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सामान्य हिन्दी (Hindi)

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23 Jan, 07:33


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30 Aug, 08:51


🖊️ देवनागरी लिपि

देवनागरी लिपि एक वैज्ञानिक लिपि है। 'हिन्दी' और 'संस्कृत' देवनागरी लिपि में लिखी जाती हैं। 'देवनागरी' लिपि का विकास 'ब्राही लिपि' से हुआ, जिसका सर्वप्रथम प्रयोग गुजरात नरेश जयभट्ट के एक शिलालेख में मिलता है। 8वीं एवं 9वीं सदी में क्रमशः राष्ट्रकूट नरेशों तथा बड़ौदा के ध्रुवराज ने अपने देशों में इसका प्रयोग किया था। महाराष्ट्र में इसे 'बालबोध' के नाम से संबोधित किया गया।
विद्वानों का मानना है कि ब्राह्मी लिपि से देवनागरी का विकास सीधे-सीधे नहीं हुआ है, बल्कि यह उत्तर शैली की कुटिल, शारदा और प्राचीन देवनागरी के रूप में होता हुआ वर्तमान देवनागरी लिपि तक पहुँचा है। प्राचीन नागरी के दो रूप विकसित हुए- पश्चिमी तथा पूर्वी।
इन दोनों रूपों से विभिन्न लिपियों का विकास इस प्रकार हुआ-

🖊️ प्राचीन देवनागरी लिपि:-

▪️पश्चिमी प्राचीन देवनागरी- गुजराती, महाजनी, राजस्थानी, महाराष्ट्री, नागरी

▪️पूर्वी प्राचीन देवनागरी- कैथी, मैथिली, नेवारी, उड़िया, बँगला, असमिया

संक्षेप में ब्राह्मी लिपि से वर्तमान देवनागरी लिपि तक के विकासक्रम को निम्नलिखित आरेख से समझा जा सकता है-

🖊️ ब्राह्मी:

▪️उत्तरी शैली- गुप्त लिपि, कुटिल लिपि, शारदा लिपि, प्राचीन नागरी लिपि

🖊️ प्राचीन नागरी लिपि:

▪️पूर्वी नागरी- मैथली, कैथी, नेवारी, बँगला, असमिया आदि।
▪️पश्चिमी नागरी- गुजराती, राजस्थानी, महाराष्ट्री, महाजनी, नागरी या देवनागरी।

🖊️ दक्षिणी शैली-
देवनागरी लिपि पर तीन भाषाओं का बड़ा महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ा।

(i) फारसी प्रभाव : पहले देवनागरी लिपि में जिह्वामूलीय ध्वनियों को अंकित करने के चिह्न नहीं थे, जो बाद में फारसी से प्रभावित होकर विकसित हुए- क. ख. ग. ज. फ।

(ii) बांग्ला-प्रभाव : गोल-गोल लिखने की परम्परा बांग्ला लिपि के प्रभाव के कारण शुरू हुई।

(iii) रोमन-प्रभाव : इससे प्रभावित हो विभिन्न विराम-चिह्नों, जैसे- अल्प विराम, अर्द्ध विराम, प्रश्नसूचक चिह्न, विस्मयसूचक चिह्न, उद्धरण चिह्न एवं पूर्ण विराम में 'खड़ी पाई' की जगह 'बिन्दु' (Point) का प्रयोग होने लगा।

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30 Aug, 08:41


🔺तत्सम शब्द:- तत्सम शब्द संस्कृत भाषा के दो शब्दों, तत् + सम् से मिलकर बना है। तत् का अर्थ है –उसके, तथा सम् का अर्थ है – समान। अत: कहा जा सकता है कि संस्कृत भाषा के वे शब्द जो हिंदी भाषा में ज्यों के त्यों ले लिए गए है, तत्सम शब्द कहलाते है।

जैसे - अग्नि, अमूल्य, अज्ञान, कर्पूर, हिंदी, बांग्ला, मराठी, गुजराती , पंजाबी , तेलगु , कन्नड़ , मलयालम आदि।

🔺तद्भव शब्द:- तद्भव शब्द दो शब्दों तत् + भव से मिलकर बना है। जिसका अर्थ है – उससे उत्पन्न। अत: कहा जा सकता है कि संस्कृत भाषा के वे शब्द जो कुछ परिवर्तन के साथ हिंदी शब्दावली में आ गए हैं, उसे तद्भव शब्द कहा जाता है।

जैसे:- अकाज, कचौड़ी, काजल, चाम, चमड़ा, चितेरा, कौड़ी, गहरा आदि।

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30 Aug, 08:37


📚 मुहावरे

▪️अंकुश देना- (दबाव डालना)

▪️अंग में अंग चुराना- (शरमाना)

▪️अंग-अंग फूले न समाना- (आनंदविभोर होना)

▪️अंगार बनना- (लाल होना, क्रोध करना)

▪️अंडे का शाहजादा- (अनुभवहीन)

▪️अठखेलियाँ सूझना- (दिल्लगी करना)

▪️अँधेरे मुँह- (प्रातः काल, तड़के)

▪️अड़ियल टट्टू- (रूक-रूक कर काम करना)

▪️अपना घर समझना- (बिना संकोच व्यवहार)

▪️अड़चन डालना- (बाधा उपस्थित करना)

▪️अरमान निकालना- (इच्छाएँ पूरी करना)

▪️अरण्य-चन्द्रिका- (निष्प्रयोजन पदार्थ)

▪️आँख भर आना (आँसू आना) - बेटी की विदाई पर माँ की आखें भर आयी।

▪️आँखों में बसना (हृदय में समाना) - वह इतना सुंदर है की उसका रूप मेरी आखों में बस गया है।

▪️आँखे खुलना (सचेत होना) - ठोकर खाने के बाद ही बहुत से लोगों की आँखे खुलती है।

▪️आँख का तारा - (बहुत प्यारा) - आज्ञाकारी बच्चा माँ-बाप की आँखों का तारा होता है।

▪️आँखे दिखाना (बहुत क्रोध करना) - राम से मैंने सच बातें कह दी, तो वह मुझे आँख दिखाने लगा।

▪️आसमान से बातें करना (बहुत ऊँचा होना) - आजकल ऐसी ऐसी इमारते बनने लगी है, जो आसमान से बातें करती है।

▪️आँच न आने देना (जरा भी कष्ट या दोष न आने देना) - तुम निश्र्चिन्त रहो। तुमपर आँच न आने दूँगा।

▪️आठ-आठ आँसू रोना (बुरी तरह पछताना) - इस उमर में न पढ़ा, तो आठ-आठ आँसू न रोओ तो कहना।

▪️आसन डोलना (लुब्ध या विचलित होना) - धन के आगे ईमान का भी आसन डोल जाया करता है।

▪️आस्तीन का साँप (कपटी मित्र) - उससे सावधान रहो। आस्तीन का साँप है वह।

▪️आसमान टूट पड़ना (गजब का संकट पड़ना) - पाँच लोगों को खिलाने-पिलाने में ऐसा क्या आसमान टूट पड़ा कि तुम सारा घर सिर पर उठाये हो ?

▪️आकाश छूना (बहुत तरक्की करना) - राखी एक दिन अवश्य आकाश चूमेगी

▪️आकाश-पाताल एक करना (अत्यधिक उद्योग/परिश्रम करना) - सूरज ने इंजीनियर पास करने के लिए आकाश-पाताल एक कर दिया।

▪️आकाश-पाताल का अंतर होना (बहुत अधिक अंतर होना) - कहाँ मैं और कहाँ वह मूर्ख, हम दोनों में आकाश-पाताल का अंतर है।

▪️आँच आना (हानि या कष्ट पहुँचना) - जब माँ साथ हैं तो बच्चे को भला कैसे आँच आएगी।

▪️आँचल पसारना (प्रार्थना करना या किसी से कुछ माँगना) - मैं ईश्वर से आँचल पसारकर यही माँगता हूँ कि तुम कक्षा में उत्तीर्ण हो जाओ।

▪️ख़ाक छानना (भटकना) - नौकरी की खोज में वह खाक छानता रहा।

▪️खून-पसीना एक करना (अधिक परिश्रम करना) - खून पसीना एक करके विद्यार्थी अपने जीवन में सफल होते है।

▪️खरी-खोटी सुनाना (भला-बुरा कहना) - कितनी खरी-खोटी सुना चुका हुँ, मगर बेकहा माने तब तो ?

▪️खून खौलना (क्रोधित होना) - झूठ बातें सुनते ही मेरा खून खौलने लगता है।

▪️खून का प्यासा (जानी दुश्मन होना) - उसकी क्या बात कर रहे हो, वह तो मेरे खून का प्यासा हो गया है।

▪️खेत रहना या आना (वीरगति पाना) - पानीपत की तीसरी लड़ाई में इतने मराठे आये कि मराठा-भूमि जवानों से खाली हो गयी।

▪️खटाई में पड़ना (झमेले में पड़ना, रुक जाना) - बात तय थी, लेकिन ऐन मौके पर उसके मुकर जाने से सारा काम खटाई में पड़ गया।

▪️खेल खेलाना (परेशान करना) - खेल खेलाना छोड़ो और साफ-साफ कहो कि तुम्हारा इरादा क्या है।

▪️खटाई में डालना (किसी काम को लटकाना) - उसनेतो मेरा काम खटाई में डाल दिया। अब किसी और से कराना पड़ेगा।

▪️खबर लेना (सजा देना या किसी के विरुद्ध कार्यवाई करना) - उसने मेरा काम करने से इनकार किया हैं, मुझे उसकी खबर लेनी पड़ेगी।

▪️खाई से निकलकर खंदक में कूदना (एक परेशानी या मुसीबत से निकलकर दूसरी में जाना) - मुझे ज्ञात नहीं था कि मैं खाई से निकलकर खंदक में कूदने जा रहा हूँ।

▪️खाक फाँकना (मारा-मारा फिरना) - पहले तो उसने नौकरी छोड़ दी, अब नौकरी की तलाश में खाक फाँक रहा हैं।

▪️खाक में मिलना (सब कुछ नष्ट हो जाना) - बाढ़ आने पर उसका सब कुछ खाक में मिल गया।

सामान्य हिन्दी

12 Jun, 03:36


Hindi Top 50 QA*

🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁

1- सामिष का विलोम शब्‍द होगा ।
उत्‍तर - आमिष ।

प्रश्‍न 2- गमन का विलोम शब्‍द होगा ।
उत्‍तर - आगमन ।

प्रश्‍न 3- सम्‍मुख का विलोम शब्‍द है।
उत्‍तर - विमुख ।

प्रश्‍न 4- सुकाराथ का विलोम शब्‍द है।
उत्‍तर - अकारथ ।

प्रश्‍न 5- अगानत का विलोम शब्‍द है।
उत्‍तर - आगत ।

प्रश्‍न 6- उपमान का विलोम शब्‍द है।
उत्‍तर - उपमेय ।

प्रश्‍न 7- मौन का विलोम शब्‍द है।
उत्‍तर - मुखर ।

प्रश्‍न 8- .............. प्रयास की अपेक्षा सामूहिक प्रयास का बल अधिक होता है।
उत्‍तर - एकांगी ।

प्रश्‍न 9- गांधी जी के अनुसार अत्‍याचार का उत्‍तर ................ से देना ही मनुष्‍यता है।
उत्‍तर - सदाचार ।

प्रश्‍न 10- श्रवण कुमार के माता पिता द्वारा दशरथ को दिया गया शाप भी उनके लिए ............... बन गया ।
उत्‍तर - वरदान ।

प्रश्‍न 11- सत्‍य बोलो मगर कटु सत्‍य मत बोलो । किस प्रकार का वाक्‍य है।
उत्‍तर - संयुक्‍त्‍ा वाक्‍य ।

प्रश्‍न 12- जब तक वह घर पहुँचा तब तक उसके पिता जा चुके थे। यह वाक्‍य किस प्रकार का है।
उत्‍तर - मिश्रित वाक्‍य ।

प्रश्‍न 13- यथासंभव अपना गृहकार्य शाम तक पूरा कर लो । मे वाक्‍य का प्रकार है।
उत्‍तर - विधिवाचक ।

प्रश्‍न 14- हिन्‍दू विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना मदनमोहन मालवीय ने की थी । में वाक्‍य का प्रकार है।
उत्‍तर - कर्तृवाच्‍य ।

प्रश्‍न 15- व्‍यवहार में तुम बिलकुल वैसे ही हो, जैसे तुम्‍हारे पिताजी । में वाक्‍य का प्रकार है।
उत्‍तर - मिश्र वाक्‍य ।

प्रश्‍न 16- हम अपनी संस्‍कृति के बारे में कितना जानते है। में वाक्‍य का प्रकार है।
उत्‍तर - प्रश्‍नवाचक ।

प्रश्‍न 17- क्रिया के होने का समय तथा उसकी पूर्णता और अपूर्णता का बोध किससे होता है।
उत्‍तर - काल से ।

प्रश्‍न 18- मैने गीता पढ़ी वाक्‍य में वर्तमान काल का कौन सा भेद है।
उत्‍तर - सामान्‍य वर्तमान ।

प्रश्‍न 19- वाक्‍य में जो शब्‍द काम करने के अर्थ में आता है। उसे कहते है।
उत्‍तर - कर्त्‍ता ।

प्रश्‍न 20- मै खाना खा चुका हूँ । इस वाक्‍य में भूतकालिक भेद इंगित कीजिए ।
उत्‍तर - पूर्ण भूत ।


प्रश्‍न 21- क्रिया के साधन को बताने वाला शब्‍द कहलाता है।
उत्‍तर - करण कारक ।

प्रश्‍न 22- से विभक्ति किस कारक की है।
उत्‍तर - करण ।

प्रश्‍न 23- अपादान कारक की विभक्त्‍िा है।
उत्‍तर - से, अलग ।

प्रश्‍न 24- वह चटाई पर बैठा है। इस वाक्‍य में कौन सा कारक है।
उत्‍तर - अधिकरण कारक ।

प्रश्‍न 25- मोहन घोड़े से गिर पड़ा । इस वाक्‍य में कौन सा कारक है।
उत्‍तर - अपादन कारक ।

प्रश्‍न 26- वृक्ष से पत्‍ते गिरते है। इस वाक्‍य में इस कारक का चिन्‍ह है।
उत्‍तर - अपादान ।

प्रश्‍न 27- के लिए किस कारक का चिन्‍ह है।
उत्‍तर - सम्‍प्रदान ।

प्रश्‍न 28- कारक के कितने भेद होते है।
उत्‍तर - 8 ।

प्रश्‍न 29- जलमग्‍न में कौन सा कारक है।
उत्‍तर - अधिकरण ।

प्रश्‍न 30- जलधारा में कारक होगा ।
उत्‍तर - संबंध ।

प्रश्‍न 31- देवेन्‍द्र में कौन सी सन्धि है।
उत्‍तर - गुण ।

प्रश्‍न 32- निस्‍सार का सही सन्धि विच्‍छेद होगा ।
उत्‍तर - नि: + सार ।

प्रश्‍न 33- गिरीश का सन्धि विच्‍छेद होगा ।
उत्‍तर - गिरि + ईश ।

प्रश्‍न 34- (अ + नि + आय) के मेल से कौन सा शब्‍द बनेगा ।
उत्‍तर - अन्‍याय ।

प्रश्‍न 35- परिच्‍छेद में कौन सी संधि है।
उत्‍तर - व्‍यंजन ।

प्रश्‍न 36- निश्‍चल में कौन सी संधि है।
उत्‍तर - विसर्ग ।

प्रश्‍न 37- जगन्‍नाथ में कौन सी संधि है।
उत्‍तर - व्‍यंजन ।

प्रश्‍न 38- अत्‍याचार का संधि विच्‍छेद होगा ।
उत्‍तर - अति + आचार ।

प्रश्‍न 39- सन्‍तोष का संधि विच्‍छेद होगा ।
उत्‍तर - सम् + तोष ।

प्रश्‍न 40- सप्‍तर्षि का सन्धि विच्‍छेद होगा ।
उत्‍तर - सप्‍त + ऋषि ।

प्रश्‍न 41- प्रत्‍येक में कौन सी समास है।
उत्‍तर - अव्‍ययीभाव समास ।

प्रश्‍न 42- विशेषण और विशेष्‍य के योग से कौन सा समास बनता है।
उत्‍तर - कर्मधारय समास ।

प्रश्‍न 43- देशांतर में समास है।
उत्‍तर - कर्मधाराय ।

प्रश्‍न 44- रामानुज में समास है।
उत्‍तर - बहुव्रीहि समास ।

प्रश्‍न 45- वनवास में समास है।
उत्‍तर - तत्‍पुरूष समास ।

प्रश्‍न 46- नीलकमल में समास है।
उत्‍तर - कर्मधारय समास ।

प्रश्‍न 47- अनायस में समास है।
उत्‍तर - तत्‍पुरूष समास ।

प्रश्‍न 48- लोकप्रिय शब्‍द में समास है।
उत्‍तर - कर्मधारय समास ।

प्रश्‍न 49- कन्‍यादान में समास है।
उत्‍तर - तत्‍पुरूष समास ।

प्रश्‍न 50- चौराहा में समास है।
उत्‍तर - द्विगु समास ।

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01 Feb, 03:38


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सामान्य हिन्दी

29 Jan, 04:31


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