जरा संभल जाओ मेरे भाईयो
दो दिन पहले एक प्रबुद्ध व्यक्ति से बात हुई, तो बातो ही बातो मे हनुमानगढ़ में फेल रहे नशे की बात हो गई।।
मेने खूब विचार किया और कुछ बाते साझा करने की सोची।
मुझे लगता है,नशा वो चीज है जो तीन पीढ़ियों तक आपका पीछा नहीं छोड़ता,आप नशे को छोड़ कर, अपने पिता या भाई या बहिन को को नशेड़ी के पिता ,भाई या बहिन होने की अशुभ उपाधि से बचा सकते है,और आने वाली पीढ़ियों को इसका पिता ,मामा नशेड़ी था ऐसी बातो से बचा सकते है।
जब किसी किसी माता पिता का बेटा नशे में लिप्त हों जाता है, तो मन ही मन में उसके परिवार जन रोते है,एक व्यक्ति के नशे की लत का असर पूरे परिवार के चेहरे पर छाई उदासी के रूप में दिखता है।
नशा एक अच्छे खासे परिवार में ,गरीबी और सालो साल ना हटने वाली उदासी ला देता है।
एक पिता का नशेड़ी होना, बच्चो में ताउम्र का डर और मनोबल को पाताल में पहुंचा देता है।
कई सालो से कमाई हुई सामाजिक प्रतिष्ठा सदा सदा के लिय खत्म हो जाती है।
अब सवाल है की करे क्या।मेने अक्सर देखा है,नशा करने वाले अक्सर नशे से होने वाले आनंद की बाते करते मिलते है।
पर में तो आप सभी से कहूंगा कि, आप में जो कह रहा हु ,इनमे से कोई भी काम करके देखो ,और ,जो आनंद मिलता है और जो खुशी होती है ,उसको एक बार feel करो, दावे से बोल रहा हूं, आपको नशे का आनंद इनके सामने जीरो लगेगा।
नशा पल भर का आनंद तो दे सकता है पर अगर स्थाई आनंद लेना है तो
1) किसी भी एग्जाम की तैयारी करके देखो, रोज नई नई चीजे पढ़ कर देखो, देश दुनिया की हजारों बातो जान कर देखो ,और उनसे ,जो आनंद मिलता है उसको एक बार आप अनुभव करके देखिए।
एक बार नेपोलियन, भगत सिंह, गांधी जी,मुंशी प्रेम चंद की कोई कहानी,अमरीका की क्रांति,को पढ़िए। एक बार आइंस्टीन की एक समीकरण ने कितना दुनिया को बदल दिया उसको सोचिए ,उसको अनुभव कीजिए और फिर जो आपको आनंद मिलेगा उसको अनुभव कीजिए।
एक बार रोज दौड़ने की आदत डाल के देखो ,और फिर देखो 2-3 km की दौड़ लगाने के बाद और जब रुकते हो, और जो शांति मन को महसूस होती है, वो शायद कोई नशा आपको नही दे सकता।
एक बार सुबह सूर्य उदय से पहले उठ कर अकेले शांति से घूम कर देखो।
एक बार जीवन में मेहनत करके कोई मुकाम हासिल करके देखे, चाहे मुकाम छोटा हो या बड़ा जो आनंद आपको मिलेगा , वो गारंटी से कोई नशा आपको नही दे पाएगा।
एक बार नशा छोड़ कर अपने घर में छोटे छोटे फूलों के पौधे लगा कर उनको बड़ा करके देखो जो आनंद मिलेगा वो अलग होगा।
एक बार जीवन में किसी काम को जीरो से शुरू करके , छोटी सी भी सफलता हासिल अपने दम पर करके तो देखो कितना आनंद मिलेगा।
एक बार एक घंटे फुटबॉल,बास्केटबॉल,वॉलीबॉल,क्रिकेट खेल कर तो देखो।
मेने अक्सर देखा है की लोग जीवन में खुशी हो या गम जब भी आ जाता है, नशा कर लेते है,ऐसा करके वो उस खुशी या गम की feeling को ताउम्र नही समझ पाते। मेरा तो मानना है आप एक बार खुशी और गम को बिना नशे के सामना तो करके देखो आपको वास्तविकता तो पता चले कि जीवन के विभिन्न रंगों की फीलिंग क्या होती है।
आप जीवन के हजारों रंगों ,हजारों feelings को जी कर तो देखो।
आप एक बार जीवन को हां और नशे को ना करके तो देखो।
आपका साथी
हरीश कड़वासरा,हनुमानगढ़
जिला उद्योग अधिकारी (जयपुर)