🦋...सुनो ┤_★__
ए लड़की.मेरे गांव से तेरे गाँव को जाती
सड़क है न’ वहीं कहीं आख़िरी वो
मुलाक़ात होगी, कुछ तुम कहना कुछ
मैं क़हूँगा’ शायद वो हमारी आख़िरी
बात होगी,
संग लाना वो लिफ़ाफ़ा ज़िसमें भरे वो
सारे ज़ज़्बात होंगे,
ज़ब ज़ाने लगें न हम दोनों और ज़ाने
की इज़ाज़त होगी,
करवटें बदल लेगा ये मौसम, दुआ गर
हुई कबूल न’ बिन बादल उस रोज़
बरसात होगी,
आँखों की टपक न दिखेंगी, ज़ज़्बात
पानी संग पानी होंगे, पर पानी न होंगे,
तो आना, कुछ मेरे गाँव से तेरे गाँव को
ज़ाती सड़क है न’ वहीं कहीं आख़िरी
वो मुलाक़ात होगी,
शायद अगली सुबह कोई और क़हानी
होगी, मैं मैं रहूंगा, तुम तुम होगे और
सड़कें कहीं और जानी होगी,
शायद उस रोज़ मौसम भी सुहाना होगा
न बादलों का आना होगा’ भोर की
लाली संग चिड़ियों का चहचहाना होगा,
और भी कुछ बदल जाएंगे जिन्हें बदल
जाना होगा’ तो ले आना संग लिफ़ाफ़ा
जज्बातों का, शायद वो आखिरी कुछ
छण मेरे संग तू मेरे साथ होगी,
तो आना, कुछ मेरे गाँव से तेरे गाँव को
ज़ाती सड़क है न’ वहीं कहीं आख़िरी
वो मुलाक़ात होगी,
माना लब सुन्न होंगे, लफ़्ज़ों का ना
आना होगा, तो आंखों से कह जाना
जो जुबां पे आना होगा,
मैं भी कुछ चुप ही रहूँगा, जुबां कुछ
लड़खड़ा रही होगी आँखों में समुंदर
होगा,"
बस तुम सुन लेना उन दो मोतियों का
जो कहना वो चाहे,ज़बाब भी मोतियों
से देना,"
कहां कुछ जुबां पे आना होगा, शाम का
वक़्त होगा,सड़क पे शायद हलचल होगी,
गांव लौटते गायों की चहल-पहल होगी,
तो तनिक जल्दी करना, बेहतर तो यही
गोधूलि हो इससे पहले धुले हो हमारे नैन,
माना होंगी लाल, कोई पूछे तो कहना
इन आंखों पे कोई पतंगा कुर्बान हुआ है
आज की शाम इन आंखों में कोहराम
हुआ है, पर ये न कहना कि ये आंसू
किसके नाम हुआ है,
तो आना, कुछ मेरे गाँव से तेरे गाँव को
ज़ाती सड़क है न’ वहीं कहीं आख़िरी
वो मुलाक़ात होगी...🔥
LoVe_AaShiQ_SinGh
╭─❀💔༻
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙
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