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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)
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آخرین به‌روزرسانی 01.03.2025 12:51

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सुनो

ज्यादा कदर करने वाला
अपनी अहमियत खो बैठता है

टूटता बिखरता है और अंधेरे
मैं वो रो बैठता है

Irfan....✍️

Suno

तुम्हारी नजरों में है सिर्फ रिश्तों का selection

मेरी मोहब्बत है तुम्हारे लिए महज एक option

Irfan...✍️

सुनो

कल के हालात कुछ ऐसे थे

हम तो खामोश ही अच्छे थे

Irfan...✍️ G00d night

सुनो तुम...

इंतजार का गुजरता अब कारवां नहीं
उसे अब मोहब्बत की परवाह नहीं

मेरी अहमियत क्या है तेरी नजरों में
मैं आम इंसान कोई अजूबा आठवां नहीं

तेरी इज्जत का रखना है मुझे खयाल
महफिलों मै करना तुझे कभी रुसवा नहीं

इश्क को दे करार अगर गुनाह ज़माना
मैं मानता ऐसा कोई भी फतवा नहीं

मोहब्बत दिखाती है मोहब्बत कितनी है
मोहब्बत मै तड़प नहीं कोई शिकवा नहीं

Irfan...✍️

सुनो

तुझ से उम्मीद ए वफ़ा करना फुजूल है

तूने समझ लिया कदमों की धूल है

तुम से मोहब्बत की ये मेरी भूल है

छोड़ कर जाना तो रस्म ए उसूल है

Irfan....✍️

सुनो

जो कदम से कदम मिला ना सका
अपना रिश्ता वो निभा ना सका

उम्मीद उससे मै आखिर क्या करता
मैं उसके साथ सफर मैं चल ना सका

Irfan...✍️

सुनो जॉना

तुम मुकम्मल किसी के हो जाओ
खौफ है उसका उसके रहो तुम

यूं जुल्म ना करो मुझ पर तुम
प्यार है मुझ से तो मेरे हो जाओ

Irfan...✍️

सुनो जॉना...

अब तो मेरी मोहब्बत का भ्रम रखना

मुझ पर अपनी नजर ए करम रखना

Irfan...✍️

सुनो तो...

मेरे हर्फ हर्फ बन कर लफ्ज़ होते थे फिदा

कबूल हो आखरी सलाम हमारा ए महफिल अलविदा

इरफान...✍️  Alvida