मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से 1,20,000 कच्चे कर्मचारियों को नौकरी की सुरक्षा दी जा रही है। इसके अलावा, मासिक आय 50,000 रुपये से अधिक वाले कर्मचारियों के लिए भी सेवा सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में बिल लाया जाएगा। विश्वविद्यालय कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा पर भी सरकार सकारात्मक कदम उठाएगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 1 अप्रैल 2022 को लागू हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) ने युवाओं को ठेकेदारी प्रथा से मुक्ति दिलाई है। पारदर्शी चयन प्रक्रिया के लिए परिवार की आय, आयु और कौशल योग्यता को आधार बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि HKRN के तहत अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के कर्मचारियों की भागीदारी को भी प्रमुखता दी गई है। सरकार ने न्यूनतम वेतन 14,000 रुपये सुनिश्चित किया है। इसके अलावा, 2 लाख नौकरियां बिना किसी भ्रष्टाचार के प्रदान की जाएंगी।