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Gulzar poetry (गुलज़ार कविता)
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✍︎ शायरियां ऐसी जो दिल छू जाए !! ☕︎

.कविता, शेर, नज्म, गजल, और दिलचस्प कहानियाँ.

आपके दिल के एहसास हमारी शायरी में। ♥️💕


Est: 08-08-2021



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अंतिम अपडेट 28.02.2025 08:42

Gulzar poetry (गुलज़ार कविता) द्वारा टेलीग्राम पर साझा की गई नवीनतम सामग्री


चाँद भी छुप जाता है उसके मुस्कुराने से,
दिन भी ढल जाता है उसके उदास हो जाने से,

क्यों वो नही समझ पाता है हाल-ए-दिल मेरा,
मेरी धड़कन रुक जाती है उसके रूठ जाने से।

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कभी हमने सोचा न था,
तुमसे जुदा हो जायेंगे,
सांसे खफा हो जायेंगी,
हम दर-बदर हो जायेंगे,
ख्वाबों में आकर इस-कदर,
हमको जलाया ना करो,
दीवाने हैं, दीवानों का क्या,
इक दिन फना हो जायेंगे।

😂

मनुज दुग्ध से , दनुज रुधिर से
अमर सुधा से जीते हैं

किन्तु हलाहल भव सागर का
शिव शंकर जी ही पीते हैं..

🌺❤️

हर हर महादेव ❤️

क्या हुआ , क्या न‌ हुआ...क्यों बताऊं तुझे

मैं बस मजाक हूं , मिलकर उड़ाओ मुझे..

🖤
🙃

कैसे कोई भूल सकता है किसी को😘

जब किसी को किसी की आदत पड़ जाये..!!❤️

सारी उम्र बस एक ही,
"सबक" याद रखना....

"दोस्ती"और "दुवा"में,
बस नियत साफ़ रखना..!!

सीता राम , सीता राम कहिए

जाहि विधि राखे राम , वाही विधि रहिए..❤️🌺

𝐉𝐀𝐈 𝐒𝐇𝐑𝐄𝐄 𝐑𝐀𝐌 🚩

मिलेगी शिकन तक ना तुम्हें मेरे चेहरे पर

अंदर से सुलगना भी अपने आप में एक हूनर हैं..😌

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,

वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते

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