जनवरी 2024 में जारी नीति आयोग की बहु-आयामी गरीबी सूचकांक (MPI) रिपोर्ट -
➡️ नीति आयोग के चर्चा पत्र 'भारत में 2005-06 से बहुआयामी गरीबी' के निष्कर्षों में इस उल्लेखनीय उपलब्धि का श्रेय 2013-14 से 2022-23 के बीच गरीबी के सभी आयामों को संबोधित करने के लिए सरकार की महत्वपूर्ण पहलों को दिया गया है।
➡️ पिछले नौ वर्षों में 24.82 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं।
➡️ भारत में बहुआयामी गरीबी में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है, जो 2013-14 में 29.17% से घटकर 2022-23 में 11.28% हो गई है, यानी 17.89 प्रतिशत अंकों की कमी।
➡️ उत्तर प्रदेश में गरीबों की संख्या में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है, जहां पिछले नौ वर्षों के दौरान 5.94 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं, इसके बाद बिहार में 3.77 करोड़, मध्य प्रदेश में 2.30 करोड़ और राजस्थान में 1.87 करोड़ लोग बाहर निकले हैं।
➡️ नीति आयोग का लक्ष्य 2024 तक बहु-आयामी गरीबी को एकल अंक में लाना है और 2030 से पहले सतत विकास लक्ष्य (SDG) 1.2 हासिल करना है
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