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हिंदी पहेलियाँ | Hindi paheliyan

हिंदी पहेलियाँ | Hindi paheliyan
आपको ढेर सारी पहेलियाँ मिलेगी जो आपके दिमाग को सोचने के लिए मजबूर कर देगा साथ ही इससे आपका मनोरंजन भी होगा hindi riddles
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हिंदी पहेलियाँ: मनोरंजन और मस्तिष्क विकास के लिए एक महान साधन

हिंदी पहेलियाँ, जो कि एक प्रकार की चतुराई के प्रश्न होते हैं, भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। ये न केवल मनोरंजन का साधन हैं, बल्कि मस्तिष्क के विकास में भी सहायक होती हैं। पहेलियाँ भारतीय पारिवारिक समारोहों, त्योहारों और मित्रों के बीच बातचीत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही हैं। जब भी परिवार या दोस्तों का समूह एकत्रित होता है, पहेलियाँ एक मजेदार बातचीत को बढ़ावा देती हैं और सबको सोचने पर मजबूर कर देती हैं। हिंदी पहेलियों में विभिन्न विषयों, जैसे कि प्रकृति, वस्तुएँ, और दैनिक जीवन से संबंधित प्रश्न शामिल होते हैं। यह लेख हिंदी पहेलियों के विभिन्न प्रकारों, उनके महत्व और उन्हें हल करने के तरीकों के बारे में जानकारी प्रदान करता है।

हिंदी पहेलियाँ क्यों महत्वपूर्ण हैं?

हिंदी पहेलियाँ महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये न केवल मनोरंजन का साधन होती हैं, बल्कि ये मस्तिष्क को सक्रिय करने और सोचने की क्षमता को बढ़ाने में मदद करती हैं। पहेलियाँ बच्चों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होती हैं, क्योंकि ये उनका ध्यान केंद्रित करने और समस्या सुलझाने के कौशल को विकसित करने में मदद करती हैं। संतुलित मानसिक विकास के लिए पहेलियाँ एक उत्कृष्ट माध्यम मानी जाती हैं।

इसके अतिरिक्त, हिंदी पहेलियाँ सांस्कृतिक धरोहर का भी हिस्सा हैं। जब हम पहेलियों को हल करते हैं, तो यह हमारे भाषा कौशल को भी बढ़ाता है और हमारी पारंपरिक संस्कृति के प्रति वफादारी को बनाए रखता है। यह एक सामूहिक गतिविधि के रूप में लोगों को एक साथ लाती हैं, जो सामाजिक संबंधों को मजबूत करने में मदद करती हैं।

बच्चों के लिए सबसे अच्छी पहेलियाँ कौन सी हैं?

बच्चों के लिए पहेलियाँ सरल और मजेदार होनी चाहिए। ऐसी पहेलियाँ जो उनकी कल्पना शक्ति को जगाएं और उन्हें सोचने के लिए प्रोत्साहित करें, उन्हें पसंद आएंगी। उदाहरण के लिए, 'एक ऐसा फल जो पीला है और गोल है, क्या है?' जिसका उत्तर है 'केला'। इस प्रकार की पहेलियाँ बच्चों के लिए बहुत आकर्षक होती हैं।

इसके अलावा, बच्चों के लिए पहेलियों में रंग, आकार और जानवरों से जुड़ी पहेलियाँ शामिल हो सकती हैं। ये पहेलियाँ न केवल उन्हें मजेदार लगती हैं, बल्कि उनके ज्ञान को भी बढ़ाने का काम करती हैं। इसके माध्यम से बच्चे नए शब्द सीखते हैं और उन्हें विभिन्न जानवरों, फूलों और फलों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।

क्या हिंदी पहेलियों का हल करने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है?

हिंदी पहेलियों का हल करना मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। यह मानसिक उत्तेजना को बढ़ावा देता है और सोचने की क्षमता को सुधारता है। पहेलियों को हल करने की प्रक्रिया ब्रेन गेम्स की तरह होती है, जो हमें मानसिक रूप से सक्रिय बनाए रखते हैं। जब हम पहेलियों को हल करते हैं, तो यह तनाव और चिंता को कम करने में भी मदद कर सकता है।

दिमागी पहेलियों को हल करना एक प्रकार का ध्यान केंद्रित करने वाला अभ्यास होता है। यह हमारे मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को सुधारता है और हमें चुनौती स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस प्रक्रिया में हमारे दिमाग के विभिन्न हिस्सों को सक्रिय किया जाता है, जो मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक होता है।

हिंदी पहेलियों को हल करने के लिए कौन से टिप्स मददगार हो सकते हैं?

हिंदी पहेलियों को हल करने के लिए सबसे पहले धैर्य रखना आवश्यक है। पहेली को पढ़ें और उस पर ध्यान केंद्रित करें। कभी-कभी पहली बार में जवाब नहीं मिलता, लेकिन धैर्य रखने पर सही उत्तर मिल सकता है। पहेली को छोटे टुकड़ों में बाँटकर समझने की कोशिश करें।

इसके अलावा, आपको अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर पहेलियाँ हल करने की कोशिश करनी चाहिए। यह न केवल मजेदार होता है, बल्कि एक दूसरे के विचारों से आपको पहेली का हल निकालने में मदद मिल सकती है। अन्य लोगों के दृष्टिकोण को समझने से आपके सोचने की क्षमता में वृद्धि हो सकती है।

क्या कोई विशेष अवसरों पर पहेलियाँ खेली जाती हैं?

जी हाँ, विशेष अवसरों पर पहेलियाँ खेली जाती हैं, जैसे कि त्योहार, जन्मदिन, या परिवारिक समारोह। यह आमतौर पर बच्चों के लिए एक मजेदार गतिविधि होती है, जो उत्सव का हिस्सा बन जाती है। ये पहेलियाँ समारोह की खुशियों को बढ़ाने का कार्य करती हैं।

त्योहारों पर, जैसे कि दीवाली, होली, या राखी, परिवार मिलकर पहेलियाँ खेलते हैं। यह परंपरा स्थापित करने का एक तरीका है, जो नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से जोड़ता है। साथ ही, यह एक सामाजिक गतिविधि है जो परिवारों और दोस्तों के बीच बंधन को मजबूत बनाती है।

Canal हिंदी पहेलियाँ | Hindi paheliyan no Telegram

दोस्तों, आपका स्वागत है हिंदी पहेलियाँ चैनल में! यह चैनल @tarun_paheliyan द्वारा संचालित है और यहाँ आपको बहुत सारी मनोरंजक हिंदी पहेलियाँ मिलेंगी। यदि आपको सोचने में मज़ा आता है और आप चाहते हैं कि आपके दिमाग की चुनौतियों का सामना करें, तो हमारा यह चैनल आपके लिए सही स्थान है। हिंदी पहेलियाँ वाले इस चैनल में आपको विभिन्न प्रकार की पहेलियाँ मिलेंगी, जैसे की चरणवाली पहेलियाँ, मज़ेदार मस्तिष्क पहेलियाँ, और अन्य बहुत सारी रोचक पहेलियाँ। हमारा चैनल @tarun_paheliyan आपको मनोरंजन और मस्तिष्क के व्यायाम के साथ-साथ नई जानकारी भी देता है। इसके साथ ही, हमारी सदस्यता में शामिल होने से, आप नए दोस्त बना सकते हैं और हिंदी भाषा में सक्रिय रह सकते हैं। इसलिए, अब ही जुड़ें हमारे हिंदी पहेलियाँ चैनल में और अपने दिमाग की शक्ति को बढ़ाएं। धन्यवाद।

Últimas Postagens de हिंदी पहेलियाँ | Hindi paheliyan

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[ पहेली ( Paheli ) – 107 ]

मुझे खाना चाहो तो,
सबसे पहले मुझे तोड़ो |

मेरे अंदर है सुनहरा खजाना,
फ्राई कर के झट से खा लो |

उत्तर – अंडा

24 Feb, 04:07
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[ पहेली ( Paheli ) – 77 ]

उड़ नहीं सकती मैं वायु में,
चल नहीं पाती सड़कों पर |

लेकिन लाखों पर्यटकों को,
पहुँचाती हूँ इधर-उधर |

उत्तर – रेल

[ पहेली ( Paheli ) – 78 ]

बिन जिसके हो चक्का जाम |
पानी जैसी चीज है वह,
झट से बताओ उसका नाम |

उत्तर – पेट्रोल

[ पहेली ( Paheli ) – 79 ]

मैं एक बीज हूँ,
तीन अक्षर है मेरे |

दो दल वाला अन्न हूँ,
दाल बनाकर खाते हो |

उत्तर – मटर

[ पहेली ( Paheli ) – 80 ]

तरल हूँ पर पानी नहीं,
चिपचिपा हूँ गोंद नहीं |

मीठा हूँ पर चॉकलेट नहीं,
मधुमक्खियों द्वारा मैं बनता हूँ |

उत्तर – शहद


[ पहेली ( Paheli ) – 81 ]

दो सुंदर लड़के,
दोनों एक रंग के |

एक बिछड़ जाए,
तो दूसरा काम न आए |

उत्तर – जूता

[ पहेली ( Paheli ) – 82 ]

तरल हूँ पर पानी नहीं,
चिपचिपा हूँ गोंद नहीं |

मीठा हूँ पर चॉकलेट नहीं,
मधुमक्खियों द्वारा मैं बनता हूँ |

उत्तर – शहद

[ पहेली ( Paheli ) – 83 ]

पढ़ने में, लिखने में,
दोनों में हीं आता काम |

कलम नहीं, कागज़ नहीं,
बताओ क्या है मेरा नाम |

उत्तर – चश्मा


[ पहेली ( Paheli ) – 84 ]

बैठ तार में आती वह,
घर के दीप जलाती वह |

कई मशीनों का है वह प्राण,
बोलो क्या कहलाती वह |

उत्तर – बिजली

[ पहेली ( Paheli ) – 85 ]

जंगल मेरी जन्मभूमि है,
महफिल मेरा धाम |

सबके होंठ लग कर देती,
सरगम का पैगाम |

उत्तर – बाँसुरी

[ पहेली ( Paheli ) – 86 ]

एक सींग की ऐसी गाय,
जिता दो उतना हीं खाए |

खाते – खाते गाना गाए,
पेट नहीं उसका भर पाए |

उत्तर – आटा चक्की

[ Paheliyan | पहेलियाँ ]

[ पहेली ( Paheli ) – 87 ]

आदि कटे तो गीत सुनाऊँ,
मध्य कटे तो संत बन जाऊँ |

अंत कटे साथ बन जाता,
संपूर्ण सबके मन भाता |

उत्तर – संगीत

[ पहेली ( Paheli ) – 88 ]

पूरे विश्व में एक यहीं,
सबसे बड़ा महाद्वीप |

भारत-पाक रूस और
इसमें हीं है चीन |

उत्तर – एशिया

[ पहेली ( Paheli ) – 89 ]

हाल – चाल यदि पूछो उससे,
नहीं करेगा सीधे बात |
सादा लगता है,
पर पेट में रखता दांत |

उत्तर – अनार


[ पहेली ( Paheli ) – 90 ]

ऐसा एक अजब खजाना,
जिसका मालिक बड़ा श्याना |

दोनों हाथों से लुटाता,
फिर भी दौलत बढ़ता हीं जाता |

उत्तर – ज्ञान

[ पहेली ( Paheli ) – 91 ]

मुझको उल्टा करके देखो,
लगता हूँ मैं नौजवान |

कोई पृथक नहीं रहता,
बूढ़ा बच्चा या जवान |

उत्तर – वायु

[ पहेली ( Paheli ) – 92 ]

सिर काट दो, मन दिखता हूँ,
पैर काट दो, आदर बना दूँ |

पेट काट दो, कुछ न बताता,
प्रेम से अपना शीश नवाता |

उत्तर – नमन


[ पहेली ( Paheli ) – 93 ]

लाल – लाल आँखें,
लंबे – लंबे कान |

रुई का फुहासा,
बोलो क्या है उसका नाम ?

उत्तर – खरगोश

[ पहेली ( Paheli ) – 94 ]

डिब्बे पे डिब्बा,
डिब्बे का गाँव |

चलती फिरती बस्ती,
लोहे का पाँव |

उत्तर – रेल

[ पहेली ( Paheli ) – 95 ]

हरी हरी मछली के
हरे हरे अंडे |

जल्दी से बूझो पहेली
नहीं तो पड़ेंगे डंडे |

उत्तर – मटर


[ पहेली ( Paheli ) – 96 ]

एक पैर है होती,
जाड़े में हरदम सोती |

गर्मी में छाया देती,
सावन में वह हरदम रोती |

उत्तर – छतरी

[ पहेली ( Paheli ) – 97 ]

सुबह सवेरे आता हूँ,
शाम ढले चल जाता हूँ |

मुझे देखकर दिन की शुरुआत,
सभी को रोशन कर जाता हूँ |

उत्तर – सूरज


[ पहेली ( Paheli ) – 98 ]

शुरू कटने से हूँ मैं पशु,
बीच कटे पर काम |

आखिर कटे तो पक्षी होता
बताओ मेरा नाम |

उत्तर – कागज

[ पहेली ( Paheli ) – 99 ]

एक बूढ़े के बारह बच्चे,
कोई छोटे तो कोई लंबे |

कोई गर्म और कोई ठंडे,
बतलाओ नहीं तो खाओ डंडे |

उत्तर – साल

[ पहेली ( Paheli ) – 100 ]

बिन पावों के चलते देखा,
इत – उत उसको फिरते देखा |

काम विचित्र करते देखा,
जल से उसे मरते देखा |

उत्तर – जूता

[ पहेली ( Paheli ) – 101 ]

शरीर है, इसका लंबा-लंबा,
मुख है, कुछ-कुछ गोरा |

पेट में जिसके है काली डंडी,
नाम लिखे हैं वो मेरा |

उत्तर – पेंसिल


[ पहेली ( Paheli ) – 102 ]

भैया मैं हूँ तीन पंख का,
चार महीने पाता आराम |

बिजली का प्रवाह मैं सहता,
घंटों मैं तो चलता रहता |

उत्तर – पंखा

[ पहेली ( Paheli ) – 103 ]

दुम कटे तो सीता,
शीश कटे तो मित्र |

बीच कटे तो खोपड़ी.
पहेली है बड़ी विचित्र |

उत्तर – सियार


[ पहेली ( Paheli ) – 104 ]

धरती में मैं पैर छुपाता,
आसमान में शीश उठाता |

हिलता पर कभी न चलता,
पैरों से हूँ भोजन खाता |

उत्तर – पेड़

[ पहेली ( Paheli ) – 105 ]

तीन अक्षर का शहर हूँ,
विश्व में प्रसिद्ध हूँ |

अंत कटे तो आग बन जाऊँ,
मध्य कटे तो आरा कहलाऊँ |

उत्तर – आगरा

[ पहेली ( Paheli ) – 106 ]

सात गांठ की रस्सी,
गांठ – गांठ में रस |

इसका उत्तर जो बताए,
उसको देंगे रूपए दस |

उत्तर – जलेबी

24 Feb, 04:07
20,980
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[ पहेली ( Paheli ) – 01 ]

ऐसा शब्द बताइए कि जिससे फूल, मिठाई और फल बन जाए ?

उत्तर – गुलाब जामुन

[ पहेली ( Paheli ) – 02 ]

अगर आप अँधेरे कमरे में एक मोमबत्ती, एक लालटेन और एक दीया के साथ हैं तो सबसे पहले आप क्या जलाएँगे ?

उत्तर – माचिस

[ पहेली ( Paheli ) – 03 ]

paheliyan in hindi with answer
वह कौन – सा फूल है, जिसके पास कोई रंग और महक नहीं है ?

उत्तर – अप्रैल फूल

[ पहेली ( Paheli ) – 04 ]

ऐसी कौन – सी चीज है, जिसको जितना खींचा जाता है, वो उतनी हीं छोटी होती जाती है |

उत्तर – सिगरेट


[ पहेली ( Paheli ) – 05 ]


ऐसा रूम, जिसकी खिड़की ना दरवाजा तो बताओ क्या ?

उत्तर – मशरूम

[ पहेली ( Paheli ) – 06 ]

ऐसी कौन – सी जगह है, जहाँ पर सड़क है पर गाड़ी नहीं, जंगल है पर पेड़ नहीं और शहर है पर घर नहीं ?

उत्तर – नक्शा

[ पहेली ( Paheli ) – 07 ]

एक ऐसा सवाल, जिसका जवाब कोई हाँ में नहीं दे सकता ?

उत्तर – क्या आप मर गए हैं ?

[ पहेली ( Paheli ) – 08 ]

वह क्या है, जिसे आप एक बार खा कर दोबारा नहीं खाना चाहते हैं मगर फिर भी खाते हैं ?

उत्तर – धोखा


[ पहेली ( Paheli ) – 09 ]

ऐसी कौन – सी चीज है, जिसे हम पानी के अंदर खाते हैं ?

उत्तर – गोता

[ पहेली ( Paheli ) – 10 ]

ऐसी कौन – सी चीज है, जिसे लोग काटते हैं, पीसते हैं और बाँटते हैं मगर खाते नहीं हैं ?

उत्तर – ताश के पत्ते

[ पहेली ( Paheli ) – 11 ]

खुद कभी वह कुछ न खाए,
लेकिन सब को खूब खिलाए |

उत्तर :- चम्मच

[ पहेली ( Paheli ) – 12 ]

जब भी आए होश उड़ाए,
फिर भी कहते हैं कि आए !

उत्तर – नींद

[ पहेली ( Paheli ) – 13 ]

पंख नहीं पर उड़ती हूँ,
हाथ नहीं पर लड़ती हूँ |

उत्तर :- पतंग

[ पहेली ( Paheli ) – 14 ]

डब्बे पर डब्बा, डब्बे का गाँव,
चलती फिरती बस्ती है, लोहे के पाँव |

उत्तर – रेलगाड़ी

[ पहेली ( Paheli ) – 15 ]

paheli
कमर पतली है, पैर सुहाने,
कहीं गए होंगे बीन बजाने |

उत्तर – मच्छर

[ पहेली ( Paheli ) – 16 ]

राजा के महल में रानी पचास,
सिर पटके दीवार से, जलकर होए राख |

उत्तर – माचिस


[ पहेली ( Paheli ) – 17 ]

बच्चों ! एक लाठी की सुनो कहानी,
छुपा है जिसमें मीठा – मीठा पानी |

उत्तर – गन्ना

[ पहेली ( Paheli ) – 18 ]

अगर नाक पर मैं चढ़ जाऊँ,
तो कान पकड़कर खूब पढ़ाऊँ |

उत्तर – चश्मा

[ पहेली ( Paheli ) – 19 ]

एक गुफा के दो रखवाले,
दोनों लंबे, दोनों काले |

उत्तर – परीक्षा

[ पहेली ( Paheli ) – 20 ]

मेरे नाम से सब डरते हैं,
मेरे लिए परिश्रम करते हैं |

उत्तर – मूंछें


[ पहेली ( Paheli ) – 21 ]

एक राजा की अनोखी रानी,
दुम के सहारे पीती पानी |

उत्तर – दीपक

[ पहेली ( Paheli ) – 22 ]

मैं मरती हूँ, मैं कटती हूँ |
पर रोते हो तुम, पहचानो कौन हूँ मैं |

उत्तर – प्याज

[ पहेली ( Paheli ) – 23 ]

बूझो भैया एक पहेली,
जब काटो तब नई नवेली |

उत्तर – पेंसिल

[ पहेली ( Paheli ) – 24 ]

काली काली माँ, लाल लाल बच्चे,
जहाँ जाए माँ, वहाँ जाए बच्चे |

उत्तर – ट्रेन

[ पहेली ( Paheli ) – 25 ]

आवाज है पर इंसान नहीं,
जुबान है पर निशान नहीं |

उत्तर – ऑडियो कैसेट

[ पहेली ( Paheli ) – 26 ]

हरी डिब्बी, पीला मकान,
उसमें बैठे कालू राम |

उत्तर – पपीता और बीज

[ पहेली ( Paheli ) – 27 ]

बेशक न हो हाथ में हाथ,
जीता है वह आपके साथ |

उत्तर – परछाई

[ पहेली ( Paheli ) – 28 ]

कमरा बाँध कोने में पड़ी,
बड़ी सबेरे अब है खड़ी |

उत्तर – झाड़ू


[ पहेली ( Paheli ) – 29 ]

तीन रंग की तितली
नहा धोकर निकली

उत्तर – समोसा

[ पहेली ( Paheli ) – 30 ]

एक प्लेट में 3 चम्मच |

उत्तर – पंखा

[ पहेली ( Paheli ) – 31 ]

हरी डंडी, लाल कमान,
तौबा – तौबा करे हर इंसान |

उत्तर – लाल मिर्च

[ पहेली ( Paheli ) – 32 ]

काला घोड़ा, सफेद सवारी,
एक उतरा तो दूसरे की बारी |

उत्तर – तवा और रोटी

[ पहेली ( Paheli ) – 33 ]

मैं हरी, मेरे बच्चे काले,
मुझे छोड़, मेरे बच्चे खा ले |

उत्तर – इलायची

[ पहेली ( Paheli ) – 34 ]

काले वन की रानी है,
लाल पानी पीती है |

उत्तर – खटमल

[ पहेली ( Paheli ) – 35 ]

एक पहेली मैं बुझाऊँ,
सिर को काट नमक छिड़काऊँ |

उत्तर – खीरा

[ पहेली ( Paheli ) – 36 ]

तीन अक्षर का मेरा नाम,
उल्टा सीधा एक समान |

उत्तर – जहाज

[ पहेली ( Paheli ) – 37 ]

ऊँट की बैठक, हिरन की चाल,
बोलो वह कौन है पहलवान |

उत्तर – मेढ़क

[ पहेली ( Paheli ) – 38 ]

हजार लाख में रहे अँधेरा,
मात्र एक हीं में उजाला |

उत्तर – चाँद

[ पहेली ( Paheli ) – 39 ]

खड़ा पर भी खड़ा,
बैठने पर भी खड़ा |

उत्तर – सींग

[ पहेली ( Paheli ) – 40 ]

कान मरोड़ो, पानी दूँगा,
मैं कोई पैसे नहीं लूँगा |

उत्तर – नल


[ पहेली ( Paheli ) – 41 ]

दिन में सोए, रात में रोए |
जितना रोए, उतना खोए |

उत्तर – माचिस

24 Feb, 02:44
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[ पहेली ( Paheli ) – 42 ]

एक घर में पचास चोर,
रहते हैं सब साथ-साथ |

उत्तर – मोमबत्ती

[ पहेली ( Paheli ) – 43 ]

हरा मकान लाल दुकान,
और उसमें बैठता लल्लूराम |

उत्तर – तरबूज

[ पहेली ( Paheli ) – 44 ]

न भोजन खाता, न वेतन लेता,
फिर भी पहरा डटकर देता |

उत्तर – ताला

[ पहेली ( Paheli ) – 45 ]

एक पेड़ की तीस है डाली,
आधी सफेद और आधी काली |

उत्तर – महीना

[ पहेली ( Paheli ) – 46 ]

सफेद मुर्गी हरी पूँछ,
तुझे ना आए काले से पूछ |

उत्तर – मूली

[ पहेली ( Paheli ) – 47 ]

छोटा हूँ पर बड़ा कहलाता,
रोज दही की नदी में नहाता |

उत्तर – दहीबड़ा


[ पहेली ( Paheli ) – 48 ]

चार ड्राइवर एक सवारी,
उसके पीछे जनता भारी |

उत्तर – मुर्दा

[ पहेली ( Paheli ) – 49 ]

बीसों का सिर काट लिया,
ना मारा ना ख़ून किया |

उत्तर – नाख़ून

[ पहेली ( Paheli ) – 50 ]

एक पैर है, काली धोती,
जाड़े में वह हरदम सोती |

गरमी में है, छाया देती
सावन में वह हरदम रोती |

उत्तर – छतरी

[ Paheliyan with Answer | पहेलियाँ उत्तर सहित ]

[ पहेली ( Paheli ) – 51 ]

पगरी में भी, गगरी में भी,
और तुम्हारी नगरी में भी |

कच्चा खाओ, पक्का खाओ
शीश में मेरा तेल लगाओ |

उत्तर – नारियल

[ पहेली ( Paheli ) – 52 ]

लाल घोड़ा रुका रहे,
काला घोड़ा भाग जाए, बताओ कौन ?

उत्तर – आग और धुँआ

[ पहेली ( Paheli ) – 53 ]

वह पाले नहीं भैंस, ना गाय,
फिर भी दूध मलाई हीं खाए |

घर बैठे हीं वह करे शिकार,
रिश्ते में भी है, वह मौसी यार |

उत्तर – बिल्ली


[ पहेली ( Paheli ) – 54 ]

कटोरा पर कटोरा,
बेटा बाप से भी गोरा |

उत्तर – नारियल

[ पहेली ( Paheli ) – 55 ]

भवनों से मैं नजर आता,
सब बच्चों को खूब भाता |

दूर का हूँ लगता मामा,
रूप बदलता पर दिल को भाता |

उत्तर – चंद्रमा

[ पहेली ( Paheli ) – 56 ]

एक पाँव का काला मेंढक,
वर्षा काल में आता |

बहुत बरसता है जब पानी,
उपयोगी मैं बन जाता |

उत्तर – छाता

[ पहेली ( Paheli ) – 57 ]

बिना पाँव पानी पर चलती,
बत्तख नहीं, ना पानी की रानी |

उसे न चाहिए सड़क या पटरी,
सिर्फ चाहिए गहरा पानी |

उत्तर – नाव

[ पहेली ( Paheli ) – 58 ]

सात रोज में हूँ आता,
बालकों का हूँ चहेता |

वे करते हैं बस मुझसे प्यार,
नित्य करते हैं मेरा इंतजार |

उत्तर – रविवार

[ पहेली ( Paheli ) – 59 ]

रंग है उसका पीला,
तपाया है तो ढीला |

पीटा है तो फैला,
कीमती है तो छैला |

उत्तर – सोना


[ पहेली ( Paheli ) – 60 ]

खबर लाता हूँ सुबह
नहीं लगाता हूँ देर मैं |

फेंक दिया जाता हूँ,
दूसरे दिन रद्दी के ढेर में |

उत्तर – अख़बार

[ पहेली ( Paheli ) – 61 ]

बोल नहीं पाती हूँ मैं,
और सुन नहीं पाती |

बिना आँखों के हूँ अंधी,
पर सबको राह दिखाती |

उत्तर – पुस्तक

[ पहेली ( Paheli ) – 62 ]

तीन अक्षर का मेरा नाम,
बीच कटे तो रिश्ते का नाम |

आखिरी कटे तो सब खाए,
भारत के तीन तरफ दिखाए |

उत्तर – सागर

[ Hindi Paheliyan | हिंदी पहेलियाँ ]

[ पहेली ( Paheli ) – 63 ]

शुरू कटे तो कान कहलाऊँ,
बीच कटे तो मन बहलाऊँ |

परिवार की मैं करूँ सुरक्षा
बारिश, आँधी, धूप से रक्षा |

उत्तर – मकान

[ पहेली ( Paheli ) – 64 ]

सोने की वह चीज है,
पर बेचे नहीं सुनार |

मोल तो ज्यादा है नहीं,
बहुत है उसका भार |

उत्तर – चारपाई

[ पहेली ( Paheli ) – 65 ]

नकल उतारे सुनकर वाणी,
चुप-चुप सुने सभी की कहानी |

नील गगन है इसको भाए,
चलना क्या उड़ना भी आए |

उत्तर – तोता


[ पहेली ( Paheli ) – 66 ]

राजा महाराजाओं के ये,
कभी बहुत आया काम |

संदेश इसने पहुचाएँ,
सुबह हो या शाम |

उत्तर – कबूतर

[ पहेली ( Paheli ) – 67 ]

आगे ‘प’ है मध्य में भी ‘प’,
अंत में इसके ‘ह’ है |

पेड़ों पर रहता है,
सुर में कुछ कहता है |

उत्तर – पपीहा

[ पहेली ( Paheli ) – 68 ]

देखी रात अनोखी वर्षा,
सारा खेत नहाया |

पानी तो पूरा शुद्ध था,
पर पी न कोई पाया |

उत्तर – ओस

[ पहेली ( Paheli ) – 69 ]

करती नहीं यात्रा दो गज,
फिर भी दिन भर चलती है |

रसवंती है, नाजुक भी,
लेकिन गुफा में रहती है |

उत्तर – जीभ

[ पहेली ( Paheli ) – 70 ]

नहीं सुदर्शन चक्र मगर,
मैं चकरी जैसा चलता |

सिर के ऊपर उल्टा लटका.
फर्श पर नहीं उतरता |

उत्तर – पंखा

[ पहेली ( Paheli ) – 71 ]

पास में उड़ता-उड़ता आए,
क्षण भर देखूँ , फिर छिप जाए |

बिना आग के जलता जाए,
सबके मन को वह लुभाए |

उत्तर – जुगनू

[ पहेली ( Paheli ) – 72 ]

छिलके को दूर हटाते जाओ,
बड़े स्वाद से खाते जाओ |

इतना पर अवश्य देखना,
छिलके इसके दूर हीं फेंखना |

उत्तर – केला

[ पहेली ( Paheli ) – 73 ]

आँखें दो हो जाए चार,
मेरे बिना कोट बेकार |

घुसा आँखों में मेरा धागा,
दर्जी के घर से मैं भागा |

उत्तर – बटन

[ पहेली ( Paheli ) – 74 ]

24 Feb, 02:44
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