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अच्छी बातें, अच्छे विचार और अच्छे संस्कार!!आध्यात्मिक संसार!!

ये हैं सफलता के मंत्र अपार!!

👉खुद से वादा
👉मेहनत ज्यादा
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PositiveTalk (Hindi)

यदि आप जीवन में खुशहाली और सफलता की ओर अग्रसर होना चाहते हैं, तो 'PositiveTalk' टेलीग्राम चैनल आपके लिए एक आदर्श स्थान है। यह चैनल अच्छी बातें, अच्छे विचार और अच्छे संस्कार को बाँटने का मंच है। यहाँ आपको सफलता के मंत्र, आध्यात्मिक ज्ञान और प्रेरणादायक कहानियाँ मिलेंगी।nयह चैनल @anandsatsangi द्वारा संचालित है। इसमें आपको खुद से वादा करने की महत्वता, मेहनत के बल पर सफलता की प्राप्ति, और मजबूत इरादे के मायने सिखाए जाएंगे।nसभी लोगों तक इस चैनल का लिंक साझा करें और सकारात्मकता की ऊंचाइयों तक पहुंचाएं। जुड़ें 'PositiveTalk' चैनल से और बनाएं अपने जीवन को सकारात्मकता से भरपूर।nचैनल का लिंक: t.me/positivetalk

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07 Feb, 07:01


एक कंपनी में इंटरव्यू के दौरान, बॉस रोहित ने सामने बैठी महिला पूजा से पूछा, "आप इस नौकरी के लिए कितनी तनख्वाह की उम्मीद करती हैं?" पूजा ने आत्मविश्वास से जवाब दिया, "कम से कम 90,000 रुपये।"

रोहित ने अगला सवाल किया, "क्या आपको किसी खेल में दिलचस्पी है?" पूजा ने तुरंत जवाब दिया, "जी, मुझे शतरंज खेलना बहुत पसंद है।"

रोहित ने उत्सुकता से पूछा, "शतरंज में आपको कौन सा मोहरा सबसे ज्यादा पसंद है?" पूजा मुस्कुराई और बोली, "वज़ीर।"

यह जवाब सुनकर रोहित ने कहा, "लेकिन घोड़े की चाल सबसे अनोखी होती है, फिर वज़ीर क्यों?" पूजा ने गंभीरता से जवाब दिया, "वज़ीर में हर मोहरे की खासियत होती है। वह कभी मोहरे की तरह आगे बढ़कर राजा को बचाता है, कभी तिरछा चलकर चौंकाता है, और कभी ढाल बनकर उसकी रक्षा करता है।"

रोहित प्रभावित हुआ और फिर पूछा, "तो राजा के बारे में आपकी क्या राय है?"

पूजा ने बिना झिझक कहा, "राजा सबसे कमजोर मोहरा होता है। वह खुद को बचाने के लिए केवल एक कदम ही बढ़ा सकता है, जबकि वज़ीर उसकी हर दिशा से रक्षा करता है।"

रोहित ने आगे पूछा, "तो आप खुद को इनमें से किस मोहरे की तरह मानती हैं?"

पूजा ने बिना रुके जवाब दिया, "राजा।"

रोहित थोड़ा हैरान हुआ और बोला, "लेकिन आपने तो राजा को कमजोर बताया, फिर आप खुद को राजा क्यों मानती हैं?"

पूजा ने हल्की मुस्कान के साथ कहा, "क्योंकि मैं राजा हूँ और मेरा वज़ीर मेरा पति था। वह हमेशा मेरी रक्षा करता था, हर मुश्किल में मेरा साथ देता था, लेकिन अब वह मुझे पूरी तरह से छोड़ चुका है।"

रोहित को यह सुनकर धक्का लगा। उसने गंभीरता से पूछा, "तो आप यह नौकरी क्यों करना चाहती हैं?"

पूजा की आँखें नम हो गईं। उसने गहरी सांस ली और कहा, "क्योंकि मेरा वज़ीर अब इस दुनिया में नहीं रहा। अब मुझे खुद वज़ीर बनकर अपने बच्चों और अपने जीवन की जिम्मेदारी उठानी है।"

कमरे में एक गहरी खामोशी छा गई। रोहित ने तालियाँ बजाते हुए कहा, "बहुत बढ़िया, पूजा जी। आप एक सशक्त महिला हैं।"

यह कहानी उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो जीवन में किसी भी मुश्किल हालात का सामना कर सकती हैं। एक महिला सिर्फ एक पत्नी या माँ ही नहीं, बल्कि एक योद्धा भी होती है, जो परिस्थितियों से लड़कर अपने परिवार को संवार सकती है।

"एक बेहतरीन पत्नी वह होती है, जो अपने पति की मौजूदगी में एक आदर्श औरत हो, और उसकी गैरमौजूदगी में मर्द की तरह परिवार का बोझ उठा सके।"

जीवन में परिस्थितियाँ चाहे जैसी भी हों, आत्मविश्वास और समझदारी के साथ हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।


🌹🙏 कहानी अच्छी लगी हो तो शेयर जरूर करना 🙏🌹
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03 Feb, 16:15


जैसी स्थिति पाना है, वैसी सोच रखो
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03 Feb, 16:13


गलती हो गई जीवन में आगे क्या
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28 Jan, 16:38


जीवन की सच्चाई :जिंदगी का सबसे बड़ा सफर साईकिल, बाईक, कार और फिर साईकिल
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28 Jan, 03:23


वज़ह पूछने का तो
मौक़ा ही नहीं मिला...

बस वो लहज़ा बदलते गए
और हम अजनबी होते गये...

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28 Jan, 03:23


""संदेह""
मुसीबत के पहाड़ों का निर्माण करता है
और...

""विश्वास""
पहाड़ों में से भी रास्ते का निर्माण करता है

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28 Jan, 03:23


हलके हलके बढ रही है चेहरे की लकीरें,

नादानी और तजुर्बे का बटवारा हो रहा है...

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28 Jan, 03:23


सर गिरे सजदे में...
पर दिल में दगा बाजी हो

ऐसे सजदों से भला
कैसे खुदा राज़ी हो...

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28 Jan, 03:23


कर्तव्य और कर्म
जिसके साथ है...

बस समझो...
जीत उसके पास है

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26 Jan, 02:25


दरिया बनकर किसी को डुबाने से बेहतर है,

की जरिया बनकर किसी को बचाया जाए

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25 Jan, 16:36


*हमें पता है कि*
*रंगोली दूसरे दिन ही*
*मिटने वाली है*
*फिर भी...*
*हमारी कोशिश उसको*
*आकर्षक, कलात्मक और...*
*मनमोहक बनाने की रहती है*

*हमारा जीवन भी*
*कुछ रंगोली जैसा ही है*
*उसे खूबसूरत बनाने की कोशिश*
*सदैव करते रहना चाहिए*
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24 Jan, 05:27


*कुछ साल बाद, हम सभी को भी इसी दर्द से गुजरना है. सुनिये ज़रा सुपरस्टार धर्मेंद्र जी की पीड़ा*।। 👆👆
कुटुंब प्रबोधन कितना आवश्यक है परिवार में ,इस वीडियो से हम अच्छी तरह समझ सकते है
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24 Jan, 05:20


*सुबह सुबह मिया बीवी के झगड़ा हो गया,*

बीवी गुस्से मे बोली - बस, बहुत कर लिया बरदाश्त, अब एक मिनट भी तुम्हारे साथ नही रह सकती।

*पति भी गुस्से मे था, बोला "मैं भी तुम्हे झेलते झेलते तंग आ चुका हुं।*

पति गुस्से मे ही दफ्तर चले गया पत्नी ने अपनी मां को फ़ोन किया और बताया के वो सब छोड़ छाड़ कर बच्चो समेत मायके आ रही है, अब और ज़्यादा नही रह सकती इस जहन्नुम मे।

*मां ने कहा - बेटी बहु बन के आराम से वही बैठ, तेरी बड़ी बहन भी अपने पति से लड़कर आई थी, और इसी ज़िद्द मे तलाक लेकर बैठी हुई है, अब तुने वही ड्रामा शुरू कर दिया है, ख़बरदार जो तुने इधर कदम भी रखा तो... सुलह कर ले पति से, वो इतना बुरा भी नही है।*

मां ने लाल झंडी दिखाई तो बेटी के होश ठिकाने आ गए और वो फूट फूट कर रो दी, जब रोकर थकी तो दिल हल्का हो चुका था,
पति के साथ लड़ाई का सीन सोचा तो अपनी खुद की भी काफ़ी गलतियां नज़र आई।

*मुहं हाथ धोकर फ्रेश हुई और पति के पसंद की डीश बनाना शुरू कर दी, और साथ स्पेशल खीर भी बना ली, सोचा कि शाम को पति से माफ़ी मांग लुंगी, अपना घर फिर भी अपना ही होता है पति शाम को जब घर आया तो पत्नी ने उसका अच्छे से स्वागत किया, जैसे सुबह कुछ हुआ ही ना हो पति को भी हैरत हुई। खाना खाने के बाद पति जब खीर खा रहा था तो बोला डिअर, कभी कभार मैं भी ज़्यादती कर जाता हुं, तुम दिल पर मत लिया करो, इंसान हुं, गुस्सा आ ही जाता है"।*

पति पत्नी का शुक्रिया अदा कर रहा था, और पत्नी दिल ही दिल मे अपनी मां को दुआएं दे रही थी, जिसकी सख़्ती ने उसको अपना फैसला बदलने पर मजबूर किया था, वरना तो जज़्बाती फैसला घर तबाह कर देता।

*अगर माँ-बाप अपनी शादीशुदा बेटी की हर जायज़ नाजायज़ बात को सपोर्ट करना बंद कर दे तो रिश्ते बच जाते है।*
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23 Jan, 16:05


जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, मैंने महसूस किया है कि मेरे जीने के दिन अब उतने नहीं बचे जितने मैंने जी लिए हैं। इस अहसास ने मेरे जीवन में कई बदलाव ला दिए हैं:

1. अब किसी प्रियजन की विदाई पर रोना छोड़ दिया है, क्योंकि मैंने स्वीकार कर लिया है कि हर किसी की बारी आएगी, मेरी भी।

2. मेरी विदाई के बाद क्या होगा, इसकी चिंता करना भी छोड़ दिया है। सब कुछ वैसे ही चलता रहेगा।

3. अब सामने वाले की संपत्ति, शक्ति या पद से डर नहीं लगता।

4. अपने लिए समय निकालता हूँ और समझ चुका हूँ कि दुनिया मेरे बिना भी चलेगी।

5. छोटे व्यापारियों और फेरीवालों से मोलभाव करना बंद कर दिया है, और कभी-कभी जानबूझकर थोड़ा ज्यादा दे देता हूँ।

6. जरूरतमंदों को बिना मांगे छोटी-छोटी मदद देकर उनके चेहरे की खुशी में आनंद ढूँढता हूँ।

7. जब कोई गलत व्यक्ति बहस करता है, तो अपनी मानसिक शांति को प्राथमिकता देता हूँ।

8. बुजुर्गों और बच्चों की बार-बार कही बातों को बिना टोके सुन लेता हूँ।

9. ब्रांडेड चीज़ों की बजाय विचारों और भावनाओं से व्यक्तित्व को आंकने लगा हूँ।

10. जो लोग अपनी आदतें मुझ पर थोपते हैं, उनसे दूर रहना सीख लिया है।

अब किसी प्रतिस्पर्धा में नहीं हूँ और जीवन को सरलता से जीता हूँ। यह जान गया हूँ कि जीवन दूसरों को खुश रखने से नहीं, बल्कि अपने अंदर के आनंद को पहचानने से संतोष मिलता है।
हर पल को पूरी तरह जीने की कोशिश करता हूँ, क्योंकि अब यह समझ आ गया है कि जीवन अमूल्य है और यहाँ कुछ भी स्थायी नहीं है।

आंतरिक शांति के लिए मानवता की सेवा, जीव दया और प्रकृति से जुड़कर जीने लगा हूँ। यह महसूस हो गया है कि अंततः सब कुछ यहीं रह जाना है, और हमारे साथ केवल प्रेम, आदर और मानवता ही जाएगी।

देर से ही सही, लेकिन अब मुझे जीना आ गया है।
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19 Jan, 08:25


*महाभारत का सार निम्नलिखित मात्र नौ पंक्तियों में समझें:-*

* चाहे आप हिन्दू हों या किसी अन्य धर्म से,
* चाहे आप स्त्री हों या पुरुष,
* चाहे आप गरीब हों या अमीर,
* चाहे आप अपने देश में हों या विदेश में,

संक्षेप में, यदि आप मनुष्य हैं, तो नीचे दिए गए *महाभारत के अनमोल "9 मोती"* अवश्य पढ़ें और समझें:

1. यदि आप समय रहते अपने बच्चों की अनुचित माँगों और इच्छाओं पर नियंत्रण नहीं रखते, तो आप जीवन में असहाय हो जाएँगे... *"कौरव"*
2. आप कितने भी शक्तिशाली क्यों न हों, यदि आप अधर्म का साथ देंगे, तो आपकी शक्ति, शस्त्र, कौशल और आशीर्वाद सब बेकार हो जाएँगे... *"कर्ण"*
3. अपने बच्चों को इतना महत्वाकांक्षी न बनाएँ कि वे अपने ज्ञान का दुरुपयोग करके सर्वनाश कर दें... *"अश्वत्थामा"*
4. कभी भी ऐसा वचन न दें कि आपको अधर्मियों के सामने समर्पण करना पड़े... *"भीष्म पितामह"*
5. धन, शक्ति, अधिकार और सत्ता का दुरुपयोग गलत काम करने वालों का साथ अंततः पूर्ण विनाश की ओर ले जाता है... *"दुर्योधन"*
6. सत्ता की बागडोर कभी भी अंधे व्यक्ति को न सौंपें, अर्थात जो स्वार्थ, धन, अभिमान, ज्ञान, आसक्ति या वासना से अंधा हो, क्योंकि इससे विनाश होगा... *"धृतराष्ट्र"*
7. यदि ज्ञान के साथ बुद्धि भी हो, तो आप अवश्य विजयी होंगे... *"अर्जुन"*
8. छल-कपट से आपको हर समय सभी मामलों में सफलता नहीं मिलेगी... *"शकुनि"*
9. यदि आप नैतिकता, धर्म और कर्तव्य का सफलतापूर्वक पालन करते हैं, तो दुनिया की कोई भी शक्ति आपको नुकसान नहीं पहुँचा सकती... *"युधिष्ठिर"*

🙏@positivetalk

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17 Jan, 07:26


*हर हर महादेव* 🕉️🙏

*-:❀꧁-᭕ᬁ♡᭕ᬁ᭕ᬁ♡᭕ᬁ-꧂❀:

ये निस्संदेह विचार करने लायक है,
यदि सामान्य जीवन में ऐसे कर सकेंगे तो सभी समस्याओं का अन्त हो जाएगा...।

This is definitely worth considering,
If we can do this in normal life then all the problems will end. ....।

*-:❀꧁-᭕ᬁ♡᭕ᬁ᭕ᬁ♡᭕ᬁ-꧂❀:-*

*अपना और अपने परिवार का ख्याल रखिए*

🌹 *शुभ प्रभात* 🌹
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17 Jan, 04:34


दोस्त यार कह देने से दोस्त यार नहीं हो जाता, निभाना भी पड़ता है
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12 Jan, 04:22


कोई हैरत नहीं क़ि डाकखाने कम हो गए
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10 Jan, 16:41


असली आनन्द
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05 Jan, 17:04


18th April, 1937
हजूर साहब जी महाराज ने शाम के सत्संग में फ़रमाया,
मालिक अपने दास को नवाज़ता है।
हृदय की शुद्धता, श्रद्धा, भक्ति व संगठन के इतबा
( हिसाब) से कोइ जमात सत्संग जमात का मुकाबला नहीं कर सकती। सत्संगी मालिक का चुना हुआ बच्चा है। उत्तम संस्कारी है। हमें इस का अहंकार नहीं करना चाहिए। बल्कि इसे मालिक की कृपा समझें कि वह अपने दासों को नवाज़ता है। अपने दर के भिखारियों को नवाज़ता है और इन पर अपनी रहमत की बारिश करता है। कौन सत्संगी है जिसका सिर उनके शुकराने में न झुकता हो।


From Urdu Prem Pracharak.
Ra dha sva aa

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01 Jan, 13:01


आज से जो कुछ पीछे हुआ उसे भूल जाओ
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01 Jan, 10:20


Seek happiness and joy in 2025 ...and these shall in turn, seek you . Happy New Year & God Bless!! 💓❤️
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01 Jan, 08:50


नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें....
जीवन मे प्रेम, स्वास्थ्य और खुशियाँ सदैव बनी रहें.
सादर सप्रेम,
आनन्द सत्संगी
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01 Jan, 03:43


जिस जिस से पथ पर स्नेह मिला,
उस उस राही को धन्यवाद।

पथ के पहचाने छूट गए,
पर साथ-साथ चल रही याद
जो साथ ना मेरा दे पाए,
उनसे कब सूनी हुई डगर

मैं भी न चलूं यदि तो भी क्या
राही मर लेकिन राह अमर

इस पथ पर वे ही चलते हैं,
जो चलने का पा गए स्वाद
जिस जिस से पथ पर स्नेह मिला,
उस उस राही को धन्यवाद।।

कैसे चल पाता यदि न मिला,
होता मुझको आकुल अंतर,
कैसे चल पाता यदि मिलते,
चित्र तृप्ति अमरता पूर्ण प्रहर।

आभारी हूं मैं उन सब का,
दे गए व्यथा का जो प्रसाद,
जिस जिस से पथ पर स्नेह मिला,
उस उस राही को धन्यवाद।।

*नव वर्ष मंगलमय हो।*
सादर सप्रेम,
आनन्द सत्संगी
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30 Dec, 17:15


अँहकार...
सत्य को स्वीकार नहीं करता है

और सत्य को जानने वाला
अँहकार नहीं करता है...

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29 Dec, 13:19


आज का सच। भ्रम में न रहे कोई किसी का नहीं है।

वाराणसी के मशहूर साहित्यकार श्रीनाथ खंडेलवाल का वृद्धाश्रम में निधन हो गया है। उनका अंतिम संस्कार करने बेटा और बेटी भी नहीं आए। वे 400 से अधिक किताबें लिख चुके हैं और 80 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति के मालिक थे। बाहरी लोगों ने उनका अंतिम संस्कार किया है।
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29 Dec, 06:43


🙏🔱 *हर हर महादेव* 🕉️🙏

*-:❀꧁-᭕ᬁ♡᭕ᬁ᭕ᬁ♡᭕ᬁ-꧂❀:

कभी भी किसी सच्चे रिश्ते को कुछ कमियों के लिए मत छोड़ो,
क्योंकि
*स्नेह हमेशा पूर्णता से बड़ा होता है....।*

Never leave a true relation for few faults
Because
*Affection is always greater than perfection....।*

*-:❀꧁-᭕ᬁ♡᭕ᬁ᭕ᬁ♡᭕ᬁ-꧂❀:-*

*अपना और अपने परिवार का ख्याल रखिए*

🌹 *शुभ प्रभात* 🌹
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28 Nov, 11:58


"अपने से छोटों के प्रति स्नेह तभी हो सकता है,

जब अपनों से बड़ों के प्रति श्रद्धा हो

और तभी अपनो से बराबर के प्रति प्रेम भी पनप सकता है।"
~ओशो

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28 Nov, 11:58


जब लोग आपसे आपके कॉलेज के बाद के कुछ सालों बाद तक पूछते हैं-"कहाँ हो आज कल?"
तो वास्तव में वो ये देखना चाहते हैं कि बंदा/बंदी कहाँ पहुँच गए अपने जीवन मे, कितनी सफलता हासिल कर ली, कही मुझसे आगे तो नही बढ़ गए जीवन मे इत्यादि।
लेकिन, वो भूल ही जाते हैं कि सफलता कितनी भी हासिल कर लो, कुछ भी हो जाओ, ये मृग तृष्णा की दौड़ मृत्यु पर ही रुकेगी।

बुढापे के दिनों में जब आपसे पूछा जाता है-"कैसे हैं आप?"
तो वास्तव में वो ये जानने को इच्छुक होते हैं कि उसकी कोई परवाह करने वाला कोई है या नही, कोई खोज खबर रख रहा है या नही, आपका स्वास्थ्य कैसा है, यहाँ भी तुलना का ही खेल होता है कि हमसे ज्यादा इसका ख्याल रखा जा रहा है या कम, हमसे ज्यादा परवाह की जा रही है या कम।

लेकिन जिन्होंने अपने बच्चों को सिर्फ पैसे के पीछे ही भागना सिखाया, वो उसी रेस में इतने आगे बढ़ जाते हैं कि पीछे छूट चुके माँ-बाप और बुजुर्गों का खयाल ही नही रख पाते, है न!
~आनंद सत्संगी

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28 Nov, 07:51


कई लोग जब सिंगल रहने का चुनाव करते हैं तो अक्सर लोग उनके बारे में कहते हैं बहुत मजबूत हैं जो अकेले रहने का डिसीजन लिया है ।
लेकिन मुझे लगता सबसे ज़्यादा मज़बूत वो लोग हैं जो लाख बुरी परिस्थितियों के बावजूद परिवार के साथ वैवाहिक स्थिति में रहने का चुनाव करते हैं।
अकेले रहकर केवल अपनी जिम्मेदारियां उठाना ,अपने मनमुताबिक काम करना ,अपने मनमुताबिक निर्णय लेना आसान है। लेकिन परिवार में रहकर परिवार के हिसाब से चलना ,सभी पारिवारिक सदस्यों के मन का उनकी भावनाओं का उनके आत्मसम्मान का ख़्याल रखते हुए चलना बहुत कठिन है।
परिवार के साथ सामाजिकता, जिम्मेदारियां निभाते,सब की भावनाओं का ख़्याल रखते हुए पूरा जीवन बीता देने वाला पुरुष या महिला किसी योद्धा से कम नहीं वो जीवन भर जूझता रहता है संघर्ष करता रहता है।
पढ़ाई के दौरान पैसा कमाने की स्किल्स सबने सीखी होती हैं लेकिन परिवार चलाना एक ऐसी स्किल है जो खुद डिवलप करनी होती है।

और मुझे लगता है जिसके अंदर जितनी ज़्यादा सहनशीलता, बेहतरीन आई क्यू, बढ़िया व्यवहारिक क्षमता है ,बस वही व्यक्ति ही बढ़िया परिवार चला सकता है ।
और जैसे किसी के ऊंचे पद , प्रमोशन या आर्थिक संपन्नता से ये आंका जाता है की उस व्यक्ति ने अपनी शिक्षा या अध्ययन
में कितना परिश्रम किया है ।
वैसे ही किसी के सुसभ्य,मधुर संबंधों वाले और संतुष्ट परिवार से आंका जा सकता है कि उस व्यक्ति ने अपने परिवार को संजोये रखने में कितना परिश्रम किया है ।
केवल अपनी संतुष्टि के लिए,केवल अपने सुख के लिए परिवार तोड़ देना ,या परिवार ना बनाना या परिवार से अलग होकर रहना पूरी तरह से स्वार्थी पन है ।
चाहे वेदांत उठा लें या मनोविज्ञान सब कहते हैं मानव सामाजिक प्राणी है और परमार्थ मानव जीवन का परम उद्देश्य है ।
फिर इस सामाजिकता और परमार्थ की शुरुआत अपने परिवार से ही क्यूं नहीं हो सकती ।
पहले लोग संयुक्त परिवारों से ऊबे , अब अपने जीवनसाथी से ऊबने लगे अब हो सकता है "माय लाइफ,माय रूल्स,माय डिसीजन' के नाम पर अपनी औलादों से भी ऊबें ,दूरी बना लें । फिर बचेगा क्या बस अपनी चमड़ी के लिए जीना ।
एक वक्त आएगा वो ऊबेंगे अपनी चमड़ी से भी ,शरमाएंगे अपने स्वार्थ पर ।
ईश्वर करे तब तक बहुत देर ना हुई हो और परमार्थ के रास्ते पर लौट आने के थोड़ी बहुत गुंजाइश बची रहे।
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PositiveTalk

28 Nov, 05:21


*जो दूसरों की खुशी के लिए....*
*अपनी हार मान लेता हो...!*
*उससे कोई कभी भी नहीँ जीत सकता हैं...!!*

*🙏सुप्रभातम्🙏*
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27 Nov, 06:17


*बदलता हुआ दौर हैं जनाब,*
*पहले :-आयु-: में बड़े का सम्मान होता था,*
*अब :-आय -:में बड़े का सम्मान होता हैं।*
*🕉️राम राम जी🕉️*
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27 Nov, 03:56


*जीवन में सफलताओं की कहानी से भी अधिक महत्व संघर्षों की कहानी को दीजिये...*
*सफलता की कहानियां आपको प्रेरणा देंगी परन्तु संघर्षों की कहानियां आपको अनुभव देंगी...*

*किसी के ह्रदय को चोट पहुंचा कर क्षमा मांगना बहुत आसान है...*
*परन्तु ह्रदय पर चोट खाकर किसी को क्षमा करना बहुत कठिन है...!!*

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PositiveTalk

22 Nov, 03:17


मसला ये है कि लोग
..परवाह नहीं करते..

मुद्दा ये है कि...
हमें उम्मीद क्यूं है...!!!

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21 Nov, 04:48


💐💐💐💐💐💐💐💐
*जीवन में सबसे बड़ा शब्द विश्वास है, अगर वह टूट जाए तो हजार सच भी झूठ लगते हैं।*
🙏🙏*सुप्रभात*🙏🙏

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21 Nov, 03:03


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20 Nov, 16:56


शब्दों में धार नहीं...
बल्कि आधार होना चाहिए

क्योंकि जिन शब्दों में धार होती है,
वो मन को काटते हैं...

जिन शब्दों में आधार होता है,
वो मन को जीत लेते हैं...
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20 Nov, 05:39


जीवन की हर समस्या ट्रैफिक की लालबत्ती की तरह होती हैं, यदि हम थोडी देर प्रतीक्षा कर लें तो वह हरी हो जाती हैं धैर्य रखें, प्रयास करें, समय बदलता ही हैं।

*Good morning*

PositiveTalk

20 Nov, 05:13


भरोसे की नींव पर ही..
रिश्तों का घर बनता है

प्यार और अपनेपन से ही
ये रिश्ता आगे बढ़ता है...

जब होती हैं बातें खुलकर..
तभी मन का बोझ हटता है

छोटी-छोटी खुशियों से ही...
ज़िंदगी का हर पल महकता है

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19 Nov, 09:47


*जीवन की नाव*
एक आदमी ने एक पेंटर
को बुलाया अपने घर, और अपनी नाव दिखाकर कहा कि इसको पेंट कर दो !
उस ने पेंट ले कर उस नाव को पेंट कर दिया, लाल रंग से जैसा कि नाव का मालिक चाहता था। फिर पेंटर ने अपने पैसे लिए और चला गया !
अगले दिन, पेंटर के घर पर वह नाव का मालिक पहुँच गया, और उसने एक बहुत बड़ी धनराशि का चेक दिया उस पेंटर को ! पेंटर भौंचक्का हो गया, और पूछा - ये किस बात के इतने पैसे हैं ? मेरे पैसे तो आपने कल ही दे दिये थे !
मालिक ने कहा - ये पेंट का पैसा नहीं है, बल्कि नाव में जो "छेद" था, उसको रिपेयर करने का पैसा है !
पेंटर ने कहा - अरे साहब, वो तो एक छोटा सा छेद था, सो मैंने बंद कर दिया था। उस छोटे से छेद के लिए इतना पैसा मुझे, ठीक नहीं लग रहा है !
मालिक ने कहा - दोस्त, तुम समझे नहीं मेरी बात !अच्छा मैं विस्तार से समझाता हूँ। जब मैंने तुम्हें पेंट के लिए कहा तो जल्दबाजी में तुम्हें ये बताना भूल गया कि नाव में एक छेद है उसको रिपेयर कर देना !
और जब पेंट सूख गया, तो मेरे दोनों बच्चे उस नाव को समुद्र में लेकर नौकायन के लिए निकल गए !
मैं उस वक़्त घर पर नहीं था, लेकिन जब लौट कर आया और अपनी पत्नी से ये सुना कि बच्चे नाव को लेकर नौकायन पर निकल गए हैं ! तो मैं बदहवास हो गया। क्योंकि मुझे याद आया कि नाव में तो छेद है !
मैं गिरता पड़ता भागा उस तरफ, जिधर मेरे प्यारे बच्चे गए थे। लेकिन थोड़ी दूर पर मुझे मेरे बच्चे दिख गए, जो सकुशल वापस आ रहे थे ! अब मेरी ख़ुशी और प्रसन्नता का आलम तुम समझ सकते हो !

*फिर मैंने छेद चेक किया, तो पता चला कि, मुझे बिना बताये तुम उसको रिपेयर कर चुके हो ! तो मेरे दोस्त उस महान कार्य के लिए तो ये पैसे भी बहुत थोड़े हैं ! मेरी औकात नहीं कि उस कार्य के बदले तुम्हे ठीक ठाक पैसे दे पाऊं !*

*जीवन मे "भलाई का कार्य" जब मौका लगे हमेशा कर देना चाहिए, भले ही वो बहुत छोटा सा कार्य ही क्यों न हो !*

*क्योंकि कभी कभी वो छोटा सा कार्य भी किसी के लिए बहुत अमूल्य हो सकता है।*

*सभी मित्रों को जिन्होने 'हमारी जिन्दगी की नाव' कभी भी रिपेयर की है उन्हें हार्दिक धन्यवाद .....प्रयत्नशील रहें कि हम भी किसी की नाव रिपेयरिंग करने के लिए हमेशा तत्पर रहें*
🙏
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17 Nov, 17:40


जो पास तेरे वही तेरा...

बाकी सब मोह का फेरा।

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17 Nov, 17:40


कुछ गम...कुछ ठोकरें...
कुछ चीखें उधार देती है

कभी-कभी जिंदगी...
मौत आने से पहले ही मार देती है

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17 Nov, 17:40


जो हर तूफान से टकराए
वो आंधी बनाऊंगा...

नए अंगरेज आए है
नया गांधी बनाऊंगा...

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17 Nov, 17:40


इंसानियत दिल में होती है हैसियत में नहीं,

ऊपर वाला कर्म देखता है वसीयत नहीं...

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17 Nov, 17:40


तुम्हारा एकांत ही...
तुम्हें मनुष्य बना सकता है

भीड़ तुम्हें...
भेड़ बना देगी...

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17 Nov, 17:40


ईश्वर् की शरण मे
निस्वार्थ जाइए...

वो सब जानते है...
आपको क्या चाइए

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17 Nov, 17:40


रिश्ते बरकरार रखने की
...सिर्फ एक ही शर्त हैं...

भावना देखें, संभावना नहीं

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17 Nov, 17:40


"नादान" है वो बाज़ार में जो
"वक़्त" खरीदने चला है...

"वक़्त" उसी का है जो
"वक़्त के साथ" चला है...

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17 Nov, 17:40


दुख का कारण...
श्रेष्ठ कर्मों का अभाव,

सुख का कारण...
श्रेष्ठ कर्मों का प्रभाव,

और...

अशांति का कारण
स्वयं का बुरा स्वभाव है

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17 Nov, 17:40


पर्वतों को छोड़कर बहते है वो
जिन्हें समंदर होना होता हैं...

ज़ख्म भी उनको बहुत लगते हैं
जिन्हें सिकंदर होना होता हैं...

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17 Nov, 17:40


"विश्वास" जीवन का
सबसे बड़ा खजाना है...

क्योंकि उसके बगैर...
ना तो प्रेम संभव है ना प्रार्थना

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17 Nov, 17:40


किसी मनुष्य की बुराई को बताना
"आम" लोगों की पहचान है...

पर बुराई में भी अच्छाई ढूंढना
"खास" लोगों की पहचान है...

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17 Nov, 17:40


समय पर समझ जाना
समझदारी होती है...

लेकिन,
समय से पहले समझ जाना
जिम्मेदारी होती है...

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17 Nov, 17:40


रास्ते भी जिद्दी हैं,
मजीलें भी जिद्दी हैं...

देखते हैं कल क्या होता है
हौसले भी जिद्दी हैं...

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17 Nov, 17:40


प्रतिभा और रूप ईश्वर
का दिया है, आभारी रहें...

प्रसिद्धि और पैसा मनुष्य
द्वारा निर्मित हैं, आभारी रहें...

मनोवृत्ति और अहंकार
स्वनिर्मित हैं, सावधान रहें...

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17 Nov, 17:40


गिरकर उठना मेरी काबिलियत है,

और हारकर जीतना मेरी ताकत...

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17 Nov, 17:40


अभाव का प्रभाव...

जिंदगी का स्वभाव बदल देता है !!!

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17 Nov, 17:40


ये मायने नहीं रखता की...
आपके पास जीवन में कितने साल बचे हैं

बल्कि उन बचे हुए सालों में...
कितना जीवन बचा है यह मायने रखता है

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17 Nov, 17:40


निराशावादी...
हर अवसर में कठिनाई देखता है,

आशावादी...
हर कठिनाई में अवसर देखता है

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16 Nov, 05:28


🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
*तारीफों के पुल पर हमेशा संभल कर चलो*

*क्योंकि उसके नीचे मतलब की नदी बहती है*
🙏🙏सुप्रभात🙏🙏
@positivetalk

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15 Nov, 20:07


Love has no words
@positivetalk

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15 Nov, 04:39


घमंड ना कर ऐ ज़िंदगी,
तकदीर बदलती रहती है।
शीशा वही रहता है,
बस तस्वीर बदलती रहती है।
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14 Nov, 14:57


"चाह मिटी चिंता मिटी,
मनुआ बेपरवाह,
जिसको कछु न चाहिए,
वह शाहन के शाह!"
@positivetalk

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14 Nov, 02:11


*मालिक की दया मेहर तो हर वक्त होती है, लेकिन हम कमजोर जीव महसूस तभी करतें हैं, जब हम मुसीबत में होतें हैं....*

@positivetalk

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14 Nov, 02:09


*जीवन में स्वयं को संभालना सबसे बड़ी साधना है, क्योंकि स्वयं को संभाल लिया तो फिर किसी से कोई शिकायत नहीं रहेगी।*
🙏🙏*सुप्रभात*🙏🙏

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12 Nov, 03:24


🙏🔱 *हर हर महादेव* 🕉️🙏

*-:❀꧁-᭕ᬁ♡᭕ᬁ᭕ᬁ♡᭕ᬁ-꧂❀:-*

इस जीवन का एक सच है की.....
अगर जिंदगी इतनी अच्छी होती,तो हम इस दुनिया मे रोते हुए ना आते...

*लेकिन एक मीठा सच ये भी है..*
अगर ये जिंदगी बुरी होती
तो हम जाते जाते लोगो को रुलाकर ना जाते...।

*तो फिर जी भर के जी ले आज...*
*कल किसने देखा हैं..!!*

There is a truth of this life that...
If life was so good, we would not have come into this world crying...

*But this is also a sweet truth..*
if this life was bad
So we wouldn't have made people cry while leaving...

*Then live today to your heart's content...*
*Who has seen Tomorrow..!!*

*-:❀꧁-᭕ᬁ♡᭕ᬁ᭕ᬁ♡᭕ᬁ-꧂❀:-*

*अपना और अपने परिवार का ख्याल रखिए*

🌹 *शुभ प्रभात* 🌹
@positivetalk

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10 Nov, 04:04


"जीवन मे केवल दो ही वास्तविक धन है:समय और साँसे ।दोनों ही एक दम निश्चित और सीमित है,,,,समझदारी से खर्च करें....बाकी सब या तो धूल है या भूल है...!!!
🙏 *सादर सुप्रभात जी* 🙏
@positivetalk

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09 Nov, 12:06


*"बड़प्पन" वह गुण है, जो पद से नहीं

"संस्कारों" से प्राप्त होता है।*

सुप्रभात 🌹
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07 Nov, 08:38


कोई बात हो रही है आपके बारे मे चिंतन अवश्य करें @positivetalk

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06 Nov, 07:25


*मन ऐसा रखें कि किसी को बुरा न लगे दिल ऐसा रखें कि किसी को दुःखी न करें रिश्ता ऐसा रखें कि उसका अंत न हो।*
🙏 *सुप्रभात*🙏
@positivetalk

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05 Nov, 15:05


माँ बाप की सेवा और नाम की महिमा
@positivetalk

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05 Nov, 15:02


अगर बेटे / बेटी को सफल बनाना हो तो
@positivetalk

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04 Nov, 05:44


*सुख के लम्हें तक पहुंचते _पहुंचते*
*हम उन लोगों से*
*जुदा हो जाते हैं,*
*जिनके साथ हमने दुःख झेलकर*
*सुख़ का स्वप्पन देखा था।*

*🙏सुप्रभात🙏*
@positivetalk

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04 Nov, 05:44


*ज़िंदगी में समस्या देने*
*वाले की हस्ती कितनी*
*भी बड़ी क्यों न हो,*
*पर भगवान की "कृपादृष्टि"*
*से बड़ी नहीं हो सकती...!!*
🙏सुप्रभात🙏
@positivetalk

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04 Nov, 03:45


'कौन बनेगा करोड़पति', यह एक ऐसा शो है जिसे देश में लगभग सभी बड़ी रुचि और आनंद से देखते हैं। इस शो में बुद्धिमत्ता और मनोरंजन का मिश्रण है जिससे ज्ञान तो बढ़ता ही है और जब भी दर्शक के सोचे हुए उत्तर सही होते हैं तो उसे भी ख़ुशी होती है। कुछ समय पूर्व एक एपिसोड में एक प्रतिभागी आए जिनका नाम था- डॉ. नीरज सक्सेना। वह 'फास्टेस्ट फिंगर' राउंड में सबसे तेज़ उत्तर देने वाले प्रतिभागी थे। वह बिना नाचे, रोए, चिल्लाए या हाथ उठाए मंच पर आए और अमिताभ बच्चन जी को बिना गले लगाए, बहुत ही शांति और शालीनता से हॉटसीट पर आकर बैठ गए। डॉ. नीरज एक पीएच.डी वैज्ञानिक हैं जो कोलकाता में एक विश्वविद्यालय के कुलपति हैं। उनका व्यक्तित्व बेहद सौम्य,सरल और सुखद है। वह डॉ. ए.पी.जे. कलाम के साथ काम करके खुद को भाग्यशाली मानते हैं। उन्होंने बताया कि प्रारंभ से वह भी केवल स्वयं के हितों तक ही सीमित थे किंतु डॉ. कलाम के सानिध्य में वह दूसरों और देश के बारे में भी सोचने लगे।
फिर खेल प्रारंभ हुआ। डॉ. नीरज खेलने लगे। उन्होंने एक बार ऑडियंस पोल का इस्तेमाल किया, लेकिन चूंकि उनके पास "डबल डिप" लाइफलाइन थी, इसलिए उन्हें इसे दोबारा प्रयोग करने का अवसर मिला। उन्होंने सभी सवालों का आसानी से उत्तर दिया। उनकी बुद्धिमत्ता अत्यंत ही प्रभावशाली थी। उन्होंने ₹3,20,000, और इतनी ही बोनस राशि जीती, और फिर ब्रेक हो गया।
ब्रेक के बाद, अमिताभ बच्चन ने घोषणा की, "आइए आगे बढ़ें, डॉ. साहब। यहां ग्यारहवां प्रश्न आता है..." तभी... डॉ. नीरज ने कहा, "सर, मैं छोड़ना चाहूंगा।" अमिताभ हैरान रह गए. कोई इतना अच्छा खेल रहा है, जबकि अभी भी तीन लाइफलाइन बाकी हैं, और एक करोड़ (₹1,00,00,000) जीतने का अच्छा अवसर है तो क्या फिर भी वह खेल छोड़ सकता है? उन्होंने पूछा-
"ये आप क्या कह रहे हैं? ऐसा पहले कभी नहीं हुआ... ?"
डॉ. नीरज ने शांति से जवाब दिया -
"अन्य खिलाड़ी प्रतीक्षा कर रहे हैं, और वे मुझसे छोटे हैं। उन्हें भी मौका मिलना चाहिए। मैं पहले ही बहुत सारा पैसा जीत चुका हूं। मुझे लगता है कि मेरे पास जो है वह पर्याप्त है। मुझे इससे अधिक की इच्छा नहीं है।"
अमिताभ बच्चन स्तब्ध रह गए और कुछ पल के लिए सब तरफ सन्नाटा छा गया। फिर संपूर्ण ऑडियंस ने खड़े होकर देर तक तालियाँ बजाईं।
अमिताभ बच्चन ने इस संदर्भ में कहा कि - "हमने आज बहुत कुछ सीखा है। मैने आज ऐसे व्यक्ति को देखा है जो अत्यंत दुर्लभ है। सच कहूँ तो यह पहली बार है कि मैंने किसी को अपने सामने ऐसा करते हुए देखा है, जो दूसरों को मौका मिलने के बारे में सोचता है और जो उनके पास है उसे पर्याप्त से अधिक मानता है।"
बात सही भी है, वास्तव में ऐसे लोग अपवाद है। आज लोग सिर्फ पैसे के पीछे भाग रहे हैं। वे कितना भी कमा लें, संतुष्टि नहीं होती और लालच कभी खत्म नहीं होता। वे पैसे के पीछे भागते हुए परिवार, नींद, खुशी, प्यार और दोस्ती को खो रहे हैं। ऐसे समय में डॉ. नीरज सक्सेना जैसे लोग एक मिसाल बनकर आते हैं। क्योंकि आज के इस युग में संतुष्ट और नि:स्वार्थ लोग मिलना मुश्किल है।
उनके खेल छोड़ने के पश्चात एक लड़की हॉट सीट पर बैठी और उसने अपनी कहानी साझा की: "मेरे पिता ने हमें, मेरी माँ सहित, केवल इसलिए बाहर निकाल दिया क्योंकि हम तीन बेटियाँ हैं। अब, हम एक अनाथालय में रहते हैं..."
मैंने सोचा, अगर डॉ. नीरज ने स्वेच्छा से स्वयं शो न छोड़ा होता तो किसी और को अवसर नहीं मिलता। उनके त्याग के कारण इस गरीब लड़की को कुछ पैसे कमाने का अवसर मिला। आज के दौर में तो लोग विरासत में मिली संपत्ति में से भी किसी को यहां तक कि अपने ही सगे भाई-बहनों तक को भी कुछ देने के लिए तैयार नहीं हैं। अति लालच में अपनों के साथ ही घोर अन्याय करते हैं। इन्हीं कारणों से समाज में कितने झगड़े, यहां तक कि हत्याएं भी होती हैं। आज चहुं ओर स्वार्थ का ही साम्राज्य है। मानव मन में बस लालच ही व्याप्त है।
दूसरों के और देश के बारे में सोचने वाले डॉ. नीरज सक्सेना जैसे मानव में सच्ची आध्यात्मिकता एवं ज्ञान का वास है। इस महान व्यक्ति को कभी विस्मृत नहीं किया जा सकता। ऐसे अद्वितीय व्यक्ति को कोटि-कोटि नमन है।
*डॉ. नीरज ये सिखाते हैं कि जब आपकी जरूरतें पूरी हो जाएं तो आपको रुक जाना चाहिए और दूसरों को अवसर देना चाहिए। स्वार्थ को त्याग दें तो हर कोई खुश रहेगा। यही वह सबक है जो आज हर किसी को सीखने की आवश्यकता है। हमेशा ऐसे व्यक्तियों का सम्मान करना जरूरी है जो समाज की भलाई के लिए स्वयं के लाभ का भी त्याग कर दें। डॉ. नीरज के बारे में लिखने का भी यही उद्देश्य है।*

धन्यवाद🙏🙏🌹🌹
@positivetalk

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03 Nov, 05:38


*मिठाइयों से भी सीखे तो*👆
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03 Nov, 05:37


*सुख पाने के लिए हम इच्छाओं की "कतार लगाएं,या आशाओं के अम्बार,*

*परंतु सुख की अनुभूति तभी होती है, जब मन मे सन्तुष्टि का आगमन होता है!!*


🙏 *सुप्रभात* 🙏
@positivetalk

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01 Nov, 04:18


"Only do your Good Karma"
🙏🙏🙏🙏

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31 Oct, 17:18


पूरब से *प्रतिष्ठा*,पश्चिम से *प्रारब्ध*,
उत्तर से *उन्नति*,दक्षिण से *दायित्व*,
ईशान से *एश्वर्य*,नैऋत्य से *नैतिकता*,
आग्नेय से *आकर्षण*,वायव्य से *वैभव*,
आकाश से *आमदनी* एवं
पाताल से *पूँजी*.....

दसों दिशाओं से सुख, शांति, समृद्धि एवं सफलता प्राप्त हो,यही ईश्वर से प्रार्थना ।

आपको सपरिवार *प्रकाश पर्व दीपोत्सव* की अनन्त हार्दिक मंगलकामनाएं दीपोत्सव सपरिवार आपके जीवन को सुख, समृद्धि, सुख-शांति, सौहार्द एवं अपार खुशियों की रोशनी से जग-मग करें।

सादर सप्रेम
आनन्द सत्संगी

*शुभ दीपावली* @positivetalk
🌟💫 🪔🪔🪔 🌟💫

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31 Oct, 09:14


🪔 *ll शुभ दीपावली !*🪔
आपको ओर आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाओॅ के साथ "प्रकाश व प्रसन्नता के महापर्व दीपावली पर बहुत बहुत मंगलकामनाएं।
धन, वैभव, यश, ऐश्वर्य के साथ दीपावली पर माँ महालक्ष्मी आपकी सुख सम्पन्नता स्वास्थ्य में वृद्धि करें,
इन्हीं शुभकामनाओं के साथ।"
🙏🚩🪔 *llशुभ दीपावली !*🙏🏻🚩🪔
@positivetalk

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20 Oct, 06:43


*आज का चिन्तन*
------------------------------------
*"स्कूलों" में लिखा होता है ,*
*"असूल" तोड़ना मना है !*
*बागों में लिखा होता है ,*
*"फूल" तोड़ना मना है !*
*"खेलों" में लिखा होता है ,*
*"रूल" तोड़ना मना है !*
*....काश ...*
*रिश्ते, परिवार, दोस्ती में*
*भी यह लिखा होता*
*"साथ" छोड़ना मना है ।*
@positivetalk

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20 Oct, 06:42


*👌💥एक खूबसुरत सोच💥👌*
*👉एक स्त्री का तीन बार जन्म होता है🙏*
*👉1-पहले जन्म होता है जब वह किसी की बेटी बनती है🙏*
*👉2-दूसरा जन्म होता है जब वह किसी की पत्नी बनती है👉*
*👉3-तीसरा जन्म होता है जब वह किसी की माँ बनती है🙏*
*👉जब जन्म लेती है तब उसको एक बेटी होने का एहसास होता है और वह अपना जीवन 20 -25 साल अपने माता-पिता अपने भाई बहनों को देती है और सबका ख्याल रखती है🙏*
*👉जब उसकी शादी होती है तब उसका जीवन उसके पति उसके ससुराल वालों के साथ में हो जाता है, वहां पर भी वह सबकी खुशियों का ध्यान रखती है🙏*
*👉जब उसके अपनी संतान होती है तब उसका जीवन अपने बच्चों में लग जाता है, सच कहें एक स्त्री बड़ी स्वाभिमानी बड़ी संस्कारी बड़ी शक्तिमान होती है, क्योंकि वह बड़ी सहनशीलता वाली होती है🙏*
*👉उसके अंदर हर प्रकार की सहनशक्ति होती है तभी तो उसका तीन बार जन्म होता है, और ईश्वर उसकी हर ममता में डाल देता है क्योंकि 25 साल माता-पिता के साथ रहना, और फिर अजनबी परिवार में रहना लेकिन उस परिवार को भी अपना बना लेना🙏*
*👉और बेटी ना माता-पिता के हो पाती है और ना अपने ससुराल वालों की हो पाती है उसका मन हमेशा दोनों तरफ बराबर होता है🙏*
*👉लेकिन जब उसका अपने खुद की संतान हो जाती है तब उसकी ममता अपने बच्चों में लग जाती है, और तब उसको अपने मायके से थोड़ा सा दूर होना पड़ता है और अपने बच्चों को वह प्यार देती है दुलार करती है🙏*
*👉स्त्रियां बहुत सी नौकरी भी करती हैं और अपने घर परिवार को भी संभालती है, एक स्त्री पूरे दिन नौकरी करती है और फिर घर जाकर के सभी लोगों की जिम्मेदारी भी उठाती है🙏*
*👉सबकी पसंद का खाना बनाना और बच्चों को भी देखना पति को भी देखना घर के भी काम करना और अपने ऑफिस के भी काम करना🙏*
*👉यह सिर्फ एक स्त्री ही कर सकती है अगर जिस घर में स्त्री ना हो आप उस घर को देख सकते हैं, उस घर में बिल्कुल भी रंगत नहीं होती है वह घर घर नहीं लगता है🙏*
*👉जिस घर में कोई स्त्री नहीं होती है वह घर बिल्कुल सूना सूना सा लगता है, स्त्रियो को इसीलिए देवी माना गया है और उनके अंदर सहनशीलता सुंदरता दी गई है🙏*
*👉स्त्रिया जब श्रृंगार करती हैं तो कोई भी स्त्री कितनी बदसूरत क्यों ना हो अगर एक साड़ी पहन ले और अपने माथे पर बिंदी लगा ले अपना श्रृंगार कर ले तो वह एक देवी का रूप लगती है🙏*
*👉और कोई भी आदमी उसको नहीं देख सकता मतलब पराया मर्द कोई भी आंखें उठा कर नहीं देख सकता है, क्योंकि उनके माथे पर सजी जो बिंदी होती है वह उनकी तीसरा नेत्र होता है🙏*
*👉वह उनकी एक सुंदरता होती है स्त्रिया घर का पूरी तरह से ख्याल रखती है, चाहे उनका रसोई घर हो चाहे उनका बेडरूम हो चाहे उनका ड्राइंग रूम हो हर चीज को सजाना जानती है🙏*
*👉इसीलिए कहते हैं स्त्रिया बहुत शक्तिशाली होती है जिस घर में महिलाओं की कदर होती है🙏*
*👉स्त्रियो को कुछ ना कुछ श्रृंगार की चीज दी जाती है उस घर में अन्ना धन लक्ष्मी की कभी कमी नहीं होती है🙏*
*👉जिस घर की स्त्रिया सज संवर के रहती है हमेशा हंसती बोलती रहती है उसघर में किसी चीज की कमी नहीं होती है🙏*
*👉लेकिन जिस घर की स्त्रियो को पुरुष परेशान करते हैं लड़ाई झगड़ा करते हैं, मारते पीटते हैं उस घर से लक्ष्मी भाग जाती है रूठ जाती है🙏*
*👉बस स्त्री को भी एक अच्छा परिवार उसके सौभाग्य और उसके कर्मों से मिलता है🙏*
*👉मगर स्त्री गलत काम करें तो उसका भी धीरे-धीरे भाग्य खत्म होने लगता है🙏*
*👉लेकिन अगर स्त्रिया अपने सही चरित्र पर सही रास्ते पर है और किसी के साथ दुर्व्यवहार नहीं करती है तो मां भगवती सब उसके साथ होती है🙏*
*👉इसलिए हर एक स्त्री को अपने मर्यादा में जरूर रहना चाहिए और क्योंकि एक स्त्री से ही पूरा कुटुंब का भाग्य खुलता है🙏*
*🌹स्त्रियो की तारीफ में🌹*
*👉हम स्त्रियो को जो कुछ देते हैं, उसके बदले में वे हमें उससे ज्यादा लौटाती हैं🙏*
*👉1-यदि आप उन्हें मकान दें, तो वे आपको घर देती हैं🙏*
*👉2-यदि आप उन्हें अनाज दें, तो वे आपको भोजन देती हैं🙏*
*👉3-यदि आप उन्हें मुस्कराहट दें, .तो वे आपको अपना दिल दे देती हैं🙏*
*👉हम उन्हें जो कुछ भी दें, बदले में वे हमें कुछ ज्यादा ही लौटाती हैं🙏*
*👉इसलिए यदि हम उन्हें कोई छोटी-मोटी तकलीफ दें, तो हमें एक बहुत बड़ी मुसीबत के लिए तैयार रहना चाहिए 🙏*
*🙏आज आपका दिन शुभमंगलमय हो🙏*

🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
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17 Oct, 09:48


*8,85,56,75,90,000.00/- ₹ की संपत्ति रखने वाले रतन टाटा के निधन से पहले के अंतिम शब्द.....*

मैं व्यापार जगत में सफलता के शिखर पर पहुँच चुका हूँ। मेरा जीवन दूसरों की नज़र में एक उपलब्धि है। हालाँकि, काम के अलावा मेरे पास कोई खुशी नहीं थी। पैसे केवल एक सत्य हैं जिसका मैं उपयोग करता हूँ।

इस समय अस्पताल के बिस्तर पर लेटे हुए और अपनी पूरी जिंदगी को याद करते हुए, मुझे एहसास होता है कि मुझे जो पहचान और पैसे पर गर्व था, वह मृत्यु से पहले झूठा और बेकार हो गया है।

आप अपनी कार चलाने या पैसे कमाने के लिए किसी को किराए पर ले सकते हैं। लेकिन, आप किसी को पीड़ित होने और मरने के लिए किराए पर नहीं ले सकते।

खोई हुई भौतिक वस्तुएँ मिल सकती हैं। लेकिन एक चीज़ है, जो खो जाने पर कभी नहीं मिलती - और वह है "जीवन"।

हम जीवन के किसी भी चरण में हों, समय के साथ हमें उस दिन का सामना करना होगा, जब दिल बंद हो जाएगा।

अपने परिवार, जीवनसाथी और दोस्तों से प्यार करें...🙏 उनके साथ अच्छा व्यवहार करें, उनके साथ धोखा न करें, बेईमानी या विश्वासघात कभी न करें।

जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं और समझदार बनते हैं, हमें धीरे-धीरे एहसास होता है कि Rs 300 या Rs 3000 या Rs 2-4 लाख की कीमत की घड़ी पहनने से - सब कुछ एक ही समय को दर्शाता है।

हमारे पास 100 का पर्स हो या 500 का - अंदर सब कुछ समान होता है।

चाहे हम 5 लाख की कार चलाएँ या 50 लाख की कार चलाएँ। रास्ता और दूरी एक ही है और हम उसी मंजिल पर पहुँचते हैं।

हम जिस घर में रहते हैं, चाहे वह 300 वर्ग फुट का हो या 3000 वर्ग फुट का - अकेलापन हर जगह समान है।

आपको एहसास होगा कि आपकी सच्ची आंतरिक खुशी इस दुनिया की भौतिक वस्तुओं से नहीं मिलती।

आप फर्स्ट क्लास या इकोनॉमी क्लास में उड़ान भरें, अगर विमान नीचे गिरता है तो आप भी उसके साथ नीचे ही जाएंगे।

इसलिए.. मैं आशा करता हूँ कि आपको एहसास होगा, आपके पास दोस्त, भाई और बहनें हैं, जिनके साथ आप बातें करते हैं, हंसते हैं, गाते हैं, सुख-दुख की बातें करते हैं,... यही सच्ची खुशी है!!

जीवन की एक निर्विवाद सच्चाई:

अपने बच्चों को केवल अमीर बनने के लिए शिक्षित न करें। उन्हें खुश रहना सिखाएँ। जब वे बड़े होंगे तो उन्हें चीज़ों की लागत नहीं, मूल्य की जानकारी होगी।

जीवन क्या है

जीवन को बेहतर समझने के लिए तीन स्थान हैं:
- अस्पताल
- जेल
- श्मशान

अस्पताल में आप समझेंगे कि स्वास्थ्य से अच्छा कुछ नहीं है।
जेल में आप देखेंगे कि आज़ादी कितनी अमूल्य है।
और श्मशान में आपको एहसास होगा कि जीवन कुछ भी नहीं है।

आज हम जिस ज़मीन पर चल रहे हैं, वह कल हमारी नहीं होगी।

*चलो अब से विनम्र बनें और हमें जो मिला है उसके लिए अपने माता पिता का धन्यवाद करें।*

*क्या आप इस संदेश को किसी और के साथ साझा कर सकते हैं? और मैं अपने मां बाप, भाई, बहन, सभी रिश्तेदार, पड़ोसी मित्र परिवार, मेरा समाज, मेरा देश सभी से में प्यार करता हूं।*

*सबका मंगल हो।*
*सबका कल्याण हो।*
❤️🙏❤️🙏
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15 Oct, 02:31


* मम्मी पापा बूढ़े हुए हैं पर पति-पत्नी तो हैं*

" बूढ़ी घोड़ी लाल लगाम"

शायद यही कहा बड़ी बहू ने। सुनते ही सासू मां ठिठक गई। और पलट कर बोली

" कुछ कहा तुमने बड़ी बहू"

" नहीं नहीं, मैंने तो कुछ भी नहीं कहा मम्मी जी"

" हां हां सच में" छोटी बहू ने झिझकते हुए कहा।

" अच्छा है कि तुमने कुछ नहीं कहा। अगर कहा होता तो शायद जवाब भी मिल जाता"

बड़ी बहू नज़रें नीची कर खड़ी हो गई और सासू मां उसे घूरती हुई वहां से निकल गई। सासू मां के जाते ही बड़ी बहू ने बड़बड़ाना शुरू कर दिया,

" क्या गलत कहती हूं मैं? मुझे तो रोक लेंगी, पर बाहर और भी तो लोग हैं, जो बातें करते हैं। उनका क्या? उनकी जबान पकड़ो तो माने "

" सही कहा भाभी, क्या जरूरत है मम्मी जी को पार्लर जाने की? इस उम्र में यह सब शोभा देता है क्या?"

" अरे बुढ़ापे में सठिया गई है। कौन समझाएं इन्हें? जब कोई बाहर वाला मजाक उड़ाएगा, तब समझ में आएगा। फिर रोती हुई आएगी घर पर"

" हां हमें क्या? इन्हें खुद का मजाक उड़ाने की लगी है तो शौक से उड़ाए। हम तो खुश है अपनी जिंदगी में"

" वैसे भी किसे फर्क पड़ता है? पापा जी तो कुछ कहते नहीं। और इस उमर में कौन सा पापा जी निहार रहे हैं उन्हें, जो इतना सज धज कर तैयार हो रही है"

" यह तो है भाभी। दीया बुझने से पहले फड़फड़ाता है ना, वही हालत इंसान की बुढ़ापे में हो जाती है"

छोटी बहू ने भी बड़ी बहू की हां में हां मिलाई। और दोनों जोर जोर से हंसने लगी।

दरअसल बात यह थी कि मधु जी के पति सोमेश जी का आज सत्तरवाँ जन्मदिन था, जिसे वे धूमधाम से ना मनाकर सिर्फ अपनी पत्नी के साथ मनाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने एक रेस्टोरेंट में टेबल भी बुक कर ली थी। उसके बाद मूवी देखने का प्रोग्राम था।

मतलब यह कह सकते हैं कि आज का पूरा दिन मधु जी और सोमेश जी साथ बिताना चाहते थे। और मधु जी इस दिन को यादगार बनाना चाहती थी इसलिए उन्होंने सोचा कि क्यों ना पार्लर जाकर थोड़ा लाइट मेकअप ही करवा लूँ। सोमेश जी को अच्छा लगेगा।

बस यही सोचकर वे पार्लर निकल गई और यही बात दोनों बहुओं को खटक रही थी कि देखो तो मम्मी जी और पापा जी बुढ़ापे में कैसे-कैसे गुल खिला रहे हैं।

खैर दोपहर के 1:00 बज रहे थे। सोमेश जी अपने कमरे से तैयार होकर बाहर निकले तो एक पल के लिए बेटे बहू पोते पोती उन्हें देखते ही रह गए। हमेशा कुर्ता पजामा पहने रहने वाले पापा जी आज सूट टाई में तैयार होकर जँच रहे थे। पापा जी बार-बार घड़ी की तरफ देख रहे थे फिर उन्होंने अपने बड़े बेटे से पूछा,

"अरे बेटा तुम्हारी मम्मी आ गई क्या?"

" नहीं पापा बस आने में ही होगी "

थोड़ी देर बाद डोर बेल बजी। बड़ी बहू ने जाकर दरवाजा खोला तो मम्मी जी को देखकर एकटक निहारती ही रह गई। हरी बंधेज की साड़ी, उस पर मैचिंग ब्लाउज, साथ ही बालों का सुंदर सा जुड़ा बना रखा था और हल्का सा मेकअप। आज वाकई मम्मी जी कहर ढा रही थी।

सोमेश जी तो मधु जी को निहारते ही रह गए। इतने में दोनों बेटे एक साथ ही बोल पड़े,

" वाह! क्या बात है मम्मी, आज तो बहुत सुंदर लग रही हो"

दोनों बेटों की बात सुनकर मधु जी मुस्कुरा दी। इतने में सोमेश जी बोले,

" तो मधु जी, तैयार है आप साथ चलने के लिए"

" जी जरूर"

कहकर दोनों पति पत्नी वहां से निकल गए। उनके जाते ही दोनों बहुओं ने फिर से बड़बड़ाना शुरू कर दिया,

" यह क्या शोभा देता है मम्मी जी और पापा जी को? इस उमर में एक दूसरे का हाथ पकड़े घूमने जा रहे हैं। और तुम दोनों भाई कुछ कहते भी नहीं"

"और देखा नहीं, कैसे तैयार होकर जा रहे हैं। इनके पोते पोतियो की शादी की उम्र होने को आई और इन्हें देखो, कल को यह सब सिखाएंगे अपनी पोता बहुओं को। कम से कम पूछ तो लेना चाहिए था हमसे"

" क्यों इसमें गलत क्या है? मम्मी और पापा दोनों पति-पत्नी है। एक दूसरे के साथ समय बिताना उनका हक है। इसके लिए भला किसी की इजाजत की क्या जरूरत है"

" और रही बात उम्र की, तो उम्र का क्या है? वह तो सिर्फ एक अंक है। उम्र के साथ क्या भावनाएं बदल जाती है। तुम लोगों के हिसाब से तो कल को हम लोग पति पत्नी ही नहीं रहेंगे। और हमारे बेटे बहू डिसाइड करेंगे कि हमें क्या करना है और क्या नहीं"

दोनों भाईयों ने एक साथ सुर मिलाकर कहा। जब बात खुद पर आई तो दोनों बहूए एक बार सोचने को मजबूर हो गई कि गलत तो कुछ भी नहीं है। आखिर पति पत्नी का रिश्ता तो उम्र के साथ प्रगाढ़ होता है, तो उसे उम्र के बंधन में बांधने की क्या जरूरत है।
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14 Oct, 11:55


अपनी माता का सम्मान हमे नारी शक्ति के सम्मान की प्रेरणा देता है...☺️☺️

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14 Oct, 11:55


समय प्रबन्धन और आराम 😴
(Time Management & Rest)


-लोग सोचते हैँ   क़ि  उनके  पास काम बहुत है़ इसलिए . उन   के पासआराम का समय नहीं है़ ।

-लोग जल्दी उठते है़ और देर रात तक काम करते हैँ  ।  यह ठीक  नहीं है़ 

-लोगों के पास काम अधिक और समय कम इसलिए है़ क्यों क़ि औसतन  व्यक्ति अjपने काम
 का आधा समय गप्पे मारने,   लंच,  काफी ब्रेक और दूसरे नेट  वर्किंग से  जुड़े कार्यो में लगा देते  है़ ।

-काम की  गुणवता के लिए हर घंटे के दौरन आप पूरी  तरह से तरोताजा हो ।

-अगर आप हर घंटे के बाद 5 मिनट राजयोग का  अभ्यास करें  या अच्छे विचार पढ़ें  या दोहराए या मित्र आत्माओं के बारे सोचे  तो पूरा  घंटा तरोताजा रहेंगे ।

-अगर जीवन भर चुस्ती से कार्य करना चाहते हैंं तो  सप्ताह में एक दिन आपने में ऊर्जा भरनी चाहिए ।

- शनिवार शाम से रविवार शाम तक आप कोई कार्य नहीं करेंगें ।

-सिर्फ अच्छी पुस्तकें पढ़ें,  धार्मिक साधना करें  या आपने परिवार के कार्य करें ।

---सप्ताह में एक दिन का आराम और दो रातो की भरपूर नींद चाहिए,  जिस में कोई  व्यावसायिक काम न  हो ।

-एक रात की नींद काफी नहीं होती ।

-36 घंटे का आराम आप की शारीरिक और मानसिक बैटरी को  रिचार्ज कर देगा ।

-यह आराम आप के जीवन में अढ्भुत  नतीजे लाएगा ।

-कई  बार ऐसा होता है़ क़ि  आराम से लौटने के बाद ज़्यादा थक जाते है़ ।

-ऐसा इसलिए हुआ क़ि आपने आराम  में भी मन को काम में उलझाए रखा ।

-मन को काम से  रोकने के लिए अनुशासन की जरूरत होती है़,  नहीं तो मनपसंद काम में हम लम्बे समय तक लगे रहते हैंं । 

--आप को  अपने लम्बे  अवकाश  या ब्रेक के दौरन ही अच्छे आडिया आते है़  ।

-कई  लोग घर जल्दी आ जाते है़ परंतु  टी .वी   के आगे 6-7   घंटे बैठे रहते  हैंं और '  बहुत देर से सोते हैंं  तथा सुबह उठते ही  फिर  टी. वीं . लगा लेते  हैँ ।  इस से समय नष्ट होता है़ ।

-अगर काम करने को मन  नहीं करता,  काम में रस नहीं आता,  सदा थकावट बनीं रहती हैंं तो इसका सीधा सा अर्थ हैंं,  आप नींद पूरी नहीं ले रहे  हैंं ।

-ऐसी दशा में 8 घंटे की   नींद लेनी चाहिए ।

- यदि सप्ताह की दिमागी थकान हावी हो जाए तो शारीरिक श्रम  करना चाहिए ।

-भावनात्मक उथल पुथल हो तो ज्यादा नींद लें  ।

-सैर करें,  शरीर को थका दें,  रात को अच्छी नींद आएगी ।
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PositiveTalk

14 Oct, 11:55


जब जिंदगी में बड़ी समस्या आ जाए, जीवन खराब लगने लगे तो बस ये काम कर लेना...

PositiveTalk

14 Oct, 11:55


➡️जल्दी कैसे सोए ?
मीठी और गहरी नींद कैसे ले ?
जल्दी कैसे उठे ?
कम समय में गहरी नींद कैसे ले 😴

👇

स्वाभाविक रूप से जल्दी सोना (ड्रेक्सियन भैया की पोस्ट का पुनः पोस्ट) 💤

अपनी जैविक घड़ी/सर्कैडियन लय/नींद-जागने का चक्र/नींद का समय सही निर्धारित करें।

कुछ चीज़ें जो आप कर सकते हैं:-

🕘 सोने का एक निर्धारित समय तय करें उसी टाइम सोए
🕔 जागने का एक निर्धारित समय तय करें - डिवाइस पर अलार्म दूर रखे।

🚿रात के खाने से पहले गर्म /गुनगुने पानी से स्नान करें

🍴 शाम को हल्का और जल्दी डिनर कर ले (8 से पहले )

🍱रात के खाने में नींद लाने वाला भोजन

☕️शाम या उसके बाद कैफीन का सेवन न करें( चाय /कॉफी न ले)

📴रात के खाने के बाद उपकरणों को चार्जिंग के लिए लिविंग रूम में छोड़ दें (मोबाइल /लैपटॉप )

🎼शांत करने वाले वाद्ययंत्र या परिवेशीय संगीत सुनें लेकिन फ़ोन दूर रखें। (म्यूजिक)

🗒कार्य सूची/जर्नल/डायरी प्रविष्टि लिखें, अपने दिमाग को आराम दें!

🛏 अपने शयनकक्ष को तैयार करें - अंधेरा और आरामदायक अनुकूल वातावरण।
यदि कमरे में अंधेरा नहीं है तो स्लीप मास्क का प्रयोग करें। आरामदायक बिस्तर, जागने के बाद अपना बिस्तर सजा लें।

📒नींद की डायरी बनाए रखें (लिखे मन की बात उसमे)

साँस लेने के व्यायाम करे
🧘🏻‍♂️ माइंडफुलनेस (ध्यान)
🗣 निर्देशित ध्यान
🤸🏼‍♂️ प्रगतिशील मांसपेशी विश्राम


विचारणीय कुछ बातें:-

जागने के समय पर उठें भले ही आपको कुछ घंटों की नींद मिली हो
🤓 रात में बेहतर गुणवत्ता वाली नींद के लिए दोपहर की झपकी नहीं। यह आपको थका देने वाले दिन के बाद शाम को जल्दी सोने में मदद करता है

🐣 पहले कुछ दिनों में आपकी उत्पादकता कम हो सकती है, शारीरिक और मानसिक रूप से अधिक परिश्रम न करें ।


🏐🏐🏐🏐🏐🏐

Sleeping Early Naturally (repost of Draxion bhaiya's post) 💤

Set your biological clock/circadian rhythm/sleep-wake cycle/sleep schedule right.

Some of the things you can do :-

🕘 Decide on a set bedtime
🕔 Decide on a set waking up time - wake up with alarm on device kept away
🚿 Take a warm bath before dinner
🍴 Light and early dinner in the evening
🍱 Sleep inducing food for dinner
☕️ No caffeine intake in evening or later
📴 Leave the devices in living room after dinner for charging
🎼Listen to calming instrumentals or ambient music but keep phone away.
🗒Write down to-do list/journal/diary entry, ease out your brain
🛏 Prep your bedroom - dark & comfortable conducive environment. If room is not dark, use sleep mask. Comfortable bedding, make up your bed after you wake up.
📒 Maintain sleep diary
🫁 Breathing exercises
🧘🏻‍♂️ Mindfulness
🗣 Guided meditation
🤸🏼‍♂️ Progressive muscle relaxation


Some things to consider :-

Get up at wake up time even if you got few hours of sleep
🤓 No afternoon naps for better quality sleep at night. It helps you sleep earlier in the evening after a tiring day
🐣 Your productivity might be low in first few days, don't over exert physically and mentally

PositiveTalk

13 Oct, 10:59


एक सुन्दर कहानी
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PositiveTalk

12 Oct, 04:40


🙏Wishing you a joyful Vijayadashami, HappyDussehra! May the blessings of Maa Durga fill your life with strength and wisdom and bring you peace, prosperity, and happiness. Have a wonderful celebration!🙏
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