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MANOJ MUNTASHIR TALKS❤️❤️

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कोशिश कस्मशिस में रेह गया ता उम्र, ना जी सका होके तेरा
कभी मिले वक़्त तो करेंगे गुप्तगू ---
ए ज़िंदगी





Admin --- INDRAJEET KUMAR
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آخر تحديث 09.03.2025 02:14

मनोज मुंतशिर: एक शायर की कहानी

मनोज मुंतशिर, भारतीय कविता और गीत के एक प्रतिष्ठित नाम हैं। उनका जन्म 27 अक्टूबर 1976 को हुआ और वे अपने संवेदनशील और गहन लेखन के लिए जाने जाते हैं। मुंतशिर ने मुख्य रूप से हिंदी और उर्दू में अपनी कविताएँ लिखी हैं, जो न केवल युवा पीढ़ी को बल्कि सभी आयु वर्ग के पाठकों को प्रभावित करती हैं। उनके गीतों ने न केवल फिल्मों में बल्कि विभिन्न श्रोताओं के दिलों में भी एक विशेष स्थान बना लिया है। मनोज की कविताएँ मानव भावनाओं की जटिलताओं को सरलता से समझाती हैं, जिसके चलते वे एक लोकप्रिय व्यक्तित्व बन गए हैं। उनके शब्दों में गहराई और सच्चाई है, जो पाठको को उनके अनुभवों से जोड़ती है। इस लेख में, हम उनके जीवन, प्रमुख कार्यों और उनकी रचनाओं पर चर्चा करेंगे।

मनोज मुंतशिर की प्रमुख रचनाएँ कौन सी हैं?

मनोज मुंतशिर ने कई प्रसिद्ध रचनाएँ लिखी हैं, जिनमें 'तुम ही हो', 'मेरे रुबाब', और 'कोशिश' शामिल हैं। 'तुम ही हो' एक बहुत ही लोकप्रिय गीत है, जिसे अरिजीत सिंह ने गाया था। इस गीत की भावनाएँ बहुत गहरी हैं और यह प्रेम और वियोग की कहानी को बयां करती हैं। इसके अलावा, उनकी कविताएँ जैसे 'कोशिश कस्मशिस में रेह गया ता उम्र' ने भी पाठकों के दिलों को छू लिया है।

उनकी रचनाएँ केवल फिल्मों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उन्होंने विभिन्न मंचों पर भी अपनी कविताएँ प्रस्तुत की हैं। मुंतशिर की शायरी में जीवन के विभिन्न पहलुओं को बहुत खूबसूरती से पेश किया गया है। उनकी अद्वितीय शैली और गहराई ने उन्हें एक खास पहचान दी है।

मनोज मुंतशिर को प्रेरणा कहाँ से मिलती है?

मनोज मुंतशिर की रचनाओं में उनकी व्यक्तिगत अनुभवों और भावनाओं का गहरा प्रभाव होता है। उन्होंने एक बार कहा था कि जीवन के विभिन्न अनुभव और घटनाएँ उनकी प्रेरणा का मुख्य स्रोत हैं। उनके लेखन में प्रेम, वियोग, संघर्ष, और आशा जैसी भावनाएँ प्रमुखता से दिखाई देती हैं। ये अनुभव न केवल उन्हें प्रेरित करते हैं बल्कि उनके पाठकों को भी गहराई में ले जाते हैं।

इसके अलावा, भारतीय संस्कृति, प्रकृति और समाज के विभिन्न पहलुओं ने भी उनके लेखन में योगदान दिया है। मनोज मुंतशिर ने अपनी कविताओं और गीतों के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास किया है, जिससे युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है।

मनोज मुंतशिर का लेखन शैली क्या है?

मनोज मुंतशिर की लेखन शैली सरल, प्रभावशाली और भावप्रवण है। उनकी रचनाएँ अक्सर गहन भावनाओं को व्यक्त करती हैं, जो पाठकों के दिलों को छू जाती हैं। वे अपनी कविताओं में आम आदमी की भावनाओं को बड़े अच्छे तरीके से व्यक्त करते हैं, जिससे हर कोई खुद को उनके शब्दों में महसूस कर सकता है।

इसके साथ ही, मुंतशिर का भाषा का प्रयोग भी अद्वितीय है। वे हिंदी और उर्दू दोनों भाषाओं का बेहतरीन इस्तेमाल करते हैं, जिससे उनकी रचनाएँ और भी आकर्षक बन जाती हैं। उनकी कविताएँ कभी-कभी गद्य की तरह भी होती हैं, जिससे पाठकों को उनकी भावनाओं का वास्तविक अहसास होता है।

मनोज मुंतशिर को क्या पुरस्कार मिले हैं?

मनोज मुंतशिर को उनके अद्वितीय लेखन के लिए कई पुरस्कार मिले हैं। इनमें से कुछ पुरस्कार हैं, 'पंजाब रत्न', 'साहित्य गौरव सम्मान', और 'इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स'। ये पुरस्कार उनके लेखन के प्रति उनकी मेहनत और समर्पण को दर्शाते हैं।

इन पुरस्कारों के अलावा, उन्हें कई सांस्कृतिक आयोजनों में भी मान्यता प्राप्त हुई है, जहाँ उन्होंने अपनी कविताएँ पढ़ी हैं। उनके कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई है और उन्होंने कई मंचों पर अपनी आवाज़ से लोगों के दिलों को जीत लिया है।

मनोज मुंतशिर का व्यक्तिगत जीवन कैसा है?

मनोज मुंतशिर का व्यक्तिगत जीवन काफी साधारण है। वे अपनी पत्नी और बच्चों के साथ खुशहाल जीवन जीते हैं। उनका मानना है कि परिवार ही जीवन की सबसे बड़ी प्रेरणा होती है। वे अपने परिवार को हमेशा प्राथमिकता देते हैं और उनके साथ समय बिताना पसंद करते हैं।

इसके अलावा, वे सामाजिक मुद्दों पर भी बहुत सक्रिय रहते हैं। मनोज अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए विभिन्न मंचों का उपयोग करते हैं, जिससे वे समाज के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास करते हैं। वे युवा पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।

قناة MANOJ MUNTASHIR TALKS❤️❤️ على Telegram

आपका हार्दिक स्वागत है MANOJ MUNTASHIR TALKS❤️❤️ टेलीग्राम चैनल में! यह एक अद्वितीय प्लेटफ़ॉर्म है जहाँ आप मशहूर शायर और संगीतकार Manoj Muntashir के साथ उनकी विचार विमर्श, कविताएँ, और समीक्षाएँ सुन सकते हैं। यह आपके लिए एक मनोरंजक स्थान हो सकता है जहाँ आप उनके विचारों को समझने और स्वीकार करने के लिए मिल सकते हैं। इस चैनल के विचारों पर चर्चा करने के लिए आपको कोई सुविधा नहीं होगी। आप उनके मशहूर शेरो-शायरी को सुन सकते हैं और उनके संगीतकारी के प्रामाणिक संगीत का आनंद ले सकते हैं। MANOJ MUNTASHIR TALKS❤️❤️ चैनल के एडमिनिस्ट्रेटर इंद्रजीत कुमार हैं। उनके माध्यम से आप इस चैनल पर मनोज मुंटाशिर के विचारों और काम के बारे में अधिक जान सकते हैं। तो जल्दी से जुड़ जाइए MANOJ MUNTASHIR TALKS❤️❤️ चैनल के साथ और मनोरंजन और ज्ञान का एक-दूसरे से अनूठा संगम का आनंद लें।

أحدث منشورات MANOJ MUNTASHIR TALKS❤️❤️

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🪁मकर संक्रान्ति की हार्दिक शुभकामनाएं।🙏

14 Jan, 06:18
518
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कांधे पे सर रख गेसुवो से खेलने को जी चाहता है
हो काली रात बारिशों की उस पहर मिलने को जी चाहता है
खयाल तो देख तेरे इस आशिक़ का,खुद की ज़िंदगी उलझनों में है
और तुझे जिंदगी बनाने को जी चाहता है।
♥️😘🌍

13 Jan, 09:46
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प्यार क्या होता हैं तुमसे मिल के जाना है
तुझ पे लूटा दु सबकुछ, सबकुछ तुझको माना है
थोड़ी सी चंचल, शीतल, शांत सरोवर हो ,
तुझे रखूं जीवन में ऐसे, जैसे कीमती धरोवर हो।

तू चंचल हवा, मैं बहता बादल प्रिये
तेरे बिना मैं अधूरा सा पागल प्रिये
बदन कमल सी कोमल तेरा,
तू ही मेरा आज, तू ही कल प्रिये ।

उस रात की नर्म चाँदनी में
तेरे स्पर्श की गर्माहट बसी थी
तेरी साँसों की सरगम में,
मेरे ख्वाबों की सरहद फँसी थी।

रात के सन्नाटे में धड़कनों का शोर था
दो बदन एक जान नहीं कोई और था
तेरी बाहों में जन्नत का एहसास था,
वो रात नहीं, कोई ख्वाब खास था।

03 Jan, 16:07
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हमें यू ना कर परेशान की तेरे होठों के तलबगार बन जाये
अभी नया नया इश्क़ ए ख़ुमार है बीमार ना हो जाये।

21 Dec, 17:07
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