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Rahat Indori Shayari Poetry

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Rahat Indori Shayari Poetry (English)

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Rahat Indori Shayari Poetry

01 Sep, 08:12


BHU गैंगरेप के आरोपी जमानत पर बाहर आये हैं.

केक काटकर स्वागत किया गया.

उनके यहाँ कल्चर है.

और आप..! आप अपनी बेटी बचाइए!

Rahat Indori Shayari Poetry

15 Aug, 12:32


देश में असली आज़ादी का मजा तो सिर्फ बलात्कारी , भ्रष्टाचारी , पेपर लीक माफिया , भूमाफिया , खनन माफिया , अधिकारी और नेता मार रहें हैं, जनता तो भेड़ की तरह है , उसको केवल एहसास दिलाया गया है कि तुम आजाद हो , हर साल टैक्स के रूप में उसकी ऊन निकाल ली जाती है । फिर भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जाता है , भारत देश की जनता 1947 से पहले भी भगवान और भाग्य के भरोसे थी और 1947 के बाद भी । 1947 के बाद बस इतना हुआ कि गोरे अंग्रेज चले गए और भूरे अंग्रेजों ने उनकी जगह ले ली। #IndependenceDay2024

Rahat Indori Shayari Poetry

18 Feb, 11:44


ये दुनिया दो-रंगी है , एक तरफ़ से रेशम ओढ़े,
एक तरफ़ से नंगी है ।

~ साहिर लुधियानवी

Rahat Indori Shayari Poetry

23 Oct, 17:00


कौन सीखा है सिर्फ बातों से,
सबको एक हादसा जरूरी है।

~ जॉन एलिया

Rahat Indori Shayari Poetry

30 Sep, 05:15


दूर रह कर न करो बात क़रीब आ जाओ
याद रह जाएगी ये रात क़रीब आ जाओ

साहिर लुधियानवी

Rahat Indori Shayari Poetry

28 Sep, 20:24


मेले में भटके होते तो कोई घर पहुँचा जाता
हम घर में भटके हैं कैसे ठौर ठिकाने आएँगे
- दुष्यन्त कुमार

Rahat Indori Shayari Poetry

23 Sep, 01:41


फूलों की तरह फिर खिलेंगे हम
शायद कभी फिर मिलेंगे हम

~ वाजिद शेख

Rahat Indori Shayari Poetry

11 Sep, 06:19


माँ भोर में उठती है
कि माँ के उठने से भोर होती है
ये हम कभी नहीं जान पाये

बरामदे के घोंसले में
बच्चों संग चहचहाती गौरैया
माँ को जगाती होगी
या कि माँ की जगने की आहट से
शायद भोर का संकेत देती हो गौरैया

हम लगातार सोते हैं
माँ के हिस्से की आधी नींद
माँ लगातार जागती है
हमारे हिस्से की आधी रात

हमारे उठने से पहले
बर्तन धुल गये होते हैं
आँगन बुहारा जा चुका होता है
गाय चारा खा रही होती है
गौरैया के बच्चे चोंच खोले चिल्ला रहे होते हैं
और माँ चूल्हा फूंक रही होती है

जब हम खोलते हैं अपनी पलकें
माँ का चेहरा हमारे सामने होता है
कि माँ सुबह का सूरज होती है
चोंच में दाना लिए गौरैया होती है।

- गौरव पाण्डेय

Rahat Indori Shayari Poetry

31 Aug, 03:44


उनके वफादार और कर्जदार रहिए
जो आपके लिए अपना वक्त देते हैं।

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Rahat Indori Shayari Poetry

31 Aug, 03:40


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Rahat Indori Shayari Poetry

22 Aug, 14:17


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Rahat Indori Shayari Poetry

13 Aug, 14:38


दोस्ती जब किसी से की जाए
दुश्मनों की भी राय ली जाए

- राहत इंदौरी

Rahat Indori Shayari Poetry

05 Aug, 14:30


ये सोचना ग़लत है कि तुम पर नज़र नहीं
मसरूफ़ हम बहुत हैं मगर बे-ख़बर नहीं

~आलोक श्रीवास्तव

Rahat Indori Shayari Poetry

01 Aug, 13:51


सात संदूक़ों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतें
आज इंसाँ को मोहब्बत की ज़रूरत है बहुत

बशीर बद्र

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