📢 नए लोग जब UPPSC की तैयारी में आते है तो उनको लगता है की इतनी मेहनत करूंगा कि पहले ही साल में सिलेक्शन ले लूँगा क्योंकि सब कुछ मेहनत से हांसिल किया जा सकता है।
📢 परंतु उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की कार्यप्रणाली कुछ ऐसी है कि यह किस्मत का रोल आपके सिलेक्शन में मेहनत से भी ज्यादा बढ़ा देता है।
उदाहरण:
◆ हर 1-2 साल में पैटर्न चेंज करना, केवल प्रश्नों के स्तर की बात नही, ये एग्जाम का पूरा फॉरमेट ही बदल देता है।
◆ 2018 का PYQ देखिए ऐसा पेपर बनाया जैसे SSC का होता है एकदम 1 लाइनर घटिया फैक्ट, वही 2019 का सही था।
◆ कभी 1-2 ऑप्शनल हटाना जैसे सोशल वर्क और डिफेंस(2018) जबकि 90% लोग ये ऑप्शनल रखते थे, कम से कम 1 साल पहले नोटिस दे कि अगले साल से ये ऑप्शनल हटाने है, कभी सभी ऑप्शनल ही हटा देना (2023)
◆ mains में अभी भी normalization/ moderation कर रहे है, मैंने RTI से अपनी cooy देखी लास्ट वीक, GS3 और GS6 में मेरे 7-8 प्रश्नों में नंबर काट कर कम किये गए।
◆ अब ये लोग
प्रीलिम्स जैसी ऑब्जेक्टिव परीक्षा में भी NORMALIZATION लागू कर SUBJECTIVITY घुसाने में लगे हैं।
50% प्रीलिम्स पास करने वाले लोग तो 2-5 नंबर से ही कटऑफ क्लियर करते है, अब वो तो किस्मत के सहारे हो जाएंगे।
★ इसलिए इसका पुरजोर विरोध करिए, पोस्ट नही भेज सकते तो कम से कम ईमेल ही कर दीजिए।
★ इतना तो अपने हक़ के लिए जहमत उठाइये। अन्यथा 1 बार normalization लागू हुआ तो कभी हटेगा नही, और जो लोग ये सोचते है कि और मेहनत करके में 10 नंबर बढ़ा लूँगा वो इतना आसान नही है।
★ ये आयोग की email है इस पर ईमेल करे
[email protected][email protected] ★ घबराए नही आपको आयोग ट्रैक या दंडित नही करेगा इसके लिए, इसमें कुछ गलत नही है। आयोग संविधानिक संस्था है उसे आपके अधिकारों का भी पता है।
धन्यवाद।