Himroz Milki IAS Academy @ancienthistorycivil Channel on Telegram

Himroz Milki IAS Academy

@ancienthistorycivil


Himroz Milki IAS Academy (English)

Are you a history enthusiast looking to expand your knowledge and delve deeper into ancient civilizations? Look no further than the Himroz Milki IAS Academy Telegram channel! This channel, with the username @ancienthistorycivil, is dedicated to providing valuable insights, resources, and discussions on various topics related to ancient history and civilizations.nnWhether you are a student preparing for an IAS exam or simply someone passionate about learning more about the past, this channel is the perfect place for you. From detailed analyses of ancient cultures to informative articles about historical figures, the Himroz Milki IAS Academy channel offers a treasure trove of information for history buffs of all levels.nnJoin our growing community of like-minded individuals who share a common interest in ancient history and civilisations. Stay updated on the latest research findings, historical discoveries, and academic resources that will enhance your understanding of the past.nnDon't miss out on this opportunity to expand your knowledge and connect with fellow history enthusiasts. Join the Himroz Milki IAS Academy Telegram channel today and embark on a fascinating journey through the annals of ancient history!

Himroz Milki IAS Academy

22 Nov, 02:21


https://youtu.be/uKsyr0g2CQg


फिजिक्स और केमिस्ट्री को पढ़ लिया गया है जिसमे 80 से ज्यादा लेक्चर है ,बायोलॉजी में हम लोग बॉटनी पढ़ रहे हैं ,क्लास सिविल सेवा के दृष्टिकोण से चल रही है जहाँ केवल तथ्य ही नहीं बल्कि फुल अवधारणा पर विशेष फोकस किया जाता है । किसी अन्य प्लेटफार्म के मुकाबले यहां पर उच्च गुणवत्ता की कक्षा आपको प्रदान की जाती है जिससे आपको दोबारा कोचिंग की आवश्यकता नहीं रह जाती।
एडमिशन की प्रक्रिया प्रारंभ है जिन्हें पढ़ना है वो जॉइन कर सकते हैं।

Himroz Milki IAS Academy

15 Nov, 11:12


https://youtu.be/3RFnaY1fRzs


एक चक्कर लगा लीजिये

Himroz Milki IAS Academy

04 Mar, 02:01


https://youtu.be/S4z7pdVZiRs

Himroz Milki IAS Academy

03 Mar, 02:43


https://youtu.be/JKGYkbR-qrw

Himroz Milki IAS Academy

01 Mar, 02:30


https://youtu.be/9nQNzFox8Cc

Himroz Milki IAS Academy

29 Feb, 02:09


https://youtu.be/khfQylFoC5Q

Himroz Milki IAS Academy

28 Feb, 03:08


https://youtu.be/oGOiegtsSf8

Himroz Milki IAS Academy

27 Feb, 02:11


https://youtu.be/pAi4hJInQ64

Himroz Milki IAS Academy

26 Feb, 02:37


https://youtu.be/3suj29-s_6A

Himroz Milki IAS Academy

25 Feb, 01:27


https://youtu.be/irgpA0UTR6w

Himroz Milki IAS Academy

24 Feb, 01:43


https://youtu.be/if8jkTMCU8U

Himroz Milki IAS Academy

23 Feb, 02:19


https://youtu.be/RSJwwt_7Plc

Himroz Milki IAS Academy

03 Jan, 18:35


DOC-20240103-WA0005

Himroz Milki IAS Academy

01 Jan, 06:09


https://youtu.be/hii4oE5pK4s

Himroz Milki IAS Academy

31 Dec, 11:50


https://youtu.be/VZxqXmlJT5A?si=DtaMGLEiR9hRvUMS

Himroz Milki IAS Academy

31 Dec, 11:05


ग्रेगोरियन कैलेंडर में पहले दस महीने होते थे... साल मार्च से शुरू होता था और दिसम्बर पर खत्म होता था, ज़्यादातर महीनों के नाम रोमन देवी देवताओं और राजाओं के नाम पर है,
1-मार्च (मार्स देवता पर),
2-अप्रैल (लैटिन भाषा के अनुसार 'दूसरे' नम्बर के लिये प्रयुक्त होने वाले शब्द के नाम पर),
3-मई (मेया देवी के नाम पर),
4- जून (जूनो देवी के नाम पर),
5- जुलाई (राजा जुलियस सीज़र के नाम पर, उससे पहले ये महीना "क्विंटिलिस" कहलाता था, जिसका मतलब है "पांचवां")
6- अगस्त (राजा ऑगस्टस सीज़र के नाम पर, इससे पहले इस महीने को भी 'सेक्सिटिलिया' यानी "छठा" कहा जाता था)
.
.... इसके बाद चारों महीनों के नाम उनके क्रमांक पर थे.... सूरज की गति के हिसाब से साल 365 दिन का ही होता था (लीप ईयर की गणना बहुत बाद में की गई) लेकिन दिसम्बर के बाद दो महीने रोमन आराम करते थे, और ये आराम के दो महीने अनाम थे .... 690 ईसा पूर्व में पोम्पिलियस ने सोचा कि आराम के महीने में मनाए जाने वाले उत्सव "फेब्रूआ" पर एक महीने का नाम रख दिया जाए.... इस तरह मार्च से पहले आने वाले महीने का नाम फेब्रुवरी यानी फ़रवरी पड़ा, और सबसे अंत मे जनवरी का नाम देवता जेनस के नाम पर रखा गया ... !!

Himroz Milki IAS Academy

31 Dec, 11:04


इस कैलेंडर का नाम ग्रेगोरियन कैलेंडर क्यों ?
.
... असल मे रोमनों का प्रभाव यूरोप पर सदियों तक रहा, इन्ही सदियों में रोमनों के कैलेंडर को ईसाइयों ने आत्मसात कर लिया था लेकिन जनवरी को साल का पहला महीना मानने पर ईसाई दुनिया एकमत नही थी, कारण ये था कि जनवरी का नाम रोमन देवता जेनस के नाम पर रखा गया था, जेनस जिसके दो मुह होते हैं और वो आदि को भी देखता है और अंत को भी, इसलिए रोमन कैलेंडर में वो पहला महीना था जो साल के आदि को भी देखता था और अंत को भी, ... ईसाई चाहते थे कि किसी ईसाई त्योहार से जुड़े महीने को साल का पहला महीना माना जाए,
.... एक सोलर ईयर 365 दिन और लगभग 6 घण्टों का होता है, रोमन कैलेंडर में 365 दिन के ऊपर के घण्टों की गणना शुद्ध नही थी, जिससे कुछ सदियों में दिसम्बर और जनवरी गर्मी में पड़ने लग जाते, ईसाई दुनिया मे ये चिंता पैदा हुई कि इस कैलेंडर के हिसाब से तो ईस्टर गर्मियों में पड़ने लगेगा... तब 1580 ईसवी में पोप ग्रेगरी ने गणना की इस त्रुटि को ठीक किया और तय किया कि पहला महीना जनवरी को ही माना जाए, पोप ग्रेगरी ने सोलर ईयर की ज़्यादा शुद्ध गणना की, इसलिए ये कैलेंडर उनके नाम से ग्रेगोरियन कैलेंडर कहलाने लगा
बाद में ग्रेगोरियन कैलेंडर पर काम करने वाले इतालवी वैज्ञानिक अलॉयसियस लिलियस ने एक नई प्रणाली तैयार की, जिसके तहत ये तय किया हर साल केवल 365 दिनों का रखा, और हर चौथा वर्ष 366 दिनों के साथ एक लीप वर्ष होगा,
और जिस तरह रोमन कैलेंडर में साल का अतिरिक्त समय उनके यहां अतिरिक्त माने जाने वाले महीने फरवरी में डाल दिया जाता था, उसी तरह अलॉयसियस ने भी लीप ईयर का अतिरिक्त दिन फरवरी में एडजस्ट कर दिया !!

Himroz Milki IAS Academy

31 Dec, 11:04


क्या आप ये जानते हैं कि पहले साल में केवल दस महीने हुआ करते थे, आखरी चार महीनों के नाम उनके क्रमांक के हिसाब से रखे गए थे
1- सेप्टेंबर यानी सितम्बर का अर्थ था सातवाँ महीना,
2- अक्टूबर का अर्थ आठवां महीना
3- नवम्बर नवां महीना, और
4- दिसम्बर दसवाँ और आखरी महीना था