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बड़ी समस्याएं छोटे समाधान

Kagaz-Par-Totke (Hindi)

क्या आपने कभी सोचा है कि बड़ी समस्याएं छोटे समाधान से हल हो सकती हैं? अगर नहीं, तो 'Kagaz-Par-Totke' नामक चैनल आपके लिए एक राहत का स्रोत हो सकता है। यह चैनल उन लोगों के लिए है जो छोटे कागज पर टोटके की मदद से अपनी बड़ी समस्याओं का समाधान करना चाहते हैं। nn'Kagaz-Par-Totke' चैनल में आपको विभिन्न प्रकार के टोटके और उपाय मिलेंगे जिनके माध्यम से आप अपनी जिंदगी की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। चाहे वह किसी भी क्षेत्र से जुड़ी हो, जैसे धन, स्वास्थ्य, प्रेम विवाह, या कोई भी अन्य क्षेत्र। nn'Kagaz-Par-Totke' चैनल का उद्देश्य लोगों की मदद करना है और उन्हें जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायता प्रदान करना है। यहाँ आपको अनुभवी टोटका विशेषज्ञों द्वारा सलाह और समर्थन प्राप्त होगा, जो आपकी समस्याओं के समाधान के लिए एक स्थायी समाधान प्रदान कर सकते हैं। nnअब बिना किसी ज्योतिष या तंत्र मंत्र की शरण लिए, 'Kagaz-Par-Totke' चैनल के माध्यम से अपनी जिंदगी को संवारने का निर्णय लें और अपनी समस्याओं का समाधान पाएं।

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30 Oct, 17:21


Kagaz-Par-Totke pinned «नमस्ते , जो लोग सम्पर्क नहीं कर पा रहे हैं वो इस नम्बर पर telegram के द्वारा मैसेज करें। 9810473359 टेलीग्राम के द्वारा ही मैसेज करना हैं। whatsapp के द्वारा नहीं करना हैं। धन्यवाद।»

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30 Oct, 17:20


नमस्ते , जो लोग सम्पर्क नहीं कर पा रहे हैं वो इस नम्बर पर telegram के द्वारा मैसेज करें।
9810473359
टेलीग्राम के द्वारा ही मैसेज करना हैं। whatsapp के द्वारा नहीं करना हैं।
धन्यवाद।

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28 Oct, 04:53


कुंडली का सरल विश्लेषण:

1. लग्न (जन्म का घर) की स्थिति 
इस व्यक्ति की कुंडली में जन्म का घर (लग्न) और उसके मालिक शुक्र ग्रह पर केतु और राहु की नजर है। यानी, लग्न, लग्न का मालिक और इसके कारक सूर्य तीनों पर असर पड़ रहा है। इसका मतलब है कि इन तीनों ग्रहों के कारण इस व्यक्ति के व्यक्तित्व में कुछ संघर्ष रहेगा और उसे अपनी पहचान बनाने में मुश्किलें आ सकती हैं।

2. पाप कर्तरी योग का असर 
लग्न को शनि और मंगल के बीच घिरने से "पाप कर्तरी योग" बन रहा है, जिसका मतलब है कि इस व्यक्ति के जीवन में चुनौतियां और मुश्किलें बनी रहेंगी। इस योग से व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

3. सप्तम भाव और पत्नी सुख 
कुंडली में सप्तम भाव (पत्नी और रिश्तों का घर) पर राहु बैठा है, जो कि उथल-पुथल वाला ग्रह माना जाता है। इस घर का मालिक मंगल बारहवें घर में बैठकर अपनी तीखी नजर से फिर सप्तम भाव को देख रहा है, और सूर्य भी अपनी नजर इस भाव पर डाल रहा है। इसका मतलब है कि इस व्यक्ति के रिश्तों में समस्याएं बनी रहेंगी और उसे पत्नी सुख का अनुभव नहीं मिल पाएगा। इसी सप्तम भाव का असर व्यक्ति के व्यवसाय पर भी पड़ता है, तो यहां भी संघर्ष की संभावना बनी रहती है।

4. नवांश कुंडली में सप्तम भाव 
नवांश कुंडली में भी सप्तम भाव का मालिक मंगल बैठा है और अपनी अलगाववादी (रिश्तों को तोड़ने वाली) प्रवृत्ति दिखा रहा है। इसका अर्थ है कि व्यक्ति को जीवनसाथी से सुख नहीं मिलेगा और रिश्तों में दूरी बनी रह सकती है।

उपाय 
1. राहु के मंत्र का जाप करें और राहु की शांति के लिए हवन करवाएं।
2. रोज "आदित्य हृदय स्तोत्र" का पाठ करें।
3. मंगल की शांति के लिए भी पूजा करें।

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11 Oct, 08:44


https://youtu.be/l-w4XtyEwtk

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09 Oct, 06:56


सरल विश्लेषण

1. व्यापार के लिए महत्वपूर्ण भाव: पंचम भाव (कर्म) और सप्तम भाव (व्यापार) के साथ-साथ गुरु और बुध ग्रह मजबूत होने चाहिए। ये व्यापार में सफलता लाने में मदद करते हैं।

2. अशुभ स्थिति: इस व्यक्ति की कुंडली में पंचम और सप्तम भाव के स्वामी शुक्र और बृहस्पति, 12वें भाव में चले गए। इससे व्यापार में नुकसान होने के संकेत मिलते हैं। राहु की दृष्टि पंचम भाव पर और शनि की दृष्टि सप्तम भाव पर है, जो व्यापार को और कमजोर बनाता है। पंचम और सप्तम भाव दोनों ही व्यापार के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

3. बुध ग्रह का प्रभाव: बुध जो व्यापार का मुख्य कारक है, राहु की दृष्टि में है। इससे व्यापार में और भी मुश्किलें पैदा होती हैं, क्योंकि बुध ग्रह का व्यापार पर सीधा प्रभाव होता है।

4. शनि और केतु की दशा: जब शनि की महादशा में केतु की अंतरदशा आई, तब से व्यापार गिरने लगा। केतु की दृष्टि व्यापार के भाव पर थी, जिससे नकारात्मक असर हुआ और व्यापार में पूरी तरह ठहराव आ गया।

5. दशमांश में स्थिति: कुंडली के दशमांश (जो व्यापार और करियर को दर्शाता है) में शनि अपनी मकर राशि में मजबूत है। यदि यह व्यक्ति लोहा या काले रंग से जुड़े सामान को व्यापार में शामिल करता, तो व्यापार में स्थिरता बनी रहती। लेकिन इसने प्लास्टिक आइटम चुना, जो शनि की ऊर्जा के अनुकूल नहीं था। यदि यह व्यक्ति शुरुआत में ही पंचमेश और सप्तमेश को मजबूत करता और शनि की शांति करवाता, तो शायद इसका व्यापार ठप्प नहीं होता।

इस प्रकार, कुंडली के विश्लेषण से पता चलता है कि ग्रहों की स्थिति व्यापार के लिए अनुकूल नहीं थी।

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07 Oct, 07:58


https://youtu.be/WtUwie0snIg

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06 Oct, 06:29


https://youtu.be/XTvf6Ddz5AM

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04 Oct, 15:42


यंत्रों में त्रिभुज, वृत्त, चौकोर, और अन्य आकृतियाँ बनाई जाती हैं। ये आकृतियाँ ब्रह्मांडीय ऊर्जा और विभिन्न ग्रहों की स्थिति को दर्शाती हैं।
जैसे श्री यंत्र में त्रिभुज, चक्र, और बिंदु (ब्रह्म बिंदु) होते हैं।

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04 Oct, 15:41


कई यंत्रों में अंक विशेष क्रम में या खास तरीकों से लिखे जाते हैं। जैसे, श्री यंत्र में 9 अंक होते हैं, जो धन और समृद्धि का प्रतीक है।

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04 Oct, 15:38


बीज मंत्र शक्तिशाली ध्वनि होते हैं, जो देवताओं की शक्तियों को बुलाने का माध्यम होते हैं। जैसे:
ॐ, ह्रीं, क्रीं, श्रीं, आदि।
ये मंत्र यंत्र की ऊर्जा को सक्रिय करने के लिए होते हैं और उसे विशेष उद्देश्य जैसे धन प्राप्ति, रोग निवारण, या सुरक्षा प्रदान आदि करने में सक्षम बनाते हैं।

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04 Oct, 12:47


https://youtu.be/1UmNv3x8gr4

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03 Oct, 06:17


https://youtu.be/klxSBYDH6z8

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03 Oct, 04:00


माँ के आगमन पर्व# शारदीय नवरात्र की सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। माता रानी सबका मंगल करे, सब के दुख, दर्द, कष्ट दूर करे और सभी को अपने आशीर्वाद से उनके जीवन में खुशी, समृद्धि भर दे।
जय माता दी 💐💐🚩🚩🚩🚩🙏🙏

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02 Oct, 03:56


इस पति-पत्नी की कुंडली का सरल विश्लेषण:

तलाक के कारण:

- रोज़ लड़ाई-झगड़े: यह जोड़ा अक्सर एक-दूसरे से मारपीट करता था। पति ने तलाक की बात उठाई, लेकिन पत्नी भी तलाक चाहती थी। पत्नी को घर और पैसे की चिंता थी। वह चाहती थी कि पति घर छोड़कर कहीं और चला जाए, पर खुद वहीं रहे।

- ज्योतिषीय कारण:

1. स्त्री की कुंडली (लग्न कुंडली):
- सप्तम भाव (जो शादी और पार्टनर का होता है) का स्वामी गुरु, पंचम भाव (प्यार और रोमांस का भाव) में बैठा है। इसका मतलब है कि शादी प्यार से हुई थी।
- लेकिन सप्तम भाव पर केतु, राहु और सूर्य की नज़र है। ये ग्रह शादी के सुख को बिगाड़ रहे हैं, जिससे प्यार की शादी में परेशानियाँ आईं।
- स्त्री की नवांश कुंडली में गुरु सही जगह पर है, पर मंगल के प्रभाव में होने से यह अशुभ योग बन गया। इस वजह से शादी में और दिक्कतें आईं।

2. पुरुष की कुंडली:
- पुरुष की कुंडली में सप्तम भाव का स्वामी बृहस्पति है, जो लग्न में बैठकर सप्तम भाव को देख रहा है। इसका मतलब है कि तलाक के बाद पुरुष को जल्दी दूसरी शादी का प्रस्ताव मिल सकता है।
- पुरुष की कुंडली में शुक्र पाप कर्तरी योग में है, जो पत्नी के साथ सुख बिगाड़ता है। इसके अलावा, शुक्र 12वें भाव में है, जो किसी और स्त्री के साथ संबंधों की ओर इशारा करता है। इसी वजह से पुरुष ने अपनी पत्नी को तलाक देना चाहा।
- सप्तम भाव पर राहु की दृष्टि है, जो अनैतिक संबंधों को बढ़ावा देती है। यह इस पुरुष की शादी में बड़ी परेशानी का कारण बना।
- नवांश कुंडली में सप्तमेश राहु के साथ आकर पति-पत्नी के रिश्ते को और बिगाड़ देता है।

निष्कर्ष:
दोनों ही तलाक चाहते थे। पति के बाहर के संबंध और पत्नी की आर्थिक मांगें उनके बीच विवाद का बड़ा कारण बनीं। इसलिए यह शादी अंत में टूट गई।

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02 Oct, 03:56


यदि समय रहते उपाय किये गए होते तो निश्चित तौर पर शादी को बचाया जा सकता था और जीवन में प्यार व एकता लाई जा सकती थी।

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