प्रशासक समिति ✊🚩(Reg. E&SWS)
🚩 जय सत्य सनातन 🚩
🚩 आज का पञ्चाङ्ग 🚩
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२६
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८१
⛅ 🚩तिथि - एकादशी शाम 04:04 तक तत्पश्चात द्वादशी
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⛅ दिनांक - 12 नवम्बर 2024
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ विक्रम संवत् - 2081
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमन्त
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद प्रातः 07:52 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद प्रातः 05:40 नवम्बर 13 तक तत्पश्चात रेवती
⛅ योग - हर्षण शाम 07:10 तक तत्पश्चात वज्र
⛅ राहु काल - दोपहर 03:10 से शाम 04:33 तक
⛅ सूर्योदय - 06:54
⛅ सूर्यास्त - 05:52
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:08 से 06:00 तक
⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:02 से दोपहर 12:46 तक
⛅ निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:58 नवम्बर 12 से रात्रि 12:50 नवम्बर 13 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - देवउठी एकादशी, योगेश्वर द्वादशी, चातुर्मास समाप्त, सर्वार्थ सिद्धि योग (प्रातः 07:52 से प्रातः 05:40 नवम्बर 13 तक)
⛅ विशेष - एकादशी को सिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता हैं।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔹एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?🔹
🌹1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें। नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें। वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें।
🌹2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
🌹हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती हैं।
🌹राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता हैं।
🌹3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए।
🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहे।
🌹5. एकदशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए। इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक हैं।
🌹6. व्रत के ( दशमी, एकादशी और द्वादशी ) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - का सेवन न करें।
🌹7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए।आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए।
🌹8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए।
🌹9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए।
🌹10. एकादशी के दिन घर में झाड़ू नहीं लगाएं। इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता हैं।
🌹11. इस दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
🌹12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें।
🌹13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक)।
🌹14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता हैं।
🔹 इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता हैं।
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जय श्री राम
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