प्रमुख विशेषताऐं
📍 गुणात्मक सुधार
✅सरल भाषा, जिससे कानून अधिक सुलभ हो जाएगा।
संशोधनों का समेकन, विखंडन को कम करना।
अधिक स्पष्टता के लिए अप्रचलित और अनावश्यक प्रावधानों को हटाया जाएगा।
✅बेहतर पठनीयता के लिए तालिकाओं और सूत्रों के माध्यम से संरचनात्मक युक्तिकरण।
मौजूदा कराधान सिद्धांतों का संरक्षण, प्रयोज्यता को बढ़ाते हुए निरंतरता सुनिश्चित करना।
✅ संपत्ति के रूप में क्रिप्टो: क्रिप्टोकरेंसी जैसी आभासी डिजिटल परिसंपत्तियों को पूंजीगत संपत्ति के रूप में गिने जाने वाली संपत्ति की परिभाषा में शामिल किया गया है।
✅ विवाद समाधान: यह निर्धारण के बिंदु, निर्णय और इसके पीछे के कारणों को प्रदान करता है, जो पहले के खंड से एक बदलाव को दर्शाता है, जिसमें डीआरपी निर्देश जारी करने के तरीके पर स्पष्टता का अभाव था।
पूंजीगत लाभ छूट: अधिनियम की धारा 54ई, जो अप्रैल 1992 से पहले पूंजीगत परिसंपत्तियों के हस्तांतरण पर पूंजीगत लाभ के लिए छूट का विवरण देती है, को हटा दिया गया है।
कर वर्ष: विधेयक “कर वर्ष” की अवधारणा को प्रस्तुत करता है, जिसे 1 अप्रैल से शुरू होने वाली 12 महीने की अवधि के रूप में परिभाषित किया गया है।
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