विश्व ओज़ोन दिवस
🔹 प्रतिवर्ष 16 सितंबर को विश्व ओज़ोन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
🔹 विश्व ओज़ोन दिवस 2023 की थीम ‘मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल : ओज़ोन परत को ठीक करना और जलवायु परिवर्तन को कम करना' (Montreal Protocol : Fixing the ozone layer and reducing climate change) रखी गई है।
🔹 ओजोन परत (खोज) वर्ष 1913 में फ्रांस के भौतिकविदों फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसोन द्वारा की गई थी।
🔹 19 दिसंबर, 1994 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1987 में 16 सितंबर के दिन मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए जाने के उपलक्ष्य में विश्व ओज़ोन दिवस मनाने की घोषणा की थी।
🔹 इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य ओज़ोन परत में हो रहे क्षरण के बारे में आम लोगों को जागरूक करना और इसे संरक्षित करने के संभावित समाधानों की खोज करना है। ओज़ोन ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनने वाली एक गैस है जो वायुमंडल में बेहद कम मात्रा में पाई जाती है।
🔹 ओज़ोन गैस समतापमंडल में अत्यंत पतली एवं पारदर्शी परत के रूप में पाई जाती है। यह वायुमंडल में मौजूद समस्त ओज़ोन का कुल 90 प्रतिशत है। इसे ही ओज़ोन परत के नाम से जाना जाता है और यह परत पृथ्वी को सूर्य की सबसे हानिकारक पराबैंगनी विकिरण (UV) से बचाती है।
🔹 मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का उद्देश्य ओज़ोन परत के क्षरण के लिए उत्तरदायी पदार्थों के उत्पादन को कम करके ओज़ोन परत का संरक्षण सुनिश्चित करना है।
🔹 वर्ष 2016 मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में संशोधन किया गया जिसे किगाली संशोधन कहते हैं।
🔹 इस संशोधन के तहत मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के पक्षकार देश हाइड्रो फ़्लोरो कार्बन (HFCs) के उत्पादन और खपत चरणबद्ध तरीके से कम करने पर सहमत बने।