बेगूं आंदोलन के केन्द्र — रायता, मंडावरी, गोविंदपुरा,चांदखेड़ी, मेनाल, बिछौर, मेघनिवास, सांगा की बड़ी, धागणमऊ, भैंसरोड़गढ़।
मंडावरी और चंदा खेड़ी में ब्रिटिश सिपाहियों ने किसानों पर गोलियां चलाई। ब्रिटिश सरकार और जागीरदारों का मानना था कि ज्यादा पढ लिख जाएंगे तो किसान संगठन और मजबूत होगा। पढ़ाई पर पूर्ण प्रतिबंध था।इसलिए स्वतंत्रता सेनानी रायता निवासी बरदीचंद धाकड़ की कृषि भूमि निलाम कर क्षेत्र से बाहर जेल भेज दिया। इसी प्रकार सूलीमंगरा निवासी स्वतंत्रता सेनानी घनश्याम जोशी, कल्याणपुरा निवासी गोकुल धाकड़, बेगूं निवासी रतनलाल बिल्लू को क्षेत्र से बाहर जेल में भेजा गया। केवल इसलिए कि यह किसान पढ़ते और पढ़ाते भी थे।
उम्मीद हैं बेंगू का प्रश्न भविष्य में छपे तो गलत न हों।
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