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तैयार हो जाइये मध्यप्रदेश को नए रोचक अंदाज़ में जानने के लिये.......
- अभिषेक शुक्ला
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अंतिम अपडेट 10.03.2025 12:40
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Diogenes would walk around Athens in broad daylight holding a lantern. When asked what he was doing, he replied, "I am looking for an honest man." This was his way of criticizing the corruption and hypocrisy in society, implying that true honesty was rare.
#diogenes #philosophy
#diogenes #philosophy
Elected representatives are openly spitting pan masala in the assembly. If they lack basic civic sense, how can they talk about transforming the country?
*IRCTC व IRFC को नवरत्न कंपनी का दर्जा :--*
सरकार ने IRCTC(Indian Railways Catering and Tourism Corporation) व IRFC (Indian Railways Financial Corporation) को नवरत्न कंपनी का दर्जा प्रदान किया है। ऐसा हो जाने पर यह कंपनी अब 1000 करोड़ रुपए का निवेश अब बिना सरकार की अनुमति से कर पाएंगी। इनको मिला कर सार्वजनिक क्षेत्र की नवरत्न कंपनियों (CPSE) की संख्या बढ़कर 26 हो गई है।
सार्वजनिक क्षेत्र की नवरत्न कंपनियों को तीन भागों में विभाजित किया जाता है
1 महा रत्न (14)
2 नवरत्न (26)
3 मिनी रत्न (22)
महा नवरत्न कंपनी 10000 करोड़ रुपए के निवेश का निर्णय स्वयं अपने स्तर पर लेने को अधिकृत होती हैं। BHEL, HAL आदि महारत्न श्रेणी में आती हैं
नवरत्न कंपनी को 1000 करोड़ रुपए तक और मिनी रत्न कंपनियों को 500 करोड़ रुपए तक बिना सरकार की अनुमति के खर्च करने का अधिकार होता है।
सरकार ने IRCTC(Indian Railways Catering and Tourism Corporation) व IRFC (Indian Railways Financial Corporation) को नवरत्न कंपनी का दर्जा प्रदान किया है। ऐसा हो जाने पर यह कंपनी अब 1000 करोड़ रुपए का निवेश अब बिना सरकार की अनुमति से कर पाएंगी। इनको मिला कर सार्वजनिक क्षेत्र की नवरत्न कंपनियों (CPSE) की संख्या बढ़कर 26 हो गई है।
सार्वजनिक क्षेत्र की नवरत्न कंपनियों को तीन भागों में विभाजित किया जाता है
1 महा रत्न (14)
2 नवरत्न (26)
3 मिनी रत्न (22)
महा नवरत्न कंपनी 10000 करोड़ रुपए के निवेश का निर्णय स्वयं अपने स्तर पर लेने को अधिकृत होती हैं। BHEL, HAL आदि महारत्न श्रेणी में आती हैं
नवरत्न कंपनी को 1000 करोड़ रुपए तक और मिनी रत्न कंपनियों को 500 करोड़ रुपए तक बिना सरकार की अनुमति के खर्च करने का अधिकार होता है।
केंद्र सरकार ने रेलवे से जुड़ी दो नामी कंपनियों को 'नवरत्न' का दर्जा दिया है. इनमें से एक है- IRCTC यानी भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम लिमिटेड और दूसरी है- IRFC यानी भारतीय रेलवे वित्त निगम लिमिटेड. पब्लिक सेक्टर की दोनों कंपनियों (CPSEs) 'नवरत्न' का दर्जा मिला है.
#IRCTC | IRCTC | #IRFC | #IndianRailways
#IRCTC | IRCTC | #IRFC | #IndianRailways
वाइट हाउस में जिलेस्की और ट्रम्प के बीच हुई वार्तालाप का निष्कर्ष
1. अंतरराष्ट्रीय संबंध
रूस-यूक्रेन युद्ध और यूरोप का समर्थन
- यूरोप ने रूस के खिलाफ मोर्चे पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की का समर्थन किया।
- लंदन में 27 नेताओं की आपात बैठक बुलाई गई।
- अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद अंतरराष्ट्रीय समीकरण बदल सकते हैं।
- डोनाल्ड ट्रंप के जीतने पर अमेरिका की यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य और आर्थिक सहायता रुक सकती है।
2. नाटो का भविष्य
- नाटो (NATO) के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।
- ट्रंप का रुख नाटो से अलग होने का संकेत दे सकता है।
- अमेरिका की यूक्रेन को दी जाने वाली मदद बंद होने से यूरोप की सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
3. भू-राजनीतिक प्रभाव
- अमेरिका और यूरोप के संबंधों में बदलाव संभव।
- यदि ट्रंप यूक्रेन की मदद रोकते हैं, तो रूस की स्थिति मजबूत हो सकती है।
- इससे भारत और अन्य देशों की कूटनीतिक रणनीति पर भी असर पड़ सकता है।
4. सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय व्यापार
- सुरक्षा गारंटी मिलने पर ही यूक्रेन मिनरल डील करेगा।
- रूस-यूक्रेन युद्ध से वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति और व्यापार प्रभावित हो रहा है।
- यूरोप, यूक्रेन को समर्थन देकर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहता है।
5. भारत के लिए निहितार्थ
- भारत को अपनी कूटनीतिक स्थिति संतुलित रखनी होगी।
- रूस-यूक्रेन युद्ध से तेल और व्यापार पर प्रभाव पड़ सकता है।
- अमेरिका-यूरोप-रूस के बीच बढ़ते तनाव से वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
संक्षेप में:
- यूरोप का झुकाव यूक्रेन की ओर बढ़ा।
- ट्रंप के आने से अमेरिका की नीतियों में बदलाव संभव।
- नाटो के अस्तित्व पर संकट।
- भारत को संतुलित विदेश नीति अपनानी होगी।
1. अंतरराष्ट्रीय संबंध
रूस-यूक्रेन युद्ध और यूरोप का समर्थन
- यूरोप ने रूस के खिलाफ मोर्चे पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की का समर्थन किया।
- लंदन में 27 नेताओं की आपात बैठक बुलाई गई।
- अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद अंतरराष्ट्रीय समीकरण बदल सकते हैं।
- डोनाल्ड ट्रंप के जीतने पर अमेरिका की यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य और आर्थिक सहायता रुक सकती है।
2. नाटो का भविष्य
- नाटो (NATO) के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।
- ट्रंप का रुख नाटो से अलग होने का संकेत दे सकता है।
- अमेरिका की यूक्रेन को दी जाने वाली मदद बंद होने से यूरोप की सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
3. भू-राजनीतिक प्रभाव
- अमेरिका और यूरोप के संबंधों में बदलाव संभव।
- यदि ट्रंप यूक्रेन की मदद रोकते हैं, तो रूस की स्थिति मजबूत हो सकती है।
- इससे भारत और अन्य देशों की कूटनीतिक रणनीति पर भी असर पड़ सकता है।
4. सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय व्यापार
- सुरक्षा गारंटी मिलने पर ही यूक्रेन मिनरल डील करेगा।
- रूस-यूक्रेन युद्ध से वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति और व्यापार प्रभावित हो रहा है।
- यूरोप, यूक्रेन को समर्थन देकर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहता है।
5. भारत के लिए निहितार्थ
- भारत को अपनी कूटनीतिक स्थिति संतुलित रखनी होगी।
- रूस-यूक्रेन युद्ध से तेल और व्यापार पर प्रभाव पड़ सकता है।
- अमेरिका-यूरोप-रूस के बीच बढ़ते तनाव से वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
संक्षेप में:
- यूरोप का झुकाव यूक्रेन की ओर बढ़ा।
- ट्रंप के आने से अमेरिका की नीतियों में बदलाव संभव।
- नाटो के अस्तित्व पर संकट।
- भारत को संतुलित विदेश नीति अपनानी होगी।