Исток и единственная причина этого кажущегося мира – возникновение мысли в бесконечном сознании, от чего появляется ограниченное индивидуальное сознание (душа). Когда сознание удаляется от присущего ему равновесия и как бы загрязняется мыслью, возникает способность к думанию, а вместе с этим в разуме возникает мысль о вселенной.
योग वासिष्ठ | Йога Васиштха

Васиштха, просветленный мудрец, являющийся сыном творца Брахмы, по воле отца передает это знание всем существам сотворенного мира, чтобы они могли получить освобождение от материального существования, полного иллюзий и страданий.
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最后更新于 12.03.2025 14:03
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योग वासिष्ठ: एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ की गहराई में
योग वासिष्ठ एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ है, जिसे संस्कृत में लिखा गया है। यह ग्रंथ भारतीय दार्शनिकता में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और इसकी चर्चा वेदांत और योग दर्शन में भी की जाती है। योग वासिष्ठ का श्रेय महान् ऋषि वासिष्ठ को दिया जाता है, जो हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा के पुत्र हैं। इस ग्रंथ में वासिष्ठ ने राम को जीवन के कठिनाइयों और मोह-माया से मुक्ति पाने के उपाय सुझाए हैं। इसके अंदर ज्ञान का गहराई से विवेचन किया गया है, जो आधुनिक मनुष्य के लिए भी प्रासंगिक है। योग वासिष्ठ का मुख्य उद्देश्य जीवों को आत्म-ज्ञान की ओर प्रेरित करना और उन्हें भौतिक अस्तित्व की बुराइयों से मुक्त करना है। इस ग्रंथ की शिक्षाएं ध्यान, भक्ति और तात्त्विक ज्ञान के संयोजन पर आधारित हैं, जो व्यक्ति को अपने अस्तित्व के उद्देश्य को समझने में मदद करती हैं।
योग वासिष्ठ का मुख्य संदेश क्या है?
योग वासिष्ठ का मुख्य संदेश आत्मा की अनंतता और भौतिक संसार की माया है। यह ग्रंथ यह बताता है कि विराम केवल ज्ञान और ध्यान से ही पाया जा सकता है। जीवन के उद्देश्य को समझना और भौतिक वस्तुओं के पीछे दौड़ने के बजाय आत्मिक विकास पर ध्यान केंद्रित करना खास महत्व रखता है।
इस ग्रंथ के माध्यम से वासिष्ठ ने राम को यह सिखाया है कि आध्यात्मिक साधना और ध्यान को अपनाकर हम अपने भीतर छिपी हुई शक्तियों को पहचान सकते हैं। आत्मा की सच्चाई और उसकी शाश्वतता को समझकर व्यक्ति इस जीवन में सच्ची स्वतंत्रता का अनुभव कर सकता है।
योग वासिष्ठ में ध्यान की भूमिका क्या है?
योग वासिष्ठ में ध्यान को आत्मज्ञान प्राप्त करने का प्रमुख माध्यम बताया गया है। ध्यान करने से मन की चंचलता कम होती है और व्यक्ति अपने अस्तित्व के गहरे अर्थ को समझ पाता है। ध्यान के माध्यम से व्यक्ति अपने विचारों और भावनाओं पर नियंत्रण पाने में सक्षम होता है, जो उसके आत्मिक विकास के लिए आवश्यक है।
इस ग्रंथ में यह बताया गया है कि ध्यान के द्वारा ही हम अपने सच्चे स्वभाव को पहचान सकते हैं। ध्यान में लीन होने से व्यक्ति को शांति और संतुलन की अनुभूति होती है, जो जीवन के सभी कठिनाइयों का सामना करने के लिए उसे तैयार करता है।
क्या योग वासिष्ठ का अध्ययन आम जनता के लिए फायदेमंद है?
हां, योग वासिष्ठ का अध्ययन आम जनता के लिए अत्यंत फायदेमंद है। इसमें दी गई शिक्षाएं न केवल आध्यात्मिक विकास के लिए, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक साक्षरता के लिए भी उपयोगी हैं। तनाव के इस आधुनिक युग में, ग्रंथ में दिए गए ध्यान और आत्म-विश्लेषण के तकनीकें लोगों को अपने भीतर की शांति खोजने में मदद करती हैं।
इसके अलावा, योग वासिष्ठ में दिए गए ज्ञान का उपयोग करना लोगों को उनके जीवन के उद्देश्यों को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है। यह ग्रंथ सही मार्गदर्शन प्रदान करते हुए व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में एक महत्वपूर्ण साधन हो सकता है।
योग वासिष्ठ की अनुप्रयोगिता क्या है?
योग वासिष्ठ की अनुप्रयोगिता केवल धार्मिक या आध्यात्मिक क्षेत्र तक सीमित नहीं है। इसकी शिक्षाएं व्यक्तिगत विकास, मानसिक स्वास्थ्य, और संगठनों में नेतृत्व कौशल के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। ध्यान की तकनीकें और आत्म-विश्लेषण के तरीके कार्य स्थान पर सहयोग और उत्पादकता को बढ़ाते हैं।
इस ग्रंथ का संदेश वर्तमान समय में भी प्रासंगिक है, खासकर जब समाज तनाव, चिंता और अनिश्चितता का सामना कर रहा है। योग वासिष्ठ में दिए गए शिक्षाएं व्यक्ति को अपने जीवन को नया दृष्टिकोण प्रदान करने में सक्षम बनाती हैं, जो उन्हें अपने और दूसरों के प्रति अधिक संवेदनशील और सकारात्मक बनाती हैं।
योग वासिष्ठ में कौन से प्रमुख अध्याय हैं?
योग वासिष्ठ में कई प्रमुख अध्याय हैं, जो विभिन्न विषयों पर आधारित हैं। इसमें आत्मा की अनंतता, माया की प्रकृति, ध्यान के लाभ और मौन की शक्ति जैसे विषय शामिल हैं। प्रत्येक अध्याय एक विशेष गहराई में जाकर इन विषयों का विवेचन करता है, जो पाठकों को अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
प्रथम अध्याय में राम और वासिष्ठ के बीच संवाद है, जो इस ग्रंथ की आधारशिला है। इसके बाद विभिन्न अध्यायों में विभिन्न ज्ञान की बातें की गई हैं, जैसे ब्रह्म और आत्मा की पहचान, दुख का कारण, और जीवन की वास्तविकता।
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Канал 'Yogavas' приглашает вас на путешествие в мир духовного просвещения с ученым мудрецом Васиштха. Васиштха, сын творца Брахмы, передает свои знания всем существам мира, чтобы помочь им освободиться от материальных иллюзий и страданий. Здесь вы найдете уникальные уроки и практики йоги, которые помогут вам обрести внутреннее равновесие и гармонию. Присоединяйтесь к нашему каналу, чтобы углубить свое понимание йоги и достичь духовного просветления вместе с Васиштхой.