अमृत स्नान की वजह से लोग इकट्ठा होते चले गए, हर कोई संगम नोज पर ही डुबकी लगाना चाहता था.
भीड़ और बढ़ने लगी. मौनी अमावस्या पर स्नान करने के लिए आए लोग बैरिकेडिंग के किनारे पॉलिथीन बिछाकर लेटे थे.
भीड़ को जिस रस्ते से स्नान के लिए जाना था, वहां भीड़ क्षमता से अधिक होने लगी.
भीड़ बेकाबू हो गई, करीब 1.45 बजे से 2 बजे के बीच लोग अनियंत्रित होकर बैरिकेडिंग कूदकर संगम जाने लगे.
बैरिकेडिंग कूदकर जाने में लोग वहां सो रहे लोगों पर गिर गए, लकड़ी की बल्ली टूटी तो भीड़ लोगों को रौंदकर बढ़ने लगी.
जो लोग सो रहे थे या स्नान करने जा रहे थे, भगदड़ में वो कुचले गए और घायल हो गए. सूचना मिलने के 5 मिनट में ही एम्बुलेंस घायलों को अस्पताल ले जाने लगी.