शिव स्वरोदय, मुद्रा शास्त्र, सूक्ष्म देह प्रक्षेपण @shivswarodaya_manifestation Channel on Telegram

शिव स्वरोदय, मुद्रा शास्त्र, सूक्ष्म देह प्रक्षेपण

शिव स्वरोदय, मुद्रा शास्त्र, सूक्ष्म देह प्रक्षेपण
1,078 Subscribers
42 Photos
1 Videos
Last Updated 11.03.2025 20:33

शिव स्वरोदय: ज्ञान और साधना का अद्भुत संयोग

शिव स्वरोदय, मुद्रा शास्त्र और सूक्ष्म देह प्रक्षेपण भारतीय योग और ध्यान की अद्भुत विधाएं हैं, जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास में सहायक होती हैं। शिव स्वरोदय एक प्राचीन तंत्र है, जिसमें स्वर के माध्यम से आत्मा के गूढ़ रहस्यों को जानने एवं अनुभव करने का प्रयास किया जाता है। इसकी खोज महान योगियों द्वारा की गई थी, जो स्वर के विभिन्न गुणों को समझ कर जीवन में संतुलन लाने का प्रयास करते थे। मुद्रा शास्त्र, जो हाथों और अन्य अंगों के विशेष संयोग के माध्यम से ऊर्जा का प्रवाह नियंत्रित करता है, शिव स्वरोदय को एक नया आयाम देता है। सूक्ष्म देह प्रक्षेपण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति अपनी सूक्ष्म देह को बाहर की दुनिया में प्रक्षिप्त कर सकता है, जिससे उसे अपने आसपास के ब्रह्मांड को समझने का अवसर मिलता है। इन सभी शास्त्रों का मूल उद्देश्य आत्मा की पहचान और जीवन के रहस्यों को समझना है।

शिव स्वरोदय क्या है?

शिव स्वरोदय एक प्राचीन भारतीय तंत्र है, जो स्वर विज्ञान पर आधारित है। इसमें व्यक्ति अपने स्वर की विभिन्न तरंगों और कंपन के माध्यम से अपने भीतर के गूढ़ ज्ञान को पहचानता है। यह सोच है कि स्वरों के विभिन्न गुण व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करते हैं और उनकी समझ से आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।

इस तंत्र के अनुसार, हर स्वर की एक विशेष ऊर्जा होती है जो मानसिक और भौतिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। साधक अपने स्वर पर ध्यान केंद्रित कर, ध्यान और साधना के माध्यम से आत्मा की गहराइयों में उतरता है।

मुद्रा शास्त्र का उद्देश्य क्या है?

मुद्रा शास्त्र का उद्देश्य शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को संतुलित करना है। यह विभिन्न मुद्राओं के माध्यम से शरीर के अंगों और ऊर्जा चक्रों को सक्रिय कर, स्वास्थ्य में सुधार करता है। मुद्राएं न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक विकास में भी सहायक होती हैं।

प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली, जैसे आयुर्वेद, मुद्रा शास्त्र का उपयोग करती है। लोकल ऊर्जा प्रवाह और विभिन्न अंगों के बीच संतुलन बनाना, मुद्रा शास्त्र का मूल काम है।

सूक्ष्म देह प्रक्षेपण कैसे किया जाता है?

सूक्ष्म देह प्रक्षेपण की प्रक्रिया में व्यक्ति को ध्यान में बैठकर अपनी सूक्ष्म देह को नियंत्रित करना होता है। साधक गहरी शांति और एकाग्रता की अवस्था में पहुंचता है और अपने सूक्ष्म शरीर को स्थानांतरित करने की कोशिश करता है। यह प्रक्रिया मानसिक शक्ति और ध्यान की गहराई की मांग करती है।

इस प्रक्रिया में कई ध्यान तकनीकें और तंत्र सम्मिलित होते हैं। साधक को इसे करने से पहले अपने मानसिक और भावनात्मक स्थिरता पर ध्यान देना चाहिए।

इन शास्त्रों का दैनिक जीवन में क्या महत्व है?

शिव स्वरोदय, मुद्रा शास्त्र और सूक्ष्म देह प्रक्षेपण व्यक्ति को आत्मा और ब्रह्मांड के गहरे संबंध को समझने में मदद करते हैं। ये साधन व्यक्ति के मानसिक तनाव को कम करने, ध्यान की कला में निपुणता लाने और अंतर्दृष्टि को विकसित करने का कार्य करते हैं।

इनका नियमित अभ्यास न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाता है, बल्कि व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक शांति भी प्रदान करता है। ये व्यक्ति को अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानने और उसका उपयोग करने में भी मदद करते हैं।

क्या शिव स्वरोदय और सूक्ष्म देह प्रक्षेपण का कोई विशेष अभ्यास है?

हाँ, शिव स्वरोदय और सूक्ष्म देह प्रक्षेपण के लिए विशिष्ट ध्यान और साधना तकनीकें उपलब्ध हैं। इन तकनीकों में स्वर पर ध्यान केंद्रित करना और सूक्ष्म देह के अनुभव पर ध्यान देना शामिल है। साधक को नियमित रूप से इन प्रक्रियाओं का अभ्यास करना चाहिए ताकि उन्हें इनका अधिकतम लाभ मिल सके।

इन आसान तकनीकों के माध्यम से साधक अपनी ऊर्जा को सशक्त बनाकर गहरी ध्यान अवस्था में पहुंच सकता है और सूक्ष्म देह के अनुभव को महसूस कर सकता है।

शिव स्वरोदय, मुद्रा शास्त्र, सूक्ष्म देह प्रक्षेपण Telegram Channel

शिव स्वरोदय, मुद्रा शास्त्र, सूक्ष्म देह प्रक्षेपण चैनल एक आध्यात्मिक समुदाय है जो आपको प्राचीन भारतीय विज्ञानों, ध्यान तथा मनोन्यास के माध्यम से मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को सुधारने की दिशा में मार्गदर्शन करता है। यहाँ आपको शिव स्वरोदय, मुद्रा शास्त्र, ध्यान, प्राणायाम, और आध्यात्मिक साधनाओं से जुड़े महत्वपूर्ण ज्ञान और अद्भुत अनुभव साझा किए जाते हैं। इस चैनल में आप अपने शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास को समझने और सुधारने के लिए अनूठी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस चैनल में सदस्यता लेकर आप अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और सजीव जीवन की राह पर अग्रसर हो सकते हैं। तो जॉइन कीजिए और एक स्वस्थ, सकारात्मक और संतुलित जीवन की ओर एक कदम आगे बढ़ें।

शिव स्वरोदय, मुद्रा शास्त्र, सूक्ष्म देह प्रक्षेपण Latest Posts

Post image

Free Akashic records workshop

https://meet.google.com/dqp-hoac-sfo

1 January 2025 to 10 January 2025

Time - 10.30PM IST

02 Jan, 08:44
575
Post image

दिनांक १९-०९-२०२४
तिथी - भाद्रपद कृष्ण द्वितीया
🌹🌷
धनप्राप्ति: स्वरबले स्वरतोराजदर्शनम् ||
स्वरेण देवता सिद्धी: स्वरेण क्षितिपोवश:२३
🌹🌷
अर्थ -स्वरबलाने धनाची प्राप्ती होते, तसेच स्वरज्ञानामुळे राजाचे दर्शन होते, स्वरज्ञानाने देवतांची कृपा प्राप्त होते, तसेच स्वरज्ञानाने राजा देखील वश होतो.

19 Sep, 10:43
1,666
Post image

दिनांक - १२-०९-२०२४
तिथी - भाद्रपद शुक्ल नवमी

🌹🌷
शत्रुम् हन्यात् स्वरबले तथा मित्रसमागमः ॥
लक्ष्मीप्राप्तिः स्वरबलेकीर्तिः स्वरबलेसुखं ॥ २२ ॥
🌹🌷
अर्थ - शिवस्वरोदय शास्त्र अभ्यासल्याने शत्रूनाश, मित्रप्राप्ती,लक्ष्मी प्राप्ती(धन प्राप्ती) विविध सुख तसेच कीर्ती प्राप्त होते.

*स्पष्टीकरण* - *इथे आपल्याला शत्रूनाश या शब्दाचा अर्थ शरीरातील षडरिपूंचा नाश ह्या अर्थाने घ्यायचा आहे.*
*वास्तविक जी व्यक्ती या शास्त्राचा अभ्यास करते त्या व्यक्तीला सर्वांप्रती मित्रत्वाची भावना बाळगावी लागते कोणाशीही वैरभाव पत्करणे एखाद्या स्वर ज्ञानी मनुष्याला शोभत नाही.वैरभाव बाळगल्यास,असूया बाळगल्यास,एखाद्याची त्याच्या अपरोक्ष निंदा नालस्ती केल्यास,त्याच्यावर टीका केल्यास *ती ह्या शास्त्राची अवहेलना ठरेल.*
*म्हणूनच इथे शत्रूनाश म्हणजे षडरिपूंचा नाश असा अर्थ घ्यावा.*

19 Sep, 10:43
1,640
Post image

दिनांक - ११-०९-२०२४
तिथी - भाद्रपद शुक्ल अष्टमी

🌹🌷
स्वरज्ञानात् परम् गुह्यम् स्वरज्ञानात् परम् धनम् ।।
स्वरज्ञानात् परम् ज्ञानम् न वा दृष्टम् न वा श्रुतम् ॥ २१ ॥
🌹🌷
अर्थ - स्वरज्ञानासारखे गुप्त ज्ञान नाही. स्वरज्ञान हे धनासमान आहे.
स्वरज्ञानापेक्षा श्रेष्ठ ज्ञान कोणी पाहिले किंवा ऐकले आहे का?

19 Sep, 10:43
1,448