[ पहेली ( Paheli ) – 42 ]
एक घर में पचास चोर,
रहते हैं सब साथ-साथ |
उत्तर – मोमबत्ती
[ पहेली ( Paheli ) – 43 ]
हरा मकान लाल दुकान,
और उसमें बैठता लल्लूराम |
उत्तर – तरबूज
[ पहेली ( Paheli ) – 44 ]
न भोजन खाता, न वेतन लेता,
फिर भी पहरा डटकर देता |
उत्तर – ताला
[ पहेली ( Paheli ) – 45 ]
एक पेड़ की तीस है डाली,
आधी सफेद और आधी काली |
उत्तर – महीना
[ पहेली ( Paheli ) – 46 ]
सफेद मुर्गी हरी पूँछ,
तुझे ना आए काले से पूछ |
उत्तर – मूली
[ पहेली ( Paheli ) – 47 ]
छोटा हूँ पर बड़ा कहलाता,
रोज दही की नदी में नहाता |
उत्तर – दहीबड़ा
[ पहेली ( Paheli ) – 48 ]
चार ड्राइवर एक सवारी,
उसके पीछे जनता भारी |
उत्तर – मुर्दा
[ पहेली ( Paheli ) – 49 ]
बीसों का सिर काट लिया,
ना मारा ना ख़ून किया |
उत्तर – नाख़ून
[ पहेली ( Paheli ) – 50 ]
एक पैर है, काली धोती,
जाड़े में वह हरदम सोती |
गरमी में है, छाया देती
सावन में वह हरदम रोती |
उत्तर – छतरी
[ Paheliyan with Answer | पहेलियाँ उत्तर सहित ]
[ पहेली ( Paheli ) – 51 ]
पगरी में भी, गगरी में भी,
और तुम्हारी नगरी में भी |
कच्चा खाओ, पक्का खाओ
शीश में मेरा तेल लगाओ |
उत्तर – नारियल
[ पहेली ( Paheli ) – 52 ]
लाल घोड़ा रुका रहे,
काला घोड़ा भाग जाए, बताओ कौन ?
उत्तर – आग और धुँआ
[ पहेली ( Paheli ) – 53 ]
वह पाले नहीं भैंस, ना गाय,
फिर भी दूध मलाई हीं खाए |
घर बैठे हीं वह करे शिकार,
रिश्ते में भी है, वह मौसी यार |
उत्तर – बिल्ली
[ पहेली ( Paheli ) – 54 ]
कटोरा पर कटोरा,
बेटा बाप से भी गोरा |
उत्तर – नारियल
[ पहेली ( Paheli ) – 55 ]
भवनों से मैं नजर आता,
सब बच्चों को खूब भाता |
दूर का हूँ लगता मामा,
रूप बदलता पर दिल को भाता |
उत्तर – चंद्रमा
[ पहेली ( Paheli ) – 56 ]
एक पाँव का काला मेंढक,
वर्षा काल में आता |
बहुत बरसता है जब पानी,
उपयोगी मैं बन जाता |
उत्तर – छाता
[ पहेली ( Paheli ) – 57 ]
बिना पाँव पानी पर चलती,
बत्तख नहीं, ना पानी की रानी |
उसे न चाहिए सड़क या पटरी,
सिर्फ चाहिए गहरा पानी |
उत्तर – नाव
[ पहेली ( Paheli ) – 58 ]
सात रोज में हूँ आता,
बालकों का हूँ चहेता |
वे करते हैं बस मुझसे प्यार,
नित्य करते हैं मेरा इंतजार |
उत्तर – रविवार
[ पहेली ( Paheli ) – 59 ]
रंग है उसका पीला,
तपाया है तो ढीला |
पीटा है तो फैला,
कीमती है तो छैला |
उत्तर – सोना
[ पहेली ( Paheli ) – 60 ]
खबर लाता हूँ सुबह
नहीं लगाता हूँ देर मैं |
फेंक दिया जाता हूँ,
दूसरे दिन रद्दी के ढेर में |
उत्तर – अख़बार
[ पहेली ( Paheli ) – 61 ]
बोल नहीं पाती हूँ मैं,
और सुन नहीं पाती |
बिना आँखों के हूँ अंधी,
पर सबको राह दिखाती |
उत्तर – पुस्तक
[ पहेली ( Paheli ) – 62 ]
तीन अक्षर का मेरा नाम,
बीच कटे तो रिश्ते का नाम |
आखिरी कटे तो सब खाए,
भारत के तीन तरफ दिखाए |
उत्तर – सागर
[ Hindi Paheliyan | हिंदी पहेलियाँ ]
[ पहेली ( Paheli ) – 63 ]
शुरू कटे तो कान कहलाऊँ,
बीच कटे तो मन बहलाऊँ |
परिवार की मैं करूँ सुरक्षा
बारिश, आँधी, धूप से रक्षा |
उत्तर – मकान
[ पहेली ( Paheli ) – 64 ]
सोने की वह चीज है,
पर बेचे नहीं सुनार |
मोल तो ज्यादा है नहीं,
बहुत है उसका भार |
उत्तर – चारपाई
[ पहेली ( Paheli ) – 65 ]
नकल उतारे सुनकर वाणी,
चुप-चुप सुने सभी की कहानी |
नील गगन है इसको भाए,
चलना क्या उड़ना भी आए |
उत्तर – तोता
[ पहेली ( Paheli ) – 66 ]
राजा महाराजाओं के ये,
कभी बहुत आया काम |
संदेश इसने पहुचाएँ,
सुबह हो या शाम |
उत्तर – कबूतर
[ पहेली ( Paheli ) – 67 ]
आगे ‘प’ है मध्य में भी ‘प’,
अंत में इसके ‘ह’ है |
पेड़ों पर रहता है,
सुर में कुछ कहता है |
उत्तर – पपीहा
[ पहेली ( Paheli ) – 68 ]
देखी रात अनोखी वर्षा,
सारा खेत नहाया |
पानी तो पूरा शुद्ध था,
पर पी न कोई पाया |
उत्तर – ओस
[ पहेली ( Paheli ) – 69 ]
करती नहीं यात्रा दो गज,
फिर भी दिन भर चलती है |
रसवंती है, नाजुक भी,
लेकिन गुफा में रहती है |
उत्तर – जीभ
[ पहेली ( Paheli ) – 70 ]
नहीं सुदर्शन चक्र मगर,
मैं चकरी जैसा चलता |
सिर के ऊपर उल्टा लटका.
फर्श पर नहीं उतरता |
उत्तर – पंखा
[ पहेली ( Paheli ) – 71 ]
पास में उड़ता-उड़ता आए,
क्षण भर देखूँ , फिर छिप जाए |
बिना आग के जलता जाए,
सबके मन को वह लुभाए |
उत्तर – जुगनू
[ पहेली ( Paheli ) – 72 ]
छिलके को दूर हटाते जाओ,
बड़े स्वाद से खाते जाओ |
इतना पर अवश्य देखना,
छिलके इसके दूर हीं फेंखना |
उत्तर – केला
[ पहेली ( Paheli ) – 73 ]
आँखें दो हो जाए चार,
मेरे बिना कोट बेकार |
घुसा आँखों में मेरा धागा,
दर्जी के घर से मैं भागा |
उत्तर – बटन
[ पहेली ( Paheli ) – 74 ]