پستهای تلگرام LAW KNOWLEDGE कानून की जानकारी

कानून की बाते लॉ नॉलेज LAW KNOWLEDGE
कानून जो आपके लिए बना है कानून की कम नॉलेज के कारण आप पुलिस से डरते है ट्रैफिक पुलिस से डरते है बहुत सी बार आप बैंक मैं पैसे काटने या चार्ज लगाने से बैंक मैं बात करने से या कोई भी कानूनी दावपेंच से डरते है ।अब डरना नही
कानून जो आपके लिए बना है कानून की कम नॉलेज के कारण आप पुलिस से डरते है ट्रैफिक पुलिस से डरते है बहुत सी बार आप बैंक मैं पैसे काटने या चार्ज लगाने से बैंक मैं बात करने से या कोई भी कानूनी दावपेंच से डरते है ।अब डरना नही
1,774 مشترک
212 عکس
4 ویدیو
آخرین بهروزرسانی 06.03.2025 12:52
کانالهای مشابه

3,526 مشترک

3,341 مشترک
1,305 مشترک
آخرین محتوای به اشتراک گذاشته شده توسط LAW KNOWLEDGE कानून की जानकारी در تلگرام
अगर किरायेदार किराया नहीं चुका रहा है या फिर घर में किसी भी तरह का कोई गैरकानूनी काम चल रहा है तो मकान मालिक का अधिकार है कि वो अपना घर खाली करने को कहे. मकान मालिक को अधिकार है कि वो किरायेदार से सिक्योरिटी मनी ले सकता है, ये वो राशि होती है जिसमें मकान या फ्लैट को पहुंचाई गए नुकसान की भरपाई हो सकती है-
, कुछ परिस्थितियों में किरायेदार, प्रॉपर्टी का मालिक बन सकता है:


अगर कोई किरायेदार किसी प्रॉपर्टी पर 12 साल या उससे ज़्यादा समय से कब्ज़ा करता है, तो वह उस प्रॉपर्टी को बेचने का अधिकारी होता है. इसे 'प्रतिकूल कब्ज़ा' या 'एडवर्स पोज़ेशन' कहते हैं.

इस कानून का फ़ायदा उठाने के लिए, किरायेदार को यह साबित करना होता है कि उसने लंबे समय से प्रॉपर्टी पर कब्ज़ा किया है और उसमें कोई रुकावट नहीं आई.

किरायेदार को प्रॉपर्टी डीड, टैक्स रसीद, बिजली या पानी का बिल, गवाहों के एफ़िडेविट वगैरह की भी ज़रूरत होती है.


यह कानून सरकारी संपत्ति पर लागू नहीं होता.

मकान मालिक चाहे, तो कोर्ट में जाकर इस मामले पर फ़ैसला ले सकता है.
किरायेदारों और मकान मालिकों के बीच संतुलन बनाने के लिए, किराया नियंत्रण अधिनियम बनाया गया है. इस अधिनियम के तहत, किरायेदारों को बिना वजह बेदखल नहीं किया जा सकता और उन्हें अतिरिक्त किराया भी नहीं देना होता.


अगर कोई किरायेदार किसी प्रॉपर्टी पर 12 साल या उससे ज़्यादा समय से कब्ज़ा करता है, तो वह उस प्रॉपर्टी को बेचने का अधिकारी होता है. इसे 'प्रतिकूल कब्ज़ा' या 'एडवर्स पोज़ेशन' कहते हैं.

इस कानून का फ़ायदा उठाने के लिए, किरायेदार को यह साबित करना होता है कि उसने लंबे समय से प्रॉपर्टी पर कब्ज़ा किया है और उसमें कोई रुकावट नहीं आई.

किरायेदार को प्रॉपर्टी डीड, टैक्स रसीद, बिजली या पानी का बिल, गवाहों के एफ़िडेविट वगैरह की भी ज़रूरत होती है.


यह कानून सरकारी संपत्ति पर लागू नहीं होता.

मकान मालिक चाहे, तो कोर्ट में जाकर इस मामले पर फ़ैसला ले सकता है.
किरायेदारों और मकान मालिकों के बीच संतुलन बनाने के लिए, किराया नियंत्रण अधिनियम बनाया गया है. इस अधिनियम के तहत, किरायेदारों को बिना वजह बेदखल नहीं किया जा सकता और उन्हें अतिरिक्त किराया भी नहीं देना होता.
क्या किरायेदार आपकी प्रॉपर्टी का मालिक बन सकता है?
शीघ्र ही जानकारी दी जाएगी रेगुलर join and share
शीघ्र ही जानकारी दी जाएगी रेगुलर join and share