Dernières publications de P O E T I S M (@poeticissmm) sur Telegram

Publications du canal P O E T I S M

P O E T I S M
Welcome to POETISM ! 🌟

Har shabd ek kahani sunata hai.
Aaiye ise saath mein sunte hai.
📖✨

PART OF @astralrealm01
1,880 abonnés
308 photos
367 vidéos
Dernière mise à jour 09.03.2025 12:03

Le dernier contenu partagé par P O E T I S M sur Telegram

P O E T I S M

23 Feb, 17:41

747

Javed Akhtar 🙌🙇
P O E T I S M

22 Feb, 04:37

800

One of the delusionary nazm by Jaun sahab for his imaginary love Mrs. Fareha

(Nazm lyrics in comments)
P O E T I S M

19 Feb, 05:40

852

जय भवानी जय शिवाजी❤️🔥
#admin
@ranveerkashyapp
P O E T I S M

18 Feb, 18:48

623

इंद्र जिम जंभ पर बाड़व ज्यौं अंभ पर रावन सदंभ पर रघुकुलराज है!

पौन बारिबाह पर संभु रतिनाह पर ज्यौं सहस्रबाहु पर राम द्विजराज है!

दावा द्रुमदंड पर चीता मृगझुंड पर भूषन बितुंड पर जैसे मृगराज है!

तेज तम-अंस पर कान्ह जिम कंस पर यौं मलेच्छ-बंस पर सेर सिवराज है ॥

The legacy of Shivaji Maharaj remains vibrant and influential to this day.

ASPIRE.
RECLAIM.
CONQUER.

ऐसा राजा पुन्हा न होणे…

शिवजयंती की सबको हार्दिक शुभकामनाये🦁❤️🚩
P O E T I S M

18 Feb, 17:41

596

तुझे यूँ किसी और संग देख, मेरी रूह जल गई,
भीगी बाती थी, फिर भी शौक़ से जल गई।
मेरा दिल था कभी गुलज़ार सा, खिलता ही रहा,
तेरी यादों की लपट आई, और कली जल गई।

~केशव 🌹

#admin
@Jon_Targyerian
P O E T I S M

18 Feb, 13:15

661

Kaash koi❤️‍🔥.......
P O E T I S M

18 Feb, 08:36

843

#admin
@ranveerkashyapp
P O E T I S M

17 Feb, 06:12

756

हर कौशल का सामर्थ समझ
जीवन को न यूं व्यर्थ समझ

खेती-बाड़ी करने वाले
धूप-दिहाड़ी करने वाले
पत्नी-बच्चों की खातिर
कष्टों से यारी करने वाले

माटी की रक्षा करने में
अपने प्राण गंवा देते हैं
व्यर्थ नहीं जीवन जीते हैं
चौकीदारी करने वाले

ऊपर वाले की रचना का
उसके करतब का तू अर्थ समझ

जीवन को न यूं व्यर्थ समझ

©रणवीर

#admin
@ranveerkashyapp
P O E T I S M

06 Feb, 13:56

100

~Ahmad Faraz
P O E T I S M

05 Feb, 10:37

363

माँ
बुझे दरख़्तों की क्यारी में
तुलसी जैसी मेरी माँ
याद आई है आज बहुत
कोई राग शनय सी मेरी माँ

मंदिर के प्रांगण में बजती
राधा-मोहन हरि हरि
भजनों सी कानों में घुलती
मिसरी जैसी मेरी माँ

ज़रा जरा सी हर चेहरे पर
अब भी हंँसती-खिलती है
थोड़ी मम्मी थोड़ी चाची
थोड़ी मैं सी मेरी माँ

©रणवीर
(#admin)