विभिन्न सनातनी शास्त्रों में बिखरे पड़े हैं कलियुग-अंत के प्रमाण, सनातनियों को है सचेतन होने की जरूरत
आज से छह सौ वर्ष पहले चैतन्य महाप्रभु के पंचसखाओं ने लिखा कि कलियुग की आयु केवल पांच हजार वर्ष है तो उन्होंने कुछ नयी बात नहीं कही। श्रीमद्भागवत महापुराण समेत सनातनधर्म के विभिन्न शास्त्रों में विभिन्न मनस्वी द्रष्टाओं ने हजारों वर्ष पूर्व कही यही बात बार-बार। इन शास्त्रों में शामिल हैं विष्णु पुराण, वायु पुराण, सूर्य सिद्धांत, मनुस्मृति एवं गर्ग संहिता जैसे सर्वमान्य ग्रंथ। इसलिए सनातनियों को किसी भुलावे में न रहकर इस सत्य के प्रति होना चाहिए यथाशीघ्र सचेत और इस कालखंड का महत्व समझते हुए वह अवश्य करना चाहिए जो आज है करणीय।