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भारत का संविधान

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संविधान ही ग्रंथ है विज्ञान ही सत्य है कर्म ही पूजा हैं इंसानियत ही धर्म है

भारत का संविधान (Hindi)

भारत का संविधान नाम से प्रमुख है और यह गौरवशाली दास्तान के रूप में उभरता है। इस चैनल का उद्देश्य भारतीय संविधान की महत्वपूर्णता को जागरूक करना है। यह चैनल भारत के संविधान के महत्वपूर्ण प्रावधानों और अधिकारों के बारे में जानकारी प्रदान करता है। भारत का संविधान वास्तव में एक जीवंत दस्तावेज है जो हमारे देश की रचना और निर्माण की मूल नीतियों को समेटता है। यह चैनल संविधान के महत्वपूर्ण संकल्पों और नियमों को समझने में मदद करता है, जो हमारे समाज के विकास और समृद्धि के लिए आवश्यक हैं। यदि आप भारत के संविधान के महत्व को समझना चाहते हैं और इसे अपने विचारों में शामिल करना चाहते हैं, तो 'भारत का संविधान' चैनल आपके लिए एक उपयोगी स्रोत साबित हो सकता है। यहां आपको संविधान की विस्तृत जानकारी, उसके महत्वपूर्ण अनुच्छेदों का विश्लेषण, और भारतीय संविधान के इतिहास के बारे में भी मिलेगा। इस चैनल में पाए जाने वाले वीडियो, पोस्ट, और लाइव सत्र आपको संविधान के महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी और समझ उपलब्ध कराएंगे। इसके साथ ही, आप अपने विचार और प्रश्नों को इस सामूहिक चैनल के साथ साझा कर सकते हैं। संविधान ही ग्रंथ है, विज्ञान ही सत्य है, कर्म ही पूजा हैं, और इंसानियत ही धर्म है। भारत का संविधान चैनल आपके इस धार्मिक और सामाजिक संदेश को साझा करने का एक उत्कृष्ट माध्यम हो सकता है। इसे अब ही जॉइन करें और अपने देश के संविधान के महत्व को समझने में मदद करें।

भारत का संविधान

08 Sep, 01:16


भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद

अनुच्छेद  विषय
1
  -संघ का नाम और राज्यक्षेत्र     
3  -नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन
13  -मूल अधिकारों को असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाली विधियां
14  -विधि के समक्ष समानता
16  -लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता। 
17  -अस्पृश्यता का अंत     
19  -वाक् स्वातंत्र्य आदि विषयक कुछ अधिकारों का संरक्षण
21  -प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण
21A  - प्राथमिक शिक्षा अधिकार।
25  -अंतः करण की और धर्म अबाध रुप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता। 
30  -शिक्षा संस्थानों की स्थापना और प्रशासन करने का आल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार। 
31C  -कुछ निदेशक तत्वों को प्रभावी करने वाली विधियों की व्यावृत्ति।
32  -मौलिक अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए रिट सहित उपचार।
38  -राज्य लोक कल्याण की अभिवृध्दि के लिए सामाजिक व्यवस्था बनाएगा।
40  -ग्राम पंचायतों का संगठन   
44  -नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता।
45  -6 वर्ष से कम आयु वाले बालकों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का उपबंध।
46  -अनूसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य कमजोर वर्गों के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की अभिवृध्दि।
50  -कार्यपालिका से न्यायपालिका का पृथक्करण। 
51  -अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृध्दि।
51A  -मौलिक कर्तव्य                                                        
72  -क्षमा आदि की और कुछ मामलों में, दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राष्ट्रपति की शक्ति।
74  -राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद।   बेस्ट स्टडी चैनल-स्टडी फॉर सिविल सर्विसेज
78  -राष्ट्रपति को जानकारी देने आदि के संबंध में प्रधानमंत्री के कर्तव्य।     
110  -धन विधेयक की परिभाषा।                                               
112  -वार्षिक वित्तीय विवरण                              
123  -संसद के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की राष्ट्रपति की शक्ति।

भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद

अनुच्छेद     विषय
143
  -उच्चतम न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति।
155  -राज्यपाल की नियुक्ति                                               
161  -क्षमा आदि की और कुछ मामलों में, दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राज्यपाल की शक्ति। 
163  -राज्यपाल को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद
167  -राज्यपाल को जानकारी देने के संबंध में मुख्यमंत्री के कर्तव्य।    
169  -राज्यों के विधान परिषदों का उत्पादन या सृजन
200  -विधेयकों पर अनुमति
213  -विधानमंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की राज्यपाल की शक्ति।
226  -कुछ रिटें निकालने की उच्च न्यायालय की शक्ति 
239AA  -दिल्ली के संबंध में विशेष उपबंध 
249  -राज्य सूची के विषय के संबंध में राष्ट्रीय हित में कानून बनाने की संसद की शक्ति।
262  -अंतरराज्यीय नदियों या नदी-घाटियों के जल संबंधी विवादों का न्याय-निर्णयन।
263  अंतरराज्यीय परिषद के संबंध में उपबंध।   
265  विधि के प्राधिकार के बिना करों का अधिरोपण न किया जाना। 
275  -कुछ राज्यों को संघ से अनुदान             
280  -वित्त आयोग                                             
300  -वाद और कार्यवाहियां                                           
300A  -विधि के प्राधिकार के बिना व्यक्तियों को संपत्ति से वंचित न किया जाना (संपत्ति का अधिकार)
311  -संघ या राज्य के अधीन सिविल हैसियत में नियोजित व्यक्तियों का पदच्युत किया जाना, पद से हटाया जाना या पदावनत करना
312  -अखिल भारतीय सेवाएं                          
315  -संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग    
320  -लोक सेवा आयोगों के कृत्य          
323A  -प्रशासनिक अधिकरण                                        
324  -निर्वाचनों के अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण का निर्वाचन आयोग में निहित होना। बेस्ट स्टडी चैनल स्टडी फॉर सिविल services
330  -लोकसभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण।
335  -सेवाओं और पदों के लिए अनूसूचित जातियों और जनजातियों के दावें।
352  -आपात स्थिति की घोषणा (राष्ट्रीय आपातकाल)
356  -राज्यों में संवैधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबंध।
360  -वित्तीय आपात स्थित के बारे में उपबंध।
365  -संघ द्वारा दिए गए निदेशों का अनुपालन करने में या उनको प्रभावी करने में असफलता का प्रभाव।
368  -संविधान का संशोधन करने की संसद की शक्ति और उसके लिए प्रक्रिया।

भारत का संविधान

09 Aug, 13:17


भारतीय संविधान में वर्णित मूल कर्त्तव्य

संविधान के अनुच्छेद 51 (क) के अनुसार भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह-

(1) संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र-ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे।

(2) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखे और उनका पालन करे।

(3) भारत की संप्रभुता, एकता और अखण्डता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण बनाए रखे।

(4) देश की रक्षा करे और आव्हान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करे।

(5) भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करे जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभावों से परे हो, ऐसी प्रथाओं का त्याग करे जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध हैं।

(6) हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्व समझें और उसका परिरक्षण करे।

(7) प्राकृतिक पर्यावरण की, जिसके अन्तर्गत वन, झील, नदी और वन्य जीव हैं, रक्षा करे और उसका संवर्धन करे तथा प्राणिमात्र के प्रति दयाभाव रखे।

(8) वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे।

(9) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे।

(10) वैयक्तिक एवं सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत् प्रयास करे, जिससे राष्ट्र निरन्तर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्ध की नई ऊँचाइयों को छू ले, और

(11) यदि माता-पिता या संरक्षक है, छः वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले अपने, यथास्थिति, बालक या प्रतिपाल्य को शिक्षा के अवसर प्रदान करे।

भारत का संविधान

09 Aug, 05:21


भारत का संविधान

नागरिकों के मूल कर्तव्य

(1) संविधान का पालन करना, उसमें निहित आदर्शों तथा संस्थाओं, राष्ट्रध्वज एवं राष्ट्रीय गीत के प्रति आदर भाव रखना।

(2) उन आदर्शों का अनुसरण करना जिन्होंने राष्ट्रीय आन्दोलन को अनुप्राणित किया था।

(3) भारत की प्रभुसत्ता, एकता और अखण्डता की रक्षा करना।

(4) धार्मिक, भाषाओं तथा क्षेत्रीय अथवा अनुभागीय विभिन्नताओं का अतिक्रमण करते हुए देश के सभी लोगों के बीच एकता एवं भाई-चारे की भावना को विकसित करना।

(5) देश की रक्षा करना तथा आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्रीय सेवा करना।

(6) अपनी मिली-जुली संस्कृति की समृद्ध परम्परा का सम्मान करना तथा उसे जीवित रखना।

(7) प्राकृतिक पर्यावरण, जिसमें वन, झीलें, नदी और वन्य जीवन शामिल हैं, उसकी रक्षा करना तथा उसको विकसित करना और प्राणियों के प्रति दया भाव रखना।

(8) बैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानवतावाद तथा जिज्ञासा एवं सुधार की भावना को विकसित करना।

(9) सार्वजनिक सम्पत्ति की रक्षा करना तथा हिंसा का परित्याग करना।

(10) वैयक्तिक एवं सामूहिक गतिविधियों के समस्त क्षेत्रों में श्रेष्ठता की प्राप्ति के लिये प्रयत्नशील होना जिससे राष्ट्र निरन्तर उपलब्धि के उच्च स्तर को प्राप्त करता रहे।

भारत का संविधान

27 Jul, 23:57


* संविधान हमारा.. केवल शासन प्रणाली नहीं, बल्कि जीवन प्रणाली भी...*

* प्रश्नावली क्रमांक. 04 मॉडल उत्तर पत्रिका :-*

1) * विश्ररत्न डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर * इनको 'भारतीय संविधान का निर्माता' कहा जाता है।

2) 26 नवंबर 1949 को संविधान का *अनुच्छेद-394* यह अनुच्छेद तुरंत लागू कर दिया गया।

3) *22 जुलाई 1947 को अशोक चक्रित तिरंगे झंडे को भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया।

4) संविधान कैसे बनाया जायेगा यह तय करने के संबंध में 13 दिसंबर 1946 को * पं. जवाहरलाल नेहरू* ने संविधान सभा में संविधान की प्रस्तावना का प्रस्ताव रखा।

भारत का संविधान

20 Jun, 23:13


कभी फुर्सत मिले तो फुर्सत से पढ़ना मुझे, मैं तुम्हारी बेसुमार उलझनों का समाधान हूँ.. मैं डॉ भीमराव अम्बेडकर के द्वारा लिखित भारत का संविधान हूँ..!

भारत का संविधान

16 Jun, 12:07


CAA से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी,दरअसल ये कानून देश के लोगों को प्रभावित ही नहीं करता,1 लाख लोग भी नहीं होंगे जो बाहर से आए हैं। जिनको इसका लाभ मिलेगा। झोपड़ियों में रहते हैं बेचारे, उन्हें आशियां मिल जाएगा।

बाकी किसी मुस्लिम की नागरिकता नहीं जाएगी। ना तनाव लें, ना दें।

भारत का संविधान

16 Apr, 15:57


संविधान

क्या आप जानते हैं कि संविधान के अनुच्छेद 330 / 342 के अनुसार भारत के SC/ST/OBC नहीं हैं ! हिन्दू

ये भारत के मुलनिवाशी हैं !

भारत का संविधान

28 Mar, 10:54


संविधान में मूल अधिकार

• समानता का अधिकार (आर्टिकल 14-18)

भारत का संविधान

• स्वतंत्रता का अधिकार (आर्टिकल 19-22)

• शोषण के विरुद्ध अधिकार (आर्टिकल 23-24)

• धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (आर्टिकल 25-28)

• सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार (आर्टिकल 29-30

• संवैधानिक उपचारों का अधिकार (आर्टिकल 32)

भारत का संविधान

27 Mar, 06:28


🏣उच्चतम न्यायालय से संबंधित अनुच्छेद

✌️अनुच्छेद -  विषय-वस्तु

124
  उच्चतम न्यायलय की स्थापना तथा गठन
124 (A)  राष्ट्रपति न्यायिक नियुक्त आयोग (NJAC)
124(B)  राष्ट्रपति न्यायिक नियुक्त आयोग के कार्य
124(C) संसद की कानून बनाने की शक्ति
125  न्यायाधीशों का वेतन इत्यादि
126  कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति
127  तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति
128  सर्वोच्च न्यायालय की बैठकों में सेवानिवृत न्यायाधीशों की उपस्थिति
129  अभिलेख न्यायालय के रूप में उच्च्तम न्यायालय
130  सर्वोच्च न्यायालय के अधिविष्ट स्थान
131  सर्वोच्च न्यायालय का मौलिक क्षेत्राधिकार
131(A)  केन्द्रीय विधियों की संवैधानिक वैधता से संबंधित मुद्दों के बारे में उच्चतम न्यायालय का विशेष क्षेत्राधिकार (43 वें संविधान संशोधन 1977 द्वारा निरस्त किया जा चुका है)
132  कुछ मामलों में उच्च न्यायालयों से अपीलों में सर्वोच्च न्यायालय की अपीली अधिकारिता
133  दीवानी मामलों में उच्च न्यायालय में अपील से संबंधित सर्वोच्च न्यायालय का अपीलीय क्षेत्राधिकार
134  सर्वोच्च न्यायलय का आपराधिक मामलों में अपीलीय क्षेत्राधिकार
134(A)  सर्वोच्च न्यायलय में अपील हेतु प्रमाण-पत्र
135  सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वर्तमान विधियों के अंतर्गत संघीय न्यायालय के क्षेत्राधिकार तथा शक्तियों का उपयोग
136  सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अपील के लिए विशेष अवकाश
137  सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्णयों अथवा आदेशों की समीक्षा
138  सर्वोच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार का विस्तारित करना
139  कतिपय विषयों पर रिट जारी करने की सर्वोच्च न्यायालय की शक्ति
139(A) कुछ मामलों को अन्य उच्च न्यायालयों से सर्वोच्च न्यायालय में स्थानांतरण कराने की शक्ति
140  सर्वोच्च न्यायलय की आनुषंगिक शक्तियॉं
141  सर्वोच्च न्यायालय द्वारा घोषित विधियों का सभी न्यायालयों पर लागू होना
142  सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों तथा साथ अन्वेषण आदि से संबंधित आदेशों का प्रवर्तन कराना
143  राष्ट्रपति की सर्वोच्च न्यायालय से सलाह करने की शक्ति। बेस्ट स्टडी चैनल-स्टडी फॉर सिविल सर्विसेज
144  सिविल तथा न्यायिक अधिकारियों का सर्वोच्च न्यायलय का सहायक होना।
144(A)  विधि की संवैधानिक वैधता से जुड़े मुद्दों के विस्तारण के लिए विशेष प्रावधान (43 वें संविधान संशोधन 1977 द्वारा निरस्त किया जा चुका है)
145  न्यायालय के नियम आदि
146  उच्चतम न्यायलय के पदाधिकारी, सेवक एवं व्यय इत्यादि।
147  व्याख्या

भारत का संविधान

08 Mar, 01:29


एक बार बाबा साहब की क्लास में शिक्षक ने एक प्रश्न पूछा.. ऐसी कौन सी वस्तु है जिसे हम देख सकते है लेकिन छू नहीं सकते।

किसी ने कहा---सूर्य किसी ने कहा---चंद्रमा किसी ने कहा---तारा लेकिन बाबा साहब ने कहा पानी का मटका

मैं पानी के मटके को देख सकता हूँ लेकिन छू नहीं सकता, बाबा साहब का जबाब सुनकर शिक्षक का सर नीचे झुक गया।

आज हम लोगों को जो पीने का पानी मिल रहा है वो सिर्फ और सिर्फ बाबा साहब की देन है।


जय भीम

भारत का संविधान

08 Mar, 00:37


बाबा साहब के द्वारा संविधान में "महिलाओं" के लिए दिए गए विशेष अधिकार :-

1. बहुपत्नी की परम्परा को खत्म कर नारियो को अद्भुत सम्मान दिया.

2. प्रथम वैध पत्नी के रहते दूसरी शादी को अमान्य किया.

3. बेटा की तरह बेटी को भी पिता की सम्पति में अधिकार का प्रावधान किया.

4. गोद लेने का अधिकार दिया.

5. तलाक लेने का अधिकार दिया.

6. बेटी को वारिश बनने का अधिकार दिया.

7. प्रसव छुट्टी का प्रावधान किया.

8. सामान काम के लिए पुरुषो सा सामान वेतन पाने का अधिकार दिया.

9. स्त्री की क्षमता के अनुसार ही काम लेने का प्रावधान किया. 10 भूमिगत कोल खदानों में महिलाओं के काम करने पर रोक लगाया.

11. श्रम की अवधी 12 घंटा से घटा कर 8 घंटा किया.

12. लिंग भेद को खत्म किया.

13. बाल विवाह पर रोक लगाया.

14. रखनी प्रथा, वेश्याव्रिति पर रोक.

15. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार दिया.

16. मताधिकार का अधिकार दिया.

17. प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति बनने का द्वार खोला.

18. मानवीय गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार दिया.

ये सारे अधिकार सभी महिलाओं के लिए बनाया. इस संविधान 1950 के पूर्व नारी,

पुरुष की दासी मात्र थी जिसका गवाह धर्म के शास्त्र है.

इन शास्त्रो में स्त्रियों को झूठी कहा गया, उनके मन को भेड़िये जैसा बताया गया, किसी भी पुरुष के प्रति आकर्षित हो जाने वाली बताया। मानस में तुलसी ने पशुओं की तरह नारी को पीटने योग्य बताया, गीता में पापयोनि वाला बताया, मनुसमृति में तो पूछिये मत नारी को किस स्तर तक गिरा. लेकिन संविधान के अनुच्छेद 13 में इन सारे शाश्त्रीय नियमों को ध्वस्त कर उन्हें एक इंसान के रूप में सम्मान पूर्वक जीने का अधिकार दिया !

भारत का संविधान

02 Mar, 09:17


अगर आपकी गाड़ी के सारे कागजात गाड़ी में आपके साथ नहीं हैं। मगर वे सारे कागजात आपके घर पर हैं, तो मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 139 आपको यह अधिकार देता है कि आप वो सारे कागजात अपने घर से लाकर चेकिंग करने वाले अधिकारी को दिखा सकें। इस बीच वह अधिकारी ऑन द स्पॉट आपके वाहन का चालान नहीं काट सकता है।

भारत का संविधान

02 Mar, 09:16


अगर किसी शादीशुदा महिला पर उसके पति या उसके ससुराल वालों की ओर से किसी तरह की 'अतिदुष्ट व्यवहार की जा रही है तो आईपीसी की धारा 498A के तहत ये अपराध के दायरे में आता है. अतिदुष्ट व्यवहार, शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की हो सकती है. शारीरिक अतिदुष्ट व्यवहार में महिला से मारपीट करना शामिल है.

भारत का संविधान

02 Mar, 09:15


भारत ऐसा एक मात्र देश है जहां लड़कियां पूरे साल के व्रत तो जानती हैं परंतु सविधान में उनकी सुरक्षा के लिए कितने आर्टिकल हैं, ये नही जानती.

भारत का संविधान

02 Mar, 09:14


भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 के अनुसार पुलिस के पास यह अधिकार हो जाता है, कि वह किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है, लेकिन बिना वारंट के गिरफ्तार करने के लिए उस व्यक्ति का जुर्म बहुत ही संगीन होना चाहिए, किसी मामूली से। या छोटे मामले में पुलिस किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकते

भारत का संविधान

02 Mar, 09:13


संविधान के 86वें संशोधन Act 2002 द्वारा अनुच्छेद 21 (A) जोड़ा गया था, जो यह प्रावधान करता है कि राज्य विधि बनाकर 6 से 14 वर्ष के सभी बालकों के लिए निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के लिए उपबंध करेगा। इस अधिकार को व्यवहारिक रूप देने के लिए Parliament में निशुल्क एवं अनमिवार्य शिक्षा Act 2009 पारित किया ।

भारत का संविधान

02 Mar, 09:13


"धारा 506 के अनुसार कोई भी ऐसा व्यक्ति जो किसी दूसरे व्यक्ति को जान से मारने की धमकी देता है या उसकी किसी सम्पत्ति को आग लगा कर नष्ट करने की धमकी देता है अथवा किसी महिला के चरित्र व सम्मान को दोष देकर आरोप लगाता है तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दो साल तक बढ़ाया जा सकता है या आर्थिक दंड या दोनों के साथ दंडित किया जा सकता है।"

भारत का संविधान

02 Mar, 09:12


धारा 420 भारतीय दण्ड संहिता की एक धारा है, जिसमे धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति का वितरण के लिए प्रेरित करने से संबंधित है। इस धारा के तहत दी जाने वाली अधिकतम सज़ा 7 साल की कैद और जुर्माना है।

भारत का संविधान

02 Mar, 09:11


भारतीय दंड संहिता की धारा 395 के अनुसार, जो भी कोई डकैती करेगा, तो उसे आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कठिन कारावास जिसे 10 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा डकैती। सजा - आजीवन कारावास या 10 वर्ष कठिन कारावास और आर्थिक दण्ड।

भारत का संविधान

02 Mar, 09:11


IPC धारा 323 की सजा और जमानत जो कोई भी व्यक्ति जानबूझकर कर किसी भी व्यक्ति के साथ झगड़ा करता है या चोट पहुँचाने के अपराध करने का दोषी (Guilty) पाया जाता है तो IPC की धारा 323 के तहत 1 वर्ष तक की कारावास (Imprisonment) की सजा व आर्थिक जुर्माना या फिर दोनों से दंडित (Punished) किया जाता है।

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