चौपाई-
जो आपन चाहै कल्याना। सुजसु सुमति सुभ गति सुख नाना॥
सो परनारि लिलार गोसाईं। तजउ चउथि के चंद कि नाईं॥
भावार्थ-जो मनुष्य अपना कल्याण, सुंदर यश, सुबुद्धि, शुभ गति और नाना प्रकार के सुख चाहता हो, वह हे स्वामी! परस्त्री के ललाट को चौथ के चंद्रमा की तरह त्याग दे (अर्थात् जैसे लोग चौथ के चंद्रमा को नहीं देखते, उसी प्रकार परस्त्री का मुख ही न देखे)॥
इसी संदेश,प्रेम और प्रार्थना के साथ आप सभी को करवा चौथ के इस पावन पर्व की अनेकों शुभकामनाएं...
श्री चरणों का दास- सुनील कुमार मिश्रा
🚩जय सियाराम🚩