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Antervasna chudai ki kahani

Antervasna chudai ki kahani (Hindi)

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Antervasna chudai ki kahani

22 Nov, 16:06


वो पागल हो गई और सिसकारियां भरने लगी- आह आह आह!उसने अपना मेरा मुंह अपनी चूत पर दबा दिया और अपनी कमर हिला कर अपनी चूत चटवाने लगी।उसके बाद हम 69 पोजीशन में आ गए और मैंने घूम कर अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया।
उसकी चूत चाटने में मुझे बहुत मजा आ रहा था और उसने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया।
वह बिल्कुल आइसक्रीम की तरह लंड चूस रही थी और पूरा लंड मुंह में अंदर बाहर कर रही थी।फिर उसने मेरे टट्टों पर जीभ फेरनी शुरू कर दी.मुझे बहुत मजा आने लगा और मैं उसके मुंह में झटके मारने लगा।
5 मिनट तक यही सब चलता रहा और वह झड़ गई.
मैं उसका सारा माल पी गया और उसके मुंह में अपने लंड के झटके मारता रहा।वो मस्ती में मेरा लंड चूस रही थी.
मेरा एक बार भी नहीं निकला था.5 मिनट और लंड चुसवाने के बाद मैं उसके ऊपर आ गया अब मैं अपना लंड उसकी चूत पर घिसने लगा.वह पागलों की तरह सिसकारियां ले रही थी।
तभी उसने मुझे बोला- जानू अब लंड अंदर डाल दो! मेरा बहुत मन कर रहा है.और उसने अपने आप से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के मुंह पर रख दिया क्योंकि वह 1 साल से चुदी नहीं थी।मैंने धीरे से लंड अंदर डाला और उसके मुंह से आह निकल गई.उसने मुझे बोला- बेबी धीरे धीरे डालना।
मैंने उसकी दोनों टाँगों को खोलकर धीरे-धीरे लंड डालना शुरू किया आधा लंड डालकर मैंने झटके मारने शुरू किए।उसकी चूत गीली होने के कारण आधा लंड अंदर चला गया.लगभग 2 मिनट बाद थोड़ा सा दर्द होने के बाद वह पूरा लंड ले गई।एकदम से पूरा लंड अंदर जाते ही उसके मुंह से चीख निकली.
मैंने धीरे-धीरे अपनी कमर चलानी शुरू कर दी.
उसे मजा आने लगा और वह आह आह करने लगी.
मैंने अपनी कमर तेज तेज चलानी शुरू कर दी और हमारी ताबड़तोड़ चुदाई की शुरुआत हो चुकी थी।उसकी आवाज सुनकर मुझे जोश चढने लगा और मैंने जोर जोर से अपना लंड उसकी चूत में पेलना शुरू कर दिया।
अब उसके मुंह में से हल्की-हल्की चीख निकलने लगी।
मैंने उसकी दोनों टांगें उठा कर अपने कंधों पर रख ली और और पैरों के भार बैठकर कर उसकी चूत में अपना लंड पेलने लगा.साथ में मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी दोनों चूचियां दबानी शुरू कर दी।उसे और मजा आने लगा.
10 मिनट तक ऐसे चुदाई करने के बाद मैंने उसको घोड़ी बना दिया और पीछे से लंड डाला और साथ में उसकी चूचियां पकड़ ली उसको पीछे से चोदना शुरू कर दिया।
मैं बहुत तेज धक्के लगा रहा था जिस वजह से उसकी चीखें निकल रही थी.5 मिनट बाद वो झड़ गयी।पर मेरा माल अभी नहीं निकला था तो मैंने उसे चोदना जारी रखा.2 मिनट बाद वो बोली- मुझे दर्द हो रहा है।
इसलिए मैं नीचे आ गया और मैंने उसको अपने ऊपर बैठा लिया उसने ऊपर आकर अपनी चूत में लंड डाल लिया और ऊपर नीचे होने लगी।मैंने दोनों हाथों से उसकी चूचियां पकड़ ली और दबाने लगा।वह अपनी चूत मेरे लंड पर मार रही थी और मैंने नीचे से झटके मारने लगा।
5 मिनट मेरे लंड पर कूदने के बाद उसने आगे पीछे होकर लंड को लेना शुरू कर दिया।इस पोज में हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था.
थोड़ी देर ऐसे ही चुदाई करने के बाद मैंने उसे बेड से नीचे उतारा और उसको बेड पर झुका दिया और पीछे से लंड डालकर उसकी चुदाई शुरू कर दी।पांच मिनट बाद जब मेरा माल गिरने को आया तो मैंने उसको घुमा कर अपना लौड़ा उसके मुंह में दे दिया और अपनी कमर हिलाने लगा।एक-दो मिनट बाद मेरा सारा माल उसके मुंह में झड़ गया।वह मेरा लंड अपने मुंह से बाहर निकालने की कोशिश कर रही थी पर मैंने पूरा लंड उसके मुंह में दे रखा था।इस वजह से मेरा सारा माल उसके गले से नीचे उतर गया।मैं संतुष्ट होकर बेड पर लेट गया।
वह बाथरूम में गई और जाकर अपनी चूत और मुंह को धोकर आई और आकर मुझे गले लगा कर कर लेट गई।
उसके बाद सारी रात हमने 4 बार और चुदाई की जिसमें से हमने एक बार सुबह जब वह वापस जाने लगी तो नहाते हुए चुदाई की।
उसे मेरे साथ चुदाई कर कर बहुत मजा आया.

Antervasna chudai ki kahani

22 Nov, 16:06


फेसबुक पर मिली लड़की को होटल में XX....


नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अमोल है और मैं अहमदनगर शहर का निवासी हूं।
मेरी उम्र 28 साल है. मेरा रंग गोरा है और मेरी हाइट 5 फीट 6 इंच है. मेरे लंड का साइज 7 इंच है और इसकी मोटाई भी अच्छी है.
दोस्तो, यह कहानी है जब मे फेसबुक पर सेक्स कहानियाँ लिखता हु तब मुझे फेसबुक पर एक लड़की मिली जिसे मेरी कहानियाँ पसंद आयी थी जिसको मैंने उसके शहर में जाकर सेक्स का मजा दिया.
वैसे तो मेरी गर्लफ्रेंड से रह चुकी हैं और मैंने बहुत बार चुदाई की है पर यह लड़की मुझे लॉकडाउन के समय फेसबुक पर मिली जिसको मैंने होटल में चोदा !
दोस्तो, मैंने लॉकडाउन में भारी अंतर के चलते फेसबुक पर कहानियाँ लिखना शुरु किया।वहां मैंने अपनी सुंदर सुंदर फोटो लगा दी ताकि मेरी प्रोफाइल अच्छी लगे और अपने बारे में लिख दिया।
उसके बाद मेरी बहुत लड़कियों से बात हुई.
परंतु एक लड़की से बात हुई जोकि पुणे में रहती थी।
लड़की का नाम श्रेया था.
शुरू शुरू में हमारी नॉर्मल बातें हुई जैसे कि आप क्या करते हैं कहां रहते हैं।यह सब एक महीने तक चलता रहा.
उसके बाद हमारी थोड़ी बहुत नॉनवेज बातें होने लग गई और 1 महीने तक हम चुदाई की बातें भी करने लगे।
वह बहुत टाइम से सिंगल थी और लगभग 1 साल से चुदी नहीं थी.
पर मैंने तो मार्च में ही चुदाई की थी और मन तो मेरा भी बहुत कर रहा था किसी की चूत चोदने के लिए!
मेरा लंड हमेशा तैयार रहता था.
श्रेया का रंग गोरा था. उसकी हाइट 5 फुट 7 इंच के करीब थी, शरीर भरा हुआ था. उसके बूब्ज़ 36 इंच के थे और उसकी गांड उससे भी बड़ी 40 इंच की थी।
काम के चलते हम मिल नहीं सकते थे तो वह वीडियो कॉल कर मुझे अपनी चूची और अपनी गांड दिखाया करती थी और मैं उसे देखकर अपना लंड हिलाता था।
श्रेया शुरू से ही हॉट थी वह वीडियो कॉल पर भी अपनी चूत में उंगली करके मुझे दिखाती थी और अपनी चूत में उंगली करते हुए मुझे वीडियो भेजती थी।
हम दोनों एक दूसरे से चुदाई की बातें करके गर्म हो जाते थे और इंतजार कर रहे थे कि कब मिलकर एक दूसरे की आग बुझायें।
और बहुत सब्र करने के बाद वह दिन आया हम दोनों को मिलने का मौका मिला।
उसने उसके ही शहर में पुणे में एक होटल में रूम बुक किया.वह अपनी सहेली के घर रुकने का बहाना लगाकर मुझसे मिलने आई।उसे पता था कि आज हम पूरी रात चुदाई करने वाले हैं.
हमने होटल में एंट्री की और रूम में चले गए। अब हमारे पास पूरी रात थी।वहां जाकर हम ने चेंज किया और अपने नाइट सूट पहन लिए।वह अपने घर से ही पीने के लिए फ्लेवर्ड हुक्का लेकर आई थी। उसने सुलगाया और उसमें फ्लेवर डालकर करके कश लगाने लगी।फिर उसने एक बीयर मंगवाई और पूरी बीयर खत्म कर गई।
उसके बाद हमने खाना खाया और थोड़ी बहुत बातें की.
उसके बाद उसने एक बीयर और खत्म कर दी जिससे उसे नशा हो गया।और फिर उसने मुझे अपनी बांहों में ले लिया, मेरे होंठों पर अपने होंठ रख कर चूसने लगी।10 से 15 मिनट तक हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूसते रहे और मैं उसकी गांड से खेलता रहा.हम दोनों गर्म होने लगे थे।
उससे बीयर चढ़ गई थी, उसने मेरी गर्दन पर अपने होंठ रख कर चूसना शुरू कर दिया और मैंने भी उसके गर्दन पर अपनी जीभ फेरने शुरू कर दी।गर्दन चूमते चूमते मेरे हाथ उसकी गर्दन पर चल रहे थे और मैं उसकी गांड दबा रहा था।इतने में मैंने उसे उल्टा घुमा कर उसकी गर्दन के पीछे किस करनी शुरू कर दी और दोनों हाथों से उसकी चूचियां दबाने शुरू कर दी.वो आहें भरने लगी और मेरा लंड टाइट होने लगा।उसने अपना हाथ पीछे करके मेरा लंड पकड़ लिया और मेरे लंड से खेलने लगी।उसके बाद वह वापस घूम गई और उसने मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिये।
10 मिनट तक हमारी किस चली और उसके बाद मैंने उसकी चूचियां जोर जोर से दबाने शुरू कर दी.फिर मैंने उसकी टी-शर्ट को ऊपर कर दिया और ब्रा में से उसकी चूचियां दबाने लगा।उसके हाथ मेरी गर्दन पर थे और मैंने उसकी ब्रा उतार कर उसकी बाई तरफ वाली वाली चुची को अपने मुंह में भर लिया और उसके निप्पल चूसने लगा और साथ में अपने हाथ से दाईं तरफ वाली चूची को दबाने लगा।उसके मुंह से सिसकारियां निकल रही थी- आह अआह!
अभी तक हमें यह सब खड़े होकर कर रहे थे पर तब मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया. उसकी दोनों चूचियों को अपने मुंह में लेकर खेलने लगा. कभी मैं उसकी बायीं तरफ वाली वाली चूची को चूस रहा था और कभी दायीं तरफ वाली।फिर मैंने उसके पेट पर किस करना शुरू कर दिया और उसकी नाभि में जीभ डालने लगा.वो पागलों की तरह मेरे बालों में हाथ से रही थी।उसके पेट को चूमते हुए मैं उसकी नाभि में जीभ डालकर चाटने लगा और फिर दोबारा से मैंने उसकी चूचियां मुंह में डाल दी।
फिर मैंने नीचे जाकर उसका पजामा उतारा और उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को चूमने लगा।
उसकी चूत की खुशबू मुझे पागल कर रही थी।मैंने उसकी पैंटी उतारी और उसकी चूत को ऊपर से चाटने लगा।

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16 Nov, 18:51


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15 Oct, 16:20


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23 Jun, 06:58


हम दोनों पूरे पसीने में लबालब थे.
भाभी बोल रही थी- अब से पहले कहाँ थे? कब से मैं हिंट दे रही थी!
मैंने लंड को और अंदर तक डालते हुए कहा- फल के पकने का इंतजार कर रहा था.

भाभी पोजीशन बदल मेरे ऊपर आ गई और जोर जोर लंड पर कूदने लगी.

और फिर थोड़ी बाद मैंने कहा- भाभी, निकलने वाला है. कहाँ निकालूं?
वे बोली- अंदर ही निकाल दे सोनू! सेफ टाइम है. मैं भी 2 बार निकल चुकी हूं.

उसके बाद मैंने भाभी को नीचे लिया और 5-7 शॉट लगाने के बाद भाभी की चूत में अपना माल छोड़ दिया.
फिर मैं भाभी के ऊपर पड़ा रहा.

तब भाभी ने बताया- तुम मुझे जब आए थे तब से ही मुझे पसंद आ गए थे. तुमने बहुत टाइम लगा दिया मुझे लिटाने में!
मैंने कहा- भाभी, आप अगर कुछ बोल पड़ती और खेल उलट हो जाता तो?

फिर उसके बाद मैंने कहा- भाभी, मुझे आपकी गांड भी मारनी है.
भाभी बोली- एक तो तुम्हारा मोटा ज्यादा है और स्टेमिना भी ज्यादा! ऊपर से मैंने कभी मरवाई नहीं! फिर कभी करेंगे कोशिश! अभी 2 बच चुके हैं. बच्चों के आने का टाइम भी हो गया.

उसके बाद मैंने भाभी को किस किया और अपने फ्लैट में आकर सो गया.

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23 Jun, 06:58


उसके बाद मैं आ गया.

एक दिन बाद जब मैं ऑफ़िस जा रहा था, तब भाभी बोली- मेरे फोन में एक एप्लीकेशन डाउनलोड कर दो, स्पेस की वजह से मुझसे हो नहीं रही!

मैं रुककर भाभी का फोन देखने लगा.
मैंने यों ही फोन की हिस्ट्री चेक की तो पोर्न वेब साइट्स खुली थी.
मैं समझ गया कि पोर्न वेब की शौक़ीन हैं भाभी!

फिर मैंने एप डाउनलोड की और चला गया.

थोड़े दिन बाद मैंने रात को ज्यादा पी ली और अगले दिन लेट उठा.
तो ऑफिस से छुट्टी ले ली.

हैंगओवर था तो मैंने सोचा कि बगल वाले भैया से गोली ले लूं.

जाकर बेल बजाई तो थोड़ी देर तक कोई नहीं आया.

थोड़ी देर बाद भाभी ने गेट खोला.
उस समय भाभी नहा रही थी.
मैंने पूछा- भैया कहाँ हैं?
भाभी बोली- काम पर चले गए. और बच्चे स्कूल चले गए!

उस समय भाभी ने सिर पर तौलिया बांधा था और उनकी चूचियां दिख रही थी.
मेरी नजर उन पर थी.

भाभी मुझे टोकती हुई बोली- कैसे आना हुआ देवर जी?
मैंने कहा- गोली चाहिए थी.
भाभी ने गोली दी और बोली- चाय पियोगे?

मैं हैंगओवर में था तो मैं उनकी चूचियों की ओर देखते हुए बोला- दूध पिला दो!
भाभी बोली- वो भी पिला देंगे. पहले चाय तो पियो.

तो भाभी किचन में चाय बनाने चली गई.

मैं उनका हिंट समझते हुए उनके पीछे चला गया.

पीछे से जाकर भाभी को हग कर लिया.

भाभी बोली- क्या कर रहे हो? गलत है ये सब!
मैं समझ चुका था कि भाभी बस झूठा नाटक कर रही हैं.
मुझे उनके शरीर की गर्मी महसूस हो रही थी.

मेरा लड उनकी गांड में चिपटा हुआ था.

मैंने भाभी की गर्दन पर किस करना शुरु कर दिया और मेरे हाथ भाभी की चूचियों को दबाने लगे.

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23 Jun, 06:56


पड़ोसन भाभी को दिया असली मजा
by  23-06-2024 387
पोर्न वेब साइट्स की शौक़ीन भाभी मेरे पड़ोस में रहती हैं और मैं उनकी सुंदरता के कारण चोदना चाहता था. एक बार मैंने उनके फोन में अन्तर्वासना और दूसरी सेक्स साईट खुली देखी थी.
मेरा नाम सोनू है. उम्र 27 साल है.
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूं।
वैसे तो मैं हरियाणा से हूं परंतु मुंबई में सरकारी नौकरी कर रहा हूं.
मुझे यहाँ आए 6 महीने हो गए।
अभी कुछ महीने पहले विरार में फ्लैट लिया है और मैं अकेला रहता हूं.
पड़ोस में एक भाई रहते हैं, उनकी उम्र करीब 35 साल होगी।
उनकी पत्नी 32 साल की हैं और उनके 2 बच्चे हैं.
उनका नाम नीलम (बदला हुआ) है.
भाभी दिखने में सांवली हैं, उनका फिगर 34-28-36 का है.
जब से मैंने भाभी को देखा है तभी से मैं उनका दीवाना हो गया हूं, उनकी याद में रात को मुठ मारकर रोता हूं.
भैया रात को पीकर आते हैं और उन दोनों की ‘तू तू मैं मैं’ होती रहती है.
मेरे यहां तक आवाज सुनाई देती है।
कभी कभी मैं दिन में भाभी को बोल देता- क्यूं लड़ाई करते हैं भैया?
भाभी बोलती हैं कि इनका यही चलता रहता है.
दोस्तो, जब से मुंबई आया हूं तब से कोई चूत का जुगाड़ नहीं हुआ बस मुठ मारकर काम चलाना पड़ता था.
तो इसी चक्कर में नीचे पार्क में एक लड़की आती थी, उस पर लाइन मारनी शुरू कर दी कि कहीं तो जुगाड़ हो.
भाभी अक्सर उस लड़की को ताड़ते हुए मुझे देख लेती तो मुस्करा देती.
मैं अक्सर भाभी की चूचियों और गांड ताड़ता था और भाभी को भी पता थी यह बात!
एक दिन शाम को व्हिस्की पीने का मन हुआ।
तो मैं ठंडा पानी लेने भाभी के फ्लैट में चला गया.
भाभी बोली- क्या प्रोग्राम है आज?
मैं बोला- भाभी पीने का मन है. आप पानी दे दो!
भाभी बोली- देवर जी, दूध पिया करो. क्या रखा है इसमें!
मैं भी मौका देख कर बोला- भाभी, कोई होनी भी चाहिए पिलाने वाली।
भाभी बोली- क्यों उस लड़की से बात नहीं हुईं अब तक?
मैं बोला- कहाँ भाभी जी, हो जाती तो नजारा कुछ और ही होता!
तब मैं बोला- भाभी, आप करवाओ ना उससे बात!
भाभी बोली- चलो देखते हैं.

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30 Mar, 02:23


मैंने कहा- मम्मी घर में नहीं हैं. वो पड़ोस में गई हैं, सुबह वापस आएंगी.
ये सुनकर भाभी शांत हुईं और बोलीं- मैंने मना किया था ना कि अब दोबारा नहीं होगा.

मैंने भाभी से कहा- मैं आपको चोदने नहीं आया, बस देखने आया था कि नंगी कैसी लगती हो.
भाभी बोलीं- देख लिया. लाओ अब मेरे कपड़े दो और जाओ यहां से!

मैंने कहा- बस पीछे से ही देखा, सामने से कहां देखा.
भाभी मेरी तरफ घूम गईं और अपनी मदमस्त जवानी के जलवे बिखेरने लगीं.

सच में भाभी बड़ी गजब माल लग रही थीं. उनके चूचे मेरे लंड को ललकार रहे थे.
मेरा लंड एकदम कड़क होकर चूत की तरफ घात लगाए घुसने को रेडी था.

भाभी की नजरें भी मेरे खड़े लंड पर टिक गई थीं.
मैंने भाभी से कहा- बस एक चीज़ कर लूँ, फिर मैं चला जाऊंगा.

भाभी ने सोचा कि मैं चोदने के लिए कहूँगा.
उन्होंने कहा- जो होना था, वो आज दोपहर में हो गया था, अब कुछ नहीं.

मैंने कहा- मैं आपको चोदना नहीं चाहता हूँ, बस किस करना चाहता हूँ.
भाभी ने कहा- ठीक है, जल्दी से करो और जाओ. वरना कोई और आ गया, तो मेरे लिए दिक्कत हो जाएगी.

मैंने भी अपना काम चालू कर दिया.
मैं भाभी को किस करने लगा.

धीरे धीरे मैंने उनकी पूरी बॉडी को किस किया.
जैसे ही मैं भाभी की चूत के पास आया तो देखा भाभी की चूत एकदम चिकनी हो गई थी.
मतलब भाभी ने अभी नहाते वक्त या उससे पहले ही अपनी चूत साफ़ कर ली थी.

बस फिर क्या था.
मैंने भाभी की चूत को किस करना चालू कर दिया और जैसे ही मैंने भाभी की चूत का दाना चूसा, भाभी की हालत खराब होने लगी.
अब वो खुद मेरा सिर अपनी चूत पर दबा रही थीं.

मैंने भी मौका देखा और चौका दे मारा.
मैंने उनकी चूत से मुँह हटाते हुए कहा- बस हो गया भाभी. अब मैं जाता हूँ.

कहते हैं जब चूत में चुदाई की आग लगा दो, तो उसे शांत भी होनी चाहिए.
मैं कमरे से निकल कर जैसे ही बाहर आया, भाभी वैसे ही नंगी बाहर आ गईं और मुझे पकड़ कर कमरे में ले गईं.

वो मुझे किस करने लगीं और बोलीं- प्लीज़ कुछ करके जाओ … वरना मैं मर जाऊंगी.
मैंने पूछा- क्या करूं?

वो बोलीं- कुछ भी करो बस मेरी आग बुझा दो.
मैं उनको उकसाना चाह रहा था कि वो खुद चुदाई के लिए कहें और ऐसा ही हुआ भी.

आखिर में भाभी ने बोल दिया कि मुझे चोद दो … जो आग लगा दी है, उसे शांत करो.
मैंने भाभी से पूछा- किस तरह से चुदाई करूं?

वो बोलीं- जैसे भी मन करे … लेकिन जल्दी करो.
मैंने भाभी से कहा- भाभी, आपको गोदी में लेकर चोदूं?

वो कुछ नहीं बोलीं, बस सिर हिलाती रहीं.
अब चालू हुआ भाभी की चुदाई का खेल.

भाभी की चुदाई करते करते मैंने उनसे पूछा.
तो उन्होंने बताया कि आज दिन में उन्होंने जानबूझ कर अपनी पैंटी उतार दी थी क्योंकि रोज मैं ऊपर से ही छूता था और कुछ करता नहीं था.

भाभी कुछ कुछ खुलने लगी थीं.
उन्होंने बताया कि भैया चार महीने में आते हैं और उनकी चूत में आग लगी रहती है.

मैंने पूछा- अब आगे क्या होगा?
भाभी बोलीं- जब तक चलेगा, चलता रहने दो.

मैंने भाभी को अलग अलग आसनों में दो घंटे में तीन बार चोदा.
उनको कुतिया की स्टाइल में सेक्स करना बहुत अच्छा लगा था.

अब हम दोनों हमेशा चुदाई करने लगे थे.

अब भाभी काफी भर गई हैं. उनका साइज़ 36-32-38 का हो गया है.
उनकी दो बेटियां भी हो गई हैं.

अब मेरी भी शादी हो गई है और मैं शहर में रहने लगा हूँ.
मेरी बीवी मेरे साथ शहर में ही रहती है. मेरी मां भी ज्यादातर समय गांव के मंदिर में ही बिताती हैं, तो घर सूना ही रहता है.

जब भी मैं गांव जाता हूँ तो भाभी को कॉल कर देता हूँ कि मैं आ रहा हूँ.

भाभी भी चुदने को रेडी रहती हैं.
मेरी हॉट सेक्सी भाभी को चूत चटवाना बहुत पसंद है.
जब भी मैं जाता हूँ तो वो अपनी चूत साफ़ करके रखती हैं और बेटियों को अपने भाई के घर भेज देती हैं.

मैं भी जाते ही पहले भाभी को किचन में ही पकड़ कर उनकी चूत चूसता हूँ और चुदाई करता हूँ.

जब तक मैं उनके पास रहता हूँ, वो पैंटी नहीं पहनती हैं.
भाभी जानती हैं कि मौका मिलते ही उनकी चूत में मेरा लंड घुस जाएगा.

मैंने भाभी की गांड भी मारी है.
भाभी की गांड चुदाई की कहानी मैं बाद में लिखूंगा.

आज पहली बार सेक्स कहानी लिख रहा हूँ, तो कुछ ग़लत जाना लाजिमी है. उसके लिए आपसे पहले ही माफ़ी मांग रहा हूँ.
हॉट सेक्सी भाभी सेक्स कहानी पर आप अपने विचारों से मुझे जरूर अवगत कराएं.

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30 Mar, 02:23


मैंने थोड़ा सा थूक अपने लंड पर लगाया और भाभी की चूत की फांकों में लंड लगा दिया.
उसी समय मैंने भाभी की चूची को मुँह में ले लिया और चूसने लगा.

भाभी कुछ बोल नहीं रही थीं लेकिन उनकी सांसें तेज हो गयी थीं.

मैंने जान लिया था कि भाभी जाग रही हैं, तो क्यों न उनको खुल कर चोदा जाए.
मैंने भाभी के कान में प्यार से कहा- भाभी, सीधी हो जाओ.

मेरी बात सुनकर भाभी सीधी हो गईं और मैंने समझ लिया कि इनका मन भी चुदने का है. बस ये बोल नहीं रही हैं.
मैं भाभी को अच्छे से प्यार करने लगा.

भाभी अब भी कोई रेस्पॉन्स नहीं दे रही थीं और न ही मुझे मना कर रही थीं.
मैंने भाभी से कहा- भाभी, ऐसे मज़ा नहीं आएगा. आप थोड़ा साथ दो ना!

भाभी ने थोड़ा साथ देना शुरू कर दिया और धीमी आवाज में कहा- दरवाजे की कुंडी लगा दो.
मैं झट से जाकर कुंडी लगा आया.

आकर मैंने भाभी से कहा- अपने कपड़े उतार दो.
पर उन्होंने मना कर दिया कि ऐसे ही ठीक हूँ.

मैंने भी भाभी को ओके बोला और उनके ऊपर चढ़ कर अपने लंड को चूत में डालने लगा.
अपना लंड अन्दर पेलने में मुझे दिक्कत हो रही थी; उनकी टांगें चिपकी हुई थीं.

मेरी मन:स्थिति देख कर भाभी ने बिना कुछ बोले अपनी टांगें खोलीं और मेरी कमर पर लपेट दीं.
उन्होंने मुझे जकड़ लिया.

अब मैंने अपना लंड भाभी की चूत में पेलना चालू किया.
भाभी की इस पोजीशन में होने से उनकी चूत का मुँह खुल गया था और लंड अन्दर जाने लगा था.

मैंने जोर लगा कर लंड अन्दर पेला.
तो भाभी को थोड़ा दर्द होने लगा.

मैंने उनके दर्द की चिंता छोड़ी और धकापेल में लग गया.
भाभी की चुदाई चालू हो गई थी.

मैं भाभी को जमकर चोदने लगा था.

कुछ ही पलों बाद भाभी ने भी अपनी टांगें हवा में फैला दी थीं और मेरे लंड को चूत में काफी अन्दर तक लेने लगी थीं.

जब भाभी का पानी निकलने को हुआ तो भाभी ने मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया और अपनी चूत में मेरा लंड जकड़ लिया.

उनकी चूत ने पानी छोड़ कर मेरे लंड को गर्मी देना शुरू कर दी थी.
मेरा भी लंड उनकी चूत के गर्म पानी से पिघलने लगा और उसका पानी भी निकलने लगा.



कुछ देर बाद हम दोनों अलग हुए और भाभी ने खड़ी होकर अपने कपड़े ठीक किए.
मैंने देखा कि भाभी ने गद्दे के नीचे से अपनी पैंटी निकाल कर पहनी और मुझसे बोलीं- अब दोबारा ऐसा नहीं होगा.

कुछ देर बाद मैं भी भाभी के कमरे से बाहर निकल गया.
उसके बाद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.

मैं शाम को अपने दोस्त के साथ घूमने निकल जाता था.

उस दिन हमारे पड़ोस में भागवत कथा चालू हुई थी तो मम्मी को उधर जाना था.
उधर सारी रात कार्यक्रम चलना था, कुछ नाटक आदि भी होना था.

मम्मी ने उस दिन मुझे बाहर जाने से रोक दिया और कहा- घर में भाभी अकेली है. मैं भी पड़ोस में जा रही हूँ. कोई घर में रहना चाहिए. मैं सुबह वापस आऊंगी.
उनकी बात मान कर मैं अपने दोस्त के साथ घूमने नहीं गया.

पापा की जॉब की नाइट शिफ्ट चल रही थी, तो वो अपनी जॉब पर जा चुके थे और भैया तो बाहर ही जॉब करते थे.
वो चार महीने में कुछ दिन के घर लिए आते थे.

अब मैं ही बचा था.
भाभी को ये पता नहीं था कि मम्मी पड़ोस में चली गई हैं.

मैं अकेला था. मैंने भी सोचा चलो भाभी के साथ ही कुछ मजा किया जाए.
मैंने भी गेट लॉक किया और भाभी के कमरे में जाने लगा.

भाभी उस वक्त नहाने जा रही थीं.
उनको रात में नहाने की आदत है

भाभी ने अपने कमरे का दरवाजा यूं ही उड़का दिया था और आंगन में जाकर नहाने लगी थीं.

उन्हें मम्मी के आने से कोई दिक्कत नहीं थी.
जो मसला था, वो मुझसे था.

मैंने भी धीरे से उनके कमरे का दरवाजा खोला और अन्दर जाकर चारपाई पर बैठ कर भाभी के नहा कर बाहर आने का इन्तजार करता रहा.

तभी मेरे दिमाग़ में एक शरारत सूझी.
मैं भाभी की ब्रा पैंटी और नाइटी लेकर कमरे में अन्दर को जाकर छिप गया और भाभी को कमरे की खिड़की से चुपके से नहाती हुई देखने से लगा.

भाभी अपनी चूचियां मसलती हुई नहाने में मस्त थीं.
नहाने के बाद अपना बदन पौंछा और कमरे में आकर कपड़े खोजने लगीं लेकिन उन्हें मिलने ही नहीं थे.

वो नंगी खड़ी थीं.
मैंने भी झट से अपने कपड़े निकाल कर एक तरफ रख दिए और मैं भी एकदम नंगा हो गया.

उस समय काफी समय से लाईट नहीं आ रही थी तो लालटेन जला कर रोशनी का इंतजाम किया हुआ था.
मैंने देखा कि भाभी कमरे में इधर उधर अपने कपड़े देख रही हैं तो मैंने लालटेन एकदम लो कर दी. ताकि उन्हें मैं न दिखाई दूँ.

भाभी लालटेन के करीब आ गईं और उन्होंने लालटेन को तेज कर दिया.
उसी समय उन्होंने मुझे नंगा खड़ा देखा.

वो एकदम से मुड़ कर खड़ी हो गईं और बोलीं- यहां से बाहर जाओ.

मैं खड़ा होकर उनके पास गया और उनको पीछे से अपनी बांहों में ले लिया.
उनकी कमर पर मेरा लंड दस्तक दे रहा था.

मैं पीछे से ही उनकी गर्दन को किस करने लगा और उनकी चूची को दबाने लगा.
भाभी बोल रही थीं- हट जाओ, मम्मी आ जाएंगी.

Antervasna chudai ki kahani

30 Mar, 02:23


यह हॉट सेक्सी भाभी सेक्स कहानी मेरी सगी भाभी की चुदाई की है. वो जब सोती थी तो उनकी साड़ी सरक जाती और नंगी जांघें देख मैं उत्तेजित हो जाता.

यह सेक्स कहानी मेरी और मेरी भाभी की है जो एक सच्ची सेक्स कहानी है.
हम लोग गांव में रहते थे.

मेरे बड़े भाई की शादी को दो साल हो गए थे.
वो शहर में जॉब करते थे और भाभी गांव में रहती थीं.

जब मेरी बहन की शादी होने जा रही थी, ये घटना मेरे साथ उसी टाइम हुई थी.

हॉट सेक्सी भाभी सेक्स कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं आपको अपनी भाभी के बारे में बता देता हूँ.
मेरी भाभी का फिगर 30-28-34 का रहा होगा. उनका फिगर काफी मस्त है. वो ज्यादा लंबी नहीं हैं, पर ठीक-ठाक हाईट है.

मेरे मन में उस वक्त से पहले कभी भी भाभी के बारे में ऐसा ख्याल नहीं आया था.
लेकिन उस दिन की घटना के बाद मेरा नज़रिया ही बदल गया था.

बात कुछ ऐसी हुई कि वो गर्मी का दिन था, किसी काम से मैं भाभी के पास गया था.

वे उस समय सो रही थीं और उनकी हालत अस्त व्यस्त थी.
मैंने उन्हें नजर भर कर देखा और जगाना ठीक नहीं समझा.

मैं उनको सोता देख कर वापिस चल दिया.

लेकिन तभी अचानक से मेरे अन्दर एक अजीब सी फीलिंग हुई.
मैं वापस मुड़ा और उनके पास जाकर बैठ गया; मैं उन्हें गौर से देखने लगा.

भाभी गहरी नींद में सो रही थीं.

मैंने देखा कि उनकी साड़ी काफी अस्त व्यस्त थी और जांघ तक ऊपर चढ़ गई थी.
मेरा दिल बहुत जोर से धड़क रहा था.

हिम्मत करके मैंने उनकी साड़ी जरा और ऊपर कर दी.
उनकी पैंटी दिखने लगी.
मैंने हिम्मत करके उसे छुआ और गांड फटी तो वहां से निकल आया.

उनकी पैंटी देख कर मैं गनगना गया था.
मैंने बाहर आकर मुठ मारी और लंड को शांत कर लिया.

अगले दिन उसी वक्त मैं फिर से भाभी के पास गया.
वो उस समय सोती थीं और मुझे उन्हें सोती देख कर हरकत करने में सनसनी होने लगी थी.
यह सिलसिला ऐसे ही 4-5 दिन चलता रहा.

न जाने क्यों मुझे ऐसा लगता था कि भाभी जानबूझ कर अपने कपड़े अस्त व्यस्त कर लेती हैं.
मैंने काफी विचार किया और उसके बाद प्लान बनाया कि कुछ आगे बढ़ा जाए.

उस दिन मैं भाभी के कमरे में पहले जाकर लेट गया और सोने का नाटक करने लगा.
भाभी कमरे में आईं और उन्होंने मुझे सोता देख कर आवाज़ दी लेकिन मैं जागा नहीं.

भाभी को लगा कि मैं गहरी नींद में सो गया हूँ, तो वो कुछ नहीं बोलीं और मेरे बगल में लेट गईं.
थोड़ी देर बाद वो भी सो गईं.

अब मैंने अपना काम चालू किया.
उस दिन मैंने जानबूझ कर एक तौलिया लपेटी हुई थी.

जब भाभी गहरी नींद में सो गईं तो मैंने धीरे से भाभी की साड़ी ऊपर की … और उनकी जांघ के ऊपर तक साड़ी चढ़ा दी.

मैंने देखा कि भाभी ने आज पैंटी नहीं पहनी थी. उस कारण से मुझे उनकी चूत साफ़ दिख रही थी.
मैंने अपना तौलिया खोल दिया और भाभी से चिपक गया.

भाभी भी मुझसे चिपक गईं.
मैंने भाभी का हाथ अपने लंड पर रख दिया.
भाभी ने कोई रेस्पॉन्स नहीं दिया.

लेकिन मेरी हालत अब खराब हो रही थी.
मैं धीरे से उनके ब्लाउज के हुक खोलने लगा.

भाभी ने अन्दर काली ब्रा पहनी थी.
उनके गोरे जिस्म पर काली ब्रा मस्त लग रही थी.

मैंने धीरे से ब्लाउज खोल दिया और उनकी चूची को ब्रा के ऊपर से ही छूने लगा.
जैसे ही मैंने ब्रा को छुआ तो वो उनके मम्मों से सरक गई.

मेरी समझ में आ गया कि भाभी ने ब्रा का हुक खोल कर रखा था.
मैं सोचने लगा कि चूत पर पैंटी नहीं और मम्मों से ब्रा को ढीली करके छोड़ा है … ये माजरा क्या है. क्या भाभी की चूत में आग लगी है.

मैंने फिर से भाभी की ओर देखा, वो एकदम शांत लेटी थीं.
मेरा साहस बढ़ गया और मैंने उनकी ढीली ब्रा को ऊपर को कर दिया. सामने भाभी की चूची देखने को मिल गई.

भाभी की चूचियां ज्यादा बड़ी नहीं थीं लेकिन एकदम गोल थीं.
उनकी चूचियों के ऊपर छोटा सा निप्पल एकदम सख्त सा दिख रहा था और ये हल्के ब्राउन कलर का था.

मैंने धीरे से मुँह आगे किया और अपने मुँह को उनकी एक चूची के काफी करीब ले लिया.

पहले मैंने भाभी की चूची पर होंठ लगा कर उसको हौले से किस किया.
उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मेरे लंड में सनसनी होने लगी.

अब मैं संयम से बाहर हो रहा था.
मैंने अपना लंड बाहर निकाला और भाभी की दोनों जांघों के बीच में रख दिया.

भाभी की चूत पर हल्के हल्के बाल थे तो मुझे लंड से झांट का स्पर्श कराने में मज़ा आ रहा था.

उसी टाइम भाभी कुछ कसमसाईं और उन्होंने अपना एक पैर मेरे ऊपर रख दिया.
उनके ऐसा करने से मुझे और ज्यादा आसानी हो गई.

मैंने भाभी की चूत पर अपना लंड रख दिया और ऊपर से ही मज़े लेने लगा.
लेकिन भाभी कोई जबाव नहीं दे रही थीं.

इतना सब होने पर भी भाभी को पता ना चला हो, ये मुझे समझ नहीं आ रहा था.
मैंने अपना लंड भाभी की चूत में थोड़ा सा रगड़ दिया.

अब भाभी थोड़ा सा हिलीं पर उन्होंने अभी भी अपनी आंखें नहीं खोलीं.
मैं समझ गया कि भाभी जाग रही हैं.
मेरी हिम्मत और बढ़ गई.

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11 Sep, 18:44


फिर कुछ देर के बाद मैंने बाहर आकर मम्मी से कहा- मैं सोने जा रहा हूं और मुझे कुछ देर तक जगाना मत। उसके बाद मैं अपने रूम में गया और जल्दी से दरवाजा अंदर से बंद कर दिया।

हम दोनों ने जल्दी से अपने कपड़े निकाल दिए।
पूनम पूरी नंगी हो गई थी।
उसका गोरा बदन और गोरी गोरी चूचियां, और उसकी जांघों के बीच में छिपी हुई उसकी कमसिन चूत देखकर मैं पागल हो गया।

मैं उस पर टूट पड़ा और उसके होंठों को चूसने लगा।
वो गर्ल नेक्स्ट डोर सेक्स में मेरा साथ दे रही थी।

ये सब हकीकत में हो रहा था, मुझे इस पर यकीन ही नहीं आ रहा था।

उत्तेजना में मेरा बुरा हाल हो रहा था।
मैं उसको चूमते हुए उसके जिस्म की खुशबू को महसूस कर सकता था।

उसके होंठों का रस पीते हुए मेरे हाथ उसकी चूचियों तक खुद ही पहुंच गए थे।
मैं धीरे धीरे उसकी चूचियों को दबा रहा था।

बीच में एक दो बार मैंने उसकी चूत को भी अपने हाथ से रगड़ा।
मेरे पास ज्यादा वक्त नहीं था इसलिए मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया।



पूनम की चूत भी पूरी तरह से गीली हो गई थी।
मैंने उसकी चूत के छेद पर लंड को रखा और अंदर धकेल दिया।
वो एकदम से छटपटाने लगी और आवाज करने लगी।

मैंने उसके मुंह पर हाथ रखा ताकि आवाज बाहर न जाए।
फिर उसको चुप रहने का इशारा किया।

उसे बहुत दर्द हो रहा था तो मैंने उसको समझाया कि थोड़ा सहन करना पड़ेगा।
बड़ी मुश्किल से जाकर वो शांत हुई।

इधर मेरे लंड का बुरा हाल था।
वो पूनम की चूत में घुसने के लिए मरा जा रहा था।

मैंने पूनम को गालों और होंठों पर चूमना शुरू किया।
फिर उसके होंठों को रस पीते हुए धीरे धीरे लंड को उसकी चूत में सरकाना शुरू किया।
बहुत धीरे से मैंने उसकी चूत में लंड को उतार दिया।

वो भी मेरे होंठों को चूसने में व्यस्त थी तो अबकी बार उसको ज्यादा दर्द भी नहीं हुआ। मेरा लंड अब पूनम की चूत में पूरी तरह से समा चुका था।
धीरे धीरे मैंने लंड को उसकी चूत में चलाना शुरू किया।

कुछ देर बाद पूनम को मजा आने लगा और वो आह-आह … आह-आह करने लगी।
मुझे भी उसको चोदने में बहुत मजा आ रहा था।

हम दोनों अब चुदाई के आनंद में डूब चुके थे।

पूनम की चूत चोदने में बहुत मजा आ रहा था।
उसकी चूत बहुत ज्यादा टाइट थी और मेरा लंड एकदम से चूत में फंसा हुआ था।
हम दोनों बार बार एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे।

कुछ देर के बाद मेरा माल निकलने को हो गया।
मैं उसके साथ रिस्क नहीं ले सकता था इसलिए मैंने माल को बाहर निकालने का फैसला किया।

मेरा ऐसा करने का बिल्कुल मन नहीं था और मैं चोदते हुए उसकी चूत में ही झड़ना चाहता था लेकिन ऐसा कर नहीं सकता था।

जब मुझे लगा कि मेरा माल बस आ गया तो मैंने एकदम से लंड को बाहर निकाल लिया और उसकी चूचियों के पास ले जाकर माल गिरा दिया।
पूनम की चूत और उसका चेहरा दोनों ही लाल हो गए थे।

मैं उसकी ओर देखकर मुस्करा रहा था।

मैंने पूछा- क्या हुआ? मजा नहीं आया?
वो बोली- तुम बहुत गंदे हो, मेरे साथ ऐसा क्यों किया, कितना दर्द हो रहा था मुझे!
मैंने कहा- तुमने ही तो कहा था, जो हुआ है हम दोनों की मर्जी से ही हुआ है।

वो बोली- अब मैं तुम्हारे साथ दोबारा कभी नहीं करूंगी।
इस पर मैं मुस्करा दिया।
फिर मैं उसे बाथरूम में ले गया और हम दोनों जल्दी से नहा लिए।

उसके बाद हमने कपड़े पहन लिए।

फिर मैंने कमरे का दरवाजा खोलकर ये देखने की कोशिश की कि मम्मी आसपास तो नहीं है।
जब मुझे लगा कि मम्मी पास नहीं है तो मैंने जल्दी से पूनम को रूम से बाहर निकाल दिया।

उसके बाद वो अपने घर चली गई।
उसकी चाल से पता लग रहा था कि वो चुदाई करवाकर आई है।
इसलिए मैंने उसको ठीक से चलने के लिए कहा।

उस दिन के बाद से पूनम और मेरे बीच में सेक्स संबंध बन गए और मौका पाकर हम दोनों ये चुदाई का खेल खेलने लगे।

अक्सर मैं उसको छत पर बने रूम में ले जाया करता था और खूब चोदा करता था।
मुझे जैसे स्वर्ग मिल गया था।

पूनम की टाइट चूत को चोदने में इतना मजा आता था कि मैं आधे घंटे तक रुक रुककर उसकी चूत मारा करता था।
अब वो भी पूरे मजे के साथ चुदाई करवाती थी।
हम दोनों जैसे सच में पति-पत्नी बन गए थे।

तब से लेकर तीन साल तक लगातार मैंने पूनम की चुदाई की।
यह सिलसिला अभी भी जारी था लेकिन महीने भर पहले मेरी पूनम से लड़ाई हो गई।
वो कई बार मुझ पर शक किया करती थी।

अगर मैं किसी दूसरी लड़की से बात करता तो वो नाराज हो जाती थी।
इस बात को लेकर कई बार हमारी लड़ाई हो चुकी थी।

मुझे उसकी यह बात पसंद नहीं थी। इसलिए कई बार हम लोग काफी दिनों तक एक दूसरे से बात भी नहीं किया करते थे।
अब यह लड़ाई कितने दिन तक चलेगी, मुझे नहीं पता।

लेकिन अभी मेरी पूनम से बात नहीं हो पा रही है।
पूनम के शक का कारण उसकी ही एक दोस्त है। पूनम की दोस्त मुझे पसंद करती है। वो शायद मेरे साथ सेक्स करना चाहती है, और मुझे लगता है कि वो ही पूनम को मेरे खिलाफ भड़का रही है।

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11 Sep, 18:44


अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ






पड़ोसी आंटी की प्यारी बेटी की चुदाई

गर्ल नेक्स्ट डोर सेक्स कहानी पड़ोसन आंटी की कुंवारी बेटी की है. वह मेरे साथ काफी घुली मिली थी। एक दिन उसने मुझसे शादी करने की बात कही तो मैं हैरान रह गया।

नमस्कार दोस्तो!
मैं प्रवीण कुमार एक विद्यार्थी हूँ। मेरी उम्र अभी 24 वर्ष है।

यह गर्ल नेक्स्ट डोर सेक्स कहानी उन दिनों की है जब मैं बी.एस.सी अन्तिम वर्ष का विद्यार्थी था।

उस समय मेरी उम्र 21 वर्ष थी अर्थात् यह बात तीन साल पहले परीक्षा के बाद गर्मी की छुट्टियों की है।

हमारे पड़ोस में एक परिवार रहता है, जिसमें माधुरी आंटी, उनके पति सुधीर और इनकी 5 बेटियां हैं।

आंटी की 4 लड़कियों की शादी हो चुकी है। उनकी चारों बेटियों की शादी में हमारे परिवार ने भी पूरा सहयोग दिया। आंटी हमारे परिवार को बहुत मानती है और बहुत इज्जत देती है।
चार बेटियों की शादी के बाद अब उनके घर में केवल आंटी, अंकल और उनकी सबसे छोटी और पांचवी बेटी पूनम ही रहते हैं।

पूनम की उम्र 21 साल है लेकिन यह बात दो ढाई साल पहले की है।
वो देखने में बहुत ही प्यारी लड़की है। कोई भी उसको देखे तो उस पर मोहित हो जाए।

चूंकि आंटी के घर में हमारा आना जाना बहुत ज्यादा था तो दोनों परिवारों में कोई भेद नहीं था।
हम लोग ऐसे रहते थे जैसे एक ही घर हो।
इस वजह से पूनम भी अक्सर मेरे साथ ही समय बिताया करती थी।

पूनम अभी भी बचपने वाली बातों किया करती थी।

एक दिन साउथ सिनेमा की एक फिल्म देखने के बाद वो कहने लगी कि वो भी मुझे पसंद करती है और मुझसे शादी करना चाहती है।

इस पर मैं एकदम से हैरान हो गया। मैं समझ नहीं पा रहा था कि क्या उत्तर दूं।
फिर मैंने सोचा कि उसने बचपने में कह दिया होगा।

मैं बोला- पागल हो गई हो तुम! अभी तुम्हारी उम्र ही क्या है शादी की? और वैसे भी, हमारे बीच ये सब कैसे हो सकता है। हमारा रिश्ता तो भाई-बहन जैसा है।
वो बोली- क्यों? मैं भी तो बड़ी हो गई हूं। हम पापा से बात कर लेंगे इस बारे में। मुझे तुम बहुत अच्छे लगते हो।

मैं बोला- तो फिर तुम्हारे भविष्य का क्या होगा, एक-दो साल के बाद तुम मेरे बच्चे की मां बन जाओगी। हम तो कुछ कमाते भी नहीं हैं, बच्चे को कैसे पालेंगे?
उसने कहा- वो सब हम शादी के बाद देख लेंगे। लेकिन मुझे तुमसे ही शादी करनी है।

उसकी ऐसी बातों से मेरा भी दिमाग घूमने लगा था।
मेरे अंदर भी वासना जागने लगी थी, मैंने पूनम के लिए पहले कभी ऐसा महसूस नहीं किया था।

फिर वो बोली- मुझे आपके साथ सोना है!
ये बात सुनकर मैं एकदम से स्तब्ध रह गया।

मैं समझ नहीं पा रहा था कि क्या पूनम सच में ही इतनी नादान है या उसके अंदर वाकई में ही जवानी वाली कामवासना ने जोर मारना शुरू कर दिया है!
मैं उसकी ओर देख रहा था और मुझे देखकर ऐसा भी नहीं लग रहा था कि वो चुदाई के लिए आतुर हो, इसलिए मैं समझ नहीं पा रहा था कि इस बात का क्या जवाब दूं।

फिर मैंने कहा- सोना है? सोने से क्या मतलब है तुम्हारा?
वो बोली- जैसे पति-पत्नी सोते हैं एक साथ!
मैंने कहा- क्या तुम जानती हो तुम क्या कह रही हो?

वो बोली- हां, जब शादी होगी तो तब भी हमें साथ ही सोना है, पहले ही सोकर देख लेते हैं।
मैंने कहा- और कुछ हो गया तो?
वो बोली- जो होगा, पति के साथ ही तो होगा, उसमें क्या डर है।

उसकी इन बातों से मेरा लंड खड़ा होने लगा था।
उसके कमसिन बदन को देखकर अब मेरे अंदर भी चुदाई के ख्याल आने लगे थे।

मैंने कहा- ठीक है, मैं भी इसके लिए तैयार हूं।
ये सुनकर वो खुश हो गई और बोली- लेकिन कहां?

मैंने कहा- मेरे साथ पहले भिलाई का एक लड़का पढ़ता था, जो अभी यहीं किराये का मकान लेकर काम कर रहा है, उसके घर जाना होगा।
वो बोली- दोस्त के घर क्यों? हम अपने ही घर में सोयेंगे ताकि मेरे सास ससुर भी देख सकें।

मैं बोला- तुम पागलों जैसी बातें कर रही हो, वो लोग क्या सोचेंगे?
पूनम- मैंने तो सोच लिया है, अगर सोएंगे तो अपने घर में ही। आपके अंदर हिम्मत है तो बोलो, वरना रहने दो।
अब मेरे अंदर पूनम की चुदाई करने की वासना पूरी तरह से जोर पकड़ चुकी थी और मैं किसी तरह बस उसको चोदना चाह रहा था।

फिर मैंने कहा- ठीक है, हमारे घर में ही सोएंगे, अब खुश?
इस पर वो मुस्करा दी और मेरे गले लग गई जिससे उसकी चूचियों की नर्माहट मुझे अपनी छाती पर महसूस हुई।

फिर हम मौके का इंतजार करने लगे।

उसके दो दिन बाद मैंने पूनम से कहा- मैं तुम्हारी शर्त पूरी करने के लिए तैयार हूं, लेकिन आज तुम्हें मेरा साथ देना होगा।
वो बोली- ठीक है।
फिर मैं पूनम को चुपके से अपने रूम में ले गया।

उस वक्त घर में केवल मम्मी ही थी और उन्होंने हमें अंदर जाते हुए नहीं देखा।

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11 Sep, 18:44


मैंने पूनम से कहा था कि उसकी दोस्त की बातों में न आए। वो उसे मेरे खिलाफ भड़का रही है।
मैं उसको कई बार समझा चुका हूं कि मैं उसके अलावा किसी से बात नहीं करता हूं और मेरा किसी और के साथ कोई चक्कर नहीं है।

पूनम मेरी बात नहीं मानती है और अपनी सहेली की बात पर ज्यादा विश्वास करती है।
अब मैं सोच रहा हूं कि उसकी दोस्त को ये बात बोल दूं कि मैं भी उसको पसंद करने लगा हूं।
इससे पूनम को सबक मिलेगा।

आप लोग बताएं कि मैं पूनम की सहेली के साथ सेक्स का रिश्ता शुरू करूं या नहीं?
आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बताएं।
मैं आप सब लोगों की प्रतिक्रियाओं का इंतजार करूंगा।

गर्ल नेक्स्ट डोर सेक्स कहानी पर अपनी राय देने के लिए आप कहानी के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपने कमेंट लिख सकते हैं।

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08 May, 09:06


अब मैं उसके कपड़े उतारने लगा. वो जरा नखरे दिख रही थी तो मैंने उसे जबरदस्ती नंगी करना शुरू किया. बड़ी मेहनत के बाद मैं उसे नंगी कर पाया.

बड़ी गजब की कसी हुई लौंडिया थी.
मैंने उसके दूध चूसने लगा. उसके छोटे छोटे निम्बू जैसे उभारों को मैंने चूस चूस कर लाल कर दिया.

वो मेरे द्वारा निप्पल खींचे जाने से रोने लगी थी.

मैंने उसे चुप कराया और कहा- इसमें रोने वाली क्या बात है … क्या तुम्हें अच्छा नहीं लग रहा है?
वो बोली- अच्छा तो लग रहा है मगर तुम जोर जोर से चूस रहे थे, उससे दर्द हो रहा था.

फिर मैंने अपना टनटनाता लंड निकाला. मेरा लंड उस समय ज्यादा बड़ा नहीं था. हालांकि उस कमसिन लड़की के हिसाब से मेरा 6.5 इंच का लंड काफी बड़ा था. मेरे लंड की मोटाई भी सामान्य ही थी मगर उसे वो खीरे जैसा लग रहा था.

मैंने उसके हाथ में लंड दे दिया लेकिन उसे छोड़ दिया.
मैंने उससे पूछा- क्या दिक्कत है … लंड पकड़ो न.
वह नौटंकी दिखाने लगी.

मैंने गुस्सा दिखाया तो उसने लंड पकड़ लिया.
वो एक नई लड़की थी तो उसको कुछ नहीं आता था.

मैंने उससे लंड चूसने के लिए बोला तो वो मना करने लगी.
इस बार मैंने उसके बाल पकड़ कर अपना लंड उसके मुँह में घुसेड़ दिया.
वो किसी तरह से लंड चूसने लगी.

मैं उत्तेजित हो गया और उसके गले तक लंड पेलने लगा.
इससे उसकी सांस रुक गई, वो छटपटाने लगी.

फिर मैंने धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर किया.
वो करीब 5 मिनट तक लंड चूसती रही.

लंड चुसवाने के बाद मैंने बाहर निकाला और उसको थोड़ा किस किया, उसके दूध चूसे.

फिर मैंने कहा- चलो अब अपनी चूत दिखाओ.
उसकी नखरेबाज़ी फिर से शुरू हो गई.

मैं अब तक कामांध मर्द बन चुका था. मैंने उसकी टांगें पकड़ीं और अपने पैरों से जोर से दबा लीं.
उसकी चुत उभर कर सामने आ गई. चुत की दरार एकदम चिपकी हुई थीं.

मैंने उसकी चूत में उंगली डालने की कोशिश की तो मेरी उंगली अन्दर जा ही नहीं रही थी.

उसका ये सब पहली बार का मामला था.

बड़ी मुश्किल से मैं एक उंगली डाल पाया.
उंगली अन्दर लेते ही वो चिल्लाने लगी.
मैंने उसका मुँह बंद कर दिया. उसकी पैंटी उसके मुँह में ठूंस दी.

इससे उसकी आवाज बंद हो गई थी और मैं रुक नहीं रहा था.

कुछ देर बाद मैंने चुत से उंगली निकाल कर उसकी चूत चाटना चालू कर दिया.

मुझे तो जैसे ज़िन्दगी के सारे सुकून मिल गए थे. जो मैं ब्लू फिल्म में देखता रहता था, आज खुद सामने से कर रहा था.

करीब 5 मिनट तक चूत चाटी तो उसकी चुत रो पड़ी. चूत के पानी का टेस्ट खट्टा खट्टा सा था.
मैं मजे से चाट रहा था.
वो भी मस्ती से चुत चटवाने का सुख लेने लगी थी.

फिर मैंने सोचा कि अब देर नहीं करना चाहिए. मैं उठा और उसकी टांगें दबा लीं.
मैंने अब उसकी बुर में दो उंगलियां डालने की कोशिश की, लेकिन नहीं जा रही थीं.

मैंने सोचा कि मान लो दो उंगलियां अन्दर चली भी गईं तो ये साली फिर से रोना धोना शुरू कर देगी. इसकी चुत में सीधे लंड पेल देना चाहिए, एक ही बार रोना धोना होगा.

ये सोच कर मैंने लंड पर खूब सारा थूक लगाया और उसकी चूत में डालने की तैयारी कर ली.

करीब दो मिनट कोशिश करने के बाद मेरे लंड का टोपा अन्दर घुस गया.

वो बिन पानी की मछली जैसी फड़फड़ाने लगी.
मैं घबरा गया.
उसके मुँह में पैंटी घुसी थी और उसके हाथ मैंने दबा कर रखे थे.

वो कुछ नहीं कर पा रही थी. बस तड़फ रही थी.

मैंने झटका मारा तो थोड़ा सा लंड और अन्दर चला गया.
फ़िर कुछ गीलापन महसूस हुआ तो मैंने सोचा कि इसका मूत न निकल गया हो.
मैंने थोड़ा सा लंड निकाल कर देखा, तो लंड में खून लगा था और चूत से खून की धार बह रही थी.

मैंने वापस लंड अन्दर उतना ही सरका दिया.
वो रोती जा रही थी.

फ़िर मैंने उसके दूध चूसे. अपना लंड वैसे ही पड़ा रहने दिया और धीरे धीरे हिलने लगा.
मेरा लंड अन्दर बाहर सरकने लगा था. मैंने जरा स्पीड ले ली और उसे चोदने लगा.

वो बेहोश होने लगी तो मेरी गांड फट गई मगर मैं लगा रहा.

करीब 10-12 झटका मारने के बाद मैंने लंड निकाल लिया.

मैं उसकी बेहोशी से बेहद डर गया था क्योंकि ये मेरा भी पहली बार था.
मुझे लगा कि कहीं साली मर मरा न जाए.

दोस्तो, ब्लू फिल्म देखना और सच में चुदाई करना, दोनों अलग चीज़ होती हैं. ये बात मुझे उस दिन पता चली थी.

फिर मैंने उसके मुँह से पैंटी निकाली और उसको किस किया, उसको हिला कर जगाया.

वो बहुत रो रही थी और बोलने लगी थी- आप बहुत खराब हो जीजाजी. मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

मैंने उसकी पैंटी से अपना लंड साफ किया और उसकी चूत का खून भी साफ़ कर दिया.

इतने में भैया गेट खटखटाने लगे.
वो बोले- जल्दी से बाहर आ जाओ, सासू मां जाग गई हैं और टॉयलेट गई हैं.

इतना सुनते ही मैंने अपने कपड़े उठाए और लंड का पानी तक नहीं निकाला.

फिर उस लड़की के आंसू पौंछे, उसे शांत किया, जल्दी से खून से सनी पैंटी पहना दी.

फिर मैंने अपने हाथों से ही उसे उसकी सारे कपड़े पहनाये और गले लगा लिया.

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08 May, 09:06


देसी यंग गर्ल सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरे मामा के घर गया तो मामा के बेटे ने मुझे चूत दिलवाने का वादा किया. वो मुझे अपनी ससुराल ले गये और …

दोस्तो, मेरा नाम संकेत है. मैं मध्यप्रदेश के सागर शहर से हूँ.

ये मेरी पहली कहानी है. मुझे उम्मीद है कि आप मेरी छोटी मोटी गलतियां माफ कर देंगे.

ये देसी यंग गर्ल सेक्स कहानी मेरे साथ हुई एक सच्ची घटना पर आधारित है. ये घटना मेरे साथ मामा के लड़के यानि मेरे ममेरे भैया की ससुराल में हुई थी.

मेरे मामा के लड़के से मेरी खुल्लम खुल्ला बात होती रहती थी.

ये बात 2012 की बात है. उस समय मैं अपने मामा के घर गया था.
गर्मियों की छुट्टियों में उस समय मेरे मन में चुदाई के ख्याल ही आते रहते थे.

मैं एक अमीर परिवार से हूँ तो मुझे मोबाइल जब ही मिल गया था, जब मैं स्कूल में पढ़ता था. मैं मोबाइल में ब्लू फिल्म देखता रहता था और सपने सजाता रहता था.

मेरे भैया मतलब मेरे मामा के लड़का ऋषि भैया ने मुझसे पूछा- संकेत तूने अभी तक चूत मारी कि नहीं?
मैंने बोला- नहीं भैया.

भैया ने बोला- ओके वहां बाउंड्री पर चढ़ जाओ और बाजू में एक लड़की नहा रही है, उसके दूध देख लो.
मेरी गांड फट गई.

भैया ने बोला- टेंशन मत ले बे … मैं हूँ, तुझे कुछ नहीं होगा.
मैं बाउंड्री पर चढ़ गया और उस लड़की को देखने लगा.

वो लड़की एक 24 साल की मस्त भरी हुई लौंडिया थी. मैं उसे देखने लगा.

उसके बहुत बड़े बड़े खरबूज जैसे दूध थे. उसके काले काले निप्पल देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. वो दूध और गांड पर साबुन मल रही थी और मैं मज़े से उसके जवान नंगे जिस्म का नजारा ले रहा था.

तभी उस लड़की ने ऊपर की तरफ देखा तो उसको मैं दिख गया.
मेरी गांड फटी तो मैं भाग कर ऋषि भैया के पास आ गया और मैंने उनको सब बता दिया.

उन्होंने बोला- कोई बात नहीं है … तू टेंशन मत ले, मैं सब देख लूंगा.

वो लड़की दो मिनट बाद अपनी मम्मी को लेकर आ गई.
उस समय भैया बाहर ही थे.

उस लड़की की मम्मी उनसे बोलने लगी- वो लड़का कौन है … मेरे यहां क्या देख रहा था?
भैया ने मुझे बुलाया और उस आंटी से पूछने लगे- क्या आप इसके बारे में पूछ रही हैं.?

वो आंटी हामी भरती हुई मुझसे पूछने लगीं- तुम उधर क्या देख रहे थे?
मैं बोला- मैं कपड़े उठाने आया था, तो ये दीदी नहा रही थीं. मैं उन्हें देख कर भाग गया था.

वो आंटी मुझे घूरने लगीं.
मैं घर में अन्दर आ गया.

फिर भैया ने उसे समझा बुझा कर भगा दिया.

यहीं से मेरी पहली चुदाई की कहानी शुरू हुई.

शाम के 4 बजे के करीब भैया ने कहा- चलो, तुम्हें आज चूत दिल देता हूं.
मैंने कहा- कहां चलें?

वो बोले- मेरी ससुराल चलो.
मैंने बोला- क्यों?
वो बोले- तुम्हें चुदाई करनी है न?
मैंने हां कर दिया.
वो बोले- तो चलो.

हम दोनों निकल गए.
उनकी ससुराल एक गांव में थी.

करीब एक घंटे में हम दोनों वहां पहुंच गए.
भाभी उधर पहले से ही थीं.

भैया और मेरा स्वागत हुआ.
हम दोनों ने मुँह हाथ धोए और भाभी ने खाना लगाने की कह दी.

भैया ने कहा- अभी रुक कर खाएंगे, पहले हम दोनों ड्रिंक एन्जॉय करेंगे.

फिर मैंने और भैया ने दारू पी, उसके बाद खाना हुआ और हम दोनों बाहर आकर सिगरेट पीने लगे.

रात 10 बज गए थे.

मैंने भैया से बोला- आपको अपना वादा तो याद है न कि आप मुझे यहाँ क्यों लाए हैं?
भैया बोले- हां बे सब याद है. तुम अभी सो जाओ, मैं तुम्हें रात में एक बजे जगाऊंगा.

अब मेरी कहां नींद लगनी थी.

करीब 12:30 बजे रात में भैया ने मुझे उठाया.
तब तक उनके सास ससुर भी सो गए थे.

मुझे भैया नीचे वाले रूम में ले गए.
उधर एक कमसिन सी लड़की अपना मुँह ढके खड़ी थी जिसके दूध निम्बू जैसे थे. वो एक काली सी लड़की थी.

मैं नहीं जानता था कि वो कौन है.
फिर भैया ने बोला- ले ये तेरे लिए है … जो करना है कर ले!

भैया बाहर निकल गए और उन्होंने बाहर से गेट बन्द कर दिया.
मेरी गांड फ़ट गई थी कि कहीं कोई बवाल न हो जाए.

मैंने लड़की को बिठाया और उससे कहा- कपड़े उतारो.
उसने मना कर दिया.

वो बोली- ऊपर ऊपर से कर लो.
मैं समझ गया कि लड़की राजी है बस जरा नाटक कर रही है.

अब मैं कामुक हो गया था.
मैंने उस लड़की को पकड़ा और किस करने लगा.
वो मुझसे छूट कर भागने लगी.

मैं बोला- जब भागना ही था तो क्यों आई?
वो बोलने लगी- जीजा जी, मैं अभी छोटी हूँ. आज से पहले कभी किसी से नहीं मिली.

मैंने बोला- मुझे जीजा क्यों बोल रही हो!
वो बोलने लगी- मैं आपकी भाभी के बड़े पापा की लड़की हूँ.

ये सुनकर मेरे होश उड़ गए.
मैंने बोला- तो इधर कैसे आ गईं?

वो बोलने लगी- दीदी ने भेजा है.
दीदी मतलब मेरी भाभी ने भेजा है, ये जानकर मैं सकते में आ गया कि ये साला क्या चक्कर है.

मैंने मन में कहा कि वाह यार भैया आप तो गजब निकले.

फ़िर मैंने लड़की को पकड़ा और किस करने लगा.
इस बार वो मेरा साथ देने लगी.

उसे 5 मिनट किस करने के बाद मैंने उससे पूछा- मेरे साथ मजा आ रहा है?
वो हंस कर हां में सर हिलाने लगी.

Antervasna chudai ki kahani

08 May, 09:06


वो मुझसे जोर से चिपक कर रोने लगी थी.
मैंने उसको किस किया और बाहर तक छोड़ दिया.
उससे ठीक से चलते भी नहीं बन रहा था.

मैं भी कपड़े पहन कर ऊपर आ गया और सोने चला गया.

कुछ मिनट तक वो सब सोचने के बाद मैंने मुठ मारी और सो गया.

सुबह हम लोग वापस जाने लगे थे.

वो लड़की आई और मुझे देखने लगी.

मैंने भैया से बोला- ये लड़की क्यों देख रही है?
भैया बोले- साले चूतिया, भूल गया, यही तो थी.

मैंने बोला- क्या?
भैया बोले- हां रात में इसी को तो भेजा था.

मैंने बोला- वो ये थी?
भैया बोले- हां.

मैं सोचने

रात को मैंने मोबाइल की टॉर्च जला कर रख दी थी लेकिन उसका उजाला कम था. बल्ब भी जलाया था लेकिन वो बार बार बुझा दे रही थी.
फिर वो अपने मुँह पर कपड़ा भी बांधे थी.

अब मैंने उस देसी यंग गर्ल को एक स्माइल दी और आंख मारी, तो वो थोड़ी खुश हुई.
हम दोनों वापस अपने घर के लिए आ गए.

दोस्तो, ये थी मेरी सिंपल सी सच्ची पहली सेक्स कहानी. एक अजनबी साली के साथ आधी चुदाई हुई थी. मगर अगले हफ्ते वो अपनी दीदी के पास यानि मेरे मामा जी घर आ गई. उधर मैंने उसे जम कर चोदा.

वो सब अगली सेक्स कहानी में लिखूँगा.

आपको मेरी देसी यंग गर्ल सेक्स कहानी पसन्द आई होगी.
मुझे कमेंट्स में बताएं.

Antervasna chudai ki kahani

30 Apr, 06:41


मेरे रूम के बगल में एक भाभी रहती थीं. उनका फिगर 36-32-38 का रहा होगा. भाभी का फिगर ऐसा था कि मेरा रूम पार्टनर भी भाभी का दीवाना था.

भैया जी सऊदी में रहते थे. उन दिनों भाभी अकेली थीं. उनको देख कर मैं अक्सर मुट्ठ मार दिया करता था.

एक दिन मैं अपने रूम से निकल कर छत पर जा रहा था. तभी मैंने देखा कि भाभी का रूम खुला था.

मैंने तुरंत अन्दर झांक कर देखा, भाभी लेटी हुई थीं. उनका पल्लू ऊपर से हटा था और उनके मस्त बड़े बड़े चूचे ब्लाउज फाड़ कर बाहर आना चाहते थे.
भाभी खुद अपने हाथ से अपने दूध सहला रही थीं.

कुछ देर बाद उन्होंने अपने पैर घुटनों से मोड़ लिए जिससे मुझे भाभी के चूचे दिखने बंद हो गए.
मैं कुछ मायूस सा हो गया.

मगर तभी मुझे भाभी की वो हरकत दिखाई दी जिसने मेरे लौड़े में आग लगा दी.

भाभी ने अपने पेटीकोट को साड़ी समेत ऊपर कर लिया और मुझे उनकी काले रंग की पैंटी दिखाई देने लगी.
वो अपने हाथ से अपनी पैंटी को सहलाने लगी.

मैंने भाभी की हरकत को देखा और खुद को किसी तरह से कंट्रोल किया. छत पर टॉयलेट में जाकर तुरंत मुट्ठ मारी और खुद को ठंडा कर लिया.

भाभी से मेरी बात होती रहती थीं.

एक दिन भाभी ने अपना मोबाइल ठीक करने को दिया तो मैंने सोचा भाभी की गूगल की हिस्ट्री चैक की जाए.

मैंने देखा भाभी ने www.freesexkahani.com पर ढेर सारी कहानी पढ़ी हुई हैं और बहुत सारी सेक्स की वीडियो भी देखी हैं.

मैंने उसी दिन सोच लिया कि अब तो भाभी को चोदना ही है.
उसी दिन से मैं योजना बनाने लगा.

एक दिन मैं अकेला था. मेरा रूम पार्टनर अपने गांव निकल गया था. शाम तक उसे वापस आना था. पर लॉकडाउन में किस तरह से वो वापस आता, ये बड़ी दिक्कत थी.

उसी शाम को भाभी मेरे पास आईं और बोलीं- आज तुम अकेले हो क्या?
मैंने कहा- हां भाभी.

उन्होंने कहा- तो खाना कैसे बनाओगे?
मैंने कहा- देखते हैं, अभी का तो हो गया, हो सकता है शाम तक मेरा दोस्त आ जाए, तो बना लूंगा.

भाभी बोलीं- अगर वो नहीं आए और प्रॉब्लम हो, तो मैं बना दूं?
मैंने झट से हां कह दी- अरे वाह भाभी … नेकी और पूछ पूछ?

भाभी हंस दीं और उन्होंने मुझे शाम का खाना खाने आने के लिए कह दिया.

शाम को मैं भाभी के रूम में गया.
वो किचन में खाना बना रही थीं.

मैं फोन में गेम खेलने लगा.

कुछ देर बाद हम दोनों ने साथ में खाना खाया.
मैंने भाभी से कहा- भाभी, कोल्डड्रिंक पियेंगी?

भाभी जी ने हां कर दी.
मैं कोल्डड्रिंक ले आया और उसमें एक जोश बढ़ाने वाली गोली मिला कर भाभी को दे दी.

कुछ देर बाद भाभी का मूड बनने लगा था.
मैंने उनकी आंखों में वासना का खुमार चढ़ता देखा और झट से भाभी के पास आकर उनके बगल बैठ गया.

मैंने भाभी से कहा- भाभी, मैं बहुत अकेला हूं, कोई लड़की पटवा दो.
वो बोलीं- मैं कहां से पटवा दूं?

मैंने कहा- तो आप ही पट जाओ.
भाभी मेरा मुँह देखने लगीं, लेकिन मूड उनका भी बन रहा था तो उन्होंने कहा- ठीक है. लो समझो मैं पट गई.

मैंने कहा- मैं कैसे मान लूं कि अप पट गई हो?
उन्होंने कहा- तुम जो बोलो, मैं कर दूंगी. जिससे तुम्हें विश्वास हो जाए.

मैंने कहा- मुझे आपको किस करना है.
वो तुरंत किस करने लगीं.

मैंने भी भाभी को किस किया और कुछ देर के बाद रुक गया.
भाभी की आंखों में बेहद चुदास दिख रही थी और उनका पल्लू एक तरफ ढलका हुआ था. उनके तने हुए चूचे मेरा लंड खड़ा कर रहे थे.

कुछ देर तक भाभी के मम्मे घूरने के बाद मैंने कहा- भाभी, मुझे आपकी चूची भी पीना है.

वो मना करने लगीं लेकिन मैंने हाथ बढ़ा दिया और उनके मम्मे दबाने लगा.

वो मेरा हाथ पकड़ कर ना ना करने लगीं मगर खुद ही मेरे हाथ से अपने दूध मसलवा रही थीं.

कुछ देर बाद वो शांत हो गईं. उन्होंने कहा- अच्छा पहले दरवाजा तो बंद कर दो.
मैं दरवाजा बंद करके आया.

तब तक भाभी ने अपना ब्लाउज खोल दिया.
उन्होंने ब्लैक कलर की ब्रा पहनी थी. मैंने ब्रा का हुक खोल दिया जिससे उनकी दोनों चूचियां आजाद हो गईं.

मैं भाभी की दोनों चूचियों को बारी बारी से पी रहा था, मसल रहा था.

भाभी कामुक सिसकारियां ले रही थीं- आह … उफ्फ … आराम से करो न रुद्र … दर्द हो रहा है.

मैं मजे से भाभी के दूध पीता रहा.
धीरे धीरे मैंने भाभी की साड़ी खोल दी और उनका पेटीकोट ऊपर करके फुद्दी को सहलाने लगा.

भाभी की पैंटी गीली हो रही थी. मैंने पैंटी साइड में की और चूत में उंगली डाल दी.
अब तक भाभी की चूत पूरी गर्म और गीली हो चुकी थी.

मैंने भाभी को उठाया और उनका पेटीकोट निकाल दिया.
अब वो सिर्फ पैंटी में थीं.

उन्होंने भी मेरे सारे कपड़े निकाल दिए. अब वो अपने हाथ में लेकर मेरा लंड सहला रही थीं.

मैंने कहा- भाभी इसे आपके मुँह में देना है.
पहले तो भाभी मना करने लगीं, बोलीं- नहीं, मैं लंड नहीं चूसूंगी.

पर मैंने बहुत रिक्वेस्ट की, तो वो मान गईं.
मैं खड़ा हो गया, वो घुटनों के बल बैठ कर मेरा लंड चूसने लगीं.

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30 Apr, 06:41


मैंने भाभी को उठाया और उनका पेटीकोट निकाल दिया.
अब वो सिर्फ पैंटी में थीं.

उन्होंने भी मेरे सारे कपड़े निकाल दिए. अब वो अपने हाथ में लेकर मेरा लंड सहला रही थीं.

मैंने कहा- भाभी इसे आपके मुँह में देना है.
पहले तो भाभी मना करने लगीं, बोलीं- नहीं, मैं लंड नहीं चूसूंगी.

पर मैंने बहुत रिक्वेस्ट की, तो वो मान गईं.
मैं खड़ा हो गया, वो घुटनों के बल बैठ कर मेरा लंड चूसने लगीं.

फिर मैं उनके मुँह को ही चुत समझ कर चोदने लगा; लंड गले तक जाने लगा.
इससे उनको उल्टी आने लगीं.

भाभी गाली देती हुई बोलीं- साले आराम से कर … रात भर मैं तेरी रंडी ही हूं.
ये सुन कर मुझे थोड़ा मजा आने लगा कि भाभी तो रात भर के लिए रेडी हो गई है.

मैं आराम से लंड अन्दर बाहर करने लगा.
मैंने मुँह को ही चोद कर सारा पानी निकाल दिया और भाभी को पिला दिया.

फिर मैंने भाभी को बेड पर लिटाया और उनकी चूत पर ऐसे टूट पड़ा जैसे कोई भूखा भिखारी मलाई के दौने पर टूट पड़ता है.

मैंने भाभी की चूत में अपनी पूरी जीभ डाल कर चुत को चाटना शुरू कर दिया; साथ ही नीचे से उंगली भी डाल दी.
भाभी मादक सिसकारियां लेने लगीं- उई मां … और तेज चाटो उफ्फ … साले कबसे तुझे अपनी जवानी दिखा रही थी आह भोसड़ी के … आह … चाट ले मेरी चुत को उम्म्म … कम ऑन फक मी आह …

मैंने भाभी के मुँह से ये सुना तो अपना सर पटकने लगा कि ये तो पहले से ही चुदने को मरी जा रही थीं.
मैं अब मस्ती से भाभी की चुत चाट रहा था.

फिर कुछ देर की चूत चटाई के बाद मैं उठ गया. मेरा 7 इंच का लंड चुदाई के लिए तैयार था.

मैंने भाभी की कमर के नीचे तकिया लगाया, जिससे उनकी चूत थोड़ा खुल गई.
मैंने लंड चुत की फांकों में टिकाया और थोड़ा सा धक्का लगा दिया जिससे 3 इंच लंड चूत में घुस गया.

काफी दिन से भाभी चुदी नहीं थीं, जिससे उनकी चूत एकदम टाइट थी.
लंड अन्दर लेते ही भाभी की सिसकारी निकल गई.

फिर मैंने एक जोरदार धक्का लगा दिया और भाभी की चूत में पूरा लंड पेल दिया.
इससे भाभी चिल्लाने लगीं- उई मां … मर गई साले मादरचोद आराम से चोद भोसड़ी के.

भाभी के मुँह से गाली सुनने के बाद मुझे गुस्सा आ गया.
मैंने भाभी का गला पकड़ा और कहा- साली छिनाल तू साली रंडी माँ की लौड़ी, तू जो सेक्स वीडियो देखती थी न … मुझे सब पता है.

वो हंस कर मेरा मुँह देखने लगीं, लेकिन वासना की वजह से बोलीं- अभी चोद न हरामी … साले मेरी चुत की आग ठंडी कर मादरचोद.
मैं लगातार धक्के देकर भाभी की चुत चोदता रहा.

वो चिल्लाती रहीं- आह आराम से चोद साले … उफ्फ … चुत फाड़ेगा क्या … उन्ह मम्मी … उम्म्म् … आह … चोद मुझे … और तेज चोद.
मैं लगातार चोदता जा रहा था.

तेज स्पीड की वजह से भाभी की चूचियां हिल रही थीं. दस मिनट चुदाई के बाद भाभी की चुत ने पानी छोड़ दिया, लेकिन मेरा लंड खड़ा था.

अब मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और पीछे से चूत में लंड डाल कर चोदने लगा. मेरे हर धक्के के साथ भाभी चिल्ला रही थीं ‘आह … आह … उम्म्म … उफ्फ … चोदो मेरी जान …’

कोई दस मिनट की और चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था.
मैंने बोला- भाभी पानी कहां निकालूं?
भाभी बोलीं- चूत में निकाल दो … मैं दवा ले लूंगी.

मैंने उनकी चुत में पानी निकाल दिया और निढाल होकर भाभी के ऊपर लेट गया.
कुछ देर बाद भाभी उठीं और जाकर मेरे लिए दूध लेकर आईं.

भाभी बोलीं- लो दूध पी लो मेरे प्यारे देवर जी, तभी तो रात भर चोद पाओगे.
मैंने दूध लिया और भाभी को बेड के किनारे पर लिटा दिया.

मैं उनकी चूत के ऊपर दूध डालने लगा था और नीचे से पी रहा था.
बाद में बची हुई मलाई चूत पर लगाई और चाटने लगा.

भाभी फिर से जोश में आ गईं और बोलीं- चोद दे मुझे!
मैंने कहा- चोदने के लिए पहले मेरा लंड तो खड़ा करो. तभी तो चुत चुदाई हो पाएगी मेरी रसीली भाभी जी.

उन्होंने झट से मेरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी.

कुछ ही देर में मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैंने भाभी को खड़ा करके बेड के सहारे झुका दिया. मैंने उनकी गांड में लंड डाल दिया तो वो छटपटाने लगीं और भागना चाहती थीं लेकिन मेरी पकड़ मजबूत थी.
भाभी भाग ही न सकीं.

वो बोली- साले गांडू, बताना था न गांड मारना है. अभी लंड निकाल, मैं तुझे लड़की की गांड मारना सिखाती हूँ.

मैंने लंड निकाल लिया.
भाभी ने तेल डालने को कहा.
मैंने थोड़ा सा तेल गांड में डाला और लंड चुपड़ लिया.
अब मैंने फिर से लंड गांड में डाल दिया और उन्हें चोदने लगा.

भाभी भी गांड हिला कर लंड ले रही थीं और ‘आह … आह …लॉकडाउन सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैंने पड़ोस की भाभी को उनके कमरे में बेड पर साड़ी उठाकर चूत सहलाते देखा तो मैं उस भाभी को चोदने के जुगाड़ में लग गया.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम रुद्र प्रताप सिंह है. मेरी उम्र 20 साल है और मेरे लंड का साइज 7 इंच है.

ये लॉकडाउन सेक्स कहानी कुछ दिन पहले की है. मैं लॉकडाउन के समय अपने कॉलेज में था. लॉकडाउन लगने की वजह से मैं घर नहीं आ पाया.

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30 Apr, 06:41


लॉकडाउन सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैंने पड़ोस की भाभी को उनके कमरे में बेड पर साड़ी उठाकर चूत सहलाते देखा तो मैं उस भाभी को चोदने के जुगाड़ में लग गया.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम रुद्र प्रताप सिंह है. मेरी उम्र 20 साल है और मेरे लंड का साइज 7 इंच है.

ये लॉकडाउन सेक्स कहानी कुछ दिन पहले की है. मैं लॉकडाउन के समय अपने कॉलेज में था. लॉकडाउन लगने की वजह से मैं घर नहीं आ पाया.

मेरे रूम के बगल में एक भाभी रहती थीं. उनका फिगर 36-32-38 का रहा होगा. भाभी का फिगर ऐसा था कि मेरा रूम पार्टनर भी भाभी का दीवाना था.

भैया जी सऊदी में रहते थे. उन दिनों भाभी अकेली थीं. उनको देख कर मैं अक्सर मुट्ठ मार दिया करता था.

एक दिन मैं अपने रूम से निकल कर छत पर जा रहा था. तभी मैंने देखा कि भाभी का रूम खुला था.

मैंने तुरंत अन्दर झांक कर देखा, भाभी लेटी हुई थीं. उनका पल्लू ऊपर से हटा था और उनके मस्त बड़े बड़े चूचे ब्लाउज फाड़ कर बाहर आना चाहते थे.
भाभी खुद अपने हाथ से अपने दूध सहला रही थीं.

कुछ देर बाद उन्होंने अपने पैर घुटनों से मोड़ लिए जिससे मुझे भाभी के चूचे दिखने बंद हो गए.
मैं कुछ मायूस सा हो गया.

मगर तभी मुझे भाभी की वो हरकत दिखाई दी जिसने मेरे लौड़े में आग लगा दी.

भाभी ने अपने पेटीकोट को साड़ी समेत ऊपर कर लिया और मुझे उनकी काले रंग की पैंटी दिखाई देने लगी.
वो अपने हाथ से अपनी पैंटी को सहलाने लगी.

मैंने भाभी की हरकत को देखा और खुद को किसी तरह से कंट्रोल किया. छत पर टॉयलेट में जाकर तुरंत मुट्ठ मारी और खुद को ठंडा कर लिया.

भाभी से मेरी बात होती रहती थीं.

एक दिन भाभी ने अपना मोबाइल ठीक करने को दिया तो मैंने सोचा भाभी की गूगल की हिस्ट्री चैक की जाए.

मैंने देखा भाभी ने www.freesexkahani.com पर ढेर सारी कहानी पढ़ी हुई हैं और बहुत सारी सेक्स की वीडियो भी देखी हैं.

मैंने उसी दिन सोच लिया कि अब तो भाभी को चोदना ही है.
उसी दिन से मैं योजना बनाने लगा.

एक दिन मैं अकेला था. मेरा रूम पार्टनर अपने गांव निकल गया था. शाम तक उसे वापस आना था. पर लॉकडाउन में किस तरह से वो वापस आता, ये बड़ी दिक्कत थी.

उसी शाम को भाभी मेरे पास आईं और बोलीं- आज तुम अकेले हो क्या?
मैंने कहा- हां भाभी.

उन्होंने कहा- तो खाना कैसे बनाओगे?
मैंने कहा- देखते हैं, अभी का तो हो गया, हो सकता है शाम तक मेरा दोस्त आ जाए, तो बना लूंगा.

भाभी बोलीं- अगर वो नहीं आए और प्रॉब्लम हो, तो मैं बना दूं?
मैंने झट से हां कह दी- अरे वाह भाभी … नेकी और पूछ पूछ?

भाभी हंस दीं और उन्होंने मुझे शाम का खाना खाने आने के लिए कह दिया.

शाम को मैं भाभी के रूम में गया.
वो किचन में खाना बना रही थीं.

मैं फोन में गेम खेलने लगा.

कुछ देर बाद हम दोनों ने साथ में खाना खाया.
मैंने भाभी से कहा- भाभी, कोल्डड्रिंक पियेंगी?

भाभी जी ने हां कर दी.
मैं कोल्डड्रिंक ले आया और उसमें एक जोश बढ़ाने वाली गोली मिला कर भाभी को दे दी.

कुछ देर बाद भाभी का मूड बनने लगा था.
मैंने उनकी आंखों में वासना का खुमार चढ़ता देखा और झट से भाभी के पास आकर उनके बगल बैठ गया.

मैंने भाभी से कहा- भाभी, मैं बहुत अकेला हूं, कोई लड़की पटवा दो.
वो बोलीं- मैं कहां से पटवा दूं?

मैंने कहा- तो आप ही पट जाओ.
भाभी मेरा मुँह देखने लगीं, लेकिन मूड उनका भी बन रहा था तो उन्होंने कहा- ठीक है. लो समझो मैं पट गई.

मैंने कहा- मैं कैसे मान लूं कि अप पट गई हो?
उन्होंने कहा- तुम जो बोलो, मैं कर दूंगी. जिससे तुम्हें विश्वास हो जाए.

मैंने कहा- मुझे आपको किस करना है.
वो तुरंत किस करने लगीं.

मैंने भी भाभी को किस किया और कुछ देर के बाद रुक गया.
भाभी की आंखों में बेहद चुदास दिख रही थी और उनका पल्लू एक तरफ ढलका हुआ था. उनके तने हुए चूचे मेरा लंड खड़ा कर रहे थे.

कुछ देर तक भाभी के मम्मे घूरने के बाद मैंने कहा- भाभी, मुझे आपकी चूची भी पीना है.

वो मना करने लगीं लेकिन मैंने हाथ बढ़ा दिया और उनके मम्मे दबाने लगा.

वो मेरा हाथ पकड़ कर ना ना करने लगीं मगर खुद ही मेरे हाथ से अपने दूध मसलवा रही थीं.

कुछ देर बाद वो शांत हो गईं. उन्होंने कहा- अच्छा पहले दरवाजा तो बंद कर दो.
मैं दरवाजा बंद करके आया.

तब तक भाभी ने अपना ब्लाउज खोल दिया.
उन्होंने ब्लैक कलर की ब्रा पहनी थी. मैंने ब्रा का हुक खोल दिया जिससे उनकी दोनों चूचियां आजाद हो गईं.

मैं भाभी की दोनों चूचियों को बारी बारी से पी रहा था, मसल रहा था.

भाभी कामुक सिसकारियां ले रही थीं- आह … उफ्फ … आराम से करो न रुद्र … दर्द हो रहा है.

मैं मजे से भाभी के दूध पीता रहा.
धीरे धीरे मैंने भाभी की साड़ी खोल दी और उनका पेटीकोट ऊपर करके फुद्दी को सहलाने लगा.

भाभी की पैंटी गीली हो रही थी. मैंने पैंटी साइड में की और चूत में उंगली डाल दी.
अब तक भाभी की चूत पूरी गर्म और गीली हो चुकी थी.

Antervasna chudai ki kahani

27 Apr, 09:48


भाभी ने अपने हाथों से मेरा शॉर्ट उतार दिया तो मेरा लंड उछल कर बाहर आया और भाभी को सैल्यूट करने लगा. मैंने नोटिस किया कि मेरा खडा लंड देख कर भाभी का चेहरा कामुकता से लाल हो गया था.
भाभी- सनी तुम्हारा लंड बहुत ही लंबा और मोटा है, तुम्हारी पत्नी तुम से बहुत ही खुश रहेगी.
बस भाभी ने इतना कहा और मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं.
मैं- आआअहह.. भाभी और प्यार से आआअहह.. भाभी.. उम्म्ह… अहह… हय… याह…
भाभी- उउन्न्ं आहह.

भाभी मेरा लंड चूस रही थीं और मैं भाभी के मम्मों को दबा रहा था. मैंने देखा भाभी भी गर्म होने लगी थीं. मैं भी बहुत गर्म हो गया था.
भाभी- बस अब मेरा मुँह तुम्हारा लंड चूसते चूसते थक गया है.
मैं- भाभी बस कुछ देर और मैं कुछ ही देर में शांत हो जाऊंगा.
लंड चुसाई फिर शुरू हो गई.

‘आहह उउउन्ननह..’
मैं- भाभी, मैं झड़ने वाला हूँ, मेरा सारा माल अपने मुँह में ही लेना, मेरा लंड अपने मुँह से निकालना नहीं.. आअहह… मेरा पानी निकलने वाला है.
भाभी- आंआहह ऊंउउहह..

फिर मैं भाभी के मुँह में झड़ गया और भाभी ने मेरे पूरा वीर्य अपने अंदर कर लिया. मैं शांत हो गया और कुछ देर बाद मैं अपने कमरे में सोने चला गया.

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27 Apr, 09:48


इतना कह कर मैंने भाभी के होंठों पर चुम्बन कर लिया. ये मेरा भाभी के होंठों पर पहला चुम्बन था.
भाभी बोलीं- अर्र… अरे ये नहीं..
मैं फिर भाभी के गाल पर क़िस करने लगा तो भाभी ने कहा- सनी, यार मान जाओ… कोई आ जाएगा.

मैं हट गया और इस तरह मैं कभी भाभी के गाल पर किस करता तो कभी भाभी के होंठों पर.. कभी कभी तो मैं भाभी की बैक पर हाथ फेरता रहता था, भाभी बस मुस्कुरा देती थीं. मेरी हिम्मत बढ़ती गई.

एक दिन मैं रसोई में पानी लेने गया था तभी भाभी भी वहां आ गईं, तो मैंने हिम्मत कर के भाभी के गाल पर चुम्मा करते हुए भाभी के मम्मों को भी छू दिया. भाभी चौंक गईं और जल्दी से अपने कमरे में चली गईं. मैं थोड़ा सा डर गया था कि कहीं भाभी भैया या मम्मी से कुछ कह नहीं दें, पर भाभी ने कुछ नहीं कहा.

इस तरह से अब मैं कभी कभी भाभी के मम्मों को भी दबाने लगा. मैंने देखा कि भाभी भी इस का मजा लेती थीं.

उन दिनों गर्मियों का मौसम था, ज्यादातर घर वाले छत पर सोना पसंद करते हैं और मैं भी.
भाभी और मम्मी नीचे सोती थीं क्योंकि भैया रात में 11-12 बजे तक आते थे क्योंकि आजकल उनके ऑफिस में ज़्यादा काम चल रहा था.

एक दिन मम्मी और भैया एक साथ किसी काम से आउट ऑफ स्टेशन चले गए थे. पापा भाभी और मैं ही घर पर बचे थे.
उस दिन दिन भर कॉलेज में रहने से मैं थक गया था सो घर आ कर सो गया. जब उठा तो घर के काम में लग गया. इसी वजह से मुझे भाभी के साथ टाइम नहीं मिल पाया.

शाम को मैं अपने दोस्तो के साथ घूमने चला गया. जब रात में आया तो भाभी खाना बना कर सोने चली गई थीं. मैं भी खाना खा कर छत पर सोने के लिए जा रहा था तो पापा ने कहा- आज तुम नीचे सो जाओ, तेरी भाभी नीचे अकेली है.

मैं नीचे सोने के लिए चला गया. दिन में सो लेने की वजह से मुझे नींद नहीं आ रही थी. मैं टीवी देखने लगा, तभी लाइट चली गई तो मैं बोर होने लगा था.
अचानक मेरे दिमाग में भाभी के बारे में याद आया कि मैं और भाभी नीचे अकेले हैं, तब मैंने सोचा कि क्यों ना आज अपनी किस्मत को आजमा कर देखा जाए.

मैंने भाभी के रूम के पास जा कर देखा कि भाभी गहरी नींद में सो रही हैं तो मैं भाभी के पास बेड पर जा कर लेट गया.
मैं ज्यादातर सोते टाइम सिर्फ़ शॉर्ट पहनता हूँ और कुछ नहीं, यहाँ तक कि अंडरवियर भी नहीं पहनता हूँ.

मैंने धीरे धीरे भाभी के मम्मों को सहलाना स्टार्ट कर दिया. कुछ देर मम्मों को सहलाने के बाद मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मैंने भाभी के कुर्ते को ऊपर कर दिया. भाभी ने ब्रा नहीं पहनी थी, ये देख कर मैं और पागल हो गया.

भाभी दिन भर थकी होने के कारण बहुत गहरी नींद में सो रही थीं. ये उन्हें देख कर ही लग रहा था.

अब मैंने भाभी के एक चूचे को मुँह में लेकर चूसना आरम्भ कर दिया. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था क्योंकि ये मेरा पहला एक्सपीरियन्स था. मुझ से कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया और ज़ोर जोर से उनके चूचे चूसने लगा.
कुछ ही देर में भाभी की आँख खुल गईं और उन्होंने मुझे अपने ऊपर से हटा दिया. अपने मम्मों को कुर्ते से छुपा लिया- ये क्या कर रहे हो सनी?
मैं- भाभी, आज आप मुझे बहुत सेक्सी लग रही थी तो मैं खुद पर कंट्रोल नहीं रख पा रहा था.
भाभी- नहीं सनी, ये सब इतनी जल्दी नहीं.
मैं- भाभी प्लीज आज मुझ से कंट्रोल नहीं हो रहा है.
भाभी- नहीं सनी, तुम्हारे भाई आने वाले हैं.
मैं- अभी नहीं आएंगे क्योंकि अभी सिर्फ़ दस बजे हैं.
भाभी- नहीं, सनी जाओ और जा कर सो जाओ.
मैं- नहीं भाभी आज मैं आप को प्यार कर के ही जाऊंगा.
भाभी- नहीं सनी प्लीज़ जाओ सो जाओ.
मैं- नहीं भाभी मैं आज नहीं सोऊंगा.

ये कह कर मैंने भाभी को बांहों में भर लिया और चुम्बन करने लगा.
भाभी- नहीं सनी प्लीज़.. तुम्हारे भाई आ जाएंगे.
मैं- नहीं भाभी आज कोई नहीं आएगा.
भाभी- सनी आख़िर तुम आज करना क्या चाहते हो?
मैं- आज मैं आपके साथ सेक्स करूँगा.
भाभी- नहीं सेक्स नहीं सनी… तुम्हारे भाई आ जाएंगे.
मैं- देखो भाभी कंट्रोल नहीं हो रहा है.

मैंने भाभी को अपने शॉर्टस के ऊपर से अपना छह इंच लंबा और तीन इंच मोटा लंड दिखाते हुए कहा, जो शॉर्टस में तम्बू बना रहा था.
भाभी- जाओ सनी इसे अपने हाथ से ठण्डा कर लो.
मैं- नहीं भाभी, आज मैं इसे अपने हाथ से ठण्डा नहीं करूँगा आज तो इसे आप ही ठण्डा करेंगी.
भाभी- अच्छा सनी, मैं तुम्हारा लंड अपने हाथ से ठण्डा कर देती हूँ.
मैं- हाथ से तो मैं भी अपना लंड ठण्डा कर सकता हूँ तो फिर आप की क्या जरूरत.
भाभी- अच्छा तो मैं अपने मुँह से चूस कर तुम्हारा लंड ठण्डा कर दूँगी.

मैंने सोचा कि आज ये ब्लोजोब का एक्सपीरियन्स भी ले कर देखा जाए और मैं तैयार हो गया.
भाभी- अपनी शॉर्टस तो उतारो.
मैं- आप अपने हाथों से उतारो!

Antervasna chudai ki kahani

27 Apr, 09:48


भाभी ने मेरा लंड चूस कर दिया ब्लोजॉब
मेरे प्रिय दोस्तों, मेरा नाम सनी सिंह है, मैं राजस्थान में रहता हूँ. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ. मुझे इस साईट की सभी सेक्स कहानियां पसन्द हैं. यह कहानी मेरे प्रथम सेक्स अनुभव की है, मेरी सभी भाभी के साथ की है और अन्तर्वासना पर मैं यह मेरी पहली चुदाई स्टोरी लिख रहा हूँ.

मेरे परिवार में हम दो भाई हैं और हमारी एक बहन है, बहन की शादी तीन साल पूर्व हो चुकी है, वो अपने पति के साथ अपनी ससुराल में रहती है. मेरे बड़े भाई का भी विवाह डेढ़ साल पहले हो चुका है. तो अब हमारे घर में मैं, मेरे मम्मी पापा और भैया भाभी हैं. भैया घर से तीस किलोमीटर दूर एक कम्पनी के ऑफिस में जॉब करते हैं हैं तो वे सुबह सुबह ही घर से निकल कर बस लेते हैं.

बात उन दिनों की है, जब मैं बारहवीं में पढ़ रहा था. इस क्लास में पढ़ाई का काफी भार रहता है तो मैं ज्यादातर पढ़ाई में ही व्यस्त रहता था, इस कारण से भाभी से ज्यादा बात हो ही नही पाती थी.
मेरी भाभी का नाम सुमन है. मेरी भाभी दिखने में बहुत सेक्सी हैं, मुझे उन के होंठ चूचे और चूतड़ बहुत सेक्सी लगते हैं. उनका साइज होगा करीब 34 30 36… हाईट भी अच्छी थी पांच फुट साढ़े चार इंच. गोरा रंग, तीखे नयन नक्श… जैसे पुरानी हिरोइन सायरा बानो दिखती थी. भाभी के बाल भी काफी लम्बे थे. भाभी हर दो तीन हफ्ते बाद ब्यूटी पार्लर जाती थी, अपना और अपने रूप का बहुत ध्यान रखती थी.

बारहवी की परीक्षा के बाद मैं फ्री हो गया था तो मैं भाभी से बात करने लगा था और कुछ खुलने लगा था.

मुझे महसूस हुआ कि भाभी मेरे में कुछ ज्यादा ही रूचि लेने लगी हैं, मेरी ओर आकर्षित हो रही हैं. भाभी कभी बातों बातों में मेरे गाल पकड़ लेती तो कभी कभी मजाक में मेरी पीठ पर हाथ मारतीं. उस समय मुझे सेक्स की समझ तो थी पर मैं अनुभवी ना होने के कारण से मैं भाभी की कामुकता से भरपूर हरकतें समझ नहीं पाया.

मैं कॉलेज में आ गया था, बी ए जॉइन कर लिया. मुझे कॉलेज की हवा लगी तो मुझे भाभी की हरकतों का मतलब समझ आने लगा था. मेरी कामुकता भी अब जवान होने लगी थी.

एक बार मेरे मम्मी पापा कुछ दिनों के लिए मेरे मामा के घर गए हुए थे. मेरे अलावा मेरे भैया और भाभी ही घर पर रुके थे. भाई सुबह ही जॉब पर चले जाते तो घर में भाभी और मैं ही रहते थे तो मैं और भाभी ज्यादातर बातें करते रहते थे.

अब भाभी का कामुक बदन मेरी नज़र में चढ़ गया, मुझे लगने लगा कि भाभी मेरी प्यास बुझा सकती हैं.

फिर मम्मी पापा वापस आ गए.

अब मैं घर पर ज़्यादा नहीं पढ़ता था, मैं भाभी की तरफ ज्यादा आकर्षित होने लगा. भाभी तो पहले से ही मेरी तरफ आकर्षित थीं, पर मेरी तरफ से ही कोई प्रति उत्तर ना देने के कारण से भाभी खुल नहीं पाई थीं.

एक दिन भाभी अपने कमरे में आराम कर थीं तो मैं भी उन के पास चला गया और हँसी मजाक करने लगा. मैंने मजाक मजाक में भाभी का चुम्बन ले लिया, तो उन्होंने मुझ से कुछ नहीं कहा. बस ‘अरे… अरे… सनी क्या कर रहे हो?’ कह कर शांत हो गईं.

मैंने ऐसे ही मजाक मजाक में एक दो बार और भाभी को चुम्बन कर लिया तो भाभी कुछ नाराज नहीं हुई, बस अपने दोनों हाथों से अपने गालों को छुपा लिया. मैं जब भी भाभी का चुम्बन लेने के लिए आगे बढ़ता तो भाभी अपने दोनों हाथ अपने गालों पर रख लेती.
मैंने भाभी से कहा- भाभी, एक चुम्मा तो और लेने दो ना!
भाभी ने मना कर दिया तो मैंने कहा- जब तक एक और चुम्मा नहीं दोगी, मैं यहाँ से नहीं जाऊंगा.
लेकिन भाभी ने मना कर दिया.
मैं भी ज़िद पर अड़ गया तो भाभी मान गईं.. और मैं बड़े प्यार से भाभी के गालों की चुम्मी लेकर चला गया.

अब जब भाभी मुझे अकेले में मिलतीं, मैं उन्हें चूम लेता. शायद भाभी को भी मेरी ऎसी हरकत से मजा आता था. ऐसे ही मेरी और भाभी की किसिंग चलती रही.

एक दिन मैं और भाभी उन के कमरे में बैठे बातें कर रहे थे तो बातों के बीच में भाभी ने मुझ से पूछा- सनी, तुम यह तो बताओ कि तुम मुझे क़िस क्यों करते हो?
तो मैंने कहा- बस भाभी… आप मुझे अच्छी लगती हो. इसलिए!
भाभी ने कहा- क्यों तुम्हारी गर्लफ्रेंड अच्छी नहीं है क्या? उसे तुम किस नहीं करते?

मैंने भाभी को खुश करने के लिए कहा- भाभी, मेरी कोई गर्लफ्रेंड ही नहीं है.
भाभी ने कहा- ऐसा हो ही नहीं सकता कि तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं हो. तुम तो इतने सुन्दर हो, स्मार्ट हो! तुम पर तो लड़कियां मरती होंगी.

मैंने कहा- भाभी, कॉलेज में मुझे कोई लड़की पसंद नहीं है, मुझे तो बस आप ही बहुत अच्छी लगती हो और सेक्सी भी..
भाभी मुस्कुराने लगीं और कहा- मुझ में तुम्हें क्या सेक्सी लगता है? बताओ ज़रा?
मैंने कहा- भाभी… आपके होंठ…
भाभी- और?
मैंने कहा- और… आपके बूब्ज़!
भाभी मुस्कुराने लगीं और पूछा- और क्या क्या? सब बता दो आज!
मैंने कहा- आप की बैक भी..
तो भाभी हंसने लगीं और बोलीं- अब बस करो.

मैंने कहा- सच में भाभी, आप मुझे बहुत सेक्सी लगती हो.

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27 Apr, 09:48


मैंने अचानक साड़ी के ऊपर से ही भाभी की चुत पर हाथ रख दिया. चूत पर हाथ महसूस करते ही रेणुका भाभी को ना जाने क्या हुआ कि वो मुझसे तेज़ी से चिपक गईं. मैंने देखा भाभी की चुत की तरफ से साड़ी भी हल्की सी गीली हो गई थी. शायद भाभी झड़ गई थीं. मैंने रेणुका भाभी को सीधा खड़ा किया और उनकी साड़ी को उतार दिया.

अब मैं खड़े खड़े भाभी की नाभि को चूमने लगा. चूमते हुए पेटीकोट के ऊपर से ही मैं रेणुका भाभी की चुत को चूमने लगा. भाभी की चुत को चूमते चूमते चुत के अन्दर पेटीकोट में घुस गया.
साथ ही साथ अपने हाथों से रेणुका भाभी के कूल्हों को भी मैं मसल रहा था.
क्या नरम नरम कूल्हे थे रेणुका भाभी के..

अब भाभी को सीधा खड़ा करके मैं उनके पीछे चला गया और गर्दन को चूमते हुए उनकी चुत को पेटीकोट के ऊपर से ही सहलाने लगा.

थोड़ी देर में मैंने भाभी के ब्लाउज को खोल दिया और मैंने देखा कि ब्लू कलर की नेट वाली ब्रा में उनके मोटे मोटे चूचे क्या मस्त सेक्सी लग रहे थे. भाभी के मस्त रसीले मम्मों को देखते ही मैं ब्रा के ऊपर से ही उनके मम्मों को चाटने चूमने लगा. मेरा लंड तन कर तंबू होने लगा और पेटीकोट के ऊपर से ही रेणुका भाभी को मेरा लंड अपनी चुत की तरफ चुभता हुआ सा फील होने लगा.

भाभी ने तुरंत मेरे लंड को पकड़ लिया, लंड पकड़ते ही मेरे अन्दर का जोश दुगना हो गया और मैंने झट से अपने सारे कपड़े उतार कर उनके सामने बिल्कुल नंगा हो गया. रेणुका भाभी मेरे लंड को देख खुश हो गईं. मैंने भाभी को बिस्तर में उल्टा गिरा दिया और उनके ऊपर चढ़ गया. मैं भाभी की कमर और पीठ को चूमते हुए मैंने अपने मुँह से ही उनकी ब्रा के हुक़ खोल दिए. ब्रा खुली तो दोनों दूध उछलते हुए हवा में लहराने लगे. मैं रेणुका भाभी को सीधा करके उनके मोटे मोटे मम्मों से दूध पीने लगा.

रेणुका भाभी ने सिसियाते हुए कहा- ओह्ह.. शेखर अब कंट्रोल नहीं हो रहा है.. प्लीज़ कुछ करो.
मैंने भाभी के पेटीकोट का नाड़ा खोला और उसे खींच कर उतार दिया.

मैंने भाभी की चुत को पेंटी के ऊपर से ही चूमना शुरू कर दिया. जोश ही जोश में मैंने पेंटी को चुत के ऊपर से फाड़ कर हटा दिया. चूत नंगी होते ही रेणुका भाभी उठ खड़ी हुईं और अलमारी की तरफ चल दीं. भाभी ने अलमारी में से कॉंडम निकाला और मेरे लंड को हाथ में लेकर पहले उसे किस किया और वो कॉंडम मेरे लंड पर चढ़ा कर मेरे ऊपर चढ़ गईं.
मैंने बोला- रेणुका यार ये क्यों लगा दिया?
भाभी बोलीं- शेखर, मैं अभी प्रेग्नेंट नहीं होना चाहती हूँ.

ये सुन कर मैंने भाभी को उठा कर अपने लंड के नीचे लिया और उनकी टांगें चौड़ा कर अपने लंड को उनकी चुत के अन्दर पेल दिया.
लंड अन्दर घुसते ही रेणुका भाभी चीखती हुई मुझसे चिपक गईं और उनकी आँखों से आँसू आने लगे.
भाभी बोलीं- शेखर आराम से करो.. बहुत दर्द हो रहा है.

मैंने भाभी की एक भी ना सुनते हुए उनकी ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी.

भाभी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करती हुई चुद रही थीं. चुदाई करते टाइम मैंने कभी भाभी को कभी लिप किस किया, कभी उनके मम्मों को चूसा.. इसी तरह करीब 20 मिनट तक की धकापेल चुदाई में रेणुका भाभी 2 बार झड़ गईं.
मैं भी झड़ने लगा और उनकी चुत में अपना लंड डाले हुए ही उन पर निढाल सा होकर लेट गया.

मैंने कहा- रेणुका डार्लिंग, मजा आ गया तुम्हारे साथ.
रेणुका बोलीं- शेखर, मुझे भी बहुत मजा आया.
मैंने बोला- रेणुका तुम्हारा साइज़ क्या है?
रेणुका भाभी ने बोला- तुम ही नाप कर देख लो.. खाते पीते घर की हूँ, पूरा 36-32-38 का है.

फिर भाभी और मैं बिस्तर से उठे. रेणुका भाभी को चलने में थोड़ी प्राब्लम हो रही थी, सो मैंने अपने कंधे के सहारे से भाभी को वॉशरूम लेकर गया. वहां पर भाभी ने मेरे लंड से कॉंडम हटाया और टॉयलेट में फ्लश कर दिया. इसके बाद हम साथ साथ नहाने लगे.
मैंने भाभी को खूब मल मल कर नहलाया और भाभी ने मुझे रगड़ा. मैंने भाभी की चुत को अच्छे से साफ किया और उन्होंने मेरे लंड को हिला हिला कर साफ़ किया, जिससे मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.

लेकिन रेणुका भाभी ने बाथरूम में चुदने से मना कर दिया. उन्होंने बोला कि अब कॉंडम नहीं है, सो प्लीज़ बिना सेफ्टी के नहीं चुदूँगी.
मैंने भाभी को हर जगह चूमा और रेणुका भाभी ने मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसा, फिर मेरे लंड को अपने दोनों मम्मों के बीच में लेकर लंड को चुदाई जैसा मजा दिया. इससे मैं दुबारा झड़ गया.
मैंने भी भाभी के चूतड़ खूब मसले, चूचे निचोड़ दिए. फिर नहा धो कर हम बाहर आ गए. रेणुका भाभी को कपड़े पहनने में मैंने उसकी हेल्प की.

दोस्तो 15 दिनों तक मैंने उसे कम से कम 26 बार ऐसे ही चोदा. उसके बाद मैं वापिस दिल्ली चला गया और भाभी की चुदाई का सिलसिला जारी रहा.
मैं जब भी यहां आता, रेणुका भाभी की चुदाई किए बिना नहीं जाता था.