1. राजतरंगिणी - कल्हण : इसमें बारहवीं शताब्दी ई. तक कश्मीर के राजाओं का इतिहास हैं,8000 श्लोक हैं।
2. तहकीक - ए - हिंद - अलबरूनी : महमुद गजनवी के सैन्य अभियान के दौरान भारत आया था। वह भारत के विभिन्न क्षेत्रों में यात्रा कर भारतीय संस्कृति का गहन अध्ययन करता रहा। अपनी पुस्तक में भारत का सजीव वर्णन किया है। भारत की धार्मिक, साहित्यिक और वैज्ञानिक परंपराओं का वर्णन किया है।
3. तबकात - ए - नासिरी - मिन्हाज उस सिराज : इस पुस्तक में भारत के आदि तुर्क सुलतानों, उनके राज्यकाल का वर्णन हैं।
4. तारीख - ए - फिरोजशाही - जियाउद्दीन बरनी : इस पुस्तक में बल्बन के शासनकाल से लेकर फिरोजशाह तुगलक के शासन के छठे वर्ष तक का वर्णन हैं। इसमें तत्कालीन राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक स्थिति का विस्तृत उल्लेख प्राप्त होता हैं।
5. फतवा - ए - जहांदारी - जियाउद्दीन बरनी : इस पुस्तक में प्रशासन के सिद्धांतो और शासन के आदर्शों का उल्लेख है।
6. किरान - उस - सादेन - अमीर खुसरो : यह मसनवी (पद्य रचना) 1289 ई. में रचित हुई थीं। इसमें बंगाल के सूबेदार बुगरा खां और उसके पुत्र सुल्तान मुईजुद्दीन कैकुबाद की भेंट का वर्णन हैं। समकालीन सांस्कृतिक स्थिति का भी उल्लेख हैं।
7. मिफ्ताह - उल - फुतूह - अमीर खुसरो : 1291 ई. में रचित यह पुस्तक मलिक छज्जू के विद्रोह और जलालुद्दीन फिरोज खिलजी के सैनिक अभियानों का उल्लेख हैं।
8. नूह सिपेहर - अमीर खुसरो : कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी के काल की सामाजिक, सांस्कृतिक स्थिति का विस्तृत वर्णन इसमें किया गया हैं।
9. तुगलकनामा - अमीर खुसरो : इस रचना में ग्यासुद्दीन तुगलक की खुसरोशाह पर विजय का वर्णन हैं।
10. खजाइनुल फुतुह - अमीर खुसरो : इस गद्य रचना में लेखक ने अपने आश्रयदाता अलाऊद्दीन खिलजी की विजयों का , दक्षिण के बाजारों का उल्लेख किया हैं। सर्वप्रथम फारसी में जौहर का साक्ष्य इसी पुस्तक में मिलता हैं। अलाऊद्दीन खिलजी के राजत्व का प्रतिपादन लेखक ने इसी पुस्तक में किया हैं।
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