लेकिन उनको लंड चूसने में मास्टरी थी. वे लंड रस खाना पसंद करती थीं.
थोड़ी देर तक चूमा चाटी के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
मैंने कंडोम इस्तेमाल नहीं किया और ऐसे ही उनकी चूत के पास अपना लंड घुमाने लगा.
भाभी तड़फ रही थीं.
वे बोलीं- बहुत दिनों से नहीं चुदी, प्लीज़ जल्दी से पेलो और आज इसको फाड़ दो.
मैं उनकी चूत के मुँह में लंड का सुपारा घिसता रहा.
वे बोलीं- मेरे पति को अपने काम से प्यार है, मुझे से नहीं. साला दिन रात काम के पीछे लगा रहता है.
मैं अपने लंड का सुपारा चूत के अन्दर डालता और बाहर निकाल लेता … फिर से डालता और निकाल लेता.
इससे भाभी की तड़फ का बांध टूट गया और वे हाथ जोड़ कर बोलीं- डाल दे मादरचोद … क्यों तड़फा रहा है.
उन्होंने मेरे पीछे हाथ करके मुझे अपनी तरफ खींचा और गांड उठाने लगीं.
उसी वक्त मैंने भी एक झटका मारा और मेरा आधा से ज्यादा लंड भाभी की चूत में समा गया.
वे चीख पड़ीं और बोलीं- मार डालेगा क्या … बहन के लौड़े ने फाड़ दी आह!
मैं कुछ नहीं बोला.
भाभी- साले, मैं अब तक उंगली से काम चला रही थी, आराम आराम से कर!
मैं धक्के मारता रहा और वे ‘आआह आआह’ कर रही थीं.
उनकी आह आह से मुझमें और एनर्जी आ रही थी.
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और तेजी से भाभी की चूत चुदाई करने लगा.
दस मिनट की चुदाई के बाद मैं डॉगी स्टाइल में उनको चोदने लगा.
डॉगी स्टाइल में लंड फुल मस्ती से भाभी की ताबड़तोड़ चुदाई कर रहा था.
भाभी का शरीर अकड़ रहा था.
मैंने अपनी स्पीड और तेज की और दो मिनट में ही ‘ऊउ अह आह …’ करती हुई भाभी ने अपनी चूत झाड़ दी.
मेरा अभी नहीं हुआ था.
मैंने उनकी एक टांग अपने कंधे पर रखी और लंड पेला.
मेरा लंड भाभी की बच्चेदानी तक पहुंचने लगा था.
मैं जैसे ही धक्का मारता, उनके मुँह से आआह निकलती.
मेरा लंड आग की तरह तप रहा था जैसे उस पर 108 डिग्री का बुखार चढ़ गया हो.
मैं बिना रुके टपाटप Xxx चुदाई करता रहा.
उनके झड़ जाने से लंड को बिना टोल टैक्स पर रुके फ्री एंट्री मिल रही थी.
करीब 15 मिनट की घमासान Xxx चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला हो गया था.
मैंने भाभी से बिना पूछे ही उनकी चूत के अन्दर रस झाड़ दिया.
उनकी चूत को ठंडक मिल गई.
वे मुझे किस करती हुई बोलीं- तू बहुत मस्त चुदाई करता है मेरी जान … मुझे हमेशा के लिए अपना बना ले!
मैंने कहा- आप जब भी बन्दे को याद करोगी, तो ये बंदा हाजिर हो जाएगा.
फ्री चुदाई के बाद हम दोनों दस मिनट तक यूं ही लेटे रहे.
उसके बाद बाथरूम जाने लगे तो मैंने देखा कि भाभी की चाल में फर्क पड़ गया था.
हम दोनों एक दूसरे को साफ करके बाहर आ गए और कपड़े पहनने लगे.
तभी हम दोनों आपस में चूमा चाटी करने लगे.
अब मैंने भाभी को दो गोलियां दीं, एक पेनकिलर और दूसरी अवांछित गर्भ रोकने की.
फिर भाभी को उनके घर से थोड़ा पहले ड्रॉप करके आ गया.