منشورات Dr Ganpat Singh Rajpurohit على Telegram

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آخر تحديث 05.03.2025 19:22
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शांतिपूर्वक और लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप अभ्यर्थी वर्ग अपने हक़ों के मुताबिक़ कल ज्ञापन देंगे । आप बच्चे भाग लें, क्योंकि पद बढ़ने का फ़ायदा भी आपको ही मिलना है।
पात्रता परीक्षा( REET) आयोजित हो चुकी है। अधिकांश अभ्यर्थी क्वालीफाई हो जाएँगे , कुछ को निराशा हाथ लगेगी। जल्द ही उत्तर कुंजी और पेपर वेबसाइट पर अपलोड हो जाएँगे, इसके बाद जो क्वालीफाई न हो वो कोई दूसरे विकल्प पर ध्यान केंद्रित करें।
जो क्वालीफाई हो रहे है , वो मुख्य परीक्षा का पाठ्यक्रम निकालकर , इसका मटेरियल फाइनल करके आज से ही तैयारी की रुपरेखा बना लें , मुख्य परीक्षा की तिथि भी जल्द घोषित हो जाएगी , संभवतः ये Oct में आयोजित हो। पर्याप्त समय है , इसका ठीक से यूटिलाइज किया तो भविष्य निर्माण हो ही जाएगा।
मुख्य परीक्षा की तैयारी की रुपरेखा का वीडियो कल या परसों में बना दूँगा ।अभी पात्रता परीक्षा में व्यस्त था , दो दिन और अभी व्यस्त रहूँगा । 3 तारीख से सभी कार्य सुचारू रूप से करने शुरू कर दूँगा।
✍️ डॉ गणपत सिंह राजपुरोहित
जो क्वालीफाई हो रहे है , वो मुख्य परीक्षा का पाठ्यक्रम निकालकर , इसका मटेरियल फाइनल करके आज से ही तैयारी की रुपरेखा बना लें , मुख्य परीक्षा की तिथि भी जल्द घोषित हो जाएगी , संभवतः ये Oct में आयोजित हो। पर्याप्त समय है , इसका ठीक से यूटिलाइज किया तो भविष्य निर्माण हो ही जाएगा।
मुख्य परीक्षा की तैयारी की रुपरेखा का वीडियो कल या परसों में बना दूँगा ।अभी पात्रता परीक्षा में व्यस्त था , दो दिन और अभी व्यस्त रहूँगा । 3 तारीख से सभी कार्य सुचारू रूप से करने शुरू कर दूँगा।
✍️ डॉ गणपत सिंह राजपुरोहित
आज से NCERT की कक्षाएं वापस शुरू कर दी जाएगी । पिछले 15 दिन से घरेलू कार्यों में व्यस्त थे आज फ्री हो गए है।
इतने सब्र के लिए शुक्रिया ❤️
इतने सब्र के लिए शुक्रिया ❤️
आज से आप आधुनिक भारत के हिस्ट्री पॉइंट के handwritten नोट्स ऑर्डर कर सकते हैं । यह ऑर्डर केवल www.rajkirtibooks.com पर किया जा सकता हैं, जो एड्रेस आप फिल करेंगे उसी स्थान पर नोट्स पहुंचा दिए जाएँगे । डिलीवरी करने का अनुमानित समय 5-7 दिन हैं ।
आधुनिक भारत के नोट्स भी मध्यकाल की भाँति दो भाग में जारी किए हैं, पहला भाग 1707 से 1857 तक का भारत है जोकि। 270 पेजेज का हैं। वहीं दूसरा भाग 1857 से 1950 तक का भारत कवर किया है जिसमें 293 पेजेज हैं । आप इसकी डेमो पीडीएफ ऑर्डर वेबसाइट से देख सकते हैं ।
अभी तक मध्यकाल और आधुनिक के नोट्स जारी किए जा चुके हैं। अब विश्व इतिहास के नोट्स अंतिम चरण में है , इसके बाद प्राचीन और फिर राजस्थान के नोट्स जारी होंगे ।
आप हेल्पलाइन 9461826161 पर अधिक जानकारी ले सकते हैं, शेष आज एक वीडियो के मार्फ़त पूर्ण जानकारी और दे दी जाएगी।
✍️ डॉ गणपत सिंह राजपुरोहित
आधुनिक भारत के नोट्स भी मध्यकाल की भाँति दो भाग में जारी किए हैं, पहला भाग 1707 से 1857 तक का भारत है जोकि। 270 पेजेज का हैं। वहीं दूसरा भाग 1857 से 1950 तक का भारत कवर किया है जिसमें 293 पेजेज हैं । आप इसकी डेमो पीडीएफ ऑर्डर वेबसाइट से देख सकते हैं ।
अभी तक मध्यकाल और आधुनिक के नोट्स जारी किए जा चुके हैं। अब विश्व इतिहास के नोट्स अंतिम चरण में है , इसके बाद प्राचीन और फिर राजस्थान के नोट्स जारी होंगे ।
आप हेल्पलाइन 9461826161 पर अधिक जानकारी ले सकते हैं, शेष आज एक वीडियो के मार्फ़त पूर्ण जानकारी और दे दी जाएगी।
✍️ डॉ गणपत सिंह राजपुरोहित
हम पहली गलती यहीं करते है !
कल RAS प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया जिसमें तक़रीबन 21500+ अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए क्वालीफाई किया गया । प्रारंभिक परीक्षा के अंक अब आगे किसी काम के नहीं हैं , अब पूरी कहानी आगे RAS मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार पर रहेगी।
परीक्षा में उत्तीर्ण होना निःसंदेह खुशी का विषय होता है, और ख़ुद पर भरोसा बढ़ता है कि मैं क़ाबिल हो रहा हूँ , मेरी तैयारी ठीक दिशा में है। इसलिए ख़ुश होना भी चाहिए । मगर ये ख़ुशी इतनी हावी नहीं होनी चाहिए कि हम इस परिणाम को सब कुछ मान लें , आगे कई दिन ख़ुशी मनाने में गँवा दें।
यहाँ अभ्यर्थी से पहली गलती होती है, हर जगह पास होने के स्टेटस लगाना,पोस्ट करना , समाज के ग्रुप में नेम ऐड करवाना , फ़ोन , कॉल व संदेश से बधाइयाँ लेना इत्यादि कार्यों से एक तो कई दिन ख़राब होते है साथ ही परिणाम देने का सामाजिक दबाव बढ़ जाता है , आप सुर्खियों में रहते है , आपको भी आनंद आ रहा होता हैं, फिर हम भी असल पढ़ाई की बजाय दिखावें की पढ़ाई की दुनियाँ में आ जाते है , अंततः हम विफल होते है और यही सुर्खियों में लाने वाले लोग आपकी मजाक बनाते है , फिर आप तनाव में आते है , दुखी होते है ।
इसलिए कहते है खुशी तब मनायें जब वाक़ई में अंतिम रूप से चयन हुआ हो । मुझे याद है प्रथम बार आईएएस प्रारंभिक उत्तीर्ण होने के बाद , मैं ख़ुद इस चक्रव्यूह में फँसा था। जिसका परिमाण कई वर्षों तक भोगा था , आज भी कोई मिलता है तो पूछ लेता है आपका आईएएस का क्या हुआ ? और मेरा मन ख़राब सा हो जाता है और सोचता हूँ कि काश मैं भी सब कार्य चुपचाप करता !
✍️ डॉ गणपत सिंह राजपुरोहित
कल RAS प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया जिसमें तक़रीबन 21500+ अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए क्वालीफाई किया गया । प्रारंभिक परीक्षा के अंक अब आगे किसी काम के नहीं हैं , अब पूरी कहानी आगे RAS मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार पर रहेगी।
परीक्षा में उत्तीर्ण होना निःसंदेह खुशी का विषय होता है, और ख़ुद पर भरोसा बढ़ता है कि मैं क़ाबिल हो रहा हूँ , मेरी तैयारी ठीक दिशा में है। इसलिए ख़ुश होना भी चाहिए । मगर ये ख़ुशी इतनी हावी नहीं होनी चाहिए कि हम इस परिणाम को सब कुछ मान लें , आगे कई दिन ख़ुशी मनाने में गँवा दें।
यहाँ अभ्यर्थी से पहली गलती होती है, हर जगह पास होने के स्टेटस लगाना,पोस्ट करना , समाज के ग्रुप में नेम ऐड करवाना , फ़ोन , कॉल व संदेश से बधाइयाँ लेना इत्यादि कार्यों से एक तो कई दिन ख़राब होते है साथ ही परिणाम देने का सामाजिक दबाव बढ़ जाता है , आप सुर्खियों में रहते है , आपको भी आनंद आ रहा होता हैं, फिर हम भी असल पढ़ाई की बजाय दिखावें की पढ़ाई की दुनियाँ में आ जाते है , अंततः हम विफल होते है और यही सुर्खियों में लाने वाले लोग आपकी मजाक बनाते है , फिर आप तनाव में आते है , दुखी होते है ।
इसलिए कहते है खुशी तब मनायें जब वाक़ई में अंतिम रूप से चयन हुआ हो । मुझे याद है प्रथम बार आईएएस प्रारंभिक उत्तीर्ण होने के बाद , मैं ख़ुद इस चक्रव्यूह में फँसा था। जिसका परिमाण कई वर्षों तक भोगा था , आज भी कोई मिलता है तो पूछ लेता है आपका आईएएस का क्या हुआ ? और मेरा मन ख़राब सा हो जाता है और सोचता हूँ कि काश मैं भी सब कार्य चुपचाप करता !
✍️ डॉ गणपत सिंह राजपुरोहित