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हिन्दी कहानियां (Hindi)

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हिन्दी कहानियां

05 Oct, 05:46


*नौकर से मालिश करवाई तो वासना जाग

मेरे प्यारे दोस्तो, मेरा नाम मिसेज विलाशा है.
मैं 35 साल की हूँ, गोरी चिट्टी हूँ और खूबसूरत हूँ।
मेरा कद 5′ 3″ है और बदन गदराया हुआ है।
मैं एक वर्किंग वीमेन हूँ.

मेरा एंग्लो इंडियन परिवार बड़ा है और घर भी हमारा बहुत बड़ा है।
और इस परिवार की मैं छोटी बहू हूँ।

एक दिन रविवार को मेरा बदन कुछ अकड़ रहा था।
मैं असहज महसूस कर रही थी।

तभी मेरे मन में आया कि क्यों न आज बदन की मालिश करवा ली जाए.

यह सोच कर मैंने घर के नौकर पिंटू को बुला लिया, उससे कहा- पिंटू, आज तुम मेरी मालिश कर दो!

वह एक लाल लाल अंगौछा लपेट कर नंगे बदन मेरे कमरे में आ गया.
मैं उसका कसरती बदन देख कर उस पर मोहित हो गयी।

मैंने कमरा अंदर से बंद कर लिया।

पिंटू 25 साल का मस्त जवान लड़का था.
एकदम गोरा चिट्टा हैंडसम।

मैं ब्रा और पैटी में बेड से नीचे चटाई पर बैठ गयी।

उसने पहले तो मेरे बदन को बिना तेल के खूब दबा दबा कर मालिश की, फिर उसने तेल लिया और मेरे हाथों में, गर्दन में, गले में मालिश की.
मुझे अच्छा लगने लगा, मैं एन्जॉय करने लगी।

फिर उसने मेरी पैरों की मालिश करना शुरू किया।
वह मेरी मोटी मोटी जाँघें अपनी तरफ खींच खींच कर मालिश करने लगा।

उसकी उंगलियां लगभग मेरी चूत तक पहुँचने लगीं थी तो मुझे सुरसुरी होने लगी थी.
लेकिन मैं कुछ बोली नहीं, बस एन्जॉय करती चली गई.

फिर अचानक मेरी नज़र उसके उछलते हुए लण्ड पर पड़ी।
लण्ड उसका साला खड़ा हुआ था।

मैं समझ गयी कि उसकी निगाह मेरी बड़ी बड़ी बाहर निकली हुई चूचियों पर है और वह कुछ गन्दा गन्दा सोच रहा है, तभी उसका लण्ड खड़ा हो गया है।

मैंने लण्ड बड़े गौर से देखा तो मेरी चूत की आग भड़क उठी.
मेरी गांड में भी बहन चोद खुजली होने लगी।

मेरा मन वासना से भर गया.
फिर मैं भी जितना गंदा वह सोच रहा था, उससे ज्यादा गंदा मैं सोचने लगी।
मेरी नीयत उसके जवान लंड पर ख़राब होने लगी, मेरी चूत मुझे परेशान करने लगी.

मुझसे रहा नहीं गया, मैं बोल पड़ी- पिंटू, तेरा लण्ड खड़ा है क्या?
वह अपना लण्ड छुपाता हुआ बोला- नहीं मालकिन, ऐसी कोई बात नहीं है।

मैंने जोर देकर कहा- नहीं ऐसी ही बात है. तू कुछ गन्दा सोच रहा है, मेरे बड़े बड़े दूध देख रहा है।

वह बोला- नहीं मालकिन, अब आप इतनी खूबसूरत हैं, इतनी सेक्सी हैं तो कुछ न कुछ दिख ही जाता है न!

मैंने बहुत औरतों की मालिश की है पर इतनी हॉट कोई औरत नहीं दिखी जितनी हॉट आप हैं.

उसके मुंह से अपनी तारीफ सुनकर मैं अपने आप को रोक नहीं सकी और लपक कर पकड़ लिया उसका लण्ड!

मैंने कहा- तुमने तो कुछ कुछ देखा है पिंटू … मैं तेरा सब कुछ देखूंगी।

ऐसा कह कर मैंने उसका अंगौछा खींच कर बाहर फेंक दिया।
वह मेरे आगे बिल्कुल नंगा हो गया और अपना लण्ड छुपा कर नीचे बैठ गया.
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मैंने उसे उठाया और कहा- शरमाओ नहीं पिंटू … तुम मर्द हो और मर्द कभी शरमाते नहीं!

वह उठ खड़ा हुआ तो मैंने उसका खड़ा लण्ड पकड़ कर हिलाया, लण्ड की चुम्मी ली और जबान निकाल कर लण्ड का टोपा चाटा।
लण्ड बहन चोद और कड़क हो गया।

फिर मैंने अपनी ब्रा और पैंटी खोल दी.
मुझे नंगी देख कर लण्ड साला फुफकार मारने लगा।

मैंने उसे बेड पर चित लिटा दिया और लण्ड मुंह में भर कर चूसने लगी।
वह भी मेरे पूरे नंगे बदन पर हाथ फिराने लगा।

मैंने यूं ही पूछ लिया- तुमने अपनी झांटें कब बनाई थी पिंटू?
वह बोला- कल ही बनाईं थीं मालकिन!
मैंने कहा- अब आज से तुम मेरी झांटें भी बनाया करोगे पिंटू … कोई और नहीं बनाएगा।

यह सुनकर उसके लण्ड में एक और करंट लगा।

मैंने तब अपनी चूत उसके मुंह पर रख दी और वह बड़े प्यार से मेरी चूत चाटने लगा।

मैं झुक कर उसका लण्ड चाटने लगी।
लण्ड उसका 7″ से ज्यादा लम्बा था और मोटा तो इतना था कि मेरे घर में किसी का लण्ड इतना मोटा नहीं है।

मैं बड़ी देर तक मस्त होकर लण्ड चूसती रही।
वह जिस तरह से मेरी चूत चाट रहा था, उससे मैं समझ गयी कि वह कई चूत चाट चुका है।

मेरी चूत उसके चाटने से बहुत ज्यादा गर्म हो गयी।

तब मैं बोली- यार पिंटू, अब रहा नहीं जा रहा … पेल दे अपना हक्कानी लण्ड मेरी चूत में! चोद डाल अपनी मालकिन की चूत … फाड़ डाल मेरी फुदी!

वह भी ताव में आ गया था, वह उठा और नीचे खड़ा हो गया, मुझे अपनी तरफ नंगी नंगी बेड के किनारे घसीट लिया।

उसने मेरी गांड के नीचे तकिया लगा दिया और मेरी दोनों टाँगें फैला दी।
मेरी चूत उसके लण्ड के बिल्कुल सामने आ गई।

उसने लण्ड चूत पर रगड़ा और फिर गच्च से पूरा अंदर घुसा दिया।
मैं ‘उई माँ’ कह कर रह गयी।
वैसे मुझे ज्यादा दर्द नहीं हुआ मुझे क्योंकि मैं बहुत चुदी हुई थी।

पिंटू मुझे घपाघप चोदने लगा।
मैं भी उचक उचक कर उसका साथ देने लगी।

मुझे चुदवाने में मज़ा आने लगा।
पहली बार में ही पिंटू का लण्ड कितना मस्त मज़ा दे रहा है।

मैं सिसकारियां लेती हुई चुदने लगी- उई हो होह … हां ही हय ही हो आ आ … अहा अहा ओहो ऊऊऊ हाय रे क्या मस्त लौड़ा है मादरचोद तेरा!

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05 Oct, 05:46


इस बार वह पहले झड़ गया मैं बाद में झड़ी।

मैंने उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटा और सारा माल गटक गयी.

उसके बाद मैं पिंटू से अक्सर चुदवाने लगी और गांड भी मरवाने लगी।
[1: 🥳🥳🥳🥳
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05 Oct, 05:46


लण्ड इतना मोटा था कि मेरी चूत क्या मेरी गांड भी फटी जा रही थी.
लेकिन मज़ा भी ज़न्नत का मिल रहा था।

कमरे में धच्च धच्च फच्च फच्च की आवाज़ आने लगी.
पर मैंने कोई परवाह नहीं की।
मुझे तो चुदने में आनंद आ रहा था.
मेरी चूत का बाज़ा इतनी अच्छी तरह से पहले किसी ने नहीं बजाया.
25 साल के लण्ड ने मेरे पसीने छुड़वा दिए।
[email protected]
मुझे अफ़सोस हो रहा था कि मैंने इससे पहले पिंटू से क्यों नहीं चुदवाया.

मैं फिर बोली- हाय मेरे राजा पिंटू, मुझे चोद … खूब चोद … अपनी बीवी समझ कर चोद … चीर डाल मेरी चूत! भोसड़ा बना दे मेरी चूत का! तेरा लण्ड जबरदस्त है यार!

मस्ती में मैं कुछ भी बोले जा रही थी।

मैं चुदाई की चरम सीमा तक पहुँच गयी तो मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।
ढीली हो गयी मेरी चूत … निकल गयी ससुरी चूत की पूरी गर्मी।

इतने में उसके लण्ड का फव्वारा निकल पड़ा और सारा वीर्य मेरी चूत पर, मेरी चूचियों पर और मेरे पेट पर जा गिरा।

मैंने हाथ बढाकर उसका लण्ड पकड़ लिया और जितना मिला, उतना वीर्य चाट लिया।

फिर हम दोनों बाथ रूम चले गए.
मैंने साबुन लगा कर उसका लण्ड धोया उसने मेरी चूत, मेरी गांड, मेरी चूचियाँ सब धोयी।

बाहर आकर हम दोनों फिर बेड पर नंगे लेट गए।

मैं उसका लण्ड आहिस्ते आहिस्ते सहलाने लगी वह मेरे दूध मसलने लगा, उन्हें चूमने चूसने लगा.

अचानक मैंने ऐसे ही पूछ लिया- पिंटू, घर में तुमने किसी और को भी चोदा है?
वह थोड़ी देर चुप रहा, फिर बोला- हां चोदा है।

मैंने पूछा- किसको?
तो उसने बताया- बड़ी मालकिन को 2 बार चोदा है।

फिर उसने पूरी बात बताई:

दूसरी बार मुझे चोदते हुए उनकी बेटी साशा ने देख लिया था।
बड़ी मालकिन उसे नहीं देख पाई।
दूसरे दिन साशा मेरे कमरे में आकर पूछने लगी- भैया कल तुम मेरी मम्मी के साथ क्या कर रहे थे?

अब मैं उससे कुछ छिपा तो सकता नहीं था और फिर वह भी 20 साल की जवान लड़की थी, सब समझती थी.
तो मैंने कहा- हां मैं तुम्हारी मम्मी को चोद रहा था।

वह बोली- अच्छा तुमने मेरी मम्मी को चोदा है तो मुझे भी चोदो।
यह सुनकर मेरी हालत ख़राब हो गई।
मैं पसीने पसीने हो गया.

तब उसने कहा- पिंटू भैया, घबराओ नहीं। मैं चुदवाऊंगी नहीं लेकिन तेरा लण्ड पकड़ कर जरूर चूसूंगी।
ऐसा बोल कर वह मेरे पाजामे का नाड़ा खोलने लगी।
मैं मना नहीं कर सका।

पजामा खुला तो मैं नंगा हो गया.
उसने भी अपनी चूचियाँ खोल दीं तो मैं और उत्तेजित हो गया.

फिर उसने मेरा खड़ा लण्ड मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दिया, बोली- भैया, अब मुझे मालूम हुआ कि मेरी मम्मी तुमसे क्यों चुदवाती हैं.
मैंने पूछा- क्यों चुदवाती है?
तो उसने बताया क्योंकि उन्हें मोटे लण्ड पसंद हैं.

मैंने पूछा- तुम्हें कैसे मालूम?
तो उसने बताया- मेरी मम्मी एक दिन बुआ जी से कह रहीं थीं कि मुझे मोटे लण्ड पसंद हैं, तब मुझे पता चला.

फिर साशा ने इतनी मस्ती से मेरा लण्ड चूसा कि मैं उसके मुंह में ही झड़ गया।
फिर वह हसंती हुई चली गयी.

उसकी बातों से मेरी चूत फिर से गरमा गयी।
मैंने कहा- पिंटू यार, एक बार और चोदो मुझे!
उसने कहा- ठीक हैं मालकिन … इस बार मैं आपको घोड़ी बनाकर चोदूँगा।

फिर क्या … मैं घोड़ी बन गयी और उसने लण्ड पीछे से एक ही बार में पूरा पेल दिया।
लण्ड चूत में अंदर तक घुसा तो मैं सातवें आसमान में पहुँच गयी।
इस बार मुझे चुदवाने में ज्यादा मज़ा आने लगा था।

उसने मेरी कमर अपने दोनों हाथ से पकड़ रखी थी और बार बार आगे पीछे करता हुआ चोद रहा था।
मैं भी अपनी गांड आगे पीछे करती हुई चुदवा रही थी.

उसका लण्ड भी घोड़े के लण्ड की तरह था।
मुझे चुदाई का परम आनंद आ रहा था.

वह बीच बीच में मेरी गांड में उंगली करता जा रहा था, मुझे अच्छा लग रहा था.
मैं सोचने लगी कि अगर एक लण्ड और होता तो गांड में भी पेलवा लेती।

पिंटू ने तब तक 2 उंगली मेरी गांड में घुसेड़ दी और फिर 3 उंगली भी।
वह धकाधक चूत चोदे जा रहा था.

फिर अचानक उसने लण्ड चूत से निकाल कर गांड में पेल दिया।
लण्ड तो बहनचोद गीला था ही … चूत के रस से पूरा सना हुआ था तो सरसराता हुआ साला पूरा का पूरा घुस गया गांड में!

मेरे मुंह से निकला- अबे वो बहन के लौड़े, ये तूने क्या किया? लण्ड मेरी गांड में ठोक दिया?
वह बोला- हां मालकिन! उस दिन मैंने बड़ी मालकिन की गांड मारी थी तो मैं समझा शायद तुमको भी गांड मरवाना अच्छा लगे. तो मैंने ठोक दिया।

मैंने कहा- ठीक है, अब ठोंक ही दिया है तो ठीक से चोद मेरी गांड!

यह सुनकर उसने चुदाई की रफ़्तार बढ़ा दी और मस्ती करने लगा.
वह लण्ड कभी गांड में पेलता, कभी चूत में!
फिर कभी चूत में तो कभी गांड में!

यही करता रहा बड़ी देर तक … और मुझे चुदाई में एक नए तरीके का मज़ा मिलता रहा।

मैंने मन में कहा कि ये पिंटू है साला बड़ा मजेदार आदमी … और बड़े काम का भी है।
मैं तो इसके लण्ड की दीवानी हो गयी हूँ।

इस तरह मैंने उससे गांड चूत दोनों चुदवाई और खूब मज़ा लिया।
पिंटू का लण्ड मेरे दिल में समा गया था.

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05 Oct, 05:46


मालिश करवाई नौकर से

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05 Oct, 05:42


*मेहमानघर-2*

अनजाने में मुझ से ज़रा ज़ोर से स्तन दब गया तो सुलू के मुँह से आह निकल पड़ी। मैंने स्तन छोड़ दिया।

पूर्वी सब देख रही थी…

वो बोली- भैया, ज़रा धीरे से दबाओ ना, अभी कच्चे हैं।

मैं- इतने बड़े और कच्चे? मौसी, तेरे स्तन कच्चे हैं क्या?

जवाब में उसने मेरा हाथ पकड़ कर फिर अपने वक्ष पर रख दिया। मैंने फिर स्तन सहलाए, दबोचे और मसल डाले।

इधर मेरे हाथ चूचियाँ मसल रहे थे और मुँह उसके होंठ चूस रहा था, उधर उसने मेरा खड़ा हुआ लंड पकड़ लिया। पूर्वी के हाथ भी अपनी पैंटी में घुसे हुए थे और उसके मुँह से सी..सी.. आवाज़ निकल रही थी। उसका चेहरा भी गुलाबी हो गया था।

मैंने उसे अपने पास बुला लिया। वो आकर मेरे पीछे बैठ गई और मुझसे चिपक गई, उसके छोटे छोटे कड़े स्तन मेरी पीठ से दब गये।

अब सुलू मौसी मेरा लंड सहलाने लगी थी, तन कर मेरा लंड पूरा सात इंच लंबा और लोहे जैसा कड़ा हो गया था। सुलू ने डोरी खोल कर पाजामा नीचे उतार दिया लेकिन कच्छे में से लंड बाहर निकाल ना सकी। तब मैंने ही कच्छा उतारा और जैसे ही लंड आजाद हुआ, मौसी ने तुरंत हथेली में थाम लिया।

देख कर पीछे से पूर्वी बोली- भैया, इतना बड़ा आपका लंड? मुझे डर लगता है।

मैं- तू देखती रहना, मौसी की चूत आराम से यह लंड ले सकेगी, है ना मौसी?

कुछ बोले बिना सुलू मेरी गोद से सरक कर ज़मीन पर आ बैठी। मैं सोफ़े पर बैठा रहा, पूर्वी मेरे पीछे बैठी थी। सुलू ने मुट्ठी में लंड पकड़ा हुआ था।

हौले हौले सुलू मुठ मारने लगी, लंड ने काम-रस बहाना शुरू कर दिया। सुलू ने लंड की टोपी ऊपर खींच कर मटका खुला किया और उस पर जीभ फिराई। लंड ने ठुमका लगाया, आगे झुक कर मौसी ने लंड का मत्था अपने मुँह में लिया और चूसने लगी, सिर हिला कर लंड को अंदर-बाहर करने लगी।

पीछे से पूर्वी बोली- भैया, मैं पकड़ लूं?

मैंने हाँ कहा तो अपनी कोमल उंगलियों में लंड की डण्डी पकड़ कर वो फिर बोली- भैया, यह तो तन कर लोहे जैसा हो गया है, आपको दर्द नहीं होता?

मैं- ना, दर्द नहीं होता, मजा आता है तू ऐसे ऐसे मुठ मार !

सुलू ने पूर्वी की कलाई पकड़ ली और दिखाया कि कैसे मुठ मारी जाती है।

मुट्ठी में लंड लिए पूर्वी मुठ मारने लगी लंड का मत्था ओर फूल गया। मौसी का मुँह भर गया, मौसी चूसती रही।

उन दोनों की हरकतों से मेरा लंड फटा जा रहा था, वो भरपूर लार उगल रहा था और ठुमके पर ठुमका लगा रहा था, मुझे लगा कि मैं मौसी के मुँह में ही झर जाऊँगा।

वो दोनों भी काफ़ी उत्तेजित हो गई थी।

अब मुझ से रहा नहीं गया, मैंने सुलू के मुँह से लंड निकाला और पूर्वी के हाथ से छुड़ा लिया, सुलू को उठा कर पलंग पर ले गया, उसे चित लेटा कर मैंने घाघरी की डोरी खींच दी।

शरम से उसने थोड़ी देर तक खुली हुई घाघरी पकड़े रखी लेकिन बाद में ख़ुद ही उसने अपने कूल्हे उठा कर उतारने दिया।

सुलू ने पेंटी नहीं पहनी थी, घाघरी हटते ही उसकी जांघें और भोस खुले हुए, मेरी उंगलियाँ उसकी चिकानी जांघें और काले झांट से ढकी हुई भोस के साथ खेलने लगी।

पूर्वी बोली- मौसी, तेरी भोस बहुत सुंदर दिखती है, और ये सुवास भी वहीं से आ रही है?

मैंने कहा- पूर्वी, तू ऊपर आ जा ! मौसी तुझे फ़्रेच किस सिखाएगी और तू उसकी निप्पल भी चूसना।

गोरी गोरी भरपूर जांघें देख कर मेरा लंड और ज़्यादा तन गया, दो जांघों के बीच खड्डा सा हो गया था, जिसके तल में था मौसी का सबसे रसीला अंग, उसकी भोस !

जब जांघें जोड़ कर रखती थी तब भोस का थोड़ा हिस्सा ही दिखाई दे रहा था। मैंने जांघें चौड़ी करने की कोशिश की लेकिन नाकामयाब रहा।

शर्म से सुलू ने जांघें सटाए रखी, खोलने नहीं दी।

मैंने कहा- मौसी, तू पूर्वी को फ़्रेंच किस सिखा !
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सुलू ने तुरंत अपना मुँह पूर्वी के मुँह से लगा दिया, वो दोनों किस करती रही और मैं हाथ से जांघें सहलाते हुए स्तन पर चुंबन करने लगा, काफ़ी देर तक निप्पल भी चूसी। हौले हौले मैं उसके पेट पर और पेट पर से जाँघ पर चुंबन करने लगा। उसको गुदगुदी होने लगी और जाँघ की पकड़ नर्म पड़ी। अब मेरा हाथ दो जाँघ बीच जा सका। मैंने हौले से जांघें चौड़ी की, इस बार उसने विरोध किया नहीं।

बाद में उसने ख़ुद पाँव ऊपर उठा लिए। उत्तेजना से सूजे हुए बड़े होंठ वाली सुलू की भोस कामरस से गीली थी, गुलाबी रंग के कोमल छोटे होंठ सूज कर दरार से बाहर निकल आए थे, तीन इंच लंबी दरार के अगले कोने में उसकी क्लैटोरिस थी, क्लैटोरिस एक इंच लंबी होगी, मोटी क्लैटोरिस का मत्था छोटी सी चेरी जैसा था और काम रस से चमक रहा था। पेड़ू पर और बड़े होंठ के बाहरी भाग पर काले घुंघराली झांट थी जो उसने काट रखी थी। भोस से ख़ुशबू आ रही थी। जैसे मैंने भोस पर चुंबन किया, सुलू कूद पड़ी, बाल पकड़ कर मेरा सर हटा दिया।
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05 Oct, 05:42


मैंने मौसी की पिक्की को छोड़ा नहीं, उंगलियों के हल्के स्पर्श से बड़े होंठ सहलाने लगा। क्लैटोरिस को ज़्यादा कड़ी होती हुई मैं देख रहा था। थोड़ी देर भोस सहलाने के बाद मैंने फिर मेरे होंठ क्लैटोरिस से चिपका दिए। मौसी पूर्वी साथ फ़्रेंच किस में लगी हुई थी इसलिए इस बार उसने मेरा सिर हटाया नहीं।

मैं अब जीभ से क्लैटोरिस टटोल सका और होंठों बीच लेकर चूस सका।

सुलू के नितंब हिलने लगे, भोस के होंठ चौड़े करके मैंने दो उंगलियाँ चूत में डाली और जी-स्पोट ढूँढ लिया। क्लैटोरिस चूसते चूसते मैंने जी-स्पोट सहलाया।

सुलू से सहा नहीं गया, उसने पूर्वी के कान में कुछ कहा।

मैं- क्या कहती है मौसी?

पूर्वी- कहती है कि अब कितनी देर लगाओगे? भैया, क्यूं तड़पाते हैं बेचारी को? डाल भी दीजिए ना आपका लंड !

मैं- मौसी, तैयार हो?

वो कुछ बोली नहीं, आँखें बंद कर मुस्कुराती रही। पूर्वी बगल में खड़ी देखने लगी, मैं सुलू की जांघों बीच खड़ा हो गया, उसके नितंबों के नीचे एक छोटा तकिया रख दिया जिससे पिक्की मेरे लंड के लेवल में आ सकी। एक हाथ में मैंने लंड पकड़ा और दूसरे से भोस चौड़ी की, लंड का मत्था चूत के मुँह पर रख कर मैंने हल्का दबाव दिया, मत्था चूत के मुँह में जा फँसा।

सुलू की चूत गीली थी और लंड का मत्था भी गीला था। फिर भी लंड को अंदर घुसने में देर लगी, मैंने पूछा- दर्द होता है क्या?

बोले बिना उसने मेरे कूल्हे अपनी ओर खींचे और चूत सिकोड़ कर लंड का मत्था दबाया, हल्के दबाव से मैंने सरकाते हुए आधा लंड चूत में उतार दिया।

मैं रुक गया, लंड ने ठुमका लगाया और चूत को ओर चौड़ी कर दिया। मैंने लंड वापस खींचा और रुके बिना ऐसे ही अंदर डाल दिया। अबकी बार पूरा लंड चूत में घुसने पर ही मैं रुका। लंड ने फिर ठुमका लगाया, चूत ने सिकुड़ कर जवाब दिया। सुलू ने मुझे अपने बदन पर खींच लिया और मुँह से मुँह चिपका कर ज़ोरों से फ़्रेंच किस करने लगी।

मैं हाथों के बल ऊपर हुआ, दोनों के पेट बीच से भोस की ओर देखते हुए मैंने लंड निकाला। सुलू के हाथ मेरे कूल्हों पर थे, उसने मुझे रोक दिया, पूरा लंड निकालने ना दिया, लंड का मत्था चूत के मुँह में आने तक मैंने लंड निकालाऔर लंड से ठुमका मरवाया। ठुमके से लंड थोड़ा सा ओर मोटा हुआ और चूत का मुँह ओर चौड़ा कर दिया. चूत ने भी सिकुड़ कर लंड का मत्था दबाया, सर्र सर्र करके फिर से मैंने लंड चूत में उतार दिया। यह खेल हम काफ़ी देर तक खेलते रहे, चूत और लंड काम रस से लथपथ हो गये। हमारी उत्तेजना बढ़ती रही।

अब मैंने हल्के धक्कों से सुलू मौसी को चोदना शुरू किया। शुरुआत में संभल कर लंड डालता रहा क्यूंकि उसकी चूत छोटी थी और मेरा लंड था मोटा।

जैसे जैसे चुदाई चली, वैसे वैसे चूत खुली होती चली, काम रस भी बहता चला और लंड आसानी से अंदर-बाहर होने लगा। लंड की मोटाई से भोस की दरार गोल बन गई थी और क्लैटोरिस खींच कर चूत की ओर आ गई थी। इससे हुआ क्या कि लंड के हर धक्के के साथ क्लैटोरिस लंड की डण्डी के साथ घिसने लगी। सुलू ने मुझे बाद में बताया था कि ऐसी हरकत से उसे बहुत मजा आता था, क्लैटोरिस से निकला बिजली का करंट सारे बदन में फैल जाता था। मेरे धक्के के साथ साथ वो भी अपने नितंब इस कदर हिलाती थी कि जिससे चूत के हर कोने तक लंड का मत्था पहुँच जाए। हौले होले मेरे धक्के की रफ़्तार बढ़ने लगी

देखते देखते में सुलू की योनि फट फट फटाके मारने लगी, वो मछली की तरह छटपटाने लगी, मेरे हाथों और कंधों पर दाँत गाड़ दिए, नाख़ून से मेरी पीठ खरोंच डाली। मैं तेज़ और गहरे धक्के से चोद रहा था और वो भी नितंब घुमा-घुमा कर लंड का मंथन कर रही थी। फिर भी वो परम आनन्द पर नहीं पहुँच पा रही थी। मुझे लगा कि उसका ओर्गैस्म करवाए बिना ही मैं झर जाऊँगा।

मैंने पूर्वी से कहा- पूर्वी, उंगली से देख तो ज़रा मौसी की क्लैटोरिस कैसी है।

हमारे पेट बीच हाथ डाल कर पूर्वी ने मौसी की भोस टटोली, मेरे धक्के चालू ही थे, इस दौरान जैसे पूर्वी ने क्लैटोरिस छुआ कि सुलू को ज़ोरों का ओर्गैस्म हो गया, अपने हाथ पाँव से वो मुझसे लिपट गई, कूल्हों से झटके देने लगी, चूत से लंड निचोड़ने लगी, उसका सारा बदन तीस सेकंड के लिए अकड़ गया, उसके रोएँ खड़े हो गये, आँखें मिंच गई और मुँह से लार निकल पड़ी।

वो बेहोश सी हो गई, ओर्गास्म का आफ़्टर शोक दो मिनट तक चला।

मेरे लंड ने भी हार क़बूल कर ली, चूत की गहराई में लंड को दबाए हुए मैं ज़ोर से झरा। मेरे वीर्य से सुलू की सिकुड़ी चूत छलक गई।मैंने लंड निकाला और सुलू शिथिल होकर पलंग पर ठीक से लेटी रही। मैंने बाथरूम में जाकर पेशाब किया और लंड धोया।
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05 Oct, 05:42


*मेहमानघर-1*

हमारे पिताजी गाँव के मुखिया थे। परिवार में मैं, माताज़ी केसर बा और मुझ से दो साल छोटी पूर्वी, इतने थे।

गाँव बीच बड़ा मकान है, जहाँ हम रहते थे।

इसके अलावा गाँव से बाहर दूसरा मेहमान घर था जहाँ हमारे मेहमान रहते थे। अस्सी बीघा ज़मीन की किसानी थी हमारी।

यह घटना घटी तब मैं 20 साल का था और नया नया मेडिकल कॉलेज में भरती हुआ था। उस वक़्त मेरे लिए चुदाई अनजानी चीज़ नहीं थी क्यूंकि तब तक मैं मज़दूरों की तीन लड़कियों को चोद चुका था।

कालेज से जब पहला वेकेशन मिला तब मैं घर आया। उस वक़्त हमारे घर कुछ मेहमान भी आए हुए थे, माताज़ी की चाची साकार बा, उनकी लड़की सुलोचना और उनकी बड़ी बहन शांता बा। माताज़ी के चाचा मेरे नाना से 15 साल छोटे थे और साकार बा उनकी तीसरी पत्नी थी इसी लिए वो माताज़ी से उमर में छोटी थी। सुलू मौसी उनकी सबसे छोटी लड़की होने से पूर्वी के बराबर थी, 18 साल की। माता जी के चाचा कई साल पहले मर चुके थे लेकिन साकार बा इंदौर के नज़दीक एक छोटे शहर में अच्छा सा बिजनेस चलाती थी और काफ़ी मालदार थी।

सुलू मौसी को मैंने बचपन से देखा था लेकिन जवान सुलू की बात ही और थी, पाँच फ़ीट चार इंच लंबा पतला और गोरा बदन, हेमा मालिनी जैसा चहेरा और काले काले लंबे बाल थे उसके। सीने पर गोल गोल स्तन थे जो इतने बड़े नहीं थे लेकिन छुप भी नहीं सकते थे, वो जब चलती थी तब स्तन और चौड़े नितंब थिरक जाते थे, किसी नामर्द का लंड भी खड़ा कर दे ऐसा उसका बदन था।

मैंने तो पहले ही दिन बाथरूम में जाकर उसके नाम हस्त मैथुन कर लिया था और उसे चोदने का विचार कर लिया था।

सुलू मौसी और पूर्वी हिल मिल गई थी और सारा दिन खुसर-पुसर बातें किया करती थी।

एक बार सुलू मुझे गौर से देख रही थी कि मैंने उसे पकड़ लिया।

नज़र चुरा के वो मुस्कुराने लगी। फिर जब हमारी नज़रें मिली तो वो शरमा गई, मेरे दिल में आशा जगी कि कभी ना कभी यह दाल गलने वाली है। एक बार सीने से दुपट्टा गिरा कर नीचे झुक कर उसने मुझे अपने स्तनों की झाँकी करवाई, मैंने पैंट के अंदर खड़ा हुआ मेरा लंड दिखाया। बनावटी ग़ुस्सा किए उसने मुँह फेर लिया, उसके होंठों पर की मुस्कान मुझसे छुप ना सकी।

एक दिन मौक़ा देख कर मैंने पूर्वी को पकड़ा और पूछा- तुम दोनों आपस में क्या खुसर पुसर बातें करती रहती हो?

मुँह पर उंगली रख कर चुप रहने का इशारा करते हुए पूर्वी बोली- भैया, आप सुनेंगे तो ताज्जुब रह जाओगे, ग़ुस्से ना हों तो !

मैं- ऐसी भी क्या बात है?

पूर्वी- वो उसकी बात करती है।

मैं- वो क्या? साफ़ साफ़ बता वरना मैं माताज़ी से बोल दूँगा।

पूर्वी- ना ना भैया, ऐसा मत करना, पिताजी ऐसी बातें सुन लेंगे तो मुझे मार डालेंगे।

मैं- ऐसा तूने क्या किया है जो इतना डरती हो?

पूर्वी- कसम खाओ मेरे सर पे हाथ रख के, किसी से नहीं बोलेंगे आप !

मैंने कसम खाई।

वो बोली- भैया, सारा दिन वो चु… चु…

पूर्वी आगे बोल ना सकी, शर्म से उसका चहेरा लाल हो गया।

मैंने कहा- …चुदाई की बातें करती है?

पूर्वी- हाँ हाँ, बस यही !

मैं- इसमें डरने की क्या बात है? तू तो जानती है कि चुदाई क्या है और कैसे की जाती है और दूसरे, तू अक्सर अपनी उंगलियों से भोस के साथ खिलवाड़ करती है, यह मैं जानता हूँ ! है ना?

पूर्वी ने अपना चेहरा ढक लिया और बोली- आप भी क्या भैया? वैसे मैं भी जानती हूँ कि आप स्नान के वक़्त आपके… के… वो जो है ना आपका? … जो लंबा और मोटा हो जाता है…?

मैं- बस कर, मैं समझ गया ! क्या कहती है सुलू मौसी?

पूर्वी- कहती है कि उसे हमेशा चु… वो करवाने को दिल बना रहता है हमेशा उसकी … की … जो दो पाँव के बीच है ना, वो गीली गीली रहती है और उसकी पेंटी बिगड़ी रहती है कभी कभी वो रबड़ का बनाया ल … छीः छीः मैं नहीं बोल सकती !

मैं- रबड़ का लंड इस्तेमाल करती है, यही ना? इसको डिलडो कहते हैं।

पूर्वी- भैया ! आपने देखा है ये डी… डिलडो?

मैं- मुझे क्या ज़रूरत डिलडो देखने की? मेरे पास तो इनसे अच्छा असली है तूने देख भी लिया है, है ना?

पूर्वी फिर शरमाई और बोली- भैया, कैसी बातें करते हैं आप? हाँ, वाकई आप का वो …

मैं- वो वो नहीं, साफ़ साफ़ बोल, लंड ! बोल ल…न्ड !

शर्म से सिमट ती हुई पूर्वी बोली- छी, छी… भैया, कँवारी लड़की ऐसा नहीं बोलती। वाकई आपका वो बहुत अच्छा है, मेरी भाभी बड़ी ख़ुशनसीब होगी।

मैं- एक बात बता, सुलू ने तेरे साथ कुछ किया है?

तब पूर्वी ने बताया कि एक बार उन दोनों ने समलैंगिक संभोग किया था। सुलू ने अपनी भोस पर डिलडो इस्तेमाल किया था लेकिन पूर्वी ने मना कर दिया था।

पूर्वी ने यह भी बताया कि सुलू मेरी ख़ूब तारीफ़ कर रही थी। पूर्वी की राय थी कि सुलू मौसी मुझसे चुदवाने के लिए तैयार थी।

यह हुई ना बात?

मैं ख़ुश हो गया और बोला- पूर्वी, तू उसे बता देना कि वो भी मुझे ख़ूब पसंद है और मैं उसे चोदना चाहता हूँ।

शरारती हंसते हुए वो बोली- मैं क्यूं बताऊँ? मुझे क्या फ़ायदा?

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05 Oct, 05:42


मैं- फ़ायदा? चल, तू जो मांगेगी, वो दूँगा।

पूर्वी- अच्छा? जो चाहे सो माँगूँ?

मैं- माँग के देख तो सही।

पूर्वी- अच्छा तो मांगती हूँ, आप और मौसी जब वो करें तब…

मैं- फिर वो वो बोली? मांगना हो तो साफ़ बोलना पड़ेगा।

पूर्वी- हाँ, आप और मौसी जब चुदाई करें, तब मैं भी वहाँ रहूँगी, देखूंगी !

मैं- तू क्या करेगी वहाँ रह कर?

पूर्वी- मुझे देखना है कि मेरे भैया का तगड़ा… तगड़ा… वो… वो… लंड मौसी की चूत में आते जाते कैसे चोदता है।

मैं- और देखते देखते तुझे भी चुदवाने का दिल हो गया तो?

पूर्वी- तो आपका दूसरा वरदान इस्तेमाल करूँगी।

मैं- दूसरा वरदान? कौन सा?

दूसरे ही दिन शाम का खाना खाकर हम सब मेहमानघर गये।

पूर्वी ने कहा- फ़िल्म किसको देखनी है?

सबने हाँ कहा। रात के दस बजे पूर्वी ने वीडियो कैसेट लगाई और ब्लैक एंड व्हाइट इंग्लिश फ़िल्म शुरू हुई। हम तीन जवानों को योजना का पता था इसी लिए कुछ नहीं बोले लेकिन थोड़ी ही देर में साकार बा और शांता बा थक गई।

साकार बा ने कहा कि वो बोर हो रही है और सो जाना चाहती है।

हमने कहा कि हमें फ़िल्म देखनी है।

नतीजा यह आया कि वो दोनों बुज़र्ग गाँव वाले घर को चली गई हम तीनों को अकेला छोड़ के !

बस हमें और क्या चाहिए था?

आख़िर सुलू बोली- मुझे भी नींद आ रही है, मैं चलती हूँ।

मैं- मौसी, अपने भांजे के साथ नहीं बैठोगी थोड़ी देर?

पूर्वी- हाँ, मौसी, भांजा बेचारा कब से तरस रहा है और भांजे का वो भी !

शर्माते हुए सुलू बोली- तू भी क्या, पूर्वी?

पूर्वी- सच कहती हूँ, वो देखो क्या है जिसने भैया का पैंट को तंबू बना रखा है?

वाकई मेरा लंड सुलू को चोदने के ख्याल से ही तन गया था।

मौसी कुछ बोली नहीं, शरम से उसका चहेरा गुलाबी हो गया.. अच्छी मुस्कान के साथ वो दाँत बीच उंगली काटने लगी, मैं उठ कर उसके पास चला गया, पजामे में झूलता मेरा लंड देख वो ज़्यादा शरमाई।

जाकर मैं उसकी बगल में बैठ गया। उसके कंधे पर हाथ रख कर मैंने कान में पूछा- मौसी, मुझे चोदने दोगी ना?

उसने अपना चहेरा ढक दिया और बोले बिना सिर हिला कर हाँ कहा। मैंने सुलू के कान पर चुंबन किया तो उसके रोएँ खड़े हो गये, सिमट कर वो मेरे पहलू में आ गई, कान पर से मेरा मुँह उसके गाल पर उतर आया।

गाल पर किस करते हुए मैंने उसे मेरी ओर घुमाया और आगोश में ले लिया। उसने अपने हाथों की चौकड़ी बना कर सीने से लगा रखी थी। मैंने होंठों से उसके होंठ छू लिए !

कितने कोमल और मीठे थे उसके होंठ !

पहले मैंने होंठ छुए, दबाए नहीं, जीभ निकाल कर मैंने उसके होंठ पर फिराई तो उसने मुँह हटा लेने की कोशिश की, शायद वो पहली

बार फ़्रेंच किस कर रही थी। ज़ोर लगा कर मैंने उसका सर पकड़ा और चुम्मी जारी रखी। हजारों कहानियाँ हैं अन्तर्वासना पर !

थोड़ी ना नुकर के बाद जब उसे मजा आने लगा तब उसने मुझे खूब चूमा चाटी करने दी। उसका नीचे वाला होंठ मेरे मुँह में लेकर मैंने चूसा, जीभ उसके मुँह में डाल कर मैंने चारों ओर घुमाई।

उसने ज़ोरों से अपने होंठ मेरे होंठों से चिपका दिए मेरी जीभ से उसकी जीभ खेलने लगी।

किस चालू रखते हुए मैंने उसके हाथ पकड़ कर मेरी गर्दन से लिपटाये। ऐसा करने से उसके स्तन मेरे सीने से लग गये। मैंने जब आलिंगन किया तब उसके भारी स्तन मेरे सीने से दब कर सपाट हो गये। थोड़ा सा अलग होकर मैंने ओढ़नी का पल्लू हटा दिया और चोली में क़ैद उसके स्तनों पर हाथ फ़िराया। उसने मेरी कलाई पकड़ ली लेकिन हाथ हटाया नहीं। उसके गोल गोल कठोर स्तन मैंने सहलाए और धीरे से दबाए। पतले कपड़े से बनी टाइट चोली के आर-पार कड़े चुचूक मेरी उंगलियों ने ढूँढ लिए। छोटे से चुचूक पर मैंने उंगली फिराई, तब वो ज़्यादा तन गई। कई देर तक मैं दोनों उरोजों और चुचूकों के साथ खेलता रहा।

सुलू मौसी उत्तेजित होती चली गई।

मेरा हाथ अब चोली के हूक्स पर गया, एक के बाद एक कर के मैंने सब हूक खोल दिए। जब चोली खुल गई तब पता चला कि उसने ब्रा पहनी नहीं थी।

ज़रूरत ही कहाँ थी?

उसके नंगे स्तन मेरी हथेलियों में क़ैद हो गये, उसकी साँस की रफ़्तार बढ़ने लगी।

मैंने ज़्यादा लड़कियाँ चोदी नहीं थी, लेकिन जितनी चोदी थी उनमें से किसी के स्तन सुलू के स्तन जैसे सुंदर नहीं थे। उसके स्तन बड़े-बड़े, गोल, भारी और कठोर थे, मेरी हथेलियों में समाते नहीं थे। चिकनी चमड़ी के नीचे ख़ून की नीली नसें दिखाई दे रही थी। दो इंच के एरोला गुलाबी-भूरे रंग के थे।

एरिओला के बीच किशमिश के दाने जैसे कोमल चुचूक थे जो उस वक़्त उत्तेजना से कड़े हो गए थे।

उंगलिओं से मैंने एरिओला टटोली और निप्पल को चुटकी में लेकर मसला।

अनजाने में मुझ से ज़रा ज़ोर से स्तन दब गया तो सुलू के मुँह से आह निकल पड़ी। मैंने स्तन छोड़ दिया।

पूर्वी सब देख रही थी…

कहानी जारी रहेगी
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05 Oct, 05:41


मेहमान घर आया

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02 Oct, 05:25


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26 Sep, 07:48


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गर्म मामी की गांड फाड़ चुदाई

देसी इंडियन Xxx कहानी में मैं मामी के साथ दोस्तों जैसा व्यवहार करता था. वे मुझे पसंद करती थी. एक बार मैंने उन्हें नंगी नहाती देख लिया. तो क्या हुआ?

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनुराग है।
मेरी उम्र 24 साल है।
मेरा लंड 7 इंच का है, मैं नागपुर से हूं।

यह दो साल पहले की देसी इंडियन Xxx कहानी है जब गर्मी की छुट्टियाँ हुई थी।

मेरा घर, मेरे मामा के घर से लगभग 4 किलोमीटर दूर है।

मामी मुझे बहुत पसंद करती थी।
हम दोनों में काफ़ी सारी बातें हुआ करती थी।

वे अपने हर गहरे राज़ मुझ से कहती थी, क्लोज फ्रेंड की तरह रहते थे मामी और भांजा।

हम दोनों काफ़ी सारी बातें एक दूसरे से शेयर करते थे, यहाँ तक कि नॉनवेज बातें भी!
कई बार मामी मुझे नहाते समय सामने बैठा लिया करती और दूध के दर्शन करा देती।

बातों ही बातों में मामी के बारे में बताना भूल गया दोस्तो!
मुझे माफ़ करना।

मेरी मामी की उम्र 30 साल है।
वे एक ‌साल की बेटी की माँ है।

उनका गदराया बदन, कामुक आंखें, दूध-सी गोरी बड़ी-बड़ी चूची, बड़ी फूली हुई गांड लगभग 38-40 … आप समझ ही सकते हो!
मैं उनके दूध और गोरी गांड का दीवाना था।

जब भी मौका मिलता, मैं उन्हें दबा कर सुख ले लेता था।

कई बार मामी मुझे सामने बैठा कर आंगन में नहाते समय अपनी चूची को मसल-मसल कर साबुन लगाती और इतराती हुई मुझे दिखाती थी।

मेरा भी जी मचल जाता … लेकिन कभी पास जाकर दबा कर मज़ा लेने की हिम्मत नहीं हुई‌।

एक बार की बात है, मामी की बेटी स्कूल गयी हुई थी।
मम्मी ने मुझे मामी के घर से कुछ सामान लाने भेजा था‌।

मामा काम पर गये हुए थे, मामी घर पर अकेली थी.

मैं जैसे ही घर पहुँचा, गेट पर घंटी बजायी और आवाज़ लगायी.
पर मामी ने कुछ भी जवाब नहीं दिया।

उस समय दिन के 11 बज रहे थे।

मैंने सोचा कि मामी कुछ काम कर रही होगी।
तब मैंने गेट को धक्का दिया तो गेट खुल गया।

मैं जैसे ही अंदर पहुँचा, आंगन में जाकर मामी को आवाज़ लगायी‌।

मैंने देखा कि मामी मादरजात़ नंगी, झुक कर अपनी चूत में उंगली करते हुए साबुन लगा रही थी और उनके एक-एक किलो के नंगे चूचे पेंडुलम की तरह झूल रहे थे।
यह नजारा देखते ही बन रहा था।

मेरा लौड़ा लोहे की रॉड की तरह खड़ा हो गया।
मेरी नजरें रंडी मामी के दूध से हट ही नहीं रही थी.
मैं लार टपका-टपका कर 1-1 किलो के चूचे आंखें फाड़-फाड़ कर देख रहा था।

तभी मामी ने मुझे देख कर हड़बड़ा कर चूत से हाथ बाहर निकाल लिया और कहने लगी- आ गया मेरा रंडवा भांजा, आख़िरकार आज तूने मुझे पूरी नंगी देख ही लिया! अब देखते ही रहेगा या कुछ करेगा भी?

मैं झट से अपने सारे कपड़े निकाल कर नंगा होकर मामी के पास गया और उनके चूचे दोनों हाथों से दबाते हुए उन पर पानी डालने लगा।
पूरे शरीर पर पानी डाल कर उन्हें तौलिये से पौंछ कर नंगी मामी को गोद में उठा कर बिस्तर पर ले जा कर पटक दिया।

पागल कुत्ते की तरह मैंने उनके दूध को नोच-नोच कर चूसा।
मामी सिसकारियाँ निकालती हुई मुझे गाली देने लगी- भड़वे, मादरचोद इतने दिन से मर गया था? इतने इशारे दिये तुझे समझ नहीं आया, आज आख़िर आ ही गया।

मैं उनके होंठ से होंठ मिला कर उसे चूमता, जीभ चबाता‌।
कभी होंठ चूसता, कभी जीभ चबाता.

ऐसा करते हुए लगभग आधा घण्टा तक होंठ और दूध चूसा, उसके बाद मामी का सब्र टूट गया।

मुझे गालियाँ देते हुए वह कहने लगी- मादरचोद, भड़वे, बहनचोद अनुराग … मेरी चूत में खुजली मची है। गांडू, मादरचोद तू चूची चूस रहा है। भड़वे, जल्दी से अपना लंड डाल दे मेरी चूत की भट्टी में और चोद मेरी गांड से टट्टी निकलने तक!

मैं उठा और अपना लंड हिलाते हुए मामी के मुंह के पास ले गया और उनके मुंह पर लौड़ा मारते हुए होंठ पर घिसने लगा।
मामी को घिन आने लगी तो बोली- आज तक तेरे भड़वे मामा का लंड नहीं चूसका मैंने … तेरा चूसूंगी गांडू, बहनचोद अनुराग?

मैं बोला- लंड तो तू चूसेगी रांड, तेरे से ही चुसवाऊंगा छिनाल साली!
फिर वे मुंह बनाते हुए मुड़ गयी।

मैंने अपना लंड मामी के चूत पर रखा और मामी की टांग उठा के चूत को दनादन चोदने लगा।
मामी की सिसकारियाँ बढ़ती जा रही थी और बोल रही थी- अअ … अनुराग फाड़ डाल!
वे एक बार झड़ गयी।

मैं लगातार उसे चोदे जा रहा था.
वे बोल रही थी- आअ अह्ह फ़क मी … फ़क मी तेज़ और तेज़!

उनको पूरा 7 इंच का लंड अंदर बाहर करके चोद रहा था।

पूरी पावर लगा के मैं मामी की चूत का भोसड़ा बना रहा था, साथ ही उनको गाली दे रहा था- रंडी साली, छिनाल तेरी गांड भी मरूंगा आज‌!

लगातार 20 मिनट तक मामी की चूत का भोसड़ा बना कर मैं डिस्चार्ज होने वाला था‌।
उस समय तक मामी भी झड़ चुकी थी।

मामी ने बोला- मेरे चेहरे पर गिरा अपना माल!
मैंने उनके बाल पकड़ के उनके चेहरे को लंड की तरफ़ बढ़ाया।

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26 Sep, 07:48


बाल खींचते ही मामी का मुंह खुल गया.
मैंने तुरंत अपना 7 इंच का लौड़ा उनके मुंह में डाल के पूरा पानी निकाल दिया।

मामी ने उलटी कर दी और मुझे धक्का देते हुए गाली बकने लगी- रंडी की औलाद, मादरचोद मेरे मुंह में डालने किसने बोला तेरे को!
इस तरह मैं डिस्चार्ज हो गया।

फिर हम दोनों थोड़ी देर आराम करने लगे, मैं मामी को नंगी देखता रहा।
मेरे लौड़े में जान गई, मैंने उठकर मामी के चूचे में लंड डाल कर चोदने लगा।

फिर मामी के मुंह में डालने की कोशिश करने लगा.
मामी ने मुंह में लेने से मना कर दिया।

मैं उनकी गांड में उंगली फेरी.
मामी की गांड उठा कर उछली और बोली- नहीं आज नहीं, भले मेरी चूत चोद लो पर गांड मत मारना!

मैंने उनकी एक ना सुनी और नारियल का तेल लेकर आ गया और उनकी गांड पर फैला के डालने लगा।
मैं लंड में तेल लगा कर मसलने लगा मामी के न-न कहते रही।

मैंने लंड उनकी गांड में डालना चाहा तो मामी उठ गयी।

मैं उठा और मामी को खींच के 2 झापड़ मारे और डॉगी स्टाइल में लेटाया।
मामी की गांड ऊपर करके मुंह में कपड़ा बाँध कर उनकी गांड में लंड डालने लगा.

3 इंच लंड अंदर जाते ही मामी फड़फड़ाने लगी।
उनकी आँखों से आंसू आने लगे.

फिर मैंने पूरा का पूरा 7 इंच का लंड उनकी गांड में डाला और रुक गया।

मामी की सांस ही निकल गयी, उन्होंने चिल्लाने की बहुत कोशिश की लेकिन मुंह में कपड़ा ठुंसे और बंधे होने के कारण आँख से आंसू ही निकल पाये।

मैंने धीरे से लंड बाहर निकालकर, तुरंत धीरे से 7 इन्च अन्दर डाला और दनादन चोदने लगा।
काफी देर तक मामी की गांड मारते-मारते, गाली देते-देते उनके दूध को भींचता रहा और उनकी गांड में झड़ गया।

मैंने जैसे ही उनके मुंह से कपड़ा हटाया तो मामी रोने लगी, कहने लगी- आज के बाद मुझे छूने की कोशिश भी मत करना!
वह अपने कपड़े लेकर बाथरूम चली गयी और नहा कर बाहर आयी।

तब तक मैं नंगा बिस्तर पर पड़ा रहा.
और जब मामी आई तो मैं उन्हें मनाने की कोशिश करने लगा, उन्हें किस करने लगा।

वह उठ कर काम करने चली गयी.
फिर मैं भी कपड़े पहन के अपने घर चला आया।

उस दिन के चार दिन बाद मामा ने बुलाया और कहा- मैं बाहर जा रहा हूं, मामी का ध्यान रखना! कल लौटूंगा।

जैसे ही मामा गए, मैं मामी को मनाने की कोशिश करने लगा।

मैंने उन्हें चॉकलेट और गुलाब दिया।
तब वह सामान्य हो गई और काम करने लगी।
मैं टीवी देखने लगा।

मामी की बेटी स्कूल गई हुई थी।
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मैं बोर होने लगा तो मामी के पास जाकर उन्हें छूने लगा।
मैंने उसे पकड़ना चाहा तो मामी ने ताना मारते हुए कहा- इसलिए तू यहाँ आया है मेरे पास? तुझे इसके सिवा कुछ दिखता भी है?

मुझे गुस्सा आ गया।
मन तो किया वहीं 2 झापड़ मार के चोद दूं लेकिन मैंने ख़ुद पर काबू किया और उनकी बेटी के आने का इंतजार किया और फिर वहाँ से चला आया।

मैंने 6 महीने तक मामी से बात नहीं की।
जब भी मामा मुझे काम बोलते, मैं मामी से काम पूछता और करके आ जाता।
उसके अलावा, मैंने मामी से किसी भी अन्य विषय पर बात करना बंद कर दिया।

जैसे ही मामी मेरे घर आतीं, मैं उन्हें देखते ही अपने कमरे में जाकर कमरा बंद कर लेता।

धीरे-धीरे मामी को अहसास होने लगा कि मैंने उनसे बात करना छोड़ दिया है।

पांच महीने ऐसे ही निकल गए।
फिर मामी थोड़ी छटपटाने लगी कि मैं उनसे बात क्यों नहीं कर रहा हूं।

वे बार-बार मेरे घर आने लगीं और किसी न किसी बहाने मुझसे बात करने की कोशिश करती.
मगर मैं मुंह फेर लेता था क्योंकि मैं उनसे नाराज था।

वे मुझे मैसेज करती, कॉल करती लेकिन मैं नहीं उठाता था।
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उन्होंने मुझे अपने बिना कपड़ों के फोटो भी भेजने शुरू कर दिए लेकिन मैंने उनका कोई जवाब नहीं दिया।
मैं बस उन्हें देखता और अनदेखा कर देता।

6 महीने ऐसे ही बीत गए।

एक दिन मामा, उनकी बेटी, माँ और पापा मेरी नानी से मिलने चले गए।
नानी की तबीयत ज़्यादा ही खराब थी और वे गंभीर थीं।

मेरे मन में दो दिनों के लिए गाँव जाने का बिल्कुल भी इच्छा न थी इसलिए मैं बहाना बनाकर रुक गया।

जब मामी को पता चला कि मैं नहीं जा रहा हूं तो वे भी तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर रुक गई।

अब मामा के घर में सिर्फ़ मामी और मेरे घर में सिर्फ़ मैं ही रह गया था।

मैं उन सबको स्टेशन छोड़ने के बाद अपने दोस्तों के साथ घूमने चला गया था।

दोपहर को मामी ने मुझे फोन किया लेकिन मैंने कॉल रिसीव नहीं किया।

उन्होंने मुझे एक मैसेज भेजा, जिसमें लिखा था- मैं घर पर हूं, गांव नहीं गई। कॉल उठाओ, मुझे बात करनी है।
मैंने उसका भी कोई जवाब नहीं दिया।

करीब आधे घंटे बाद उन्होंने मुझे फिर से कॉल किया।
मैंने कॉल रिसीव किया तो वह रोने लगी।

मैंने पूछा- क्या हुआ? क्या काम है? कुछ गड़बड़ तो नहीं हुई है?

उन्होंने कहा- तुम मुझसे बात क्यों नहीं करते हो?
बोलकर वह रोने लगी और माफ़ी माँगने लगी।
मैंने फ़ोन काट दिया।

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26 Sep, 07:48


फिर 5 मिनट बाद उन्होंने मैसेज किया- अगर तुम आधे घंटे के अंदर में मेरे घर नहीं पहुँचे तो मेरा मरा हुआ मुंह देखोगे।
मैं घबराया और दोस्त को तुरंत मामी के घर छोड़ने को कहा।

20 मिनट में मैं घर पहुँचा और गेट खोलकर भागते हुए अंदर आया।
देखा तो मामी अपने कमरे में अपने बाल खुले करके रो रही थी और बैठी थीं।

मैंने देखा और राहत की सांस ली।

मैं गेट बंद करके मामी के पास गया और बोला- क्या हुआ बोलो?

मामी तुरंत घुटनों पर बैठकर मेरे जाँघ को पकड़कर रोती हुई बिलखते हुए मुझसे माफ़ी मांगने लगी और कहने लगी- कितनी बड़ी सजा दे रहे हो तुम मुझे छोटी सी गलती के लिए? माफ़ कर दो मुझे, मैं नहीं रह सकती तुम्हारे बिना। प्लीज़, मुझे माफ़ कर दो।

वे रोते हुए कहने लगी- प्लीज़, तुम मुझे इतनी बड़ी सजा मत दो। भले तुम मुझे बंद कमरे में, नंगी कर के मारो पीटो, बेल्ट-जूते जो भी मिले, उससे मारो। जो मर्जी आए वह सजा दो, बस तुम मुझसे बात करो, मुझे प्यार करो, नाराज मत हो मेरे से, मैं तुम्हारे नाराजगी को लेकर नहीं जी सकती।

रोते हुए अपना पल्लू बूब्स से हटा दी और कहने लगी- चाहो तो मुझसे बदला लेने के लिए धंधा करवा लो, अपने दोस्तों से चुदवा लो, कुत्तो से चुदवा लो। मैं तुम्हारे लिए मैं कुछ भी कर सकती हूं।

अपना ब्लाउज फाड़ते हुए मामी कहने लगी- मेरा सब कुछ तुम्हारा है। तुम मेरे साथ कुछ भी कर सकते हो। तुम जिसके सामने भी नंगी होकर चुदने बोलोगे, चुद जाऊंगी, अपना लंड चुसवाना हो, मैं चूसूंगी। केवल तेरे मामा और दीदी के सामने नहीं कर सकती।

वे बोलती रही- तुम अपने दोस्तों के सामने अपना लंड चूसने बोलोगे, मैं चूसूंगी। गांड मारना चाहोगे, मैं मरवाऊंगी। बीच बाज़ार में नंगी हो कर चूसने बोलोगे, मैं तैयार हूं। बस मुझे तुम अपनी रांड बना लो। मैं तुम्हारी रखैल बनना चाहती हूं। चाहो तुम कितनी गर्लफ्रेंड बना लो, मुझे कोई परवाह नहीं। मुझे बस तुम्हारी रांड बनना है। अपनी रखैल बना कर रख लो मुझे प्लीज़! मेरे साथ जो मर्जी आए वह करो, नंगी करके मारो, लंड मुंह में डाल के चोदो, मेरी गांड फाड़ो, कुछ भी करो। मैं आपके लिए सब सहने को तैयार हूं। बस आप मुझसे नाराज़ मत रहो।

उनकी बातें सुनकर मेरा लंड खड़ा हो गया.

फटे हुइ ब्लाउज में से काली ब्रा दिख रही थी.
रोते हुए उनकी शक्ल किसी रांड की ही तरह हो गयी थी‌‌।

यह देख के मेरा लंड लोहे का रॉड बन गया।
मैं उनके खुले हुए बाल ज़ोर से पकड़ के बोला- ठीक है रांड!

बोलकर उनके मुंह में थूका और बोला- मेरा पैंट उतार रंडी साली छिनाल!

उन्होंने जैसे ही मेरी पैंट उतारी और चड्डी नीचे करी, मैंने उनके खुले हुए बालों को ज़ोर से खींच कर उनके मुंह में थूक कर अपना लंड उनके मुंह में डाला और दनादन रंडी की चूत समझ कर उनका मुंह चोदने लगा।
उनके मुंह से- गु गु गु गुगूँ की आवाज़ आने लगी।

मैंने बिना सांस लिये उनके मुंह पर 2 झापड़ मार कर लंड बाहर निकाला और जोर-जोर से 3 झापड़ और मारे‌।
रांड के मुंह में थूक कर मैं फिर से लंड डाल कर मुंह को चोदने लगा।

उनके बाल पकड़ कर उनके सिर पर जोर-जोर से मार-मार कर उसके मुंह में अंडकोश तक घुसाया और चोदने लगा।

लगातार काफी देर तक मैं उनको बेदर्दी से रंडी की चूत समझ कर उनके मुंह को चोदा।
उनका चेहरा पूरा थूक से सना हुआ था और गीला हो चुका था।
झापड़ की वज़ह से उंगलियो के चेहरे पर निशान बन गये थे।
पूरा मुंह लाल हो गया था।

अब मैं झड़ने के करीब था तो और जोर-जोर से गुस्सा निकालने के लिए कभी सिर पर मारता, कभी गाली देता- रांड मादरचोद चूस मेरा लौड़ा … तूने 6 महीनों तक तरसाया है। मादरचोद, बहनचोद रंडी!

मैं देसी इंडियन Xxx गालियाँ दे देकर उसका मुंह चोदने लगा, मेरा 7 इंच का लौड़ा पूरे उसके गले को चोद रहा था।

मेरा माल निकलने वाला था, मैंने उसके मुंह में थूक फेंकते हुए और बेदर्दी से वीर्य को उनके गले में उतार दिया।
मुंह से लंड बाहर निकल कर अपने लौड़े से उसके थूक और आंसू से सने हुए चेहरे को मारने लगा।

उससे भी मेरा जी नहीं भरा तो उनके मुंह में थूक कर, झापड़ मार कर, मैं बिस्तर पर लेट गया और वे ज़मीन पर किसी रंडी की तरह अधनंगी पड़ी थी।

फिलहाल इतना ही!
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26 Sep, 07:47


मामी की गांड फाड़ चडायी

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