ :‌‎ https://forms.gle/WgHsC5euNMXGcYiB9
शेष‌‎ कुशल।‌‌‎ धन्यवाद।
~आचार्य‎ प्रियेश‎ (9306374959)
*दर्शन‎ योग धाम,‎ संस्कृतिवन,‎ लाकरोड़ा*
94096 15011‎ -कार्यालय 
82009 15011‎ -जन‌‎ संपर्क‌‎ विभाग 
97126‌‎ 15011- पुस्तक‎ वितरण विभाग
92270‎ 15011‎ -‎ वित्त विभाग

आर्ष पुस्तकालय

15 Oct, 05:19


https://rishimission.com/product/aapake-avachetan-man-ki-shakti-%e0%a4%86%e0%a4%aa%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%85%e0%a4%b5%e0%a4%9a%e0%a5%87%e0%a4%a4%e0%a4%a8-%e0%a4%ae%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b6%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%a4/

आर्ष पुस्तकालय

15 Oct, 01:55


मैंने देखा है लोग ईश्वर को बल के लिए तो धन्यवाद देते हैं.

पर क्या हमें बुद्धि के लिए धन्यवाद नहीं देना चाहिए?

ऐसा क्षण मेरे जीवन में न आएं जिसमें तेरा स्मरण न हो,
ऐसा क्षण मेरे जीवन में न आएं जिसमें तेरा नाम न हो.

'मेरे प्रभु' का अनंत कोटि धन्यवाद.🙏

आर्ष पुस्तकालय

15 Oct, 01:10


मैं लगभग दो सप्ताह पहले हमारे यहां के महर्षि दयानन्द अखाड़ा गया था.
(जो की बंध था)
१०० वर्षों से भी प्राचीन है ये अखाड़ा.
लोग gym जाने की सोचते हैं, पर अखाड़ा नहीं. जबकि यह वाला अखाड़ा तो निशुल्क भी था.

ईश्वर की कृपा रही तो भविष्य में कभी इस अखाड़े को पुन: चलाएंगे.

आर्ष पुस्तकालय

14 Oct, 20:50


सुप्रभातम, good morning.

everyone at some point will have to die,
but only few gets to realize and live the life,
also you can say that 'real eyes' complete the life.
(rhymes isn't it)

'मेरे प्रभु' का अनंत कोटि धन्यवाद. 🙏

आर्ष पुस्तकालय

14 Oct, 12:47


अब बहुत सी पुस्तकें इस सूचि में नहीं है. सम्भव है अगली बार सूचि दूंगा तो उसमें छोटी छोटी पुस्तकें भी हो. और संभव है पत्रिकायें भी हो.

आर्ष पुस्तकालय

14 Oct, 01:13


you are not to be defined by others.
that's who you are.
you know you.
be proud on you.
others can only judge and give opinions.
but you make your own life.
life is incomplete without you.

'मेरे प्रभु' का अनंत कोटि धन्यवाद.🙏

आर्ष पुस्तकालय

13 Oct, 21:28


सुप्रभातम, good morning.

if someone wants to be there for you then let them be,
if someone wants to care for you let them,
cause lucky are those who have someone that cares,feel and think about them.
if someone wants to protect you from bad, why you are thinking of stopping them?
we are humans and we can help each other. a kind person is very rare in this world.
and many are the rarest of the rare that they can make you kind. so never let them go ever.
help them in this cruel world.

it takes everything for a person to change. be the change someone wants you to be. be the change for good. appreciate the good change.

'मेरे प्रभु' का अनंत कोटि धन्यवाद. 🙏

आर्ष पुस्तकालय

12 Oct, 23:38


सुप्रभातम,good morning.

क्या लिखें इस सोच में पोस्ट ही नहीं कर रहा आजकल.

the beauty you see in others it reflects you. that how good and kind person you are. if you don't see anything means you're not at that level. you need to appreciate people.

'मेरे प्रभु' का अनंत कोटि धन्यवाद. 🙏

आर्ष पुस्तकालय

12 Oct, 03:09


एकबात कभी सोची है?
एक छोटा बच्चा या नवजात शिशु कभी भाषा नहीं सीखा, पर आपके इशारे तुरंत समझ जाता है. मुख्य आवश्यकता जैसे की भूख लगना आदि उसको पता है.

यहां तक के पहले ही क्षण से अपने हाथ पैर चलाना और आंखें और श्वास लेना ये सब भी पता है. और उसपर उसका नियंत्रण भी है.

कभी इसपर भी तो सोचो. के ईश्वर ने कैसे बनाया है सब? इतना व्यवस्थित. के एक छोटा बच्चा भी नियम में रहकर कार्य करता है.

कितनी अदभुत रचना है ईश्वर की.

'मेरे प्रभु' का अनंत कोटि धन्यवाद. 🙏

आर्ष पुस्तकालय

12 Oct, 02:46


नवरात्रि में जितना लव जेहाद होता है वो एक साल में होने वाले लव जेहाद से भी ज्यादा हो जाता है. ऐसा मैंने बहुत ही वर्षों पहले कहीं सुना था.

आर्ष पुस्तकालय

12 Oct, 02:43


गुजरात में एक प्रसिद्ध गीत (गाना) है,

संवत प्रगटया , मां रेवा ने तीरे,
१६२२ मां. इससे एक अंदाज लगता है के संवत १६२२ से पहले अर्थात ४०० ५०० वर्ष से पहले कोई नवरात्रि नहीं थी.

ऐसा मेरा अनुमान है.

आर्ष पुस्तकालय

12 Oct, 02:42


गुजरात के बारे में क्या ही कहूं?

और गरबा के बारे में भी क्या ही कहूं?

कल से फेसबुक पर एक अत्यंत अश्लील चित्र वायरल हो रहा है, और तथाकथित आर्य लोग ही इसमें ज्यादा रुचि ले रहें हैं. वैसे तो मैं फेसबुक चलाता ही नहीं हूं पर मैं कुछ पेज के पोस्ट के लिए खोलता हूं. पर इन लोगों को इतना तक दिमाग नहीं चलाना है के ai द्वारा निर्मित फोटो है. सबको बस अपनी अंतिम विचारधारा थोप देनी है. और दिखा देना है के हम ही संस्कृति और संस्कारों के रक्षक है.

यदि ऐसा ही होता तो आप लोग इतने वर्षों से कहां थे? गरबा ही बंध करवा दिए होते फिर.

क्योंकि गुजरात में इसको बहुत धूम धाम से मनाया जाता है. पर बंध तो कोई करवा नहीं पा रहा है.

उल्टा आज जो स्थिति है वो यह है के हर जगह जाति वाद के कारण इन जाति के ही गरबा का आयोजन होता है. और उसमें कुछ में तो अन्य जाति का जाना भी संभव नहीं होता. मैं ये नहीं कह रहा हूं के अन्य जाति वाला क्यों जायेगा या जाना चाहिए आदि. पर यहां से एक प्रश्न उठता है के क्या जिस भी जाति के गरबा हो रहे हैं उसके सिवा कोई अन्य जाति ठीक ही नहीं है? यह विचार क्या दूसरों के मन में नहीं आएगा?

और हां असुरों को तो कोई रोकने वाला नहीं होता. उनको तो अवश्य रोकना चाहिए और सारे नवरात्रों में उन्हें कभी अंदर जाने देना ही नहीं चाहिए.

दूसरी बात भी आगे लिखता हूं. एक पौराणिक व्यक्ति ने मुझपर केस की धमकी दी थी इसी लिए थोड़ा ध्यान से लिखना पड़ेगा. क्या पता उन लोगों की भावना आहत हो जाए. (हालाकि मैं ऐसा लिखता नहीं हूं और जो सत्य है वो ही लिखता हूं, कठोर शैली में लिखता था) पर अब नहीं.

आर्ष पुस्तकालय

11 Oct, 10:59


अगर आप इस महाविद्यालय को देखोगे तो आपको देखकर लगेगा कि यह भारत का कोई स्कूल है। लेकिन ऐसा नहीं है, यह है भारत से 6 हज़ार किलोमीटर दूर पूर्वी अफ्रीकी देश कीनिया में मौजूद आर्य कन्या महाविद्यालय है। जो आज से 7 दशक पहले आर्य समाज ने यहाँ बनवाया था और आज भी आर्य समाज नैरोबी में कई स्कूल और अस्पताल चला रहा है।

आर्ष पुस्तकालय

11 Oct, 08:53


अभी एक वीडियो देख रहा था उससे सिद्ध होता है के ईश्वर ने बच्चों तक में बहुत अच्छी विकसित बुद्धि दी है. विडियो तो मैं नहीं साझा कर पाऊंगा पर हां मेरा निष्कर्ष यही है. जितना मैं और ज्यादा अध्ययन कर रहा हूं उतना ज्यादा मुझे विश्वास होता जा रहा और मेरा विश्वास दृढ़ होता जा रहा है.

वेदों का उपयोग कैसे करना है वो भी एक नए रूप से ये भी मैंने जान लिया है. आर्य समाज उसको माने या ना माने ये बाद की बात है. पर हां ईश्वर पक्षपाती नहीं है और सबको अवसर मिलता है. यह बात तो निश्चित है. मैं कोई सा भी विषय पढूंगा मैं अपने दिमाग को उस रूप से स्थिर कर चुका हूं के कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में मैं ईश्वर की कृपा ही देखूंगा उसमें.

विज्ञान तो अच्छा ही है, और पढ़ना भी अच्छा है. पर अनुभव के आगे सब शून्य और शुष्क है. ईश्वर भी एक अनुभूति ही है.

यदि जीवन में मोक्ष मिल गया (अभी तो नहीं सोचा है ऐसा कुछ) तो बहुत सही रहेगा.

पर हां मैं मोक्ष से ज्यादा लोगों की सहायता में रुचि रखूंगा. क्योंकि मोक्ष तो संभव है के अगले जन्म में भी मिल जाएं या प्रयास कर लूं. पर यह जन्म भी तो अच्छे कर्मों के लिए ही मिला है. मात्र मोक्ष के नाम पर तो नहीं.

तो भविष्य में यदि कुछ बड़ा या अच्छा कर दिया तो मुझे बहुत आनंद होगा.

'मेरे प्रभु' का अनंत कोटि धन्यवाद. 🙏

आर्ष पुस्तकालय

11 Oct, 06:46


अब इस सूचि में यजुर्वेद भाष्य भास्कर और ऋग्वेद भाष्य भास्कर नहीं है. एक सज्जन को भेज दिया गया है.

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